किसान रेल योजना ऑनलाइन अप्लाई, उद्देश्य, सब्सिडी, बुकिंग | Kisan Rail Yojana 2024

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कोरोना को देखते हुए मार्च से पूरे देश में लाॅकडाउन लगाया गया था। लोगों को आवाजाही में भी दिक्कत का सामना करना पड़ा था। खास तौर पर किसानों को अपनी फसलों को मंडी में पहुंचाने के लिए दिक्कतें उठानी पड़ रही थी। कोल्ड स्टोरेज न होने की वजह से उनके सामने फसलों के खराब होने की समस्या मुंह बाए खड़ी थी। उनकी परेशानी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने किसान रेल योजना शुरू की, जिसके माध्यम से किसानों को रेल के जरिये अपनी फसलों को मंडियों तक पहुंचाने की सुविधा प्रदान की गई।

आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसी योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। जैसे-यह योजना क्या है? इसका उद्देश्य क्या है? योजना के तहत किन किन फसलों के transportation पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी? योजना के तहत आवेदन कैसे किया जाए? आदि। आइए शुरू करते हैं-

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किसान रेल योजना क्या है?

दोस्तों, आपको बता दें कि यह पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (public private partnership) आधारित योजना है। केंद्र सरकार की ओर से इस योजना की घोषणा फरवरी में पेश हुए बजट के दौरान ही कर दी गई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि जल्दी खराब होने वाले फल, सब्जियों जैसे उत्पादों के मालवाहन के रूप में किसान रेल चलाई जा रही है। उन्होंने इसे एक स्पेशल पार्सल ट्रेन करार दिया था, जिसे अनाज, फल सब्जियों आदि को लाने और ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।

आपको बता दें कि विधिवत रूप से इसे सात अगस्त, 2020 से शुरू किया गया है। योजना के तहत किसानों के लिए रेलगाड़ियां चलाए जाने का निर्णय किया गया था। मकसद यह था कि जो सब्जी, फल जैसे कृषि उत्पाद जल्द खराब होने वाले होते हैं, उन्हें रेल के जरिये मंडियों तक पहुंचाया जा सके। इससे कोल्ड स्टोरेज की सुविधा मिलेगी और सब्जियां तथा फलों को खराब होने से बचाया जा सकना संभव होगा। यह केंद्र सरकार की किसानों की दिक्कत को देखते हुए एक बेहतरीन सोच है, ऐसा माना जा सकता है।

किसान रेल योजना ऑनलाइन अप्लाई, उद्देश्य, सब्सिडी, बुकिंग

किसान रेल योजना डिटेल्स –

योजना का नामकिसान रेल योजना
किसके द्वारा शुरू की गयीकेंद्र सरकार द्वारा
लाभार्थीकिसान नागरिक
उद्देश्यकिसानो को फसलों को मंडी तक पहुंचाने के लिए ट्रैन की सुविधा प्रदान करना

किसान रेल योजना के तहत कितनी सब्सिडी का प्रावधान किया गया है?

मित्रों, इस किसान रेल योजना के अंतर्गत किसानों को रेल के किराये में 50 फीसदी सब्सिडी की प्रावधान किया गया है। बाकी 50 प्रतिशत फूड प्रोसेसिंग (food processing) मंत्रालय की ओर से रेल मंत्रालय (rail ministry) को दिया जाएगा। आपको बता दें दोस्तों कि यह सब्सिडी (subsidy) फूड प्रोसेसिंग यानी खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा केवल अधिसूचित यानी शेड्यूल्ड (sheduled) फलों और सब्जियों के transportation पर ही प्रदान की जाएगी।

माना जा रहा है कि इस रेल के चलने से चार राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र् और मध्य प्रदेश के किसानों को सर्वाधिक लाभ होगा। इसके पश्चात आवश्यकता अनुसार इसे चरणबद्ध तरीके से अन्य रूटों पर भी चलाया जा सकता है। फिलहाल इसके लिए इंतजार करना होगा।

सब्सिडी का प्रावधान इन वस्तुओं पर किया गया है-

दोस्तों, आइए अब आपको बता दें कि किन किन फलों और सब्जियों की फसलों के Transportation पर सब्सिडी का प्रावधान किया गया है- फल-अमरूद, केला, संतरा, आम, कीवी, पपीता, लीची, मौसमी, किन्नू, अनानास, नींबू, अनार, सेब, आंवला, नाशपाती आदि। सब्जी-गाजर, फूलगोभी, शिमला मिर्च, करेला, बैंगन, फ्रेंच बींस, मटर, लहसुन, प्याज, टमाटर, आलू आदि। हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि sheduled चीजों के अलावा इस योजना के तहत अन्य वस्तुओं का परिवहन संभव नहीं होगा।

