क्रिकेट में मांकडिंग क्या होता है? मांकडिंग नियम क्या है? What is mankading in cricket?

|| क्रिकेट में मांकडिंग क्या होता है? What is mankading in cricket? मांकडिंग क्या है, कैसे हुई थी इसकी शुरुआत? जानिए, क्रिकेट में इससे जुड़े नियम, मांकडिंग नियम क्या है?, क्रिकेट के नए नियम क्या है? क्रिकेट में अंकों की गणना कैसे की जाती है? क्रिकेट के कितने नियम होते हैं? ||

‘क्रिकेट का मक्का’ नाम से विख्यात लंदन के लार्ड्स क्रिकेट मैदान पर भारत और इंग्लैंड की महिला क्रिकेट टीमों के बीच वन डे सीरीज का आखिरी मैच खेला जा रहा था। यह भारतीय महिला क्रिकेट स्टार झूलन गोस्वामी (jhoolan goswami) उर्फ ‘चकदा एक्सप्रेस’ का विदाई मैच भी था। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने यह मैच जीतकर सीरीज को 3-0 से अपने नाम किया और गोस्वामी की विदाई को यादगार बना दिया।

लेकिन इसी मैच में भारतीय बॉलर दीप्ति शर्मा (Deepti Sharma) ने इंग्लैंड की बैटर चार्लोट डिन को मांकडिंग (mankading) कर पवेलियन लौटा दिया। इसके बाद से यह शब्द बेहद चर्चा में है। मांकंडिंग क्या है? इससे जुड़ा नियम क्या है? इस पर विवाद क्यों उठ रहा है? जैसे विभिन्न सवालों के जवाब आज हम आपको इस पोस्ट में देने की कोशिश करेंगे। आइए, शुरू करते हैं-

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मांकडिंग क्या है? (What is mankading?)

दोस्तों, सबसे पहले जान लेते हैं कि मांकडिंग क्या होती है? (What is mankading?) आपने क्रिकेट मैच के दौरान देखा होगा कि कई बार नॉन स्ट्राइकर छोर पर खड़ा बल्लेबाज जल्दी रन चुराने के चक्कर में क्रीज से बाहर आकर खड़ा हो जाता है। यदि बॉलर के हाथ से बॉल छूटने से पूर्व वह क्रीज से बाहर होता है तो उसे स्टंप पर बॉल थ्रो कर रन आउट किए जाने को मांकडिंग कहा जाता है।

इन दिनों मांकडिंग शब्द और भारतीय बॉलर दीप्ति शर्मा इसी कारण चर्चाओं में बनी हुई हैं। इसे लेकर दुनिया भर के क्रिकेटर दो हिस्सों में बंट गए हैं। इंग्लैंड के कई क्रिकेट मांकडिंगको खेल भावना के विपरीत बता रहे हैं, लेकिन बहुत से क्रिकेटर इसके पक्ष में हैं। बहरहाल, बात फैंस की करें तो दोनों देशों के फैंस अपने अपने खिलाड़ियों के पक्ष में तर्क गढ़ रहे हैं।

क्रिकेट में मांकडिंग क्या होता है? मांकडिंग नियम क्या है? What is mankading in cricket?

इस रन आउट को मांकडिंग नाम क्यों दिया गया? (Why this type of run out was given the name mankading?)

मित्रों, अब आपके दिमाग में यह सवाल अवश्य उठ रहा होगा कि रन आउट (run out) की इस प्रक्रिया मांकडिंग (mankading) क्यों कहा जाता है? तो आपको बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिनर (spinner) रहे वीनू मांकड (veenu mankad) के नाम पर इस प्रक्रिया को मांकडिंग कहा जाता है।

दरअसल, भारत की आजादी के वर्ष 1947-48 में सिडनी (Sydney) में भारत की क्रिकेट टीम का मुकाबला आस्ट्रेलिया (Australia) की टीम से हुआ था, जिसमें वीनू मांकड ने इसी तरीके से आस्ट्रेलिया के विकेटकीपर बैटर बिल ब्राउन (bill brown) को आउट किया था। इससे पूर्व उन्होंने बैटर को इसे लेकर चेतावनी भी दी थी। बाद में आस्ट्रेलिया की मीडिया ने इस घटना को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और इसे ‘मांकडिंग’ नाम दे दिया।

दोस्तों, मांकडिंग का यह अकेला मामला नहीं था। इसके पश्चात 1968-69 में एडिलेड में खेले गए आस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज (west Indies) के मैच में चार्ली ग्रिफिथ ने इयान रेडपाथ को इसी प्रकार आउट किया। सन् 1974-75 में मेलबर्न (Melbourne) में खेली जा रही क्रिकेट सीरीज में ग्रेग चैपल ने ब्रायन लकाहर्स्ट को आउट किया। जैसा कि आप देख सकते हैं, यह मैच आस्ट्रेलिया एवं इंग्लैंड के बीच खेला गया था।

