इन्वेंटरी मैनेजमेंट क्या है? | इन्वेंटरी मैनेजमेंट के प्रकार व महत्व | Inventory management in Hindi

|| इन्वेंटरी मैनेजमेंट क्या है? | Inventory management in Hindi | इन्वेंटरी मैनेजमेंट के प्रकार | Inventory management types in Hindi | Inventory management kya hai | इन्वेंटरी क्या है और इसका महत्व क्या है? ||

Inventory management in Hindi :- दुनिया भर में कई तरह के बिज़नेस होते हैं जिनमें माल को स्टॉक करने से लेकर उसे बेचना तक शामिल होता है। अब हर तरह के बिज़नेस का प्रारूप अलग अलग होता है और उनके द्वारा बेचे जा रहे उत्पाद या दी जा रही सेवाओं का उपभोग अलग अलग रूपों में किया जाता है। यह उस बिज़नेस के प्रकार और श्रेणी पर निर्भर करता है कि वहां किस तरह का कार्य किया जा रहा है और उसके लिए किस तरह का मैनेजमेंट करने की जरुरत (What is inventory in Hindi) है।

ऐसे में जैसे जैसे बिज़नेस बड़ा होता चला जाता है तो उसे अपने यहाँ एक इन्वेंटरी स्थापित करने की जरुरत होती है। यह इन्वेंटरी उस बिज़नेस को सतत रूप से चलाये रखने के लिये बहुत ही जरुरी होती है क्योंकि इसमें कई तरह के उपक्रमों का सहयोग लिया जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि जब आप इन्वेंटरी का सही तरीके से प्रबंधन करते हैं तो उसी से पता चलता है कि आपको इसे किस तरह से बनाये रखना (Meaning of inventory management in Hindi) होगा।

ऐसे में आज हम आपके साथ इन्वेंटरी मैनेजमेंट के विषय के ऊपर ही बात करने वाले हैं। इसे हम इन्वेंटरी प्रबंधन के नाम से भी बुला सकते हैं क्योंकि मैनेजमेंट को हिंदी में प्रबंधन कहा जाता है। तो यह इन्वेंटरी मैनेजमेंट किसी बिज़नेस के लिए क्यों इतनी जरुरी है और इससे किस तरह के अंतर देखने को मिलते हैं और साथ ही इसकी कार्य प्रणाली से लेकर इसके निहित क्या कुछ उद्देश्य व लाभ होते हैं, आज हम उसी के बारे में ही विस्तृत चर्चा (What is inventory management in Hindi) करेंगे।

इन्वेंटरी मैनेजमेंट क्या है? (Inventory management in Hindi)

यहां हम इन्वेंटरी मैनेजमेंट के ऊपर बात करने वाले हैं। तो पहले तो आप यह समझ लें कि यह इन्वेंटरी क्या होती है और इससे हमारा क्या आशय है। तो इन्वेंटरी किसी भी बिज़नेस को चलाये रखने के लिए बहुत जरुरी होती है क्योंकि बिज़नेस में कई तरह के माल की जरुरत होती है। इसे हम एक उदाहरण से समझाने का प्रयास करते हैं ताकि आपको बेहतर तरीके से समझ में आ (Inventory kya hai) सके।

Inventory management in Hindi

तो मान लीजिये कि किसी कंपनी के द्वारा साबुन का निर्माण किया जाता है। तो उस साबुन को बनाने के लिए उसे कई तरह की चीज़ों की जरुरत पड़ती होगी। इसमें साबुन को बनाने के मैटेरियल से लेकर उसकी पैकिंग का सामान इत्यादि सब कुछ आ जाता है। ऐसे में यदि उस कंपनी के पास पर्याप्त स्टॉक ही नहीं होगा तो वह समय पर अपने ग्राहकों की माँग को पूरा ही नहीं कर पायेगी। तो इस समस्या से निजात पाने के लिए उस कंपनी के अधिकारियों के द्वारा अपने गोदाम में साबुन को बनाने के लिए जो जो सामान चाहिए, उसे पहले ही स्टोर करके रखा गया (Inventory management kya hota hai) होगा।

