लोन नहीं चुकाने पर क्या होगा? | Loan nahi chukane par kya hoga

|| लोन नहीं चुकाने पर क्या होगा? | Loan nahi chukane par kya hoga | अगर आप कर्ज नहीं चुका सकते तो क्या होगा? | लोन न भरे तो क्या होगा? | अगर आप कर्ज नहीं चुका सकते तो क्या होगा? | लोन का सेटलमेंट कब होता है? | Loan nahi chukane par kya hoga in Hindi ||

Loan nahi chukane par kya hoga :- हम कई तरह की इच्छाओं और जरूरतों की पूर्ति करने के लिए बैंक से लोन लेते हैं। बैंक के अलावा अन्य संस्थाएं भी लोन देने का काम करती है। अब यह लोन किसी भी कारण से लिया जा सकता है और उसके लिए अलग अलग ब्याज दर और समयकाल होता है। आज के समय में स्थिति यह हो गयी है कि हर दूसरा व्यक्ति लोन के कर्ज में डूबा हुआ है। कहने का अर्थ यह हुआ कि लगभग हर दूसरे व्यक्ति के द्वारा किसी ना किसी चीज़ के लिए लोन लिया गया होता है और फिर वह मासिक या वार्षिक तौर पर उसकी किश्तों का भुगतान कर रहा होता (Loan nahi bhare to kya hoga) है।

किन्तु तब क्या हो जब आप लोन चुकाएं ही नहीं या चुकाने में असमर्थ हो जाएं। ऐसे में जिस व्यक्ति के द्वारा लोन नहीं चुकाया गया है या नहीं चुकाया जा रहा है तो उस स्थिति में क्या कुछ सजा हो सकती है। हर व्यक्ति यह जानना चाहता है कि यदि संबंधित व्यक्ति के द्वारा अपने बैंक का लोन नहीं चुकाया जाता है तो फिर उसके विरुद्ध क्या कुछ कार्यवाही की जा सकती है या फिर क्या सजा हो सकती (What happen if do not pay bank loan EMI in Hindi) है। आइये जाने यदि आप लोन समय पर नहीं चुकाते हैं तो क्या होता है।

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लोन नहीं चुकाने पर क्या होगा? (Loan nahi chukane par kya hoga)

अब आपने चाहे जिस भी चीज़ के लिए लोन लिया हो, जितना भी लोन लिया हो, जहाँ से भी लोन लिया हो या जितनी भी ब्याज दर पर जितने भी समय के लिए लिया हो, उसे आपको एक निश्चित अवधि तक ब्याज सहित वापस करना ही होता है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो एक तरह से आप सामने वाले व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी या फ्रॉड कर रहे हैं और उसे उसका पैसा नहीं लौटा रहे (Loan na chukane par kya hoga) हैं।

Loan nahi chukane par kya hoga

अब कोई व्यक्ति सामने वाले का पैसा नहीं लौटाता है तो उस स्थिति में बैंक क्या कुछ कर सकता है, इसके बारे में जानना जरुरी हो जाता है। तो इसे हम तीन भागों में बांट सकते हैं। पहले भाग के तहत बैंक के द्वारा आपसे सामान्य रूप से बातचीत करना शामिल होता है, दूसरे में आपके ऊपर बैंक के द्वारा कार्यवाही की जाती है और लोन को चुकाने के लिए जोर दिया जाता है जबकि तीसरे और अंतिम चरण में आपको सजा हो सकती है। ऐसे में वह सजा क्या होती है और क्या आपको जेल जाना पड़ सकता है, इसके बारे में भी हम आपको जानकारी (Loan nahi chukane par kya hoga in Hindi) देंगे।

आइये एक एक करके तीनों के बारे में विस्तार से जान लेते हैं कि यदि आप बैंक या अन्य किसी वित्तीय संस्था से लिए गये लोन को नहीं चुकाते हैं तो फिर उस स्थिति में क्या कुछ होता है।

पहला चरण: लोन ना चुकाने पर बैंक क्या करेगा?

