|| मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना क्या है?, What is mukhyamantri dugdh utpadak sambal yojana, पशुपालकों को अनुदान राशि का भुगतान कैसे किया जाता है?, राजस्थान में वर्तमान में कितने पशुपालक है?, इस योजना के लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं? ||
हमारे देश के विभिन्न राज्यों में निवासी पशुपालन कर अपनी आजीविका चलाते हैं। वे न केवल लोगों की दुग्ध संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, बल्कि राज्य की जीडीपी में भी लघु योगदान करते हैं। राजस्थान में भी बड़ी संख्या में पशुपालक अपने पशुओं के बूते जीवन यापन कर रहे हैं। लेकिन कुछ लघु और सीमांत पशुपालकों को दूध के उचित दाम ना मिलने के कारण काफी घाटे का सामना करना पड़ता है। ऐसे में राजस्थान की सरकार अपने राज्य में रह रहे पशुपालकों की इस समस्या के निवारण के लिए मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना चला रही है। आज इस पोस्ट में हम आपको इस योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना क्या है? (What is mukhyamantri dugdh utpadak sambal yojana?)
आइए, अब आपको बताते हैं कि दुग्ध उत्पादक संबल योजना क्या है? मित्रों, राजस्थान सरकार द्वारा यह योजना लाई गई है। इसके माध्यम से सहकारी यानी को-आपरेटिव (co-operative) दुग्ध उत्पादक संघ में दूध बेचने/सप्लाई करने वाले पशुपालकों को को ₹5 प्रति लीटर के हिसाब से अनुदान राशि प्रदान की जाएगी I इस योजना के लिए कुल 500 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। सरकार विभिन्न ग्राम पंचायतों में 10 हजार डेयरी बूथों का भी निर्माण करेगी, ताकि पशुपालकों को दूध बेचने में सुविधा होने के साथ ही स्थानीय युवाओं को भी रोजगार मिले। आपको बता दें दोस्तों कि राजस्थान के करीब 5 लाख पशुपालकों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
योजना का नाम | मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना |
राज्य | राजस्थान |
साल | 2024 |
लाभार्थी | राज्य के किसान एवं पशुपालक |
उद्देश्य | किसान व पशुपालक की आय में वृद्धि करना |
अनुदान राशि | दूध पर 5 रुपए प्रति लीटर अनुदान |
लाभार्थियों की संख्या | 5 लाख |
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना का शुभारंभ कब हुआ? (When mukhyamantri dugdh utpadak sambal yojana was started?)
साथियों, आपको बता दें कि इस मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना को आज से करीब नौ वर्ष पूर्व अप्रैल, 2013 में प्रारंभ किया गया था, लेकिन बाद में भाजपा सरकार आने पर इसे बंद कर दिया गया। पशुपालकों को इस योजना के बंद हो जाने से काफी धक्का पहुंचा। राजस्थान में सत्ता बदलने एवं कांग्रेस की सरकार आने पर इस योजना को एक फरवरी, 2019 को पुनः प्रारंभ किया गया।
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के क्या क्या उद्देश्य हैं? (What are the objectives of the mukhyamantri dugdh utpadak sambal yojana?)
मित्रों, अब इस योजना के उद्देश्यों पर बात कर लेते हैं। दरअसल, राजस्थान सरकार पशुपालकों के हितों को सुरक्षित करने के प्रति काफी गंभीर है। इस योजना के माध्यम से वह इन उद्देश्यों की पूर्ति करना चाहती है-
- राजस्थान राज्य में समस्त पशुपालकों को पशुपालन के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना।
- पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी करना।
- राजस्थान में डेयरी उत्पादन को बढ़ावा देना।
- युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में कुल 10 हजार डेयरी बूथों की स्थापना करना।
- दुग्ध उत्पादन के स्तर को बढ़ाना।
- पशु आहार की गुणवत्ता जांचने के लिए एक आधुनिक लैब का निर्माण करना।
- हर गांव की ग्राम पंचायत में नंदी शाला का भी निर्माण करना।
- लोगों को शुद्ध दूध मुहैया कराना।
इस योजना के तहत मिलने वाली अनुदान राशि में कितनी बढ़ोतरी हुई है? (How much subsidy is increased on this scheme?)
