मारुति सुजुकी का नाम कौन नही जानता होगा। यह वह कंपनी हैं जो सबसे पहले भारतीय लोगों के लिए कार लेकर आई थी। आपने या आपके परिवार के बड़े लोगों ने (Maruti suzuki kis desh ki company hai) एक ज़माने में जरुर ही मारुति की 800 मॉडल की कार चलायी होगी (Maruti suzuki ka malik kaun hai)। शायद यह कार अभी भी हम में से किसी के पास हो। ऐसे में इतनी फेमस कार के मालिक को और उसके देश के बारे में तो हर कोई जानना चाहता होगा।
यदि आप भी जानना चाहते हैं कि मारुति सुजुकी के मालिक कौन है (Maruti suzuki owner in Hindi) या फिर मारुति सुजुकी किस देश की कंपनी हैं (Maruti suzuki country of origin) तो आज के इस लेख में आपको मारुति सुजुकी से जुड़ी हर एक जानकारी मिलेगी। आज हम आपको मारुति सुजुकी के मालिक व देश के बारे में संपूर्ण रूप से बताएँगे।
मारुति सुजुकी किस देश की कंपनी है (Maruti suzuki kis desh ki company hai)
अगर बात मारुति सुजुकी के देश की की जाए तो इसमें दो देशों का नाम प्रमुखता से आता है। इसमें पहला नाम है भारत व दूसरा जापान। ऐसा इसलिए क्योंकि मारुति व सुजुकी दो कंपनियों का मिला जुला रूप हैं और इसमें मारुति भारत देश की है जबकि सुजुकी जापान देश की (Maruti suzuki kis country ki hai)।
आज से कई वर्षों पहले भारत सरकार के द्वारा भारतीयों को कार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मारुति कंपनी शुरू की गयी थी। इसका शुरूआती नाम मारुति उद्योग लिमिटेड था लेकिन फिर इस कंपनी को चलाने के उद्देश्य से इसके लिए जापान की एक कंपनी सुजुकी मोटर्स कारपोरेशन (Maruti suzuki kis desh ka company hai) से करार किया गया। इस तरह से यह कंपनी तो भारत व जापान की हो गयी लेकिन स्वामित्व भारत का ही रहा।
इस कंपनी का पहला ऑफिस तो हरियाणा के गुरुग्राम में खोला गया था लेकिन वर्तमान में इसका हेडक्वार्टर नयी दिल्ली में स्थित (Maruti suzuki ka head office kahan hai) है। वैसे तो इस कंपनी को भारतीय कंपनी ही माना जाता हैं क्योंकि इसके ज्यादातर शेयर भारत के निवेशकों के पास ही हैं लेकिन जापान की कंपनी इसके साथ जुड़े होने के कारण इसे जापानीज कंपनी भी कहा जाता है।
इसलिए यदि मारुति सुजुकी कंपनी का नाम आता हैं तो इसमें भारत व जापान दोनों का नाम आता है। ऐसे में मारुति सुजुकी को भारतीय जापानीज कंपनी कहना कोई अतिश्योक्ति नही होगी।
मारुति सुजुकी का मालिक कौन है (Maruti suzuki ka malik kaun hai)
यदि बात मारुति सुजुकी के मालिक की की जाए तो यह भी एक उलझा हुआ प्रश्न है। वह इसलिए क्योंकि समय समय पर इस कंपनी में हिस्सेदारी घटती बढ़ती रही है। कभी इसमें ज्यादातर हिस्सेदारी भारत सरकार की थी तो कभी सुजुकी मोटर्स की हो गयी।