कहां से कहां चलाई गई train, अब तक कितनी रेल चलीं –

मित्रों, अब आपको बताते हैं कि इस योजना के अंतर्गत पहली रेल किस दिन चली और अब तक कितनी रेल चलाई गई। पहली रेल 7 अगस्त, 2020 को महाराष्ट्र् के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच चलाई गई। रेल सुबह 11 बजे के करीब देवलाली से रवाना होकर करीब 32 घंटे में दानापुर पहुंची। इस रेल ने 1519 किलोमीटर का सफर तय किया। योजना की सौवीं रेल महाराष्ट्र्के  संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार के लिए 28 दिसंबर, 2020 को रवाना हुई।

इस रेल को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने ट्विटर हैंडल से किसान रेल सेवा के माध्यम से किसानों की आमदनी बढ़ने और खेती से जुड़ी अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आने की बात कही। दोस्तों, आपको पता ही होगा कि केंद्र सरकार ने किसानों के लिए उनकी आय 2024 तक दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है।

किसान रेल योजना की खास बातें –

साथियों, अब आपको बताते हैं कि किसान ऋण योजना से जुड़ी खास खास बातें क्या है ताकि आपको एक नजर में इस योजना की खासियत समझ में आ सके यह इस प्रकार से हैं-

  • इस रेल के माध्यम से छोटी जगहों के किसानों की फसलें बड़ी मंडियों तक पहुंच सकेंगी।
  • इस रेल के जरिये कोल्ड स्टोरेज की कमी को पूरा किया जा सकेगा। सामग्री खराब नहीं हो पाएगी।
  • सप्लाई चेन के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया।
  • एक राज्य के किसानों के लिए दूसरे राज्य की मंडियों में फसल भेजना संभव।
  • वक्त रहते मंडियों में फसल पहुंचने और बिक्री से किसानों की आमदनी में बढ़ोत्तरी।

किसान रेल सेवा के तहत तय किया गया किराया –

दोस्तों, आपको बता दें कि इस किसान रेल योजना का फायदा उठाने के लिए किसानों को प्रति टन के हिसाबसे किराये का प्रावधान किया गया है। प्रति टन यह किराया इस प्रकार तय किया गया है-

  • खंडवा से दानापुर-3148 रूपये
  • बुरहानपुर से दानापुर-3323 रूपये
  • भुसावल से दानापुर-3459 रूपये
  • जलगांव से दानापुर-3513 रूपये
  • मनमाड़ से दानापुर-3849 रूपये
  • नासिक रोड से दानापुर-4001 रूपये
  • देवलाली से दानापुर-4001 रूपये

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किसान रेल योजना ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

साथियों, आपको बता दें कि अभी तक किसान रेल की online बुकिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। जैसे कि ही यह बुकिंग शुरू की जाएगी, वैसे ही हम आपको इस आवेदन प्रक्रिया की जानकारी देंगे। आपको बस इतना करना है कि आप इस वेबसाइट को लगातार चेक करते रहें।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने किसानों के सुधार की बड़ी योजनाएं बनाई हैं। दरअसल, देश में छोटे और सीमांत किसानों की संख्या अधिक है। ऐसे में देश में फसलों के कटान के बाद उनके रख-रखाव की बेहतर स्थिति न होने से किसानों की आय 2024 तक दुगुनी करने का उसका सपना पूरा होने में बड़ी बाधा है।

उत्पादन को देखते हुए दुगुने कोल्ड स्टोरेज की जरूरत –

केंद्र सरकार ने कोल्ड स्टोरेज की समस्या और फसलों के खराब होने की दिक्कत को देखते हुए किसान रेल योजना की शुरूआत तो की है, लेकिन आपको बता दें कि देश में उत्पादन को देखते हुए मौजूदा कोल्ड स्टोरेज की संख्या कम है। यह संख्या उत्पादन की दुगुनी होनी चाहिए। आपको बता दें कि पर्याप्त कोल्ड स्टोरेज न होने से हर साल बड़े पैमाने पर किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है। यहां एक अनुमान की बात करें तो कोल्ड स्टोरेज न होने की वजह से देश में फल-सब्जी के कुल उत्पादन का 15.88 फीसदी तक खराब हो जाता है।

अक्सर किसानों के लिए फसल की लागत तक निकाल पाना मुश्किल होता है। आपको बता दें कि सौमित्र चौधरी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार की थी, जिसके मुताबिक देश भर में 6500 कोल्ड स्टोरेज (cold storage) हैं। इनकी क्षमता 32 करोड़ टन की स्टोरेज की है। वास्तविक स्थिति की बात करें तो देश में 61 करोड़ टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता है। साफ है कि यह वर्तमान क्षमता की दुगुनी है।

यदि केंद्र सरकार (central government) कोल्ड स्टोरेज की इस समस्या से निपटने में कामयाब रही तो निश्चित रूप से किसानों का नुकसान कम होगा। उनकी लागत से अधिक मुनाफा होगा और निश्चित रूप से किसानों की आय बढ़ाने की ओर एक बेहतर कदम साबित होगा।

