मॉडेम क्या है? | मॉडेम के प्रकार, कार्य, फायदे व नुकसान | Modem kya hai

|| मॉडेम क्या है? | Modem kya hai | मॉडेम के प्रकार क्या हैं? | Modem types in Hindi | What is modem in Hindi | मॉडेम कैसे काम करता है? | मॉडेम क्या है इसके कार्य? |

Modem kya hai :- यदि आपके घर में वाई फाई लगा हुआ है तो आपको अवश्य ही मॉडेम के बारे में पता ही होगा या इसकी जानकारी होगी। हालाँकि पहले के समय में जब हम कंप्यूटर से इंटरनेट को जोड़ा करते थे तो उस समय उसके लिए मॉडेम का ही इस्तेमाल किया जाता था। उस समय केवल कंप्यूटर पर ही इंटरनेट का उपयोग करना होता था और लोगों के पास अन्य डिवाइस जैसे कि मोबाइल या लैपटॉप नहीं हुआ करते (What is modem in Hindi) थे।

ऐसे में उस समय तो मॉडेम का प्रमुखता के साथ इस्तेमाल होता था लेकिन बदलते समय के साथ साथ इसकी जगह राऊटर ने ले ली है क्योंकि यह एक साथ कई तरह की डिवाइस में इंटरनेट कनेक्शन देने की सुविधा को प्रदान करता है। फिर भी आज के समय में भी मॉडेम का इस्तेमाल बहुत सी सरकारी संस्थाओं या ऐसी जगह जहाँ डाटा को गोपनीय रखना हो, वहां होता (Modem is a device used for in Hindi) है।

तो आज हम आपके साथ इस लेख के माध्यम से मॉडेम के बारे में ही विस्तार से बात करने वाले हैं। आज के इस लेख को पढ़ कर आपको मॉडेम के बारे में समूची जानकारी मिलने वाली है। इसी के साथ ही यह किन किन चीज़ों में इस्तेमाल में लाया जाता है या इसके क्या कुछ फायदे और नुकसान हैं, उसके बारे में भी जानकारी मिलेगी। आइये जाने मॉडेम के बारे में शुरू से लेकर अंत तक संपूर्ण (Modem kya hai in Hindi) जानकारी।

मॉडेम क्या है? (Modem kya hai)

मॉडेम का पूरा नाम मॉड्यूलेटर-डेमॉड्यूलेटर है जो कंप्यूटर और डिजिटल डेटा को आवाज अर्थात एनालॉग और डिजिटल सिग्नल्स में परिवर्तित करने का कार्य करता है। मॉडेम एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जो डेटा को कंप्यूटर से इंटरनेट या अन्य डिजिटल नेटवर्क के साथ कॉम्यूनिकेट करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। मॉडेम के मुख्य दो कार्यों में से पहला मॉड्यूलेटर होता है जिसके तहत कंप्यूटर द्वारा उत्पन्न डिजिटल डेटा को एक एनालॉग सिग्नल में परिवर्तित करना होता है। दूसरा कार्य डेमॉड्यूलेटर होता है जिसके तहत प्राप्त किए गए एनालॉग सिग्नल को डिजिटल डेटा में परिवर्तित करना होता (Modem in Hindi) है।

मॉडेम क्या है मॉडेम के प्रकार, कार्य, फायदे व नुकसान Modem kya hai

एक तरह से यह कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्शन के बीच में एक मीडिएटर का काम कर रहा होता है। अब दोनों अलग अलग सिग्नल या भाषा पर काम कर रहे होते हैं। ऐसे में इंटरनेट कनेक्शन से जो भी सिग्नल आ रहे हैं वह पहले मॉडेम में जाते हैं और मॉडेम उन सिग्नल को कंप्यूटर की भाषा में अर्थात डिजिटल डाटा में बदल देता है और कंप्यूटर को देता है। फिर कंप्यूटर उसे अपनी ही भाषा में जवाब देता है जिसे मॉडेम इंटरनेट की भाषा में अर्थात एनालॉग सिग्नल में बदलकर इंटरनेट को देता है। इस तरह से यह काम करता (Modem full form in Hindi) है।

मॉडेम का उपयोग इंटरनेट कनेक्शन, फैक्स ट्रांसमिशन, डिजिटल फोन लाइन्स, वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग और अन्य कम्यूनिकेशन उद्देश्यों के लिए किया जाता है। मॉडेम अक्सर डेटा ट्रांसमिशन की गति को बढ़ाने के लिए बॉड रेट्स (Baud Rates) और बिट्स प्रति सेकंड (Bits Per Second, bps) के आकार में मापे जाते हैं। अब इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए हमें मॉडेम के प्रकारों और इसके उपयोग और कार्यप्रणाली को भी समझना (Modem meaning in Hindi) होगा।

