यदि आपका भी बैंक में खाता है तो आपको कभी न कभी किसी तरह की शिकायत अवश्य रही होगी, जैसे कभी किसी चेक (cheque) अथवा ड्राफ्ट (draft) के भुगतान में देरी हुई होगी अथवा किसी सुविधा के लिए अधिक चार्ज काट लिया गया होगा। जी हां, बैंकों में अक्सर कर्मचारियों का ग्राहकों के प्रति रूखा व्यवहार भी देखने को मिलता है।
यदि उनके सामने अपनी बात रखी जाए तो कभी वे सुनकर अनसुना कर देते हैं तो कभी चक्कर कटवाते हैं। ये सारी बातें बैंकिंग सेवाओं में कमी के रूप में दर्ज की जाती हैं। बैंक के ग्राहक ऐसे मामलों में शिकायत भी कर सकते हैं, जिसके लिए बैंकिंग लोकपाल (banking ombudsman) का प्रावधान किया गया है।
अब केंद्र सरकार ने एक और कदम आगे बढ़ाते हुए आरबीआई-एकीकृत लोकपाल योजना का शुभारंभ किया है, ताकि देश के लोगों की बैंकिंग सेवाओं में कमी से जुड़ी शिकायतों का निराकरण त्वरित हो सके। आज इस पोस्ट में हम आपको इसी योजना के संबंध में विस्तार से बिंदुवार जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-
बैंकिंग लोकपाल क्या होता है?
दोस्तों, इससे पूर्व कि हम आपको बताएं कि आरबीआई-एकीकृत लोकपाल योजना-2024 क्या है? आइए, पहले जान लेते हैं कि बैंकिंग लोकपाल (banking ombudsman) कौन होता है। जान लीजिए कि बैंकिंग लोकपाल वह व्यक्ति है, जो बैंकिंग सेवाओं (banking services) में कमियों के संबंध में ग्राहकों की ओर से दर्ज की जाने वाली शिकायतों का समाधान करता है।
यदि बैंक अथवा ग्राहक दोनों पक्षों में से कोई भी बैंकिंग लोकपाल की ओर से दिए गए निवारण से संतुष्ट नहीं है तो वह अपील (appeal) कर सकता है। रिजर्व बैंक आफ इंडिया (reserve Bank of India) यानी आरबीआई (RBI) की ओर से इस संबंध में अपीलीय अधिकारी भी नियुक्त किया जाता है।
आरबीआई-एकीकृत लोकपाल योजना 2024 हाइलाइट्स [RBI-Integrated Ombudsman Scheme 2024 Highlights] –
योजना का नाम | आरबीआई-एकीकृत लोकपाल योजना 2024 |
किसके द्वारा योजना शुरू की गई | प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा |
योजना कब शुरू की गई | 12 नवंबर 2021 |
शिकायत कैसे कर सकते हैं | ऑनलाइन /ऑफलाइन |
शिकायत करने की फीस | कोई फीस नहीं |
शिकायत फार्म | यहां क्लिक करके डाउनलोड करें |
ऑनलाइन आवेदन एवं ऑफिशल वेबसाइट | https://cms.rbi.org.in/ |
आरबीआई-एकीकृत लोकपाल योजना-2024 क्या है?