अब यह सबसे पहला और शुरूआती चरण होता है जो बैंक के द्वारा किया जाता है। अब मान लीजिये कि आपको लोन की किश्त को हर महीने की एक तारीख को जमा करवाना होता है लेकिन आप किसी कारणवश लेट हो जाते हैं या फिर भूल जाते हैं तो इसक अर्थ यह नहीं है कि बैंक सीधे ही आप पर कार्यवाही कर देगा या आपको सजा दे देगा। अब भूल तो हर व्यक्ति से हो सकती है और वह किसी संकट में भी आ सकता (Loan na chukane par kya hota hai) है। ऐसे में बैंक बस लोन दिए जाने की शर्तों के आधार पर आपको कुछ जुर्माने की राशि के साथ लोन की किश्त का भुगतान करने के लिए कह सकता है।

इसके लिए बैंक के अधिकारी आपको फोन करके सूचित कर सकते हैं लेकिन ऐसा कम ही होता है। सामान्य तौर पर पहले आपको ईमेल भेज दिया जाता है या फिर मैसेज भेजकर सूचित किया जाता है। यदि आप ईमेल या मैसेज आने के बाद भी कुछ दिनों तक कोई कार्यवाही नहीं करते हैं तो बैंक का कोई अधिकारी आपको फोन कर इसका कारण जानने की कोशिश कर सकता है। इसी के साथ ही वह आपको अन्य नियम व शर्तें बता देता है।

तो पहले चरण के अनुसार बैंक आपसे फोन, ईमेल या मैसेज के जरिये संपर्क करता है और आप पर किसी तरह की कार्यवाही नहीं करता है। वह बस आपसे कुछ जुर्माना या देरी की फीस लेता है, और कुछ नहीं। हालाँकि इससे आपका क्रेडिट स्कोर और सिबिल स्कोर अवश्य ही नकारात्मक हो जाता है या कुछ कम हो जाता है। भविष्य में सही दरों और जल्दी लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर का अच्छा होना बहुत जरुरी होता है।

दूसरा चरण: लोन ना चुकाने पर बैंक के द्वारा की जाने वाली कार्यवाही

अब जो यह दूसरा चरण होता है, वह तीसरे महीने के समाप्त होने के बाद शुरू होता है। अब आपको अपने द्वारा लिए गए लोन की राशि को हर महीने किश्त के रूप में चुकाना होता है। ऐसे में आप लगातार तीन महीने तक लोन की किश्त नहीं चुकाते हैं या इसे 90 दिन से ज्यादा का समय हो जाता है तो बैंक आप पर कार्यवाही करने का अधिकार रखता है। अभी तक तो बैंक आपसे मैसेज, कॉल और ईमेल के जरिये ही संपर्क कर रहा होता है और आपसे लोन चुकाने का अनुरोध करता (Loan na bharne par kya hoga) है।

हालाँकि यदि आप 3 महीने तक लगातार बैंक को लोन की राशि नहीं देते हैं तो फिर बैंक आपके घर पर सामान्य नोटिस भेजता है। इस नोटिस में यह बताया गया होता है कि आपने कब से लोन की राशि को नहीं चुकाया है और अब आपका कितना बकाया बचा है। साथ ही इसमें जुर्माने की राशि कितनी है और यदि आप अभी भी लोन की किश्त को समय रहते नहीं चुकाते हैं तो आपके विरुद्ध क्या कुछ कार्यवाही हो सकती है। आइये चरणबद्ध तरीके से समझ लेते हैं।

बैंक से सामान्य नोटिस मिलना

सबसे पहले तो लगातार 90 दिन बीत जाने के बाद भी लोन की किश्त नहीं मिलने पर बैंक आपके घर पर एक सामान्य नोटिस भिजवा देगा। इसमें बताया जाएगा कि आपने लोन कब से नहीं चुकाया है, अब आपको कितनी राशि बैंक को देनी है, कब तक देनी है, जुर्माना कितना लगेगा और यदि उस समय तक भी नहीं दी तो फिर आपके साथ क्या होगा। आपको इस नोटिस का जवाब कुछ ही दिनों में देना होता है अन्यथा आगे की कार्यवाही होती है।

बैंक से लीगल नोटिस आना

अब यदि आप बैंक के द्वारा भेजे गए इस सामान्य नोटिस का उत्तर नहीं देते हैं और ना ही लोन की राशि का भुगतान करते हैं तो बैंक आगे की कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र होता है। हालाँकि इसके लिए बैंक 2 माह और रुकता है और जब लोन की किश्त को ना चुकाए हुए 5 माह से ज्यादा का समय हो जाता (Loan na bhare to kya hoga) है तो बैंक आपके घर लीगल नोटिस अर्थात कानूनी नोटिस भिजवाता है। इसमें बताया गया होता है कि लोन लेते समय बैंक के द्वारा बनाये गए नियम और शर्तों के आधार पर आपके विरुद्ध क्या कुछ कानूनी कार्यवाही हो सकती है।

