मेडिटेशन कैसे करें? | मेडिटेशन के फायदे व कितनी देर करना चाहिए? | Meditation kaise kare

|| मेडिटेशन कैसे करें? | Meditation kaise kare | Mediation kaise hota hai | मेडिटेशन क्यों करना चाहिए? | मेडिटेशन कितनी देर करना चाहिए? | Meditation kitni der kare | मेडिटेशन करने के फायदे | Meditation meaning in Hindi | Meditation ke fayde | Meditation ke bare mein jankari ||

Meditation kaise kare :– अब लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर बहुत ही ज्यादा जागरूक रहने लगे हैं और इसके लिए वे तरह तरह की क्रियाएं करते आ रहे हैं। पहले के समय में भी लोग तरह तरह की क्रियाएँ करते थे लेकिन आज के समय में इनकी महत्ता बहुत अधिक बढ़ गयी है। वह इसलिए क्योंकि पहले के समय में केवल शारीरिक स्वाथ्य का ही ध्यान रखने की जरुरत होती थी और मानसिक स्वास्थ्य तो आसपास का वातावरण व अन्य चीज़ें देख कर अपने आप ही संतुलित रहता था किंतु आज के समय में वैसा नहीं (Meditation kaise kare in Hindi) है।

आज के समय में व्यक्ति के ऊपर चिंताओं व समस्याओं का इतना बड़ा बोझ है कि पूछिए मत। इसी कारण उनका मानसिक स्वास्थ्य ख़राब रहता है और यदि इस पर काम नहीं किया जाए तो यह हर दिन के साथ बढ़ता ही जाता है। अब यदि यह बढ़ता ही गया तो इसके प्रभाव से व्यक्ति की प्रोफेशनल व पर्सनल लाइफ दोनों ही प्रभावित होती है। इसी कारण व्यक्ति के द्वारा मेडिटेशन किया जाता है ताकि वह अपना मानसिक संतुलन बनाए रख (Mediation kaise hota hai) सके।

अब यदि आप भी मेडिटेशन करने को इच्छुक हैं और इसके बारे में और ज्यादा जानना चाहते हैं तो आज के इस लेख में हम आपके साथ इसी विषय पर ही बातचीत करने वाले (Meditation kaise shuru kare) हैं। आज के इस लेख के माध्यम से मेडिटेशन कैसे किया जा सकता है और उसके लिए क्या कुछ किया जाना चाहिए तथा उसके जरिये किस तरह के लाभ देखने को मिलते हैं, इत्यादि सभी तरह की बातों के बारे में हम आपको बतायेंगे।

मेडिटेशन क्या है? (Meditation kya hai)

सबसे पहले बात करते हैं कि आखिरकार यह मेडिटेशन होता क्या है और इससे हमारा क्या तात्पर्य है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि मेडिटेशन एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसके तहत कोई भी व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन स्थापित करने में मदद करता है और ध्यान में चला जाता है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो मेडिटेशन एक ऐसी प्रक्रिया का नाम है जिसके तहत व्यक्ति अपने मन को शांत करने का काम करता है और अपनी आत्मा में झांकता है और ईश्वर का ध्यान करता (Meditation meaning in Hindi) है।

मेडिटेशन कैसे करें

अब हम सुबह शाम भागदौड़ भरी जिंदगी में ही रहते हैं और एक पल के लिए भी अपने मन को आराम नहीं देते हैं। इसी कारण यह बहुत ही ज्यादा जरुरी हो जाता है कि हम मेडिटेशन के जरिये अपने मन को भी कुछ देर के लिए आराम दें और उसका अभ्यास करें। इसके लिए आपको हम इस लेख में मेडिटेशन की महत्ता भी बताएँगे और इसको कैसे किया जाता है, इसके बारे में भी पूरी जानकारी देंगे। आइए जाने मेडिटेशन कैसे किया जा सकता है और यह क्यों जरुरी होता (Meditation ke bare mein jankari) है।

मेडिटेशन क्यों करना चाहिए? (Meditation kyo kare)

आपका यह भी प्रश्न होगा कि मेडिटेशन क्यों किया जाना चाहिए या फिर इसको करने से क्या ही हो जाता है जिस कारण इसकी महत्ता बहुत अधिक बढ़ जाती है। तो यहाँ हम आपको इस बारे में भी स्पष्ट करते हुए बता दें कि वर्तमान समय में हमारा ध्यान बहुत जगह भटकता रहता है और यह एक जगह स्थिर नहीं रहता है। इस कारण हमें कई तरह की शारीरिक व मानसिक समस्याएं होती रहती है और हम बहुत ही तनाव महसूस करने लग जाते हैं।

