|| लोकतंत्र किसे कहते हैं? | Loktantra kise kahate hain | What is democracy in Hindi | लोकतंत्र शब्द का अर्थ क्या है? | लोकतंत्र का पर्यायवाची क्या है? | लोकतंत्र को अंग्रेजी में क्या कहते हैं? |
Loktantra kise kahate hain, आज के समय में लोकतंत्र को लेकर पूरे विश्व में बहस छिड़ी हुई है। कोई इसे विश्व के लिए अच्छा मानता है तो कोई इसे बुरा भी कहता है। हालाँकि यह भी एक सत्य है कि यह दुनिया लाखों वर्षों से चल रही है और यहाँ पर तब से लेकर आज तक राजतंत्र ही चल रहा है और लोकतंत्र बस कुछ सदी पुराना ही है और अभी से ही इसकी नींव हिलने लगी है। क्योंकि यह प्रजा को अधिक अधिकार देता (Loktantra kya hai) है।
आज का यह लेख आपको यह समझाने के उद्देश्य से ही लिखा गया है कि यह लोकतंत्र आख़िरकार होता क्या है और इसे क्यों ही बनाया गया था। आज का यह लेख पढ़ कर आपको लोकतंत्र के बारे में शुरू से लेकर अंत तक बहुत कुछ जानने को मिलेगा। साथ ही यह भी जानने को मिलेगा कि इसकी अवधारणा क्यों रखी गयी थी और इसके सही मायने क्या कुछ होते (What is democracy in Hindi) हैं।
ऐसे में आपको यह लेख बहुत ही ध्यान से पढ़ना चाहिए क्योंकि इसे पढ़ कर आपके हर तरह के प्रश्न जो लोकतंत्र के ऊपर है, वह हल हो जाएंगे और आपको उनका सही उत्तर मिल जायेगा। अब यह लोकतंत्र क्या है और कैसे कार्य करता है, आइये इसके बारे में जान लेते (Loktantra kise kahte hai) हैं।
लोकतंत्र किसे कहते हैं? (Loktantra kise kahate hain)
इस लेख में हम सबसे पहले आपको लोकतंत्र शब्द और इसके अर्थ को बेहतर तरीके से समझाने का प्रयास करेंगे ताकि आपके मन की सभी तरह की शंकाएं खत्म हो जाए। ऐसे में आपको लोकतंत्र का अर्थ समझने से पहले राजतंत्र का अर्थ समझ लेना चाहिए जिससे कि आपको लोकतंत्र की परिभाषा अच्छे से समझ में आ सके। तो राजतंत्र वह होता है जहाँ किसी क्षेत्रफल, राज्य, देश इत्यादि का स्वामित्व किसी एक व्यक्ति के पास होता है और वह वहां की भूमि तथा लोगों से संबंधित कोई भी निर्णय लेने को स्वतंत्र होता (Loktantra kise kaha jata hai) है।
वह व्यक्ति किसी के भी अधीन नहीं होता है और ना ही उसे प्रजा के द्वारा हटाया जा सकता है। उसे केवल युद्ध में परास्त कर या मृत्यु के पश्चात ही हटाया जा सकता है। इससे पहले वह अपनी भूमि या राज्य में रह रहे लोगों, मवेशियों, इत्यादि के लिए कोई भी नियम बना सकता है और उसे कोई भी नहीं बदल सकता है। हालाँकि इस व्यक्ति पर उसके मंत्रिमंडल, परिवार, सेनापति, प्रधानमंत्री, गुरु इत्यादि का प्रभाव अवश्य होता है लेकिन वह अपने निर्णय लेने को स्वतंत्र होता है। उस व्यक्ति को वहां का राजा कहा जाता है और इसी कारण इसका नाम राजतंत्र पड़ (Loktantra ke bare me jankari) गया।
