मार्जिन मनी क्या होता है? | मार्जिन मनी कौन – कौन से लोन पर लगता है? | Margin money kya hai in Hindi

|| मार्जिन मनी क्या होता है? | Margin money kya hai in Hindi | मार्जिन मनी कौन – कौन से लोन पर लगता है? | होम लोन मार्जिन मनी | Margin money in home loan in Hindi ||

Margin money kya hai in Hindi :- क्या आपने कभी बैंक से कोई लोन लिया है? अगर हाँ तो क्या आप मार्जिन मनी के बारे में जानते है? अगर आपने कभी कोई लोन नहीं लिया है परन्तु भविष्य में लेने की सोच रहे है तो लोन से जुडी ऐसी बहुत सारी चीज़ें होती है जिनके बारे में आपको पता होना बहुत ज़रूरी (What is margin money in Hindi) है। ऐसा हम आपको इसलिए कह रहे है क्योंकि जब तक आपको इन सब चीज़ो की जानकारी नहीं होगी तब तक आपको लोन लेने की पूरी प्रक्रिया समझ नहीं आएगी फिर चाहे आप कोई भी लोन ले रहे हो।

आज हम आपको लोन से जुडी एक बहुत महत्वपूर्ण चीज़ के बारे में बताएंगे जिससे आपको लोन लेने में बहुत आसानी होगी। आज के आर्टिकल में हम आपको मार्जिन मनी के बारे में जानकारी (Margin money kya hota hai) देंगे। आप जो भी लोन लेने की सोच रहे है फिर चाहे वो होम लोन हो, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन, कार लोन, गोल्ड लोन, मोटर लोन, या अन्य कोई भी लोन हो मार्जिन मनी हर लोन का हिस्सा होता (Margin money ke bare mein jankari) है।

मार्जिन मनी क्या होता है? (Margin money kya hai in Hindi)

सबसे पहले हम यह जान लेते है कि मार्जिन मनी क्या होता है। बैंक से लोन लेने के लिए हमारा उद्देश्य कुछ भी हो सकता है जैसे कि पढाई के लिए लोन, घर खरीदने के लिए, कार खरदीने के लिए, मशीन खरीदने के लिए, घर की मरमत करवाने के लिए आदि। जब भी हम बैंक में लोन लेने के लिए जाते है बैंक हमे कभी भी हमारे उद्देश्य की सारी धनराशि हमे नहीं देता और उसका कुछ हिस्सा छोड़कर बची हुई राशि पर हमको लोन देता है। जिस राशि पर बैंक हमे लोन नहीं देता उसका इंतज़ाम हमे खुद करना होता है और उसी को ही हम मार्जिन मनी कहते है।

मार्जिन मनी क्या होता है मार्जिन मनी कौन - कौन से लोन पर लगता है Margin money kya hai in Hindi

उदाहरण के तौर पर मान लीजिये कि आप बैंक में होम लोन लेने के लिए अप्लाई करने जाते है जिसके लिए आपको 20 लाख रूपए के लोन की आवश्यकता होती है। अगर आप सोच रहे है कि बैंक आपको पुरे 20 लाख रुपयों का लोन दे देगा तो ऐसा कभी भी नहीं होता। बैंक केवल 20 लाख का एक हिस्सा ही आपको लोन पर दे सकता है। मान लीजिये कि जिस बैंक से आप लोन लेना चाहते है वो 10% मार्जिन मनी के हिसाब से लोन देता है तो बैंक आपको 18 लाख रुपयों का लोन देगा और 20 लाख का 10% (2 लाख) आपको खुद जोड़ना होगा। यह 10% राशि आपको खुद लानी होती है।

लोन मार्जिन मनी हर बैंक का अलग अलग होता है। हर बैंक आपको अलग अलग मार्जिन मनी के हिसाब से लोन देता है। लोन लेते समय आपको मार्जिन मनी का हमेशा ध्यान रखना चाहिए और जिस बैंक में आपको यह सही लगे उसी से ही लोन के लिए आवेदन करना चाहिए। आप चाहे जो भी लोन ले रहे हो बैंक में जाकर मार्जिन मनी के बारे में ज़रूर पता करके ही लोन ले।

कौन कौन से लोन पर मार्जिन मनी लगता है? (What is margin money in bank loan in Hindi)

अब हम आपको मार्जिन मनी के बारे में और भी ज़्यादा विस्तार से बताएंगे। हम आपको अन्य प्रकार के लोन और उन पर लगने वाले मार्जिन के बारे में बताएंगे ताकि आपको मार्जिन मनी के बारे में और अच्छे से समझ आ सके। 

