सिर्फ एक दिन में खुद को कैसे बदलें? खुद को एक दिन में बदलने के 12 टिप्स (how to change yourself only in one day? 12 tips to change yourself only in one day)
आपको जीवन में सफलता चाहिए तो उसके लिए पहले आपको खुद को बदलना पड़ता है। अपनी कई ऐसी आदतों को छोड़ना पड़ता है, जो आपके बढ़ने के मार्ग में बाधा बनी हैं। जैसे-यदि आप को बहुत गुस्सा आता है तो उस पर कंट्रोल करना सीखना होगा आदि।
बहुत सी आदतें ऐसी हैं, जिन पर आप अपनी इच्छाशक्ति से एक दिन में ही नियंत्रण पा सकते हैं, उन्हें बदल सकते हैं। यदि आप भी एक दिन में अपने आपको बदलना चाहते हैं तो हम आपके लिए वे टिप्स लेकर हाजिर हैं, जिससे आप अपने व्यक्तित्व में मनचाहा बदलाव ला सकते हैं। आज इस पोस्ट में हम आपको यही बताएंगे कि आप सिर्फ एक दिन में खुद को कैसे बदलें? आइए, शुरू करते हैं-
सबसे पहले तय करें कि आप अपने आप में किस प्रकार का बदलाव चाहते हैं (First decide, What type of change you want to make in yourself)
दोस्तों, यदि आप वास्तव में खुद को बदलना चाहते है तो यह उसका सबसे पहला कदम है। आपको यह तय करना होगा कि आप अपने भीतर किस प्रकार का बदलाव चाहते हैं। मसलन आप अपनी दिनचर्या में बदलाव (change in daily routine) चाहते हैं? अपनी कुछ आदतों में बदलाव (change in some habits) चाहते हैं? कार्य के किसी तरीके में बदलाव (change in your style of work) चाहते हैं? या कुछ और। जब आप यह तय कर लेंगे तो आपके लिए स्वयं के बदल पाना बेहद आसान होगा। आम तौर आप खुद को इस प्रकार बदल सकते हैं-
1. अपनी सोच में पाजिटिविटी लाएं (bring positivity in your thinking)-
यदि आप में बहुत नकारात्मकता (negativity) है। आप किसी भी चीज के निगेटिव पहलू के बारे में बहुत सोचते हैं। किसी भी काम को करने से डरते हैं तो सबसे पहले अपने अंदर से यह डर आपको निकालना होगा और अपनी सोच में पाजिटिविटी (positivity) यानी सकारात्मकता लानी होगी। इसमें आपको मिनटों का समय नहीं लगेगा।
आज और अभी से आप सोच लीजिए कि आपको अपनी सोच पाजिटिव ही रखनी है, चाहे जो हो जाए। मान लीजिए कि आपको वाहन चलाना सीखना है और आपके अंदर बहुत नकारात्मकता की भावनाएं उत्पन्न हो रही हैं, जैसे कि आप इसे चलाना नहीं सीख सकते? अथवा आपका एक्सीडेंट हो गया तो आप क्या करेंगे? तो इन बातों को तुरंत दिमाग से झटक दीजिए।
किसी प्रशिक्षित वाहन चालन प्रशिक्षण केंद्र में जाकर उसकी मदद से वाहन सीखना शुरू कर दीजिए। अपनी सोच को सकारात्मक भावनाओं से भर दीजिए। उस वक्त के बारे में सोचिए, जब आप सड़कों पर फर्राटा भरेंगे। इससे आपको मदद मिलेगी।
2. स्थिति कोई भी हो, अपना आत्मविश्वास बनाए रखें (whatever the situation, keep your confidence) –
