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हमारे देश भारत में बेटियों के पैदा होते ही उनके भविष्य के लिए पैसा बचाने एवं सेविंग का दौर शुरू हो जाता है। माता-पिता उनकी शादी के उद्देश्य से बचत करना शुरू कर देते हैं, तो वहीं बहुत से माता-पिता का मकसद अपनी बिटिया को बड़े होने पर बेहतर उच्च शिक्षा दिलाना होता है।
वे उसका भविष्य आर्थिक रूप से सुरक्षित कर देना चाहते हैं। यही वजह है कि एलआईसी कन्यादान पाॅलिसी (lic kanyadan policy) के प्रति भी उनकी दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है। आज इस पोस्ट में हम आपको इसी पाॅलिसी के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं।
एलआईसी कन्यादान पाॅलिसी क्या है? (What is lic kanyadan policy?)
दोस्तों, जैसा कि कन्यादान नाम से ही स्पष्ट है, यह पाॅलिसी कन्या के विवाह के लिए बचत से संबंधित है। यदि एक वाक्य में कहें तो एलआईसी कन्यादान पाॅलिसी (lic kanyadan policy) सुरक्षा एवं बचत (safety and savings) का एक संपूर्ण संगम है।
यद्यपि इसे जीवन बीमा निगम (life insurance corporation) यानी एलआईसी (lic) द्वारा लांच नहीं किया गया है। यह एलआईसी की जीवन लक्ष्य पालिसी (Jeevan Lakshya policy) के तहत ग्राहकों की जरूरत पूरी करने के लिए पेश की गई है।
यह पाॅलिसी बेहद कम प्रीमियम (low premium) पर आपकी प्यारी बिटिया को वित्तीय कवर (financial cover) प्रदान करती है। इस पैसे से आगे चलकर मां बाप को बिटिया से जुड़े कार्यों के आर्थिक पक्ष को लेकर चिंतित नहीं होना पड़ता।
कन्यादान पाॅलिसी को लाने के पीछे क्या उद्देश्य है? (What is the purpose behind initiating this kanyadan policy?)
मित्रों, यदि इस पाॅलिसी के मुख्य उद्देश्य की बात करें तो वह है- बालिकाओं का भविष्य सुरक्षित करना। आज के इस युग में जहां महंगाई चरम पर है। बच्चों और खास तौर पर लड़कियों के शादी ब्याह तथा उनकी बेहतर उच्च शिक्षा का प्रबंध करना कोई पहाड़ पर चढ़ने से कम नहीं।
ऐसे में उनके माता-पिता किसी इस प्रकार की योजना में निवेश करना चाहते हैं, जहां उन्हें बचत (savings) के साथ ही वित्तीय सुरक्षा (financial security) भी मिल सके। इसके लिए कन्यादान पाॅलिसी (kanyadan policy) एक बेहतर उपाय साबित हो रहा है।
कन्यादान पाॅलिसी लेने के लिए क्या पात्रता है? (What is the eligibility for availing this kanyadan policy?)
दोस्तों, अब आपको जानकारी देते हैं कि कन्यादान पाॅलिसी लेने के लिए क्या क्या पात्रता (eligibility) हैं? इनका ब्योरा इस प्रकार से है-
- कन्यादान पाॅलिसी लेने के लिए बच्ची के पिता की आयु 18 वर्ष से लेकर 50 वर्ष के बीच हो।
- जिस बच्ची के नाम पाॅलिसी ली जा रही है, उसकी उम्र न्यूनतम एक वर्ष होनी चाहिए।
- इस पाॅलिसी को भारतीय नागरिक (indian citizen) ही नहीं, बल्कि अनिवासी भारतीय (non resident indian) यानी एनआरआई (NRI) भी खरीद सकते हैं।
- इस पाॅलिसी के अंतर्गत पाॅलिसी होल्डर (policy holder) को न्यूनतम (minimum) एक लाख रूपये का भुगतान (payment) करना होता है, जबकि अधिकतम (maximum) की कोई सीमा (limit) नहीं है।
कन्यादान पाॅलिसी की मैच्योरिटी अवधि क्या है? (What is the maturity period of kanyadan policy?)
