आज के समय में जहां सभी लोगों के पास अपने मकान और प्रॉपर्टी का होना सही माना गया है। अपने घर की तो बात कुछ और ही होती है अपने घर को अपने हिसाब से सजाया व संवारा जा सकता है। किसी का कोई भी जोर नहीं होता कि वे आपको आपके घर से अलग कर दे। ऐसा माना जाता है कि इंसानों के जीवन मे घर का होना बहुत मायने रखता है, वह भी खुद का घर।
इसके अलावा भी कई लोग ऐसे होते हैं, जो खुद का घर नहीं बना पाते हैं। ऐसे लोग किराए के मकान में रहते हैं और अपनी दिनचर्या को आगे बढ़ाते हैं। कई बार लोग किराए में दुकान भी लेते हैं और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाते है। ऐसा करने से आसानी से उन लोगों की आजीविका चल जाती है। अपने ही घर के हिस्से में कमरा या दुकान किराए में दे देते हैं। किराए पर मकान देना व्यवसाय का अच्छा माध्यम माना जाता है। कई बार लोग अपने लोन की किश्तों को किराए के पैसे से अदा करते हैं तो यह उनके लिए अच्छा सौदा होता है।
कभी-कभी ऐसा होता है, जब उस किराएदार मकान या दुकान खाली नहीं करते हैं, इससे बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ऐसे समय में धैर्य रखने की आवश्यकता होती है।
किराएदार से मकान या दुकान खाली कराने का प्रावधान क्या हैं?
आजकल देखा जाता है कि जब किराए से मकान या दुकान लिया जाता है, तो एक एग्रीमेंट कराया जाता है। एग्रीमेंट 11 महीनों का होता है। अगर एग्रीमेंट खत्म हो गया हो, तो फिर से एग्रीमेंट की अवधि बढ़ा दी जाती है या किराएदार को मकान या दुकान खाली करके जाना पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक किराएदार से घर या मकान खाली कराने के 2 तरीके है
1) यदि रेंट एग्रीमेंट खत्म हो गया हो।
2) जब “ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के सेक्शन 106 “के तहत कानूनी नोटिस भेजकर मकान मालिक लीज को रद्द कर दे।
यदि किराएदार मकान या दुकान खाली ना करें, तो क्या करें?
कभी-कभी किराएदार से मकान या दुकान खाली करवाना बहुत बड़ी समस्या हो जाती है। जब घर में मकान मालिक बुजुर्ग हो, तब तो दिक्कत और भी बढ़ जाती है। ऐसे में परेशान ना होना ही सही है।
- जब भी मकान या दुकान को किराए पर दिया जाए, तो रेंट एग्रीमेंट जरूर बनाना चाहिए। यह एक अहम दस्तावेज होता है। इस एग्रीमेंट के हिसाब से किराएदार की अवधि और हर महीने का जिक्र होना चाहिए ताकि विवाद की स्थिति में बेदखली का मुकदमा किया जा सके।
- जब भी रेंट एग्रीमेंट बनाया जाए, तो उसमें मकान या दुकान के खाली करने की कोई शर्त अवश्य होनी चाहिए ताकि कोई विवाद होने पर आपके पास सबूत रह सके।
- यदि किराएदार का रेंट एग्रीमेंट खत्म हो गया हो या “ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के सेक्शन 106” के तहत मकान मालिक कानूनी रूप से लीज रद्द कर दे। इसके बावजूद मकान या दुकान खाली ना किया गया हो, तो जिला अदालत में बेदखली का मुकदमा दायर किया जा सकता है।
- किसी भी किराएदार को मकान या दुकान को किराया देने से पहले राज्य के “रेंट कंट्रोल एक्ट” के तहत कार्यवाही की जानी चाहिए।
- मकान खाली कराने के लिए वकील की मदद से एक नोटिस जारी करवाया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला –
कई बार मकान मालिक और किराएदार के बीच समस्या बढ़ जाती है। इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट ने भी एक बड़ा फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार “यदि आप की वास्तविक या मालिक संपत्ति को दूसरे के कब्जे से वापस पाने के लिए यदि समय सीमा के अंदर काम कदम नहीं उठा पाएंगे तो मालिकाना हक समाप्त हो सकता है। जिस किराएदार ने संपत्ति पर कब्जा कर रखा हो बस वही किराएदार की हो जाएगी।
- धारा 11 पशु क्रूरता अधिनियम: पशुओं को प्रताड़ना से बचाने के लिए कानूनी नियम | पशुओं के कानूनी अधिकार
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मकान मालिकों के लिए एक चौकाने वाली खबर है। यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि सरकारी जमीन, सरकारी भवन पर यह नियम लागू नहीं होगा। अगर कोई किराएदार मकान या दुकान पर 12 साल से अवैध कब्जा कर रखा हो, तो कानूनी मालिक को भी उसे हटाने का अधिकार खत्म हो जाएगा। ऐसे में कानूनी अधिकार किराएदार को मिल जाएगा।
यदि एक बार किराएदार को मालिकाना हक मिल जाए, तो कानून के अनुच्छेद 65 के दायरे में रहकर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है इसलिए किसी को भी किराए पर मकान या दुकान देते समय रेंट एग्रीमेंट, हाउस रेंट बिल जैसे कानूनी कार्यवाही जरूर करनी चाहिए जिससे ज्यादा परेशानी ना उठाना पड़े।
किराए पर मकान या दुकान देते समय निम्न सावधानी बरतें –
जब भी किराए पर मकान या दुकान दिया जाए, तब हमेशा कुछ सावधानी बरतनी चाहिए जिससे बाद में परेशानियों का सामना ना करना पड़े
- हमेशा 11 महीने का रेंट एग्रीमेंट जरूर बनवाएं।
- किराएदार का पुलिस सत्यापन जरूर करवाएं।
- अगर हो सके तो पिछले मकान मालिक से पूछताछ करें।
- प्रॉपर्टी के कागज अपने नाम से ही करवाएं।
- किराएदार का पानी व बिजली बिल नहीं काटे तो उचित होगा।
यह सब सावधानियों को बरतकर आप समस्या से बाहर आ सकते हैं। पुलिस सत्यापन के होने से भी आपको बाद में नुकसान नहीं होगा और हमेशा एग्रीमेंट को कराते रहें या आपको किसी मुसीबत में फसने से बचाएगा।
किराएदार से मकान या दुकान खाली कराने का आधार
किसी किराएदार को कारण सहित ही मकान या दुकान से निकाला जा सकता है। बेवजह या आकारण किराएदार को नहीं निकाला जा सकता। इसके लिए कुछ आधार दिए गए हैं
- यदि किराएदार ने किराया देना बंद कर दिया हो।
- यदि किराएदार ने बिना आपकी सलाह के नया निर्माण शुरू कर दिया हो।
- साथ ही यदि किराएदार खुद के साथ किसी और को भी रखने लगा हो।
- यदि किराएदार किसी प्रकार का अनैतिक कार्य कर रहा हो एवं इससे नुकसान होने की संभावना हो।
- यदि अपने मकान या दुकान का इस्तेमाल स्वयं के लिए ही करना चाहते हो।
किराएदार से मकान या दुकान खाली कैसे करवाएं?
कभी-कभी मकान में दुकान खाली करवाना आसान नहीं होता है। ऐसे में कुछ नियमों के तहत रह कर मकान या दुकान खाली करवाया जा सकता है।
1) प्रॉपर्टी खाली करने के लिए दबाव बनाएं
अगर सही तरीके से प्रॉपर्टी खाली ना हो रही हो, तो पुलिस से शिकायत कर दबाव बनाया जा सकता है। साथ ही साथ पड़ोसी या जान पहचान के लोगों के साथ भी समझा-बुझाकर मकान या दुकान खाली करवाया जा सकता है।
2) किराएदार को दे नोटिस
यदि बात कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हो, तो ऐसे में किराएदार को कानूनी नोटिस भेजा जा सकता है।