अब यदि यह तनाव समय के साथ बढ़ता जाता है तो इससे हमारा जीवन बहुत ज्यादा प्रभावित होता है और हम कुछ कर पाने की क्षमता को खो देते हैं। अब यदि ऐसा ही चलता रहा तो व्यक्ति के जीवन में कई तरह के संकट आ खड़े होते हैं और यह संकट बढ़ते ही चले जाते हैं। मेडिटेशन ना किये जाने और तनाव के बढ़ते जाने से हमें इन संकटों का समाधान भी नहीं मिल पता है जिस कारण तनाव और अधिक बढ़ जाता है और हम हमेशा ही चिंतित रहने लग जाते हैं।

यही कारण है कि मेडिटेशन को बहुत ही जरुरी बताया गया है और यह हर व्यक्ति को कुछ ना कुछ देर करना ही चाहिए। यदि व्यक्ति रोजाना मेडिटेशन करता है तो उसका मन स्थिर रहता है, शांत रहता है, चित्त भी प्रसन्न रहता है और सब काम आसानी से बन जाते हैं। आशा है कि आपको यह पढ़ कर पता चल गया होगा कि आखिरकार क्यों मेडिटेशन किया जाना इतना जरुरी हो जाता है और उससे आपको क्या कुछ फायदा हो सकता है इत्यादि।

मेडिटेशन कैसे करें? (Meditation kaise kare)

अब आपने मेडिटेशन के बारे में इतना सब जान लिया और इसकी महत्ता के बारे में भी पता कर लिया है तो अवश्य ही आपके मन में यह जानने की इच्छा हो रही होगी कि आखिरकार इसे करने की प्रक्रिया क्या होती है या फिर इसे कैसे किया जा सकता है। बहुत से लोग ऐसे हैं जो मेडिटेशन तो करते हैं लेकिन उन्हें इसकी सही प्रक्रिया नहीं पता होती है और इस कारण उन्हें मेडिटेशन किये जाने का संपूर्ण लाभ नहीं मिल पाता (Meditation karne ke tarike) है।

तो यदि आप भी सही तरीके से मेडिटेशन करने को इच्छुक हैं और इसकी प्रक्रिया के बारे में जानना चाहते हैं तो आज का यह लेख उसी विषय के ऊपर ही लिखा गया है। आज के इस लेख को पढ़ कर आप यह जान पाने में सक्षम होंगे कि किस तरह से आप भी बढ़िया तरीके से और प्रॉपर रूप में मेडिटेशन की प्रक्रिया को कर सकते हैं और अपने मन को शांत करने का काम कर सकते हैं। आइए चरण दर चरण मेडिटेशन को करने की प्रक्रिया के बारे में जान लेते हैं।

  • यदि आप वाकई में मेडिटेशन करना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले तो आपको एक शांत जगह का चुनाव करना होगा जहाँ पर बाहर का शोर शराबा या लोगों की आवाजाही कम हो या ना ही हो तो ज्यादा बेहतर रहेगा। अब यह सब इसलिए जरुरी हो जाता है क्योंकि मेडिटेशन करने के लिए किसी शांत जगह का होना ही सही रहता है अन्यथा शोर शराबे वाली जगह पर मेडिटेशन किया जाना उचित नहीं रहता है और ध्यान भटकने की संभावना बनी रहती है।
  • अब जब आपने शांत जगह का चुनाव कर लिया है फिर चाहे वह आपके घर में कोई कमरा हो या आँगन या कोई पार्क इत्यादि, यह आप पर निर्भर करता है तो इसके बाद बारी आती है एक समय का चुनाव किये जाने की। अब यदि आप रोजाना मेडिटेशन करना ही चाहते हैं तो उसके लिए एक समय फिक्स कर लेंगे तो ज्यादा सही रहेगा क्योंकि उसी समय पर मेडिटेशन किया जाना सही रहता है।
  • अब जब आपने जगह व समय दोनों का ही चुनाव कर लिया है तो उस जगह पर आपको एक आसन लगा कर बैठ जाना चाहिए और वो भी अपने दोनों पैरों को मोड़ कर। जिस प्रकार हम सामान्य रूप से बैठते हैं, आपको उसी तरह बैठना है और मेडिटेशन की प्रक्रिया में आगे बढ़ना है।
  • अब आपको इसके बाद अपने दोनों हाथ अपने पैरों के घुटनों पर रख कर अपनी आँखों को बंद कर लेना चाहिए और अपना ध्यान ईश्वर पर लगाना चाहिए। एक तरह से यही मेडिटेशन की प्रक्रिया होती है जिसका पालन किया जाना जरुरी होता है।
  • अब जब आपकी आँखें बंद है तो आपको अपने कान भी बंद कर लेने चाहिए लेकिन हाथों से नहीं बल्कि मन से और इसी तरह अन्य चीज़ों का अहसास भी छोड़ देना चाहिए।
  • कुल मिला कर कहा जाए तो इस प्रक्रिया में आपको बाहर का अनुभव छोड़ देना चाहिए और पूर्ण रूप से अपने अंदर के अनुभव पर ध्यान देना चाहिए और अपनी आत्मा में झांकना चाहिए।
  • अब आप इसी मुद्रा में कुछ देर तक बैठे रहे और अपनी आत्मा में झांकते रहे और फिर इसी तरह मेडिटेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाती है और आप एकदम तरोताजा महसूस करने लग जाते हैं।

