देश में हाईकोर्ट की सूची 2024 | भारत में कितने हाईकोर्ट हैं?

|| मध्य प्रदेश में कितने हाईकोर्ट हैं, टोटल हाई कोर्ट इन इंडिया २०२१, हाई कोर्ट में कितने न्यायाधीश होते हैं, भारत के किस उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या सबसे कम है, सिक्किम उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या कितनी है, भारत का सबसे पुराना हाई कोर्ट, भारत का उच्च न्यायालय कहां स्थित है ||

भारत में न्याय की सर्वोच्च संस्था सुप्रीम कोर्ट (supreme court) यानी उच्चतम न्यायालय है। किसी भी आदमी को न्याय चाहिए तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाता है। यदि उसे निचली अदालत से इंसाफ नहीं मिलता तो वह अपनी अपील लेकर उच्च न्यायालय यानी हाईकोर्ट (high court) जाता है। उसे उम्मीद होती है कि यहां उसकी बात सुनी जाएगी।

क्या आप जानते हैं कि भारत में कितने हाईकोर्ट हैं? क्या कहा आप नहीं जानते? तो भी चिंता की कोई बात नहीं आज इस पोस्ट में हम आपको इसी संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आपको बताएंगे कि भारत में कितने हाईकोर्ट हैं। आइए, शुरू करते हैं-

Contents show

हाईकोर्ट क्या है? (What is high court?)

भारतीय न्याय व्यवस्था की एक मजबूत कड़ी हाईकोर्ट है। किसी भी राज्य में हाईकोर्ट (High court) सर्वाेच्च न्यायिक संस्था होती है। सुदृढ़ न्याय व्यवस्था के लिए देश में छोटी अदालतों के साथ ही प्रत्येक राज्य में हाईकोर्ट का प्रावधान (provision) किया गया है।

देश में सुप्रीम कोर्ट (supreme court) भी है, जो देश की सर्वाेच्च अदालत है। आपको बता दें दोस्तों कि सुप्रीम कोर्ट में वर्ष में 193 कार्य दिवस (working days) होते हैं। वहीं, हाईकोर्ट में कार्य दिवसों की संख्या 210 होती है।

भारत में कितने हाईकोर्ट हैं? देश में हाईकोर्ट की सूची

हाईकोर्ट के मामले में संविधान क्या कहता है? (What does constitution say on High courts?)

भारत के संविधान (constitution) के अनुच्छेद (article) 214 में यह प्रावधान किया गया है कि प्रत्येक राज्य में एक हाईकोर्ट हो। यह प्रावधान राज्यवासियों की सुविधा के लिए किया गया। आपको बता दें कि जिस प्रकार देश में सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च है, इसी प्रकार स्टेट में उच्च न्यायालय सर्वोच्च होता है।

जिस प्रकार इंसाफ न मिलने पर निचली अदालत से फरियादी हाईकोर्ट में अपील (appeal) करते हैं। उसी प्रकार यदि कोई हाई कोर्ट (high court) के फैसले (decision) से संतुष्ट (satisfy) नहीं होता तो वह उच्च न्यायालय पर यानी हाईकोर्ट में अपना मामला लेकर जा सकता है।

भारत में कुल कितने हाईकोर्ट हैं? (How many high courts are there in india?)

दोस्तों, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में कुल 25 हाईकोर्ट हैं। 25वां हाईकोर्ट जनवरी, 2019 में बनाया गया था। हाईकोर्ट में राज्य से संबंधित मामले लाए जाते हैं। इसके साथ ही निचली अदालत के फैसले से असंतुष्ट फरियादी भी उच्च न्यायालय में न्याय के लिए अपील करते हैं।

यदि कोई यहां के निर्णय से भी संतुष्ट नहीं होता तो उसके पास सुप्रीम कोर्ट जाने का भी दरवाजा खुला है, लेकिन फिर वहां जो फैसला होता है वह उस पर बाध्यकारी होता है।

भारत में सबसे पहले हाईकोर्ट कहां खुला था? (Where was the first High court started in india?)

