झाड़ू का बिजनेस कैसे शुरू करें? | निवेश, मुनाफा, मशीन व विधि | Jhadu ka business kaise kare

|| झाड़ू का बिज़नेस कैसे करें? | Jhadu ka business kaise kare | झाड़ू के प्रकार | Jhadu types in Hindi | How to start jhadu business in Hindi | Jhadu ka business kaise kiya jata hai | झाड़ू बनाने कि विधि ||

Jhadu ka business kaise kare :- हर घर में जिस चीज़ का इस्तेमाल किया जाता है वह होती है झाड़ू। अब झाड़ू नहीं होगी तो सफाई कैसे होगी और सफाई नहीं होगी तो फिर कौन ही ऐसी जगह पर रहना पसंद (Jhadu ka business kaise kare in Hindi) करेगा। अब जिस प्रकार सुबह के समय भगवान की पूजा करनी जरुरी होती है ठीक उसी तरह सुबह के समय घर की साफ सफाई की जानी भी बहुत जरुरी होती है। अब यही साफ सफाई झाड़ू की सहायता से की जाती है फिर चाहे वह घर हो या दुकान, ऑफिस हो या सड़क या कुछ और।

ऐसे में झाड़ू का योगदान हर जगह की सफाई के लिए बहुत ही अहम माना जाता है। यही कारण है कि झाड़ू का बिज़नेस एक ऐसा बिज़नेस है जो साल भर चलता है और इसमें किसी भी तरह की रूकावट नहीं आती (Jhadu ka business kaise shuru kare) है। वहीं यदि दीपावली का समय होता है तो झाड़ू के बिज़नेस में बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है क्योंकि धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन के बाद से हर घर में नयी झाड़ू को लेना जरुरी होता है और पुरानी झाड़ू को घर से बाहर निकाल देना होता है।

तो यदि आप भी झाड़ू का बिज़नेस शुरू करने का सोच रहे हैं तो आज के इस लेख में हम आपके साथ इसी विषय के ऊपर ही चर्चा करने वाले (Jhadu business ideas in Hindi) हैं। इसे पढ़ कर आप यह जान पाएंगे कि किस तरह से आप भी झाड़ू का बिज़नेस शुरू कर सकते हैं और उसके लिए आपको किन किन संसाधनों की जरुरत पड़ सकती है।

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झाड़ू का बिज़नेस कैसे करें? (Jhadu ka business kaise kare)

झाड़ू का बिज़नेस शुरू करने के लिए या उसको शुरू करने से पहले आपको झाड़ू के प्रकारों के बारे में जानकारी होना बहुत ही जरुरी होता है। वह इसलिए क्योंकि पहले के समय में एक या दो तरह की झाड़ू ही प्रचलन में थी लेकिन वर्तमान समय में इसमें अन्य तरह की झाड़ू भी जुड़ चुकी (How to start jhadu business in Hindi) है। इसलिए पहले आप झाड़ू के प्रकार को समझ लेंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा।

Jhadu ka business kaise kare

इसी के साथ साथ झाड़ू का बिज़नेस करने के लिए आपको किस तरह के कच्चे माल की जरुरत होगी और झाड़ू बनाने की मशीन कितने तक की आ जाती है, इसके बारे में भी पता होना चाहिए। तो आज का यह लेख झाड़ू का व्यापार शुरू करने से लेकर उसमें सफल किस तरह से हुआ जाए, इसी विषय पर ही (Jhadu ka business kaise kiya jata hai) है। आइए जाने किस तरह से या किस तरह की स्ट्रेटेजी के तहत आप भी अपना झाड़ू का बिज़नेस शुरू कर मालामाल हो सकते हैं।

झाड़ू के प्रकार (Jhadu types in Hindi)

वैसे तो वर्तमान समय में तरह तरह की वैराइटी की कई तरह की झाड़ू बाजार में उपलब्ध है लेकिन यदि हम उन्हें श्रेणियों में बांटे तो उनमे मुख्य तौर पर तीन तरह के प्रकार ही देखने को मिलते हैं। अब यह तीन प्रकार कौन कौन से हैं और इनमे क्या कुछ अंतर होता है तथा यह किस काम आती है, आइए इसके बारे में चर्चा कर लेते हैं।

