जमीन का पुराना रिकार्ड कैसे देखें? किसी भी जमीन का पुराना रिकार्ड निकाले ऑनलाइन

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जमीन (land) अथवा प्रापर्टी (property) खरीदना इन दिनों एक मुश्किल काम है। पता नहीं चलता कि कब इस मामले में धोखाधड़ी के शिकार हो जाएं। बेहतर यही होता है कि जमीन खरीदने से पूर्व इसके सभी कागजातों (papers) का वेरिफिकेशन (verification) कर लिया जाए। जमीन से जुड़े पुराने दस्तावेज (old documents) निकलवाकर देख लिए जाएं।

इससे आप बाद में किसी भी प्रकार के विवाद से बचे रह सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि आप जमीन का पुराना रिकार्ड कैसे देख सकते हैं? नहीं, तो भी चिंता न करें। आज इस पोस्ट में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि जमीन का पुराना रिकार्ड कैसे देखें। आइए, शुरू करते हैं-

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जमीन का पुराना रिकार्ड देखने की आवश्यकता क्यों पड़ती है? (Why it needs to see old record of the land?)

ऐसे बहुत से कारण हैं दोस्तों, जिनके लिए जमीन के पुराने दस्तावेज देखने की आवश्यकता पड़ती है। इन कारणों की गहराई में जाएं तो ये इस प्रकार से हैं-

  • जमीन की खरीद-फरोख्त के समय।
  • जमीन से जुड़े किसी विवाद की वजह से।
  • किसी जमीन पर अपना दावा ठोकने के लिए।
  • न्यायिक मामलों में आवश्यकता।

जमीन का पुराना रिकार्ड आनलाइन कैसे देखें? (How to see old record of the land online?)

मित्रों, हम आपको जानकारी देंगे कि आप जमीन का पुराना रिकार्ड आनलाइन कैसे देख सकते हैं। आपको बता दें कि
इसके लिए सबसे पहले आपको संबंधित राज्य के राजस्व विभाग/भूलेख (revenue department/bhulekh) के पोर्टल पर जाना होगा। जैसे यदि आप बिहार प्रदेश (Bihar state) के निवासी हैं तो आपको जमीन से जुड़े कागजात/फर्द आदि देखने के लिए इन steps को फाॅलो (follow) करना होगा-

  • सबसे पहले बिहार (Bihar) के राजस्व विभाग (revenue department) की आफिशियल वेबसाइट bhumijankari.bihar.gov.in पर जाएं।
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  • अब होम पेज (home page) पर आपको भूमि जानकारी के सर्विसेज (services) सेक्शन में व्यू रजिस्टर्ड डाॅक्यूमेंट (view registered document) का आप्शन दिखाई देगा।
  • आपको इस आप्शन पर क्लिक करना होगा।
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  • अब आपके सामने जमीन के दस्तावेज सर्च करने के तीन आप्शन दिखेंगे- a) आनलाइन रजिस्ट्रेशन (online registration) 2016-आज तक, b) पोस्ट कंप्यूटराइजेशन (post registration) 2006-2015, c) प्री कंप्यूटराइजेशन बिफोर (pre computerization before) 2005
  • आपको इन तीन विकल्पों में से उस अवधि को चुनना है, आप जमीन का जिस समय का रिकार्ड देखना चाहते हैं।
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  • इतना करने के पश्चात आप सर्च बाक्स में निम्न आप्शन के आधार पर जमीन/प्रापर्टी का रिकार्ड देख सकते हैं- रजिस्ट्रेशन आफिस (registration office), प्रापर्टी की लोकेशन (location of property), सर्किल (circle)
  • अब सर्च बाक्स (search box) में डिटेल्स (details) का विकल्प चुनने के बाद आपको बुक टाइप (book type) दिखाई देगा। आप रिकार्ड (record) के साथ ही उनकी संख्या भी देख सकेंगे।
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  • अब click here to view the details के आप्शन पर क्लिक करते ही आपके सामने रिकार्ड की लिस्ट (list) एवं संबंधित पक्ष का नाम दिखाई देगा। आपको जिस जमीन का पुराना रिकार्ड देखना है, उसके नीचे व्यू डिटेल्स (view details) का आप्शन चुनें।
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  • इतना करते ही आपके सामने डीड का ब्योरा (deed details) यानी जमीन के पुराने दस्तावेज (old documents of the land) खुल जाएंगे।

(नोट: दोस्तों, आपको बता दें कि यदि आप किसी अन्य राज्य के निवासी हैं तो संबंधित राज्य के राजस्व विभाग की वेबसाइट पर जाकर इन स्टेप्स को फालो करके जमीन के पुराने दस्तावेज/रिकार्ड देख सकते हैं। जैसे यदि आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं तो यूपी भूलेख पोर्टल (upbhulekh.gov.in) पर जाकर जमीन से जुड़े पुराने कागजात निकाल सकते हैं।)

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जमीन का पुराना रिकार्ड आफलाइन कैसे देखें? (How to see land’s old record offline?)

