यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना, उद्देश्य, पात्रता, बजट | Mukhyamantri Good Samaritan Yojana

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आपने कई बार देखा होगा कि एक्सीडेंट हो जाने पर लोग तमाशाई बनकर देखते रहते हैं। घायल हुए व्यक्ति को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाने की जहमत कोई नहीं उठाता। यहां तक कि लोग घटना का वीडियो बनाने और उसे वायरल करने में रूचि दिखाते हैं। लोगों को सड़क और रेल दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करने के लिए प्रेरित करने को उत्तर प्रदेश सरकार यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना लेकर आई है।

इसके तहत सहायता करने वाले व्यक्ति को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है। यह योजना क्या है? इसके तहत प्रोत्साहन राशि के रूप में कितनी राशि दी जाएगी? जैसे सवालों का जवाब हम आपको इस पोस्ट में देने की कोशिश करेंगे। आइए, शुरू करते हैं-

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यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना क्या है? Mukhyamantri Good Samaritan Yojana In Hindi –

दोस्तों, यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना के अंतर्गत सड़क और रेल दुर्घटनाग्रस्त लोगों की मदद करने वाले और उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचाकर इलाज में मदद करने वाले को प्रोत्साहन के रूप में एकमुश्त प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान किया गया है। प्रोत्साहन राशि के बतौर सहायता करने वाले व्यक्ति को राज्य के सड़क सुरक्षा कोष से दो हजार रूपये दिए जाएंगे।

यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना, उद्देश्य, पात्रता, बजट | Mukhyamantri Good Samaritan Yojana

यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना डिटेल्स –

योजना का नामउत्तर प्रदेश गुड समारितन योजना
लांच की गयीमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा
शुरुआतआने वाले 2 से 3 महीने के अंदर
लाभार्थीदुर्घटनाग्रस्त लोगों की मदद करने वाले व्यक्ति
देख-रेखसड़क सुरक्षा परिषद और स्वास्थ्य विभाग
कुल फंडिंगलगभग 50 लाख रुपये
लेख श्रेणीराज्य सरकार योजना

यूपी मुख्यमंत्री गुडस मारितन योजना का उद्देश्य क्या है?

दोस्तों, आपको बता दें कि इस योजना को लाने का मकसद घायल लोगों को समय से अस्पताल पहुंचाना ताकि उसका उपचार सही समय पर शुरू हो सके और सड़क तथा रेल दुर्घटना मृत्यु दर में कमी लाना है। सरकार का मानना है कि यदि एक्सीडेंट के वक्त सहायता करने वाले व्यक्ति को नकद राशि प्रदान की जाएगी तो वह निश्चित रूप से घायल व्यक्ति को मदद करने के लिए प्रेरित होगा। इससे इंसानियत की भावना का भी प्रसार होगा।

मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना का लाभ लेने की पात्रता –

साथियों, प्रत्येक सरकारी योजना की तरह यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना का लाभ लेने के लिए भी कुछ पात्रताएं निर्धारित की गई हैं। यह इस प्रकार से हैं-

  • आवेदक को यूपी का स्थायी निवासी होना चाहिए।
  • यह योजना केवल उत्तर प्रदेश राज्य में ही चलाई गई है, इससे साफ है कि लाभार्थियों को योजना का लाभ तभी मिलेगा, जबकि दुर्घटना यूपी की सीमा के अंदर हुई हो।
  • केवल सड़क और रेल हादसों में घायल लोगों की मदद करने वालों को ही योजना का लाभ मिलेगा। अन्य किसी दुर्घटना को इस योजना में कवर नहीं किया गया है।

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योजना के कार्यान्वयन के लिए 50 लाख रूपये की राशि आवंटित की