अब लोकतंत्र इसका ठीक विपरीत होता है। इसमें भी एक व्यक्ति को सबसे बड़ा नेता या यूँ कहें कि राजा बनाया जाता है लेकिन उसे संज्ञा अलग दी जाती है। उसे हम प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के नाम से जानते हैं। किन्तु आप यह मत समझिये कि वह वहां का राजा हो गया या उसके पास एक राजा जैसी शक्तियां होती है। हालाँकि यह उस देश के संविधान पर निर्भर करता है लेकिन कहीं भी ऐसे देश में जहाँ पर लोकतंत्र होता है वहां के मुखिया को राजा जैसी शक्ति नहीं दी जा सकती है। यदि उसे राजा जैसी शक्तियां दे दी गयी तो उस देश से लोकतंत्र समाप्त हो जायेगा।
अब लोकतंत्र को सरल शब्दों में समझा जाए तो यह उस देश या राज्य के नागरिकों को अत्यधिक अधिकार देता है और उन्हें अपने देश का राजा/ प्रधानमंत्री/ राष्ट्रपति चुनने का अधिकार देता है। यह उस देश के संविधान के अनुसार होता है। यह उस देश के संविधान के अनुसार बनाई गयी चुनाव प्रणाली या चुनाव आयोग के द्वारा संपन्न करवाया जाता है। इसमें एक निर्धारित समय के बाद या लोकतंत्र के द्वारा चुनी हुई सरकार के गिर जाने के पश्चात वहां की प्रजा के द्वारा वोट दिया जाता है।
अब जब पूरे देश की प्रजा वोट दे देती है तो अंत में चुनाव आयोग वोट की गिनती करता है और जिस भी पार्टी को ज्यादा वोट मिलते हैं या जिस भी पार्टी के ज्यादा उम्मीदवार जीतते हैं, उसे ही वहां का शासन दे दिया जाता है। अब उस पार्टी में से किसी एक व्यक्ति को उस देश का मुखिया या प्रमुख या नेता बना दिया जाता है जिसे प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति की संज्ञा दी जाती है। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार भारत देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री मान नरेन्द्र मोदी जी हैं।
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लोकतंत्र शब्द का अर्थ क्या है? (Loktantra ki paribhasha)
अब हम लोकतंत्र शब्द के अर्थ को भी समझने का प्रयास करेंगे। ऊपर आपने राजतंत्र का अर्थ जाना लेकिन लोकतंत्र शब्द का अर्थ जानना अभी बाकि रह गया है। तो यह लोकतंत्र शब्द दो शब्दों के मेल से बना हुआ है जो लोक व तंत्र है। इसमें लोक का अर्थ होता है किसी एक भूभाग में रहने वाले लोग। अब तंत्र का अर्थ होता है व्यवस्था। तो जिस भी देश में वहां के लोगों के द्वारा वहां की व्यवस्था का निर्धारण किया जा रहा हो और उसका स्वामित्व किसी एक व्यक्ति के पास ना हो तो उसे लोकतंत्र कहा जाता है तथा उस देश को लोकतांत्रिक देश कहा जाता (Loktantra word meaning in Hindi) है।
जिस भी देश में लोकतंत्र होता है वहां की प्रजा को यह पूर्ण अधिकार होता है कि वह आने वाले चुनावो में किस पार्टी को विजयी बनाएगी या किस उम्मीदवार को वोट देगी। उसी के अनुसार ही यह निर्धारित किया जाता है कि वहां किस राजनीतिक पार्टी के हाथ में सत्ता आएगी और वह अगले कुछ वर्षों के लिए उस देश का प्रतिनिधित्व (Loktantra ka meaning) करेगी।