मॉडेम के प्रकार (Modem types in Hindi)

अब मॉडेम भी एक तरह के नहीं होते हैं बल्कि इसमें कई तरह के प्रकार होते हैं जिन्हें अलग अलग रूप में या अलग अलग उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। तो यह मॉडेम के प्रकार कौन कौन से हैं और उनका किस किस तरह से उपयोग लिया जाता है, आइये इस पर भी बात कर लेते (Modem ke prakar) हैं।

  • DSL मॉडेम (Digital Subscriber Line Modem): DSL मॉडेम इंटरनेट कनेक्शन के लिए उपयोगी होते हैं और बिज़नेस और निजी ग्राहकों को ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए इस्तेमाल में लाए जाते हैं। सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाये जाने वाले यही DSL मॉडेम ही होते हैं।
  • केबल मॉडेम (Cable Modem): केबल मॉडेम केबल टेलीविजन नेटवर्क के साथ इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करने के लिए उपयोगी होते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि आज के समय में जो डिश टीवी दिया जा रहा है उसमें इसी केबल मॉडेम का इस्तेमाल किया जा रहा है।
  • डायल अप मॉडेम (Dial-Up Modem): डायल अप मॉडेम टेलीफ़ोन लाइन का उपयोग करके इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करते हैं। उदाहरण के रूप में पहले जो बीएसएनएल के माध्यम से इंटरनेट कनेक्शन दिया जाता था, वह इसी मॉडेम पर ही आधारित होता था।
  • सैटेलाइट मॉडेम (Satellite Modem): सैटेलाइट मॉडेम उपग्रह के माध्यम से इंटरनेट सेवाओं के लिए उपयोगी होते हैं। विशेष रूप से उन जगहों में जहां अन्य इंटरनेट कनेक्शन के विकल्प आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं। एक तरह से दूर दराज के या पहाड़ी क्षेत्रों में इस तरह के मॉडेम लगाये जाते हैं।
  • फाइबर ऑप्टिक मॉडेम (Fiber Optic Modem): फाइबर ऑप्टिक मॉडेम ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क के साथ इंटरनेट कनेक्शन के लिए उपयोगी होते हैं और उच्च गति के डेटा प्रेषण का काम करते हैं।
  • वायरलेस मॉडेम (Wireless Modem): वायरलेस मॉडेम वायरलेस नेटवर्क के साथ इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करते हैं, जैसे कि Wi-Fi के रूप में। एक तरह से यह राऊटर का ही रूप हो जाते हैं जो कई कनेक्शन को अपने आप में जोड़ सकते हैं।
  • एनालॉग मॉडेम (Analog Modem): एनालॉग मॉडेम पुराने पीढ़ियों के कंप्यूटरों के साथ इंटरनेट कनेक्शन के लिए उपयोगी होते थे लेकिन अब ये इस्तेमाल में नहीं लाये जाते हैं।

इस तरह से मॉडेम के कई तरह के प्रकार हो सकते हैं लेकिन इनमें से कुछ आज के समय के हिसाब से प्रयुक्त ही नहीं होते (Types of modem in Hindi) हैं और इनकी जगह नए मॉडेम या राऊटर या नेटवर्क कंपनियों ने ले ली है। इसलिए समय के साथ बहुत तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं जो मॉडेम में भी हुए हैं।

मॉडेम कैसे काम करता है? (Modem working process in Hindi)

मॉडेम (Modem) कैसे काम करता है, इसको समझने के लिए हमें यह समझना होगा कि डिजिटल और एनालॉग डेटा के बीच कैसे संचालन होता है। कंप्यूटर डिजिटल डेटा 0 और 1 के बिनरी डेटा को एक एनालॉग सिग्नल में परिवर्तित करना चाहता है, ताकि इसे टेलीफ़ोन लाइन जैसे एनालॉग मीडियम के माध्यम से ट्रांसमिट किया जा सके। ऐसे में मॉडेम का पहला कार्य होता है मॉड्यूलेशन जिसमें डिजिटल डेटा को एनालॉग सिग्नल में बदल दिया जाता है।

