|| KYC क्या होती है? | KYC kya hoti hai | KYC mein kya kya lagta hai | KYC क्यों जरुरी है? | KYC की फुल फॉर्म क्या है? | KYC को हिंदी में क्या कहते हैं? | KYC में क्या-क्या लगता है? | KYC कैसे पूरा करें? ||
KYC me kya kya lagta hai :- आपकी पहचान यदि किसी को सिद्ध करनी हो या आपके बारे में जानकारी लेनी हो तो वह कैसे मिलती है? इसका सीधा सा उत्तर होता है आपके कागजात। अब हमें अपनी पहचान सिद्ध करने के लिए कागजात दिखाने बहुत जरुरी होते हैं। इन कागजात को हम डाक्यूमेंट्स या दस्तावेज भी कह सकते हैं जो तरह तरह के हो सकते हैं। यदि आपके कागजात में किसी तरह की कमी है तो वह आपको ही परेशान करती है। वह इसलिए क्योंकि इनमें कमी पाए जाने पर पहले आपको इन्हें सही करवाने को कहा जाता (KYC mein kya kya lagta hai) है।
अब आपने एक शब्द का नाम बहुत जगह सुन रखा होगा और वह होता है KYC। यह शब्द आपने सुना तो होगा और जगह जगह पर आपने अपना KYC करवाया भी होगा लेकिन शायद ही आपको इस शब्द की फुल फॉर्म या इसके बारे में समूची जानकारी पता होगी। आपको तो यह भी नहीं पता होगा की यह KYC कहाँ कहाँ हो सकता है और इसके लिए आपसे क्या कुछ माँगा जाता है या माँगा जा सकता है (KYC karne mein kya kya lagta hai) इत्यादि।
ऐसे में KYC के बारे में समूची जानकारी देने के लिए ही यह लेख लिखा जा रहा है। इस लेख को पढ़कर आप KYC के बारे में अच्छे से जानकारी ले पाने में सक्षम होंगे। इसी के साथ ही आपको यह भी जानने को मिलेगा कि आखिरकार किसी चीज़ की KYC में क्या क्या लगता है। आइये जाने KYC के बारे में शुरू से लेकर अंत तक संपूर्ण जानकारी विस्तार (KYC karne ke liye kya kya lagta hai) से।
KYC क्या होती है? (KYC kya hoti hai)
सबसे पहले हम बात करते हैं KYC के बारे में ताकि हमें इसके बारे में अच्छे से जानकारी हो जाए। तो जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि यदि कहीं पर भी आपको अपनी प्रमाणिकता सिद्ध करनी होती है या अपनी पहचान देनी होती है तो उसके लिए सबसे पहले आपसे जिन चीज़ों की माँग की जाती है वह आपके कागजात अर्थात डाक्यूमेंट्स होते हैं। इन डाक्यूमेंट्स के आधार पर ही आपकी पहचान सिद्ध हो सकती है अन्यथा कोई और माध्यम है ही (KYC kya hoti hai bank ki) नहीं।
इसके लिए ही आपको भारत सरकार सहित अन्य सभी तरह की संस्थाएं एक पहचान पत्र देती है। अब यदि आपको वोटिंग करनी है तो उसका अलग पहचान पत्र होता है और यदि आप किसी कॉलेज में पढ़ते हैं तो उसका अलग पहचान पत्र होता है। इस तरह से हर जगह या क्षेत्र जिससे आप जुड़े होते हैं या उसका लाभ उठाते हैं तो वहां आपको एक पहचान पत्र दिया जाता है या फिर कोई एक यूनिक आईडी दी जाती है जिससे आपकी पहचान होती है।
ऐसे में यदि आप किसी नयी जगह पर जाते हैं या किसी जगह पर कोई नयी चीज़ शुरू करवाते हैं तो उसके लिए वह आपकी KYC करवाती है। उदाहरण के तौर पर यदि आपको किसी बैंक में अपना खाता खुलवाना है तो उसके लिए भी बैंक के द्वारा आपसे कई तरह के डाक्यूमेंट्स दिखाने को कहा जाता है। अब इसे ही तो KYC करना कहते हैं। एक तरह से इसमें आपके डाक्यूमेंट्स को देखकर आपकी पहचान को सत्यापित किया जाता (KYC kya hota hai) है।
KYC की फुल फॉर्म क्या है? (KYC full form in Hindi)
अब हम बात करते हैं KYC की फुल फॉर्म के बारे में। बहुत से लोगों को KYC तो पता होती है लेकिन इसकी फुल फॉर्म क्या है, इसके बारे में उन्हें रत्ती भर भी जानकारी नहीं होती है। यह तो अच्छा है कि आप इस लेख को पढ़ रहे हैं क्योंकि यहाँ हम आपको किसी भी विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने में विश्वास करते (KYC ki full form kya hai) हैं।
