आईपीसी की सबसे खतरनाक धारा कौन सी है? IPC Section 326 in Hindi – सजा और जमानत

भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी में विभिन्न अपराधों के लिए विभिन्न धाराओं का प्रावधान किया गया है। जैसे किसी की हत्या करने पर आईपीसी की धारा 302 लगाई जाती है या किसी से अश्लील बातें करने पर धारा 294 के तहत कार्रवाई होती है। अब आपके मन में यह सवाल जरूर होगा कि आखिर आईपीसी में सबसे खतरनाक धारा कौन सी है? तो आज इस पोस्ट में हम आपको इसी संबंध में जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं –

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धारा 326 कब लगती है? (When section 326 is applicable?)

मित्रों, सबसे पहले आपको यह बताते हैं कि आईपीसी की धारा 326 कब लगती है? यदि कोई व्यक्ति अपनी स्वयं की इच्छा से (मजबूरी/दबाव में नहीं) किसी अन्य व्यक्ति को खतरनाक/घातक हथियार से गंभीर रुप से जख्मी कर देता है, जिससे सामने वाले व्यक्ति की मौत की आशंका हो तो ऐसा करने वाले व्यक्ति पर धारा 326 के तहत केस (case) दर्ज कर कार्रवाई की जाती है।

धारा 326 के तहत कौन-कौन से अपराध आते हैं? (Which offences come under section 326?)

मित्रों, आइए अब एक नजर धारा 326 के अंतर्गत आने वाले अपराधों पर डाल लेते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • किसी मजबूरी से नहीं, बल्कि खुद की इच्छा से किसी व्यक्ति को गोली मारना।
  • किसी व्यक्ति पर चाकू अथवा काटने के किसी भी उपकरण द्वारा हमला करना।
  • किसी मशीन का हथियार के रुप में इस्तेमाल करके किसी को गंभीर चोट पहुंचाना।
  • किसी व्यक्ति पर आग अथवा कोई जलाने वाला गर्म पदार्थ फेंकना।
  • किसी व्यक्ति पर किसी विस्फोटक वस्तु द्वारा हमला करना।
  • किसी व्यक्ति को कोई ऐसी सूंघने वाली या खाने वाली जहरीली वस्तु खिलाना, जिससे उसकी मौत हो सकती हो।
  • किसी व्यक्ति को मारने के लिए किसी खतरनाक जानवर का इस्तेमाल करना।
  • किसी शख्स की हड्डी-पसली तोड़ उसे गंभीर चोट पहुंचाना।

आईपीसी की धारा 326 के तहत कितनी सजा का प्रावधान किया गया है? What provision for the punishment has been made under section 326 of IPC?)

आईपीसी की सबसे खतरनाक धारा कौन सी है? IPC Section 326 in Hindi - सजा और जमानत

मित्रों, धारा 326 के तहत आने वाले अपराधों को गंभीर अपराध (serious crime) की श्रेणी (category) में रखा गया है। इस धारा में दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की जेल से लेकर आजीवन कारावास (lifetime imprisonment) तक की सजा हो सकती है। साथ ही दोषी पर आर्थिक जुर्माना (economic punishment) भी लगाया जाता है। दोस्तों, इस बात पर विशेष ध्यान दें कि इस धारा के तहत आने वाले अपराध गैर-जमानती (non-bailable) और संज्ञेय होते हैं। इन मामलो की सुनवाई प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट (first class magistrate) द्वारा की जाती है।

धारा 326 के तहत अपराध का दोषी ठहराए जाने के लिए उसमें किन तत्वों की आवश्यकता है? (What elements should be there to prove guilty under section 326?)

किसी व्यक्ति को धारा 326 के तहत अपराध दोषी ठहराए जाने के लिए उसमें कुछ तत्व निहित होने चाहिए, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • आरोपी (Accused) द्वारा जिससे किसी व्यक्ति को गंभीर चोट (Serious injury) पहुंचाने के इरादे से हमला किया जाना।
  • आरोपी द्वारा अपराध उसकी स्वयं की इच्छा से किया गया हो, किसी मजबूरी अथवा दबाव में नहीं।
  • हमला करते वक्त किसी ऐसे खतरनाक/घातक हथियार या वस्तु का इस्तेमाल किया जाए, जिससे दूसरे व्यक्ति को गंभीर चोट आए एवं मौत का खतरा हो‌।

धारा 326 को खतरनाक क्यों माना जाता है? (Why section 326 is considered dangerous?)

दोस्तों, अब यह समझ लेते हैं कि धारा 326 को एक ख़तरनाक धारा क्यों पुकारा जाता है। दरअसल, कोई व्यक्ति यदि आईपीसी धारा 326 के तहत आने वाले अपराध बेहद गंभीर श्रेणी के अपराध माने जाते हैं। यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ इस धारा के तहत शिकायत दर्ज हो जाती है तो संज्ञेय अपराध (Cognizable offence) होने के कारण पुलिस उस व्यक्ति को बिना किसी वारंट (warrant) के तुरन्त गिरफ्तार (arrest) कर सकती है। साथ ही यह एक गैर-जमानती (non-bailable) अपराध होता है, लिहाजा इस अपराध की सजा से बच पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।

ऐसे में संबंधित व्यक्ति को अपनी जिंदगी के कीमती वर्ष जेल के सींखचों के पीछे काटने पड़ते हैं। कई बार तो उनका पूरा जीवन ही जेल में कट जाता है। इसीलिए धारा 326 को आईपीसी की एक ख़तरनाक धारा माना जाता है।

धारा 326 को एक उदाहरण के माध्यम से किस प्रकार समझें? (How to know about section 326 through an example?)

