2024 में मेडिकल स्टोर कैसे खोले? नियम, कोर्स, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन | बिना डिग्री के मेडिकल स्टोर कैसे खोले?

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डॉक्टर व मेडिकल स्टोर दोनों एक ऐसे काम हैं जो किसी भी स्थिति में किसी भी देश में या किसी भी समय में चलते ही (Medical store kaise open kare) रहते हैं। चाहे किसी देश में आर्थिक मंदी आये या व्यक्ति के पास खर्च करने को पैसा ना हो या कोई और स्थिति हो, यह दोनों ही चीज़े ना कभी बंद होगी और ना हो सकती (How to open medical store in Hindi) हैं। ऐसे में बहुत से लोग अपना मेडिकल स्टोर खोलने का विचार करते हैं।

अब डॉक्टर बनना तो सभी के बस की बात नही होती और साथ ही इसमें बहुत सा पैसा व समय भी लगता हैं। तो वही डॉक्टर के बराबर का ही काम फार्मेसी वालों का अर्थात मेडिकल स्टोर वालों का होता हैं।

लोग उन्हें भी डॉक्टर की नज़र से ही देखते हैं और समाज में उनका सम्मान भी उतना ही होता हैं। ऐसे में उयादी आप भी मेडिकल स्टोर कैसे खोले या मेडिकल स्टोर खोलने के लिए क्या करें इत्यादि के लिए चिंतित हैं तो आज हम आपके साथ वही साँझा करेंगे।

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मेडिकल स्टोर कैसे खोले? (Medical store kaise khole in Hindi)

अब आप सोच रहे होंगे कि चलो मेडिकल स्टोर खोलना डॉक्टर की अपेक्षा में इतना आसान हैं तो चलिए इसी में हाथ आजमाते हैं लेकिन यह गलत है। दरअसल हम ने कहा कि मेडिकल स्टोर खोलना अवश्य ही डॉक्टर बनने की अपेक्षा में आसान काम हैं लेकिन यह अन्य बिज़नेस के जितना आसान नही हैं।

उदाहरण के तौर पर अन्य किसी भी बिज़नेस को करने या खोलने के लिए आपको किसी तरह की डिग्री नही लेनी पड़ती हैं। यहाँ तक कि कोई दसवीं पास या अनपढ़ व्यक्ति भी अपनी दुकान खोल सकता हैं जबकि मेडिकल स्टोर वाले बिज़नेस के ऐसा नही हैं।

यदि आप मेडिकल स्टोर खोलने के इच्छुक हैं तो इसके लिए भी पढ़ाई करनी पड़ती हैं। फिर चाहे इसके लिए डॉक्टर वाली पढ़ाई या एमबीबीएस ना करनी पड़े लेकिन फार्मेसी का कोर्स या डिग्री अवश्य करनी पड़ती हैं। उसको करने के बाद ही आप मेडिकल स्टोर का लाइसेंस ले पाएंगे। इसलिए आइए जाने मेडिकल स्टोर खोलने के बारे में सबकुछ।

मेडिकल स्टोर कैसे खोले? नियम, कोर्स, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन | बिना डिग्री के मेडिकल स्टोर कैसे खोले?

मेडिकल स्टोर क्या है (Medical store kya hai)

मेडिकल स्टोर खोलने से पहले आपका यह जानना आवश्यक हैं कि आखिरकार मेडिकल स्टोर होता क्या है या मेडिकल स्टोर में किस तरह का काम होता है। शायद आपको मेडिकल स्टोर के बारे में ज्यादा कुछ बताने की आवश्यकता नही क्योंकि जीवन में आपका कई बार इससे सामना हुआ होगा।

कहने का तात्पर्य यह हुआ कि आप या आपके घर में कोई ना कोई बीमार तो पड़ा होगा या उसे कोई बीमारी तो हुई होगी। ऐसे में स्थिति में आप अपने आप को या अपने घरवालों को दिखाने के लिए डॉक्टर के पास जाते होंगे। अब डॉक्टर के पास गए हैं तो उसका बाद हमारा दूसरा ठिकाना होता हैं मेडिकल स्टोर पर जाकर डॉक्टर के द्वारा लिखी गयी दवाइयों को लेना।

तो बस आमझ जाइये आप कि (Medical store kya hota hai) एक मेडिकल स्टोर पर क्या काम होता हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि एक मेडिकल स्टोर पर आप अपने डॉक्टर के द्वारा लिखी गयी दवाइयों के साथ-साथ अन्य कुछ दवाइयां भी ले सकते हैं। आइए इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए मेडिकल स्टोर के काम को समझे।

