उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना 2024 | आवेदन प्रक्रिया | एप्लीकेशन फॉर्म

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उत्तराखंड में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने का यहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। यह प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार का अच्छा स्रोत हो सकता है। प्रदेश से रोजगार के लिए पलायन करने वालों की संख्या में भी इससे कमी आने संभावित है।

दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने एवं वर्तमान में इससे जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति सुधारने के मकसद से उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना प्रारंभ की है। आज इस पोस्ट में हम आपको इसी योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं –

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उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना क्या है?

उत्तराखंड (uttarakhand) के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 8 दिसंबर, 2021 को दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ किया है। देहरादून (dehradun) के सर्वे चैक स्थित आईआरडीटी आडिटोरियम (IRDT auditorium) में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने इस योजना को हरी झंडी दिखाई।

इसके अंतर्गत उत्तराखंड के दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध समितियों से जोड़े जाने के साथ ही दूध की कीमत पर प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी एवं उन्हें इस दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन राशि का भुगतान डीबीटी (DBT) यानी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (direct bank transfer) के माध्यम से किया जाएगा।

इससे दुग्ध उत्पादकों को भुगतान में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। आपको बता दें कि यह धनराशि दुग्ध उत्पादकों को वर्तमान में दिए जा रहे दुग्ध क्रय मूल्य (milk purchase price) के अतिरिक्त प्रदान की जाएगी। इससे स्पष्ट है कि दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध संघ स्तर से भुगतान किए जा रहे दुग्ध मूल्य के अतिरिक्त राज्य सरकार के स्तर से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि प्राप्त होगी।

उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना 2024 डिटेल्स –

योजना का नाम उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना
कब लांच हुई 8 दिसंबर, 2021
किसने लांच की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी ने
लाभार्थी उत्तराखंड के नागरिक
उद्देश्यडेयरी गतिविधि करने के लिए आर्थिक सहायता
ऑफिसियल वेबसाइट https://agriculture.uk.gov.in/
उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना 2024 | आवेदन प्रक्रिया | एप्लीकेशन फॉर्म

उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य –

इस योजना का मकसद दूध के उत्पादन को बढ़ावा देना एवं पात्र लाभार्थियों मसलन छोटे सीमांत किसानों, महिलाओं आदि की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। दोस्तों, आपको बता दें कि उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सरकार दुग्ध विकास विभाग से समन्वय (coordination) करके इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को ट्रेनिंग की व्यवस्था भी करेगी, ताकि दुग्ध उत्पादन में बढावे का लक्ष्य पूरा हो सके। इसके अलावा दूध उत्पादकों से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान दुग्ध विकास विभाग एवं अन्य विभागों में समन्वय बनाकर किया जाएगा। इस योजना के अन्य उद्देश्य इस प्रकार से हैं-

  • ग्रामीण युवाओं को डेयरी गतिविधि करने के प्रोत्साहित करना, उनके लिए इस कार्य को लाभदायक बनाना। एवं उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना।
  • उत्तराखंड से रोजगार की तलाश में युवाओं का पलायन एक जाना माना तथ्य है। उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य आजीविका की खोज कर रहे युवाओं को गांव में ही रोजगार मुहैया कराकर शहरी क्षेत्रों मेंउनके पलायन को रोकना है।
  • खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए सहायता करने को दुग्ध उत्पादन के कार्य में इजाफे का लक्ष्य।

दुग्ध समितियों के सचिवों की प्रोत्साहन राशि में इजाफा होगा

योजना के अंतर्गत मैदानी क्षेत्रों की दुग्ध समितियों के सचिव के लिए प्रोत्साहन राशि में 50 पैसा प्रति लीटर एवं पर्वतीय क्षेत्रों के सचिव के लिए प्रोत्साहन राशि में एक रूपये की बढ़ोत्तरी की जाने की भी घोषणा की गई। इसके साथ ही दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन राशि को चार रूपये प्रति लीटर से बढ़ाकर पांच रूपये प्रति लीटर किए जाने का भी ऐलान किया गया।

आपको बता दें कि अभी तक दुग्ध उत्पादकों को 8.0 फीसदी एसएनएफ (SNF) अथवा इससे अधिक की गुणवत्ता का दूध उपलब्ध कराने वाले समिति सदस्यों को 5 रूपये प्रति लीटर दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन राशि मिलती है। इसके अतिरिक्त 7.50 से लेकर 7.99 प्रतिशत तक एसएनएफ की गुणवत्ता का दूध प्रदान करने वाले समिति सदस्यों को चार रूपये प्रति लीटर दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन राशि मिलती है।

उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना से उत्तराखंड के 53 हजार दुग्ध उत्पादक लाभान्वित होंगे