रिकवरी एजेंट का घर आना

इसी के साथ ही हर बैंक के कुछ ऐसे अधिकारी या कर्मचारी होते हैं जिन्हें लोन की राशि वापस लेने के लिए ही रखा जाता है। उन्हें हम रिकवरी एजेंट भी कह सकते हैं। ये एजेंट आपसे संपर्क करते हैं, आपके घर आते हैं और लोन नहीं चुकाने का कारण जानते हैं। यदि वे किसी तरह से आपकी सहायता कर सकते हैं तो उसमें आपकी पूरी सहायता करते हैं। साथ ही आपको यह भी बताते हैं कि यदि आपने लोन समय पर नहीं चुकाया तो आपके विरुद्ध क्या कुछ हो सकता है।

बहुत लोगों को यह लगता है कि ये रिकवरी एजेंट गुंडे होते हैं जो आपको धमकी दे सकते हैं या मारपीट कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। भारत सरकार, वित्त मंत्रालय व रिज़र्व बैंक ऑफ भारत के द्वारा यह नियम बनाया गया है कि किसी भी बैंक या अन्य वित्तीय संस्था के द्वारा अपने रिकवरी एजेंट या गुंडों के द्वारा किसी भी ऐसे व्यक्ति को धमकाया नहीं जा सकता जो लोन नहीं चुका रहा हो। उसके विरुद्ध विधि सम्मत ही कार्यवाही की जाती (Agar loan na bhare to kya hoga) है।

तीसरा चरण: लोन ना चुकाने पर सजा क्या है?

अब यदि बैंक ने आपको सामान्य नोटिस और लीगल नोटिस भी भेज दिया है और रिकवरी एजेंट ने भी अपनी ओर से पूरी कोशिश कर ली है लेकिन फिर भी आप लोन नहीं चुका रहे हैं तो बैंक के द्वारा सख्त कार्यवाही की जा सकती है। इसके आधार पर आपको सजा भी हो सकती है और अन्य गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। ऐसे में आइये जाने बैंक के द्वारा आपके विरुद्ध लोन नहीं चुकाने पर क्या कुछ कार्यवाही की जा सकती है जिससे आपको सजा मिल सके।

आपकी गिरवी चीज़ को जब्त कर लेना

जब कभी आप लोन लेते हैं तो बैंक अपनी सुरक्षा के तौर पर आपका कुछ कीमती सामान अपने पास गिरवी रख लेता है। अब यह कुछ भी हो सकता है, जैसे कि आपके गहने, गाड़ी के कागजात या ऐसा ही कुछ अन्य कीमती व बहुमूल्य सामान। अब यदि आप समय पर लोन नहीं चुकाते हैं और इसे चुकाए हुए 6 माह से भी अधिक का समय बीत चुका है तो उस स्थिति में बैंक आपके उस सानान को जब्त करने का अधिकार रखता (Agar personal loan na bhare to kya hoga) है।

उस चीज़ को जब्त करने का मतलब हुआ कि अब से उस चीज़ पर आपका कोई अधिकार नहीं रह गया है और वह चीज़ बैंक की ही है। ऐसे में आपको अपनी उस चीज़ से हाथ धोना पड़ता है और उस पर बैंक का अधिकार हो जाता है। यह भी ध्यान रखें कि जो चीज़ आपने गिरवी नहीं भी रखी है, वह चीज़ भी बैंक कानून की सहायता से जब्त कर सकता है और उसे बैंक की संपत्ति बना सकता है।

संपत्ति को नीलाम कर देना

अब बैंक केवल आपकी कीमती चीज़ों को ही जब्त नहीं करता है बल्कि आपकी संपत्ति भी नीलाम कर सकता है। अब यदि लोन की राशि बहुत ज्यादा है और उसकी भरपाई आपके गिरवी रखे सामन या अन्य सामान को जब्त करके भी नहीं हो सकती है तो उस स्थिति में बैंक आपकी संपत्ति को नीलाम कर सकता है और लोन की राशि को ले सकता है।

ऐसे में आपके नाम पर जो भी संपत्ति है, फिर चाहे वह आपका घर हो या दुकान या खाली पड़ी जमीन या और कुछ, बैंक उसे जब्त कर लेता है और फिर उसकी नीलामी कर देता है। यह लोन की राशि को वसूलने का सबसे ज्यादा कारगर उपाय है।