मित्रों, आपको बता दें कि भारत में सबसे पहले हाईकोर्ट 1862 में कोलकाता (Kolkata) में खुला था। उस वक्त यह स्थान कलकत्ता (Calcutta) कहलाता था।

देश में हाईकोर्ट की सूची (list of High courts in India)-

न्यायालय स्थापित स्थापित अधिनियम न्यायक्षेत्र स्थान मंच न्यायाधीश
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ११ जून १८६६ उच्च न्यायालय अधिनियम, १८६१ उत्तर प्रदेश इलाहाबाद लखनऊ 160
हैदराबाद उच्च न्यायालय ५ जुलाई १९५४ उच्च न्यायालय अधिनियम, १९५३ आंध्र प्रदेश
तेलंगाना
हैदराबाद   24
बंबई उच्च न्यायालय १४ अगस्त १८६२ उच्च न्यायालय अधिनियम, १८६१ महाराष्ट्र, गोवा, दादरा आणि नगर-हवेली, दमण आणि दीव. मुंबई नागपूर, पणजी, औरंगाबाद 94
कलकत्ता उच्च न्यायालय २ जुलाई १८६२ उच्च न्यायालय अधिनियम, १८६१ पश्चिम बंगाल, अंदमान आणि निकोबार कलकत्ता पोर्ट ब्लेयर (क्षेत्र मंच) 32
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ११ जनवरी २००० मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, २००० छत्तीसगढ बिलासपुर   18
दिल्ली उच्च न्यायालय३१ ऑक्टोबर १९६६ दिल्ली उच्च न्यायालय अधिनियम, १९६६ राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश(दिल्ली) नवी दिल्ली   60
गुवाहाटी उच्च न्यायालय१ मार्च १९४८ भारत सरकार अधिनियम, १९३५ अरुणाचल प्रदेश, आसाम, नागालँड, मिझोरम गुवाहाटी कोहिमा, ऐझॉल व इटानगर 34
गुजरात उच्च न्यायालय १ मई १९६० बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम, १९६० गुजरात अहमदाबाद   42
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय १९७१ हिमाचल प्रदेश अधिनियम, १९७० हिमाचल प्रदेश शिमला   13
जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय २८ अगस्त १९४३ पत्र अधिकार-दान-पत्र काश्मीरचे महाराजा यांनी जारी. जम्मू और कश्मीर, लद्धाख श्रीनगर & जम्मू  14
झारखण्ड उच्च न्यायालय २००० बिहार पुनर्गठन अधिनियम, २००० झारखंड रांची   19
कर्नाटक उच्च न्यायालय१८८४ मैसूर उच्च न्यायालय अधिनियम, १८८४ कर्नाटक बंगलौर क्षेत्र मंच: हुबळी-धारवाड व गुलबर्गा 62
केरल उच्च न्यायालय१९५६ राज्य पुनर्गठन अधिनियम, १९५६ केरल, लक्षद्वीप कोच्चि   27
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय २ जनवरी १९३६ भारत सरकार अधिनियम, १९३५ मध्य प्रदेश जबलपुर ग्वालियर, इन्दौर 53
मद्रास उच्च न्यायालय १५ अगस्त १८६२ उच्च न्यायालय अधिनियम, १८६१ तमिलनाडु, पुडुचेरी चेन्नई मदुरै 60
उड़ीसा उच्च न्यायालय ३ एप्रिल १९४८ ओडिसा उच्च न्यायालय आदेश, १९४८ ओडिशा कटक   27
पटना उच्च न्यायालय २ सितम्बर १९१६ भारत सरकार अधिनियम, १९१५ बिहार पटना   59
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय८ नवम्बर १९४७ उच्च न्यायालय (पंजाब) आदेश, १९४७ पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ चंडीगढ़   85
राजस्थान उच्च न्यायालय 21 जून 1949 राजस्थान उच्च न्यायालय अध्यादेश, 1949(By-BALU RAM YADAV) राजस्थान जोधपुर जयपुर 50
सिक्किम उच्च न्यायालय १९७५ भारतीय संविधान का ३८वाँ संशोधनसिक्किम गंगटोक   03
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय २००० उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, २००० उत्तराखण्ड नैनीताल   09
मणिपुर उच्च न्यायालय २५ मार्च २०१३ पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम, २०१२ मणिपुर इम्फाल   5
मेघालय उच्च न्यायालय २५ मार्च २०१३ पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम, २०१२ मेघालय शिलांग   4
त्रिपुरा उच्च न्यायालय २६ मार्च २०१३ पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम, २०१२ त्रिपुरा अगरतला   4
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय 1 जनवरी 2019 आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम २०१४ [सीमान्त प्रदेश]] अमरावती 37

1. कलकत्ता हाईकोर्ट-अब कोलकाता हाईकोर्ट (Kolkata High court)