प्राप्त किए गए एनालॉग सिग्नल को मॉडेम डिमॉड्यूलेशन करता है जिसका कार्य होता है उसे पुनर्मूल्यांकन करके डिजिटल डेटा में बदलना। फिर एनालॉग सिग्नल को टेलीफ़ोन लाइन के माध्यम से अन्य मॉडेम तक भेजा जाता है और वहां पर मॉडेम द्वारा डिजिटल डेटा में फिर से परिवर्तित किया जाता है। इसके बाद, डिजिटल डेटा को कंप्यूटर या नेटवर्क द्वारा प्राप्त किया जा सकता है और यूजर तक पहुँचाया जा सकता है। यह प्रक्रिया इंटरनेट कनेक्शन, फैक्स ट्रांसमिशन, डिजिटल वाणिज्यिक दूरसंचालन और अन्य कम्यूनिकेशन के लिए उपयोगी होती है ताकि डिजिटल डेटा एनालॉग मीडियम के माध्यम से संचालन हो (Modem working principle in Hindi) सके।

तो कुछ इस तरह से एक मॉडेम काम करता है। एक तरह से यह इंटरनेट कनेक्शन और कंप्यूटर के बीच भाषा या सिग्नल के आदान प्रदान को करने के लिए कड़ी होती है। कुछ उसी तरह जैसे कि एक ट्रांसलेटर काम करता है। अब यदि आपको हिंदी आती है और सामने वाले व्यक्ति को तमिल तो किसी ऐसे व्यक्ति की जरुरत पड़ती है जिसे हिंदी व तमिल दोनों आनी चाहिए। ताकि वह दोनों की बात को समझ कर एक दूसरे को समझा सके। कुछ उसी तरह का काम यह मॉडेम कर रहा होता है।

मॉडेम के फायदे (Modem ke fayde)

अब आपको मॉडेम का इस्तेमाल करने से मिलने वाले तरह तरह के फायदों के बारे में भी जान लेना चाहिए। दरअसल मॉडेम को अभी भी क्यों इस्तेमाल में लाया जाता है या पहले भी इसे क्यों इस्तेमाल में लाया जाता था या अभी भी कई संवेदनशील जगहों पर इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है, इसके पीछे इससे जुड़े फायदे छिपे हुए (Modem benefits in Hindi) हैं।

तो आज हम मॉडेम का इस्तेमाल करने के पीछे जुड़े हुए कुछ फायदों को ही आपके समाने रखने जा रहे हैं ताकि आप मॉडेम की महत्ता को समझ सकें। आइये जाने मॉडेम से मिलने वाले तरह तरह के लाभ के बारे में।

  • इसका सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि इसके माध्यम से केवल एक ही डिवाइस के सीधे तौर पर कनेक्ट होने से यह बहुत तेज गति का इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करता है जो शायद ही आपको राऊटर के माध्यम से मिल पाए।
  • ऐसे में यदि आप अपने कंप्यूटर में मॉडेम का इस्तेमाल करते हैं तो आप उसमे इंटरनेट स्पीड में अभूतपूर्व परिवर्तन देख सकते हैं जो आपको राऊटर से देखने को नहीं मिलेगा। हालाँकि आप राऊटर की तार को सीधे अपने लैपटॉप में जोड़कर भी वही स्पीड प्राप्त कर सकते हैं।
  • इसमें सुरक्षति इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है और सिस्टम के हैक होने या डाटा उड़ने की संभावना बहुत ही कम हो जाती है। एक तरह से राऊटर की तुलना में मॉडेम का इस्तेमाल किया जाना सुरक्षित विकल्प माना जाता है।
  • यह फैक्स संदेशों को भी बहुत ही तेजी के साथ भेजने या प्राप्त करने का काम करता है क्योंकि यह फैक्स मशीन से सीधे तौर पर जुड़ा होता है। ऐसे में फैक्स डाक्यूमेंट्स को सुरक्षित रूप से तेज गति से भेजने या प्राप्त करने में भी मॉडेम अहम भूमिका निभाता है।
  • घरों और व्यवसायों में सुरक्षा कैमरों के लिए मॉडेम का उपयोग किया जा सकता है, जिससे आप अपने सुरक्षा कैमरों का दूरसंचालन कर सकते हैं।
  • मॉडेम का उपयोग दूरसंचालन उपकरणों के साथ किया जा सकता है, जिससे डेटा और सिग्नल दूरस्थ स्थान से प्रेषित और प्राप्त किए जा सकते हैं।
  • घरों और कार्यालयों में मॉडेम का उपयोग एक ही इंटरनेट कनेक्शन को अन्य कंप्यूटर और उपकरणों के साथ सांझा करने के लिए किया जा सकता है, जिससे नेटवर्क कनेक्टिविटी की व्यापकता मिलती है।

