एमपीलैड्स फंड क्या होता है? | एमपीलैड्स फंड किसे और क्यों जारी किया जाता है? | MPLAD fund kya hai

|| एमपीलैड्स फंड क्या होता है? MPLAD fund kya hai | एमपीलैड्स फंड को बंद क्यों कर दिया गया था? | एमपीलैड्स फंड क्यों मिलता है? | MPLAD scheme guidelines in Hindi | एमपीलैड्स फंड किसे जारी किया जाता है? | MPLADS योजना कौन लागू करता है? ||

MPLAD fund kya hai :- भारत की जनता के द्वारा कई तरह के राजनेताओं को वोट के माध्यम से चुना जाता है। इसमें पहले पार्षद आते हैं जो उनके वार्ड का प्रतिनिधित्व करते हैं। उसके बाद विधायक आते हैं जो उनके शहर का प्रतिनिधित्व करते हैं। अब इसके बाद सबसे उपर सांसद आते हैं जो उनके जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं। शहर के सभी पार्षद मिल कर सभापति का चुनाव करते हैं तो विधायक मिलकर राज्य के मुख्यमंत्री का। ठीक उसी तरह देश के सभी सांसद मिल कर (MPLAD scheme in Hindi) देश के प्रधानमंत्री का चुनाव करते हैं जिनके ऊपर देश को चलाने की जिम्मेदारी होती है।

वैसे तो किसी क्षेत्र में काम करवाने का उत्तरदायित्व विधायक व वहां के पार्षदों का ही होता है किंतु अब जनता के द्वारा सांसद को चुना गया है तो उसका (MPLADs in Hindi) भी तो कुछ दायित्व होना चाहिए ना। हालाँकि सांसद का प्रमुख दायित्व अपने जिले की समस्याओं को संसद में उठाना, देश को चलाने की नीतियाँ बनाना, संसद को परामर्श देना, अपने क्षेत्र के विधायकों व अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करना और वहां के अधिकारियों व कर्मचारियों को आवश्यक (MPLADs kya hai) दिशा निर्देश देना होता है।

फिर समय की मांग को देखते हुए भारत सरकार ने सांसदों के कर्तव्य को बढ़ा कर उन्हें अपने क्षेत्र की समीक्षा करने, वहां अपनी ओर से कुछ विकास (MPLAD fund in Hindi) कार्य शुरू करवाने इत्यादि का उत्तरदायित्व भी सौंप दिया। इसी के तहत MPLADS की शुरुआत की गयी जिसके तहत सांसदों को एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाता है ताकि वह अपने क्षेत्र में विकास कार्य सुनिश्चित करवा सके। तो आइए जाने यह MPLADS फंड क्या होता है।

एमपीलैड्स फंड क्या होता है? (MPLAD fund kya hai)

सबसे पहले बात करते हैं इस एमपीलैड्स फंड के बारे में और यह होता क्या है, इसके बारे में। तो आपने कई बार न्यूज़ चैनल में या समाचार पत्रों में यह पढ़ा होगा कि फलाना सांसद को या आपके शहर के सांसद को ही भारतसरकार के वित्त मंत्रालय के तहत इतने करोड़ या लाख रुपए की राशि एमपीलैड्स फंड के तहत जारी की गयी ताकि वह यह कार्य आपके शहर में करवा सके। तो आपके मन में यह प्रश्न अवश्य उठा होगा कि आखिरकार यह एमपीलैड्स फंड होता क्या है और यह सांसदों को किस उद्देश्य के तहत दिया जाता है।

एमपीलैड्स फंड क्या होता है एमपीलैड्स फंड किसे और क्यों जारी किया जाता है MPLAD fund kya hai

तो यहाँ हम आपकी सभी शंकाओं पर पूर्ण विराम लगाते हुए आपको एमपीलैड्स फंड के बारे में ही बताने जा रहे हैं। दरअसल एक राज्य के विधायकों या पार्षदों को तो वहां की राज्य सरकार के द्वारा पैसा या एक निश्चित राशि ही जारी की जाती है जिसके तहत वह अपने क्षेत्र में काम करवा सके। इसी के साथ साथ सांसदों को भी केंद्र सरकार विकास कार्यों के लिए निश्चित राशि का भुगतान करती है।

एमपीलैड्स फंड योजना के तहत सांसद के द्वारा अपने स्तर पर यदि कोई विकास कार्य करवाया जाता है या अपने क्षेत्र की व्यवस्था को सुधारने का प्रयास किया जाता है या उसके लिए अनुरोध किया जाता है तो केंद्र सरकार वित मंत्रालय के तहत उसे एक निश्चित राशि का भुगतान करती है। अब इस राशि का भुगतान सांसद को नहीं किया जाता है बल्कि उस संबंधित विभाग या संस्था को किया जाता है जिसके तहत विकास कार्य करवाया जाना है। या फिर वहां के नोडल अधिकारी या जिले स्तर के अधिकारी को उस राशि का भुगतान किया जाता है।