  • स्थापना: 2 जुलाई, 1862
  • अधिकार क्षेत्र: अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, पश्चिम बंगाल
  • मुख्य पीठ: कोलकाता
  • खंडपीठ: ग्वालियर, इंदौर

2. मद्रास हाईकोर्ट-अब चेन्नई हाईकोर्ट (chennai High court)

  • स्थापना: 5 अगस्त, 1862
  • मुख्य पीठ: चेन्नई
  • अधिकार क्षेत्र: पांडिचेरी, तमिलनाडु
  • खंड पीठ: मदुरै

3. बंबई हाईकोर्ट-अब मुंबई हाईकोर्ट (Mumbai high court)

  • स्थापना: 14 अगस्त, 1862
  • मुख्य पीठ: मुंबई
  • अधिकार क्षेत्र: गोवा, दादरा, नागर हवेली, दमन-दीव, महाराष्ट्र

4. इलाहाबाद हाईकोर्ट-अब प्रयागराज हाईकोर्ट (prayagraj High court)

  • स्थापना तिथि: 11 जून, 1866
  • अधिकार क्षेत्र: उत्तर प्रदेश
  • मुख्य पीठ: इलाहाबाद
  • खंड पीठ: लखनऊ

5. कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High court)

  • स्थापना: 1884
  • अधिकार क्षेत्र: कर्नाटक
  • मुख्य पीठ: बंगलौर अब बंगलूरू

6. पटना हाईकोर्ट (Patna high court)

  • स्थापना: 2 सितंबर, 1916
  • अधिकार क्षेत्र: बिहार
  • मुख्य पीठ: पटना

7. जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट (Jammu Kashmir high court)

  • स्थापना: 28 अगस्त, 1928
  • अधिकार क्षेत्र: जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख
  • मुख्य पीठ: जम्मू/श्रीनगर/लेह

8. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High court)

-स्थापना: 2 जनवरी, 1936
-अधिकार क्षेत्र: मध्य प्रदेश
-मुख्य पीठ: जबलपुर

9. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana high court)

  • स्थापना: 15 अगस्त, 1947
  • अधिकार क्षेत्र: हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़
  • मुख्य पीठ: चंडीगढ़
  • खंड पीठ: जयपुर

10. गुवाहाटी हाईकोर्ट (Guwahati high court)

  • स्थापना: 1 मार्च, 1948
  • अधिकार क्षेत्रः असम, मिजोरम, नागालैंड, अरूणाचल प्रदेश,
  • मुख्य पीठ: गुवाहाटी
  • खंडपीठ: आईजोल/कोहिमा/ईटानगर

11. उड़ीसा हाईकोर्ट-अब ओडिशा हाईकोर्ट (Odisha high court)

  • स्थापना: 3 अप्रैल, 1948
  • अधिकार क्षेत्र: ओडिशा
  • मुख्य पीठ: कटक

12. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High court)

  • स्थापना: 21 जून, 1949
  • अधिकार क्षेत्र: राजस्थान
  • मुख्य पीठ: जोधपुर

13. हैदराबाद हाईकोर्ट-अब तेलंगाना हाईकोर्ट (Telangana high court)

  • स्थापना: 5 जुलाई, 1954
  • अधिकार क्षेत्र: तेलंगाना
  • मुख्य पीठ: हैदराबाद

14. केरल हाईकोर्ट (Kerala High court)

  • स्थापना: 1956
  • अधिकार क्षेत्र: केरल, लक्षद्वीप
  • मुख्य पीठ: कोच्चि
  • खंड पीठ: पोर्ट ब्लेयर

15. गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High court)

  • स्थापना: 1 मई, 1960
  • अधिकार क्षेत्र: गुजरात
  • मुख्य पीठ: अहमदाबाद

16. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi court)

  • स्थापना: 31 अक्तूबर, 1966
  • अधिकार क्षेत्र: एनसीआर/दिल्ली
  • मुख्य पीठ: नई दिल्ली

17. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High court)

  • स्थापना: 1971
  • अधिकार क्षेत्र: हिमाचल प्रदेश
  • मुख्य पीठ: शिमला

18. सिक्किम हाईकोर्ट (Sikkim High court)

  • स्थापना: 16 मई, 1975
  • अधिकार क्षेत्र: सिक्किम
  • मुख्य पीठ: गंगटोक

19. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (chattisgarh High court)