इस योजना से उत्तराखंड के 53 हजार दुग्ध उत्पादक लाभान्वित होंगे। यह तो हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि यह योजना एक डीबीटी यानी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर योजना है। इससे स्पष्ट ही है कि उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत लाभार्थी को लाभ राशि का भुगतान सीधे उसके बैंक खाते में किया जाएगा। इससो बिचैलियों से भी मुक्ति मिलेगी।

आपको बता दें कि योजना के शुभारंभ के वक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के दुग्ध उत्पादकों को एक करोड़ रूपये की राशि भी डीबीटी के जरिए प्रदान की।

बकाया प्रोत्साहन राशि के लिए 24 करोड़ मंजूर किए गए

दोस्तों, आपको जानकारी दे दें कि दुग्ध उत्पादकों की बकाया प्रोत्साहन राशि के लिए प्रदेश भर में 24 करोड़ रूपये मंजूर किए गए हैं। ये राशि डेयरी विकास (dairy development) के लिए दी जाएगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार ने राज्य में 500 दूध बिक्री केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है।

इसके लिए 444.62 करोड़ रूपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त हल्द्वानी (haldwani) में दुग्ध विकास विभाग के निदेशालय (directorate) के लिए जल्द ही धनराशि जारी करने की घोषणा की गई।

उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना के लाभार्थी कौन हो सकते हैं

दोस्तों, हर किसी को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके लिए उत्तराखंड का स्थाई निवासी होना आवश्यक है। इसके अलावा उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना का लाभ उठाने के लिए कौन कौन सी पात्रता आवश्यक है, इसका ब्योरा इस प्रकार से है-

  • उत्तराखंड के स्थाई निवासी। [Permanent resident of Uttarakhand.]
  • छोटे, सीमांत किसान। [Small, marginal farmers.]
  • दुग्ध उत्पादक। [Milk producer.]
  • खेतिहर मजदूर। [Agricultural labourer.]
  • भूमिहीन। [landless.]
  • महिलाएं। [Women.]
  • समाज के कमजोर वर्ग के लोग। [People from weaker section of the society.]

उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

दोस्तों, आइए, अब आपको बताते हैं कि इस योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या क्या हैं-

  • आवेदक का आधार कार्ड। [Aadhar Card of the applicant.]
  • आवेदक का बैंक खाता [applicant’s bank account]
  • आवेदक का स्थाई निवास प्रमाण पत्र। [Permanent residence certificate of the applicant.]
  • आवेदक का आय प्रमाण पत्र। [Income certificate of the applicant.]
  • आवेदक का जाति प्रमाण पत्र। [Caste certificate of the applicant.]
  • आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटो। [Passport size photograph of the applicant.]
  • आवेदक का मोबाइल नंबर। [Applicant’s mobile number.]

दुग्ध क्षेत्र में उत्तराखंड को 25 वर्श में पहले स्थान पर लाने पर नजर

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दुग्ध, बागवानी एवं पशुपालन के क्षेत्र में राज्य को 25 वर्ष में टाॅप पर लाने का लक्ष्य रखा है। स्वयं मुख्यमंत्री धामी ने योजना का शुभारंभ करते हुए राज्य सरकार के इस प्रयास का जिक्र किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के साथ सरकार इस लक्ष्य को पाने के लिए आगे बढ़ रही है। इसके साथ ही कहा कि दुग्ध उत्पादकों की समस्या का समाधान करना उत्तराखंड सरकार की प्राथमिकता है।

उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन कैसे कर सकते हैं

मित्रों, आपको बता दें कि दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना की अभी उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री ने केवल घोषणा की है। इसके लिए आवेदन अभी शुरू नहीं हुआ है। जैसे ही इस योजना के अंतर्गत आवेदन शुरू होंगे, हम सबसे पहले आपको इस संबंध में अपडेट करेंगे। इसके लिए आपको बस हमारी वेबसाइट को लगातार चेक करते रहना है।

उत्तराखंड सरकार छोटे व सीमांत किसानों के लिए पहले भी योजना लाई है

दोस्तों, यह शायद आपको पता हो कि यह छोटे सीमांत किसानों को ध्यान में रखते हुए लाई गई पहली योजना नहीं है। इससे पूर्व भी सरकार उनके लिए कई तरह की योजनाएं लेकर आई है। इसी साल यानी 2021 में छह फरवरी को शुरू की गई ‘उत्तराखंड दीन दयाल उपाध्याय कल्याण योजना’ ऐसी ही एक योजना थी।

