लोकपाल व लोकायुक्त क्या होता है? | इनकी नियुक्ति कैसे होती है? | Lokpal and lokayukta act 2013 in Hindi

|| लोकपाल व लोकायुक्त क्या होता है? | Lokpal and lokayukta act 2013 in Hindi | Lokpal and lokayukta act in Hindi | Lokpal kya hai | Lokayukta act in India in Hindi | लोकायुक्त की नियुक्ति कौन करता है? | लोकपाल का अध्यक्ष कौन होता है? | Lokpal adhyaksh kaun hota hai ||

Lokpal and lokayukta act 2013 in Hindi :- आप सभी को वर्ष 2012 के आसपास शुरू हुआ प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे का आंदोलन याद ही होगा जो उन्होंने देशव्यापी स्तर पर लोकपाल बनाने के लिए किया था। इस आंदोलन ने देश की शीर्ष सत्ता तक को हिलाकर रख दिया था क्योंकि देश पर कांग्रेस सरकार का शासन था और भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर था। उस समय देश की राजधानी दिल्ली में अन्ना हजारे ने लोकपाल के लिए आंदोलन का बिगुल फूंक दिया था जिससे देश की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा सहित अन्य दल जुड़ गए (Lokpal and lokayukta act in Hindi) थे।

इस आंदोलन के बलबूते ही कांग्रेस की सरकार को लोकपाल बनाने के लिए विवश होना पड़ा और उन्होंने इस देश में लोकपाल तथा लोकायुक्त की स्थापना की थी। अब बहुत से लोगों को लोकपाल क्या है या लोकायुक्त क्या होता है, इसके बारे में जानकारी नहीं होती है। ऐसे में वे लोकपाल व लोकायुक्त की स्थापना होने के इतने वर्षों के बाद भी इसका भरपूर लाभ नहीं उठा पाते (What is lokpal and lokayukta act 2013 in Hindi) हैं।

यही कारण है कि आज के इस लेख में आपको लोकपाल व लोकायुक्त दोनों के बारे में ही विस्तार से जानने को मिलेगा ताकि आपके मन में इसको लेकर सभी तरह की आशंका पर विराम लग सके। इसके साथ ही आपको लोकपाल व लोकायुक्त की शक्तियों तथा कर्तव्यों के साथ साथ उनके काम के बारे में भी विस्तार से जानकारी (Difference between lokpal and lokayukta in Hindi) मिलेगी। आइये जाने लोकपाल व लोकायुक्त क्या होता है और उनके क्या कुछ कार्य होते हैं।

लोकपाल व लोकायुक्त क्या होता है? (Lokpal and lokayukta act 2013 in Hindi)

सबसे पहले हम इस प्रश्न के बारे में बात करते हैं कि आखिरकार यह लोकपाल व लोकायुक्त होता क्या है और उनके क्या कुछ कार्य होते हैं। उक्त लेख को पढ़ कर आपको लोकपाल व लोकायुक्त के बारे में विस्तार से जानकारी मिलने वाली है जिससे आपको दोनों के बारे में ही विस्तार से पता चल जाएगा। इसमें हम आपके सामने दोनों के बारे में ही एक एक करके बताने वाले हैं क्योंकि दोनों ही एक दूसरे से भिन्न होते हैं और उनकी शक्तियों का दायरा भी सीमित है, आइये जाने दोनों के बारे में।

लोकपाल व लोकायुक्त क्या होता है Lokpal and lokayukta act 2013 in Hindi

लोकपाल क्या होता है? (Lokpal kya hota hai)

सबसे पहले हम लोकपाल की बात कर लेते हैं जिसकी अवधारणा तो बहुत पहले ही रख दी गयी थी लेकिन इसे प्रभाव में वर्ष 2014 में लाया गया था। हालाँकि वैश्विक स्तर पर तो इसको लेकर दशकों से ही बहस चल रही है और इसे स्वस्थ लोकतंत्र को बनाये रखने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी बताया गया है। ऐसे में जिस जिस भी देश में लोकतंत्र स्थापित है और वहां एक संविधान के अनुसार शासन व्यवस्था चल रही है, वहां वहां वैश्चिक प्रयासों के तहत लोकपाल को बनाने का विचार चल रहा है जिसकी स्थापना भारत देश में वर्ष 2014 में हो गयी (Lokpal kya hai) थी।

तो लोकपाल एक गैर संवैधानिक व्यवस्था है जिसमे कुल आठ सदस्य होते हैं। इसमें 4 सदस्य भारतीय न्यायिक व्यवस्था के शीर्ष न्यायाधिश व अन्य उच्चविद व्यक्ति होते हैं। वहीं अन्य 4 सदस्य भारत की शीर्ष सत्ता के सबसे शीर्ष व समूह के अधिकारी होते हैं जो प्रधानमंत्री या मुख्य मंत्रियों के अधीन या उनके आसपास के समकक्ष अधिकारी होते हैं। तो इन आठ सदस्यों सहित एक लोकपाल या अध्यक्ष होता है, इनको मिलाकर लोकपाल बनाया गया है।

