भारत में खेल रत्न पुरस्कार इन दिनों बेहद चर्चा में है। इस सम्मान पर विवाद शुरू हुआ था पिछले साल से, जब केंद्र सरकार ने खेल रत्न से राजीव गांधी का नाम हटाकर उसे सिर्फ खेल रत्न कर दिया। और 6 अगस्त, 2021 को इस विवाद को और हवा मिली, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल रत्न को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड किए जाने की घोषणा की। आज हम आपको इस पोस्ट में खेल रत्न के इतिहास और इससे जुड़े तमाम बिंदुओं के बारे में जानकारी देंगे। आइए शुरू करते हैं-
खेल रत्न पुरस्कार क्या है? किसके नाम पर पुरस्कार
दोस्तों, आपको बता दें कि खेल रत्न पुरस्कार को राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान के तौर पर आज से करीब 30 साल पहले 1991-1992 शुरू किया गया था। यह देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान है। यह पुरस्कार खिलाड़ियाें को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल क्षेत्र में शानदार और सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है।
खेल रत्न पुरस्कार किसके नाम पर दिया जाता है?
पिछले साल यानी 2020 केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राजीव गांधी का नाम हटाकर इसे केवल खेल रत्न पुरस्कार कर दिया था। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल को यह अवार्ड खेल रत्न के नाम पर ही दिया गया। छह अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इस अवार्ड का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर किए जाने की जानकारी दी।
विजेता को 25 लाख रुपए की पुरस्कार राशि और प्रमाण पत्र मिलता है
मित्रों, पहली बार खेल का यह सर्वोच्च पुरस्कार शतरंज के दिग्गज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद को मिला था। आपको बता दें कि इस पुरस्कार के तहत 25 लाख रुपए की राशि और प्रमाण पत्र दिया जाता है। आपको बता दें कि आज से करीब 16 साल पहले तक पुरस्कार राशि पांच लाख रुपए थी। सन् 2005 में इसे बढ़ाकर साढ़े सात लाख रुपए किया गया। इसके बाद पिछले साल यानी 2020 में तत्कालीन खेल मंत्री किरण रिजिजू ने पुरस्कार राशि को 300 फीसदी बढ़ाकर 25 लाख रुपए किए जाने की घोषणा की।
साथियों, इस अवार्ड से सम्मानित होने वाले खिलाड़ियों की लंबी फेहरिस्त है। तमाम बड़े खिलाड़ियों को यह अवार्ड मिला है। अब तक की फेहरिस्त पर नजर डालें तो इस सूची में मशहूर पूर्व भारतीय टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस, महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, पूर्व हाकी कप्तान धनराज पिल्ले, मशहूर बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद, देश के लिए इंडिविजुअल ओलंपिक मेडल जीत चुके अभिनव बिंद्रा, एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज, मशहूर महिला बाक्सर मैरी कॉम और भारतीय महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाल आदि के नाम शामिल हैं।
आपको बता दें कि अभिनव बिंद्रा इस अवार्ड को पाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं। उन्हें केवल 18 साल की उम्र में यह सम्मान मिला।
खेल रत्न का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने का स्वागत
भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड रखने के फैसले का उनके पुत्र अशोक ध्यानचंद समेत संपूर्ण खेल जगत ने स्वागत किया है। वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत की एकमात्र एथलेटिक्स पदक विजेता और 2003 में राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड प्राप्त करने वाली अंजू बॉबी जॉर्ज ने साफ कहा कि खेल पुरस्कारों के नाम खिलाड़ियों के नाम पर रखे जाने चाहिए।
