IPO क्या होता है? | IPO की फुल फॉर्म, IPO में निवेश करने के फायदे | IPO kya hota hai

IPO kya hota hai :- हम में से बहुत से लोग शेयर बाजार में पैसा निवेश करते हैं। इसके माध्यम से हम अलग अलग कंपनियों के तरह तरह के शेयर खरीदते और बेचते हैं और उससे लाभ कमाते हैं। कुछ लोग यह हर दिन करते हैं तो कुछ लोग इसे लॉन्ग टर्म के हिसाब से प्लान करते हैं। अब यह तो हर व्यक्ति के द्वारा बिज़नेस करने के हिसाब से अलग अलग हो गया लेकिन आजकल जिस एक चीज़ का ट्रेंड चल रहा है, वह है आईपीओ। आपने भी हाल फिलहाल में IPO का नाम सुन रखा होगा और इसके बारे में लोगों को बात करते हुए देखा (IPO full details in Hindi) होगा।

IPO क्या होता है

शेयर बाजार में जो भी कंपनी काम करती है, उसकी शुरुआत एक ना एक दिन IPO के द्वारा ही होती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि जिस भी कंपनी के शेयर को आप शेयर बाजार में लिस्ट होते हुए देखते हैं और उनकी खरीद या बिक्री होते हुए देखते हैं, वे IPO के जरिये ही उसमें आती है। पहले तो बहुत कम IPO आते थे लेकिन आज के समय में यह बहुत ज्यादा आ रहे हैं। मुख्य तौर पर तो भारत देश में एक वर्ष में कई कंपनियों के IPO आने लगे हैं जो अभी तक जारी (IPO ke bare mein jankari) है।

ऐसे में यदि आपको IPO के बारे में इतनी जानकारी नहीं है और आप इसके बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो हम आपको उसी के बारे में ही बताने वाले हैं। आज के इस लेख को पढ़कर आपको IPO के बारे में तो सबकुछ जानने को मिलेगा ही बल्कि इसी के साथ साथ हम आपको यह भी बताएँगे कि IPO में निवेश कैसे किया जा सकता है। साथ ही IPO में निवेश करने के क्या कुछ लाभ आपको देखने को मिलते (IPO kya hai in Hindi) हैं।

IPO क्या होता है? (IPO kya hota hai)

सबसे पहले तो हम इस बारे में बात कर लेते हैं कि यह IPO होता क्या है। अब हमने आपको ऊपर ही बताया कि जब भी कोई कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होने के लिए आती है तो सबसे पहले वह IPO ही जारी करती है। एक तरह से शेयर बाजार में प्रवेश ही इसी IPO के माध्यम से होता है लेकिन ऐसा क्यों। तो इसे हम स्पष्ट शब्दों में और एक उदाहरण सहित आपको समझाने का प्रयास करते हैं ताकि आपको IPO के बारे में सही से पता चल (What is IPO in Hindi) जाए।

तो मान लीजिये कि एक स्टील बनाने वाली कंपनी है। उस कंपनी को बने हुए कई वर्ष हो चुके हैं और उसका काम भी अच्छा खासा चल रहा है। अभी तक वह कंपनी निजी क्षेत्र की कंपनी है और उसका मालिक एक या कुछ एक व्यक्ति ही हैं जिन्होंने पार्टनरशिप में वह कंपनी चलायी हुई है। अब यदि एक समय में कंपनी को और पैसों की जरुरत पड़ती है जिसके माध्यम से वह अपने बिज़नेस को विस्तार दे सके या अपनी पुरानी लेनदारी चुका सके या ऐसा ही कुछ, तो उसे निवेशकों का सहारा लेना (IPO kya hai) होगा।

निवेशक ढूंढने के लिए उस कंपनी को अपने कुछ शेयर या हिस्सेदारी किसी अन्य व्यक्ति को बेचनी होगी। उदाहरण के तौर पर वह कंपनी अपनी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी किसी अन्य व्यक्ति को बेच देती है और बदले में उससे उस 10 प्रतिशत का मूल्य लेती है। इसके माध्यम से कंपनी को पैसे मिल जाते हैं और वह और तेज गति से उन्नति करती है। किन्तु यदि उस कंपनी के मालिक किसी एक या दो व्यक्ति को निवेशक बनाने या उन्हें अपनी कंपनी की हिस्सेदारी बेचने की बजाये इसे सार्वजनिक रूप से आम लोगों को बेचना चाहते हैं तो फिर उसे IPO लाना होता (IPO kya hota hai in Hindi) है।