फूल झाड़ू

सबसे पहले नंबर पर आती है फूल झाड़ू जो आम तौर पर हर घर में पायी जाती है। पहले के घरों की जमीन ईंट या मिट्टी की ही होती थी और उस समय तक फूल झाड़ू का नामोनिशान तक नहीं था। किंतु वर्तमान समय में घर की जमीन टाइल्स, पत्थर इत्यादि चीजों से बनने लगी है जो खुरदरी नहीं होती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि जो जमीन एकदम प्लेन हो और उसमे खुरदुरा पन ना हो तो उस जगह पर यही फूल झाड़ू काम में आती है।

यदि आप प्लेन सरफेस पर किसी अन्य तरह की झाड़ू का इस्तेमाल करेंगे तो वह कामगार सिद्ध नहीं होगी और गंदगी वहां पर रह जाएगी। इसलिए ऐसी सतह को अच्छे से साफ करने के लिए ही फूल झाड़ू का इस्तेमाल किया जाता है। इसे बनाने में एक अलग तरह की झाड का इस्तेमाल किया जाता है जो बहुत ही बारीक होते हैं। यह एक दूसरे से चिपके टाइप से होते हैं और गिले होने पर ख़राब हो सकते हैं।

बांस की झाड़ू

सबसे ज्यादा प्रचलन में यही झाड़ू होती है और भारत में सबसे ज्यादा यही बांस की झाड़ू ही बिकती है। प्राचीन समय से लेकर अभी तक यही झाड़ू ही सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लायी जाती है। इस झाड़ू को बांस की सहायता से बनाया जाता है जिसके तिनके मोटे होते हैं। यह हर घर में पायी जाती है और घर के बाहर सड़क को साफ करने में भी यही बांस की झाड़ू ही इस्तेमाल में लायी जाती है।

अब यदि घर में कही पर खुरदुरी जमीन है या छत पर झाड़ू लगानी है या कही पर पानी गया है या पानी से सफाई हो रही है तो फिर वहां पर बांस की झाड़ू ही काम में आती है। वही यदि सड़क को साफ करना है तो उस जगह पर भी बांस की झाड़ू ही काम आती है। यही कारण है कि भारत देश में बांस की झाड़ू की बिक्री सबसे अधिक होती है।

प्लास्टिक की झाड़ू (Plastic ki jhadu ka business)

वर्तमान समय में लोगों की सुविधा को देखते हुए प्लास्टिक की झाड़ू भी निकाल दी गयी है जिससे लोग अपने बिस्तर इत्यादि को साफ करने का काम करते हैं। आज के समय में आप प्लास्टिक की झाड़ू को हर किराने की दुकान पर या ऑनलाइन बिकते हुए देख पाएंगे और यह बिक भी धड़ल्ले से रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोग जिस बेड पर खाते हैं या सोते हैं, वहां दिन भर कई तरह की गतिविधियाँ होती है जिस कारण वहां पर छोटा मोटा कचरा हो जाना स्वाभाविक है।

अब ऐसी स्थिति में चद्दर को निकाल कर उसे झाड़ा जाना बहुत लोगों को भारी काम लगता है और इसी समस्या की काट के लिए ही प्लास्टिक की झाड़ू प्रचलन में आई। इस झाड़ू की सहायता से बिस्तर को अच्छे से साफ कर लिया जाता है और फिर उस पर आराम से बैठा जा सकता है या सोया जा सकता है।

झाड़ू का बिज़नेस क्यों करें? (Jhadu ka business karne ke fayde)

आपके मन में रह रह कर एक प्रश्न उठ रहा होगा कि आखिरकार क्यों आपको झाड़ू का बिज़नेस करना चाहिए या फिर झाड़ू के बिज़नेस में क्या स्कोप है!! तो यहाँ हम आपको बता दे कि झाड़ू का बिज़नेस करना कोई छोटा मोटा काम नहीं होता है और ना ही इसमें होने वाली कमाई में कमी होती है। दरअसल झाड़ू तो एक ऐसी चीज़ है जिसकी हर घर में जरुरत होती है। अब जिस चीज़ की हर घर में जरुरत हो तो उस तरह के बिज़नेस में मंदी क्यों ही देखने को मिलेगी।