साथियों, आपको बता दें कि कन्यादान पाॅलिसी (kanyadan policy) की मैच्योरिटी अवधि (maturity period) 13 वर्ष से लेकर 25 वर्ष तक है। इसके अतिरिक्त पाॅलिसी होल्डर्स (policy holder) की सुविधा के लिए अलग अलग प्लान (plan) रखे गए हैं।
पाॅलिसी होल्डर अपनी सुविधा के लिहाज से 6, 10, 15 अथवा 20 वर्ष का प्लान अपने लिए चुन सकते हैं। आपको यह भी बता दें कि प्रीमियम (premium) का भुगतान मासिक (monthly), तिमाही (quarterly), छमाही (half yearly) अथवा सालाना (annual) आधार पर किया जा सकता है।
कन्यादान पाॅलिसी से जुड़ी जुड़ी खास बातें क्या हैं? (What are the main features of kanyadan policy?)
अब आपको कन्यादान पाॅलिसी से जुड़ी उन खास खास बातों की जानकारी देंगे, जिनसे आपके सामने इस पाॅलिसी का खाका एक नजर में स्पष्ट हो जाएगा-
- इस खाते पर तीन वर्ष के लगातार प्रीमियम भुगतान के पश्चात लोन लेने की भी सुविधा है।
- पिता की मृत्यु के पश्चात प्रीमियम पर छूट दी जाती है।
- पाॅलिसी होल्डर की प्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में पांच लाख का तुरंत भुगतान होता है।
- पाॅलिसी होल्डर की दुर्घटना में मृत्यु होने पर 10 लाख रूपये का तुरंत भुगतान किया जाता है।
- यदि पाॅलिसी शुरू करने के 12 माह यानी एक साल के भीतर पाॅलिसी होल्डर खुदकुशी कर लेता है तो कोई अतिरिक्त कवरेज और लाभ नहीं प्रदान किया जाएगा।
- पाॅलिसी के शुरू होने की तिथि से लेकर 15 दिन तक की अवधि फ्री लुक पीरियड (free look period) निर्धारित की गई है। यदि पाॅलिसी होल्डर इसकी किसी क्लाॅज (clause) से असंतुष्ट (unsatisfied) है तो पाॅलिसी (policy) वापस लेनी होगी।
- पाॅलिसीधारक को तिमाही, छमाही एवं सालाना भुगतान के लिए 30 दिन का ग्रेस पीरियड (grace period) दिया जाता है, जबकि मासिक प्रीमियम भुगतान (premium payment) के लिए यह अवधि 15 दिन निर्धारित की गई है। ग्रेस पीरियड के दौरान पाॅलिसी होल्डर पर कोई लेट फीस (late fee) अथवा पेनल्टी चार्ज (penalty charge) नहीं की जाएगी।
- यदि ग्रेस पीरियड के पश्चात प्रीमियम का भुगतान नहीं किया जाता तो बगैर अग्रिम सूचना (advance intimation) के पाॅलिसी को टर्मिनेट (terminate) कर दिया जाएगा।
- सरेंडर वैल्यू (surrender value) का भुगतान तभी किया जाएगा, जबकि पाॅलिसी होल्डर ने सरेंडर से ठीक पहले लगातार तीन साल तक प्रीमियम का भुगतान किया हो।
क्या सुकन्या समृद्धि योजना एवं कन्यादान पाॅलिसी को लेकर ग्राहकों के मन में द्वंद्व रहता है?