मेडिकल स्टोर का काम क्या होता है (Medical store work)

मेडिकल स्टोर के काम को सही तरीके से समझने के लिए हम इसे बिन्दुवार तरीके से समझेंगे ताकि आपको मेडिकल स्टोर खोलने में किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो और ना ही आपको बाद में किसी नयी समस्या का सामना करना पड़े। आइए जाने मेडिकल स्टोर पर क्या काम होता हैं।

  • मेडिकल स्टोर का सबसे पहला और मुख्य काम तो वही होता हैं जिसके बारे में आप या हम जानते हैं या जिसके बारे में हमने आपको ऊपर बताया। वह काम हैं किसी भी अंग्रेजी डॉक्टर के द्वारा पर्ची पर लिखी गयी दवाइयों को उपलब्ध करवाना। यदि कोई व्यक्ति किसी डॉक्टर के द्वारा दी गयी दवाई की पर्ची लेकर आता हैं तो वह दवाइयां उसे देना एक मेडिकल स्टोर का काम होता हैं।
  • बहुत बार ऐसा देखने को मिलता हैं कि हमें कई दवाइयां बिना किसी डॉक्टर की पर्ची के या बिना उनसे विचार विमर्श किये लेनी होती हैं। इन दवाइयों को सामान्य बीमारी की दवाइयां कहा जा सकता हैं जैसे कि जुकाम, खांसी, बुखार, सिर दर्द इत्यादि की। तो इन दवाइयों को भी बिना डॉक्टर की पर्ची के देना एक मेडिकल स्टोर वाले का काम होता हैं।
  • इसी के साथ बहुत से लोग अपनी छोटी मोटी समस्या के लिए डॉक्टर के पास जाने की बजाए मेडिकल स्टोर पर जाते हैं और उन्हें अपने बीमारी या समस्या से अवगत करवा के उनसे उसके लिए दवाई मांगते हैं। ऐसे में एक मेडिकल स्टोर वाले को अपने ग्राहक की समस्या को जानकर उसे दवाई उपलब्ध करवाना भी काम होता है।
  • दवाइयों के अलावा अन्य मेडिकल या शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चीज़े रखना और उन्हें बेचना भी एक मेडिकल स्टोर वाले का ही काम होता हैं। जैसे कि मास्क, डेटोल, बैंडेज, पट्टी इत्यादि जैसे चीज़े।
  • इन सभी के अलावा कुछ अन्य चीज़े जो मेडिकल स्टोर के साथ-साथ अन्य दुकानों पर भी मिल सकती हैं लेकिन जिनका संबंध व्यक्ति के स्वास्थ्य से ही जुड़ा हुआ हैं, वह भी रखी जाती हैं। जैसे कि प्रेगनेंसी किट, कंडोम, टिश्यू पेपर इत्यादि।

तो एक तरह से मेडिकल स्टोर का काम केवल दवाइयां बेचना ही नही होता बल्कि वह हर चीज़ बेचना जो व्यक्ति के स्वास्थ्य या मेडिकल से संबंध रखती हैं। इन सभी के अलावा भी आपको मेडिकल स्टोर पर कई अन्य तरह की चीज़े मिल सकती हैं जो आपके काम आती हो।

मेडिकल स्टोर खोलने के लिए क्या करें? (How to open medical store in Hindi)

अब जब आपने मेडिकल स्टोर होता क्या है और उस पर क्या क्या काम होता है इत्यादि के बारे में विस्तार से जान लिया हैं और अब आप अपने स्वयं का एक मेडिकल स्टोर खोलने के इच्छुक हैं तो आइए जाने मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आपको क्या क्या करना पड़ेगा।

ऊपर हम ने आपको बताया कि यदि आप मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं तो आपको पहले फार्मेसी की पढ़ाई करनी पड़ेगी। किंतु यदि आप पढ़ाई फार्मेसी की पढ़ाई नही करना चाहते हैं और फिर भी एक मेडिकल स्टोर खोलने के इच्छुक हैं तो इसके लिए भी आपके पास एक विकल्प हैं।

इसलिए आज हम बिना डिग्री के मेडिकल स्टोर कैसे खोले और फिर डिग्री के साथ मेडिकल स्टोर कैसे खोले, दोनों तरीकों के बारे में जानेंगे।

बिना डिग्री के मेडिकल स्टोर कैसे खोले (Bina degree ke medical store kaise kholen)