दोस्तों, आपको बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 नवंबर, 2024 को रिजर्व बैंक- एकीकृत लोकपाल योजना की शुरूआत की है। यह शुभारंभ वीडियो कांफ्रेंसिंग (video conferencing) के माध्यम से किया गया। आपको बता दें कि एकीकृत लोकपाल योजना रिजर्व बैंक आफ इंडिया की वर्तमान की तीन योजनाओं, बैंकिंग लोकपाल योजना-2006, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना-2018 एवं डिजिटल लेन-देन हेतु लोकपाल योजना-2019 को एकीकृत (integrated) करती है।
इसका अर्थ है कि यदि बैंक, नाॅन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी यानी एनबीएफसी (NBFC) आदि 30 दिन के भीतर ग्राहकों की सेवाओं में कमी से संबंधित शिकायतों का निपटारा नहीं करते तो एकीकृत लोकपाल योजना-2024 के तहत उनका समाधान किया जाएगा।
आरबीआई-एकीकृत लोकपाल योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य ‘एक राष्ट्र-एक लोकपाल’ (one nation-one ombudsman) की अवधारणा को सच करना है। यानी कि पूरे देश किसी को भी बैकिंग सेवाओं में कमी को लेकर शिकायत हो तो उसका एक स्तर से समाधान हो सके। दूसरे शब्दों में कहें तो इसका मकसद शिकायत समाधान प्रणाली (complaint redressal system) को और बेहतर करना है।
इस योजना के दायरे में ऐसे गैर अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंक (non scheduled primary co-operative bank) भी शामिल किए गए हैं, जिनकी जमा राशि 50 करोड़ रूपये या उससे अधिक है।
बैंकिंग शिकायतों का समाधान कैसे होगा?
जैसा कि हमने आपको बताया कि यह योजना एक राष्ट्र-एक लोकपाल की अवधारणा पर आधारित है। लोग देश भर में स्थित किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान की आरबीआई नियंत्रित लोकपाल से शिकायत कर सकेंगे। अन्य शब्दों में कहें तो इस योजना के तहत एक पोर्टल, एक ईमेल एवं एक ही पता होगा, जहां ग्राहक बैंक, एनबीएफसी आदि के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
वे एक ही स्थान पर इस संबंध में दस्तावेज (documents) जमा करेंगे। साथ ही अपनी शिकायतों, दस्तावेजों की स्थिति यानी अपना status जान सकेंगे। वह चाहेंगे तो इस संबंध में सुझाव (suggestions) भी दे सकेंगे।
ग्राहक किस स्थिति में यहां शिकायत कर सकेंगे?
दोस्तों, आइए अब आपको बताते हैं कि ग्राहक यहां अपनी शिकायत किस स्थिति में कर सकेगा। यदि किसी ग्राहक ने आरबीआई नियंत्रित किसी संस्था जैसे बैंक, एनबीएफसी आदि में लिखित में शिकाय की हो एवं उसकी शिकायत को आंशिक अथवा पूर्ण रूप से रिजेक्ट कर दिया गया हो, अथवा उसे संतोषजनक उत्तर न मिला हो या उसे शिकायत दर्ज कराने के 30 दिन के भीतर कोई जवाब न मिला हो।
यानी यह प्रमाणित हो जाए कि उसने बैंक अथवा वित्तीय संस्थान के माध्यम से अपनी शिकायत के निपटारे का पूर्व में प्रयास किया है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। आपको बता दें कि शिकायत रिजेक्ट होने अथवा 30 दिन के भीतर संतुष्टि पूर्ण समाधान न मिलने के एक साल के अंदर वह आरबीआई- एकीकृत लोकपाल योजना-2022 के अंतर्गत शिकायत कर सकता है।
सेंट्रलाइज्ड रिसीट एंड प्रोसेसिंग सेंटर कहां है?
ग्राहकों की शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए पंजाब राज्य के चंडीगढ़ में सेंट्रलाइज्ड रिसीट एंड प्रोसेसिंग सेंटर (centralised reciept and processing center) बनाया गया है। ग्राहक अपनी शिकायत किसी भी भाषा में डाक से, ईमेल से अथवा सीधे इस केंद्र में भेज सकते हैं। यहां शिकायतों पर शुरूआती प्रोसेसिंग होगी। यानी प्रारंभिक प्रसंस्करण किया जाएगा। इसके अलावा संबंधित पोर्टल पर भी वे अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत कैसे करें? [How to lodge a complaint with the Banking Ombudsman?]