वैसे मारुति सुजुकी का पहले नाम मारुति उद्योग लिमिटेड था जिसके संस्थापन इंदिरा गाँधी के बेटे संजय गाँधी थे। एक तरह से इस कंपनी को भारत सरकार के द्वारा ही शुरू किया (Maruti suzuki ka malik kon hai) गया था। चूँकि भारत सरकार के लिए कार बनाने का व्यापार बिल्कुल नया था और भारत में पहले कोई भी कंपनी कार नही बनाती थी। ऐसे में भारत सरकार में संजय गाँधी के द्वारा जापान की सुजुकी मोटर्स कारपोरेशन कंपनी के साथ एक करार किया गया।
इसमें सुजुकी की शुरूआती हिस्सेदारी नामात्र थी और इसकी मालिक भारत सरकार थी। फिर शुरूआती दो वर्षों तक तो मारुति सुजुकी के द्वारा किसी कार का निर्माण नही किया गया और सुजुकी मोटर्स को भारतीय बाजार में अपनी कार बेचने की अनुमति मिली।
इसके बाद धीरे-धीरे मारुति सुजुकी के द्वारा कई कारों का निर्माण कार्य शुरू किया गया और उसके द्वारा बाज़ार में मारुति 800, ओमनी, 1000, जेन इत्यादि कई कारों का निर्माण किया गया। फिर समय के साथ-साथ भारत सरकार की इस कंपनी में हिस्वेदारी घटती गयी और सुजुकी मोटर्स की बढ़ती गयी। अंत में वर्ष 2003 में भारत सरकार ने इस कंपनी की संपूर्ण हिस्सेदारी को बाजार में बेच दिया।
भारत सरकार के द्वारा अपनी हिस्सेदारी को भारतीय बाजार में बेचे जाने के पश्चात मारुति सुजुकी कंपनी का मालिक आधिकारिक रूप से सुजुकी मोटर्स कारपोरेशन बन गयी। ऐसा इसलिए क्योंकि किसी कंपनी में जिस किसी के पास भी सबसे ज्यादा हिस्सेदारी होती हैं वही उस कंपनी का सबसे बड़ा मालिक होता है।
जापान में इस समय सुजुकी मोटर्स कारपोरेशन के मालिक का नाम केनिची युकावा हैं जो कि एक जापानीज है। सुजुकी के मालिक होने के नाते उन्हें मारुति सुजुकी कंपनी का मालिक भी कहा जा सकता है। इस तरह से मारुति सुजुकी के वर्तमान मालिक का नाम केनिची युकावा हुआ।
मारुति सुजुकी का संपूर्ण इतिहास (Maruti suzuki history in Hindi)
मारुति सुजुकी के मालिक व देश के बारे में अच्छे से जानने के लिए आपको इसके संपूर्ण इतिहास को बारीकी से जानना होगा ताकि आपके मन में उठ रहे सभी प्रश्न व शंकाओं पर विराम चिन्ह लग जाए। तो चलिए जानते हैं मारुति सुजुकी कंपनी के इतिहास के बारे में विस्तार से।
दरअसल यह बात 1971 के समय की हैं जब भारत सरकार में इंदिरा गाँधी का शासन था और उनके बेटे संजय गाँधी बहुत ही बड़े नेता माने जाते थे। संजय गाँधी ने भारत सरकार के अंतर्गत एक कंपनी की स्थापना की जिसका नाम था मारुति उद्योग लिमिटेड। इस कंपनी का उद्देश्य था भारत सरकार के नीचे रहकर कारों का निर्माण करना।
चूँकि ना ही भारत सरकार के पास और ना ही भारत की किसी कंपनी के पास कार बनाने का कोई पूर्व अनुभव था तो इसके लिए जापान की फॉक्सवैगन से समझौता हुआ। उसके कुछ समय के पश्चात ही इंदिरा गाँधी के द्वारा देश में आपातकाल की घोषणा कर दी गयी और भारतीय सविंधान की धज्जियाँ उड़ा दी गयी। आपातकाल लगने के पश्चात देश में कई जगह अत्याचार चरम पर पहुँच गए व देश की इस भयावह स्थिति को देखकर जापानी कंपनी फॉक्सवैगन ने मारुति के साथ हुआ समझौता ख़त्म कर दिया।