इसके बाद 1977-78 में क्राइस्टचर्च में इंग्लैंड एवं न्यूजीलैंड के बीच खेले गए मुकाबले में इवेन चैटफील्ड ने डेरेक रांडेल को मांकडिंग से आउट किया। 1978-79 में पर्थ (Perth) में पाकिस्तान (pakistan) बनाम आस्ट्रेलिया मैच में पाकिस्तान के सिकंदर बख्त ने एलन हर्ट को आउट किया था। सन् 1992-93 में जिम्बाब्वे एवं न्यूजीलैंड के बीच खेले गए मुकाबले में हरारे में दीपक पटेल ने ग्रांट फ्लावर को मांकडिंग से आउट किया था।

इसके पश्चात सन् 2014 में एजबेस्टन में खेले जा रहे मुकाबले में श्रीलंका के सचित्र सेनानायके ने इंग्लैंड के जोंस बटलर को इसी तरीके मांकडिंग से आउट किया था। इसी प्रकार बात भारत की करें तो 1992-93 में भारत के महान कप्तान कपिल देव ने दक्षिण अफ्रीका के पीटर कर्स्टन को मांकडिंग के तरीके से रन आउट किया था।

दोस्तों, यदि हम घरेलू यानी डोमेस्टिक क्रिकेट (domestic cricket) की बात करें तो भारतीय टीम के सदस्य रह चुके मुरली कार्तिक (Murali Karthik) ने रणजी (Ranji) मुकाबलों में बंगाल के क्रिकेटर संदीपन दास (sandeepan das) को इसी अलग तरीके से आउट किया था।

मांकडिंग को लेकर आईपीएल में कब विवाद हुआ था? (When did mankding become an issue in IPL?)

साथियों, आपको जानकारी दे दें कि आईपीएल (IPL) में भी मांकडिंग को लेकर खासा विवाद रह चुका है। आज से करीब तीन वर्ष पूर्व सन् 2019 में आईपीएल मुकाबले चल रहे थे। इसमें राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan royals) के बैटर जोंस बटलर 69 रन रन बना चुके थे। वे नॉन स्ट्राइकर एंड (non striker end) पर खेल रहे थे।

इसी दौरान वे किंग्स इलेवन पंजाब (kings eleven Punjab) की कप्तानी कर रहे रविचंद्रन अश्विन (ravichandran Ashwin) के बॉल फेंकने से पहले ही क्रीज से बाहर चले गए। इस पर रविंचंद्रन अश्विन ने उनकी गिल्लियां बिखेर दी थीं। इस बात पर बहुत बहस मुबाहिसा रहा। इसके अतिरिक्त टी-20 में अनेक ऐसे मौके आए, जब रन चुराने के चक्कर में क्रीज से बाहर जाकर खड़े हो गए नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज को बॉलर ने स्टंप पर बॉल थ्रो कर पवेलियन में वापस लौटा दिया।

मांकडिंग के नियम में क्या बदलाव किया गया है? (What change has been made in the rule of mankading?)

दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि आईसीसी (ICC) यानी इंटरनेशनल क्रिकेट कौंसिल (international cricket council), जिसे हिंदी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद भी पुकारा जाता है, ने कुछ ही समय पहले ही क्रिकेट से जुड़े कई नियमों में संशोधन किया है, जो एक अक्तूबर, 2024 से लागू होंगे। इसके अनुसार मांकडिंग आउट को आईसीसी संविधान के अंतर्गत नियम 38.3 के अनफेयर प्ले (unfair play) की धारा 41 से हटाकर रन आउट की धारा 38 में परिवर्तित कर दिया गया है।

इसके अनुसार यदि बॉलर के बॉल डालने से पूर्व नॉन स्ट्राइकर एंड पर खेल रहा प्लेयर क्रीज से बाहर निकल जाता है और बॉलर थ्रो करते हुए उसे स्टंप आउट कर देता है तो नॉन स्ट्राइकर को रन आउट करार दिया जाएगा। पहले इसे रन आउट नहीं माना जाता था।

मांकडिंग को लेकर अब विवाद क्यों खड़ा हुआ है? (Why mankading has become an issue these days?)

दोस्तों, यदि आप क्रिकेट में दिलचस्पी रखते होंगे और क्रिकेट मुकाबले देखते होंगे तो निश्चित रूप से इस बारे में अवगत होंगे। मित्रों, दरअसल, मांकडिंग को लेकर अब विवाद इसलिए शुरू हो गया है, क्योंकि भारत ने इंगलैंड की महिला क्रिकेट टीम को वन डे सीरीज में 3-0 से परास्त कर दिया है। ऐसा वन डे के महिला क्रिकेट इतिहास में पहली बार हुआ है।

भारतीय बॉलर दीप्ति शर्मा ने तीसरे और आखिरी मैच में चार्लेट डिन को मांकडिंग कर दिया और भारत ने यह मैच 16 रन से जीत लिया। हारने के बाद इंग्लैंड (England) के क्रिकेट एक्सपर्ट एवं मीडिया (cricket expert and media) ने इसे खेल भावना के विपरीत करार दिया। वहीं पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्तमान कमेंटेटर वीरेद्र सहवाग (virendra sehwag) समेत कई क्रिकेटर दीप्ति शर्मा के पक्ष में खड़े हैं। भारत के तमाम फैंस भी दीप्ति शर्मा को सपोर्ट कर रहे हैं। उनके समर्थन की पुख्ता वजह भी है।