तो अब उस सामान को अपने गोदाम में स्टोर करके रखने को ही इन्वेंटरी के नाम से जाना जाता है। आशा है कि आपको इन्वेंटरी का अर्थ तो समझ में आ गया होगा लेकिन अब यह इन्वेंटरी मैनेजमेंट क्या होता है। तो उस गोदाम में रखी गयी चीजों का ठीक ढंग से प्रबंधन करना ही इन्वेंटरी मैनेजमेंट कहलाता है। इसमें कई तरह के पार्ट आ जाते हैं, जैसे कि इस कच्चे माल को ऑर्डर करने से लेकर उसके द्वारा नए माल को बनाने की विधि को ही हम इन्वेंटरी मैनेजमेंट के अंतर्गत रखते (Inventory management kya hai) हैं।

ऐसे में इन्वेंटरी मैनेजमेंट को बेहतर तरीके से समझने के लिए आपको यह देखना होगा कि आखिरकार इसके अंतर्गत किस किस तरह के कार्य किये जाते हैं। तो आइये जाने इन्वेंटरी मैनेजमेंट की कार्यप्रणाली किस तरह की होती है ताकि आपको यह अच्छे से समझ में आ सके।

इन्वेंटरी मैनेजमेंट के प्रकार (Inventory management types in Hindi)

इन्वेंटरी मैनेजमेंट में किसी भी बिज़नेस या व्यापार में बनाये जा रहे उत्पादों के लिए कच्चे माल की खरीदी शामिल होती है लेकिन इसमें आप केवल उसकी खरीदी को ही मत रखिये क्योंकि इसके अलावा भी बहुत सी ऐसी चीज़ें हैं जो इन्वेंटरी मैनेजमेंट का मुख्य हिस्सा होती (Types of inventory management in Hindi) है। इसमें उस माल में से सही माल को अलग करना और ख़राब हो चुके माल को निकाल कर अलग कर देना, उसका सही तरीके से भण्डारण करना और फिर उसका रखरखाव करना इत्यादि सम्मिलित होता है।

अब इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए आपको इन्वेंटरी मैनेजमेंट के विभिन्न प्रकारों और उसकी कार्य प्रणाली को समझना होगा। तो आइये समझें कि इन्वेंटरी मैनेजमेंट के प्रकार क्या कुछ होते हैं या इसमें किन कार्यों को किया जाता है।

कच्चे माल की खरीदी

तो इसमें सबसे पहले तो जो माल आपको बिज़नेस के लिए चाहिए, उसकी खरीदी शामिल होती है। उदाहरण के तौर पर हमने आपको ऊपर साबुन के बारे में बताया तो उसके लिए साबुन का जो जो मैटेरियल होता है और उसकी पैकिंग के लिए जो भी कागज या प्लास्टिक चाहिए, वह सब आपको मंगवाना होगा। तो आप जहाँ जहाँ से भी यह कच्चा माल खरीदते हैं, उसे वहां से ऑर्डर कर दीजिये और इसे ही हम पहले प्रारूप या प्रकार में रखते हैं।

तो जब आप उसे ऑर्डर कर देंगे तो वह माल आपके गोदाम में पहुँच जाएगा। उसके बाद उस कच्चे माल को रिसीव करना और अपने गोदाम तक लाना ही इन्वेंटरी मैनेजमेंट का पहला हिस्सा या पहला प्रकार कहा जा सकता है। इसके बाद आपका दूसरा काम उस माल की गिनती करना होता है या उसको तोलना होता है।

उनकी गिनती किया जाना

अब आपने जो माल ऑर्डर किया है, वह आप यूँ का यूँ ही तो नहीं रख देंगे बल्कि उसके आने के बाद उसकी गिनती अवश्य करेंगे। तो यह कच्चे माल के ऊपर निर्भर करता है कि उसकी गिनती की जानी ज़रूरी है या फिर उसको तोला जाना चाहिए। मान लीजिये कि आपके पास कागज के पीस आ रहे हैं तो आप अवश्य ही उनकी गिनती करेंगे और वहीं आपके पास दृव्य अवस्था में वह माल आ रहा है तो आप उसको तोल कर देखेंगे।

तो इन्वेंटरी मैनेजमेंट में दूसरा प्रकार या हिस्सा आये हुए माल की गिनता करना या उसका तोला जाना शामिल होता है। यह अलग अलग बिज़नेस पर निर्भर करता है कि उसकी संख्या कैसे गिनी जाए या उसके लिए किस प्रारूप का इस्तेमाल किया जाए।

ख़राब माल को बाहर निकालना

अब जो माल आ गया है, वह जरुरी नहीं है कि सारा का सारा ही शुद्ध हो या सही रूप में हो। मान लीजिये कि आप कहीं से कांच का माल मंगवा रहे हैं तो रास्ते में कुछ पीस टूट सकते हैं या क्रैक हो सकते हैं या ऐसा ही कुछ अन्य माल के साथ हो सकता है। आप जूस बनाने का काम करते हैं और उसके लिए आप फल मंगवा रहे हैं तो उसमें से कुछ फल सड़ या गल भी सकते हैं।