लोकतंत्र का पर्यायवाची क्या है? (What are synonyms for democracy in Hindi)
अब हम आपको लोकतंत्र का पर्यायवाची भी बता देते हैं क्योंकि बहुत से लोग इसके पर्यायवाची को सुन कर यह समझ लेते हैं कि शायद यह एक अलग शासन व्यवस्था होती है जिसका लोकतंत्र से कोई संबंध नहीं है। तो यहाँ हम दोनों के बीच में कोई अंतर नहीं होता है क्योंकि यह दोनों पर्यायवाची ही हैं, इसके बारे में बताने जा रहे (What is another term for democracy in Hindi) हैं।
ऐसे में लोकतंत्र का पर्यायवाची गणतंत्र होता है। अवश्य ही आपने बहुत जगह इस शब्द को सुन भी रखा होगा क्योंकि कई बार भारतीय संविधान या मीडिया इत्यादि में लोकतंत्र की बजाये गणतंत्र शब्द का भी उपयोग प्रमुखता के साथ किया जाता है। तो इन दोनों शब्दों में कोई अंतर नहीं है क्योंकि गण का अर्थ भी लोगों से ही होता (Loktantra ka paryayvachi) है। इस तरह से लोक व गण एक दूसरे के पर्यायवाची ही हुए और दोनों के अंत में तंत्र तो जुड़ा ही हुआ है।
लोकतंत्र को अंग्रेजी में क्या कहते हैं? (Loktantra in English name)
लोकतंत्र का पर्यायवाची क्या होता है, यह तो आप जान ही चुके हैं लेकिन इसका एक और पर्यायवाची या फिर यूँ कहें कि इसे अंग्रेजी में क्या कहा जाता है, यह भी आपको साथ के साथ जान लेना चाहिए। बहुत से लोगों ने लोकतंत्र का इंग्लिश शब्द सुना तो होता है लेकिन फिर भी वे इसे लेकर सोच में डूब जाते हैं। ऐसे में आपकी यही शंका दूर करने तो हम यहाँ आये हैं।
लोकतंत्र को अंग्रेजी में डेमोक्रेसी कहा जाता है और इसी शब्द का इस्तेमाल पूरी दुनिया में और ख़ास कर अंग्रेजी बोले जाने वाले देशों में प्रमुखता के साथ किया जाता है। तो यदि आप कहीं पर डेमोक्रेसी शब्द को सुने तो उसका सीधा सा अर्थ होता है लोकतंत्र।
लोकतंत्र का उल्टा क्या होता है? (Loktantra antonyms in Hindi)
यह शायद आपको ऊपर का लेख पढ़ कर पता चल भी गया होगा कि लोकतंत्र का उल्टा या विलोम शब्द क्या हो सकता है। फिर भी हम एक बार और इसके बारे में जानकारी देते हुए बता दें कि लोकतंत्र का उल्टा राजतंत्र होता है। अब इस राजतंत्र के कई अन्य नाम भी होते हैं या फिर हम इसे कई तरह के अन्य नामों से भी परिभाषित कर सकते (Loktantra ka vilom) हैं।
ऐसे में राजतंत्र को हम राजसी तंत्र, तानाशाही, एकल व्यक्ति तंत्र इत्यादि नाम से बुला सकते हैं। इन सभी का एक ही अर्थ होता है कि उस देश की सीमाओं तक पूर्ण अधिकार उसी एक व्यक्ति अर्थात राजा का होता है जो वहां के लिए कोई भी निर्णय लेने को स्वतंत्र होता है।
लोकतंत्र का आधार क्या है? (Loktantra ka aadhar kya hai)
अब किसी भी देश में यदि लोकतांत्रिक व्यवस्था है तो वह किसी चीज़ पर तो निर्भर करती ही होगी ना। कहने का अर्थ यह हुआ कि किसी भी देश का लोकतंत्र किसी चीज़ पर रह कर ही काम कर रहा होगा या उसको चलाने के लिए कोई तो व्यवस्था या नियम व शर्ते बनाये गए होंगे। ऐसे में लोकतंत्र का मुख्य आधार वहां का संविधान ही होता है।
