MRI स्कैन मशीन क्या है? | MRI स्कैन क्यों, कब व किसका किया जाता है? | What is MRI machine in Hindi

|| MRI स्कैन मशीन क्या है? | What is MRI machine in Hindi | MRI machine kya hai | MRI machine se kya hota hai | MRI स्कैन क्यों करवाया जाता है? (MRI scan kyu karte hai | MRI स्कैन किसका किया जाता है? | MRI स्कैन होने के बाद क्या होता है? |

What is MRI machine in Hindi :– बहुत बार यह देखने में आता है कि जब हम डॉक्टर को दिखाने जाते हैं तो वह हमें दवाइयां देने से पहले या कोई परामर्श देने से पहले कुछ जांच करने के लिए भेजता है। अब इस जांच रिपोर्ट के आधार पर ही डॉक्टर यह निर्णय ले पाता है कि आपको किस तरह की बीमारी है और उसका उपचार कैसे किया जा सकता है। इन जांच में आपके रक्त, मूत्र इत्यादि की जांच करवाना, एक्स रे, CT स्कैन इत्यादि प्रमुख (MRI machine kya hai) है।

अब इसी में एक और जांच है जो इन सभी से ऊपर आती है और वह है MRI स्कैन। यह एक विस्तृत व बड़ी जांच होती है जो डॉक्टर के द्वारा कुछ विशिष्ठ परिस्थितियों में ही करवाने को कहा जाता है ताकि आपकी बीमारी का तोड़ निकाला जा सके। अब आपने कभी MRI स्कैन नहीं करवाया है और डॉक्टर ने आपको या आपके किसी परिचित को MRI स्कैन करवाने को बोला है तो आज हम आपके साथ उसी के बारे में ही बात करने जा रहे (MRI scan kya hai in Hindi) हैं।

आज के इस लेख में आपको यही जानने को मिलेगा कि आखिरकार यह MRI स्कैन मशीन क्या होती है और उसके जरिये MRI स्कैन किस तरह से किया जा सकता है। इसी के साथ ही हम इस पहलू पर भी बात करेंगे कि क्या यह MRI स्कैन मशीन किसी व्यक्ति की जान भी ले सकती है। आइये जाने MRI स्कैन मशीन के बारे में शुरू से लेकर अंत तक संपूर्ण (MRI machine se kya hota hai) जानकारी।

MRI स्कैन मशीन क्या है? (What is MRI machine in Hindi)

सबसे पहले बात करते हैं कि यह MRI स्कैन मशीन होती क्या है और यह कैसे काम करती है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि यह ट्यूब के आकार की एक ऐसी मशीन होती है जहाँ पर लोगों के शरीर के अंगों तथा उत्तकों की बारीक व स्पष्ट तस्वीरें ली जाती है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो जिस प्रकार हम CT स्कैन या एक्स रे के माध्यम से शरीर के अंदरूनी हिस्सों की रिपोर्ट को पाते हैं तो ठीक उसी तरह का काम यह MRI स्कैन मशीन भी करती (MRI scan machine kaisa hota hai) है।

MRI स्कैन मशीन क्या है MRI स्कैन क्यों, कब व किसका किया जाता है What is MRI machine in Hindi

हालाँकि इसमें अंतर यह है कि यहाँ पर अन्य स्कैन के लिए जिन हानिकारक किरणों का इस्तेमाल किया जाता है जिसे हम रेडिएशन भी कहते हैं, उसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है। MRI स्कैन मशीन में पूर्ण रूप से ऐसी तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है जो आपके स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुंचाती है। इसके लिए चुम्बकीय तरंगों का इस्तेमाल कर शरीर के चित्र लिए जाते हैं।

जो MRI स्कैन मशीन होती है वह गोलाकार आकार में होती है जिसे एक पाइप के तरह का आकार दिया गया होता है। इस पाइप के अंदर इतनी जगह होती है कि एक मनुष्य को इसमें आसानी से लेटाया जा सकता है और फिर उसका MRI स्कैन किया जाता है। इस तकनीक में चुंबकीय तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है और ऑक्सीजन का भी बहुत महत्व होता है। इस तरह से MRI स्कैन मशीन की सहायता से किसी व्यक्ति का MRI स्कैन टेस्ट या MRI स्कैन किया जाता है और डॉक्टर को उसकी रिपोर्ट दी जाती है।

MRI स्कैन क्या होता है? (MRI scan kya hota hai)