इस IPO के माध्यम से कंपनी अपनी कुछ हिस्सेदारी को सार्वजनिक रूप से बेचने की घोषणा करती है। मान लीजिये वह स्टील कंपनी अपनी 10 प्रतिशत की ही हिस्सेदारी को ही सार्वजनिक रूप से बेचना चाहती है। ऐसे में उस 10 प्रतिशत को हजारों शेयर में तोड़ दिया जाता है जो आम लोगों के लिए खुलते हैं। किन्तु उससे पहले उस कंपनी का IPO आता है जिसे लोगों को खरीदना होता है। फिर जब IPO लग जाता है तो वही IPO शेयर में बदल जाता है। इस तरह से वह स्टील कंपनी अपनी कुछ हिस्सेदारी सैकड़ों हजारों लोगों में शेयर के रूप में बेच देती है और पैसा जुटा लेती (IPO ke bare me jankari) है।

IPO की फुल फॉर्म क्या है? (IPO full form in Hindi)

अभी तक आपने IPO क्या होता है, इसके बारे में तो समूची जानकारी ले ली है लेकिन IPO की फुल फॉर्म क्या होती है, इसके बारे में भी तो जानना उतना ही जरुरी हो जाता है। ऐसे में अब हम आपके साथ IPO की फुल फॉर्म सांझा करने जा रहे हैं। तो IPO की फुल फॉर्म इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering) होती है। इसे हिंदी में शुरूआती सार्वजनिक प्रस्ताव कहा जा सकता (IPO ki full form kya hai) है।

अब यह IPO की फुल फॉर्म से ही स्पष्ट है कि IPO का क्या अर्थ हो सकता है। इसमें इनिशियल से अर्थ हुआ कि वह कंपनी शुरूआती तौर पर बाजार में आ रही है। वहीं पब्लिक या सार्वजनिक का अर्थ हुआ कि वह किसी एक निवेशक के लिए नहीं बल्कि आम लोगों के लिए उपलब्ध है। अंत में ऑफरिंग शब्द का अर्थ हुआ कि वह अपनी कंपनी के शेयर को शुरूआती तौर पर आम लोगों को ऑफर कर रही है ताकि वे उन्हें खरीद सकें।

इस तरह से जो निजी कंपनी अपनी कुछ हिस्सेदारी को शेयर के रूप में आम लोगों के बीच जाकर बेचना चाहती है और उसके माध्यम से पैसा जुटाना चाहती है, तो वह IPO के माध्यम से ही शेयर बाजार में उतर पाती है। इसके लिए उसे शेयर बाजार में लिस्ट होना होता है और वहां के सभी नियमों का पालन करना होता है।

IPO कैसे लाया जाता है? (IPO kaise laya jata hai)

अब बात करते हैं कि यदि किसी निजी कंपनी को अपनी हिस्सेदारी बेचकर बाजार में आना है और शेयर बाजार के माध्यम से लोगों को अपने शेयर बेचने हैं तो उसकी प्रक्रिया क्या होगी। यह तो आप जान ही गए हैं कि शेयर बाजार में उतरने के लिए पहले उसे अपना IPO लाना होगा। अब उसे अपना IPO लाना है तो उसे भारतीय प्रतिभूति और बिनिमय बोर्ड अर्थात सेबी में खुद को रजिस्टर करवाना होगा। सेबी के माध्यम से ही सभी कंपनियां जो सार्वजनिक रूप से पंजीकृत होना चाहती हैं, उन्हें मैनेज किया जाता है।