यह सही समय है जब हम अपने खेल पुरस्कारों का नाम अपने खेल के दिग्गजों के नाम पर रखें। यह सही कदम है। मेजर ध्यानचंद हमारे खेल नायक हैं। हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है।
हाकी का जादूगर कहा जाता है मेजर ध्यानचंद को
साथियों, यह तो आपको पता ही होगा कि मेजर ध्यानचंद को महानतम हॉकी खिलाड़ी माना जाता है। उन्हें हाकी का जादूगर भी कहा जाता है। उन्होंने अपने 1926 से 1949 तक के शानदार करियर के दौरान 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक का शीर्ष खिताब हासिल किया था। दोस्तों, आपको बता दें कि ओलंपिक में भारत को कई गोल्ड मेडल दिलाने वाले इस खिलाड़ी की हॉकी स्टिक को मैगनेट कहा जाता था।
यह माना जाता था कि यदि बाल एक बार उनके पास चली आए तो फिर वह स्टिक से मैगनेट यानी चुंबक की तरह चिपक जाती है। ऐसे में किसी भी प्रतिपक्षी खिलाड़ी का इसे छीन पाना तकरीबन नामुमकिन हो जाता था।
ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनता है राष्ट्रीय खेल दिवस
दोस्तों, खास बात यह है कि मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में ही 29 अगस्त को अपने भारत देश का राष्ट्रीय खेल दिवस भी मनाया जाता है। इस दिन देश में कई सरकारी और गैर सरकारी आयोजन किए जाते हैं। हालांकि इन आयोजनों को केवल बरसाती आयोजन की संज्ञा दी जाती है। क्योंकि हकीकत में अगले ही दिन लोग खेलों पर बात करना भूल जाते हैं।
ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग को लेकर चला अभियान
भारत के महान हाकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को बरसों से भारत रत्न पुरस्कार दिए जाने की मांग उठती रही है। जब भी कोई पार्टी विपक्ष में होती है तो इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाती है। मेजर ध्यानचंद के पुत्र अशोक ध्यानचंद जो कि खुद एक हॉकी खिलाड़ी रहे हैं, उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी एक अभियान चलाया था। और इसे लेकर जमीनी तौर पर भी पूरी तरह सक्रिय थे।
हालांकि अब जब सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न को ध्यानचंद के नाम पर की जाने की घोषणा की तो अशोक ध्यानचंद ने इसका स्वागत करते हुए इसे एक बहुत अच्छा कदम बताया। अलबत्ता अभी भी बहुत सारे लोग ध्यानचंद को भारत रत्न दिए जाने की मांग पुरजोर तरीके से उठा रहे हैं। उनका मानना है कि इससे कम पर कुछ भी स्वीकार्य नहीं है।
2024 में महिला क्रिकेटर मिताली राज और अश्विन के नाम की सिफारिश
दोस्तों, आपको बता दें कि 2024 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई (BCCI) की ओर से भारतीय महिला क्रिकेटर मिताली राज और भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाज आर अश्विन के नाम की इस सम्मान के लिए सिफारिश की गई है। आपको बता दें कि मिताली राज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने 22 साल पूरे कर चुकी हैं। यह 38 वर्षीया शानदार खिलाड़ी सात हजार से अधिक रन अपने नाम कर चुकी हैं। वे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में सबसे कामयाब बल्लेबाज मानी जाती है।
इसके अलावा अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है अश्विन ने हाल ही में खत्म हुई वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भी भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट चटकाए थे। आपको लगे हाथों यह भी बता दें कि इन दोनों खिलाड़ियों को इससे पूर्व अर्जुन पुरस्कार भी मिल चुका है।
खेल रत्न खिलाड़ियों का नामांकन और चयन कैसे होता है?