यदि आप पढ़ाई नही करंक चाहते हैं और फिर भी अपना एक मेडिकल स्टोर खोलकर पैसे कमाना चाहते हैं तो इसका तरीका थोड़ा पेचीदा अवश्य हैं लेकिन असंभव नही। दरअसल ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सरकार केद्वारा मेडिकल स्टोर का लाइसेंस केवल उन्ही व्यक्तियों को दिया जाता हैं जिन्होंने फार्मेसी में डिग्री प्राप्त की हो।

ऐसे में यदि आप बिना डिग्री के मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास पैसा ज्यादा होना चाहिए क्योंकि इसमें आपको अधिक पैसा निवेश करना पड़ेगा। इसमें आपके पास 2-3 तरह के विकल्प हैं जिससे आप बिना किसी डिग्री के मेडिकल स्टोर खोल पाएंगे।

  • पहले तरीके के अनुसार आप किसी मेडिकल स्टोर वाले के साथ पार्टनरशिप कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में वह लाइसेंस इत्यादि तो उसी व्यक्ति के नाम पर होगा जिसका वह मेडिकल स्टोर हैं लेकिन आप उसके बिज़नेस में निवेश कर वह बिज़नेस बढ़ाने में सहायता कर सकते हैं। ऐसा करके आप कुछ ही समय में लाभ कमाना शुरू कर सकते हैं।
  • आप किसी मेडिकल स्टोर खोलने जा रहे व्यक्ति को अपनी जमीन व जगह किराये पर दे सकते हैं। जहाँ पर मेडिकल स्टोर खोला जाता हैं वहां से आपकी आय भी बहुत अच्छी होगी क्योंकि यह बिज़नेस वर्ष के हर दिन चलता हैं। ऐसे में भी आप मेडिकल स्टोर खोलकर अच्छा खासा पैसा कम सकते हैं।
  • यदि आप चाहते हैं कि मेडिकल स्टोर केवल आपके नाम पर ही हो और उसमे किसी और की हिस्सेदारी ना हो तो इसके लिए भी आप एक तरीका अपना सकता हैं। आप अपने किसी जानने वाले या किसी अन्य व्यक्ति को अपने यहाँ नौकरी पर रख सकते हैं जिसने फार्मेसी में डिग्री प्राप्त की हो। अब उस व्यक्ति के नाम पर उस मेडिकल स्टोर का लाइसेंस देकर मेडिकल स्टोर खोला जा सकता हैं। ऐसे में मालिक तो आप ही रहेंगे लेकिन बस लाइसेंस उसके नाम रहेगा जिसने वह डिग्री ली हुई हैं।

तो यह कुछ तरीके थे जिनकी सहायता से आप बिना किसी फार्मेसी डिग्री के अपना मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं। यदि आप यह सब झंझट नही लेना चाहते हैं और स्वयं के नाम पर ही मेडिकल स्टोर का लाइसेंस लेकर एक मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं तो आइए उस तरीके के बारे में भी जाने।

मेडिकल स्टोर कैसे खोलें (Medical store kaise open kare)

अब हम जानेंगे कि डिग्री के साथ खुद का और वो भी खुद के नाम पर ही लाइसेंस लेकर अपना मेडिकल स्टोर कैसे खोलें। इसके लिए पहले आपको फार्मेसी में डिग्री प्राप्त करनी होगी। इसके लिए आपको डॉक्टर जितनी तैयारी या कम्पटीशन में भाग लेने की या नीट की परीक्षा में बैठने की इत्यादि किसी भी चीज़ की आवश्यकता नही हैं।

आपको बस फार्मेसी का कोर्स करना होगा फिर चाहे वह आपने अपने शहर या किसी पास के शहर से ही क्यों ना किया हो। हालाँकि आप यदि एक अच्छे कॉलेज से या सही से पढ़कर फार्मेसी की डिग्री प्राप्त करेंगे तो आगे चलकर आपको ही सुविधा होगी। ऐसे में आइए जानते हैं फार्मेसी में आप किस किस डिग्री को प्राप्त कर सकते हैं।

फार्मेसी कोर्स करके मेडिकल स्टोर खोलना (Pharmacy course details in Hindi)

यदि आप मेडिकल स्टोर खोल रहे हैं तो सबसे पहले आपको बारहवीं तक पढ़ाई करनी होगी और वो भी मेडिकल में। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि दसवीं तक तो आपको सामान्य तौर पर पढ़ना होगा और फिर 11वीं कक्षा में आपको अपनी स्ट्रीम के तौर पर मेडिकल चुननी (Pharmacy course kya hota hai) होगी। या फिर आप नॉन मेडिकल लेकर एक्स्ट्रा विषय के रूप में बायोलॉजी ले सकते हैं।