ऐसे में उस कंपनी को आईपीओ लाने से पहले सेबी के सभी नियमों का पालन करना होता है। इसके तहत कंपनी में मर्चेंट बैंकर नियुक्त किया जाता है जो इन सभी चीज़ों को देखता है और आगे की रणनीति को तैयार करता है। वह कंपनी के लिए आईपीओ से जुड़ी सभी तैयारियां करता है और सेबी की वेबसाइट पर जाकर उसके लिए आवेदन करता है। सेबी के द्वारा उस कंपनी के बारे में सबकुछ पता लगाया जाता है और उसके लिए सभी तरह के दस्तावेज सौंपने को कहा जाता है।

इस प्रक्रिया को हम सभी Draft Red Herring Prospectus (DRHP) के नाम से जानते हैं जहाँ कंपनी को सेबी के अंतर्गत आईपीओ रजिस्टर करवाने के लिए सभी तरह के दस्तावेजों की प्रतिलिपि सबमिट करनी होती है। इसके तहत उस कंपनी को सेबी में यह बताना होता है कि कंपनी किस चीज़ की है, उसके ऑफिस कहाँ कहाँ है, उनके शेयर धारक कौन कौन हैं, कंपनी में कितने कर्मचारी हैं, वहां किस तरह का काम होता है, उसका लाभ क्या है, लेनदारी कितनी है इत्यादि।

इन सभी की जानकारी जब सेबी को मिल जाती है तो वह अपने अधिकारी भेजकर उसकी पुष्टि करती है। साथ ही विभिन्न सरकारी विभागों से उसकी जांच करवायी जाती है और सभी जगह से क्लीयरेंस मिलने के बाद ही सेबी उस कंपनी को अपना आईपीओ लाने की अनुमति देती है। इस के बाद ही कंपनी देश के दो बड़े शेयर बाजार में से किसी एक में अपना IPO लेकर आती है जिसे हम BSE या NSE के नाम से पहचानते हैं।

IPO में निवेश कैसे करें? (How to invest in IPO in Hindi)

अब आती है मुख्य मुद्दे की बात और वह है IPO के अंतर्गत निवेश किया जाना। आज के समय में लाखों लोग तरह तरह के IPO में निवेश कर रहे हैं और उसके जरिये करोड़ो रूपया कमा रहे हैं। ऐसे में यदि आप भी आने वाले IPO में निवेश करने के इच्छुक हैं तो यहाँ हम सिलसिलेवार तरीके से आपको बताने वाले (IPO kaise kharide) हैं कि किस तरह से आप भी आईपीओ में अपना पैसा निवेश कर सकते हैं।

  • सबसे पहले तो आपको अपना Demat खाता खोलना होगा क्योंकि बिना इसके आप IPO में निवेश नहीं कर सकते हैं। Demat खाता को आप किसी भी ब्रोकिंग फर्म से खोल सकते हैं लेकिन हम आपको यही परामर्श देंगे कि आप किसी जानी मानी और बड़ी फर्म में ही अपना Demat खाता खोलेंगे तो बेहतर (IPO kaise bhare) रहेगा।
  • अब जब आप अपना Demat खाता खोल लेते हैं तो उसके बाद बारी आती है आने वाले IPO पर निवेश किये जाने की। यहाँ आप यह ध्यान रखें कि IPO में निवेश करने के लिए सब काम ऑनलाइन ही होता है। ऐसे में आपको अपने Demat खाता से अपना बैंक खाता जोड़ना होगा ताकि वहीं से ही सब लेनदेन के कार्य हो सकें।
  • समय समय पर तरह तरह की कंपनियों के IPO आते रहते हैं। ऐसे में आपको उन पर ध्यान रखना है और यह देखना है कि कब किस कंपनी का IPO आने वाला है और उसके लिए कब से निवेश शुरू हो जाएगा।
  • अब यह आप देखेंगे कि आप किस कंपनी का IPO लेना चाहते हैं। किसी कंपनी का IPO 15 हज़ार तक का होता है तो किसी का 1 लाख तक का भी होता है।
  • यदि आप किसी कंपनी का IPO लेने का निर्णय लेते हैं तो वह सब प्रक्रिया Demat खाता से ही होगी। यदि आप उसका IPO लेने की हामी भर देते हैं तो जितने का उस कंपनी का IPO है, उतनी राशि आपके बैंक खाते में ब्लॉक हो जाएगी।
  • सामान्य तौर पर IPO खुलने के 3 दिन बाद उस IPO का परिणाम आ जाता है या इसमें कुछ ज्यादा समय भी लग सकता है। तो यह जरुरी नहीं है कि आपका उस कंपनी के IPO में नंबर लग ही जाए।
  • यदि आपका उस कंपनी में IPO नहीं लगता है तो वह कंपनी आपके बैंक को सूचित करती है कि जो राशि ब्लॉक की गयी थी, वह आपको पुनः लौटा दी जाए। तो इस तरह से एक से दो दिन के अंदर अंदर आपके खाते में पुनः सारी राशि वापस आ जाती है।
  • वहीं यदि आपका IPO निकल जाता है तो फिर उस कंपनी के वैल्यू के हिसाब से शेयर का मूल्य तय होता है। अब यह जरुरी नहीं है कि आपको उसमें लाभ ही हो क्योंकि कई बार यह आपके लगाये गए पैसों से कम चला जाता है तो कई बार यह ज्यादा भी चला जाता है।
  • एक तरह से आपने उस कंपनी के आईपीओ में जितने पैसे लगाये थे, वह अब शेयर में परिवर्तित हो जाते हैं। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप उन शेयर को होल्ड करना चाहते हैं या उसे बेच देना चाहते (IPO kaise apply kare) हैं।