इस तरह से मॉडेम को इस्तेमाल करने के कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं जो आपके इंटरनेट को इस्तेमाल करने के अनुभव को बदल देते (Benefits of modem in Hindi) हैं। हालाँकि आपको मॉडेम का इस्तेमाल करने से मिलने वाले नुकसान के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए जो अब हम आपको देने वाले हैं।

मॉडेम के नुकसान (Modem ke nuksan)

अब हम बात करेंगे मॉडेम का इस्तेमाल करने पर होने वाले नुकसान के बारे में। तो इसके कुछ नुकसान तो आपको ऊपर का लेख पढ़ कर ही पता लग गए होंगे, फिर भी हम इसे विस्तृत रूप में आपको समझा देते हैं ताकि आपको इसके बारे में सही से आईडिया हो जाए। तो मॉडेम का इस्तेमाल करने पर होने वाले कुछ नुकसान का आंकलन इस प्रकार किया जा सकता है।

  • इसका सबसे पहला और बड़ा नुकसान तो यही है कि मॉडेम में आपको केवल एक ही कंप्यूटर से जुड़ने का कनेक्शन मिल पाता है और आप अन्य डिवाइस को इससे कनेक्ट नहीं कर पाते हैं।
  • वहीं आज के समय में लगभग हर घर में हर किसी के पास स्मार्ट फोन सहित लैपटॉप की सुविधा होती है। तो कोई भी यह नहीं चाहेगा कि केवल उनके घर का कंप्यूटर या कोई एक ही डिवाइस ही इंटरनेट से जुड़ी हुई हो।
  • इसी के साथ ही इसके डायल अप वाले मॉडेम में स्पीड बहुत स्लो हो सकती है और किसी से बात करते समय वह एकदम से डिसकनेक्ट हो सकती है।
  • मॉडेम में भी मैलवेयर या वायरस का खतरा बना रहता है। चूँकि अब यह तकनीक पुरानी हो चुकी है तो ऐसे में वायरस का खतरा और अधिक बढ़ जाता है।
  • आज के समय के हिसाब से मॉडेम बहुत ही महंगे सिद्ध हो रहे हैं और यह भी एक कारण है कि इसका इस्तेमाल लगातार घटता ही जा रहा है और अब इसकी जगह राऊटर लेने लगे हैं।

इस तरह से आज के समय के अनुसार मॉडेम को निष्प्रभावी मान लिया गया है और उसकी जगह राऊटर को ही महत्व दिया जाने लगा है। ऐसे में यदि आप भी अपने घर पर इंटरनेट कनेक्शन लगवाने का सोच रहे हैं तो हम तो आपको यही परामर्श देंगे कि आप मॉडेम की जगह राऊटर का ही इस्तेमाल करें।

मॉडेम क्या है – Related FAQs

प्रश्न: मॉडेम क्या है इसके कार्य?

उत्तर: मॉडेम कंप्यूटर और डिजिटल डेटा को आवाज अर्थात एनालॉग और डिजिटल सिग्नल्स में परिवर्तित करने का कार्य करता है।

प्रश्न: मॉडेम क्या है समझाइए?

उत्तर: मॉडेम एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जो डेटा को कंप्यूटर से इंटरनेट या अन्य डिजिटल नेटवर्क के साथ कॉम्यूनिकेट करने के लिए उपयोग में लाया जाता है।

प्रश्न: मॉडेम का पूरा नाम क्या है?

उत्तर: मॉडेम का पूरा नाम मॉड्यूलेटर-डेमॉड्यूलेटर है।

प्रश्न: मॉडेम क्या बदलता है?

उत्तर: मॉडेम डिजिटल डेटा को एनालॉग और डिजिटल सिग्नल्स में बदलता है।

प्रश्न: मॉडेम के प्रकार क्या हैं?

उत्तर: मॉडेम के प्रकारों के बारे में जानकारी आपको ऊपर का लेख पढ़ कर मिल जायेगी।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने मॉडेम के बारे में जानकारी हासिल कर ली है। आपने जाना की मॉडेम क्या है मॉडेम के प्रकार क्या हैं मॉडेम काम कैसे करता है और मॉडेम के फायदे और नुकसान क्या हैं। आशा है कि मॉडेम के बारे में जो जानकारी लेने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। यदि आपके मन में मॉडेम को लेकर कोई प्रश्न शेष रह गया है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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