दोस्तों, चाहे मौका या स्थिति कोई भी हो, आप अपने आत्मविश्वास को डाउन न होने दें। जैसे- मान लीजिए कि आपको किसी मंच पर भाषण देना है और आपसे बहुत बेहतर वक्ता अपनी बात कहकर गए हैं, आप आत्मविश्वास महसूस नहीं कर रहे तो ऐसे में अपनी तैयारी पर भरोसा करें।
विभिन्न उदाहरणों के जरिए अपनी बात इस लहजे में कहें कि दूसरों के मन को भा जाए। यकीन रखें, दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं, जो आप नहीं कर सकते। वह कहावत तो आपने सुनी ही होगी-मन जीते जग जीत। तो बस अपने मन को अपनी मुट्ठी में कीजिए और जगत जीतने की तैयारी कर लीजिए।
3. दूसरों की बात सुनने की आदत डालें (make the habit of hearing others too)-
यदि हमें दूसरों की बात सुनने की आदत नहीं और हम केवल अपनी ही चलाते रहते हैं तो इसका अर्थ है कि हमारा कम्युनिकेशन स्किल (communication skill) बेहद खराब है। इसे बदलने के लिए हमें दूसरों को सुनने की आदत विकसित करनी होगी।
ऐसा आप तुरंत कर सकते हैं। जब आप दूसरों की बात सुनने लगेंगे और उसके आधार पर ही किसी बात का जवाब देंगे तो पाएंगे कि कितनी ही गलतफहमियां थीं, जो दूसरों की बात सुने बगैर आपके दिमाग में उत्पन्न हो गई थीं। यह स्किल आपको एक बेहतर इंसान बनने में भी मदद करेगा।
4. अपने गुस्से पर कंट्रोल करे (control your anger)-
गुस्सा किसी सूरत में अच्छा नहीं। यह आपके चेहरे की भाव भंगिमा को तो बिगाड़ता ही है, इसके साथ ही आपको ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी दे सकता है। आपको वह कदम उठाने पर मजबूर कर सकता है, जो आप नहीं उठाना चाहते। इस आदत को बदलने में भी मिनटों लगते हैं।
इसके लिए एक पुराना तरीका आजमाइए। जब भी आपको गुस्सा आए तो एक गिलास ठंडा लें और घूंट घूंटकर पिएं। या फिर एक से 10 तक गिनें। इस बीच आपको सोचने का समय मिलेगा और आपका गुस्सा शांत हो जाएगा। आपको लगेगा कि आप बेकार ही गर्म हो रहे थे।
5. प्रतिदिन व्यायाम की आदत डालें (make it a habit to exercise daily)-
यदि आप सुबह हर रोज व्यायाम करते हैं तो इससे न केवल आपका दिलो दिमाग ताजा होता है, बल्कि आपका शरीर भी चुस्त दुरूस्त रहता है। शरीर बेहतर रहता है तो व्यक्ति काम भी अच्छे से कर पाता है। इसके विपरीत यदि आपकी सुबह आंख खुलने के साथ ही जीवन की चिंताओं से जूझते हुए शुरू होती है तो यह ठीक नहीं।
सबसे अच्छा तो यह है कि आप सुबह सवेरे चिड़ियों की चहचहाहट के साथ ही बिस्तर छोड़ दें और अपने शरीर और मन को बेहतर बनाने के लिए एक्सरसाइज करें। चाहें थोड़े समय के लिए करें, लेकिन करें जरूर। आप कई बीमारियों से दूर रहेंगे।
6. जोखिम उठाने की प्रवृत्ति विकसित करें (develop an attitude to take risk)-