मेडिटेशन कितनी देर करना चाहिए? (Meditation kitni der kare)

आपका यह भी प्रश्न होगा कि आखिरकार हमें मेडिटेशन को कितनी देर तक करना चाहिए जिससे कि हमें इसका भरपूर फायदा हो सके। तो यहाँ हम आपको इसका जवाब देते हुए यह बता दें कि आप चाहे तो 5 मिनट के लिए भी मेडिटेशन कर सकते हैं और 50 मिनट के लिए भी। यह पूर्ण रूप से आपके ऊपर ही निर्भर करता (Meditation time in Hindi) है कि आप इसे कितनी देर के लिए करना चाहते हैं या फिर आपके पास मेडिटेशन करने के लिए कितना समय है इत्यादि।

आदर्श रूप से देखा जाए तो जो व्यक्ति हर दिन मेडिटेशन कर रहा होता है उसके लिए रोजाना 15 से 20 मिनट का समय ही मेडिटेशन करने के लिए पर्याप्त होता है। इसलिए यदि आप मेडिटेशन करना ही चाहते हैं तो आप रोजाना 15 मिनट के लिए तो इसे करे ही करे।

मेडिटेशन करने के फायदे (Meditation benefits in Hindi)

अब आपको इसके साथ ही यह भी जान लेना चाहिए कि मेडिटेशन करने से आपको क्या कुछ फायदे हो सकते हैं और आपको यह क्यों करना चाहिए। तो यहाँ हम आपको यह पहले ही बता दें कि यह कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं होती है और इसे करने के लिए मन को शांत करना बहुत ही ज्यादा जरुरी हो जाता है। यदि कोई व्यक्ति रोजाना ही मेडिटेशन कर रहा होता है तो वह बाकियों से ज्यादा शांत रहता है और खुश (Meditation ke fayde) भी।

अब यदि कोई व्यक्ति इतना खुश है तो अवश्य ही उसके जीवन में सब कुछ सही रहेगा और वह चीज़ों को बेहतर तरीके से कर पाने में सक्षम होगा। जो व्यक्ति खुश होकर चीज़ों को कर रहा है तो उसके सही होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है जिस कारण उस व्यक्ति के जीवन से संकटों का नाश होता है और सब कुछ अच्छा चलता है। इसी कारण मेडिटेशन किया जाना बहुत ही जरुरी होता है क्योंकि इससे व्यक्ति को बहुत सारे फायदे देखने को मिलते हैं।

मेडिटेशन कैसे करें – Related FAQs 

प्रश्न: मेडिटेशन क्या होता है और कैसे करते हैं?

उतर: मेडिटेशन के बारे में सब कुछ हमने आपको इस लेख में बताया है।

प्रश्न: मेडिटेशन कितना मिनट करना चाहिए?

उतर: मेडिटेशन कम से कम 15 से 20 मिनट करना चाहिए।

प्रश्न: मेडिटेशन करते समय क्या सोचना चाहिए?

उतर: मेडिटेशन करते समय ध्यान को सांसों पर लगाना चाहिए।

प्रश्न: मन को ध्यान में कैसे लगाएं?

उतर: किसी शांत जगह पर बैठ कर आंखें बंद करके अपने ध्यान  को अपने शरीर की गतिविधियों में लगाएं।

तो इस तरह से आपने मेडिटेशन के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली है कि मेडिटेशन क्या है, मेडिटेशन क्यों करना चाहिए, इसको करने की क्या कुछ प्रक्रिया है कितने समय के लिए मेडिटेशन करना सही रहता है और इसके क्या कुछ फायदे हैं। यदि अभी भी आपको मेडिटेशन के बारे में कुछ जानना हो तो आप हमसे नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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