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि सरकार ने इस योजना के कार्यान्व्यन के लिए 50 लाख रूपये की धनराशि आवंटित की है। इससे जाहिर है कि सड़क दुर्घटना और रेल एक्सीडेंट में हताहतों की संख्या कम करने में मदद मिलेगी। आपको बता दें कि अभी इस योजना की घोषणा की गई है, लेकिन अभी इसे प्रारंभ नहीं किया गया है। जैसे ही इस योजना को प्रारंभ किया जाएगा, हम आपको उस संबंध में आपको अवगत कराएंगे। इसके लिए आवश्यक है कि आप लगातार हमारी वेबसाइट को चेक करते रहें। यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना केतहत हर तरह का अपडेट हम आपको यहां पर देंगे।

यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना ऑनलाइन आवेदन कैसे करे?

दोस्तों, हम  आपको ऊपर बता चुके हैं  कि इस योजना को अभी शुरू नहीं किया गया है, लिहाजा अभी इसके लिए आवेदन शुरू नहीं हो पाए हैं। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दो-तीन महीनों में इस योजना के लिए आवेदन शुरू हो जाएंगे। जैसे ही योजना के लिए आवेदन शुरू होंगे वैसे ही हम आपको इस संबंध में आवश्यक अपडेट अवश्य देंगे।

यह हैं उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों की प्रमुख वजहें

साथियों, अब हम उत्तर प्रदेश में होने वाले सड़क हादसों की प्रमुख वजह पर बात करेंगे। यदि आंकड़ों को देखा जाए तो ज्यादातर सड़क हादसे हिट एंड रन मानी मारने और भाग जाने के थे। इसके अलावा गलत साइड में ड्राइविंग, पार्क वाहनों के साथ भिड़ंत, सड़कों की बुरी हालत, तेज स्पीड और हेलमेट न पहनना हादसों की बड़ी वजहों में शामिल हैं। हेलमेट का जिक्र आया है तो आप जानते ही हैं कि अपने देश में ट्रैफिक नियमों को लोग ठेंगे पर रखते हैं और इन नियमों को न मानने में ही अपनी शान समझते हैं।

ज्यादातर लोगों की मानसिकता यह होती है कि हेलमेट सिर की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि ट्रैफिक पुलिस के चालान से बचने के लिए पहना जाता है। आपको यहां यह भी बता दें कि चैपहिया वाहनों के मुकाबले दुपहिया वाहनों के हादसे अधिक होते हैं।

यूपी में हर साल हजारों लोगों की जान सड़क हादसों में जाती है

दोस्तों, आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश न केवल देश का सबसे बड़ा राज्य है, बल्कि यहां सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की तादाद भी हर साल हजारों में होती है। आंकड़ों की बात करें तो 2017 में कुल 20,124 लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होकर काल के गाल में समा गए थे, वहीं इसके अगले ही साल यानी 2018 में सड़क हादसों में मरने वालों की तादाद 22,256 पहुंच गई, जो कि 2017 के मुकाबले 10.6 प्रतिशत अधिक थी।

यह रोड एक्सीडेंट रिपोर्ट 2018 में स्वयं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जारी की थी। इसमें जहां 22,256 मौतों के साथ उत्तर प्रदेश टाॅप था, वहीं टाॅप टेन में सड़क हादसों में 13,261 मौतों के आंकड़े के साथ महाराष्ट्र् दूसरे, 12,216 मौत के साथ तमिलनाडु तीसरे, 10,990 मौत के साथ कर्नाटक चैथे, जबकि सड़क हादसों में 10,706 मौत के साथ मध्य प्रदेश पांचवे स्थान पर था। यदि 2018 में प्रकाशित विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) की रोड सेफ्टी पर प्रकाशित ग्लोबल रिपोर्ट पर भरोसा करें तो संसार में सड़क हादसों से जुड़ी 11 प्रतिशत मौतें भारत में होती हैं।

इनमें हर साल करीब डेढ़ लाख लोग मारे जाते हैं। 2018 में देश में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर कुल 4,67,044 सड़क हादसे हुए, जिनमें कुल 1,51,417 लोगों की जान गई। घायल होने वालों की संख्या 4,69,,418 थी।