यदि आप जीवन में बहुत सेफ साइड रहते हैं तो आप अपनी जिंदगी से रोमांच को खत्म कर देते हैं, जो व्यक्ति के जिंदादिल बने रहने के लिए बेहद आवश्यक है। रिस्क लेने या जोखिम उठाने से तात्पर्य यह नहीं है कि आप कोई ऐसा काम करें, जिससे आपके जीवन को खतरा पैदा हो जाए। बल्कि कैलकुलेटेड रिस्क (calculated risk) लेने से है। आप पहले जोखिम को समझें, उसका मूल्यांकन (valuation) करें और स्वयं को सुरक्षित (safe) करते हुए ही कदम आगे बढ़ाएं।
7. सदैव सच बोलने की कोशिश करें (try always to speak the truth)-
बहुत से लोग अपनी पढ़ाई, काम-धंधे, तनख्वाह आदि को लेकर झूठ बोल देते हैं। बाद में इस झूठ को बचाए रखने के लिए उन्हें कई झूठ बोलने पड़ते हैं। यह उनका व्यक्तित्व भी खराब (personality damage) करता है। इसलिए कोशिश करें कि हमेशा सच बोलें।
इससे न तो आपको किसी से कुछ छिपने की जरूरत पड़ेगी और न ही एक झूठ छिपाने के लिए सौ झूठ बोलने की नौबत सामने आएगी। लोग आपकी बातों पर विश्वास करेंगे।
और यह तो आप जानते ही हैं कि विश्वास एक बड़ी पूंजी है। अधिकांश लोग अपने यहां काम पर भी ऐसे ही लोगों को रखना पसंद करते हैं, जो सच्चे व ईमानदार हों। इसलिए झूठ से जहां तक हो सके दूर ही रहें। यदि किसी की जान बचाने का सवाल पैदा न हो रहा हो तो झूठ कतई न बोलें।
8. टाइम मैनेजमेंट सीखें (learn time management)-
बड़े से बड़ा व्यक्ति अपने टाइम मैनेजमेंट (time management) के जरिए ही अपनी जिंदगी को अपने तरीके से खूबसूरती के साथ जी पाता है। उसक प्रत्येक कार्य का समय नियत है। यह तो आप जानते ही हैं दोस्तों कि सभी के पास वही 24 घंटे हैं, जिनमें उन्हें सभी जरूरी कार्य करने हैं।
कुछ लोग काम पूरा न होने पर झींकते रहते हैं तो कुछ बेहद तरतीबी से काम को अंजाम देते हैं। आपको भी अपने टाइम को मैनेज करना है। जैसे-अपने सोने, उठने, एक्सरसाइज करने, खाने-पीने, घूमने आदि का समय नियत करें। जो काम अधिक समय मांगता है, उसके लिए अधिक समय रखें।
इसके बाद अपने इस टाइम टेबल को सख्ती से फाॅलो (follow) करें। आप पाएंगे कि आपके सभी काम समय से पूरे हो रहे हैं। आपको किसी तरह का अतिरिक्त बोझ लेने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है।
9. सहकर्मियों अथवा दूसरों की पीठ पीछे बुराई न करें (don’t backbiting of your colleagues or any one else?)-
बहुत से लोगों में यह आदत होती है, कि वे अपने सहकर्मियों अथवा दूसरों की उनकी पीठ के पीछे बुराई करते हैं। यह आदत ठीक नहीं, इससे उनकी इमेज खराब (image spoil) होती है। अथवा इस आदत की वजह वे आए दिन विवादों में घिरते हैं। यदि आपको भी यही आदत है और आपको चुगलियों में आनंद आता है तो इस आदत को तुरंत छोड़ दें। यह आदत आपके व्यक्तित्व (personality) में एक दाग की तरह है।