3) सिविल कोर्ट में याचिका डालें
किराएदार से बहुत परेशान होने की स्थिति में सिविल कोर्ट में याचिका डाल सकते हैं। इसमें सुनवाई अधिकतर मकान मालिक के पक्ष में ही होती है इससे प्रॉपर्टी जल्दी खाली हो सकती है।
भारत में किरायेदारों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार यदि मकान मालिक अपने किराएदार से परेशान हैं। बहुत समझाने के बाद भी मकान खाली नहीं कर रहा है, तो यह गलत है। मकान या दुकान यदि मकान मालिक के नाम पर रजिस्टर्ड है, तो ऐसी स्थिति में बलपूर्वक किराएदार से मकान खाली कराई जा सकती है। यहां पर बल को परिभाषित नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जितने भी बल की आवश्यकता हो,उतने ही बल का उपयोग करें। अति उत्साही होकर कार्य करने से बचें। इस मामले के लिए कोर्ट जाने की आवश्यकता नहीं होती है यदि हो सके तो कोर्ट के बाहर ही मामला सुलझाना सही होगा।
मकान मालिक के अधिकार
किसी भी किराएदार को प्रॉपर्टी देना अलग बात है, उस वजह से मकान मालिक के अधिकार कम नहीं होते। किराएदार और मकान मालिक को भी मालिक के अधिकार का पता होना अनिवार्य है
- मकान मालिक को अधिकार है कि किराएदार उससे पूछे बिना मकान या दुकान में अतिरिक्त कार्य नहीं कर सकता है।
- किराएदार कभी मकान मालिक को बिना बताए किसी भी इंसान को अपने घर नहीं ला सकता है।
- किराएदार द्वारा 6 महीने तक किराया नहीं देने की स्थिति में मकान मालिक प्रॉपर्टी खाली करवा सकता है।
- मकान मालिक को ये अधिकार होता है कि मकान खाली करने के 1 महीने पहले ही नोटिस दिया जाए।
- किराएदार प्रॉपर्टी को कभी किसी दूसरे को बेच नहीं सकता है।
- किराएदार मकान मालिक से पूछ बिना किसी कार्य का निर्माण या फेरबदल नहीं कर सकता है यह मकान मालिक का अधिकार है।
- मकान मालिक को किराएदार से नियमित रूप से किराया प्राप्त करने का अधिकार होता है।
कई बार ऐसा देखा जाता है कि मामूली सी बात पर विवाद बढ़ जाता है, जो समझ के परे हैं। अगर किराएदार और मकान मालिक थोड़ी सी समझदारी से मामला समझे तो सब सही हो सकता है। कानून के दायरे में रहकर ही फैसला हो सकता है। ऐसा भी देखा जाता की घर व दुकान के मामले पथराव या तोड़फोड़ की घटना तक पहुंच जाती है। जब मामला ज्यादा ही बढ़ जाए, तो पुलिस और कानून की मदद ली जा सकती है।
किराएदारी की शुरुआत
जब भी मकान पर किराएदार लगाया जाए, तो उसके लिए लिखित या बांड का भुगतान करना होगा
- किराएदार क़रार कुछ नियमों व शर्तों के अंतर्गत किया जाता है। यह एक प्रकार का संविदा है, जिसमें सारी शर्ते व नियम होते हैं।
- किराएदार करार पर हस्ताक्षर करने से पहले सारी शर्तों को समझ लेना आवश्यक है।
- कई बार मकान मालिक बांड भरने के लिए कहते हैं। इससे किसी प्रकार का नुकसान होने पर बॉन्ड की सारी रकम का दावा किया जा सकता है।
- यदि मकान मालिक किसी प्रकार का बांड लें,तो उसे “रेजिडेंशियल टेनेंसी बॉन्ड अथॉरिटी” के यहां दर्ज करना होगा।
- बांड दर्ज करने के लिए फॉर्म भर कर आवेदन पर हस्ताक्षर करना होता है।
- भुगतान के 15 दिन के अंदर बांड की रसीद प्राप्त हो जाती है उसकी प्रति को संभाल कर रखें।
किराएदारी के दौरान रखे कुछ बातों का ध्यान
किराएदारी के दौरान किरायेदारों को भी कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। कभी-कभी इन छोटी बातों से ही मामला बढ़ जाता है और कोर्ट तक पहुंच जाता है।