ऐसे में आज आप KYC की फुल फॉर्म भी जान लेंगे तो आपका ज्ञानवर्धन ही होगा। ऐसे में KYC का पूरा नाम Know Your Customer होता है। अब आपको यह सुनकर KYC के बारे में बहुत कुछ पता चल गया होगा क्योंकि इसकी फुल फॉर्म ही बहुत कुछ कह जाती है। ऐसे में आज से आप यह ध्यान रखें कि KYC का पूरा नाम या KYC की फुल फॉर्म Know Your Customer होती (KYC ki full form kya hai) है।
KYC को हिंदी में क्या कहते हैं? (KYC ko hindi mein kya kahate hain)
अब आपने यह तो जान लिया है कि KYC की फुल फॉर्म क्या होती है और यह एक अंग्रेजी शब्द की शोर्ट फॉर्म है। कहने का अर्थ यह हुआ कि KYC की फुल फॉर्म तो Know Your Customer हो गयी लेकिन अब Know Your Customer का मतलब क्या होता है, यह कौन बताएगा? तो आज हम आपको वह भी बता देते हैं। इसे हम शब्द के अनुसार आपके सामने रखते (KYC meaning in Hindi) हैं।
- Know – जानना
- Your – अपने या तुम्हारे
- Customer – ग्राहक
इस तरह से Know Your Customer का मतलब होता है अपने या तुम्हारे ग्राहक के बारे में जानना। अब हम जब किसी ग्राहक या यूजर से उसकी आइडेंटिटी प्रूफ देने को कहते हैं जिसमें उसके पहचान पत्र शामिल होते हैं तो उसका अर्थ यही होता है कि हम अपने ग्राहक के बारे में और जानकारी ले रहे हैं। तो इसी कारण इसका यह नाम रखा गया है और KYC को हिंदी में अपने ग्राहक को जाने कहा जाता है।
KYC में क्या-क्या लगता है? (KYC me kya kya lagta hai)
अब बारी आती है यह जानने की कि यदि आपको कहीं पर अपना KYC करवाना हुआ तो उसके लिए आपको क्या क्या देना होगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपको किन किन डाक्यूमेंट्स को अपना KYC करवाने के लिए सबमिट करना होगा या उन्हें दिखाना होगा। तो इसके लिए कोई निर्धारित मापदंड तो नहीं है क्योंकि यह व्यक्ति की आयु, शिक्षा, काम करने के क्षेत्र और जहाँ वह अपनी KYC करवा रहा है, उस पर निर्भर करता (E KYC me kya document chahiye) है।
एक तरह से किसी का KYC करने के लिए तरह तरह के मापदंड हो सकते हैं और इसके लिए उस व्यक्ति विशेष से किस किस डॉक्यूमेंट को दिखाने को कहा जाता है, उस पर निर्भर करता है। हालाँकि KYC में जिन जिन डाक्यूमेंट्स को दिखाने को कहा जा सकता है, उसकी एक सूची इस प्रकार है:
- आधार कार्ड
- वोटर आईडी
- पैन कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- राशन कार्ड
- ईमेल आईडी
- फोन नंबर
- फिंगर प्रिंट्स
- आँखों का रेटिना
- हस्ताक्षर
- अंगूठे का निशान
- आवास प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- शिक्षा प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- बैंक खाता
- पासपोर्ट
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- बिजली बिल
- फोन बिल
- अन्य कोई सरकारी दस्तावेज या निजी डाक्यूमेंट्स इत्यादि।
इस तरह से KYC करवाने के लिए आपसे किसी भी तरह का डॉक्यूमेंट माँगा जा सकता है और यह जरुरी भी होता है। इसलिए यह उस स्थिति पर निर्भर करता है कि आप कहाँ पर अपना KYC करवा रहे हैं और वह काम कितना बड़ा और जरुरी है। इसी के साथ मुख्य तौर पर सभी का आधार कार्ड ही KYC के लिए माँगा जाता है और उसी की हर जगह मुख्य भूमिका होती है।
अब इस KYC में भी अलग अलग लोगों के अनुसार अलग अलग डाक्यूमेंट्स की माँग की जा सकती है जिनका जानना आपके लिए जरुरी हो जाता है। वह इसलिए क्योंकि किसी व्यस्क की KYC करवाने के लिए अलग डाक्यूमेंट्स चाहिए होते हैं तो वहीं बच्चे के लिए अलग और विदेशी नागरिक के लिए अलग।
अवयस्क या बच्चे का KYC करवाना