दोस्तों, यह बेहद महत्वपूर्ण जानकारी हैै। अब हम आपको बताएंगे कि आप एकीकृत लोकपाल योजना के अंतर्गत शिकायत कैसे दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए आनलाइन (online) एवं आफलाइन (offline) दोनों ही तरह की सुविधा दी गई है। शिकायत दर्ज कराने का तरीका यह रहेगा-
आरबीआई की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं –
सबसे पहले आपको भारतीय रिजर्व Bank की ऑफिशियल वेबसाइट https://cms.rbi.org.in/ पर जाना होगा। आप यहाँ क्लीक करके डायरेक्ट भी जा सकते हैं।
File a Complaint ऑप्शन पर क्लिक करें –
जब साइट पर पहुंचने के पश्चात आपको नीचे दिखाए गए स्क्रीन शॉट की तरह वेब पेज ओपन होगा। यहां आपको फाइल ए कंप्लेंट ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
कंप्लेंट फॉर्म भरे –
अगले पेज में आपके सामने एक फॉर्म ओपन होगा। जिसमें आपको Bank का नाम अकाउंट नंबर, कंप्लेंट नेम, कंप्लेंट करने वाले की ईमेल ID, कंप्लेंट करने वाले का पता मोबाइल नंबर, शिकायत की PDF फाइल अपलोड करने के लिए कहा जाएगा।
फॉर्म सबमिट करें –
यहां पर सभी जानकारी सही-सही भरना है। और उसके पश्चात आपको सबमिट बटन पर क्लिक करना है। जैसे ही आप सबमिट करेंगे आपको शिकायत Banking Ombudsman के पास पहुंच जाएगी। और समस्या का समाधान मैक्सिमम 15 दिन में किया जाएगा।
Estimated Cost: 00 INR
आरबीआई – बैंकिंग लोकपाल शिकायत फॉर्म डाउनलोड करें?
ग्राहक अपनी शिकायत ईमेल (email) के माध्यम से crpc@rbi.org.in पर भेज सकते हैं। फिजिकल फाॅर्म में शिकायत करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको पहले से तय फाॅर्मेट में सारी आवश्यक जानकारी भरकर इसके साथ आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर इसे चंडीगढ़ के सेंट्रलाइज्ड रिसीट एंड प्रोसेसिंग सेंटर के इस पते पर भेजना होगा-
भारतीय रिजर्व बैंक, चौथी मंजिल, सेक्टर-17, चंडीगढ़-160017
बैंकिंग लोकपाल शिकायत फॉर्म डाउनलोड नीचे करें –
आरबीआई-एकीकृत लोकपाल योजना की मुख्य बातें-
- 1. शिकायतकर्ता को यह माथापच्ची करने की आवश्यकता नहीं होगी कि उसे किस योजना के अंतर्गत लोकपाल के पास शिकायत करनी है।
- 2. शिकायतों को अब केवल इस आधार पर खारिज नहीं किया जाएगा कि वे योजना में सूचीबद्ध आधारों के अंतर्गत शामिल नहीं हैं।
- 3. इस योजना ने हर लोकपाल कार्यालय के अधिकार क्षेत्र को खत्म कर दिया है।
- 4. शिकायतकर्ता अपनी दिक्कतों को किसी भी भाषा में लिखकर उसे निराकरण के लिए भेज सकते हैं।
- 5. आरबीआई की ओर से नियंत्रित संस्थाओं के खिलाफ ग्राहकों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के संबंध में जानकारी प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी पब्लिक सेक्टर के बैंक के जीएम के पद वाले प्रधान नोडल अधिकारी (principal nodal officer) अथवा उसके समकक्ष की होगी।
- 6. जहां लोकपाल ने उसके खिलाफ संतोषजनक व समय पर सूचना अथवा दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने के लिए अवार्ड जारी किया हो, इन मामलों में नियंत्रित संस्था को अपील करने का अधिकार नहीं होगा।
- 7. आरबीआई के उपभोक्ता शिक्षा एवं संरक्षण विभाग (consumer education and conservation department) के प्रभारी कार्यकारी निदेशक (executive director) इस योजना के तहत अपीलीय अधिकारी होंगे।
बैकिंग लोकपाल के पास किस तरह की शिकायत कर सकते हैं?
