मैमोग्राफी क्या है? यह कब और क्यों की जाती है? यहां पाएं पूरी जानकारी

मैमोग्राफी टेस्ट इन हिंदी – दुनिया में ऐसी महिलाओं की बड़ी संख्या है, जिनकी हर साल कैंसर से मौत हो जाती है। यदि राष्ट्रीय आयोग के आंकड़ों पर भरोसा किया जाए तो स्किन कैंसर के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा ब्रेस्ट कैंसर से मौत के मुंह में समा जाने वाली महिलाओं का है। इसकी एक सबसे बड़ी वजह यह भी है कि समय रहते कैंसर का पता नहीं चल पाता। ऐसे में समय से उपचार भी नहीं शुरू हो पाता। और बाद में पता चलने से इलाज होने के बावजूद मरीज बच नहीं पाता।

आज कल ऐसी अनेक तकनीक चलन में हैं, जिनके इस्तेमाल से समय रहते ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाया जा सकता है। ऐसी ही एक तकनीक है- मैमोग्राफी। इसे मेमोग्राम टेस्ट भी पुकारा जाता है। दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि मैमोग्राफी क्या है? इस पर कितना खर्च आता है? इस तकनीक में क्या होता है ?यदि नहीं जानते हैं तो भी चिंता वाली बात नहीं है। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको मैमोग्राफी पर पूरी जानकारी कदम दर कदम मुहैया कराएंगे। आइए शुरू करते हैं –

मैमोग्राफी क्या है?

मैमोग्राफी की बात करें तो यह एक ऐसी आधुनिक तकनीक है, जिसके जरिये इस बात की जांच की जाती है कि कहीं महिला को ब्रेस्ट कैंसर तो नहीं? इसके जरिये ब्रेस्ट कैँसर का समय रहते पता लगाया जा सकता है, जिससे बीमारी का उपचार आसान और समय रहते ही हो जाता है। दरअसल, ब्रेस्ट की असामान्य बढ़ोतरी भी इसका एक लक्षण हो सकती है। कोशिकाएं रोगग्रस्त हैं तो खून के साथ सारे शरीर में फैलकर जीवन के लिए परेशानी खड़ी कर सकती हैं। इसके अलावा जो महिलाएं इस बीमारी से जूझ रहीं हैं, उनकी भी लगातार कई बार मैमोग्राफी होती है।

मैमोग्राफी की क्या जरूरत है?

यदि आप ऐसी महिला हैं, जिनकी उम्र 40 साल या उससे पार है तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा हो सकता है। इस आशंका से निजात पाने के लिए जरूरी है कि हर साल मैमोग्राफी या मैमोग्राम कराना चाहिए। इसके अलावा यदि आपके ब्रेस्ट में कोई गांठ हो या सूजन हो या फिर किसी तरह का स्राव हो रहा हो तो भी मैमोग्राफी जरूर कराएं।

मैमोग्राफी क्या है? यह कब और क्यों की जाती है? यहां पाएं पूरी जानकारी

मित्रों, यदि आपके घर परिवार में इस रोग की कोई फैमिली हिस्ट्री रही है, यानी जिसमें पहले से कोई ब्रेस्ट कैंसर का मरीज रह चुका है या कोई नजदीकी व्यक्ति है तो 40 साल से पहले भी अपनी स्क्रीनिंग शुरू करा सकते हैं। इसके अलावा डाक्टर भी लक्षण के आधार पर आपको मैमोग्राफी कराने के लिए कह सकते हैं।

मैमोग्राफी कितने प्रकार की होती है?

दोस्तों, आइए अब आपको बता दें कि मैमोग्राफी के कितने प्रकार हैं। दरअसल, मैमोग्राफी दो प्रकार की है –

1- स्क्रीनिंग मैमोग्राफी

इसमें शुरुआती लक्षण का पता लगाया जाता है। छोटी से छोटी गांठ का पता लगाया जा सकता है। कहने का अर्थ यह है कि ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआती अवस्था और गांठ बहुत छोटी होती है तो स्क्रीनिंग के जरिये पता चल जाता है।

2- क्लीनिकल मैमोग्राफी

इसे नैदानिक यानी dignostic मैमोग्राम भी कहा जाता है। यह स्क्रीनिंग से अलग होता है। यह उन महिलाओं का भी किया जाता है, जिनका स्क्रीनिंग मेमो तो नहीं हुआ, लेकिन ब्रेस्ट में विसंगतियों के लक्षण दिखाई देते हैं।

मैमोग्राफी कैसे की जाती है?