ऐसे में जो भी कच्चा माल आपके पास पहुंचा है, उसमें से सही माल को अलग करना और ख़राब हो चुके माल को अलग कर फेंक देना भी शामिल होता है। यह इन्वेंटरी मैनेजमेंट का तीसरा और ध्यान से किया जाने वाला प्रकार होता है क्योंकि यदि आप ख़राब माल को अलग नहीं करते हैं तो इसका प्रभाव आगे चलकर देखने को मिल सकता है।

माल का भण्डारण किया जाना

अब जब आपने सही कच्चे माल को अलग कर लिया है तो उसको अपने गोदाम में कहाँ स्टोर करके रखना है, या उसका कहाँ पर भण्डारण करना है, यह भी एक प्रमुख अंग होता है जो इन्वेंटरी मैनेजमेंट के अंतर्गत आता है। अब आपके पास कई तरह के गोदाम होंगे पर जैसे जैसे व्यापार बड़ा होता चला जाएगा, वैसे वैसे ही इनकी संख्या भी बढ़ती चली जाएगी।

तो आपके शहर में तीन गोदाम हैं और वहां एक हज़ार किलो सामान को रखने की व्यवस्था है। अब एक गोदाम 900 किलो तक भरा हुआ है और दूसरा गोदाम 100 किलो तक भरा हुआ है। आपका माल कहीं से 500 किलो का आ रहा है तो अवश्य ही आपको इसे दूसरे गोदाम तक पहुँचाना होगा क्योंकि पहले वाले में इतनी क्षमता ही नहीं होगी कि वहां पर आपका यह कच्चा माल स्टोर करके रखा जा सके।

माल का रखरखाव किया जाना

माल का गोदाम में भण्डारण करने के बाद उसका रखरखाव किया जाना भी बहुत जरुरी है ताकि पहुंचा हुआ माल कहीं ख़राब ना हो जाए। यदि आप इन्वेंटरी मैनेजमेंट के इस प्रकार पर ध्यान नहीं देंगे तो अवश्य ही आपके बिज़नेस को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। मान लीजिये की आपने फलों का रस बनाने के लिए फल मंगवाए हैं और वह कुछ दिनों बाद उपयोग में आने वाले हैं।

ऐसे में यदि आप उन्हें यूँ ही खुला छोड़ देंगे तो वे एक या दो दिन में ही ख़राब हो जाएंगे। ऐसे में उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था की जानी जरुरी है। यदि वहां पर चूहे, छिपकली इत्यादि जानवर हैं तो वे भी आपके माल को खराब कर सकते हैं। ऐसे में पहुंचे हुए माल की पर्याप्त सुरक्षा करना या उनका रखरखाव किया जाना भी इसमें शामिल होता है।

इन्वेंटरी मैनेजमेंट का उद्देश्य (Inventory management objectives in Hindi)

अब बात करते हैं इन्वेंटरी मैनेजमेंट के उद्देश्य के बारे में क्योंकि यह भी बहुत जरुरी होता है। अब आपको ऊपर का लेख पढ़ कर बहुत हद्द तक यह तो समझ में आ गया होगा कि आखिरकार क्यों बिज़नेस में इन्वेंटरी मैनेजमेंट को इतना महत्व दिया गया है लेकिन उसके बारे में विस्तार से समझने के लिए आपको इसके उद्देश्य के बारे में भी पता होना चाहिए। तो इन्वेंटरी मैनेजमेंट के उद्देश्य से हमारा क्या कुछ तात्पर्य है, आइये उस पर एक नज़र डाल लेते हैं।

सही समय

इसका सबसे पहला उद्देश्य यह होता है कि आपको अपने बिज़नेस में उत्पाद बनाने के लिए या ग्राहकों के बीच उसकी माँग को पूरा करने के लिए समय पर माल उपलब्ध हो। यदि इसमें किसी भी तरह की देरी हो जाती है या आप माल सही समय पर डिलीवर नहीं कर पाते हैं तो अवश्य ही आपकी छवि बाजार में ख़राब हो जाती है और आपके ग्राहक आपसे छिटक जाते हैं।