- किराएदार का यह कर्तव्य है कि मकान को हमेशा साफ-सुथरा रखें।
- समय-समय पर मकान मालिक को किराया देते रहना चाहिए इससे किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने के कम आसार होते हैं।
- कभी भी मकान मालिक के घर पर किसी प्रकार का फेरबदल ना करें इससे भी समस्या बढ़ सकती है।
- कोशिश की जानी चाहिए कि मकान मालिक के दुकान या मकान पर शांति बनाकर रखी जाए।
किराएदारी पूरी होने पर इन बातों का रखें ध्यान
- जब भी आपकी किराएदारी पूरी हो, तो मकान मालिक को लिखित जानकारी दें।
- “Consumer Affairs Victoria” में जाकर आप नोटिस की जानकारी ले सकते हैं।
- किराएदारी पूरी होने पर मकान मालिक से बांड वापसी की चर्चा की जा सकती है।
- इस बात का ध्यान रखें कि किराएदारी पूरी होने पर सारे बिल का भुगतान किया जा चुका हो।
- किसी भी प्रकार के कोरे फॉर्म पर हस्ताक्षर करने से बचें।
इन सब तरीकों को अपनाकर मकान मालिक अपना मकान और दुकान खाली करवा सकते हैं। इस बात की कोशिश करनी चाहिए कि बात ज्यादा बढ़ना जाए। बात बहुत ज्यादा बढ़ जाने की स्थिति में कानूनी रूप से शिकायत की जा सकती है और इसका हल ढूंढा जा सकता है। इस मामले में मकान मालिक और किराएदार दोनों को ही समझदारी दिखानी होगी और सारी शर्तों के तहत ही रहकर कार्य करना होगा। ज्यादा बात ना बढ़े इसलिए दोनों पक्षों को ही शांति और धैर्य के साथ काम लेना होगा।
धन्यवाद् सर , आपकी वजह से हमें ये ज्ञान सही और पूर्ण रूप से मिल सका
हैलो सर मैने अपना फ्लोर किराए पर दिया हुआ है। कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सर पक्का एग्रीमेंट है, पुलिस वेरिफिकेशन भी है। किरायेदार के msg भी है जिसमें उसने साफ लिखा है किराया नहीं देगा।सर कोर्ट ने किराया देने के लिए कहा उसने नही दिया खाली करने को कहा उसने नही किया ।अब कोर्ट ने उससे और दो महीने का टाइम दे दिया है। सर ढाई साल हो गया है।आप बताए उससे कब तक टाइम मिलेगा।
सर मेरे दादा जी ने 1962 में दुकान किराये पर ली अव पिछले 25 साल से कोट में केश चल रहा है जिसमें मालिक कभी खाली तो कभी किराये बढाने तो कभी अपनी विधवा बहन को जगह देने की बात कर रहा है जबकि बहन के पहले से मकान है उचित सलाह दे केश में अब जिरह बाकी है
(1) किराया रेगुलर देने के बाद भी क्या मकान मालिक नॉन यूज का मुद्दा उठा कर दुकान खाली करवा सकता है??
jab use nahi kar rhe to khali karna hoga
सर नमस्कार सर मैं आपसे एक थोड़ी सी सलाह चाहता हूं मुझे क्या करना चाहिए हम पांच भाई हैं हमारे फादर का स्वर्गवास हो चुका है पांचों भाई की शादी हो रखी है एक भाई की हमारे शादी नहीं हो रही थी उसकी एज कुछ ज्यादा हो गई थी लड़की ढूंढने में काफी टाइम लग गया तो हमने रिश्तेदारी में अपनी बिरादरी में एक लड़की का पता लगा वह लड़की की शादी पहले से हो रखी थी लेकिन वह लड़की वहां से जहां उसकी शादी हुई थी वहां से पर से छोड़कर अपने घर आ गई थी उसका बैकग्राउंड उसके पहले दो बच्चे हैं उसके पति का स्वर्गवास हो गया और उसके देवर जेठ का भी स्वर्गवास हो गया था वहां पर ससुर का भी अब पीछे क्या मामला था हमें नहीं पता लेकिन हमें अपने भाई के लिए एक बहू लड़की चाहिए थी हमने कुछ उसके