अब आपने जान लिया है कि मैमोग्राफी क्या है और कितने प्रकार की होती है। आइए अब आपको यह बताएं कि मैमोग्राफी यानी मैमोग्राम टेस्ट को अंजाम कैसे दिया जाता है। मैमोग्राफी के तहत किसी अस्पताल की लैब में मैमोग्राफी यूनिट के जरिये एक्सरे किया जाता है। दोनों ब्रेस्ट के दो अलग अलग एक्सरे किए जाते हैं। एक्सरे के लिए ब्रेस्ट को प्लास्टिक की दो समतल प्लेटों के बीच में रखा जाता है।

इससे टिश्यू फैलते हैं। और ब्रेस्ट की इंटरनल इमेज एक्सरे के जरिये सामने आ जाती है। पता चल जाता है कि किसी तरह की गांठ या सूजन तो ब्रेस्ट में नहीं है। और यदि है तो क्या वह वाकई ब्रेस्ट कैंसर का ही लक्षण है? कुछ सेकंड के लिए मसलन करीब 30 सेकंड के लिए सांस बेहद तेजी से लेने या सांस रोकने को भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में थोड़ी असहजता हो सकती है, हल्का दर्द भी हो सकता है, लेकिन किसी तरह का नुकसान नहीं होता। क्योंकि इस उपकरण से बहुत कम रेडिएशन निकलता है।

मैमोग्राफी कराने में कितना खर्च आता है? Mammography Cost In India –

साथियों, मैमोग्राफी के लिए अलग अलग शहरों में लैब अलग अलग अलग रुपए यानी फीस चार्ज करती हैं। लेकिन दोस्तों, देश के यदि चुनिंदा बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता आदि की बात करें तो यहां ₹800 से लेकर ₹2000 तक में मैमोग्राफी की जाती है। छोटे शहरों में कीमत थोड़ी कम भी हो सकती है ।

जरूरत इस बात की है कि यह महत्वपूर्ण टेस्ट किसी अच्छे अस्पताल या अच्छी लैब में ही कराया जाए। ग्रामीण और दूर दराज यानी दूरस्थ इलाकों में जरूर यह समस्या है कि मैमोग्राफी कहां कराई जाए जहां पर मूलभूत चिकित्सा की सुविधा भी मौजूद नहीं वहां पर मैमोग्राफी कराना एक बड़ी बात है एक बड़ी वजह यह भी है कि गांवों में इस बीमारी से मरने वाली महिलाओं की संख्या अधिक है।

मैमोग्राफी कराने में क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

यदि आप मैमोग्राफी करने जाएं तो जरूरी है कि ब्रेस्ट पर किसी तरह का डीओ यानी डिओड्रेंट, बॉडी लोशन या इत्र वगैरह ना लगाएं। इसके अलावा किसी भी तरह की मरहम या क्रीम को लगाने से भी परहेज बरतें। यदि आप ऐसा नहीं करते तो इस बात की अधिक आशंका है कि एक्सरे साफ न आएं।

मैमोग्राफी कराने जाते वक्त चीज का ध्यान जरूर रखें कि जेवर न घड़ी आदि ना पहन कर जाएं क्योंकि यदि आप इन चीजों को पहन कर जाते हैं तो फिर एक्सरे ठीक नहीं आता है।

क्या प्रेगनेंट होने पर भी कराया जा सकता है मेमोग्राम?

जी हां दोस्तों, इसका जवाब हां में है। यदि आप प्रेग्नेंट हों या फिर आपके प्रेगनेंट होने की संभावना हो तो जरूरी है कि आप इस संबंध में अपने डॉक्टर को भी बताएं। ऐसे में मैमोग्राफी करते वक्त आपको लेड का एप्रेन पहनाया जाएगा, ताकि रेडिएशन किसी तरह का असर ना करें। हालांकि मैमोग्राफी के टाइम बहुत कम रेडिएशन निकलता है।

इसलिए नुकसान होने की ज्यादा संभावना नहीं होती है। लेकिन ऐसी स्थिति में जो सबसे जरूरी बात है, जो हम पहले ही ऊपर बता चुके हैं कि इस हालत में आप डाक्टर की सलाह लें और मैमोग्राफी कराए जाने या न कराए जाने का फैसला डाक्टर की ही सलाह के आधार पर करें।

ब्रेस्ट कैंसर को लेकर महिलाओं में जागरूकता की स्थिति क्या है?