  • स्थापना: 1 नवंबर, 2000
  • अधिकार क्षेत्र: छत्तीसगढ़
  • मुख्य पीठ: बिलासपुर

20. उत्तराखंड हाईकोर्ट (uttarakhand High court)

-स्थापना: 9 नवंबर, 2000
-अधिकार क्षेत्र : उत्तराखंड
-मुख्य पीठ: नैनीताल

21. झारखंड हाईकोर्ट (jharkhand High court)

  • स्थापना तिथि: 15 नवंबर, 2000
  • अधिकार क्षेत्र: झारखंड
  • मुख्य पीठ: रांची
  • खंड पीठ: गुलबर्गा, धारवाड़

22. मेघालय हाईकोर्ट (Meghalaya high court)

  • स्थापना: 23 मार्च, 2013
  • अधिकार क्षेत्र : मेघालय
  • मुख्य पीठ: शिलांग
  • खंड पीठ : नागपुर, औरंगाबाद, पणजी

23. मणिपुर हाईकोर्ट (Manipur High court)

  • स्थापना: 25 मार्च, 2013
  • अधिकार क्षेत्र: मणिपुर
  • मुख्य पीठ: इंफाल

24. त्रिपुरा हाईकोर्ट (Tripura high court)

  • स्थापना: 26 मार्च, 2013
  • अधिकार क्षेत्र : त्रिपुरा
  • मुख्य पीठ: अग्रतल्ला

25. आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट (Andhra Pradesh High court)

  • स्थापना: 1 जनवरी, 2019
  • मुख्यपीठ: अमरावती

देश का सबसे बड़ा हाईकोर्ट कौन सा है? (Which is the biggest High court in india?)

दोस्तों, न केवल देश, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा हाईकोर्ट होने का गौरव इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High court) को हासिल है। आपको बता दें कि आज से पांच वर्ष पूर्व 2017 में कोर्ट में 109 जजों के साथ 80 बेंच ने लंबित मुकदमों की सुनवाई की थी। एक जनवरी, 2024 के आंकड़ों के अनुसार आज भी यहां 10 लाख से अधिक मुकदमे पेंडिंग हैं।

इसमें से 8 लाख, 3 हजार, 516 मुकदमे इलाहाबाद कोर्ट (allahabad high court) के अधीन, जबकि 2 लाख, 28 हजार 74 मुकदमे इसकी लखनऊ बेंच (Lucknow bench) के अधीन पेंडिंग (pending) हैं। आपको जानकारी दे दें कि यह जनसंख्या (population) की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में स्थित है।

हाल ही में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया है। इससे पूर्व यदि इसकी स्थापना पर बात करें तो इंडियन हाईकोर्ट एक्ट (indian High court act)-1861 के अनुसार आगरा (Agra) में 17 मार्च, 1866 को इस हाईकोर्ट की स्थापना की गई थी।

इसके कार्य क्षेत्र में ब्रिटिश इंडिया (British India) के उत्तर पश्चिमी प्रांत (North West province) आते थे। सर वाल्टर मार्गन इसके पहले चीफ जस्टिस थे। मिस्टर सिंपसन इसके पहले रजिस्ट्रार (registrar) थे। 1869 में इस कोर्ट को आगरा से इलाहाबाद ट्रांसफर कर दिया गया। 11 मार्च, 1919 को इसका नाम बदकर इलाहाबाद कर दिया गा।

हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति कौन करता है? (Who appoints s of High court?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि भारतीय संविधान (Indian constitution) के अनुच्छेद 216 के तहत हाईकोर्ट का गठन किया जाता है। वहीं, भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 के अंतर्गत चीफ जस्टिस (chief justice) की नियुक्ति की जाती है।

आपको बता दें दोस्तों कि हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति राष्ट्रपति (president) द्वारा की जाती है। चीफ जस्टिस (chief justice) की नियुक्ति वे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एवं राज्य के राज्यपाल के परामर्श से करते हैं।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस व जजों की सैलरी कितनी होती है? (What is the salary of chief justice and judges of High court?)