मित्रों, आपको बता दें कि सरकार की ओर से कन्या हित एवं उनकी वित्तीय सुरक्षा के मद्देनजर सुकन्या समृद्धि योजना भी चलाई गई है। आपको बता दें कि बहुत से लोग बेटियों के लिए चलाई गई सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya samriddhi Yojana) को बेहतर मानते हैं तो अन्य बहुत से कन्यादान पाॅलिसी (kanyadan policy) को।
यदि आप भी इन दोनों योजनाओं में से किस में निवेश करें, इसे लेकर कन्फ्यूजन में हैं तो आप इन दोनों की तुलना कर सकते हैं। दोनों की अपनी अलग अलग खूबियां हैं। फर्क केवल पात्रता का है। जो जिस योजना की पात्रता पूरी करता है, उसमें निवेश कर सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना और एलआईसी कन्यादान पॉलिसी में अंतर –
मानदंड | सुकन्या समृद्धि योजना | एलआईसी कन्यादान पॉलिसी |
आयु पात्रता | 10 साल की उम्र से पहले | बेटी – कम से कम 1 साल पिता – 18 साल – 50 साल |
राष्ट्रीयता पात्रता | केवल भारतीय नागरिक | एनआरआई भी खरीद सकते हैं |
खाता धारक | बालिका विवाह तक | बच्ची के पिता |
सम एश्योर्ड लिमिट | किए गए भुगतान के अनुसार सीमित | न्यूनतम: 1 लाख अधिकतम: कोई सीमा नहीं |
भुगतान सीमा | एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख। | कोई सीमा नहीं |
खाता परिपक्वता अवधि | एक बालिका 21 वर्ष की आयु तक या 18 वर्ष के बाद उसकी शादी होने तक खाते का प्रबंधन कर सकती है। | 13 साल – 25 साल |
ऋण सुविधा | कोई ऋण सुविधा नहीं | लगातार 3 प्रीमियम भुगतान के बाद ऋण लिया जा सकता है |
भुगतान अवधी | प्रत्येक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख | पॉलिसी अवधि के तहत 3 वर्ष |
योजना का प्रकार | “बेट बचाओ, बेटी पढाओ” योजना के तहत सरकार द्वारा शुरू किया गया | एलआईसी जीवन लक्ष्य पर आधारित, मूल रूप से एलआईसी द्वारा लॉन्च नहीं किया गया |
मौत के मामले में | बालिका की मृत्यु के मामले में, माता-पिता को नियमित ब्याज पर राशि का भुगतान किया जाता है | पिता की मृत्यु के मामले में प्रीमियम माफ किया जाता है |
मुआवजे की पेशकश (यदि खाता धारक की मृत्यु हो जाती है) | कोई मुआवजा नहीं दिया जाता है | प्राकृतिक मृत्यु: INR 5 लाख का तत्काल भुगतान आकस्मिक मृत्यु: INR 10 लाख का तत्काल भुगतान पॉलिसी शुरू होने के 12 महीनों के भीतर आत्महत्या: प्रीमियम का 80% समर्पण मूल्य और कर राशि के अलावा निगम द्वारा भुगतान किया जाता है |
Kanyadan Policy Scheme 2024 के दस्तावेज़
- आधार कार्ड [Aadhar Card]
- आय प्रमाण पत्र [income certificate]
- पहचान पत्र [identity card]
- पते का सबूत [address proof]
- पासपोर्ट साइज फोटो [Passport size photo]
- योजना के प्रस्ताव का विधिवत भरा हुआ और हस्ताक्षर किया हुआ फॉर्म [Duly filled and signed form of proposal of the scheme]
- पहला प्रीमियम भरने के लिए चेक या कैश [Check or cash to pay the first premium]
- जन्म प्रमाण पत्र
[Birth certificate]
बच्ची के पैदा होते ही शुरू हो जाता है बचत एवं निवेश का सिलसिला (savings and investment starts with the birth of a girl child)
दोस्तों, इस बात से आप भी नावाकिफ नहीं होंगे कि बच्ची के पैदा होते ही उसके लिए बचत एवं पिता का विभिन्न योजनाओं में निवेश का सिलसिला शुरू हो जाता है। जैसे जैसे महंगाई बढ़ रही है, वैसे ही तमाम गृहस्थी जमाने का सामान भी बेहद महंगा होता जा रहा है।
जो शादी-ब्याह का सामान पहले 3-4 लाख में आ जाता था, अब वह 5-6 लाख रूपये में आ पा रहा है। लोग शादी ब्याह में जाने वाले सामान को टेक इट फाॅर ग्रांटेड (take it for granted) लेते हैं। उन्हें लगता है कि लड़की के पिता इस सामान को तो देंगे ही देंगे। यह तो यूं भी कन्या धन है। हालांकि बहुत से लड़के बिना कुछ लिए दिए भी शादी करते हैं, लेकिन ऐसों की संख्या अभी बहुत कम है।
भविष्य की इस आर्थिक मुश्किल से बचा सके, इसके लिए तमाम अभिभावक पहले से ही कुछ न कुछ बचाकर चलते हैं। अथवा ऐसा कुछ निवेश करके रखते हैं, जो ऐन वक्त पर काम आए। आलम तो यह है कि अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बहुत से लोग लोन पर भी पैसा उठाने से नहीं चूकते।
क्या पालिसी चालू कराने के बाद उसे वापस भी किया जा सकता है?