10. दिन में कुछ समय अपने शौक के लिए जरूर रखें (take some time aside for your interest every day)
मित्रों, यह सबसे और आखिरी बात। आपको जिस काम से खुशी मिलती है, दिन में वह काम जरूर करें। जैसे यदि आपको पेंटिंग का शौक है, तो दिन में कुछ समय अपने इस शौक के लिए जरूर रखें। आपको किताबें पढ़ने का शौक है तो आनलाइन किताबें भी पढ़ सकते हैं। कहने का अर्थ यह है कि अपना वह शौक अवश्य पूरा करें, जिससे पूरा करके आपका दिन बन जाता है।
11. अपनी पर्सनैलिटी को चमकाने पर मेहनत करें (try hard to polish your personality)-
अभी तक हमने आपको आपके भीतर के गुणों को विकसित करने की बात की। एक और जरूरी बात। आप अपनी पर्सनैलिटी को चमकाने पर भी मेहनत करें। जैसे कि जब भी आप काम पर अथवा बाहर जाएं, आपके बाल उलझे उलझे बगैर कंघी किए न हों, अपने स्टाइल के अनुसार उन्हें सेट करके रखें। अपने चेहरे पर मुस्कान सजाए रखें।
आपके जूते धुले हों, यदि फार्मल हैं तो पालिश किए चम-चम करते रहें। आपके कपड़े ब्रांडेड बेशक न हों, लेकिन साफ-सुथरे एवं प्रेस किए हुए जरूर हों। आप बात कहने में सलीका लाएं। बहुत तेज अथवा धीरे न बोलें। अपनी भाषा पर काम करें। जरूरत पड़े तो इंगलिश स्पीकिंग (English speaking) का क्रैश कोर्स (crash course) कर लें।
अपनी चाल में एक रिदम (rhythm) पैदा करें। बहुत हड़बड़ाए हुए न रहें। यदि कहीं जा रहे हैं और साथ में महिला साथी हों तो पहले गाड़ी से उन्हें उतरने अथवा चढ़ने का मौका दें। मीटिंग रूम में घुसते समय उनके लिए पहले दरवाजा खोल दें।
अपने से बड़े लोगों के अनुभव का लाभ लें। कुछ न कुछ ऐसा अवश्य पढ़ें, जो आपकी पर्सनैलिटी को डेवलप (personality development) करने में मदद करे। ये मोटिवेशनल कोट्स (motivational quotes) भी हो सकते हैं।
12. फ्यूचर प्लानिंग करें (plan your future)-
यह एक सच है कि व्यक्ति बेशक वर्तमान (present) जी रहा होता है, लेकिन उसकी सारी सोच भविष्य (future) पर केंद्रित होती है। दिक्कत वहां होती है, जहां आदमी केवल भविष्य के बारे में सोचता रहता है, लेकिन उसे बेहतर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाता।
यदि आप भी ऐसे ही लोगों में हैं तो इसमें तुरंत सुधार लाएं। भविष्य की प्लानिंग करें। खुद से पूछें कि आप भविष्य में खुद को कहां देखते हैं। फिर उसी के अनुसार अपने लक्ष्य निर्धारित करें।
भविष्य के लिए अपना पैसा किसी अच्छी योजना में निवेश (investment) करें ताकि आपको पैसे की दिक्कत न उठानी पड़े। आपको घर लेना है, गाड़ी लेनी है, विदेश घूमना है, कोई खास कोर्स लेना है तो इसके बारे में अभी से तैयारी शुरू कर दें।
स्वामी विवेकानंद ने वे कौन सी बातें कहीं, जिन्हें अपनाकर आप खुद में बदलाव ला सकते हैं?