दोस्तों, हमने आपको बताया कि बैकिंग लोकपाल बैंकिंग सेवाओं में कमियों से जुड़े मामलों पर विचार करता है। ये मामले इस प्रकार के हो सकते हैं-
- चेक, बैंक ड्राफ्ट, बिलों आदि की वसूली एवं भुगतान में असाधारण देरी।
- अदायगी के लिए दिए गए कम मूल्य वर्ग के नोटों का बगैर पर्याप्त कारण स्वीकार न किया जाना एवं इस संबंध में किसी भी तरह की कमीशन लेना।
- -सिक्कों को बगैर किसी कारण स्वीकार न करना अथवा ऐसा करने के लिए कमीशन लेना।
- -कामकाज के निर्धारित समय का पालन न किया जाना।
- -बैंक अथवा उसके बिक्री एजेंट की ओर से लिखित रूप में दी गई बैकिंग सुविधाओं (लोन एवं एडवांस) के अतिरिक्त, प्रदान करने में देरी करना।
- -जमा खाता खोलने के लिए बगैर किसी वैध कारण के इंकार।
- -बैंक का सेविंग (saving), करेंट (current) अथवा किसी अन्य खाते में जमा राशि पर लागू ब्याज दर (interest rate) के संबंध में रिजर्व बैंक के निर्देशों का पालन न करना अथवा जमा राशि का भुगतान न करना।
- -ग्राहकों को पर्याप्त पूर्व सूचना दिए बगैर चार्ज (charge) लगाना।
- -एटीएम (ATM)/ डेबिट कार्ड (debit card)/ क्रेडिट कार्ड (credit card) आपरेशन पर रिजर्व बैंक के निर्देशों का पालन न किया जाना।
- -पेंशन वितरण (pension distribution) में देरी अथवा वितरण न करना।
- -गवर्नमेंट सिक्योरिटी (government securities) जारी करने में देरी अथवा सेवा प्रदान करने में असमर्थता जताना।
- -बगैर पर्याप्त सूचना अथवा कारण के एकाउंट्स बंद करना।
- -एकाउंट बंद करने से इंकार अथवा बंद करने में देरी।
- -बैंक द्वारा अपनाए गए सर्विस कोड (service code) का पालन न करना।
- -इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं (internet banking services) में कमी।
- -बैंकों द्वारा वसूली एजेंटों (recovery agents) की सेवाएं लेने पर विनियामक दिशा निर्देशों का पालन न किया जाना।
बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत करने की कितनी फीस लगती है?
मित्रों, आपको बता दें कि बैंकिंग लोकपाल ग्राहकों की बैंकिंग सेवाओं में कमी संबंधी शिकायतों का निशुल्क समाधान करते हैं। इसकी कोई फीस (fee) नहीं ली जाती। एक बात और कि जिस विषयवस्तु पर आधारित शिकायतों का पूर्व में बैंकिंग लोकपाल की ओर से निपटान किया जा चुका है, शिकायतकर्ता की ओर से पुनः उसी विषय वस्तु पर शिकायत नहीं की जा सकती।
बैंकिंग लोकपाल चाहे तो शिकायत को किसी भी स्तर पर अस्वीकार कर दे
साथियों, आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि क्या बैंकिंग लोकपाल किसी शिकायत को अस्वीकार करने का भी अधिकार रखता है? जी हां, बिल्कुल ऐसा है। बैंकिंग लोकपाल यदि चाहे तो शिकायत को किसी भी स्तर पर अस्वीकार कर सकता है। इसके लिए उसके पास पर्याप्त कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार से हैं-
- -शिकायत, ओछी, परेशान करने वाली, दुर्भाव भरी अथवा बगैर किसी कारण है।
- -शिकायत शिकायतकर्ता द्वारा विवेकपूर्ण औचित्य संग अनुपालित नहीं है।
- -बैंकिंग लोकपाल की राय में शिकायतकर्ता को कोई हानि, क्षति अथवा असुविधा नहीं हुई।
- -शिकायत बैंकिंग लोकपाल के विवेक सम्मत क्षेत्राधिकार के बाहर से है।
पांच साल में 36 हजार से अधिक शिकायतें निपटाईं