इनका कार्य केंद्र में शीर्ष सत्ता से लेकर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के द्वारा यदि किसी भी तरह का भ्रष्टाचार किया जा रहा है तो उस पर प्रजा के द्वारा दर्ज की गयी शिकायतों को सुनना, उन पर यथोचित कार्यवाही करना, उसका निवारण करना तथा न्याय दिलवाना होता (Lokpal kya h) है। यह देश के केंद्रीय मंत्रियों सहित शीर्ष अधिकारियों, केंद्र के अधीन काम कर रहे हर स्तर के अधिकारी इत्यादि के ऊपर जांच बिठा सकता है और उन पर कार्यवाही कर सकता है। हालाँकि इसके दायरे से भारत के प्रधानमंत्री को बाहर रखा गया है और राष्ट्रपति के ऊपर तो देश की सर्वोच्च न्यायालय भी कार्यवाही नहीं कर सकती है।

लोकायुक्त क्या होता है? (Lokayukta in Hindi)

अब जब अपने लोकपाल क्या होता है या लोकपाल का अर्थ क्या है, इसके बारे में जानकारी ले ली है तो इसके बाद बारी आती है लोकायुक्त की। तो जिस तरह से देश में प्रधानमंत्री होते हैं और सांसद उनके अधीन रह कर कार्य करते हैं तथा देश में लाखों केंद्र सरकार के कर्मचारी कार्यरत हैं और उनके द्वारा यदि भ्रष्टाचार की जांच के लिए लोकपाल का गठन किया गया है तो राज्य सरकार पर भी तो जांच बिठाई जानी (Lokayukta kya hota hai) चाहिए।

यही कारण है कि लोकपाल के साथ ही भारत के हरेक पूर्ण राज्य में लोकायुक्त की भी नियुक्ति की गयी है जिसका दायरा अपने राज्य तक ही सीमित होता है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि यदि नागालैंड में लोकायुक्त है तो वह नागालैंड की सरकार व वहां के राजकीय अधिकारियों की ही जांच कर सकता है, उसे हरियाणा की सरकार या वहां के राजकीय अधिकारियों पर कार्यवाही करने या उनकी जांच करने का कोई अधिकार नहीं (Lokayukta act in India in Hindi) होगा।

तो इस तरह से राज्य सरकार के सभी मंत्रियों सहित वहां के राजकीय प्रशासन के सभी अधिकारियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करना, उस पर यथोचित कार्यवाही करना तथा प्रजा की शिकायतों का निवारण करना लोकायुक्त का कर्तव्य होता है। लोकायुक्त में कुल 3 सदस्य होते हैं जो न्यायिक व्यवस्था से लेकर प्रशासन के शीर्ष अधिकारी होते हैं। इनके ऊपर लोकायुक्त का एक अध्यक्ष भी होता है जो इन सभी को निर्देशित करता है।

लोकपाल का अध्यक्ष कौन होता है? (Lokpal adhyaksh kaun hota hai)

अब आपको यह भी जान लेना चाहिये कि आखिरकार कौन सा व्यक्ति लोकपाल का अध्यक्ष बन सकता है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि भारत में अभी तक लोकपाल को बने हुए कुछ वर्ष ही हुए हैं और उसमे अध्यक्ष का पद भी बहुत ही गंभीर विषय है जो अभी तक एक बहस का मुद्दा ही बना हुआ है। वह इसलिए क्योंकि लोकपाल के अध्यक्ष की शक्तियां बहुत ही ज्यादा है और वह भारत की संसद में बैठने वाले किसी भी सांसद के ऊपर जांच कर सकता है और उसके विरुद्ध कार्यवाही कर सकता है, केवल प्रधानमंत्री को छोड़कर।

तो इस तरह से लोकपाल का अध्यक्ष भारत की शीर्ष सत्ता का सर्वोच्च अधिकारी जो आईएस के समूह ए रैंक का है और उसका अनुभव बहुत अधिक है या भारतीय न्याय व्यवस्था का सबसे उच्च आसीन अधिकारी या न्यायाधीश हो सकता है। हालाँकि इसको लेकर कोई निर्धारित मापदंड नहीं है और इसमें कभी भी परिवर्तन किया जा सकता है। फिर भी लोकपाल के अध्यक्ष की शक्तियां बहुत ही अधिक है जो भारत की कैबिनेट तक को हिला सकती है।

लोकायुक्त अध्यक्ष कौन होता है? (Lokayukta adhyaksh kaun hota hai)