बैकग्राउंड के पीछे जाकर पता नहीं क्या किसी लड़की कैसी है कैसे गुण है कैसा चाल चलाने क्या कारण था वहां से छोड़ कर आई तो हमने उस लड़की के साथ अपने भाई कोई शादी कर दी लेकिन आज जब वह हमारे घर में है आज हमें पता लग रहा है कि किस कारण से उसकी पिछली सास ने उसे अपने घर में नहीं रखा क्योंकि इसकी जो जुबान है वह बहुत गंदी है उल्टा सीधा बोलती है गलत बोलती है ऐसे ऐसे शब्द बोलती है कि कान बंद करने पड़ते हैं हमारा जीना मुश्किल कर रखा है बीच में कोई नहीं है मैं भी बाहर रहता हूं तीनो भाई बाहर रहते हैं एक भाई मौके पर जाता है लेकिन वह अलग है उसका इससे कोई लेना-देना नहीं पांचों भाई अलग अलग रहते हैं खाना-पीना अलग अलग है एक हमारी मां है वह कभी 8 दिन के लिए उनके पास आ जाती है बाकी पांचों बच्चों के पास रहती है लेकिन वह आज 10 दिन भी उसकी नहीं इज्जत करती है उल्टा सीधा बोलती है तो इसमें हम क्या करें सर थोड़ी हमारी मदद कीजिए हमारा भाई है वह भी कुछ नहीं कह सकता वह कहता है भाई तुमने तो अब क्या करूं मुझे तो निभानी है लेकिन उसकी जुबान इतनी गंदी है सर कि हम बोल नहीं सकते किसी की इज्जत नहीं करती आज हम पछता रहे हैं कि अगर हम उसका थोड़ा बैकग्राउंड देख लेते तो आज हम हमारे घर में ऐसा नहीं होता हमारा भाई भी परेशान है सब परेशान है हम भी बहुत समझाते हैं लेकिन समझते नहीं और इतने गंदे गंदे गालियां देती है अब शब्द बोलती है गुस्सा भी आता है हमारी बिरादरी की बात है अब कभी हमें हमारी बिरादरी में जो उसकी पुरानी सांस ही वह मिल जाती है तो वह कहती है हे भगवान मैं तो इस से बच गई आप लोग फंस गए बस हमारी गलती यही रह गई थी हमने इसकी जानकारी नहीं दी उसके जो इसकी पुरानी सास है उसके एक बेटा है कुंवारा है दो बेटे उसके मर गए जिसके अभी आई थी वह भी मर गया उसे छोटा भी मर गया लेकिन उसने इस बहू को अपने छोटे बेटे के के साथ शादी नहीं कीक्योंकि इसका व्यवहार वह जानती थी क्योंकि वह जानती थी कि इसके कारण मेरे घर का नाश हो गया मेरे दो बेटे चले गए मेरा पति चला गया इसी के क्लेश में और अब हम फंस गए हम कुछ कह नहीं सकते हो
हैलो सर मैने अपना फ्लोर किराए पर दिया हुआ है। कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सर पक्का एग्रीमेंट है, पुलिस वेरिफिकेशन भी है। किरायेदार के msg भी है जिसमें उसने साफ लिखा है किराया नहीं देगा।सर कोर्ट ने किराया देने के लिए कहा उसने नही दिया खाली करने को कहा उसने नही किया ।अब कोर्ट ने उससे और दो महीने का टाइम दे दिया है। सर ढाई साल हो गया है।आप बताए उससे कब तक टाइम मिलेगा।
सर मेरे दादा जी ने 1962 में दुकान किराये पर ली अव पिछले 25 साल से कोट में केश चल रहा है जिसमें मालिक कभी खाली तो कभी किराये बढाने तो कभी अपनी विधवा बहन को जगह देने की बात कर रहा है जबकि बहन के पहले से मकान है उचित सलाह दे केश में अब जिरह बाकी है
HI Sir,
Maine apni shop kiraye pe di he .par ab wo khali karne se mana kr rha he . mene already ek case kar rakha he under section 106 . Nichli court ne hamare paksh me faisla suna diya he but usne appeal kari he upari court me. kya ap muje bata sakte he.
1) Upari court ka kya faisla ho sakta he .
2) Wo high court me bhi appeal kr sakta he kya ???