इसके बाद एक विमान दुर्घटना में संजय गाँधी की मृत्यु हो गयी और देश धीरे-धीरे फिर पटरी पर आने लगा। 1981 में मारुति ने जापान की दूसरी कार कंपनी सुजुकी के साथ समझौता (Maruti suzuki ki sthapna kab hui) किया और यह समझौता निर्णायक सिद्ध हुआ। शुरुआत में तो मारुति पर पूर्ण रूप से भारत सरकार का अधिकार था और इसकी छोटी हिस्सेदारी सुजुकी मोटर्स की दे दी गयी थी।
पहले तो इस कंपनी के द्वारा शुरूआती दो वर्ष में कोई कार नही निकाली गयी और भारत सरकार के द्वारा 2 वर्ष तक सुजुकी को अपनी कार भारत में बेचने की अनुमति दे दी गयी। इसके बाद मारुति सुजुकी ने अपनी पहली कार मार्किट में लांच की।
मारुति सुजुकी की पहली कार (Maruti suzuki first car in India)
लगभग 2 वर्षों तक मारुति सुजुकी के द्वारा कोई कार नही निकाली गयी और अंत में वर्ष 1983 में भारतीय बाज़ार में अपनी पहली कार लांच कर दी जिसने आते ही संपूर्ण भारत में तहलका मचा दिया। मारुति सुजुकी की पहली कार का नाम था मारुति 800 (Maruti suzuki 800) जो हर भारतीय के दिलो में छा गयी।
उस समय जिस किसी के पास भी कार खरीदने की हैसियत थी उसने उसी समय मारुति 800 के आर्डर दे दिए। यह बहुत ही मजबूत कार थी जो ज्यादा दाम में भी नही थी अर्थात सही दाम में उपलब्ध थी। साथ ही यह भारत की सड़कों पर भी अच्छे से दौड़ लेती थी। मारुति सुजुकी की पहली कार मारुति 800 को भारतीयों के द्वारा इतना पसंद किया गया था कि इसके लिए कंपनी को नये प्लांट तक लगाने पड़े थे।
इसके बाद धीरे-धीरे भारत सरकार के द्वारा मारुति सुजुकी में अपनी हिस्सेदारी को कम कर दिया गया तथा अन्य क्षेत्रों में निवेश किया गया। जैसे जैसे भारत सरकार अपनी हिस्सेदारी कम कर रही थी वैसे वैसे ही सुजुकी मोटर्स के द्वारा इसकी हिस्सेदारी में अपना भाग बढ़ाते जा रही थी।
वर्ष 1987 में सुजुकी मोटर्स ने मारुति सुजुकी में अपनी हिस्सेदारी को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत तक कर लिया अर्थात इतना हिस्सा भारत सरकार से खरीद लिया। इसके बाद 1992 में जब देश के वित्त मंत्री तत्कालीन मनमोहन सिंह थे तब सुजुकी ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक कर ली।
वर्ष 2003 में जब भारत में भाजपा सरकार आई व देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी जी बने तब उन्होंने मारुति सुजुकी की बाकि बच्ची हिस्सेदारी को भारतीय बाजार में बेचने का आग्रह किया। उनके निर्णय के बाद भारत सरकार मारुति सुजुकी की अपनी हिस्से की भागीदारी को भारत के वित्तीय संस्थानों में बेच दिया गया जिसे अलग अलग भारतीय निवेशकों के द्वारा खरीद लिया गया।
फिर वर्ष 2013 में सुजुकी मोटर्स ने कई निवेशकों से मारुति की हिस्सेदारी को और खरीद लिया व इसमें अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 56.21 प्रतिशत तक कर ली। भारतीय कानून या अन्य किसी जगह के कानून के अनुसार यदि किसी कंपनी में किसी एक व्यक्ति की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से कुछ भी ज्यादा हो जाती हैं तो वह उस कंपनी का आधिकारिक रूप से मालिक बन जाता हैं।