एजुकेशन लोन मार्जिन मनी (Margin money in education loan in Hindi)

कई बच्चे विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करते है परन्तु लोन लेते समय मार्जिन मनी को लेकर बहुत कंफ्यूजड रहते है। आपकी सरलता के लिए हम आपको बता दे कि अगर आपको अपनी शिक्षा के लिए 50 लाख रुपयों के लोन की आवश्यकता है और बैंक आपको 20% मार्जिन मनी के हिसाब से लोन देता है तो बैंक आपको 40 लाख रूपए आपकी शिक्षा के लिए देगा और बचे 10 लाख रूपए का प्रबंध आपको स्वयं करना होगा।

जब आप कॉलेज में अपनी फीस जमा करवाने जायेंगे तब आप उनको यह बता सकते है कि 10 लाख रूपए आप कैश जमा करवाएंगे और बचे 40 लाख रूपए आपका फाइनेंस बैंक सीधा ही कॉलेज के बैंक खाते में जमा करा देगा। इसके लिए आपको लोन लेते समय अपने फाइनेंस बैंक को अपने कॉलेज के बैंक खाते की सारी जानकारी देनी होगी।

कार लोन मार्जिन मनी (Margin money in car loan in Hindi)

अगर आप नई या फिर पुरानी गाड़ी के लिए लोन लेने की सोच रहे है तो आपको मार्जिन मनी के बारे में पता होना चाहिए। उदाहरण के तौर पर मान लीजिये कि जो गाड़ी आप लेना चाहते है उसकी कीमत 10 लाख रूपए है। इस गाड़ी को खरीदने के लिए आपको 10 लाख रुपयों की आवश्यकता होगी। अब अगर आप बैंक में जाकर कार लोन के लिए अप्लाई करते है तो बैंक आपको 10 लाख की गाड़ी पर 10 या फिर 20% मार्जिन छोड़कर लोन प्रदान करता है।

इसका मतलब यह हुआ कि बैंक आपको 8 लाख के ऊपर लोन प्रदान करेगा जबकि बचे हुए 2 लाख आपको स्वयं कार डीलर के पास या फिर बैंक में जमा करवाने होंगे। बैंक आपको कभी भी गाड़ी की पूरी कीमत पर लोन प्रदान नहीं करता है। यह बैंक अपने रिस्क को कम करने के लिए करता है। 

होम लोन मार्जिन मनी (Margin money in home loan in Hindi)

मार्जिन मनी होम लोन लेने पर भी लगता है। जब भी आप होम लोन लेने जायेंगे तब बैंक आपसे आपके लोन लेने का पर्पज आपसे पूछेगा और यह जानने की कोशिश करेगा कि क्या आप लोन की किश्त समय पर जमा करा पाएंगे या फिर नहीं। फिर बैंक आपको मार्जिन मनी को देखते हुई होम लोन प्रदान करेगा। 

उदाहरण के तौर पर मान लीजिये कि आपको 40 लाख रूपए के लोन की आवश्यकता है। इसमें से बैंक 10 या 20% मार्जिन मनी काट कर आपको होम लोन दे देगा। बाकि के बचे हुए 8 लाख रूपए आपको खुद जमा करवाने होंगे। जब आप कुल 40 लाख रूपए जमा करवा देंगे तब ही आपके मकान की रेजिस्टरी हो पायेगी। हर बैंक की लोन मार्जिन मनी परसेंट अलग अलग होती है। लोन लेते समय आपको यह बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए।

मुद्रा लोन मार्जिन मनी (Margin money in mudra loan in Hindi)

मुद्रा लोन लेने के लिए भी आपको मार्जिन मनी की पेमेंट खुद से करनी होगी। अगर आप कोई भी मशीने मुद्रा लोन से खरीदना चाहते है तो आपको बैंक में मार्जिन मनी का पता करना चाहिए। जिस भी बैंक से सबसे कम मार्जिन मनी मिले उसमे आपको लोन के लिए आवेदन करना चाहिए।

उदाहरण के तौर पर हम अगर आपको समझाये तो मान लीजिए कि मशीन की कीमत 5 लाख रूपए है और अगर बैंक आपको यह मशीन के ऊपर 20% मार्जिन मनी के हिसाब से लोन देता है तो आपको 4 लाख का बैंक लोन मिल सकता है और 1 लाख रूपए आपको मशीन खरीदने के लिए खुद से जोड़ने होंगे।

क्या मार्जिन मनी को बढ़ा सकते हैं?