मित्रों, बहुत से लोग अब भी आनलाइन के स्थान पर आफलाइन कार्य को प्राथमिकता देते हैं। अब जमीन के कागजात जांचने को ही लें। यदि आप भी किसी जमीन का पुराना रिकार्ड आफलाइन देखना चाहते हैं तो उसके लिए आपको यह कदम उठाने होंगे-

  • सबसे पहले राजस्व विभाग के कार्यालय में जाएं।
  • यहां आपको संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के पास निर्धारित आवेदन पत्र को भरना होगा।
  • इसके लिए निर्धारित शुल्क चुकाना होगा।
  • इसके बाद जमीन के पुराने कागजातों की प्रति आप निकाल सकेंगे।

आपको बता दें दोस्तों कि एसडीएम आफिस एवं तहसील में जमीन के 10-15 साल पुराने रिकार्ड रहते हैं। इससे पुराने रिकार्ड देखने के लिए आपको अपने जिले के अभिलेखागार की सहायता लेनी पड़ सकती है।

पूर्व में जमीन का रिकार्ड देखने की क्या व्यवस्था थी? (What was the old arrangement to see land’s record?)

पुराने जमाने में इंटरनेट (internet) की सुविधा नहीं थी। ऐसे में पूर्व में जमीन का रिकार्ड देखने की व्यवस्था मैनुअल (manual) थी। लोग कई दिनों तक तहसील के चक्कर काटते रहते थे, तब कहीं जाकर उन्हें जमीन के कागजातों से जुड़ी प्रति उपलब्ध हो पाती थी।

अधिकांश मामलों में इन दस्तावेजों को हासिल करने के लिए प्रार्थी को संबंधित विभाग के बाबू की जेब गरम करनी पड़ती थी। लोगों को दौड़-धूप से बचाने के लिए, कर्मचारियों पर काम का बोझ कम करने के लिए समय की बचत करने के लिए और सबसे बड़ी चीज भ्रष्टाचार (corruption) पर लगाम लगाने के लिए जमीन का रिकार्ड देखने की सुविधा को आनलाइन किया गया।

अब लोग घर बैठे किसी भी जमीन की डिटेल आसानी से पता लगा सकते हैं। उसका प्रिंट आउट (print out) लेकर अपने पास रख सकते हैं।

सबसे पहले किस राज्य ने आजादी के समय तक की जमीन का डिजिटलाइजेशन किया? (Which was the first state to digitise the record of land till independence?)

मित्रों, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि झारखंड (jharkhand) देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां आजादी के समय तक की जमीन का डिजिटलाइजेशन (digitalization) सबसे पहले किया गया। सबसे पहले चरण में वहां 1970 तक की जमीन के दस्तावेज डिजिटाइज किए गए।

इसके लिए जमीन की रजिस्ट्री, डीड, म्यूटेशन, रसीद आदि प्रत्येक दस्तावेज को स्कैन किया गया। इसके बाद 1947 तक के दस्तावेजों के लिए यह प्रक्रिया दोहराई गई अब यहां 1947 तक की जमीन के कागजात डिजिटली/आनलाइन उपलब्ध हैं। उन्हें घर बैठे एक क्लिक (click) के माध्यम से देखा जा सकता है। यह पता लगाया जा सकता है कि भूमि का स्टेटस (status) क्या था? म्यूटेशन किसके नाम था? रसीद किसके नाम काटी गई? आदि आदि।

क्या जमीन के 75-100 वर्ष पुराने कागजात भी आनलाइन देखे जा सकते हैं? (Can anyone see 75-100 years old land documents online?)

मित्रों, आनलाइन वही कागजात देखे जा सकते हैं, जो कंप्यूटराइज्ड कर दिए गए हैं। यदि आपके कागजात आनलाइन उपलब्ध नहीं हैं तो इन्हें आफलाइन ही देखना होगा। आपको बता दें कि 10 से 15 वर्श पुराने कागजात ही तहसील/एसडीएम कार्यालय के रिकार्ड रूम से हासिल किए जा सकते हैं।

यदि कागजात 75-100 साल पुराने हैं तो इन्हें जिले के अभिलेखागार से हासिल किया जा सकता है। इसके लिए पहले आपको वहां संबंधित अधिकारी के समक्ष एक निर्धारित प्रारूप (format) पर व्यक्तिगत रूप (individually) से आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको कुछ फीस भी पड़ेगी।

क्या आनलाइन रिकार्ड को कोर्ट में बतौर सुबूत पेश किया जा सकता है? (Can online record be presented in the court as proof?)