ऐसे में अब मारुति सुजुकी कंपनी की पैरेंट कंपनी सुजुकी मोटर्स बन गयी (Maruti suzuki parent company) और उसके मालिक केनिची युकावा उसके आधिकारिक रूप से मालिक। तब से मारुति सुजुकी एक तरह से जापानी कंपनी बन गयी और इसके मालिक केनिची इसके सर्वेसर्वा।
यदि हम मारुति सुजुकी के चेयरमैन की बात करेंगे तो उनका नाम रविन्द्र चंद्र भार्गव है जो कि एक भारतीय है। हालाँकि मारुति सुजुकी के सीईओ व मैनेजिंग डायरेक्टर केनिची युकावा ही है। आशा हैं अब आपकी मारुति सुजुकी को लेकर सभी तरह की शंकाएं दूर हो गयी होंगी जैसे कि यह किस देश की है और इसके मालिक कौन है इत्यादि।
मारुति सुजुकी के बारे में कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
आइए अब मारुति सुजुकी के बारे में कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी जान लेते हैं।
मारुति सुजुकी कंपनी के बारे में –
- मारुति सुजुकी कंपनी की स्थापना 24 फरवरी 1981 में हुई थी।
- यह कंपनी वर्षभर में 16 लाख के आसपास गाड़ियों का निर्माण करती हैं।
- इस कंपनी में लगभग 20 हज़ार कर्मचारी काम करते हैं।
- मारुति कंपनी ने वर्ष 2020 में 80 हज़ार करोड़ के आसपास रुपए कमाए थे।
- मारुति सुजुकी की कुछ प्रसिद्ध कार में आल्टो, वैगनआर, स्विफ्ट इत्यादि आती हैं।
मारुति की गाड़ियों के नाम (Maruti suzuki car list)
अब आपने मारुति के बारे में इतना सब कुछ जान लिया हैं तो आपको मारुति के अंतर्गत आने वाली कुछ गाड़ियों के नाम भी पता होना चाहिए। आइए पढ़ें मारुति सुजुकी के अंतर्गत आने वाली गाड़ियों के नाम:
- आल्टो
- स्विफ्ट
- वैगनआर
- एक्सप्रेस्सो
- इग्निस
- सलेरियो
- बलेनो
- डीजायर
- सिआज़
- ब्रेज्ज़ा
- एर्तिगा
- एक्सएल 6 इत्यादि
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प्रश्न: क्या मारुति सुजुकी एक सरकारी कंपनी है?
उत्तर: पहले यह एक सरकारी कंपनी थी लेकिन अब यह पब्लिक सेक्टर की कंपनी है।
प्रश्न: मारुति सुजुकी कैसे सफल हुई
उत्तर: मारुति सुजुकी के सफल होने का एक प्रमुख कारण इसके द्वारा सस्ती दरों पर कार उपलब्ध करवाना है।
प्रश्न: क्या मारुति सुजुकी एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है?
उत्तर: नही, मारुति सुजुकी एक भारतीय कंपनी है।
प्रश्न: सुजुकी कंपनी कौन से देश की है?
उत्तर: सुजुकी कंपनी जापान देश की है।
प्रश्न: मारुति सुजुकी में सबसे अच्छी गाड़ी कौन सी है?
उत्तर: मारुति सुजुकी में सबसे अच्छी गाड़ी स्विफ्ट व ब्रेज्जा है।
प्रश्न: गुड़गांव में मारुति उद्योग की स्थापना कब हुई?
उत्तर: गुरुग्राम में मारुति सुजुकी की स्थापना वर्ष 1981 में हुई थी।
प्रश्न: भारत में मारुति कार कब लांच हुई थी?
उत्तर: भारत में मारुति कार 1981 में लांच हुई थी।