कहने का तात्पर्य यह हुआ कि आपके पास 11वीं व 12वीं में फिजिक्स (भौतिक विज्ञान), केमिस्ट्री (रसायन विज्ञान) व बायोलॉजी (जीव विज्ञान) अनिवार्य रूप से होने चाहिए। यदि आपने अपनी बारहवीं कक्षा मेडिकल से नही पास की हैं तो आगे आप फार्मेसी का कोर्स या डिग्री नही (Medical store ke liye course) कर पाएंगे।

अब जानते हैं आगे फार्मेसी का कोर्स करने के ऊपर जानकारी। तो आपको बता दे कि बारहवीं के बाद आपके पास फार्मेसी में कोर्स करने के दो विकल्प होते हैं जिन्हें आप डिप्लोमा या बैचलर डिग्री कह सकते हैं। इनमे सेजो भी आपको करनी हैं आप वह कर सकते हैं। आइए दोनों के बारे में जाने (Medical store kholne ke liye kaun sa course karen)।

1. डी फार्म की डिग्री (D Pharmacy course details in Hindi)

दी फार्म का पूरा नाम डिप्लोमा इन फार्मेसी या फिर फार्मेसी में डिप्लोमा कुछ भी कहा जा सकता हैं। यह बारहवीं के बाद किया जाने वाला कोर्स या डिग्री होती हैं। इसके लिए आपके पास बारहवीं में मेडिकल स्ट्रीम होनी चाहिए और कम से कम 35 प्रतिशत अंक आने चाहिए। न्यूतम अंकों का प्रतिशत कॉलेज के मापदंडों के अनुसार निर्धारित होता हैं।

D Pharmacy करने के लिए आपको 2 वर्ष का समय लगेगा। यह आप किसी भी कॉलेज से कर सकते हैं। साथ ही इसमें लगने वाली फीस भी इतनी अधिक नही होती हैं। डी फार्म करने के पश्चात आप आगे के लिए फार्मेसी में डॉक्टरेट कर सकते हैं जिसके बारे में हम आगे जानेंगे।

यदि आप बस डी फार्मेसी करके आगे की पढ़ाई नही करना चाहते हैं तो आप किसी मेडिकल स्टोर पर काम करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालाँकि यह डिग्री लेकर आप स्वयं का मेडिकल स्टोर नही खोल पाएंगे और उसके लिए आपको फार्मेसी में स्नातक या अन्य डिग्री प्राप्त करनी होगी।

2. बी फार्म की डिग्री (B Pharmacy course details in Hindi)

यदि आप बारहवीं के बाद डिप्लोमा ना कर फार्मेसी में स्नातक या बैचलर की डिग्री प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको बी फार्म करनी चाहिए। बी फार्म का पूरा नाम बैचलर इन फार्मेसी या फार्मेसी में बैचलर भी कह दिया जाता हैं। एक तरह से यह फार्मेसी में ग्रेजुएशन या स्नातक की डिग्री कही जा सकती हैं।

B Pharmacy करने के लिए आपको 3 वर्ष का समय लगेगा और इसमें लगने वाला पैसा भी डी फार्मेसी की तुलना में अधिक होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें आपको फार्मेसी में ग्रेजुएशन की डिग्री मिल जाएगी जिसके आधार पर आप अपना स्वयं का मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं।

इसलिए बहुत से लोग जो अपना स्वयं का मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं तो वे बी फार्मसी की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही आप कई बड़ी दवाई की कंपनी या मेडिकल के क्षेत्र में नौकरी भी कर सकते हैं। जैसे कि Medical Representative (MR), Lab Assistant, Chemist इत्यादि।

3. एम फार्म या फार्मेसी में पोस्ट ग्रेजुएशन (M Pharmacy course details in Hindi)

यदि आपने फार्मेसी में बी फार्म कर लिया हैं और अभी आप और आगे पढ़ने के इच्छुक हैं तो आप फार्मेसी में एम फार्म भी कर सकते हैं। एम फार्मेसी का पूरा नाम मास्टर्स इन फार्मेसी या फार्मेसी में मास्टर्स होगा। इसे एक तरह से फार्मेसी में पोस्ट ग्रेजुएशन या उच्च स्नातक की डिग्री प्राप्त करना कहा जा सकता हैं।

M Pharmacy की डिग्री के लिए आपको 2 वर्ष का समय देना होगा। उसके बाद आपको एम फार्मेसी की डिग्री मिल जाएगी। हालाँकि मेडिकल स्टोर तो आप बी फार्म की डिग्री लेकर भी खोल सकते हैं लेकिन यदि आप एम फार्म की डिग्री भी ले लेंगे तो इससे आपको ज्यादा सुविधा होगी। ज्यादातर नौकरी करने वाले लोग अपनी नौकरी में प्रमोशन पाने को एम फार्मेसी की डिग्री करते हैं।