मित्रों, बहुत से लोगों के मन में यह सवाल भी उठता है कि क्या वे जमीन के आनलाइन रिकार्ड (online record) को कोर्ट (court) में बतौर सुबूत (proof) पेश कर सकते हैं? तो इसका जवाब न में है। आपको बता दें कि केवल जानकारी के मकसद से यह रिकार्ड उपयोगी है, जो जमीन की खरीद बेच से पहले जमीन के मालिक एवं जमीन संबंधी अन्य जानकारी को पुख्ता करना चाहते हैं।

लेकिन इसे कोर्ट में सुबूत के बतौर पेश नहीं किया जा सकता। यदि कोई कोर्ट में अपनी जमीन से जुड़े दस्तावेज पेश करना चाहता है तो उसे तहसील कार्यालय ही जाना होगा, जहां से उसे जमीन के रिकार्ड की फिजिकल/हार्ड काॅपी (physical/hard copy) मिलेगी।

जमीन के पुराने से पुराने रिकार्ड आनलाइन होने से लाभ यह है कि संबंधित व्यक्ति को जमीन के कागजात हासिल करने के लिए तहसील/एसडीएम कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ते। उसके समय एवं श्रम की बचत होती है। वह अपने घर बैठे महज एक क्लिक पर जमीन से जुड़ी सारी जानकारी हासिल कर सकता है।

बाबुओं के भ्रष्टाचार पर लगाम लगती है। यानी कि कागजों के लिए किसी को इनकी जेब गरम नहीं करनी पड़ती। और सबसे अहम बात जमीन से जुडी हेरा-फेरी के मामलों पर रोक लगती है। कोई भी भू माफिया आकर जमीन पर अपना हक नहीं जमा सकता।

इससे जमीन से जुड़े अपराधों पर भी रोक लगने की संभावना है, क्योंकि खरीद बेच के समय ही जमीन से जुड़ी जानकारी का सत्यापन (verification) हो जाएगा और किसी प्रकार का विवाद खड़ा नहीं होगा।

जमीन का पुराना रिकार्ड देखने की जरूरत क्यों पड़ती है?

जमीन का पुराना रिकार्ड देखने की जरूरत जमीन के मालिकाना हक संबंधी दावा ठोकने के साथ ही जमीन के खरीद-फरोख्त के वक्त अधिकांशतः पड़ती है।

क्या जमीन का पुराना रिकार्ड आनलाइन देखा जा सकता है?

जी हां, जमीन का पुराना जितना भी रिकार्ड डिजिटाइज हो चुका है, उसे आनलाइन देखा जा सकता है।

यदि जमीन का पुराना रिकार्ड आनलाइन नहीं हुआ है तो उसे कैसे देखा जा सकेगा?

इसके लिए व्यक्ति को संबंधित राजस्व विभाग अथवा तहसील/एसडीएम कार्यालय में जाकर आवेदन करना होगा। इसके लिए कुछ मामूली सी फीस भी उसे चुकानी होगी।

जमीन के आजादी तक के कागज आनलाइन उपलब्ध कराने वाला पहला राज्य कौन सा है?

ऐसा करने वाला पहला राज्य झारखंड है। वहां सबसे पहले 1947 तक के जमीनों के दस्तावेजों का डिजिटलीकरण किया गया।

क्या जमीन के आनलाइन रिकार्ड को कोर्ट में बतौर सुबूत पेश किया जा सकता है?

जी नहीं, जमीन के आनलाइन रिकार्ड को कोर्ट में बतौर सुबूत पेश नहीं किया जा सकता। इसके लिए तहसील कार्यालय जाकर फिजिकल काॅपी भी लाकर बतौर साक्ष्य प्रस्तुत करनी होगी। इन दस्तावेजों के लिए आवेदक को मामूली सी फीस भी चुकानी होगी।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट में जमीन का पुराना रिकार्ड कैसे देखें विषय पर विस्तार से जानकारी दी। यदि आप भी अपनी जमीन का पुराना रिकार्ड देखना चाहते हैं तो इस पोस्ट में दिए गए तरीके के अनुसार आसानी से देख सकते हैं। यदि आप हमसे इसी प्रकार की जानकारीपरक पोस्ट चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे दिए कमेंट बाक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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