मित्रों, यह सवाल पालिसी लेने वाले बहुत सारे ग्राहकों के मन में आता है कि क्या पालिसी चालू करके उसे वापस भी किया जा सकता है? तो आपको बता दें दोस्तों कि इस सवाल का जवाब हां है।
दरअसल, कन्यादान पालिसी लेने के बाद के 15 दिन को फ्री लुक पीरियड (free look period) घोषित किया गया है। यानी यदि इस अवधि में आपको लगता है कि आप इस पालिसी से संतुष्ट नहीं हैं तो आप इसे वापस कर सकते हैं।
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क्या कन्यादान पाॅलिसी एलआईसी की पाॅलिसी है?
जी नहीं, इस पाॅलिसी को एलआईसी की ओर से लांच नहीं किया गया है।
यह एलआईसी की किस पाॅलिसी का एक वर्जन है?
यह एलआईसी की जीवन लक्ष्य पाॅलिसी का एक वर्जन है।
इस पाॅलिसी को पेश करने का उद्देश्य क्या है?
इस पाॅलिसी का उद्देश्य बालिकाओं की उच्च शिक्षा एवं शादी विवाह जैसी भविष्य की वित्तीय आवश्यकता को पूरा करना है।
यह पाॅलिसी लेने के लिए बच्ची के पिता की उम्र कितनी होनी चाहिए?
यह पाॅलिसी लेने के लिए बच्ची के पिता की उम्र 18 वर्ष से लेकर 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
क्या इस पाॅलिसी को लेने के लिए बच्ची की आयु संबंधी भी कोई बाध्यता है?
जी हां, इस पाॅलिसी को तभी लिया जा सकेगा, जब बच्ची न्यूनतम एक वर्ष की उम्र पूरी कर चुकी हो।
कन्यादान पाॅलिसी का मैच्योरिटी पीरियड क्या है?
कन्यादान पाॅलिसी का मैच्योरिटी पीरियड 13 वर्ष एवं 25 वर्ष निर्धारित किया गया है।
क्या कन्यादान पाॅलिसी लेने के लिए भारतीय नागरिक होना आवश्यक है?
जी नहीं, इस पाॅलिसी को अनिवासी भारतीय यानी एनआरआई भी ले सकते हैं।
क्या पाॅलिसी के तहत व्यक्ति अपनी सुविधानुसार प्लान चुन सकता है?
जी हां, व्यक्ति अपनी सुविधानुसार 6, 10, 15 एवं 20 वर्षीय प्लान में से अपना एक प्लान चुन सकते हैं।
क्या पाॅलिसी के अंतर्गत प्रीमियम भुगतान के लिए कोई ग्रेस पीरियड भी रखा गया है?
जी हां, पाॅलिसी के अंतर्गत प्रीमियम भुगतान के लिए ग्रेस पीरियड भी रखा गया है। यह सालाना, छमाही एवं तिमाही भुगतान के लिए 30 दिन, जबकि मासिक भुगतान के लिए 15 दिन निर्धारित किया गया है।
दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट में एलआईसी कन्यादान पॉलिसी 2024 | पंजीकरण फॉर्म, पात्रता व लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए बेहद काम की साबित होगी। यदि आप इसी प्रकार की अन्य जानकारीप्रद पोस्ट हमसे चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बाॅक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं की हमें प्रतीक्षा है। धन्यवाद।
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