मित्रों, आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का पद इतना प्रतिष्ठित है तो इसकी सैलरी कितनी होगी? आपको बता दें मित्रों कि हाईकोर्ट के जस्टिस को हर महीने ढाई लाख रूपये बतौर वेतन मिलते हैं। सरकार इन्हें हर महीने 34 हजार रूपये सत्कार भत्ते के बतौर भी प्रदान करती है।

इसके अतिरिक्त आवास, कार, सुरक्षा कर्मचारी, बिजली/फोन आदि के बिल भुगतान की जिम्मेदारी सरकार पर ही होती है। सेवानिवृत्ति (retirement) के पश्चात इन्हें पेंशन (pension) के बतौर भी हैंडसम अमाउंट मिलता है। बतौर पेंशन 15 लाख रूपये सालाना दिए जाते हैं। अब आते हैं हाईकोर्ट के जजों पर।

आपको बता दें कि हाईकोर्ट के एक जज को बतौर सैलरी प्रतिमाह सवा दो लाख रूपये प्राप्त होते हैं। साथ ही सत्कार भत्ते के रूप में इन्हें हर महीने 27 हजार रूपये प्राप्त होते हैं। आवास, कार, कर्मचारी, बिल भुगतान आदि की सुविधा प्राप्त होती ही है। रिटायरमेंट के पश्चात इन्हें साढ़े 13 लाख रूपये सालाना बतौर पेंशन प्राप्त होते हैं।

चीफ जस्टिस आफ इंडिया की सैलरी कितनी होती है? (What is the salary of chief justice of India?)

यह तो आप जानते ही हैं कि देश के संचालन में तीन अंग सबसे प्रमुख होते हैं-विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका। विधायिका जहां आम जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप कानून बनाती है, वहीं कार्यपालिका सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को लागू करने का कार्य करती है। न्यायपालिका का कार्य कानून की व्याख्या करना एवं न्याय प्रदान करना है।

आपको बता दें दोस्तों कि न्यायपालिका का मुखिया हमारे देश में चीफ जस्टिस आफ इंडिया (chief justice of India) यानी सीजेआई (CJI) होता है। क्या आप जानते हैं कि एक सीजेआई को कितनी सैलरी मिलती है? सुनकर आप चौंक जाएंगे। देश के चीफ जस्टिस को भारत के प्रधानमंत्री से भी अधिक सैलरी मिलती है।

इनका वेतन 2 लाख, 80 हजार रूपये होता है। इसके साथ ही सरकार की ओर से इन्हें प्रतिमाह 45 हजार रूपये का सत्कार भत्ता भी प्राप्त होता है। आपको बता दें कि सीजेआई की यह सैलरी देश के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के पश्चात सर्वाधिक होती है।

सीजेआई को रहने के लिए आवास, कार, कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी, बिजली/फोन खर्च आदि की सुविधा मिलती है। और दोस्तों, यहां सबसे खास बात यह है कि रिटायर होने के बाद भी उन्हें कोई कम पैसा नहीं मिलता। उन्हें बतौर पेंशन 16 लाख, 80 हजार रूपये सालाना प्राप्त होते हैं।

हाईकोर्ट के आदेश आनलाइन कैसे पढ़ें? (How to read High court’s orders online?)

इन दिनों आनलाइन/इंटरनेट (online/internet) का जमाना है। आपको किसी भी आदेश की कापी हासिल करने के लिए कोर्ट की दौड़ धूप करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। आप आसानी से घर बैठे हाईकोर्ट के किसी आदेश की कापी हासिल कर सकते हैं। इसकी प्रक्रिया बेहद सरल है, जो कि इस प्रकार से है-

  • सबसे पहले services.ecourts.gov.in पर जाएं।
  • वेबसाइट (website) के होम पेज (home page) पर बाईं ओर मेन्यू (menu) में सबसे नीचे कोर्ट आर्डर (court order) का लिंक (link) दिया हैै। इस पर क्लिक (click) करें।
  • अब आपके सामने एक नया पेज (new page) खुल जाएगा।
  • आपको इस पेज पर प्रदेश (State), जिला (district) एवं कोर्ट (court) का नाम भरना होगा। इसके पश्चात पार्टी नंबर (party number), केस नंबर (case number), कोर्ट नंबर (court number) एवं आदेश की तिथि (date of order) डालें।
  • इसके पश्चात नीचे डेट का एक स्लाॅट होगा, उसे भरकर कैप्चा कोड (captcha code) दर्ज करें और गो (go) पर क्लिक कर दें।
  • कोर्ट का संबंधित आर्डर आपके सामने खुल जाएगा।
  • आप चाहें तो आर्डर का प्रिंट आउट (print out) निकालकर भी आसानी से पढ सकते हैं।

दोस्तों, आप चाहें तो e-court services एप (app) डाउनलोड (download) करके भी उसके जरिए आप हाईकोर्ट (high court) के आदेश पढ़ सकते हैं। एंड्रायड यूजर (android users) गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) से यह एप डाउनलोड कर सकते हैं। वहीं, आईफोन यूजर (iPhone users) e-court services एप को आईफोन स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।

अपने केस की जानकारी आनलाइन कैसे चेक करें? (How to check the details of your case online?)