तो यदि आप झाड़ू का बिज़नेस शुरू करने जा रहे हैं तो इसमें आपका लाभ ही लाभ होने वाला है। साथ ही इस पर किसी एक कंपनी का एकाधिकार या पेटेंट भी नहीं है। कहने का मतलब यह हुआ कि लोग झाड़ू को उसकी कंपनी के नाम से नहीं खरीदते हैं बल्कि किसी भी किराने की दुकान पर जाकर एक अच्छी से झाड़ू ले आते हैं। इसलिए यदि आप भी झाड़ू का बिज़नेस शुरू करेंगे तो अवश्य ही पहले दिन से ही आपकी कमाई होने लग जाएगी।

झाड़ू का बिज़नेस करने से पहले बाजार की स्थिति जांचना (Jhadu business market research in Hindi)

अब यदि आपको झाड़ू का बिज़नेस करना ही है तो उसको शुरू करने से पहले यदि आप अपने शहर की स्थिति का सही से आंकलन कर लेंगे तो बेहतर रहेगा। वह इसलिए क्योंकि किसी शहर में बांस की झाड़ू की ज्यादा मांग रहती है तो कही कही पर प्लास्टिक की झाड़ू की तो कही फूल झाड़ू की। वहीं लोगों के द्वारा किस मूल्य की झाड़ू को खरीदने में प्राथमिकता दी जा रही है या उनके द्वारा किस समय पर झाड़ू की मांग ज्यादा रहती है, इत्यादि बातों का भी आंकलन आपको पहले ही कर लेना चाहिए।

यदि आप ऐसी छोटी छोटी बातों को ध्यान में रखते हुए ही अपना झाड़ू का बिज़नेस शुरू करेंगे तो अवश्य ही बहुत लाभ में रहेंगे। यह हर तरह के बिज़नेस की सफलता की कूंजी भी होती है जिसका ध्यान आपको रखना होगा। ऐसे में आपको किसी भी तरह की कोताही ना बरतते हुए झाड़ू का बिज़नेस शुरू करने से पहले अपने यहाँ के बाजार की स्थिति का अच्छे से आंकलन अवश्य कर लेना चाहिए।

झाड़ू का बिज़नेस करने के लिए कच्चा माल लेना (Jhadu business raw material in Hindi)

अब यह तो आप ऊपर का लेख पढ़ कर ही जान गए होंगे कि किस तरह की झाड़ू को बनाने के लिए आपको किस किस तरह के कच्चे माल की जरुरत पड़ सकती है। अब झाड़ू तो एक सामान्य चीज़ होती है और इसे किसी चीज़ के मिश्रण से तो तैयार किया नहीं जाता है। ऐसे में यदि आपको वाकई में झाड़ू का व्यापार करना है तो आपको झाड़ू के प्रकार के अनुसार ही उसके कच्चे माल की खरीदी करनी होगी।

कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आपको बांस की झाड़ू बनानी है तो उसके लिए कच्चा माल बस बांस होगा। वहीं प्लास्टिक की झाड़ू बनानी है तो कच्चा माल बस प्लास्टिक होगा और वही फूल झाड़ू बनानी है तो उसके लिए झाड़ की जरुरत होगी। तो इस तरह से आप तीनो तरह का मटेरियल ही मंगवा कर रख ले और झाड़ू बनाने का काम शुरू कर दे।

झाड़ू का बिज़नेस करने के लिए मशीन (Jhadu ke business ke liye machine)

झाड़ू का बिज़नेस करना है तो केवल कच्चे माल से ही काम चल जाएगा, ऐसा नहीं होता है। इसके लिए आपको झाड़ू बनाने की मशीन भी लेनी होगी। अब यह मशीन भी तरह तरह की आती है जो फुल्ली आटोमेटिक से लेकर सेमी आटोमेटिक तक होती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि जो झाड़ू बनाने की मशीन फुल आटोमेटिक होगी उसमे आपको कुछ नहीं करना होगा, बस उस मशीन की सहायता से पूरी की पूरी झाड़ू बन कर बाहर आ जाएगी।

वही जो मशीन सेमी आटोमेटिक होगी उसमे आपको कुछ काम अपने हाथ से भी करना होगा और बाकि काम वह मशीन किया करेगी। तो जो झाड़ू को बनाने की मशीन होती है उसका मूल्य 30 हज़ार रुपए से शुरू हो जाता है जो 3 से 4 लाख रुपए तक का हो सकता है। अब यह आपको ही तय करना होगा कि आप झाड़ू का बिज़नेस करने के लिए कितने तक की मशीन को लेना चाहते हैं।