4. फार्म डी या फार्मेसी में डॉक्टरेट करना (Pharm D course details in Hindi)

फार्म डी का पूरा नाम डॉक्टरेट इन फार्मेसी में या फार्मेसी में डॉक्टरेट कहा जाएगा। यह फार्मेसी में सर्वोच्च डिग्री कही जाएगी और इसके बाद आपको आगे बपढ़ने की आवश्यकता नही। इसे करने में अलग अलग अवधि लग सकती हैं क्योंकि कुछ लोग इसे डी फार्म करने के बाद करते हैं तो कुछ इसे बी फार्म करने के पश्चात।

ऐसे में यदि आप डी फार्म करने के बाद फार्म डी करने का सोच रहे हैं तो इसमें आपको कुल 6 वर्षों का समय लग जाएगा जबकि बी फार्म करने के पश्चात इसमें 4 वर्ष का समय लगेगा। फार्म डी की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात आपको एक तरह से दवाइयों में डॉक्टर के समतुल्य ही माना जाएगा। आप चाहे तो अपना स्वयं का एक क्लिनिक भी खोल सकते हैं।

मेडिकल स्टोर का लाइसेंस कैसे ले? (Medical store ka licence kaise milta hai)

अब जब आपने फार्मेसी में डिग्री प्राप्त कर ली हैं तो बात करते हैं मेडिकल स्टोर खोलने की और उसका लाइसेंस हासिल करने की। कहने का अर्थ यह हुआ कि (Medical store ka licence kaise banaye) एक मेडिकल स्टोर खोलने के लिए केवल फार्मेसी में डिग्री ले लेना ही पर्याप्त नही होता हैं जबकि आपको उसके लिए लाइसेंस की भी आवश्यकता होती हैं।

इसमें दवाइयां बेचने के लिए दो तरह की लाइसेंस दिए जाते हैं (Medical store ka licence kaise banta hai)। इनमे से आप किसी भी लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं। आइए दोनों के बारे में जाने।

ड्रग लाइसेंस बेचने के प्रकार (Drug licence types in Hindi)

मेडिकल या दवाई आदि से संबंधित बिज़नेस के लिए केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा कई तरह के लाइसेंस प्रदान किये जाते हैं। उदाहरण के तौर पर दवाइयां बनाने का लाइसेंस या उसे बेचने का लाइसेंस या फिर इनका इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का लाइसेंस इत्यादि। ऐसे में आज हम दवाई बेचने अर्थात मेडिकल स्टोर खोलने के लाइसेंस के बारे में बात करेंगे।

थोक विक्रेता लाइसेंस या होलसेल लाइसेंस (Wholesale drug license)

यह लाइसेंस मेडिकल स्टोर खोलने से संबंधित तो नही हैं लेकिन उसका जो काम होता हैं, उससे संबंधित हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि ड्रग का होलसेल लाइसेंस लेकर आप मेडिकल स्टोर तो नही खोल पाएंगे लेकिन आप मेडिकल स्टोर को दवाइयां बेच पाएंगे या फिर किसी व्यक्ति को जो इसका काम करता हैं उसे थोक में दवाइयां बेच पाएंगे।

इसमें आपको दवाई बनाने वाली कंपनी से दवाइयां खरीदनी होगी व उन्हें मेडिकल स्टोर या दवाइयां बेचने वाली व्यक्ति को वह दवाइयां थोक में देनी होगी। इसे लेकर नियम इतने कठोर नही हैं और ना ही इसमें डिग्री इत्यादि की इतनी आवश्यकता होती हैं।

रिटेल ड्रग लाइसेंस या मेडिकल स्टोर का लाइसेंस (Medical store ka licence kaise banwaye)

मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आपको जिस लाइसेंस की आवश्यकता पड़ेगी वह होगा रिटेल ड्रग लाइसेंस। इसमें आप एक मेडिकल स्टोर खोलकर होलसेल में दवाइयां खरीद पाएंगे और फिर उसे आम नागरिकों को बेच पाएंगे।

इसलिए यदि आप मेडिकल स्टोर का लाइसेंस लेने के लिए सोच रहे हैं तो आपको उसके लोए रिटेल लाइसेंस में आवेदन करना होगा।

मेडिकल स्टोर खोलने के लिए क्या चाहिए (Medical store kholne ke liye kya karna chahie)