ऐसे में सही समय पर इन्वेंटरी मैनेजमेंट का किया जाना अर्थात कच्चे माल का मंगवाया जाना बहुत ही जरुरी होता है। जरुरी नहीं है कि यह कच्चा माल ही हो क्योंकि बड़ी बड़ी कंपनियां अलग अलग शहरों में दुकानदारों तक अपना माल सही समय पर पहुँचाने के लिए भी इन्वेंटरी मैनेजमेंट का सहारा लेती है। इसके लिए वहां अपने कुछ होलसेल दुकानदार बनाये जाते हैं जो अन्य दुकानों पर उस माल को डिलीवर करते हैं।

सही स्थान

अब इसके लिए सही समय के साथ साथ सही स्थान का चुनाव किया जाना भी बहुत जरुरी है। मान लीजिये की आप राजस्थान के गंगानगर और बीकानेर में दो जगह बिज़नेस करते हैं। अब बीकानेर में तो आपका माल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है लेकिन गंगानगर में कुछ दिनों का ही माल बचा है या फिर वहां पर अचानक से माँग बढ़ गयी है।

तो इन्वेंटरी मैनेजमेंट के अंतर्गत आपको यह समझ में आता है कि आपको गंगानगर जिले में जल्द से जल्द अपना माल पहुँचाने की जरुरत है। ऐसे में सही समय पर सही स्थान पर माल का पहुँचाया जाना बहुत ही जरुरी होता है यह इन्वेंटरी मैनेजमेंट का एक उद्देश्य होता है।

सही माल

अब मान लीजिये कि आपके द्वारा कई तरह का माल बनाया और बेचा जाता है। तो इन्वेंटरी मैनेजमेंट के माध्यम से आप इस चीज़ का डाटा रखते हैं कि कब किस चीज़ का स्टॉक खत्म हो रहा है या किस तरह के माल की ज्यादा जरुरत पड़ रही है। तो आपको यह भी ध्यान रखना होगा क्योंकि अलग अलग उत्पादों के लिए या एक ही उत्पाद में अलग अलग कच्चे माल की जरुरत पड़ सकती है।

उदाहरण के रूप में पतंजलि के द्वारा साबुन भी बनायी जाती है और घी भी किन्तु किसी जगह पर उसके द्वारा बनाये गए घी की ज्यादा खपत हो रही है तो उसे उस शहर में घी को ज्यादा मात्रा में पहुँचाना होगा और इसके बारे में पहले से ही ध्यान रखना होगा। तो यह भी इन्वेंटरी मैनेजमेंट का ही एक उद्देश्य होता है।

सही मूल्य

माल को कब किस जगह से कितने मूल्य में मंगवाना है, यह भी इन्वेंटरी मैनेजमेंट का ही एक अभिन्न अंग होता है। वह इसलिए क्योंकि आप कई तरह के माध्यमों से एक जगह से दूसरी जगह पर माल मंगवा सकते हैं लेकिन इसमें से कौन सा तरीका आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो रहा है।

अब मान लीजिये कि कुछ समय बाद उस माल के मूल्य में बढ़ोत्तरी होने वाली है या फिर आप किसी अन्य माध्यम से उसे कम मूल्य में मंगवा सकते हैं तो फिर आपको वही तरीका अपनाना चाहिए। यह भी इन्वेंटरी मैनेजमेंट का एक मुख्य उद्देश्य होता है।

सही स्तर

अब माल का स्तर भी सही होना चाहिए क्योंकि माल ज्यादा भी नहीं होना चाहिए और ना ही कम। जैसा कि हमने आपको ऊपर ही पतंजलि के घी और साबुन का उदाहरण दिया। तो एक शहर में यदि पतंजलि के बनाये घी की ज्यादा बिक्री है लेकिन साबुन की नहीं तो आपको वहां अकारण ही साबुन ज्यादा नहीं मंगवानी चाहिए।

वह इसलिए क्योंकि वहां साबुन कम बिक रही है तो आप पहले ही ज्यादा माल मंगवा लेंगे तो वह माल वहां पड़ा पड़ा ख़राब हो जाएगा। ऐसे में पहले इन्वेंटरी मैनेजमेंट को अच्छे से करना होगा और उसके बाद ही निर्णय लेना होगा।

इन्वेंटरी मैनेजमेंट का महत्व (Inventory management importance in Hindi)