खेल रत्न पुरस्कार भारत सरकार का खेल एवं युवा मामलों का मंत्रालय हर साल देता है। मंत्रालय की एक कमेटी अलग-अलग खेलों में खिलाड़ियों को नामित करती है और बाद में उनमें से उनकी परफार्मेंस के आधार पर अवार्ड के लिए खिलाड़ी का चयन करती है।
आपको बता दें दोस्तों कि यह एक 12 सदस्य समिति होती है, जो कि ओलंपिक, पैरालंपिक, एशियाई और कॉमनवेल्थ खेलों में प्रदर्शन के आधार पर किसी खिलाड़ी के प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है और फिर उसे नामित करती है।
2015 में बदला परफार्मेंस के मूल्यांकन का आधार
साथियों, आप शायद इस तथ्य से नावाकिफ होंगे कि पहले किसी खिलाड़ी को उसके पिछले एक साल के प्रदर्शन के आधार पर खेल रत्न पुरस्कार दिया जाता था।लेकिन 2015 के बाद से यह पुरस्कार दिए जाने में पिछले 4 वर्ष के प्रदर्शन को आधार बनाया जाने लगा। यही आधार अभी तक कायम है।
कोरोना की वजह 2020 में पहली बार वर्चुअल हुआ समारोह
साथियों, कोरोना की वजह से पिछले साल सन् 2020 में पूरी दुनिया अस्त-व्यस्त रही। भारत में भी इसका बेहद बुरा असर रहा। आलम यह था कि पहली बार राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड समारोह राष्ट्रपति भवन में नहीं हुआ। उसे वर्चुअल तरीके से आयोजित किया गया। इसमें शिरकत करने से पहले खेल मंत्रालय के प्रोटोकॉल के तहत हर खिलाड़ी और कोच को समारोह स्थल पर पहुंचने से पहले कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य था। यह टेस्ट हुआ।
पहली बार 5 खिलाड़ियों को खेल रत्न दिया गया। इसमें से दो खिलाड़ी रोहित शर्मा और रेसलर विनेश फोगाट सेरेमनी में शामिल नहीं हुए। विनेश फोगाट की एक दिन पहले ही कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। वहीं, रोहित शर्मा इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल (IPL) के लिए यूएई में थे। आपको बता दें कि इससे पहले 2016 में चार खिलाड़ियों को खेल रत्न मिला था। इनमें पीवी सिंधु, साक्षी मलिक और दीपा कर्माकर तीन महिला खिलाड़ी शामिल थीं।
दोस्तों, आपको शायद यह न पता हो कि कोरोना से सुरक्षा को देखते हुए महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी पीपीई किट में अवॉर्ड लेने बेंगलुरु स्थित स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी साईं (SAI) के सेंटर मेें पहुंची। 2020 में रोहित शर्मा यह अवॉर्ड पाने वाले चौथे क्रिकेटर बने। उनसे पहले सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली यह सम्मान प्राप्त कर चुके थे।
अब तक किन खिलाड़ियों को मिला राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड
खिलाडी | खेल | वर्ष |
1. विश्वनाथन आनंद | शतरंज | 1992 |
2. गीत सेठी | बिलियर्ड्स | 1993 |
3. होमी डी मोतीवाला एवं पी के गर्ग | याचिंग | 1995 |
4. कर्णम मल्लेश्वरी | भारोत्तोलन | 1996 |
5. कुंजुरानी देवी एवं लिएंडर पेस | भारोत्तोलन, लॉन टेनिस | 1997 |
6. सचिन तेंदुलकर | क्रिकेट | 1998 |
7. ज्योतिर्मयी सिकंदर | एथलेटिक्स | 1999 |
8. धनराज पिल्लै | हॉकी | 2000 |
9. पुलेला गोपीचंद | बैडमिंटन | 2001 |
10. अभिनव बिंद्रा | निशानेबाजी | 2002 |
11. अंजलि भागवत एवं K. M. बीनामोल | निशानेबाजी, एथलेटिक्स | 2003 |
12. अंजू बोबी जॉर्ज | एथलेटिक्स | 2004 |
13. राज्य वर्धन सिंह राठौर | निशानेबाजी | 2005 |
14. पंकज आडवाणी | बिलियर्ड्स एवं स्नूकर्स | 2006 |
15. मानवजीत सिंह संधू | निशानेबाजी | 2007 |
16. महेंद्र सिंह धोनी | क्रिकेट | 2008 |
17. M.C. मैरिकोम विजेंदर सिंह, सुशील कुमार | मुक्केबाजी, मुक्केबाजी,कुश्ती | 2009 |
18. साइना नेहवाल | बैडमिंटन | 2010 |
19. गगन नारंग | निशानेबाजी | 2011 |