तो एक तरह से अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्य करवाने के लिए किसी सांसद के द्वारा अनुरोध किये जाने पर केंद्र सरकार उस सांसद के यहाँ के अधिकारियों या नोडल अधिकारी या संस्था से जुड़े अधिकारी को उस कार्य के लिए एक निश्चित राशि का भुगतान करती है। इसी के तहत ही वहां पर विकास कार्यों को बल देने का काम किया जाता है।

MPLADS का पूरा नाम क्या है? (MPLADs fund full form in Hindi)

MPLADS एक शोर्ट फॉर्म होती है और इसका पूरा नाम कुछ और होता है। चूँकि यह अंग्रेजी भाषा का एक शब्द है जिसे अंग्रेज़ी में MPLADS के नाम से लिखा जाता है। तो इसका अंग्रेजी में पूरा नाम मेंबर्स ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम (Members of Parliament Local Area Development Scheme) होता है। अब यदि हम MPLADS के हिंदी नाम की बात करें तो उसे सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास परियोजना के नाम से जाना जाता है। हालाँकि यह दोनों ही नाम बहुत बड़े हैं, इसलिए इसकी शोर्ट फॉर्म में MPLADS के नाम से ही याद रखा जाता (MPLADs fund full information in Hindi) है और इसी का ही इस्तेमाल किया जाता है।

सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत कितनी राशि जारी की जाती है?

अब यदि आप सोच रहे हैं कि मेंबर्स ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम के तहत करोड़ो अरबो रुपयों का भुगतान कर दिया जाता है तो आप गलत है। अब राजनेताओं का नाम सामने आते ही हमारे सामने जो पहली छवि बनती है वह होती है करोड़ो रुपयों को खाकर डकार भी ना मारने वाले लोग। किंतु इस सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत उन्हें सीमित मात्रा में ही पैसा जारी किया जाता है।

अब कोई भी सांसद 5 वर्ष के लिए चुन कर ही संसद में जाता है और उसके बाद उसे फिर से चुनावी मैदान में उतरना होता है। तो इन पांच वर्षों के अंतराल में उसे केवल 5 करोड़ रुपयों का ही भुगतान एमपीलैड्स फंड के तहत किया जाता है। यह राशि भी उसे दो किश्तों में अर्थात 2.5-2.5 करोड़ के रुपए में मिलती है। हालाँकि पहले यह 1 करोड़ मिलती थी जिसे बाद में बढ़ा कर 2 करोड़ कर दिया गया। किंतु वर्तमान में यह 5 करोड़ रुपए मिलती है।

एमपीलैड्स फंड क्यों मिलता है? (MPLAD scheme guidelines in Hindi)

अब आप यह भी जान लें की आखिरकार किस काम के लिए या किस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सांसदों को MPLADS के तहत फंड दिया जाता है। तो बहुत बार यह सुनने में आता था कि एक क्षेत्र में जब सब कार्य विधायक व पार्षदों को ही करवाने होते हैं तो फिर सांसदों को चुने जाने का क्या ही महत्व हुआ। अब देश की आम जनता को यह तो पता नहीं था कि देश की नीति निर्धारण, कानून बनाने, उसकी समीक्षा करने इत्यादि अति महत्वपूर्ण कार्यों के लिए सांसद का चुनाव किया जाना अति आवश्यक होता है।

फिर देश के आम नागरिकों की इस चिंता को भारत सरकार ने समझा और सांसदों के कर्तव्यों में बढ़ोत्तरी करते हुए मेंबर्स ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम को शुरू किया गया। इसके तहत सांसद प्रत्यक्ष रूप से तो अपने अधिकार क्षेत्र में कोई कार्य नहीं करवा सकता है और उसके लिए उसे अपने यहाँ के केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ समनव्य स्थापित करते हुए ही कार्य करना होता है।

तो इसी क्रम में भारत सरकार ने हर सांसद को सीमित क्षेत्रों या विभागों में ही कार्य करने की शक्तियां प्रदान की जिसके तहत वह सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना का लाभ उठा सकता है। इस योजना के तहत वित्त मंत्रालय उस सांसद को हर 5 वर्ष के लिए 5 करोड़ की राशि जारी करता है।

सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना करवाए जाने वाले कार्य

सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत देश के सभी सांसदों को पैसा तो मिल जाता है लेकिन इसके तहत वे किस किस कार्य को करवा सकते हैं या उनके अधिकार क्षेत्र में किस किस तरह के विभाग आते हैं जिनके तहत वे कार्य करवा पाने में सक्षम होते हैं, इनके बारे में जानना भी आपका अधिकार है। ताकि आगे से यदि कोई सांसद अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ने का प्रयास करे तो आप उसे यह बात बता सके।

