|| मनरेगा योजना क्या है? | MNREGA yojana kya hai | MANREGA yojna ke bare mein bataiye | MANREGA yojna kya hai | MGNREGA full form in Hindi | MGNREGA scheme eligibility in Hindi | MGNREGA scheme benefits in Hindi | (MANREGA majduri kitni hai ||
MNREGA yojana kya hai :- मनरेगा भारत सरकार की एक ऐसी योजना है जिसके तहत देश के गरीब वर्ग को मजबूत करने का कार्य किया जाता है। अब वैसे तो केंद्र सरकार व राज्य सरकार के द्वारा जनता के कल्याण के उद्देश्य से कई तरह की योजनाएं (MNREGA yojna in Hindi) बनाई जाती है किंतु उसमे से कुछ ही सफल हो पाती है या जमीन पर अपना असर दिखा पाती है। तो उसी में एक योजना है यह मनरेगा योजना जिसके बारे में लगभग हर किसी ने सुन रखा होगा।
तो आज का हमारा लेख भी उसी पर ही (MANREGA yojna ke bare mein bataiye) आधारित है क्योंकि आज आपको मनरेगा योजना के बारे में शुरू से लेकर अंत तक सब जानकारी जानने को मिलेगी। मनरेगा एक ऐसी योजना है जिसे शुरू तो कांग्रेस सरकार ने किया था लेकिन इसे राष्ट्रीय स्तर पर हर राज्य की सरकार व बाद की भाजपा सरकार ने भी अपनाए रखा। अभी तक (MANREGA yojna kya h) देश के करोड़ो लोगों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। तो आइए जाने यह मनरेगा आखिरकार है क्या और कैसे यह देश के नागरिकों का भला करती है।
मनरेगा योजना क्या है? (MNREGA yojana kya hai)
अभी तक आपने कई बार इस मनरेगा योजना का नाम सुना होगा और आपको यह भी पता होगा की यह देश के गरीब वर्ग के लोगों के लिए ही बनाई जाती है किंतु इससे ज्यादा आपको इसके बारे में शायद ही कोई जानकारी हो। तो यहाँ हम आपको मनरेगा योजना के बारे में शुरू से लेकर अंत तक संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। आज के इस लेख के माध्यम से आपको मनरेगा योजना के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।
तो इस योजना को भारत सरकार के द्वारा वर्ष 2005 में शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य देश के ऐसे परिवारों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना था जहाँ (What is MGNREGA in Hindi) आर्थिक तंगी हो और उन्हें कही भी काम नहीं मिल रहा हो। इनमे मजदूर वर्ग के लोग ज्यादा मात्रा में थे क्योंकि मनरेगा योजना में वही काम करवाया जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ की इसके तहत लोगों को कुछ समय के लिए मजदूरी पर रखने का काम किया जाता है और बदले में उन्हें उनके पैसों का भुगतान किया जाता है।
तो इसमें होता क्या है की सरकार को जगह जगह निर्माण कार्य करवाने होते हैं, देश का विकास करना होता है, बड़े बड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत करनी होती है इत्यादि, तो उसके लिए सरकार को लाखों की संख्या में मजदूरो की आवश्यकता पड़ती है। तो यह सब मजदूर कहां से आएंगे? यह आएंगे तो देश में से ही और होंगे भी वे देश के ही नागरिक। तो इसी को ध्यान में रखते हुए (What is MGNREGA scheme in Hindi सरकार ने बहुत ही चतुराई से इस मनरेगा योजना को बना दिया जिससे कि सरकार का काम भी हो जाए और उसकी वाहवाही भी हो।
कहने का अर्थ यह हुआ कि अब मजदूर वर्ग का काम क्या इस योजना के आने से पहले नहीं होता था या फिर मजदूरी का काम सरकार के अधिकारी व नेता किया करते थे? वे पहले भी मजदूर ही किया करते थे और अब भी वही करते हैं। तो अब उसी काम को एक योजना का नाम देना किसी राजनीतिक पार्टी से अच्छा कौन जान सकता है। बस इस योजना के द्वारा इस काम को सुव्यवस्थित करने का काम किया गया।
मनरेगा योजना का पूरा नाम क्या है? (MGNREGA full form in Hindi)