आप भी इस बात से जरूर इत्तेफाक रखते होंगे कि इस वक्त हमारे देश की महिलाओं में कुछ जागरूकता आ गई है। ऐसा शिक्षा के प्रसार से भी संभव है। देखने में आया है कि बीमारी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए ज्यादातर महिलाएं उम्र के मुताबिक मैमोग्राफी टेस्ट कराने को वरीयता देने लगी हैं। इसके अलावा लगे हाथ आपको यह भी बता दें कि कई अस्पतालों ने अपने पैकेजेज भी निकाले होते हैं, जिसमें बेहद किफायती दामों पर तमाम टेस्ट की सुविधा मुहैया कराई जाती है, इसमें मैमोग्राफी भी शामिल होता है।

लेकिन ग्रामीण इलाकों में स्थिति अभी खराब है वहां पर महिलाएं अपने रोग के लक्षणों को बजाएं दिखाने के छुपाना ज्यादा श्रेयस्कर समझती हैं। इसका एक कारण निर्धनता भी हो सकती है और दूसरी वजह अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना भी। जिसका खामियाजा आगे चलकर महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के रूप में भुगतना पड़ता है। यदि समय रहते जांच करा ली जाए तो ऐसी नौबत नहीं आती और महिलाओं की जान जाने से बच सकती है।

इस वक्त कई सरकारी योजनाओं के माध्यम से भी ग्रामीण महिलाओं में बहुत जागरूकता फैलाई जा रही है। चिकित्सा के क्षेत्र में काम कर रही कई ऐसी निजी संस्थाएं भी हैं, जो महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के प्रति सचेत कर रही हैं। इनमें से कुछ ऐसी भी हैं, जो अच्छे अस्पतालों में गरीब महिलाओं को टेस्ट की सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं, लेकिन ऐसे संस्था और यह कार्य करने वाली महिलाओं की संख्या बेहद ही कम है और ब्रेस्ट कैंसर से प्रभावितों की संख्या अभी भी बहुत है।

आज जरूरत इस बात की है कि महिलाओं में शिक्षा का अधिक से अधिक प्रसार किया जाए, ताकि वह अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो सके।

सेलिब्रिटी भी बचकर नहीं रह सकीं कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर से

देश में यदि हम केवल बालीवुड सेलिब्रिटीज की ही बात करें तो हिंदी फिल्मों के ढेर सारे ऐसे सेलेब्रिटीज हैं, जो कभी ना कभी कैंसर या ब्रेस्ट कैंसर से ग्रसित रहे हैं। अच्छी बात यह है कि उनमें से ज्यादातर ने ठीक होकर कमबैक किया, अलबत्ता, कुछ बच भी नहीं सके‌ । शुरुआत हिंदी फिल्मों की मशहूर अदाकारा नरगिस से करें नरगिस की मौत कैंसर से हुई। उनके पति और अभिनेता सुनील दत्त इससे टूटकर रह गए। उन्होंने बाद में कैंसर पर आधारित ‘दर्द का रिश्ता’ फिल्म भी बनाई।

अब मशहूर फिल्म अभिनेत्री मनीषा कोइराला पर आते हैं। मनीषा कोइराला को ब्रेस्ट कैंसर था। वह विदेश से ट्रीटमेंट के बाद ठीक होकर लौटीं। उसके बाद अभिनेत्री और फिल्म निर्माता गोल्डी बहल की पत्नी सोनाली बेंद्रे को कैंसर की बात सामने आई। उनका इलाज भी विदेश में चला और वह कैंसर को हराकर देश लौटीं।

कुछ समय पहले बेहतरीन अभिनेता आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप भी इसी वजह से चर्चा में रहीं। वह जीरो स्टेज ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थीं। उन्होंने भी अपना ट्रीटमेंट विदेश में कराया।

अंतिम शब्द

तो दोस्तों, यह थी मैमोग्राफी के बारे में सारी जानकारी। उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। साथियों, यदि आपके दिमाग में अभी भी इस विषय को लेकर कोई शक या शुबहा है तो आप नीचे लिखे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अपनी राय हमें भेज सकते हैं। हम उस शुबहे को दूर करने की पूरी पूरी कोशिश करेंगे।

इसके अलावा किसी दूसरे विषय पर यदि आप जानकारी लेना चाहते हैं तो भी आप नीचे लिखे कमेंट बॉक्स में विषय का नाम लिखकर हमें भेज सकते हैं। हम आपको उस विषय पर पूरी जानकारी देने की पूरी पूरी कोशिश करेंगे। इसके अलावा यदि कोई सुझाव आपके मन में चल रहा है तो भी आप उसे हमसे बेखटके चंद मिनटों के भीतर ही साझा कर सकते हैं उसके लिए भी तरीका यही रहेगा कि आपको कमेंट बॉक्स में कमेंट करना होगा। आपके द्वारा हम तक पहुंचाएं गए सुझावों पर भी अमल करने की हमारी पूरी पूरी कोशिश रहेगी। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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