यदि आप सोच रहे है कि आपके लिए किसी काम में मार्जिन मनी कितनी होगी, इसको तय करने का अधिकार केवल बैंक के पास ही है तो आप गलत है। दरअसल यह आप पर तय होता है कि आप कितना मार्जिन मनी ले सकते हैं। आप इस मार्जिन मनी को कम तो नहीं कर सकते हैं क्योंकि बैंक आपको न्यूनतम मार्जिन मनी ही बतायेगा किंतु आप इसे बढ़ा अपनी मर्जी से कितना भी सकते हैं।

यहाँ हम उदाहरण सहित आपको समझाते हैं कि यह मार्जिन मनी कैसे बढ़ाई जा सकती है। तो आप एक घर लेने जा रहे हैं और उसके लिए आपको बैंक से 20 लाख का लोन चाहिए। अब बैंक आपको उसमे से 18 लाख का लोन दे देता है और बाकि के 2 लाख आपको मार्जिन मनी के रूप में चुकाने होंगे। अब बैंक ने आपको यह न्यूनतम मार्जिन मनी बताई है जो आपको होम लोन के लिए चुकाने ही होंगे। आप बैंक को 18 लाख से अधिक मूल्य का लोन देने के लिए नहीं कह सकते हैं।

हालाँकि आप इसमें से अपनी मार्जिन मनी को अवश्य बढ़ा सकते हैं। यदि आपके पास जेब में 5 लाख पड़े हैं और आप उसे भर सकते हैं तो आप बैंक से केवल 15 लाख का ही होम लोन ले सकते हैं और बाकि के 5 लाख मार्जिन मनी के रूप में चुका सकते हैं। इससे एक तो आपका ब्याज कम होगा और आपको हर महीने चुकाई जाने वाली किश्ते भी कम चुकानी होंगी।

इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने मार्जिन मनी के बारे में बहुत कुछ जानकारी हासिल कर ली है। बहुत लोगों को पहले मार्जिन मनी के बारे में कुछ पता ही नहीं होगा लेकिन आज जिस जिसने हमारा यह लेख पढ़ा है, वह इस शब्द से भलीभांति परिचित हो गए होंगे और उन्हें इसका पूरा गणित भी अच्छे से समझ में आ गया होगा।

मार्जिन मनी क्या है – Related FAQs 

प्रश्न: मार्जिन मनी क्या होता है?

उत्तर: जब भी हम बैंक में लोन लेने के लिए जाते है बैंक हमे कभी भी हमारे उद्देश्य की सारी धनराशि हमे नहीं देता और उसका कुछ हिस्सा छोड़कर बची हुई राशि पर हमको लोन देता है। जिस राशि पर बैंक हमे लोन नहीं देता है उसे हम मार्जिन मनी कहते है।

प्रश्न: मुद्रा लोन में मार्जिन क्या है?

उत्तर: मुद्रा लोन में मार्जिन मनी का मतलब होता है कि बैंक लोन की कुछ राशि को छोड़ कर आपको लोन प्रदान करेगा। 

प्रश्न: मुद्रा लोन न चुकाने पर क्या होता है?

उत्तर: अगर आप मुद्रा लोन चुकाने में असफल रहते है तो बैंक आपकी संपत्ति को क़ानूनी तोर पर जप्त कर सकता है जिससे आपका बहुत सारा नुकसान हो सकता है।

प्रश्न: होम लोन में मार्जिन राशि क्या है?

उत्तर: बैंक आपको मार्जिन मनी को देखते हुई होम लोन प्रदान करेगा। मार्जिन मनी के बारे में अधिक जानने के लिए आप हमारे ऊपर दिए गए आर्टिकल को पढ़ सकते हैं।

प्रश्न: एजुकेशन लोन पर मार्जिन मनी कितना होता है? 

उत्तर: हर बैंक का मार्जिन मनी का परसेंटेज अलग अलग होता है। किसी बैंक में 10% मार्जिन होता है तो किसी बैंक का मार्जिन 20% होता है।

शेफाली बंसल
शेफाली बंसल
इनको लिखने में काफी रूचि है। इन्होने महिलाओं की सोशल मीडिया ऐप व वेबसाइट आधारित कंपनी शिरोस में कार्य किया। अभी वह स्वतंत्र रूप में लेखन कार्य कर रहीं हैं। इनके लेख कई दैनिक अख़बार और पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।
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