अब यदि हम बात करे मनरेगा योजना के पूरे नाम के बारे में तो उसके बारे में भी आपको जान लेना चाहिए। तो जैसा कि आपको पता है कि कांग्रेस सरकार के द्वारा देश के सभी संस्थानों, योजनाओं, मोहल्लों, इत्यादि के नाम या तो गाँधी या नेहरु के नाम पर रखे गए है। तो इसी तरह मनरेगा योजना को भी गाँधी से ही जोड़ा गया। हालाँकि पहले इसमें गाँधी नहीं जोड़ा गया था लेकिन बाद में इसमें जबरदस्ती गाँधी लगा दिया गया।
तो मनरेगा योजना का पूरा नाम महात्मा गाँधी नेशनल रूरल एम्प्लोयेमेंट एक्ट (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) है। वही यदि हम इसके हिंदी नाम की बात करें तो उसे महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी अधिनियम योजना के नाम से जाना जाता है। वैसे पहले मनरेगा योजना का का नाम केवल नरेगा था अर्थात इसमें महात्मा गाँधी को नहीं जोड़ा गया था लेकिन फिर 4 वर्षों के बाद ही इसमें महात्मा गाँधी भी जोड़ दिया गया और नरेगा योजना मनरेगा योजना बन गयी।
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मनरेगा योजना कब शुरू हुई थी? (MANREGA yojna kab chalai gayi)
अब आपका यह प्रश्न होगा कि क्या यह योजना बहुत पुरानी है। वह इसलिए क्योंकि हम इसका नाम बहुत पहले से सुनते आ रहे हैं और यह प्रसिद्ध भी बहुत (MANREGA yojna ki surat kab hui) है। तो हमें लगता है कि यह मनरेगा योजना शायद 40-50 साल पुरानी हो लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल जब देश की सत्ता से अटल बिहारी वाजपेयी बाहर हो गए थे और सोनिया गाँधी ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बना दिया था तब उनके कार्यकाल में ही इस मनरेगा योजना को लाया गया था।
तो मनरेगा योजना को अधिकृत रूप से लोकसभा से 23 अगस्त 2005 में पारित किया गया था। फिर अगले ही दिन इसे राज्यसभा में पेश किया गया और वहां से भी इसे पारित कर दिया (MANREGA yojna ki shuruaat kab hui) गया जो तिथि थी 24 अगस्त 2005 की। उसके बाद सभी संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा करते हुए इसे 2 फरवरी 2006 में चालू कर दिया गया। इसके बाद सरकार की योजनाओं में जो मजदूर काम करते थे वे इस मनरेगा योजना के तहत काम करने लगे।
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मनरेगा योजना की शुरुआत क्यों की गयी थी?
मनरेगा योजना को शुरू करने का आखिरकार उद्देश्य क्या था और इसकी शुरुआत करने के पीछे सरकार की क्या मंशा थी, यह जानना भी तो आपके लिए बहुत जरुरी हो जाता है। ऐसे में हम आपको बता दे कि इसके तहत सरकार का उद्देश्य यही था कि देश के मजदूर वर्ग या ऐसे वर्ग को जिन्हें कही काम नहीं मिल पा रहा है या उन्हें काम मिलने में समस्या आ रही हैं तो उसे मनरेगा योजना (MGNREGA scheme in Hindi) के तहत काम दिया जा सके।
इसके तहत किसी भी व्यक्ति को किसी भी सरकारी काम में केवल 100 दिनों के लिए रखा जाता है और उसे उसके राज्य के अनुसार प्रतिदिन की दिहाड़ी दी जाती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि मनरेगा योजना के तहत एक व्यक्ति को वर्ष में केवल 100 दिन का ही काम मिलेगा और उसे उसी के अनुसार ही पैसा दिया जाएगा। तो इस योजना को लाने का उद्देश्य उन परिवारों को आर्थिक सुरक्षा देना, देश की उन्नति करना और तेज गति से विकास कार्य करवाना था।
मनरेगा योजना के लिए पात्रता (MGNREGA scheme eligibility in Hindi)