जब आईसीसी के संविधान ने स्वयं इसे वैध मानते हुए इसमें बदलाव की मंजूरी दे दी है तो फिर इसे खेल भावना के विपरीत कैसे कहा जा सकता है। वीरेंद्र सहवाग ने तो इसे लेकर इंग्लैंड क्रिकेटरों पर निशाना भी साधा। उन्होंने अपने ही अंदाज में आलोचना करने वालों की बोलती बंद कर दी। उन्होंने दो तस्वीर पोस्ट करते हुए उनके कैप्शन में कहा, ‘इंग्लैंड के कुछ लोगों को देखकर अच्छा लग रहा है, जो हार गए। एक गेम ईजाद करो और उसके नियम भूल जाओ’।

वहीं, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harman Preet Kaur) ने भी दीप्ति को बैक करते हुए कहा कि दीप्ति ने जो किया, वह नियमों के तहत किया। मेरा काम खिलाड़ी को बैक करना है। लगे हाथों आपको यह भी बता दें दोस्तों कि क्रिकेट के नियमों को तय करने वाले मेलिबोन क्रिकेट क्लब (merlybon cricket club) की ओर से क्रिकेट से जुडे अन्य नियमों में भी बदलाव किया गया है।

इसमें मांकडिंग (mankading), बैटर रिप्लेसमेंट (batter replacement), नो बॉल (no ball), वाइड बॉल (wide ball) जैसे तमाम नियम (rules) शामिल हैं। यह नियम भी एक अक्तूबर, 2024 से सभी अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में मान्य होंगे।

जिस स्टेडियम में मैच से अब ये विवाद शुरू हुआ, उसी में भारत विश्व कप जीत चुका

साथियों, आपको बता दें कि वर्तमान में भारत और इंग्लैंड क्रिकेट सीरीज के बीच मांकडिंग को लेकर विवाद शुरू हुआ है, ये उसी मैदान पर हो रहा है, जिसमें भारत अपना सबसे पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था। यह सन् 1983 की बात है। उस समय महान क्रिकेटर कपिल देव भारत की कप्तानी कर रहे थे। यह भी ऐतिहासिक बात थी कि वहां फोटोग्राफरों की हडताल होने की वजह से उस महत्वपूर्ण मैच की वीडियोग्राफी नहीं की जा सकी थी।

आपको बता दें कि उस विश्व कप के शुरूआती दौर में भारतीय टीम को डार्क हॉर्स (dark horse) माना जा रहा था। किसी को भी उसकी जीत की उम्मीद नहीं थी। लेकिन वहां भारतीय क्रिकेटरों ने अपने चमत्कारी प्रदर्शन से दुनिया भर में देश का नाम चमका दिया था। उस विश्व कप (world cup) की जीत ने भारत में क्रिकेट को बढ़ावा देने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। आज क्रिकेट को सबसे अधिक प्रसिद्धि और धन का खेल कहा जाता है। कमाई के मामले में बीसीसीआई (BCCI) को दुनिया में सबसे अमीर क्रिकेट बार्ड का दर्जा हासिल है।

मांकडिंग क्या होती है?

यदि नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़ा कोई बैटर बॉलर के हाथ से बॉल छूटने पूर्व क्रीज से बाहर चला जाता है तो बॉलर गिल्लियां बिखेरकर उसे आउट कर सकता है।

मांकडिंग का नाम किसके नाम पर रखा गया है?

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिनर वीनू मांकड़ के नाम पर रन आउट की इस प्रक्रिया को मांकडिंग कहा जाता है।

आईसीसी के नियम संशोधन के मुताबिक मांकडिंग को अब किस श्रेणी में रखा गया है?

आईसीसी के नियम संशोधन के अनुसार मांकडिंग को अब रन आउट की श्रेणी में रखा गया है।

इससे पूर्व मांकडिंग किस श्रेणी में आता था?

इससे पूर्व मांकडिंग अनफेयर प्ले की श्रेणी में आता था।

इन दिनों मांकडिंग क्यों चर्चा में है?

लॉर्ड्स में भारतीय बॉलर दीप्ति शर्मा के इंग्लैंड की बैटर चार्लोट डिन को मांकडिंग कर रन आउट करने की वजह से यह चर्चा में है।

आईसीसी ने हाल ही में क्रिकेट के किन नियमों को बदला है?

आईसीसी ने हाल ही में मांकडिंग, नो बॉल, वाइड बॉल आदि से जुड़े नियमों में बदलाव किया है।

आईसीसी के बदले नियम कब से लागू होंगे?

आईसीसी के बदले हुए नियम एक अक्टूबर 2022 से लागू होंगे।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में मांकडिंग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। आपको बताया क्रिकेट में मांकडिंग क्या होता है (what is mankading in cricket)। उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। यदि इस पोस्ट के संबंध में आपका कोई सवाल है तो उसे आप नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हम तक पहुंचा सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं एवं सुझावों का हमें इंतजार है। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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