साथियों, अब हम आपको आईपीसी की धारा 326 के बारे में उदाहरण द्वारा समझाने की कोशिश करेंगे। मान लीजिए कि मीना एक युवती है और करण नाम का एक लड़का उसे आए दिन शादी के प्रस्ताव को लेकर तंग और परेशान करता है। करण के परेशान करने से खिन्न होकर एक दिन मीना उसे एक थप्पड़ जड़ देती है। इस पर करण को बहुत गुस्सा आ जाता है और वह मीना से बदला लेने की सोचने लगता है।

एक दिन मीना के घर से निकलते ही करण उसके पीछे लग जाता है और सुनसान जगह देख उस पर धारदार चाकू से हमला कर देता है। गंभीर रूप से जख्मी मीना को अस्पताल ले जाया जाता है। जहां वह जिंदगी और मौत के बीच झूलती है। पुलिस मीना का बयान लेकर करण को गिरफ्तार कर लेती है। उस पर खतरनाक हथियार द्वारा हमला करने के अपराध में पुलिस द्वारा धारा 326 के तहत FIR दर्ज कर कार्रवाई की जाती है।

आईपीसी की धारा 326 के तहत अपराध से कैसे बचा जा सकता है? (How to be safe from crime under section 326 of IPC?)

आईपीसी की सबसे खतरनाक धारा कौन सी है? IPC Section 326 in Hindi - सजा और जमानत

मित्रों, जैसा कि हमने आपको बताया कि आईपीसी की धारा 326 एक खतरनाक धारा है, ऐसे में इस धारा के तहत अपराध से कैसे बचा जा सकता है? हम आपको इस संबंध में कुछ टिप्स देंगे, जो कि किस प्रकार से हैं-

  • सबसे पहली बात, किसी भी व्यक्ति से उलझने व लड़ाई- झगड़ा करने से बचें।
  • आपराधिक मामलों में शामिल रहे किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
  • बहुत गुस्से में भी किसी व्यक्ति पर खतरनाक हथियार न उठाएं। इससे आप जानलेवा हमले के आरोप से भी दूर रहेंगे।
  • किसी व्यक्ति को गलती से भी खाने में कोई ऐसी वस्तु मिलाकर न दें जिसे खाकर उसकी हालत गंभीर हो जाए।
  • जानबूझकर किसी व्यक्ति को डराने के लिए या उस पर हमले के लिए किसी खतरनाक जानवर का इस्तेमाल न करें।

यदि आपको धारा 326 के तहत झूठे केस में फंसा दिया गया है तो क्या करें? (What to do if someone has trapped you in section 326’s false case?)

दोस्तों, यदि आपने ऐसा कोई भी अपराध नहीं किया है, जो धारा (section) 326 के तहत आता हो और फिर भी कोई झूठा आरोप (False accusation) लगा कर आपको फंसाने कि कोशिश करता है तो यहां आपको जल्दबाजी न दिखाते हुए समझदारी से काम लेना होगा एवं अपने बचाव के लिए सुबूत एकत्र करने होंगे। इसमें संबंधित पक्षों की गवाही, कोई वीडियो रिकॉर्डिंग आदि जैसे सुबूत अहम होंगे। साथ ही कोई अच्छा वकील, जिसे इस धारा के अपराधों की पेशी का काफी अनुभव हो, आपके लिए मददगार साबित होगा।

आईपीसी की खतरनाक धारा कौन सी मानी जाती है?

धारा 326 को खतरनाक धारा माना जाता है।

धारा 326 में कौन सा अपराध शामिल है?

जब कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से खतरनाक हथियार से हमला कर किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाता है, जिसमें उसकी मौत भी हो सकती है, इसमें धारा 306 के तहत कार्रवाई होती है।

धारा 326 को खतरनाक माने जाने का क्या कारण है?

इस धारा के तहत अपराध में व्यक्ति के सजा से बचने की गुंजाइश बहुत कम होती है। यह संज्ञेय अपराध होता है। पुलिस बगैर वारंट के गिरफ्तारी कर सकती है तथा धारा गैर जमानती है।

यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति पर मजबूरी अथवा दबाव में खतरनाक हथियार से हमला करता है तो क्या वह धारा 326 के तहत अपराध होगा?

जी नहीं, धारा 326 के तहत अपराध के रूप में दर्ज होने के लिए व्यक्ति का अपनी इच्छा से हमला करना आवश्यक है।

धारा 326 में सजा का क्या प्रावधान है?

इस धारा के तहत अपराध साबित होने पर दोषी को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही उसे जुर्माना भी भुगतना पड़ सकता है।

धारा 326 के तहत किस किस प्रकार के अपराध शामिल हैं?

धारा 326 के तहत शामिल अपराधों की सूची हमने आपको ऊपर पोस्ट में दी है। आप वहां से देख सकते हैं।

धारा 326 के तहत अपराध से किस प्रकार बचा जा सकता है?

आप किसी से भी बेवजह उलझने या लड़ाई झगड़े से बचकर तथा क्रिमिनल हिस्ट्री वाले लोगों के संपर्क से दूर रहकर इस तरह के अपराध से बच सकते हैं।

धारा 326 के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई किसके द्वारा की जाती है?

आईपीसी की धारा 326 के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के द्वारा की जाती है।

दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको बताया कि आईपीसी में सबसे खतरनाक धारा कौन सी है। उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट ने आपकी जानकारी में वृद्धि की होगी। यदि आपका इस पोस्ट के संबंध में कोई सवाल अथवा सुझाव है तो हमें सीधे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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