अब अंत में आपको इन्वेंटरी मैनेजमेंट का महत्व भी जान लेना चाहिए ताकि आपको समझ में आ सके कि आखिरकार क्यों ज्यादातर कंपनियों के द्वारा इन्वेंटरी मैनेजमेंट का कार्य किया जाता है या इसकी क्यों इतनी जरुरत पड़ती है। दरअसल आज के समय में लगभग हर बड़ी कंपनी के लिए इन्वेंटरी मैनेजमेंट के लिए प्रोफेशनल लोगों को रखना और उसके जरिये सही काम करवाना बहुत ही ज्यादा जरुरी हो गया है। यदि कोई यह नहीं कर पाता है तो वह कंपनी फैल हो जाती है।

ऐसे में इन्वेंटरी मैनेजमेंट का क्या कुछ महत्व है और क्यों यह हर किसी के लिए आवश्यक है, आइये इस पर एक नज़र डाल लेते हैं।

  • कंपनी या बिज़नेस चाहे छोटा हो या बड़ा लेकिन यदि वह माल को बनाने या बेचने का काम कर रहा है तो इन्वेंटरी मैनेजमेंट की सहायता से वह बहुत ही सही तरीके से काम कर पाने में सक्षम हो पाता है।
  • इससे उस बिज़नेस में कॉस्ट कटिंग होती है अर्थात उस कंपनी का कम पैसों में ही ज्यादा काम संभव हो पाता है। वह कई जगह से अपना पैसा बचा पाने में सक्षम हो जाता है।
  • कंपनी के द्वारा अपने माल का सही तरीके से सही जगह पर उपयोग किया जाता है। इस तरह से वह अपने माल को सही उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में सक्षम हो जाता है।
  • कई बार यह देखने में आता है कि कंपनी का माल यूँ ही पड़ा पड़ा ख़राब हो गया तो बेहतर इन्वेंटरी मैनेजमेंट के माध्यम से वह अपना माल ख़राब होने से बचा सकता है।
  • इसके माध्यम से उस बिज़नेस के अंतर्गत जो भी व्यक्ति या कर्मचारी काम कर रहे हैं, वह उनसे बेहतर तरीके से काम ले पाता है और यह आगे चलकर कंपनी को तेज गति से आगे बढ़ाने में बहुत सहायता करता है।
  • उस कंपनी का लोगों में विश्वास बनता है क्योंकि लोगों को उनका बनाया माल बिना किसी झंझट के उनकी माँग पर उपलब्ध हो जाता है।
  • इसी के साथ ही बाजार में भी उस कंपनी को लेकर एक सकारात्मक छवि निर्मित होती है। बाजार के सभी लोग उस कंपनी से माल मंगवाना उचित समझते हैं।

इस तरह से यदि कोई बिज़नेस या कंपनी सही तरीके से इन्वेंटरी मैनेजमेंट का सहारा लेती है और उसके लिए सही लोगों को अपने यहाँ काम पर रखती है तो अवश्य ही उसे एक नहीं बल्कि कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं। ऐसे में हर बड़ी कंपनी को अपने यहाँ बेहतर इन्वेंटरी मैनेजमेंट करने पर ध्यान देना चाहिए।

इन्वेंटरी मैनेजमेंट क्या है – Related FAQs 

प्रश्न: इन्वेंटरी प्रबंधन से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: कच्चे माल को ऑर्डर करने से लेकर उसके द्वारा नए माल को बनाने की विधि को ही हम इन्वेंटरी मैनेजमेंट के अंतर्गत रखते हैं अर्थात् अपने व्यवसाय को प्रबंधित ढंग से करना इन्वेंटरी मैनेजमेंट कहलाता है।

प्रश्न: इन्वेंटरी कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: इन्वेंटरी मैनेजमेंट के प्रकारों के बारे में जानकारी आपको ऊपर लिखे हुए लेख में विस्तार से दी गई है जो आप पढ़ सकते हो।

प्रश्न: इन्वेंटरी मैनेजमेंट की क्या आवश्यकता है?

उत्तर: इन्वेंटरी मैनेजमेंट की आवश्यकता क्यों है यह आपको विस्तार से ऊपर के लेख में जानने को मिल जायेगा।

प्रश्न: इन्वेंटरी क्या है और इसका महत्व क्या है?

उत्तर: इन्वेंटरी मैनेजमेंट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आप ऊपर लिखे लेख को पढ़ कर प्राप्त कर सकते हो।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने इन्वेंटरी मैनेजमेंट के बारे में जानकारी हासिल कर ली है। आपने जाना कि इन्वेंटरी मैनेजमेंट क्या है इन्वेंटरी मैनेजमेंट के प्रकार क्या हैं इसके उद्देश्य और महत्व क्या है इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई प्रश्न आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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