बैंकिंग लोकपाल की ओर से पिछले पांच साल में करीब 36 हजार से अधिक शिकायतें निपटाई गई हैं। इसके बावजूद शिकायतों का अंबार रहता है। अब आरबीआई-एकीकृत लोकपाल योजना-2024 आने के बाद शिकायतों के निस्तारण की एक सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था (centralised arrangement) होने से यह माना जा सकता है कि शिकायतों के निवारण में तेजी आएगी।
विभिन्न भाषाओं में शिकायतें भेजने की सहूलियत होने के बाद वे लोग भी आराम से अपनी शिकायतें भेज सकेंगे, जो अंग्रेजी न जानने की वजह से शिकायत भेजने से पीछे हटते थे।
बैंक कर्मियों पर दबाव, एकीकृत प्रणाली से सुविधा संभव
दोस्तों, बैंकिंग सेवाओं का विस्तार होने के साथ ही बैंक कर्मचारियों पर काम का दबाव भी बढ़ा है। बैंकों का निजीकरण किया जा रहा है। इससे उन्हें मिलने वाली सुविधाओं में भी कटौती हुई है। टारगेट बेस्ड कार्य शैली विकसित हो रही है। अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए निजी बैंक ग्राहकों को कई तरह की घर बैठे सुविधाएं भी मुहैया करा रहे हैं। ऐसे में सरकारी बैंकों में कार्य के दबाव के बीच लोगों को मिलने वाली सेवाओं में कुछ न कुछ कमी रह जाना स्वाभाविक है।
अब लोकपाल की सुविधा होने के बाद से लोग अपनी शिकायतों को बड़ी संख्या में वहां तक पहुंचा रहे हैं ताकि उनकी दिक्कतों का निपटारा हो सके। अब देश भर में इसकी एकीकृत व्यवस्था हो जाने से निपटान प्रणाली में तेजी आएगी यह माना जा सकता है। पोर्टल के माध्यम से आनलाइन शिकायतों पर भी त्वरित कार्रवाई संभव हो सकेगी।
आरबीआई-एकीकृत लोकपाल योजना से जुड़े सवाल-जवाब –
आरबीआई एकीकृत लोकपाल योजना का शुभारंभ कब हुआ?
आरबीआई-एकीकृत लोकपाल योजना का शुभारंभ 12 नवंबर, 2021 को हुआ।
इस योजना का शुभारंभ किसने व कैसे किया?
इस योजना का शुभारंभ हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया।
इस योजना को क्यों लाया गया है?
इस योजना को एक राष्ट्र-एक लोकपाल के लक्ष्य को पाने के लिए किया गया है। यानी देश भर से लोग बैंकिंग सेवाओं में कमी की शिकायत का निपटारा यहां से पा सकेंगे।
क्या वे सीधे यहां शिकायत कर सकते हैं?
यदि किसी बैंक अथवा किसी अन्य वित्तीय संस्था ने 30 दिन के भीतर उनकी शिकायतों का निपटान नहीं किया तो वे इसके पश्चात साल भर के भीतर यहां शिकायत कर सकते हैं।
बैंकिंग लोकपाल कौन होता है?
बैंकिंग लोकपाल वह व्यक्ति होता है, जो बैंकिंग सेवाओं में कमी संबंधी ग्राहकों की शिकायतों का समाधान करता है। उसकी नियुक्ति भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई की ओर से की जाती है।
साथियों, हमने इस पोस्ट में आपको आरबीआई-एकीकृत लोकपाल योजना के संबंध में जानकारी दी। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। यदि आप चाहते हैं कि अन्य लोग भी आपकी तरह जागरूक हों तो इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें। यह पोस्ट आपको कैसी लगी, हमें नीचे दिए गए कमेंट बाॅक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं एवं सुझावों का हमें इंतजार है। ।।धन्यवाद।।
ATM releted compeln
dear sir help me kese kare sir koi video dal do ? plese sir reply me