अब इसमें सबसे पहले बात करते हैं बच्चों की जिनमें 18 वर्ष से कम आयु के नागरिक होते हैं। एक तरह से जो भी व्यक्ति 18 वर्ष से कम आयु का होता है उसे भारतीय संविधान के अनुसार अवयस्क माना जाता है और उसके कर्मों का उत्तरदायित्व उसके माता पिता का होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति पर उसके माता पिता का पूर्ण अधिकार होता है क्योंकि उसमें उतनी समझ नहीं होती है।
ऐसे में यदि किसी अवयस्क व्यक्ति या बच्चे का KYC करवाया जा रहा है तो उसमें निश्चित और पर उसके डाक्यूमेंट्स तो लगते ही हैं लेकिन इसके साथ ही उसके माता पिता में से किसी एक के या दोनों के ही डाक्यूमेंट्स भी मांगे जाते हैं। अब यदि उसके माता पिता नहीं है तो वह जिसके भी सरक्षण में पल रहा है, उस व्यक्ति के डाक्यूमेंट्स मांगे जाते हैं।
विदेशी नागरिक का KYC करवाना
यदि कोई विदेशी मूल का व्यक्ति भारत में रह रहा है और वह किसी सुविधा का लाभ लेना चाहता है तो इसके लिए उसे अन्य भारतीय नगरिकों की तुलना में ज्यादा डाक्यूमेंट्स को दिखाना होता है। इसमें सबसे पहले तो उसे यह दिखाना होता है कि वह भारत में कहाँ रह रहा है और किस काम के उद्देश्य से वह यह बनवा रहा है। इसी के साथ ही वह भारत में क्या काम करता है और उसकी आय का क्या स्रोत है।
इसी के साथ ही उसे अपने पासपोर्ट की कॉपी भी सबमिट करवानी होती है और वह कितने समय तक भारत देश में रहने वाला है, इसकी जानकारी भी देनी होती है। इस तरह से विदेशी मूल के व्यक्ति को अन्य आम भारतीयों की तुलना में ज्यादा कागजात दिखाने होते हैं।
व्यस्क भारतीय नागरिक का KYC करवाना
अब यदि कोई व्यक्ति भारत का निवासी है और वह व्यस्क भी हो चुका है अर्थात उसकी आयु 18 वर्ष से ऊपर की है तो उसे अपने सामान्य डाक्यूमेंट्स को दिखाना होगा और उसका काम बन जाएगा। आम तौर पर उसका आधार कार्ड और उसके हस्ताक्षर ही उसका KYC करवाने के लिए पर्याप्त होते हैं।
तो यदि आप व्यस्क हो चुके हैं और आपको किसी भी चीज़ में अपना KYC करवाना है तो उसके लिए बस आप अपना आधार कार्ड ले जाइये और आपका काम बन जाएगा। आज के समय में आधार कार्ड को अन्य सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ लिंक किया हुआ होता है। हालाँकि आपसे अन्य डाक्यूमेंट्स को दिखाने की माँग भी की जा सकती है।
सरकारी नौकरी के लिए KYC करवाना
अब आपने देखा होगा कि जो लोग सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे होते हैं और जिनका इनकी परीक्षा में चयन भी हो जाता है तो अंतिम चरण के रूप में भारत सरकार या राज्य सरकार के द्वारा उस व्यक्ति के डाक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन करवाया जाता है। तो यह सब काम भी KYC का ही एक अंग माना जा सकता है क्योंकि उसमें उसे अपने सभी तरह के पहचान पत्रों को सबमिट करवाना होता है।
इसी के साथ ही उसे अपने यहाँ की पुलिस के समक्ष जाकर भी अपना सत्यापन करवाना होता है। एक तरह से सरकार यह पक्का कर लेना चाहती है कि पुलिस के रिकॉर्ड में उसका नाम किसी अपराध की श्रेणी में ना दर्ज हुआ हो। सरकारी डॉक्टर के द्वारा भी उसका KYC किया जाता है। तो इस तरह से सरकारी नौकरी लगने के लिए अपना पूर्ण रूप से KYC करवाया जाना आवश्यक होता है।
बिना डॉक्यूमेंट के KYC करवाना
अब यदि आपके पास किसी तरह के डॉक्यूमेंट नहीं हैं या डाक्यूमेंट्स में किसी तरह की कमी है या वह गुम हो चुके हैं या आपने यह बनवाए ही नहीं हैं या डाक्यूमेंट्स कम पड़ रहे हैं तो उस समय आप किस तरह से अपना KYC करवा सकते हैं। इसके लिए भी समाधान निकाला गया है और वह समाधान है किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा आपकी पूर्ण रूप से गारंटी लेना।
हालाँकि यह सभी क्षेत्रों में संभव नहीं है लेकिन कुछ कुछ क्षेत्रों में इसे लेकर नियम बनाये गए हैं। इसके तहत आपका कोई परिचित, मित्र या कोई भी अन्य व्यक्ति अपने सभी तरह के डाक्यूमेंट्स को जमा करवा कर आपकी पूर्ण रूप से उस कार्य के लिए गारंटी ले लेता है तो उस क्षेत्र में आपका KYC किया जा सकता है।