आपको बता दें कि यह योजना एक ब्याज मुक्त कृषि ऋण योजना (interest free agriculture loan scheme) है। इस योजना के अंतर्गत छोटे एवं सीमांत किसानों को शून्य फीसदी ब्याज दर पर तीन से लेकर पांच लाख रूपये तक का लोन देने का प्रावधन किया गया है। इसके लाभार्थी छोटे एवं सीमांत किसानों के साथ ही संघ बनाकर कृषि कार्य करने वाले किसान हैं।

जहां छोटे व सीमांत किसान बगैर ब्याज तीन लाख रूपये तक का लोन ले सकते हैं, वहीं किसान संघ पांच लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त लोन ले सकते हैं। वहीं, किसान संघ पांच लाख तक का। दोस्तों, आपको बता दें कि उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत राज्य के 25 हजार किसानों (farmers) को लोन (loan) प्रदान किया जा चुका है।

उत्तराखंड में 92 फीसदी छोटे एवं सीमांत जोत के किसान

साथियों, आपको बता दें कि उत्तराखंड में 92 प्रतिशत छोटे एवं सीमांत जोत के किसान हैं। सरकार अपनी किसान आधारित योजनाओं को अधिकांश इन्हीं किसानों को आधार बनाकर लाती है, किंतु एक सच यह भी है कि अब यह चुनावी वर्ष है। इस वर्ष में होने वाली घोषणाओं को लेकर लोगों के मन में उनके क्रियान्वयन को लेकर अवश्य सवाल है।

यह बात उनके दिमाग में जरूर आती है कि छोटे व सीमांत किसानों, महिलाओं के वोट बैंक (vote bank) को प्रभावित करने को लेकर सरकार योजनाएं घोषित करती है, लेकिन उनको धरातल पर उतारने में श्रम व समय लगता है। अब उन्हें इंतजार इसके पूरी तरह जमीन पर उतरने यानी क्रियान्वयन का है।

उत्तराखंड में डेयरी विभाग औसत दूध उपार्जन में पीछे, योजना से लाभ होगा

मित्रों, आपको बता दें कि उत्तराखंड में सरकारी विभागों में आपसी खींचतान भी बहुत रहती है। खास तौर पर दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार को इन विभागों में समन्वय बनाने को बहुत मशक्कत करनी पड़ती है। आपको बता दें कि विभागों की आपसी खींचातानी की वजह से प्रदेश में डेयरी विकास की योजनाओं पर भी असर पड़ रहा है।

दुग्ध उत्पादन एवं सप्लाई की समुचित व्यवस्था न बन पाने से विभागों को साथ ही दुग्ध उत्पादकों को नुकसान हो रहा है। कुछ समय पहले की बात करें तो डेयरी विभाग औसत दूध उपार्जन में काफी पीछे था।

उसे उत्तराखंड के टिहरी जिले में 66 प्रतिशत, देहरादून में 17 प्रतिशत तो वहीं, हरिद्वार में 13 फीसदी से अधिक का घाटा उठाना पड़ रहा था। दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ इसके पीछे अफसरों में तालमेल की कमी को जिम्मेदार ठहराते हैं।

दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना क्या है?

इस योजना का शुभारंभ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया है। इस योजना के अंतर्गत दुग्ध उत्पादकों को दूध की कीमत पर प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। उन्हें इसका भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया जाएगा।

इस योजना का मकसद क्या है?

इस योजना यानी दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है। दुग्ध समितियों के सचिवों का जिम्मा अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादकों को समिति से जोड़ना है। इसके साथ ही छोटे यानी सीमांत किसानों, महिलाओं, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना है।

दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना का लाभ कौन ले सकता है?

दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना का लाभ केवल उत्तराखंड के नागरिक ही ले सकेंगे।

उत्तराखंड सरकार ने दुग्ध समिति के सचिवों की दुग्ध प्रोत्साहन राशि में कितना इजाफा करने की घोषणा की है?

उत्तराखंड सरकार ने मैदानी दुग्ध समिति के सचिव की प्रोत्साहन राशि में 50 पैसे, जबकि पर्वतीय दुग्ध समिति के सचिव की दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन राशि में एक रूपये की बढोत्तरी की घोषणा की है।

दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं का समाधान किस प्रकार किया जाएगा?

दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं का समाधान दुग्ध विकास विभाग के अन्य विभागों के साथ समन्वय से किया जाएगा। अभी तक समन्वय का अभाव ही सभी समस्याओं की जड़ है।

दोस्तों, हमने आपको उत्तराखंड दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना 2024 | आवेदन प्रक्रिया | एप्लीकेशन फॉर्म के बारे में विस्तार से जानकारी दी। यदि आप किसी अन्य सरकारी एवं जनहित से जुड़ी योजना के संबंध में जानना चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बाॅक्स में कमेंट कर सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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