मनरेगा योजना के तहत आपकी पात्रता क्या होनी चाहिए और आपको उसके लिए क्या कुछ दिखाना होगा, यह जानना भी तो आपके लिए जरुरी है। अब यदि हर किसी को यह काम मिल जाता तो हर कोई यह कर लेता लेकिन ऐसा नहीं होता है। हालाँकि इसमें हर कोई काम तो कर सकता है लेकिन उसके लिए केवल 2 शर्ते या नियम रखें गए है जिनका पालन करना हर किसी के लिए आवश्यक होता है।
तो यदि आप मनरेगा योजना के तहत काम पाना चाहते (MNREGA scheme eligibility in Hindi) हैं तो सबसे पहले तो आपका भारतीय नागरिक होना आवश्यक है। यह योजना पूर्ण रूप से भारत के लोगों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए निकाली गयी है और यदि आप भारत के नागरिक नहीं है तो आपको मनरेगा योजना के तहत कोई भी काम नही मिलेगा। इसी के साथ साथ भारतीय कानून के अनुसार आपकी आयु न्यूनतम 18 वर्ष होनी चाहिए। 18 वर्ष से कम आयु वाले किसी भी व्यक्ति को मनरेगा योजना के तहत काम नही मिलेगा।
मनरेगा योजना में कितने दिन का काम मिलता है? (MANREGA me kitne din ka rojgar)
मनरेगा योजना के प्रावधान में यह साफ साफ और स्पष्ट शब्दों में लिखा गया है कि इसके तहत किसी भी व्यक्ति को एक वर्ष के कुल दिनों में से केवल 100 दिन का ही काम (MGNREGA work days) मिलेगा। ना ही उससे ज्यादा और ना ही उससे कम। तो मान लीजिए की आपका नाम रोहन है और आप मनरेगा योजना के तहत काम पाना चाहते हैं तो आप एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन से ज्यादा का काम नहीं कर पाएंगे। अब 100 दिन कोई काम करेगा तो 100 दिन कोई और काम करेगा। इसके तहत देश के लगभग सभी मजदूरों को काम मिल जाएगा।
क्या मनरेगा में मजदूरी एक समान है?
अब यदि आपको लगता है की आप मनरेगा योजना के तहत राजस्थान में जो काम करते हैं और जितना पैसा आपको मिलता है, उतना ही पैसा हरियाणा में मनरेगा योजना के तहत काम कर रहे मजदूर को मिल रहा होगा। तो यहाँ हम आपको बता दें कि राजस्थान में मनरेगा योजना के तहत एक दिन की दिहाड़ी का जितना पैसा मिलता है हरियाणा में उससे 100 रुपए ज्यादा मिलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें केवल केंद्र सरकार की ही भूमिका नहीं होती बल्कि राज्य सरकार की भूमिका भी होती है।
तो केंद्र तो अपने बजट में से सभी राज्यों के लिए समान रूप से फण्ड को जारी कर देगा और उन्हें उनकी क्षमता के अनुसार धन भी मिल जाएगा। अब यह आपकी राज्य सरकार पर निर्भर करता है की वह मनरेगा योजना के तहत आपको प्रतिदिन की कितनी दिहाड़ी या मजदूरी दे रही है। तो यह हर राज्य के अनुसार अलग अलग हो सकता है। हालाँकि एक राज्य में कहीं भी काम करने पर वह मनरेगा योजना एक जैसी ही रहती है।
मनरेगा योजना में मिलने वाली मजदूरी का दाम (MANREGA majduri kitni hai)
तो ऊपर तो आपने यह जान लिया कि मनरेगा के तहत मिलने वाली मजदूरी में राज्य के अनुसार अंतर देखने को मिलता है। तो ऐसे में आपको यह अवश्य जानने की इच्छा उठ रही होगी कि किस राज्य में मनरेगा योजना के तहत कितनी मजदूरी निर्धारित की गयी है। तो अब हम आपके सामने मनरेगा योजना के तहत मिलने वाली मजदूरी के आंकड़े राज्य के अनुसार जारी करने जा रहे हैं।
राज्य | मनरेगा मजदूरी |
आंध्र प्रदेश | 257 |
अरुणाचल प्रदेश | 216 |
असम | 229 |
बिहार | 210 |
छत्तीसगढ़ | 204 |
गोवा | 315 |
गुजरात | 239 |
हरियाणा | 331 |
हिमाचल प्रदेश | 266 |
झारखंड | 210 |
कर्नाटक | 309 |
केरल | 311 |
मध्य प्रदेश | 204 |
महाराष्ट्र | 256 |
मणिपुर | 251 |
मेघालय | 230 |
मिजोरम | 233 |
नागालैंड | 216 |
ओड़िसा | 222 |
पंजाब | 281 |
राजस्थान | 231 |
सिक्किम | 222 |
तमिलनाडु | 281 |
तेलंगाना | 257 |
त्रिपुरा | 212 |
उत्तर प्रदेश | 213 |
उत्तराखंड | 213 |
पश्चिम बंगाल | 223 |
मनरेगा योजना में एक दिन में कितना काम करना होता है?