स्पीड का जुनून बनाता है एक्सप्रेस वे पर हादसे का शिकार

मित्रों, यदि यह कहा जाए कि विकास अपने साथ विनाश को लाता है तो कोई गलत नहीं होगा। यूपी सरकार ने लोगों के समय की बचत के लिए एक्सप्रेस वे का निर्माण तो कराया, लेकिन कई लोग निर्धारित गति से अधिक स्पीड पर वाहन दौड़ाते हैं, जो अंततः हादसे की वजह बनता है। एक्सप्रेस वे पर हर दिन गाड़ियां टकराई हुईं दिखती हैं, जो स्पीड के जुनून का ही परिणाम है। इसमें घायल होने वालों की बात जानें दें, कई परिवारों के चिराग तक बुझ जाते हैं।

कहा जाता है कि जो एक्सप्रेस वे पर कम स्पीड पर चलेगा तो मरेगा। लेकिन वाहन चालक निर्धारित गति से इतना अधिक तेज गति से वाहन दौड़ाते हैं कि स्पीड हादसों की वजह बनती है। ऐसा कई बार देखने को मिला कि टूरिस्ट बसें आपस में टकरा गईं। इसमें बड़े पैमाने पर लोग घायल हुए। लोगों की जान गईं। सड़क के किनारे लोगों को वाहन चलाने से जुड़े दिशा निर्देशों वाले भी बोर्ड परिवहन विभाग की ओर से लगाए गए हैं, लेकिन गाड़ी चलाते वक्त लोग इन्हें नजरअंदाज करते हैं।

बाद में वह इसका खामियाजा भी भुगतते हैं। कई शहर ऐसे हैं, जहां ट्रैफिक से जुड़े नियम इतने सख्त होते हैं कि लोग ओवर स्पीड का जोखिम नहीं उठाते। मसलन चंडीगढ़। शहर में घुसने से पहले ही लोग सीट बैल्ट लगाना, स्पीड पर कंट्रोल करना नहीं भूलते।

2019 को रेलवे ने हादसों की दृष्टि से घोषित किया सबसे सुरक्षित वर्ष

भारतीय रेलवे की बात करें तो 2016-17 में रेल हादसों में जहां 195 जानें गई थीं, वहीं 2017-18 में 28 मौत हुईं। हालांकि 2019 में भारतीय रेलवे की ओर से कोई भी एक्सीडेंट न होने और किसी भी यात्री की मौत न होने का दावा किया गया है। इसे रेल सफर की दृष्टि से सबसे सुरक्षित वर्ष घोषित किया गया था। आपको बता दें कि 1990-95 के बीच 500 से ज्यादा हादसे हर साल हुए। उनमें करीब 2400 मौतें हुईं और 4300 यात्री घायल हुए।

वहीं, 2013 से 2018 के बीच हर साल औसतन 110 हादसे हुए। इनमें करीब 990 यात्रियों की मौत हुई, जबकि करीब डेढ़ हजार लोग जख्मी हुए। अलग-अलग वर्षों की बात करें तो रेलवे ने 2016-17 में 195, 2017-18 में 28, जबकि 2018-19 में 16 मौतें दर्ज कीं। मानव रहित क्रासिंग, ट्रेनों का डिरेलमेंट, कोहरा आदि ट्रेन हादसों की बड़ी वजह रहे। हालांकि मानव रहित क्रांसिंग पर फाटक लगवाने का काम काफी शहरों में किया जा चुका है और किया जा रहा है।