मित्रों, स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) के नाम से आप सब परिचित ही होंगे। वे ऐसे महापुरुष थे, जिन्होंने रामकृष्ण मठ (ramkrishna math), रामकृष्ण मिशन (ramkrishna mission) एवं वेदांत सोसायटी (vedant society) की नींव रखी।
1893 में अमेरिका (America) के शिकागो (Chicago) में हुए विश्व धार्मिक सम्मेलन (world religion conference) में दिए उनके भाषण को आज भी मील का पत्थर माना जाता है। उन्होंने युवाओं के लिए ऐसे मंत्र दिए कि उनकी याद में उनके जन्म दिवस 12 जनवरी को युवा दिवस (youth day) के रूप में मनाया जाता है। अब आपको बताएंगे कि उन्होंने वे कौन सी बातें कहीं, जिन्हें अपनाकर आप खुद में बदलाव ला सकते हैं। ये इस प्रकार से हैं-
- उठो जागो और तब तक न रुको, जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते।
- पढ़ने के लिए एकाग्रता आवश्यक है। एकाग्रता के लिए ध्यान। ध्यान से ही हम इंद्रियों पर संयम रख एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं।
- ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल अविष्कार करता है।
- जब तक जीना, तब तक सीखना। अनुभव ही दुनिया में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
- पवित्रता, धैर्य और उद्यम, ये तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूं।
- लोग स्तुति करें या निंदा, तुम्हारा लक्ष्य तुम पर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी विचलित न हों।
- जिस घड़ी जिस कार्य के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे पूरा करो, नहीं तो लोगों का विश्वास उठ जाता है।
- जब तक आप खुद पर भरोसा नहीं करते, तब तक भगवान भी आप पर विश्वास नहीं कर सकते।
- एक समय में एक काम करो और ऐसा करते समय अपनी पूरी ताकत उसमें डाल दो, बाकी सब कुछ भूल जाओ।
- संघर्ष जितना बड़ा होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
आदतें आपको नहीं पकड़ती, आप आदतों को पकड़ लेते हैं
मित्रों, महान लोग कहते हैं कि किसी भी आदत को अपनाने और छोड़ने में केवल तीन दिन लगते हैं। उनका मानना है कि आदतें आपको नहीं पकड़ती, बल्कि आप आदतों को पकड़ लेते हैं।
जाहिर सी बात है कि जब आदतों को आपने पकड़ा है तो उन्हें छोड़ना भी आपको होगा। यह केवल बातें करने से नहीं होगा। आपको एक्शन मोड (action mode) में आना होगा। एक कहावत भी है-‘हजारों किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए आपको सबसे पहले पहला कदम बढ़ाना होता है।’
आदतें आपको अपना गुलाम कैसे बनाती हैं?
साथियों, दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं, जिसकी कोई आदत न हो। अच्छी-बुरी आदतें सब में होती हैं। लेकिन जब हम बात खुद को बदलने की करते हैं तो उसका अर्थ अपनी बुरी आदतों को बदलने से ही होता है। इसके लिए सबसे पहले जान लेते हैं कि आदत क्या है? (What is habit?) दरअसल, जब हम एक ही क्रिया को बार-बार दोहराते रहते हैं तो यह सिलसिला आखिरकार आदत (habit) बनकर हमारे स्वभाव का एक हिस्सा बन जाता है।
अक्सर यही होता है कि समान स्वभाव वाले व्यक्तियों में आपसी प्रेम, मित्रता सरलता से पनप जाती है। बहुधा लोग कहते पाए जाते हैं कि आदतें एक दिन में नहीं बदलतीं। लेकिन दोस्तों, इसके भी अनेक अपवाद (exemption) हुए हैं, जिन्होंने अपनी इच्छाशक्ति से अपनी बुरी आदतों को बदला है।
जैसे बहुत से ऐसे लोग, जिनका शराब पिए बगैर दिन नहीं गुजरता था, वे एक झटके में उसे छोड़ देते हैं। बेशक इसके बाद उन्हें लंबे समय तक अपनी तलब को मारने के लिए संघर्ष (struggle) करना पड़ता है, लेकिन वे ऐसा कर गुजरते हैं। आपकी जानकारी में भी ऐसे बहुत से लोग हो सकते हैं।
खुद को बदलने के लिए सबसे अधिक क्या जरूरी है?