कोरोना के चलते रुक गए थे ट्रेनों के पहिए

आपको बता दें कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि ट्रेन के पहिए थम गए हों। कोरोना (corona) के चलते लगे लॉकडाउन के दौरान रेलवे (railway) पूरी तरह ठप रही। जब अनलॉक (unlock) शुरू हुआ तो ट्रेनों का कुछ रूटों पर संचालन शुरू किया गया। किसान रेल योजना का रूट भी इन्हीं में शामिल है।

जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि ट्रेनों के बंद रहने से भारतीय रेलवे को हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। ऐसी स्थिति में यह ट्रेन चलने से उसके नुकसान में बहुत मामूली ही सही लेकिन कमी आई है। इसके साथ ही कोरोना के लॉकडाउन के चलते परेशान किसानों के सामने अपनी फसलों को मंडियों में ले जाने से जुड़ी जो परेशानी खड़ी थी, वह भी कुछ हद तक कम हुई है।

साथियों, यह भी बता दें कि जल्द ही बंगाल में चुनाव होने हैं। ऐसी स्थिति में इस ट्रेन को केंद्र सरकार के नुमाइंदे अपनी एक उपलब्धि के तौर पर अपने वोटरों के सामने पेश कर सकते हैं। कहना होगा कि इस तरह की योजनाओं से वोटरों के दिलों दिमाग पर योजना लाने वाली सरकार के प्रति एक सकारात्मक तस्वीर बनती है।

किसान रेल योजना क्या हैं?

किसान रेल योजना किसानों के लिए केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के अंतर्गत किसानों की फसल को रेलगाड़ी के द्वारा मंडी तक पहुंचाया जाएगा।

किसान रेल योजना का क्या लाभ है?

किसान रेल योजना के शुरू होने से किसानों की खराब होने वाली फसल जैसे सब्जी, फल जैसे कृषि उत्पाद को केंद्र सरकार रेल गाड़ी कि मदद से मंडी तक पहुचाने में सहायता करेंगी।

किसान रेल योजना के अंतर्गत फलयी रेल का संचालन कण शुरू किया गया है?

इस योजना के अंतर्गत फलयी रेलको महाराष्ट्र् के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच चलाई गई थी।

किसानों को किसान रेल योजना के अंतर्गत उपज को मंडी तक पहुंचाने के लिए कितना किराया देना होगा?

किसान रेल योजना के अंतर्गत किसानों को कृषि रेल के माध्यम से अपनी उपज को पहुंचाने के लिए कितना किराया देना होगा उसकी सूची पूरी ऊपर दी गयी हैं।

किसान रेल योजना के अंतर्गत किसान रेल के माध्यम से उपज को कैसे ले जा सकते हैं?

किसान धन योजना के अंतर्गत जो किसान अपनी उपज को रेल माध्यम से मंडी तक लेना अच्छे होते हैं उन्हें जाने वाली ट्रेन को बुक करना होगा।

अंतिम शब्द

साथियों, आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से किसान रेल योजना (kisan rail yojana) चलाए जाने से लाखों किसानों को लाभ होगा। आप जानते ही हैं कि देश में ज्यादातर किसानों के लिए अपनी फसलों को मंडियों तक पहुंचाना एक चुनौती है। इसी वजह से वह अपनी फसलों को खेतों में ही औने-पौने दामों पर बेचकर लाभ कमाने से पीछे रह जाते हैं। ऐसे में किसान रेल  चलने की वजह से इन किसानों के लिए अपनी फसलों को मंडियों में ले जाकर वाजिब दाम पर बेचना संभव होगा।

केंद्र सरकार को इसका लाभ यह होगा कि उसका 2024 तक किसानों की आय में इजाफे का लक्ष्य पूरा हो सकेगा। इसके अलावा कोरोना काल में रेलों के पूरी तरह संचालन शुरू न होने से उनका जो राजस्व का नुकसान हो रहा है, वह भी कुछ हद तक कम हो सकेगा। किसान भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।

एक बार online आवेदन, registration की प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद इस रेल योजना का किसान और भी अधिक आसानी से लाभ उठाने में सक्षम होंगे। उन्हें आवेदन के लिए भी रेलवे स्टेशन का रूख नहीं करना होगा। केवल अपनी फसल लेकर रेल में लदवाने के लिए ले जाना होगा। रेलवे सहायक भी किसानों के इस कार्य में उनके मददगार हैं।

दोस्तों, हमने अभी आपको किसान रेल योजना की जानकारी दी। उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए कारगर साबित होगी। आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो अपनी फसल की आॅफलाइन बुकिंग करा सकते हैं। यदि आप किसी अन्य योजना के संबंध में हमसे जानकारी चाहते हैं तो अपनी बात हमसे नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट करके साझा कर सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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