अब जब आपने MRI स्कैन मशीन के बारे में जानकारी ले ली है तो अब बारी आती है MRI स्कैन के बारे में जानने की। तो यहाँ आप यह जान लें कि इस MRI स्कैन में आपके ऊपर पूर्ण रूप से चुम्बकीय तरंगों का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसी कारण MRI स्कैन शब्द में प्रथम अक्षर जो कि एम है वह मैग्नेटिक अर्थात चुम्बक का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में आपके शरीर पर चुम्बकीय तरंगें छोड़ी जाती है और उसी से ही आपके शरीर की असंख्य तस्वीरें ली जाती (MRI scan kya hai) है।

MRI स्कैन के लिए आपको MRI स्कैन मशीन में लेट जाना होता है। इसके बाद आपको धीरे धीरे उस MRI स्कैन मशीन के अंदर लेकर जाया जाता है। इसके बाद आपके ऊपर असंख्य चुम्बकीय तरंगें छोड़ी जाती है और ऑक्सीजन को भी आपके शरीर में भेजा जाता है। अब आपके शरीर का अधिकतर हिस्सा पानी होता है जो शरीर का 70 प्रतिशत होता है। इससे आपके शरीर में कंपन होता है और उत्तक उलट पुलट होते हैं।

तो आपके शरीर के जिस भी हिस्से का MRI स्कैन करना होता है, MRI स्कैन मशीन को उसी जगह पर फोकस कर दिया जाता है। ऐसे में आपके उत्तक जैसे ही ऊपर नीचे होते हैं तो उनकी हर जगह से स्पष्ट तस्वीरें ले ली जाती है। इससे आपके उस भाग में किसी कमी या बीमारी का पता लगाया जा सकता है। फिर इन तस्वीरों का स्पष्ट रूप MRI स्कैन रिपोर्ट के रूप में डॉक्टर को दे दिया जाता है।

MRI स्कैन की फुल फॉर्म क्या है? (MRI scan full form in Hindi)

साथ के साथ आपको यह भी जान लेना चाहिए कि इस MRI स्कैन की फुल फॉर्म क्या होती है। तो यह अंग्रेजी भाषा का शब्द होता है जिसे हम मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic Resonance Imaging) स्कैन कहते हैं। अब यदि हम इसके हिंदी नाम को जानना चाहते हैं तो इसे हिंदी में चुम्बकीय अनुनाद चित्र कहा जा सकता (MRI scan full name in Hindi) है। अब जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि इसमें आपके ऊपर मैग्नेटिक अर्थात चुम्बकीय तरंगों का इस्तेमाल किया जाएगा तो इसमें आपको किसी तरह का नुकसान नहीं होता है।

MRI स्कैन किसका किया जाता है? (MRI scan kis liye hota hai)

अब आपको यह भी जान लेना चाहिए कि शरीर के किन किन अंगों का MRI स्कैन किया जाता है। वैसे तो MRI स्कैन शरीर के किसी भी हिस्से का किया जा सकता है लेकिन यह डॉक्टर के द्वारा सुझाए गए अंग का ही करना जरुरी होता है। मुख्य तौर पर यदि दिमाग की बीमारी का पता लगाना होता है या उसका स्कैन करना होता है तो उसके लिए MRI स्कैन करवाने को कहा जाता है।

वह इसलिए क्योंकि किसी भी अन्य स्कैन के माध्यम से दिमाग की बीमारी का पकड़ा जाना बहुत मुश्किल होता है। हमारा मस्तिष्क एक जटिल प्रक्रिया होती है और उसमे संपूर्ण शरीर को प्रबंधित करने वाली नलियां व अन्य चीज़ें होती है। ऐसे में दिमाग की बीमारी को MRI स्कैन के माध्यम से ही पकड़ा जा सकता है। ऐसे में MRI स्कैन जिन जिन अंगों का प्रमुख तौर पर किया जाता है, वे हैं:

  • दिमाग
  • रीढ़ की हड्डी
  • शरीर के किसी जोड़े की जांच
  • अंदरूनी जटिल अंग जैसे कि हृदय, किडनी इत्यादि।

इस तरह से जो जटिल अंग है या जिनके बारे में हमें विस्तृत रिपोर्ट चाहिए होती है ताकि वहां की बीमारी को पकड़ा जा सके, तो उस स्थिति में MRI स्कैन करवाया जाता है।

MRI स्कैन क्यों करवाया जाता है? (MRI scan kyu karte hai)

अब जब आपने यह जान लिया है कि शरीर के किन किन हिस्सों का प्रमुख तौर पर MRI स्कैन करवाया जाता है तो अब बारी है यह जानने की कि यह MRI स्कैन करवाया ही क्यों जाता है अर्थात किस तरह की बीमारी को पकड़ने के उद्देश्य से यह MRI स्कैन करवाया जाता (MRI scan kyu kiya jata hai) है। तो इसमें कई तरह की बीमारियाँ या अंदरूनी चोट शामिल हो सकती है, जिनके बारे में अब हम आपको जानकारी देने वाले हैं।