KYC कैसे किया जाता है? (KYC kaise ki jaati hail
अब आपके मन में रह रहकर यह प्रश्न भी उठ रहा होगा कि आखिरकार KYC करने के क्या नियम होते हैं या यह कैसे किया जाता है। तो इसे हम एक उदाहरण देकर आपको समझा देते हैं। मान लीजिये कि आपको बैंक में अपना नया खाता खुलवाने जाना है और वह बैंक खाता खोलने से पहले आपका KYC करवाने के लिए कहता है। हालाँकि आज के समय में इसको लेकर बहुत ही सरल नियम कर दिए गए हैं लेकिन फिर भी नियम तो नियम (KYC kaise hoti hai) है।
तो इसके लिए वह बैंक आपसे आपका आधार कार्ड मांगता है और एक फॉर्म भरने को कहता है। अब बैंक के कर्मचारी अपने सिस्टम में आपके आधार कार्ड का नंबर डालकर आपके अधिकृत मोबाइल नंबर पर एक कोड भेजते हैं। आपको वह कोड उन्हें बताना होता है। इससे बैंक यह पक्का कर लेता है कि आप कोई और नहीं हैं और ना ही आप किसी अन्य व्यक्ति का आधार कार्ड इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी तरह से बैंक के द्वारा आपकी पहचान को सत्यापित करने के लिए कुछ अन्य डाक्यूमेंट्स को भी सबमिट करने को कहा जाता (KYC kaise karte hain) है।
तो KYC कुछ और नही, बस आपके द्वारा डाक्यूमेंट्स जमा करवा कर उनका सत्यापन करवाया जाना ही होता है। इसके लिए वह संस्था, बैंक, कंपनी या व्यक्ति आपसे आपके डाक्यूमेंट्स को दिखाने की माँग करेगा और उसी के आधार पर ही आपका KYC करेगा।
KYC क्यों जरुरी है? (KYC kyon jaruri hai)
आपको साथ के साथ यह भी जान लेना चाहिए कि आखिरकार यह KYC जरुरी क्यों होता है और इससे आपको क्या कुछ फर्क देखने को मिल सकता है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि यदि किसी कंपनी या संस्था के द्वारा KYC नहीं करवाया जाता है या उसमें किसी तरह की ढील दी जाती है तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। और यह परिणाम केवल उस कंपनी को ही नहीं बल्कि जिसके नाम पर KYC करवाया गया है, उस व्यक्ति को भी भुगतने पड़ते हैं।
मान लीजिये कि कोई सिम कंपनी बिना किसी KYC के ही किसी व्यक्ति को सिम दे देती है या उसके लिए सही से सत्यापन नहीं करती है तो कोई भी व्यक्ति आपके नाम पर सिम ले सकता है और उसका गलत इस्तेमाल कर सकता है। अब ऐसे में उस व्यक्ति का तो कुछ नहीं बिगड़ता है लेकिन सारा जिम्मा उस सिम कंपनी और आपके ऊपर आ जाता है और आप बेवजह ही फंस जाते हैं। ऐसे में व्यक्ति की सही पहचान सत्यापित करने और इसे किसी चीज़ की सुविधा देने के लिए सही से KYC किया जाना बहुत ही जरुरी होता (KYC kyu jaruri hai) है।
KYC में क्या-क्या लगता है – Related FAQs
प्रश्न: केवाईसी में क्या लगता है?
उत्तर: केवाईसी में बैंक अकाउंट नंबर, आधार कार्ड नंबर, पैन कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर और एड्रेस इत्यादि भरना होता है।
प्रश्न: KYC कैसे पूरा करें?
उत्तर: KYC को करने का तरीका ऊपर के लेख में आपको जानने को मिल जायेगा।
प्रश्न: केवाईसी का पूरा नाम क्या है?
उत्तर: केवाईसी का पूरा नाम Know Your Customer है।
प्रश्न: क्या हम बिना KYC के खाता खोल सकते हैं?
उत्तर: नहीं, आप बिना KYC के खाता नहीं खोल सकते हैं।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने KYC में क्या क्या लगता है यह जान लिया है। साथ ही हमने आपको KYC के बारे में अन्य जानकारी भी इस लेख के माध्यम से दी है जैसे कि KYC क्या है KYC की फुल फॉर्म क्या है KYC कैसे किया जाता है और यह क्यों ज़रूरी है इत्यादि। आशा है कि जो जानने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह जानकारी आपको मिल गई होगी।