एक बार कोर्ट में कार्रवाई होने के बाद लोगों में अपने केस का स्टेटस (case status) देखने की उत्सुकता रहती है। अपने केस की जानकारी आनलाइन (online) कैसे चेक करें? उसका स्टेटस कैसे देखें, अब हम आपको इस संबंध में जानकारी प्रदान करेंगे। इसकी प्रक्रिया (process) भी बेहद सरल है, जो कि इस प्रकार से है-

  • सबसे पहले आपको विभाग की ऑफिशल वेबसाइट https://www.ecourts.gov.in/ecourts_home/ पर जाना होगा। आप चाहें तो यहां क्लिक करके डायरेक्ट भी जा सकते हैं
  • जैसे ही आप विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएंगे। नीचे स्क्रॉल करने पर आपको तीन ऑप्शन दिखाई देंगे। पहला ऑप्शन हाई कोर्ट का दूसरा सुप्रीम कोर्ट का और तीसरा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का होगा।
eCourts Portal - कोर्ट केस स्टेटस ऑनलाइन कैसे चेक करें? मुकदमे की जानकारी ऑनलाइन कैसे पाएं।
  • यहां पर आपका जिस स्तर की अदालत में मुकदमा चल रहा हो उस ऑप्शन पर क्लिक करें
  • जैसे आप यदि डिस्टिक कोर्ट कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। तो आप डिस्टिक कोर्ट सर्विस ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • जैसे यहां इस ऑप्शन पर क्लिक करेंगे। आपके सामने एक नया पेज नया पेज नीचे दिखाई गई इमेज की तरह इमेज की तरह ओपन होगा।
eCourts Portal - कोर्ट केस स्टेटस ऑनलाइन कैसे चेक करें? मुकदमे की जानकारी ऑनलाइन कैसे पाएं।
  • यहां पर आप को पहले आप CRN नंबर डालना होगा। इसके पश्चात दिया कि कैप्चा कोड को सामने दिए गए बॉक्स में भरकर सर्च ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
  • जैसे ही आप सर्च ऑप्शन पर क्लिक करेंगे। आप के मुकदमे से जुड़ी सारी जानकारी और आर्डर आपके सामने ओपन होकर आ जाएंगी।
eCourts Portal - कोर्ट केस स्टेटस ऑनलाइन कैसे चेक करें? मुकदमे की जानकारी ऑनलाइन कैसे पाएं।
  • इसी तरह यदि आपको अपना CRN नंबर नहीं पता है। तो आप साइड में दिए गए केस स्टेटस, कोर्ट ऑर्डर, केस लिस्ट आदि ऑप्शन का भी उपयोग करके अपने केस से जुड़े से जुड़े सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
eCourts Portal - कोर्ट केस स्टेटस ऑनलाइन कैसे चेक करें? मुकदमे की जानकारी ऑनलाइन कैसे पाएं।

भारत में कुल कितने हाईकोर्ट हैं?

भारत में कुल 25 हाईकोर्ट हैं।

भारत में सबसे पहला हाईकोर्ट कहां खुला?

भारत में सबसे पहला हाईकोर्ट कोलकाता हाईकोर्ट है। इसकी स्थापना जुलाई, 1862 में हुई।

भारत का सबसे बड़ा हाईकोर्ट कौन सा है?

भारत का सबसे बड़ा हाईकोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट है।

भारत में दो साल पहले कौन सा हाईकोर्ट खुला है?

भारत में दो साल पहले आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट खुला है।

हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति कौन करता है?

हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में भारत में कितने हाईकोर्ट हैं? देश में हाईकोर्ट की सूची विषय पर अहम जानकारी दी। उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि आप इसी प्रकार की जानकारीपरक पोस्ट हमसे चाहते हैं तो उसके लिए विषय का नाम हमें नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके बता सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं (reactions) का हमें इंतजार है। ।।धन्यवाद।।

——————————

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
[fluentform id="3"]

Leave a Comment