  • यदि दिमाग की किसी भी तरह की समस्या है और उसका स्कैन करवाया जाना जरुरी है तो उसके लिए MRI स्कैन ही एकमात्र विकल्प है।
  • रीढ़ की हड्डी में किसी तरह की चोट लग जाती है और वह पकड़ में नहीं आ रही है तो उसके लिए MRI स्कैन करवाया जाता है।
  • रक्त वाहिकाओं में किसी तरह की क्षति हुई है या उसमे रूकावट आ रही है या उनसे जुड़ी कोई अन्य समस्या है तो उसके लिए भी MRI स्कैन करवाया जाता है।
  • कैंसर जैसी बीमारी की जांच करने के लिए भी MRI स्कैन करवाया जाता है ताकि वह शरीर के किस हिस्से में और कितना फैला हुआ है, इसका पता लगाया जा सके।
  • हृदय रोग की स्थिति में भी MRI स्कैन करवाया जा सकता है ताकि आने वाले खतरों को पहले ही भांप कर उनका उपचार किया जा सके।
  • हड्डियों में किसी तरह का संक्रमण फैल गया है और वह पकड़ में नहीं आ रहा है तो उसको जांचने के लिए भी MRI स्कैन ही करवाया जाता है।
  • यदि शरीर के किसी अंदरूनी हिस्से में चोट लगी है और वह अंग संवेदनशील है तो उस स्थिति में भी MRI स्कैन जांच करवायी जाती है।

इस तरह से कुछ मुख्य बीमारियों या चोटों की जांच के लिए ही MRI स्कैन करवाया जाता है और उसकी रिपोर्ट डॉक्टर को सबमिट करवायी जाती है। उसी रिपोर्ट के आधार पर ही डॉक्टर आपको परामर्श देता है और आपका उपचार करता है।

MRI स्कैन से पहले क्या करना होता है?

अब यदि आप अपना या किसी ओर का MRI स्कैन करवाने जा रहे हैं तो आपको स्कैन से पहले के कुछ घंटों में खाने को मना किया जाता है। वहीं यदि आप पानी कम पीते हैं तो आपको भरपूर मात्रा में पानी पीने को कहा जाएगा जिससे कि आपके शरीर में पानी का स्तर अच्छा बना रहे। MRI स्कैन करवाने के लिए पेट का थोड़ा खाली रहना जरुरी होता है ताकि आमाशय तथा उसके आसपास के अंगों की साफ तस्वीर ली जा सके।

इसी के साथ ही जितनी ज्यादा पानी की मात्रा होगी, उतना ही सही से MRI स्कैन संभव हो पायेगा। इसी कारण आपको ज्यादा से ज्यादा पानी पीने का परामर्श दिया जाता है। इसी के साथ ही आपको MRI स्कैन से पहले सामान्य कपड़े दिए जाते हैं और आपके शरीर के सभी आभूषण उतरवा लिए जाते हैं। वह इसलिए क्योंकि MRI स्कैन में चुम्बकीय तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है जिसके लिए सावधानी बरती जानी जरुरी होती है।

MRI स्कैन के दौरान क्या होता है?

अब जब आपने ऊपर बताई गयी सभी तरह की गतिविधियों का पालन कर लिया है तो आपको एक मेज पर लेटाया जाता है। फिर उस मेज को धीरे धीरे MRI स्कैन मशीन के अंदर डाला जाता है या फिर शरीर के केवल उसी हिस्से को MRI स्कैन मशीन के अंदर डाला जाता है, जिसका स्कैन किया जाना होता है। अब जब आप मशीन के अंदर भेजे जाते हैं तो उससे पहले आपके शरीर के उस हिस्से पर डॉक्टर के द्वारा डाई लगायी जाती है जिसका MRI स्कैन करना होता है ताकि वहां की साफ तस्वीर ली जा सके।

इस डाई को गैडोलीनियम कहा जाता है जो स्पष्ट तस्वीरें लेने में सहायक होता है। अब जब आप पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं तो आपका MRI स्कैन शुरू कर दिया जाता है। इस स्थिति में ना तो आपको कुछ बोलना होता है और ना ही हिलना डुलना होता है क्योंकि इससे अस्पष्ट तस्वीरें आ सकती है। इसलिए आप बस सीधे लेटे रहें और बिना कुछ बोले व हिले अपना MRI स्कैन होने दें।

MRI स्कैन होने के बाद क्या होता है?