साथ के साथ आप यह भी जान लें की मनरेगा योजना के तहत एक दिन में मजदूरों से कितना तक काम लिया जाता है। अर्थात एक व्यक्ति से दिन में कितने घंटे के लिए काम लिया जाता है जिसके बदले में उसे इन पैसों का भुगतान किया जाता है। तो मनरेगा योजना के तहत एक व्यक्ति से दिन में कुल 9 घंटे का काम लिया जाता है और उसमे भी उसे एक घंटे का आराम दिया जाता है। तो इस तरह से उस व्यक्ति के काम करने के कुल घंटे 8 हो गए। तो यदि आप मनरेगा योजना के तहत मजदूरी करने का काम कर रहे हैं तो आपको कुल 9 घंटे जिसमे एक घंटे का आराम मिलेगा, करना होगा।
वर्तमान समय में सरकार ने धोखाधड़ी से बचने के लिए मनरेगा कार्ड बनवाना अनिवार्य कर दिया है। वह इसलिए क्योंकि व्यक्ति 100 दिन का काम एक जगह कर लेते थे और फिर दूसरी जगह जाकर अपना अलग परिचय देकर 100 दिन का काम फिर से पका लेते थे। इसी कारण भारत सरकार के द्वारा सभी ऐसे लोगों का मनरेगा कार्ड बनवाया गया है जो इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक है।
तो यदि आप मनरेगा योजना के तहत काम पाना चाहते हैं तो पहले आपको अपना मनरेगा कार्ड बनवाना होगा। इसके लिए आपको अपने शहर के या किसी भी मनरेगा के ऑफिस में जाना होगा या जहाँ पर मनरेगा के तहत काम दिया जाता है। वहां आपको अपनी पहचान से संबंधित कुछ कागजात सौंपने होंगे। इसमें आधार कार्ड सबसे ज्यादा जरुरी है क्योंकि वही आज के समय में प्रमुख पहचान बन गया है। इन सभी डाक्यूमेंट्स की जांच करने के बाद आपको मनरेगा कार्ड दे दिया जाएगा।
मनरेगा योजना के अंतर्गत होने वाले काम (MGNREGA work list in Hindi)
आप यदि सरकार के अंतर्गत मनरेगा योजना के तहत काम करने के इच्छुक है और उसके जरिये कमाई करना चाहते हैं तो आपको इससे मिलने वाले कामों के बारे में भी जान लेना (MGNREGA me kam) चाहिए। तो इसमें मिलने वाला काम तो एक ही होगा और वह होगा मजदूर का लेकिन वह काम आपको अलग अलग क्षेत्रों में मिल सकता है। जैसे कि कहीं भवन का निर्माण करना है तो कहीं रेलवे पटरी बिछाने में सहायता करनी है तो कहीं सामान को एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाना है।
अब इस देश में या दुनिया में जो भी काम मजदूर के होते हैं वही सब काम आपको मनरेगा योजना के तहत करने होंगे। सीधे शब्दों में यदि बात को कहा (MNREGA me kam) जाए तो यह योजना मुख्य रूप से मजदूर वर्ग के लिए ही है जो उन्हें सरकार की ओर से 100 दिन की रोजगार की गारंटी देती है, इसके अलावा कुछ नही। तो इसमें मिलने वाला काम भी मजदूरी का ही होगा।
मनरेगा योजना के लाभ (MGNREGA scheme benefits in Hindi)
अंत में आपको यह भी जान लेना चाहिए कि आखिरकार मनरेगा योजना के क्या कुछ लाभ देखने को मिलते हैं। इसे जानकर ही तो आप यह पता लगा पाएंगे कि आखिरकार भारत सरकार का इस योजना को इतने व्यापक स्तर पर शुरू करने का क्या उद्देश्य था और इसके (MANREGA yojna ke labh) पीछे उनकी क्या मंशा थी। तो मनरेगा योजना के तहत कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं जिनमे से कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार है:
- मनरेगा योजना के तहत सबसे पहला लाभ तो यह मिलता है कि जिन लोगों को कहीं काम नहीं मिल पा रहा है या जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है और उनके पास कोई काम नहीं है तो वे इस मनरेगा योजना के तहत 100 दिन का तो काम पा ही सकते हैं।
- इसके तहत कोई भी व्यक्ति चाहे वह किसी भी वर्ग का हो, किसी भी राज्य से संबंध रखता हो या किसी भी जाति या धर्म को मानने वाला हो, उन्हें हर किसी को काम मिलेगा और उसके लिए दिन भी निर्धारित किये गए हैं ताकि सभी को बराबर मात्रा में काम मिल सके।
- इससे देश के विकास में भी उन्नति देखने को मिली है क्योंकि मनरेगा योजना के तहत लोग काम करने में रुचि लेते हैं और उन्हें पैसे भी मिलते हैं। तो इससे ना केवल देश का विकास होता है बल्कि प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ती है।
- हर शहर में मजदूर सुबह सुबह के समय काम ढूंढने निकलते है और तब भी यह जरुरी नही कि सभी मजदूरों को काम मिल जाए। ऐसे में उन मजदूरों के लिए यह मनरेगा योजना एक वरदान बन कर सामने आई है।
- यदि किसी कारणवश कोई व्यक्ति मनरेगा के तहत काम करते हुए चोटिल हो जाता है या उसे कोई गंभीर क्षति होती है तो उसका खर्चा भी सरकार ही भुगतान के रूप में देती है और उसका उपचार करवा कर देती है।
तो इस तरह से मनरेगा योजना के बहुत सारे लाभ देखने को मिलते हैं और लोगों के द्वारा इसका भरपूर लाभ भी उठाया गया है। यही कारण है कि जहाँ भी सरकारी काम हो रहा होता है वहां लोग मनरेगा योजना के तहत मजदूरी करने के लिए आसानी से मिल जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें पता होता है कि उन्हें उनकी दिन की मजदूरी का पैसा दैनिक स्तर पर मिला करेगा।
मनरेगा योजना क्या है – Related FAQs
प्रश्न: मनरेगा योजना क्या है विस्तार से समझाइए?
उत्तर: मनरेगा योजना के बारे में विस्तार से समझने के लिए आपको यह लेख पढ़ना होगा जिसमे हर एक जानकारी को विस्तृत रूप से समझाया गया है।
प्रश्न: मनरेगा योजना में कितने पैसे मिलते हैं?
उत्तर: मनरेगा योजना में हर राज्य के अनुसार हर दिन का अलग अलग पैसा मिलता है जिसकी सारणी हमने आपको इस लेख में दी है।
प्रश्न: मनरेगा में कितने घंटे काम करना पड़ता है?
उत्तर: मनरेगा में 9 घंटे काम करना पड़ता है जिसमे एक घंटे का आराम भी शामिल है।
प्रश्न: मनरेगा की 1 दिन की सैलरी कितनी है?
उत्तर: मनरेगा की 1 दिन की सैलरी हर राज्य के अनुसार अलग अलग होती है जिसके बारे में आपको इस लेख के माध्यम से जानने को मिलेगा।
इस लेख में आपने जाना कि मनरेगा योजना क्या होती है और किस तरह से उसे देश के नागरिकों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। वर्तमान समय में केंद्र की मोदी सरकार ने तो इसे और प्रभावी व सफल बनाने के लिए सभी मजदूरों के बैंक खाते भी खोल दिए हैं ताकि उनकी मजदूरी का पैसा सीधे उनके बैंक खाते में ट्रान्सफर किया जा सके।