जिस देश में लोकतंत्र की व्यवस्था है, वहां उस देश का संविधान अवश्य लिखा गया होता है। ऐसे में वही संविधान ही उस देश का राजा कहा जा सकता है जिसके अनुसार ही देश के सभी नियम व निति निर्देश बनते हैं। लोकतंत्र का प्रावधान व सभी तरह के नियम भी उसी में ही निहित होते हैं और उसके अनुसार ही सब कार्य प्रणाली की जाती है। इस तरह से किसी भी देश में लोकतंत्र का आधार वहां का संविधान ही होता है।
लोकतंत्र किस पर निर्भर करता है? (Loktantra kis par aadharit hai)
अब यह भी आपको बताने की शायद ही जरुरत पड़े क्योंकि लोकतंत्र का प्रमुख या मालिक वहां की प्रजा को ही माना जा सकता है। हालाँकि लोकतंत्र का आधार वहां का संविधान होता है लेकिन यह संविधान वहां के लोगों के द्वारा या उनकी राय के अनुसार ही बनाया गया होता है जिसमे समय समय पर वहां की चुनी हुई सरकार के द्वारा बदलाव किया जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि किसी समय पर लोगों की क्या राय है और उसके द्वारा उनकी सोच को निर्णयों में बदलने के लिए जो सरकार चुनी गयी है, वह सरकार उस संविधान में क्या बदलाव कर रही है, यही लोकतंत्र होता है।
इस तरह से अवश्य ही हम लोकतंत्र का आधार संविधान को कह सकते हैं लेकिन संविधान और लोकतंत्र स्वयं वहां की प्रजा पर निर्भर करता है। वहां की प्रजा चाहे तो अपनी इच्छा शक्ति के अनुसार कभी भी वहां के संविधान, सरकार, लोकतंत्र इत्यादि किसी को भी बदलने की क्षमता रखती है। यह एक तरह से लोकतंत्र की कमजोरी भी कही जा सकती है जो उसे राजतंत्र की ओर धकेलने की शक्ति रखती है।
लोकतंत्र का नेता कौन होता है?
अब यह हमने आपको पहले ही बताया कि किसी भी देश के संविधान के अनुसार उस देश में लोकतंत्र का प्रावधान किया गया होता है। अब इसी लोकतंत्र के तहत ही उस देश का चुनाव आयोग एक निश्चित समय के बाद उस देश में चुनाव का आयोजन करवाता है। इस चुनाव में वहां के संविधान के अनुसार कई तरह की पार्टियाँ या उम्मीदवार हिस्सा लेते हैं और जनता का भरोसा जीतने का कार्य करते हैं।
अब अंत में वहां की प्रजा के द्वारा किसी एक पार्टी या व्यक्ति को चुना जाता है और उसी पार्टी की ही सरकार वहां पर बनायी जाती है। उन चुने हुए लोगों को सांसद कहा जाता है। अब उन्हीं सांसदों में से कुछ सांसदों को देश के महत्वपूर्ण विभाग दिए जाते हैं जिन्हें हम मंत्री के नाम से जानते हैं। अब इन सभी मंत्रियों में से एक व्यक्ति को उनका प्रधान बनाया जाता है जिसे हम प्रधानमंत्री कहते हैं। इस तरह से लोकतंत्र का नेता, मुखिया, प्रधान, प्रमुख या राजा वहां का प्रधानमंत्री कहलाता है। कुछ कुछ देश में इसे राष्ट्रपति की संज्ञा भी दे दी जाती है।
लोकतंत्र कैसे काम करता है?