मित्रों, यदि आपने अपने आपको बदलने का निर्णय (decision) ले ही लिया है तो हम आपके साथ हैं। आपको बता दें कि खुद को बदलने के लिए सबसे अधिक जरूरी इच्छाशक्ति (will power) है। यदि कोई एक बार ठान ले कि वह अब अमुक आदत को छोड़ देगा तो फिर उसका कोई रास्ता नहीं रोक सकता।
यदि आप भी अपनी किसी आदत से दुखी हैं, अथवा अपना व्यक्तित्व बेहतर (personality better) बनाने के लिए अपने किसी दुर्गुण को छोड़ना चाहते हैं तो आप अपनी इच्छाशक्ति के बूते उसे तिलांजलि दे सकते हैं। दूसरे केवल आपको प्रेरित कर सकते हैं, लेकिन अंततः कदम आपको ही उठाना होाग। अपनी सहायता स्वयं करनी होगी। अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत बनाए रखना होगा।
खुद को बदलने के लिए फिल्मी सितारों से भी प्रेरणा ले सकते हैं
यदि आप खुद को बदलना चाहते हैं तो अपने बालीवुड के फिल्मी सितारों से भी प्रेरणा ले सकते हैं। ऐसे बहुत से सितारे हैं, जिन्होंने अपने रोल के लिए कठोर परिश्रम कर अपना ऐसा ट्रांसफार्मेशन (transformation) किया कि देखने वाले चौंक गए। इसमें सबसे ऊपर सालों से इंडस्ट्री में मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से विख्यात आमिर खान का नाम ले सकते हैं।
आमिर खान सामान्य कद-काठी के व्यक्ति हैं, लेकिन कभी आप उन्हें गजनी के लिए बाडी बनाते पाएंगे तो कभी थ्री ईडियट्स के स्टूडेंट के रोल के लिए वजन घटाते। दंगल में पिता के रोल के लिए वे अपनी तोंद निकाल लेते हैं। ऐसा नहीं कि यह एक दिन में होता है, लेकिन इसके लिए आमिर खान को एक कठिन शेड्यूल का पालन करना पड़ता है। यदि यह साबित करता है कि आप भी किसी भी कार्य को करने के लिए, अपने आपको बदलने के लिए एक कठिन शेड्यूल का पालन कर सफल हो सकते हैं।
बेहद सुविख्यात धारावाहिक रामायण में राम का किरदार अदा करने वाले अरुण गोविल से भी आप प्रेरणा ले सकते हैं। माना जाता है कि सिगरेट पीने वाले इसे आसानी से नहीं छोड़ पाते। लेकिन अरुण गोविल ने राम बनने के लिए अपनी सिगरेट की लत को तुरंत तिलांजलि दे दी थी। इसके बाद उन्होंने इसे कभी हाथ नहीं लगाया।
ठीक इसी प्रकार साउथ के सुपर स्टार राणा दुग्गूबाटी ने किया। वे अपनी फिल्म नेनू राजा नेनू मंतिरि के लिए डबिंग कर रहे थे। उन्हें मुश्किल हुई और डाक्टर को कंसल्ट किया तो उसने अच्छी आवाज के लिए धूम्रपान छोड़ देने को कहा। राणा ने सेकंड्स नहीं लगाए और हमेशा के लिए इस आदत को तिलांजलि दे दी।
इसी प्रकार तेलुगु सिनेमा के जाने-माने स्टार महेश बाबू ने भी स्मोकिंग पर लिखी एक किताब पढ़कर इस बुरी आदत को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। कहने का मतलब यह है कि यदि आप भी अपनी किसी बुरी आदत से पीछा छुड़ाकर खुद को बदलना चाहते हैं तो फिर इसके लिए कहीं से भी प्रेरणा ले सकते हैं।
वह फिल्मी सितारा हो सकता है अथवा कोई भी ऐसा व्यक्ति हो सकता है, जिसकी तरह आप बनना चाहते हैं। या आप उससे प्रभावित हों। यहां तक कि वह कोई छोटा बच्चा भी हो सकता है। असल मंतव्य तो खुद को बदलने, खुद में परिवर्तन लाने का है।
खुद को बदलना कब मुश्किल होता है?