तो इस तरह से आप किसी भी कंपनी के IPO में पैसा निवेश कर सकते हैं और उसके जरिये पैसा कमाना शुरू कर सकते हैं। कई बार तो लोग किसी कंपनी के IPO में लाखों रुपये कमा लेते हैं तो कोई कोई कुछ हज़ार रुपये के आसपास ही कमा पाते हैं तो कुछ को इसमें घाटा तक भी हो सकता (IPO kaise lagaye) है। ऐसे में आपको IPO में पैसा निवेश करते समय यह अवश्य ध्यान में रखना चाहिए कि जिस कंपनी का IPO आ रहा है, वह कंपनी कैसी है।

IPO में निवेश करने के फायदे (Benefits of IPO in Hindi)

अब यदि आप शेयर बाजार के साथ साथ कंपनियों के IPO में भी निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो यहाँ हम आपके सामने IPO में निवेश करने के कुछ फायदे भी रख देते हैं। तो IPO में निवेश करने का सबसे पहला और मुख्य लाभ तो यही है कि आप शुरूआती तौर पर ही कंपनी में अपनी हिस्सेदारी तय कर लेते हैं। एक तरह से आप उस कंपनी के शेयरधारक बन जाते हैं। ऐसे में यदि वह कंपनी पहले से अच्छा कर रही होती है तो अवश्य ही आपको मोटा लाभ देखने को मिलता (IPO ke fayde) है।

अब IPO में आपने जो पैसा निवेश किया था, वह उसका शुरूआती मूल्य होता है जबकि जब IPO खुलता है, तब उस कंपनी की वैल्यू के हिसाब से उसके शेयर का सही मूल्य निर्धारित किया जाता है। एक उदाहरण के अनुसार यदि आपने किसी कंपनी का IPO 20 हज़ार रुपये में खरीदा और यदि वह आपका निकल गया और वह कंपनी भी अच्छी है तो शेयर का मूल्य निर्धारित होते समय आपके यही 20 हज़ार रुपये 50 हज़ार या एक लाख में भी परिवर्तित हो सकते हैं।

IPO में निवेश करने के जोखिम (IPO ke nuksan)

अब IPO में निवेश करने के जितने लाभ हैं तो वहीं इससे जोखिम भी उठाना पड़ सकता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि कोई कंपनी IPO तो ले आती है लेकिन जब उसके शेयर का मूल्य निर्धारित किया जाता है तो यह पता नहीं होता है कि उसके शेयर चढ़ेंगे या घटेंगे। ऐसे में आपने जो यह 20 हज़ार रुपये लगाए थे, वह 50 हज़ार होने की बजाये 10 हज़ार भी हो सकते हैं।