जिस प्रकार लोकपाल में देश की शीर्ष सत्ता का सर्वोच्च अधिकारी बैठाया जाता है ठीक उसी तरह जिस भी राज्य में लोकायुक्त की स्थापना की गयी है, उसके अध्यक्ष के रूप में वहां की राज्य का शीर्ष अधिकारी या उच्च न्यायालय का शीर्ष आसीन व्यक्ति ही बनाया जाता है। उस पर उस राज्य के किसी भी अधिकारी सहित, सभी तरह के विधायक, मंत्री, सभापति, पार्षद, महापौर इत्यादि पर कार्यवाही करने का पूर्ण अधिकार होता है।

हालाँकि लोकपाल की तरह ही लोकायुक्त को भी अपने राज्य के मुख्यमंत्री पर कार्यवाही करने का अधिकार नहीं होता है। वैसे इस तरह के नियम को लेकर विवाद हो चुका है लेकिन किसी भी गैर संवैधानिक संस्था, संगठन या समूह को देश व राज्य की शीर्ष सत्ता के प्रधान पर जांच करने या उस पर कार्यवाही करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता है क्योंकि यह सीधे तौर पर देश के लोकतंत्र को चुनौती समझी जाएगी।

लोकपाल की नियुक्ति कौन करता है? (Lokpal ki niyukti kaise hoti hai)

अब आपका अगला प्रश्न होगा कि भारत देश में जो लोकपाल की स्थापना की गयी है, उसके अध्यक्ष व अन्य सदस्यों की नियुक्ति करने का अधिकार किसे दिया गया है। तो लोकपाल का अध्यक्ष सबसे महत्वपूर्ण पद होता है और उसे उसके पद पर आसीन करने वाले भारत के प्रथम व सबसे शाक्तिशाली नागरिक भारत देश के महामहिम व राष्ट्रपति होते हैं। राष्ट्रपति के पास ही लोकपाल का अध्यक्ष नियुक्त करने, उस पर कार्यवाही करने या उसे निलंबित या निष्कासित करने का अधिकार है।

इसी तरह लोकपाल के सदस्यों की नियुक्ति भी भारत की शीर्ष सत्ता से मंथन के बाद राष्ट्रपति ही नियुक्त करते हैं लेकिन वह केवल प्रशासनिक पदों के लिए ही है। लोकपाल में जो चार सदस्य न्यायिक व्यवस्था के हैं, उसमे सत्ता का कोई योगदान नहीं होता है और वह भारत का सर्वोच्च न्यायालय राष्ट्रपति की अनुशंसा के बाद नियुक्त करता है।

लोकायुक्त की नियुक्ति कौन करता है? (Lokayukta ki niyukti kaun karta hai)

अब जिस प्रकार देश का सर्वोच्च व शक्तिशाली नागरिक राष्ट्रपति को बनाया गया है, ठीक उसी तरह किसी भी राज्य में सबसे ऊँचा पद वहां के राज्यपाल का होता है और उसी के पास ही संविधान के तहत सर्वोच्च शक्तियां होती है। तो लोकायुक्त के अध्यक्ष सहित उसके सभी तीन सदस्यों की नियुक्ति वहां का राज्यपाल वहां की शीर्ष सत्ता सहित वहां के उच्च न्यायालय की अनुशंसा पर नियुक्त करता है।

हालाँकि इसमें राज्यपाल उनका अनुमोदन या शर्त मानने को बाध्य नहीं होता है और वह केंद्र सरकार या संविधान या अपने विवेक के आधार पर उसका निर्णय कर सकता है। किन्तु इसी के साथ ही उसे लोकपाल के अध्यक्ष की बात को सुनना ही होगा और वह उसे नकार नहीं सकता है। लोकायुक्त के अध्यक्ष सहित उसके सदस्यों को लोकपाल का अध्यक्ष कभी भी हटा सकता है, नियुक्त कर सकता है या उसे हमेशा के लिए निष्कासित कर सकता है।

लोकपाल व लोकायुक्त क्या होता है – Related FAQs 

प्रश्न: लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 कब लागू हुआ?

उतर: लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 को 1 जनवरी 2014 को स्वीकृति मिली थी।

प्रश्न: लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम 2013 के अनुसार लोकपाल संस्था में कितने सदस्य होंगे?

प्रश्न: भारत में कितने राज्यों में लोकायुक्त हैं?

उतर: लोकपाल में सदस्यों की संख्या 8 रखी गई है।

उतर: वर्तमान में दिल्ली को मिला कर 18 राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति की गई है।

प्रश्न: क्या लोकपाल एक संवैधानिक निकाय है?

उतर: नहीं, लोकपाल को संवैधानिक दर्जा प्राप्त नहीं है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने लोकपाल व लोकायुक्त के बारे में जानकारी हासिल कर ली है कि लोकपाल व लोकायुक्त क्या होता है इनके अध्यक्ष कौन होते हैं और इनकी नियुक्ति कौन करता है। आशा है कि आप जो जानकारी लेने इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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