आपको यह भी जानना चाहिए कि किसी भी देश का लोकतंत्र किस तरह से कार्य करता है या उसकी कार्य प्रणाली कैसी होती है। हालाँकि यह उस देश के संविधान और उसके अंतर्गत बनायी गयी नीतियों पर ही निर्भर करता है जो भिन्न भिन्न हो सकती है। फिर भी कुल मिलाकर यह एक जैसी ही होती है। तो हर देश में लोकतंत्र को जारी रखने का नेतृत्व वहां का चुनाव आयोग करता है। तो किसी भी देश के संविधान के अनुसार जैसे ही किसी सरकार का कार्यकाल खत्म हो जाता है तो वहां के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के पास से मुख्य शक्तियां छीन जाती है।
अब उस देश की कमान वहां का चुनाव आयोग अपने हाथ में ले लेता है और इसमें उसकी सहायता वहां की सेना व पुलिस करती है। फिर वह चुनाव आयोग पूरे देश में चुनाव संपन्न करवाता है जिसमे लोगों से वोट के जरिये उनकी राय पूछी जाती है। अब वहां के सभी लोग अपनी पसंद की किसी एक पार्टी या उम्मीदवार को अपने अपने अनुसार वोट दे देते हैं।
जब यह प्रक्रिया हो जाती है तो वहां का चुनाव आयोग अंत में दिए गए वोट को गिनने का काम करता है। वोटों की गिनती हो जाने के पश्चात जिस भी पार्टी या व्यक्ति को ज्यादा वोट मिले होते हैं, उसे ही विजयी घोषित कर दिया जाता है। इस तरह से लोकतंत्र कार्य करता है और लोगों के मतों के अनुसार किसी एक व्यक्ति या पार्टी के हाथ में सत्ता का हस्तांतरण कर दिया जाता है।
लोकतंत्र के स्तंभ (Loktantra ke stambh)
किसी भी देश में लोकतंत्र के भी वही स्तंभ होते हैं जो वहां के संविधान के स्तंभ माने जाते हैं। यहाँ हम यह कहना चाह रहे हैं कि किसी भी देश का लोकतंत्र किन चीज़ों पर चलता है या टिका होता है, यह वहां के लोकतंत्र के स्तंभ कहलाते हैं। यदि इनमें से कोई एक स्तंभ गड़बड़ा जाता है या टूट रहा होता है तो समझ जाइये कि उस देश का लोकतंत्र खत्म हो रहा है और उसकी सुरक्षा पर खतरा उत्पन्न हो गया है। तो किसी भी देश में लोकतंत्र के क्या स्तंभ होते हैं, यह जानना भी आपके लिए जरुरी है।
- विधायिका
- न्याय पालिका
- कार्य पालिका
- पत्रकारिता
लोकतंत्र के फायदे क्या हैं? (Loktantra ke fayde)
लोकतंत्र के बारे में आपने इतना सब जान लिया है तो आपको इसके साथ ही यह भी पता होना चाहिए कि लोकतंत्र के क्या कुछ फायदे होते हैं जो हमें देखने को मिलते हैं। तो लोकतंत्र का सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि यह उस देश की प्रजा को असीमित शक्तियां प्रदान करता है। यह शक्तियां उसे उसके संविधान से मिलती है। इन्हीं शक्तियों के बलबूते ही वह वहां के मुख्य मंत्री, प्रधान मंत्री, इत्यादि किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध अपनी आवाज खड़ी कर सकता है, उसे चुनौती दे सकता है या चुनावो में उसके विरुद्ध खड़ा भी हो सकता है।
वह अपने साथ हो रहे किसी भी अन्याय के विरोध में आवाज उठा सकता है। अपने अनुसार कानून बनवा सकता है, सरकार को झुका सकता है, उनके निर्णय प्रभावित कर सकता है, न्याय पालिका के समक्ष न्याय की गुहार लगा सकता है तथा और भी बहुत कुछ कर सकता है। कुल मिलाकर लोकतंत्र वहां की प्रजा को असीमित शक्तियां प्रदान करता है। यही लोकतंत्र का सबसे बड़ा फायदा होता है जो हर तरह के मनुष्य को चाहिए होता है।