तो एक सांसद के द्वारा मेंबर्स ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम के तहत जो राशि ली जाती है या जो फंड उसे वित्त मंत्रालय जारी करता है, उसके तहत वह निम्नलिखित कार्यों को करवाने की शक्ति रखता है:

  • शहर की स्वच्छता को सुनिश्चित करना।
  • शहर की सडकों को व्यवस्थित करना और उन्हें सही करवाना।
  • लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं को चलाना और अस्पतालों की स्थिति सुधारना।
  • जिले में पीने की पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करना।
  • शिक्षा से संबंधित कार्य करवाना।

इसके अलावा भी एक सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में कई तरह के कार्यों को करवाने की शक्ति रखता है। किंतु ऊपर जो कार्य बताये गए हैं, वह उस सांसद को मुख्य तौर पर करने होते हैं। इसी के लिए ही सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत राशि का भुगतान किया जाता है।

एमपीलैड्स फंड किसे जारी किया जाता है?

सांसद यदि किसी कार्य को करवाने के लिए केंद्र सरकार से उसके लिए मेंबर्स ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम के तहत राशि को जारी करने का अनुरोध करता है तो इसका यह अर्थ नहीं है कि वह राशि सांसद को सीधे या उसके बैंक खाते में भेज दी जाती है। जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि सांसद को वहां के अधिकारियों के साथ मिलकर ही वह कार्य संपन्न करवाना होता है। तो इसके लिए वह सांसद के खाते में ना जाकर वहां के संबंधित अधिकारी या नोडल अधिकारी के खाते में जाती है और उसके बाद ही कार्य होते हैं।

MPLADS योजना की शुरुआत कब हुई थी?

अब यदि हम सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के शुरूआती वर्ष के बारे में जानना चाहे तो वह वर्ष 1993 था जब भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय नरसिम्हा राव जी ने इसकी शुरुआत की थी। उस समय सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत सांसदों को एक करोड़ रुपए का फंड जारी किया जाता था जिसे बाद मे बढ़ा कर 2 करोड़ कर दिया गया। फिर वर्ष 2011 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में इस फंड को बढ़ा कर 5 करोड़ कर दिया गया। तो यदि हम सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के शुरूआती वर्ष की बात करें तो यह 1993 माना जाएगा।

एमपीलैड्स फंड को बंद क्यों कर दिया गया था?

वर्ष 2020 में केंद्र की मोदी सरकार ने इस एमपीलैड्स फंड पर रोक लगा दी थी। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि देश में कोरोना नामक महामारी प्रवेश कर गयी थी और देश बुरी परिस्थितियों से गुजर रहा था। उस समय देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन अधिनिम के तहत भारत सरकार ने दिशा निर्देश जारी किये और उसके तहत इस एमपीलैड्स फंड को रोक दिया गया।

इससे जो भी राशि बची उसको केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने में इस्तेमाल किया। इसका जिम्मा वित्त मंत्रालय के ऊपर ही था जिसने विभिन्न क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल किया। हालाँकि वर्ष 2021-22 में इस एमपीलैड्स फंड को फिर से बहाल कर दिया गया। अब इसे वर्ष 2025-26 के लिए जारी रखने का निर्देश जारी किया गया है।

एमपीलैड्स फंड क्या है – Related FAQs

प्रश्न: MPLADS योजना कौन लागू करता है?

उत्तर: MPLADS योजना केंद्र सरकार लागू करती है।

प्रश्न: एमपीलैड्स की शुरुआत किसने की थी?

उत्तर: एमपीलैड्स की शुरुआत पी वि नरसिम्हा राव ने की थी।

प्रश्न: सांसद स्थानीय विकास निधि योजना कब प्रारंभ हुई?

उत्तर: सांसद स्थानीय विकास निधि योजना वर्ष 1993 में शुरू हुई थी।

प्रश्न: सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना क्या है?

उत्तर: सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत जो भी जानकारी जरुरी है वह हमने आपको इस लेख के मध्यम से उपलब्ध करवा दी है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

तो इस तरह से आपने इस लेख के माध्यम से यह जाना कि एमपीलैड्स फंड क्या होता है और इसे क्यों जारी किया जाता है। हालाँकि एक सांसद को केवल सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत ही पैसों का भुगतान नहीं किया जाता है। उसके हाथ में कई अन्य शक्तियां भी होती है जिसके तहत वह अपने संसदीय क्षेत्र में कई तरह के विकास कार्य कर सकता है।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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