आप मेडिकल स्टोर का लाइसेंस लेने के लिए आवेदन कर तो देंगे लेकिन तब क्या करेंगे जब आपने इसके लिए तैयारी ही की ना हो। कहने का अर्थ यह हुआ कि लाइसेंस के लिए आवेदन करना और उसका मिलना दो अलग अलग बाते हैं।

इसलिए यदि आप अपना मेडिकल स्टोर खोलने को लेकर सीरियस हैं तो इसके लिए आपको यह सब तैयारी पहले से ही करनी पड़ेगी।

#1. मेडिकल स्टोर के लिए जगह का चुनाव

सबसे पहले तो मेडिकल स्टोर खोलने के लिए किसी अच्छी सी जगह का चुनाव करे। जगह का चुनाव आपके मेडिकल स्टोर को चलाने में बहुत सहायता कर सकता हैं।

इसलिए कोई ऐसी जगह देखें जो अस्पताल के पास हो या जहाँ लोग ज्यादा आते जाते हो या फिर चौराहे पर या बड़ी गलियों में या मोहल्ले के किसी प्रमुख स्थल पर।

#2. जगह हो लाइसेंस मापदंडों के अनुसार खुली

मेडिकल स्टोर के लिए केवल जगह का चुनाव कर लेना ही काफी नही होता बल्कि इसे खुला भी होना चाहिए। लाइसेंस के मापदंडों के अनुसार किसी भी मेडिकल स्टोर का कम से कम 10 फिट खुला होना चाहिए। सके अलावा वह चाहे कितना भी बड़ा हो लेकिन उसका 10 फिट तो न्यूनतम होना ही चाहिए।

#3. फार्मेसी की डिग्री

जिसके नाम पर यह लाइसेंस लिया जा रहा हैं उसके पास फार्मेसी की डिग्री आवश्यक रूप से होनी चाहिए। यदि कोई बिना फार्मेसी किये मेडिकल स्टोर का लाइसेंस लेना चाहता हैं तो उसे यह लाइसेंस किसी भी कीमत पर नही मिलेगा।

#4. स्टाफ भी हो फार्मेसी में ग्रेजुएट

अब आप मेडिकल स्टोर खोलेंगे तो उसकी जगह व स्थिति के अनुसार स्टाफ भी रखेंगे। हालाँकि स्टाफ की संख्या आपकी क्षमता व मेडिकल स्टोर की जगह पर निर्धारित होती हैं।

फिर भी आप जो भी स्टाफ अपने मेडिकल स्टोर में रखेंगे उनका भी फार्मेसी में डिग्री लेना आवश्यक हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि आप अपने मेडिकल स्टोर पर किसी भी व्यक्ति को यूँ ही नही रख सकते हैं।

#5. दवाइयों केलिए फ्रिज व ऐसी

अब ऐसा तो हैं नही कि आप मेडिकल स्टोर पर अपनी मनपसंद की कुछ दवाइयां रखेंगे और बाकि नही। पहली बात तो यह ड्रग सेलिंग लाइसेंस के मापदंडों के अनुरूप नही और दूसरी बात, यदि ग्राहकों को पर्ची पर लिखी सब दवाई नही मिलेगी तो वह कुछ भी वहां से नही खरीदेगा।

ऐसे में बहुत सी दवाइयों या इंजेक्शन को कम तापमान में ही सुरक्षित रखा जा सकता हैं। इसके लिए आपको मेडिकल स्टोर पर फ्रिज के साथ साथ एसी की इत्यादि की व्यवस्था भी पहले से ही करके रखनी होगी।

मेडिकल स्टोर के लाइसेंस के लिए आवेदन कैसे करें? (Medical store licence apply)

अब बात करते हैं मेडिकल स्टोर के लाइसेंस के लिए आवेदन कहा किया जाता हैं और इसके लिए क्या क्या चीज़ की आवश्यकता पड़ती हैं। दरअसल वैसे तो केंद्र सरकार व राज्य सरकार दोनों ही ड्रग लाइसेंस देती हैं लेकिन यदि आप मेडिकल स्टोर का लाइसेंस लेना चाहते हैं तो वह आपको अपने राज्य की राज्य सरकार से ही मिलेगा।

मेडिकल स्टोर का लाइसेंस राज्य सरकार के द्वारा अधिकृत State Drug Standard Control Organization (SDSCO) जारी करता हैं। इसके लिए आपको एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा। आइए चरण दर चरण रूप से मेडिकल स्टोर का लाइसेंस लेने के बारे में जाने।