20. विजय कुमार योगेश्वर दत्त | निशानेबाजी, कुश्ती | 2012 |
21. रंजन सोढ़ी | निशानेबाजी | 2013 |
22. सानिया मिर्जा | लॉन टेनिस | 2015 |
23. P. V. सिन्धु, दीपा कर्मकार,साक्षी मालिक और जीतू राय | बैडमिंटन,जिम्नास्टिक,कुश्ती, निशानेबाजी | 2016 |
24. देवेन्द्र झाझारिया, सरदार सिंह | जेवलिन थ्रो, हॉकी | 2017 |
25. विराट कोहली, मीराबाई चानू | क्रिकेट, भारोत्तोलन | 2018 |
26. बजरंग पुनिया दीपा मालिक | कुश्ती, शॉटपुट एवं जेवलिन थ्रो | 2019 |
27.रोहित शर्मा | क्रिकेट | 2020 |
कांग्रेस ने की नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदले जाने की मांग
कांग्रेस ने भी खेल रत्न मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखे जाने का स्वागत किया। लेकिन इसके साथ ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना भी साधा है। उन्होंने इसके साथ ही इस बात की मांग भी की है कि अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदलकर किसी खिलाड़ी के नाम पर कर दिया जाए। कांग्रेस की ओर ले रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी का पक्ष रखा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसे लेकर बयान दिया है।
सोशल मीडिया पर छापा रहा खेल रत्न की सियासत पर विवाद
सोशल मीडिया पर जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के जरिए खेल रत्न अवॉर्ड ध्यानचंद के नाम पर किए जाने की जानकारी दी, वैसे ही सोशल मीडिया पर इस पुरस्कार को लेकर हो रही सियासत पर विवाद छिड़ गया। बहुत से लोग इस बात के पक्षधर थे कि खेल से जुड़े संस्थानों, स्टेडियम आदि का नाम नेताओं के नाम पर ना रख कर खिलाड़ियों के नाम पर रखा जाए। आपको बता दें कि दिल्ली में अरुण जेटली क्रिकेट स्टेडियम है।
वही अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर भी एक स्टेडियम का नाम है। मोटेरा के स्टेडियम को बाद में नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम दिया गया। राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से राजीव गांधी के नाम को हटाए जाने को लेकर लोगों ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम के नाम को बदले जाने की भी बात कही। बहुत से लोगों का यह भी कहना था कि यह परंपरा कांग्रेस ने शुरू की थी और भाजपा ने यह नाम हटाकर एक अच्छी शुरुआत की है। दोनों ही पक्षों के लोगों ने अपने-अपने तर्क अपनी बात के समर्थन में दिए।
खेल रत्न पुरस्कार से जुड़े कुछ सवाल
राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड की शुरुआत कब हुई?
राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड की शुरुआत 1991-92 में हुई।
खेल रत्न अवॉर्ड के तहत क्या प्रदान किया जाता है?
इस अवार्ड के अंतर्गत 25 लाख रुपए और प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।
राजीव गांधी का नाम खेल रत्न अवॉर्ड से कब हटाया गया?
सन 2020 में राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से राजीव गांधी का नाम हटाया गया।
अब इस अवार्ड का नाम क्या रखा गया है?
अब इस अवार्ड का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार रखा गया है।
मेजर ध्यानचंद कौन थे?
मेजर ध्यानचंद भारत के मशहूर हाकी खिलाड़ी थे। उन्हें हाकी का जादूगर पुकारा जाता था।
दोस्तों, यह थी खेल रत्न के सभी बिंदुओं पर जानकारी। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए जानकारी वर्धक साबित होगी। यदि आप इसी प्रकार के किसी अन्य अहज्ञ विषय पर हमसे जानकारी चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। आपके सुझावों और प्रतिक्रियाओं का हमें स्वागत है। ।।धन्यवाद।।