मित्रों, आपको बता दें कि राजस्थान में मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना को पुनः प्रारंभ करने के पश्चात प्रदेश के किसानों को ₹2 प्रति लीटर की दर से अनुदान राशि प्रदान की जाने लगी। लेकिन अब राजस्थान की कांग्रेस नीत अशोक गहलोत सरकार द्वारा अनुदान राशि को प्रति लीटर ₹ 2 से बढ़ाकर 5 ₹ प्रति लीटर कर दिया गया है। हाल ही में पेश राजस्थान सरकार के कृषि बजट (agriculture budget) के दौरान अनुदान राशि में बढ़ोतरी की घोषणा की गई है।
पशुपालकों को अनुदान राशि का भुगतान कैसे किया जाता है? (How subsidy amount is paid to the cattlemen?)
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि पशुपालकों को मिलने वाली अनुदान राशि सीधे डीबीटी (DBT) यानी उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाती है।
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना का पात्र कौन हो सकता है? (Who can be eligible for this mukhyamantri dugdh utpadak sambal yojana?)
मित्रों, अब आप यह अवश्य जानना चाहते होंगे कि राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना का पात्र कौन हो सकता है? तो आपको जानकारी दे दें कि राजस्थान राज्य का वह नागरिक, जो पशु पालन करता है,वह इस योजना का लाभ उठा सकता है। इसका अर्थ यह है कि किसी अन्य राज्य के नागरिक को इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को इसी वजह से अपना आधार कार्ड दिखाना होगा, ताकि उसका पता सत्यापित हो सके।
इस योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या हैं? (What are the necessary documents to apply for this scheme?)
दोस्तों, यूं तो इस योजना का लाभ उठाने के लिए बहुत अधिक किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं, लेकिन कुछ कागजात ऐसे हैं, जो जरूरी हैं, जैसे-
- पशुपालक का स्थाई निवास प्रमाण पत्र।
- पशुपालक का आधार कार्ड।
- पशुपालक का मोबाइल नंबर।
- आवेदक के बैंक अकाउंट की डिटेल।
- आवेदक का आय प्रमाण पत्र।
- संबंधित पशु का ब्योरा।
योजना के लिए आवेदन कैसे किया जा सकता है? (How one can apply for this scheme?)
दोस्तों, यह तो आप जानते ही हैं कि इन दिनों अधिकांश योजनाओं के लिए आनलाइन आवेदन (online apply) कि सुविधा है। लेकिन मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के लिए किसी प्रकार के ऑनलाइन आवेदन की आवश्यकता नहीं है I इसके लिए संबंधित पशुपालक को सिर्फ राजस्थान सरकार द्वारा जारी डेयरी बूथ पर जाना होगा। वहां मय दस्तावेज (जो हमने ऊपर बताए हैं), अपनी, अपने बैंक खाते एवं पशु संबंधी जानकारी देकर दूध को बेचना होगा। इसके पश्चात बाद संबंधित डेयरी उत्पादकों द्वारा आपको ₹5 प्रति लीटर दूध की दर से अनुदान राशि प्रदान कर दी जाएगी।
राजस्थान में वर्तमान में कितने पशुपालक है? (At present how many cattlemen are there in Rajasthan?)