झाड़ू बनाने कि विधि (Jhadu kaise banti hai)

सीधे व स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो झाड़ू बनाने की कोई अलग से विधि नही होती है क्योंकि इसमें सब काम मशीन की सहायता से ही किया जाता है। आपको बस कच्चा माल उस मशीन में सेट करना होता है और उस मशीन को आदेश देना होता है कि उसके तहत किस तरह की झाड़ू को बनाया जाना है। अब वह झाड़ू बनाने की मशीन आपके आदेश के अनुसार ही काम करती है और कुछ ही देर में झाड़ू को बना कर बाहर भेज देती है।

तो झाड़ू बनाने की कोई अलग से विधि नही होती है और यह सब कार्य झाड़ू बनाने की मशीन और उसकी गुणवत्ता पर ही निर्भर करता है। अब यदि आप कम गुणवत्ता वाली मशीन खरीदते हैं तो उसमे आपको अलग से ज्यादा परिश्रम करना पड़ता है और वही उच्च गुणवत्ता वाली झाड़ू बनाने की मशीन सब काम खुद ही कर लेती है।

झाड़ू का बिज़नेस करने के फायदे (Jhadu business profit in Hindi)

झाड़ू का बिज़नेस करने के बहुत फायदे भी देखने को मिलते हैं। इसमें आपको सबसे बड़ा फायदा यही होगा कि झाड़ू की मांग पूरे साल भर बनी रहती है और इसमें आपको कभी भी कोई भी कमी देखने को नहीं मिलेगी। यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि जिस दिन से भी आप झाड़ू का बिज़नेस शुरू करेंगे आपका लाभ उसी दिन से ही होना चालू हो जाएगा। अब झाड़ू एक ऐसी चीज़ है जो हर घर की जरुरत होती है और लोग इसे बिना ज्यादा सोच विचार किये खरीद लेते हैं।

साथ ही झाड़ू बनाने में कोई ज्यादा खर्चा नहीं आता है और उसमे बनने वाला मार्जिन भी अधिक होता है। इसलिए आप प्रत्येक झाड़ू पर 20 से 40 प्रतिशत तक का मार्जिन कमाया करेंगे जो इसका एक और बहुत बड़ा लाभ सिद्ध होता है। अब यदि झाड़ू के बिज़नेस के तीसरे फायदे की बात की जाए तो इसमें किसी बड़ी कंपनी का एकाधिकार नहीं है और ना ही लोगों के बीच किसी एक कंपनी की झाड़ू खरीदने की बाध्यता होती है। उनके द्वारा तो किसी भी किराने की दुकान पर जाकर एक अच्छी गुणवत्ता की झाड़ू खरीदी जाती है। इस तरह से आपका झाड़ू का बिज़नेस शुरू करने पर लाभ ही लाभ होने वाला है।

झाड़ू का बिज़नेस कैसे करें – Related FAQs

प्रश्न: झाड़ू बनाने के लिए क्या क्या चाहिए?

उत्तर: झाड़ू बनाने के लिए प्लास्टिक, बांस, ब्रूम इत्यादि सामान चाहिए होता है।

प्रश्न: मकई की झाड़ू को कितने समय तक भिगोना है?

उत्तर: मकई की झाड़ू को 20 मिनट के समय तक भिगोना है।

प्रश्न: झाड़ू कब बदलना चाहिए?

उत्तर: झाड़ू दिवाली पर बदलना चाहिए।

प्रश्न: झाड़ू लाने के लिए कौन सा दिन अच्छा है?

उत्तर: झाड़ू लाने के लिए अमावस्या का दिन अच्छा है।

इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने झाड़ू का बिज़नेस शुरू करने के बारे में पूरी जानकारी ले ली है। आपने यह जान लिया है कि यदि आपको झाड़ू का बिज़नेस शुरू करना हुआ हो तो आपको किस किस तरह की तैयारियां करके रखनी होगी ताकि आपके बिज़नेस में कभी भी मंदी ना आने पाए। तो क्या अब आप झाड़ू का बिज़नेस करने को तैयार है या अभी भी आपके मन में किसी तरह की शंका शेष रह गयी है!! यदि ऐसा है तो आप नीचे कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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