अब आप यह भी सोच रहे होंगे कि आपके शरीर का इतना बड़ा स्कैन हो रहा है तो निश्चित तौर पर ही वह हो जाने के बाद आपको कई तरह की सावधानियां बरतने को कहा जाता होगा लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। वह इसलिए क्योंकि MRI स्कैन में किसी भी तरह की हानिकारक तरंगों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसलिए आप अपना MRI स्कैन करवाने के बाद सामान्य गतिविधियाँ कर सकते हैं और कुछ भी खा पी सकते हैं।

क्या MRI स्कैन मशीन जान ले सकती है?

हालाँकि ऐसा होता तो नहीं है लेकिन मानवीय या तकनीकी भूल के कारण ऐसा हो सकता है। हमने आपको ऊपर बताया कि MRI स्कैन के दौरान व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन भी भेजी जाती है तो एक दो बार यह केस सुनने में आया है कि इस ऑक्सीजन की मात्रा अधिक हो गयी या फिर ऑक्सीजन सिलेंडर में लीक की वजह से व्यक्ति के शरीर में ज्यादा ऑक्सीजन चली गयी।

अब यदि ऑक्सीजन तरल रूप में व्यक्ति के शरीर में ज्यादा चली जाए तो यह एक तरह से जहर का ही काम करती है जिस कारण उस व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। इसके अलावा यदि हम MRI स्कैन से जान लेने की बात करें तो यह संभव नहीं है और ना ही इससे किसी की जान इतनी आसानी से जा सकती है। अब हादसा तो कभी भी किसी के साथ भी हो सकता है और इसे हम रोक नहीं सकते हैं।

MRI स्कैन के जोखिम (Is MRI scan harmful in Hindi)

अंत में आप यह भी जान लें कि यदि आप अपने शरीर का MRI स्कैन करवाने जा रहे हैं तो इसमें किसी तरह का जोखिम या खतरा भी है या नहीं। तो इसके बारे में कई तरह की रिसर्च की गयी लेकिन किसी भी तरह से कोई भी जोखिम MRI स्कैन करवाने के बाद सामने नहीं आया। हालाँकि कुछ तरह के लोग MRI स्कैन नहीं करवा सकते हैं। अब वे लोग कौन हैं जिन्हें MRI स्कैन नहीं करवाना चाहिए, आइये उनके बारे में भी जान लेते हैं।

तो ऐसे सभी लोग जिन्होंने अपना अंग प्रत्यारोपण करवाया हुआ है या शरीर में कोई हिस्सा जुड़वाया हुआ है तो वे लोग MRI स्कैन नहीं करवा सकते हैं। वह इसलिए क्योंकि उनके शरीर में चुम्बक होती है और MRI स्कैन मशीन में उन्हें भेजे जाने पर यह गलत प्रभाव डाल सकती है और शरीर के अंगों को इधर उधर कर सकती है। ऐसे में उक्त लोगों को MRI स्कैन करवाने से पहले ही मना कर दिया जाता है।

MRI स्कैन मशीन क्या है – Related FAQs 

प्रश्न: MRI कराने से क्या क्या पता चलता है?

उत्तर: MRI मशीन से MRI स्कैन करके डॉक्टर कैंसर, हृदय संबंधित बीमारी, मांसपेशियों और हड्डियों से संबंधित बीमारी और कई अन्य बीमारियों का पता लगाते हैं।

प्रश्न: MRI में कितना खर्च आता है?

उत्तर: MRI में लगभग 5 से 15 हजार का खर्च आता है।

प्रश्न: MRI होने में कितना समय लगता है?

उत्तर: MRI होने में लगभग 15 से 90 मिनट का समय लगता है।

प्रश्न: डॉक्टर एमआरआई स्कैन क्यों करते हैं?

उत्तर: स्कैन क्यों किया जाता है इसके बारे में संपूर्ण जानकारी को हमने इस लेख से देने का प्रयास किया है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: MRI कैसे की जाती है?

उत्तर: इसके लिए एमआरआई स्कैन मशीन में जिस पार्ट का एमआरआई करना होता है आपको लेटा कर उस अंग का एमआरआई किया जाता है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने MRI स्कैन मशीन के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर ली है। आपने जाना कि MRI स्कैन मशीन क्या होती है MRI स्कैन किसका किया जाता है MRI स्कैन क्यों करवाया जाता है MRI स्कैन में क्या होता है इत्यादि। साथ ही हमने आपको MRI स्कैन मशीन से होने वाले जोखिम भी बताए। आशा है कि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई होगी।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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