3) agar wo jurmane ki rashi dene se mana kr de to court kya karegi.
please answer me on my mail id . i will wait. aur aap
सर नमस्कार सर मैं आपसे एक थोड़ी सी सलाह चाहता हूं मुझे क्या करना चाहिए हम पांच भाई हैं हमारे फादर का स्वर्गवास हो चुका है पांचों भाई की शादी हो रखी है एक भाई की हमारे शादी नहीं हो रही थी उसकी एज कुछ ज्यादा हो गई थी लड़की ढूंढने में काफी टाइम लग गया तो हमने रिश्तेदारी में अपनी बिरादरी में एक लड़की का पता लगा वह लड़की की शादी पहले से हो रखी थी लेकिन वह लड़की वहां से जहां उसकी शादी हुई थी वहां से पर से छोड़कर अपने घर आ गई थी उसका बैकग्राउंड उसके पहले दो बच्चे हैं उसके पति का स्वर्गवास हो गया और उसके देवर जेठ का भी स्वर्गवास हो गया था वहां पर ससुर का भी अब पीछे क्या मामला था हमें नहीं पता लेकिन हमें अपने भाई के लिए एक बहू लड़की चाहिए थी हमने कुछ उसके बैकग्राउंड के पीछे जाकर पता नहीं क्या किसी लड़की कैसी है कैसे गुण है कैसा चाल चलाने क्या कारण था वहां से छोड़ कर आई तो हमने उस लड़की के साथ अपने भाई कोई शादी कर दी लेकिन आज जब वह हमारे घर में है आज हमें पता लग रहा है कि किस कारण से उसकी पिछली सास ने उसे अपने घर में नहीं रखा क्योंकि इसकी जो जुबान है वह बहुत गंदी है उल्टा सीधा बोलती है गलत बोलती है ऐसे ऐसे शब्द बोलती है कि कान बंद करने पड़ते हैं हमारा जीना मुश्किल कर रखा है बीच में कोई नहीं है मैं भी बाहर रहता हूं तीनो भाई बाहर रहते हैं एक भाई मौके पर जाता है लेकिन वह अलग है उसका इससे कोई लेना-देना नहीं पांचों भाई अलग अलग रहते हैं खाना-पीना अलग अलग है एक हमारी मां है वह कभी 8 दिन के लिए उनके पास आ जाती है बाकी पांचों बच्चों के पास रहती है लेकिन वह आज 10 दिन भी उसकी नहीं इज्जत करती है उल्टा सीधा बोलती है तो इसमें हम क्या करें सर थोड़ी हमारी मदद कीजिए हमारा भाई है वह भी कुछ नहीं कह सकता वह कहता है भाई तुमने तो अब क्या करूं मुझे तो निभानी है लेकिन उसकी जुबान इतनी गंदी है सर कि हम बोल नहीं सकते किसी की इज्जत नहीं करती आज हम पछता रहे हैं कि अगर हम उसका थोड़ा बैकग्राउंड देख लेते तो आज हम हमारे घर में ऐसा नहीं होता हमारा भाई भी परेशान है सब परेशान है हम भी बहुत समझाते हैं लेकिन समझते नहीं और इतने गंदे गंदे गालियां देती है अब शब्द बोलती है गुस्सा भी आता है हमारी बिरादरी की बात है अब कभी हमें हमारी बिरादरी में जो उसकी पुरानी सांस ही वह मिल जाती है तो वह कहती है हे भगवान मैं तो इस से बच गई आप लोग फंस गए बस हमारी गलती यही रह गई थी हमने इसकी जानकारी नहीं दी उसके जो इसकी पुरानी सास है उसके एक बेटा है कुंवारा है दो बेटे उसके मर गए जिसके अभी आई थी वह भी मर गया उसे छोटा भी मर गया लेकिन उसने इस बहू को अपने छोटे बेटे के के साथ शादी नहीं कीक्योंकि इसका व्यवहार वह जानती थी क्योंकि वह जानती थी कि इसके कारण मेरे घर का नाश हो गया मेरे दो बेटे चले गए मेरा पति चला गया इसी के क्लेश में और अब हम फंस गए हम कुछ कह नहीं सकते हो
Sabse achha hai ki aap log alg ho jaye ya un dono ko bilkul alg kar dijiye. Vo log apna jivan jiyege aap log apna. Ek dusare se matlab n rakhe. Yadi aap shaadi todne ki soch rhe to fir vahi purani problem fir aa jayegi Bhai ki shaadi ki. Alg rahege to koi problem nhi hogi Kisi ko.
सच में अपने बहुत अछि जानकारी दी है इसके लिए धन्यवाद् |
(1) किराया रेगुलर देने के बाद भी क्या मकान मालिक नॉन यूज का मुद्दा उठा कर दुकान खाली करवा सकता है??
jab use nahi kar rhe to khali karna hoga