कोर्ट में केस कर देना

इसी के साथ ही बैंक सभी सबूतों के आधार पर आपके विरुद्ध कोर्ट में केस कर सकता है। एक तरह से वह आपको कोर्ट की सीमा तक घसीट लाता है और फिर सब कुछ कोर्ट में ही कानूनी रूप से चलता है। इस बात का ध्यान रखें कि बैंक कोर्ट में उस केस को तभी लेकर जाता है जब उसे पता चल जाता है कि आप सीधे तौर पर लोन नहीं चुकाने वाले हैं और बैंक को आपके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करनी ही पड़ेगी।

अब बैंकों के बहुत बड़े और नामी वकील होते हैं जिनके सामने आप नहीं टिक सकते हैं। वहीं आपको भी एक महंगा वकील करना पड़ता है जिस पर बहुत पैसा लग जाता है। हालाँकि इसके लिए आपको जेल नहीं हो सकती है लेकिन कोर्ट आप पर जुर्माना, आर्थिक पाबंदी इत्यादि कई तरह की कार्यवाही कर सकता है। वहीं कुछ कुछ मामलों में जेल की सजा भी हो सकती है।

भविष्य में कोई लोन नहीं मिलना

आप यह मत सोचिये कि आपने अभी लोन नहीं चुकाया तो इसका अर्थ हुआ कि आपको आगे लोन मिल जाएगा। अब यदि कोई व्यक्ति समय पर लोन नहीं चुकता है या इसमें आनाकानी करता है तो उसके रिश्ते भारत में काम कर रहे हरेक बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं से ख़राब हो जाते हैं। वह इसलिए क्योंकि हरेक वह संस्थान जो लोन देने का काम करता है, वह उससे पहले उस व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर और सिबिल स्कोर चेक करता है।

यह सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच में होता है और इसमें जितनी कम रेटिंग होती है, उतना ही उस व्यक्ति को लोन मिलने की संभावना कम होती है। ऐसे में 300 से 500 के बीच के सिबिल स्कोर को बुरा माना जाता है और उस व्यक्ति को लोन नहीं मिलता है। लोन नहीं चुकाने पर आपका सिबिल स्कोर भी नीचे चला जाता है और फिर भविष्य में कहीं से भी लोन मिलना लगभग असंभव सा हो जाता है।

समाज में छवि ख़राब करना

बैंक इन सभी के अलावा आपको एक सजा और दे सकता है और वह यह है कि वह आपकी छवि को नकारात्मक बना सकता है और समाज के सामने शर्मसार कर सकता है। हाल ही में गुजरात सहित कई अन्य राज्यों में यह घटनाएँ देखी गयी थी कि बैंक ने ऐसे लोगों के घरों पर ढोल नगाड़े के साथ लोग भेजे थे जो लोन की किश्त नहीं चुका रहे (Personal loan na chuka pane par kya hoga) थे।

अब वे लोग उनके घर के बाहर जाकर ढोल नगाड़े बजाते थे और लोन चुकाने को कहते थे। इससे उन्हें पूरे परिवार, समाज और मोहल्ले वासियों के सामने शर्मिंदा होना पड़ता है और उनकी छवि भी नकारात्मक बन जाती है। तो बैंक आपको ऐसी भी सजा दे सकता है और समाज में आपको बेइज्जत कर सकता है।

लोन नहीं चुकाने पर क्या होगा – Related FAQs 

प्रश्न: अगर आप कर्ज नहीं चुका सकते तो क्या होगा?

उत्तर: अगर आप अपना कर्ज नहीं चुका रहे हैं तो जो विधिक कार्यवाही होगी उसके बारे में जानकारी हमने ऊपर के लेख में विस्तार से दी है जो आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: अगर मैं 3 महीने तक ईएमआई का भुगतान नहीं करता तो क्या होता है?

उत्तर: अगर आप 3 महीने तक ईएमआई का भुगतान नहीं करते तो बैंक आपके घर पर सामान्य नोटिस भेज सकता है और आपके खाते को एनपीए खाता घोषित करता है।

प्रश्न: लोन न भरे तो क्या होगा?

उत्तर: लोन नहीं भरने पर जो कार्यवाही होगी उसके बारे में जानकारी हमने ऊपर के लेख में विस्तार से दी है।

प्रश्न: लोन का सेटलमेंट कब होता है?

उत्तर: जब बैंक को लगता है कि आप लोन चुकाने के लिए बिल्कुल असमर्थ हैं तो वह सेटलमेंट करते हैं।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि लोन नहीं चुकाने पर क्या होगा। हमने इसके बारे में विस्तार से शुरू से लेकर अंत तक संपूर्ण जानकारी दी है। आशा है कि जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई शंका आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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