किसी भी लोकतांत्रिक देश में जो भी निर्णय लिए जाते हैं वह वहां की प्रजा के मतानुसार ही लिए जाते हैं। अब यदि किसी चुनी हुई सरकार के द्वारा कोई निर्णय लिया जा रहा है तो इसका सीधा सा अर्थ होता है कि यह वहां की अधिकांश या 50 प्रतिशत से अधिक जानता का मत है। अब यदि जनता को सरकार के निर्णय नहीं पसंद आते हैं तो उसे अगले चुनाव में हराने का विकल्प भी यही लोकतंत्र ही देता है।
लोकतंत्र की कमियां क्या हैं? (Loktantra ki kamiya kya hai)
लोकतंत्र के फायदों को जानने के साथ साथ उसके नुकसान या यूँ कहें कि उसकी कमियों को भी जान लेना चाहिए। आपने ऊपर यह पढ़ा कि किसी भी देश का लोकतंत्र वहां के नागरिकों को असीमित शक्तियां प्रदान करता है लेकिन यदि आप इसे विस्तृत रूप या उस देश के नागरिकों के नहीं बल्कि उस देश के रूप में देखेंगे तो पाएंगे कि यही लोकतंत्र की सबसे बड़ी कमजोरी या कमी भी है। यदि मनुष्य को असीमित शक्तियां दी जाती है तो यह दूसरे की शक्ति को कम करके ही दी जा सकती है।
साथ ही लोकतंत्र में मनुष्य के अधिकारों पर प्रमुखता के साथ बल दिया गया है लेकिन इसमें कर्तव्यों पर उतना बल नहीं दिया गया है। यह मनुष्य के विवेक पर छोड़ दिया गया है और यह लोकतंत्र की बहुत बड़ी समस्या है। राजतंत्र में विरोध नहीं हो सकता था और इसी कारण उस देश की सत्ता निर्बाध रूप से चलती रहती थी। किन्तु लोकतंत्र में विरोध होना, सरकार को गाली देना या उसे गिराने की कोशिश करना या उसे दबाव में लाना या उसके निर्णयों का विरोध करना बहुत ही आम बात हो गयी है।
इससे लोकतंत्र में प्रजा के द्वारा चुनी हुई सरकार उतनी शक्तिशाली नहीं होती है जितना कि उसे होना चाहिए। अब जिस देश का नेतृत्व एक कमजोर व्यक्ति कर रहा हो या वह सरकार दबाव में हो तो अवश्य ही वह देश भी बाकि दुनिया में कमजोर सिद्ध होगा। तभी हमने आपको पहले कहा कि लोकतंत्र उस देश के लोगों के लिए व्यक्तिगत रूप से और वर्तमान परिस्थिति में तो अच्छा है लेकिन यह उस देश या समाज के लोगों के लिए विस्तृत रूप से भविष्य की दृष्टि से अच्छा नहीं है।
तो इस तरह से आपने लोकतंत्र के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली है कि लोकतंत्र किसे कहते हैं लोकतंत्र शब्द का अर्थ क्या है और इसे अंग्रेजी में क्या कहते हैं। लोकतंत्र का पर्यायवाची और विपरीत क्या है इसका आधार क्या है और यह किस पर निर्भर करता है। लोकतंत्र कैसे काम करता है और इसके नेता कौन होते हैं। साथ ही आपने लोकतंत्र के फायदे और कमियां भी जान ली हैं। आशा है कि जो जानकारी लेने आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी।
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लोकतंत्र किसे कहते हैं – Related FAQs
प्रश्न: लोकतंत्र किसे कहते हैं?
उतर: जहां पर लोगों के द्वारा उस देश की व्यवस्था का निर्धारण किया जाता हो और वहां पर किसी एक व्यक्ति का स्वामित्व ना हो उसे ही लोकतंत्र कहा जाता है।
प्रश्न: लोकतंत्र किसका शासन माना जाता है?
उतर: लोकतंत्र लोगों का शासन माना जाता है।
प्रश्न: लोकतंत्र की विशेषताएं क्या हैं?
उतर: लोकतंत्र में लोगों को उनके अधिकार मिलते हैं, और वह अपने प्रति हो रहे अन्याय के लिए आवाज उठा सकते हैं।
प्रश्न: लोकतंत्र क्या है और उसका कार्य क्या है?
उतर: लोकतंत्र के बारे में संपूर्ण जानकारी को हमने इस लेख के माध्यम से देने का प्रयास किया है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।