  • सबसे पहले तो अपने राज्य का नाम लिखकर फिर State Drug Standard Control Organization करें। इसके बाद आपके राज्य की SDSCO की वेबसाइट https://cdsco.gov.in/opencms/opencms/en/State-Drugs-Control/ आ जाएगी जिसे आपको ओपन करना हैं।
मेडिकल स्टोर कैसे खोले? नियम, कोर्स, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन | बिना डिग्री के मेडिकल स्टोर कैसे खोले?
  • जैसे ही आप इसे ओपन ओपन करेगें वहां आपको रिटेल ड्रग लाइसेंस के लिए आवेदन करने का लिंक मिल जाएगा।
मेडिकल स्टोर कैसे खोले? नियम, कोर्स, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन | बिना डिग्री के मेडिकल स्टोर कैसे खोले?
  • वहां आपको आवेदन करने के लिए अपनी संपूर्ण जानकारी भरनी होगी। इसमें आपसे आपकी पढ़ाई, जगह, मेडिकल स्टोर खोलने का कारण इत्यादि सब कुछ पूछा जाएगा।
  • अंत में आपसे अपने सभी आवश्यक दस्तावेज सबमिट करने को कहा जाएगा। इसमें आपसे जो जो भी दस्तावेज मांगे जाए वह आप सबमिट कर दे।
मेडिकल स्टोर कैसे खोले? नियम, कोर्स, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन | बिना डिग्री के मेडिकल स्टोर कैसे खोले?
  • जैसे ही आप यह फॉर्म भर कर सबमिट कर देंगे तो राज्य सरकार के पास आपकी एप्लीकेशन पहुँच जाएगी। इसके कुछ दिनों के पश्चात एक ड्रग इंस्पेक्टर आपके पास आएगा। वह आपसे सब जरुरी जानकारी पूछेगा, जगह का दौरा करेगा और सब अच्छे से चेक करेगा।
  • ड्रग इंस्पेक्टर से क्लेअरिटी मिलने के पश्चात आपको ऑनलाइन मेडिकल स्टोर खोलने का लाइसेंस दे दिया जाएगा। इसमें सब नियम लिखे होंगे और जगह तथा व्यक्ति के बारे में जानकारी भी द गयी होगी।
  • अब आप इस लाइसेंस की एक फोटोकॉपी निकाल कर और उसे लेमिनेट करवा के अपने मेडिकल स्टोर के बाहर चिपका सकते हैं।

मेडिकल स्टोर का लाइसेंस लेने के लिए जरुरी डाक्यूमेंट्स (Medical store kholne ke liye documents)

आपके मन में शंका होगी कि आखिरकार एक मेडिकल स्टोर का लाइसेंस लेने के लिए किन किन डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता पड़ सकती हैं। तो आइए उनी सूची भी जान लेते हैं:

  • आधार कार्ड
  • फार्मेसी की डिग्री
  • फार्मेसी की मार्कशीट्स
  • आवास प्रमाण पत्र
  • मेडिकल स्टोर खोलने वाली जगह का प्रमाण पत्र
  • कवर लेटर
  • चालान की कॉपी (फीस डिपाजिट करने वाली)
  • दवाइयों के स्टोर करने के प्रूफ फोटोज के साथ इत्यादि कई अन्य तरह की चीज़े।

यह हर राज्य सरकार की प्राथमिकताओं व आपकी जगह व शहर के चुनाव के अनुसार अलग अलग हो सकती हैं। हालाँकि ऊपर बताई गयी चीज़े लगभग हर मेडिकल स्टोर का लाइसेंस देने से पहले मांगी जाती हैं व उन्हें चेक किया जाता हैं।

मेडिकल स्टोर खोलने के बाद क्या करें? (Medical store chalane ka tarika)

बात केवल मेडिकल स्टोर खोलने तक ही सीमित नही होती हैं। यदि आप चाहते हैं कि आपका मेडिकल स्टोर खोलने के बाद चले और उस पर ग्राहक आये तो आपको कुछ चीज़े करनी होगी। आइए जाने मेडिकल स्टोर खोलने के बाद आपको क्या क्या करना होगा।

थोक विक्रेता से संपर्क करना

अब आपने मेडिकल स्टोर तो खोल लिया और उसका लाइसेंस भी ले लिया लेकिन वहां जो चीज़े आपको बेचनी हैं वह सामान कहा से आएगा। अब जिस तरह से किसी किराने की दुकान वाले भी थोक में किसी से सामान खरीदता हैं ठीक उसी तरह ही दवाइयां बेचने के लिए भी थोक विक्रेता या होलसेल विक्रेता होते हैं।