बहुत से सिंगल ट्रैक को डबल ट्रैक में बदला जा रहा है, ताकि ट्रेनों को नियमित और व्यवस्थित किया जा सके और मुसाफिरों के समय की बचत हो सके। इसके अलावा इलेक्ट्रिक लाइनें सभी जगह खींच दी गई हैं ताकि ट्रेनें द्रुत गति से अपने गंतव्य स्थल की ओर बढ़ सकें। केंद्र ने कई तेज स्पीड की ट्रेनें भी यात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर चलाईं, लेकिन लाॅकडाउन ने सभी सुविधाओं पर ताला डाल दिया है। अब रेलवे सीमित संख्या में ट्रेनों का संचालन कर रहा है। केवल त्योहारों के अवसर पर विशेष ट्रेनें संचालित की जा रही हैं।

अंतिम शब्द –

साथियों, अमूमन सड़क पर कोई भी हादसा होता है तो भीड़ जुटने में देर नहीं होती, लेकिन यह तमाशाई भीड़ ज्यादा होती है। इन दिनों सोशल मीडिया का जमाना है। लोगों की ज्यादा दिलचस्पी इस तरह के वीडियो को वायरल करने में ज्यादा होती है। कुछ इस तरह के वीडियोज के जरिये हिट्स कमाने की तमन्ना रखते हैं। दरअसल, लोगों के दुर्घटनाओं के शिकार लोगों की मदद न करने के पीछे एक वजह पुलिस पूछताछ से बचने की भी होती है। वह मामले के पुलिस केस बन जाने से डरते हैं। हालांकि यह पहले भी स्पष्ट किया गया है कि हादसे में घायल को अस्पताल लाने वाले से पुलिस कोई जबरन पूछताछ नहीं करेगी, लेकिन इसके बावजूद लोगों की मानसिकता में अभी बहुत तब्दीली नहीं आई है।

वह बजाय घायल की मदद करने के, उससे बच निकलने में ही भलाई समझते हैं। हादसों की तमाम वजहें हमने उपर गिनाई हैं, इनमें वाहन चालक की लापरवाही तो है ही, लेकिन सड़कों की बुरी दशा भी इसका एक बड़ा कारण है। ज्यादातर शहरों की बात करें तो तमाम विकासकार्यों के बावजूद वहां सड़कों की स्थिति में अभी भी कोई बड़ा या बेहतर बदलाव देखने को नहीं मिला है। यह खराब सड़के वाहन चालक और इसकी सवारी करने वालों को ही पीठ और गले में दर्द के साथ ही दुर्घटना का भी शिकार बनाती हैं। राजमार्गों की हालत फिर भी पहले की अपेक्षा सुधर चुकी है, लेकिन अन्य सड़कें अभी तक बेहतर होने का इंतजार कर रही हैं।

यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना से संबंधित प्रश्न उत्तर

यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना क्या हैं?

यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा शुरू की गयी योजना है। इस योजना के अंतर्गत घायल व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना इनाम राशि क्या है?

रोड पर किसी दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को जो समय पर अस्पताल पहुंचाएगा तो उसे Mukhyamantri Good Samaritan Yojana के अंतर्गत प्रदेश सरकार की तरफ से ₹2000 की इनामी राशि दी जाएगी।

Mukhyamantri Good Samaritan Yojana का क्या उद्देश्य है?

Mukhyamantri Good Samaritan Yojana को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य घायल व्यक्ति को समय पर इलाज मिल सके। और सड़क रेल दुर्घटना को रुक सकें।

यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना में आवेदन कैसे करे?

उत्तर प्रदेश सरकार यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना को शुरू करने की घोसणा कर चुकी है, लेकिन अभी इस योजना में आवेदन करने की किसी भी प्रक्रिया को शुरू नहीं किया है. इसलिए अभी आवेदन करने के लिए नागरिको को इन्तजार करना होगा।

दोस्तों, यह थी यूपी मुख्यमंत्री गुड समारितन योजना की जानकारी। यदि आप इसी प्रकार की किसी अन्य जनहित से जुड़ी योजना के बारे में जानने की इच्छा रखते हैं तो नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट करके हमें अपनी इच्छा से अवगत करा सकते हैं। उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। आपके सुझावों और प्रतिक्रियाओं के इंतजार में। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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