ऐसे में IPO में निवेश करने का जितना बड़ा लाभ होता है, उतना ही इसमें जोखिम भी बना रहता है। वह इसलिए क्योंकि जो कंपनी अपना IPO लेकर आ रही है, वह इस शेयर बाजार में एकदम नयी होती है। ऐसे में आपको उस कंपनी का बैकग्राउंड अच्छे से चेक कर लेना चाहिए ताकि बाद में होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।

IPO में निवेश करते समय इन बातों का ध्यान रखें 

अंत में हम आपको यह भी बता देते हैं कि यदि आप किसी कंपनी के IPO में निवेश करने जा रहे हैं तो आपको किन किन बातों को ध्यान में रखकर उसमें निवेश करना चाहिए। तो आइये जाने IPO में निवेश करते समय आपको अभी से ही क्या कुछ ध्यान में रखकर आगे बढ़ना चाहिए।

  • सबसे पहले तो आप IPO के बारे में अच्छे से जानकारी जुटा लें और यदि आप शेयर बाजार में पहले से ही काम नहीं करते हैं तो एक बार शेयर बाजार की भी जानकारी लें। अधिकतर वही लोग IPO में निवेश करते हैं जो पहले से ही शेयर बाजार में काम कर रहे होते हैं।
  • आप जिस भी कंपनी के IPO में निवेश करने जा रहे हैं, पहले उस कंपनी के बारे में अच्छे से पता कर लें। आपको यूँ ही किसी कंपनी के IPO में निवेश करने से बचना चाहिए क्योंकि यह बहुत ही जोखिमभरा हो सकता है।
  • इसके लिए आपको उस कंपनी के इतिहास, उसकी लेनदारी, उसका कामकाज, उसका काम करने का क्षेत्र, वहां का लाभ व वैल्यू, उस पर चल रहा कोई केस या अन्य सभी चीजों के बारे में जानकारी जुटा लेनी चाहिए।
  • बहुत लोग यह भी सोचते हैं कि वे हर तरह की कंपनी के IPO में निवेश कर देंगे लेकिन यह गलत है। ऐसे में आपको अपनी पसंद की और चुनिंदा कंपनियों के IPO में ही निवेश करना चाहिए, ना कि हर कंपनी के IPO में।
  • IPO में निवेश करते समय आपकी एक रणनीति भी तय होनी चाहिए। यदि आप बिना रणनीति के ही निवेश करते चले जाते हैं तो यह आपके लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है।

ऐसे में आपको इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ही IPO में निवेश करना शुरू करना चाहिए। एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि यह पैसा आपका है और यदि आपको निवेश करके लाभ कमाना है तो उसके लिए आपको एक योजना के तहत ही आगे बढ़ना होगा। यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपका निवेश किया हुआ पैसा डूबते हुए देर नहीं लगेगी।

IPO क्या होता है – Related FAQs

प्रश्न: आईपीओ क्या है और यह कैसे लाभ देता है?

उत्तर: IPO के माध्यम से कंपनी अपनी कुछ हिस्सेदारी को सार्वजनिक रूप से बेचने की घोषणा करती है इसके फायदे आप ऊपर के लेख में विस्तार से पढ़ सकते हो।

प्रश्न: IPO कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं?

उत्तर: IPO में निवेश करना है तो उसकी पूरी जानकारी हमने ऊपर के लेख में विस्तार से दी है जो आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: आईपीओ लगाने से क्या फायदा है?

उत्तर: आईपीओ लगाने से मुख्य लाभ तो यही है कि आप शुरूआती तौर पर ही कंपनी में अपनी हिस्सेदारी तय कर लेते हैं। एक तरह से आप उस कंपनी के शेयरधारक बन जाते हैं। ऐसे में यदि वह कंपनी पहले से अच्छा कर रही होती है तो अवश्य ही आपको मोटा लाभ देखने को मिलता है।

प्रश्न: आईपीओ की फुल फॉर्म क्या है?

उत्तर: आईपीओ की फुल फॉर्म इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग होती है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि IPO क्या होता है। साथ ही आपने IPO से संबंधित अन्य जानकारी भी इस लेख के माध्यम से ली है जैसे कि IPO कैसे लाया जाता है इसमें निवेश कैसे कर सकते हैं और इसके फायदे और जोखिम क्या हैं इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई शंका आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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