ऐसे में आपको अपने क्षेत्र के दवाइयों के थोक विक्रेता से संपर्क साधना होगा और उससे डील करनी होगी। आप चाहे तो एक से अधिक थोक विक्रेताओं से भी संपर्क साध सकते हैं। ऐसा करने से आपको ही ज्यादा आसानी होगी और आप आसानी से अपने मेडिकल स्टोर पर दवाइयां मंगवा पाएंगे।

डॉक्टर से संपर्क

मेडिकल की कोई भी चीज़ बिना डॉक्टर के चल ही नही सकती हैं। एक तरह से डॉक्टर केवल रोगियों का ही भगवान नही अपितु संपूर्ण मेडिकल जगत व उसमे उपयोग होने वाली हर चीज़ का भगवान होता हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मरीज को उसके डॉक्टर ने जो बोल दिया हैं वह उसके लिए पत्थर की लकीर हो गयी।

इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आपका मेडिकल स्टोर सही से चले तो आप अपने आसपास के डॉक्टर स भी संपर्क करें और उनसे एक्सचे रिश्ते बनाए। यदि डॉक्टर अपनी रोगियों को आपके मेडिकल स्टोर से दवाई लेने को कहेंगे तो वे आपके पास ही आएंगे।

मेडिकल स्टोर खोलने के फायदें (Medical store kholne ke fayde)

अब सबसे अंतिम व जरुरी बात जो आपके मन में उठती होगी वह यह कि आप इतनी मेहनत करके और निवेश करके एक मेडिकल स्टोर खोल तो लेंगे लेकिन उसमे फायदा क्या होगा। यदि आपके मन में भी यही शंका हैं कि आपके द्वारा खोला गया मेडिकल स्टोर चल भी पाएगा या नही या फिर आपके साथ वाले मेडिकल स्टोर सब कमाई कर लेंगे तो आप इस भ्रम में ना रहे।

अपने देखा होगा कि आपके शहर या गाँव में कई मेडिकल स्टोर तो एक साथ ही होते हैं या फिर कुछ कुछ दूरी पर होते हैं फिर भी उनकी कमाई में कोई अंतर देखने को नही मिलता। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी व्यक्ति दवाई को उसके रंग, रूप या ब्रांड देखकर नही खरीदता। वह तो बस वही दवाई खरीदता हैं जो डॉक्टर ने उसे ;लिख कर दी हैं।

मेडिकल स्टोर कैसे खोले – Related FAQs

प्रश्न: मेडिकल स्टोर कौन खोल सकता है?

उत्तर: मेडिकल स्टोर वही खोल सकता हैं जिसनें फार्मेसी में डिग्री हासिल की हो जैसे कि बी फार्म या एम फार्म इत्यादि।

प्रश्न: मेडिकल खोलने के लिए क्या क्या करना पड़ेगा?

उत्तर: मेडिकल स्टोर खोलने के लिए पहले तो आपको फार्मेसी में डिग्री लेनी पड़ेगी और उसके बाद राज्य सरकार से मेडिकल स्टोर खोलने का लाइसेंस लेना होगा।

प्रश्न: होलसेल मेडिकल लाइसेंस कैसे बनता है?

उत्तर: होलसेल मेडिकल लाइसेंस बनवाने के लिए आपको अपने राज्य सरकार की State Drug Standard Control Organization (SDSCO) वेबसाइट पर जाकर रजिस्टर करना होगा।

प्रश्न: मेडिकल स्टोर की सेल कैसे बढ़ाएं?

उत्तर: मेडिकल स्टोर की सेल बढ़ाने के लिए अपने क्षेत्र के आसपास के डॉक्टर के साथ टाई अप करें।

प्रश्न: मेडिकल स्टोर में कितनी कमाई है?

उत्तर: एक सामान्य व्यक्ति सामान्य मेडिकल स्टोर से महीने में 50 हज़ार से लेकर एक लाख तक की कमाई कर सकता हैं।

ऐसे में यदि आप भी मेडिकल स्टोर खोलने का सोच रहे हैं तो बस अपनी जगह का चुनाव सही रखें जैसे कि किसी हॉस्पिटल के पास या फिर किसी खुली जगह पर जहाँ लोगों का आना जाना (Medical store kholne ka process) लगा रहता हो। इसके बाद आप अपनी कमाई को भूल जाइए क्योंकि वह हमेशा होती ही रहेगी। खासकर तब आपकी कमाई बढ़ जाएगी जब डॉक्टर की भी बढ़ जाती हैं जैसे कि बरसाती मौसम या कुछ ऐसी ही अन्य स्थिति।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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