मित्रों, आपने कई लोगों को देखा होगा, जो इस बात का रोना रोते हैं कि उन्होंने कई बार कोशिश की, लेकिन खुद को नहीं बदल सके अथवा अपनी कोई बुरी आदत छोड़ नहीं सके। क्या आप जानते हैं कि खुद को बदलना कब मुश्किल होता है? यह तब होता है जब आप खुद को बदलना चाहते हैं, लेकिन उसके लिए जी जान लगाकर कोशिश नहीं करना चाहते।
आपको बता दें कि सफलता उन्हीं के हाथ लगती है, जो इसके लिए हरसंभव प्रयास करते हैं। जो दूर बैठकर केवल ज्ञान लेने एवं देने का काम करते हैं, कामयाबी उनसे कोसों दूर रहती है। यदि आप वाकई में खुद को बदलने के इच्छुक हैं तो आपको इसके लिए पहला कदम उठाना ही होगा। जैसे-मान लीजिए कि आपको सुबह देर तक सोने की आदत है। आप सुबह जल्दी उठना चाहते हैं तो हर रोज बहाना बनाने और खुद को समझाने से काम नहीं चलेगा। आपको प्रयास करना होगा।
जैसे-आप नियत समय पर उठने के लिए घड़ी में अलार्म लगाएं अथवा घर में किसी को बता दें कि आपको अमुक समय पर उठा दिया जाए। इसके पश्चात बगैर बिस्तर का मोह किए, आपको काम पर लगना ही होगा। यदि आप सोचें कि कोई दूसरा आपके लिए यह कर लेगा तो साॅरी आप गलत रास्ते पर हैं। पहला कदम आपको ही उठाना होगा।
इसके लिए आप यह भी कर सकते हैं कि आप अपने आपको बदले हुए अंदाज में इमेजिन कर सकते हैं। इस इमेजिनेशन के बाद जब आपको इससे होने वाले लाभ नजर आएंगे तो आप स्वतः बदलाव के लिए पहला कदम उठाने को प्रेरित हो जाएंगे। बहुत से महान लोगों ने यह बात अलग अलग तरीके से समझाई है। एक मशहूर किताब है सीक्रेट।
उसमें इमेजिनेशन एवं जीवन में मिलने वाली कामयाबी के बीच एक सीधा संबंध साधने की कोशिश की गई है। इसमें बताया गया है कि यदि आप कोई बड़ी कार हासिल करना चाहते हैं तो सबसे पहले इमेजिन करें कि आप बड़ी कार के स्वामी हैं।
इससे आपमें यह आत्मविश्वास पैदा होगा कि आप बड़ी कार के स्वामी हो सकते हैं। इसके बाद आप स्वयं इस दिशा में प्रयास करने लगेंगे। ठीक ऐसा ही खेल बदलाव का भी है। यदि आप खुद में बदलाव लाना चाहते हैं तो खुद को इस बदले अंदाज में इमेजिन करें। आपको विश्वास हो जाएगा कि जैसा आप चाहते हैं वैसा कर बदल सकते हैं। खुद को बदल सकते हैं।
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हमें खुद को बदलने की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
अपने व्यक्तित्व को बेहतर बनाने एवं जिंदगी में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें खुद को बदलने की आवश्यकता पड़ती है।
क्या हम एक दिन में खुद को बदल सकते हैं?
ऐसी कई आदतें हैं, जिनमें हम मिनटों में छुटकारा पा सकते हैं। इसी प्रकार हम एक दिन में खुद को बदल भी सकते हैं।
आदत क्या होती है?
जब हम एक ही क्रिया को बार-बार दोहराते हैं तो यह सिलसिला एक दिन हमारे स्वभाव का हिस्सा बन जाता है, जो हमारी आदत कहलाता है।
खुद को बदलने के लिए स्वामी विवेकानंद ने क्या बातें कही हैं?
इन बातों की जानकारी हमने आपको ऊपर पोस्ट में दी है, आप वहां से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
खुद को बदलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी क्या है?
खुद को बदलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी मनुष्य की इच्छाशक्ति है।
दोस्तों, इस पोस्ट (post) में हमने आपको सिर्फ एक दिन में खुद को बदलने के टिप्स दिए। यदि यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो हमें लिखना न भूलें। इसके लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके अपनी बात हम तक पहुंचा सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं का हमें हमेशा की भांति इंतजार है। ।।धन्यवाद।।
Nice thought…It encourage us to leave your bad habbits.
Salute for very nice thoughts …👍