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि वर्तमान में राजस्थान में कुल 6 लाख से भी अधिक पशुपालक हैं। यदि राजस्थान राज्य में वर्तमान में गोवंश की बात करें तो 20वीं पशुगणना के अनुसार राजस्थान में 1.39 करोड़ गोवंश हैं। इस मामले में राजस्थान देश में छठे स्थान पर है। इनमें 1.37 करोड़ भैंस हैं। प्रदेश में भेड़ों की संख्या कुल 79 लाख से अधिक है। राजस्थान में बकरियों की संख्या 2 करोड़, 84 लाख है, जबकि ऊंटों की संख्या 20 लाख, 13 हजार है।
आपको बता दें दोस्तों कि “रेगिस्तान का जहाज़” पुकारे जाने वाले ऊंटों की संख्या में राजस्थान देशभर में पहले स्थान पर है। दोस्तों, यहां लगे हाथों राजस्थान के पशुपालकों की लाइफ लाइन बने पशु मेलों (cattle fairs) पर भी बात कर लेते हैं। आपको बता दें कि राजस्थान (Rajasthan) में हर साल करीब ढाई सौ पशु मेले लगते हैं। इनमें छोटे-बड़े कई पशु मेले शुमार हैं। पुष्कर पशु मेले (Pushkar cattle fair) का नाम तो आपने जरूर सुना होगा।
अजमेर से महज 11 किलोमीटर दूर लगने वाले इस मेले में तो देश विदेश से अनेक पर्यटक भी पहुंचते हैं। लगभग सप्ताह भर पर्यटन विभाग (tourism development) की ओर से आयोजित किए जाने वाले इस मेले में पशुओं की छटा के साथ ही संस्कृति के रंगों की भी धूम रहती है। इसके अलावा नागौर, बाड़मेर, करौली समेत राजस्थान के कई जिलों वे शहरों में छोटे-बड़े पशु मेले लगते हैं। मल्लीनाथ का पशु मेला राजस्थान में सबसे पुराना पशु मेला माना जाता है।
इनके जरिए बेहतरीन, जानदार पशुओं की खरीद होती है। बहुत से पशुपालक तो शौकिया तौर पर अपने पाले गए पशु की प्रदर्शनी करने पहुंचते हैं। इन दिनों मोबाइल फोन के आने के बाद लोगों का इन पशुओं के साथ सेल्फी का भी बहुत क्रेज रहता है.
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना किस सरकार की योजना है?
यह राजस्थान सरकार की योजना है।
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के अंतर्गत कितनी अनुदान राशि प्रदान की जा रही है?
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के अंतर्गत ₹5 प्रति लीटर की दर से पशुपालकों को अनुदान राशि प्रदान की जा रही है।
क्या इस योजना के लिए राजस्थान का निवासी होना अनिवार्य है?
जी हां, केवल राजस्थान के पशुपालकों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा।
क्या इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है?
जी नहीं, इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन की आवश्यकता नहीं है।
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना का शुभारंभ कब हुआ था?
इस योजना का शुभारंभ अप्रैल, 2013 को हुआ था। बाद में इसे बंद कर दिया गया, जिसके बाद 1 फरवरी 2019 को इसे फिर से चालू किया गया।
पूर्व में इस योजना के अंतर्गत कितनी अनुदान राशि दी जा रही थी?
पूर्व में इस योजना के अंतर्गत ₹2 प्रति लीटर की दर से अनुदान राशि दी जा रही थी।
इस योजना के लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं?
इस संबंध में सारी आवश्यक जानकारी हमने आपको ऊपर पोस्ट में दी है। आप वहां से पढ़ सकते हैं।
इस योजना के अंतर्गत पशुपालकों को अनुदान राशि कैसे मिलेगी?
अनुदान राशि का भुगतान सीधे लाभार्थी पशुपालकों के खाते में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के लिए कितना बजट निर्धारित किया गया है?
इस योजना के लिए राजस्थान सरकार द्वारा कुल 500 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।
इस योजना से राजस्थान के कितने पशुपालकों को लाभ मिलेगा?
इस योजना के माध्यम से राजस्थान के 5 लाख पशुपालकों को लाभ पहुंचेगा।
राजस्थान में कितने डेयरी बूथों का निर्माण किया जाएगा?
राजस्थान में 10 हजार डेयरी बूथों का निर्माण किया जाएगा।
दोस्तों, हमने इस पोस्ट (post) में आपको मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। यदि आपका इस पोस्ट को लेकर कोई सुझाव अथवा सवाल है तो उसे आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके हम तक पहुंचा सकते हैं। ।।धन्यवाद।।