राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना क्या है? इसके क्या उद्देश्य हैं? राजस्थान के कितने बच्चे इस योजना से लाभान्वित होंगे?

राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना क्या है? इसके क्या उद्देश्य हैं? राजस्थान के कितने बच्चे इस योजना से लाभान्वित होंगे? (What is CM Bal Gopal scheme? What are it’s objectives? How many children of Rajasthan will get benefitted from this scheme?)

यह तो आप जानते ही हैं कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की नामांकन संख्या को बढ़ाने के लिए एवं एवं पौष्टिक भोजन मुहैया कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा मिड डे मील योजना चलाई जा रही है। लाखों ऐसे छात्र हैं, जिनके मां-बाप एवं अभिभावक मिड डे मील के चक्कर में उन्हें स्कूल भेज रहे हैं। राजस्थान में भी यह योजना जोर शोर से चल रही है। यद्यपि पिछले कुछ समय से छात्रों में पोषण संबंधी जरूरतों पर बात की जा रही है। उनमें एनीमिया, कैल्शियम आदि की पर्याप्त खुराक दिए जाने पर जोर दिया जा रहा है।

इसे देखते हुए मिड डे मील योजना से जुड़े बच्चों के लिए राजस्थान सरकार मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना (CM Bal Gopal scheme) लेकर आई है। आज इस पोस्ट में हम इस योजना के बारे में विसर से जानकारी प्रदान करेंगे। आपको बताएंगे कि यह राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना क्या है? इसका लाभार्थी कौन होगा? इस योजना को सप्ताह में कितनी बार चलाया जाएगा? इससे राज्य में कितने बच्चे लाभान्वित होंगे? योजना की गुणवत्ता बनाए रखने की जिम्मेदारी किसकी होगी? आदि। आइए, शुरू करते हैं-

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राजस्थान में कितने सरकारी विद्यालय हैं? (How many government schools are there in Rajasthan?)

दोस्तों, राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के बारे में जानने से पूर्व आइए, आपको जानकारी दे दें कि राजस्थान में वर्तमान में कुल सरकारी विद्यालय, मदरसे एवं अन्य प्रशिक्षण केंद्र हैं? दोस्तों, आपको बता दें कि राजस्थान राज्य में कुल 15,697 सरकारी विद्यालय हैं। इनमें से 3825 माध्यमिक स्तर के विद्यालय हैं, जबकि 11,872 प्राथमिक विद्यालय हैं। इन सभी में समितियां काम कर रही हैं।

दोस्तों, आपको बता दें कि करीब एक लाख 64 हजार शिक्षक इन विद्यालयों में कार्यरत हैं। राजस्थान में सरकारी स्कूलों में नामांकन कराने वाले छात्रों की संख्या में धीरे धीरे कमी आ रही है। इसे देखते हुए सरकार द्वारा नामांकन संख्या बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की प्रोत्साहन योजनाएं भी संचालित की जा रही है।

अब बात करते हैं मदरसों की। मित्रों, आपको बता दें कि राजस्थान में प्रदेश भर में इस समय कुल 3454 मदरसे संचालित किए जा रहे हैं। राजस्थान के अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय (minority muslim community) में शिक्षा के प्रति जागृति लाने के लिए यह मदरसे संचालित किए जा रहे हैं। आपको लगे हाथों यह जानकारी भी दे दें दोस्तों कि इन मदरसों में 422 उच्च प्राथमिक स्तर के मदरसे हैं, जबकि बचे हुए संचालित हो रहे 3032 मदरसे प्राथमिक स्तर (primary level) के हैं।

यदि आपको मदरसा शब्द का अर्थ नहीं पता तो आपको बता दें कि यह किसी भी प्रकार के शैक्षिक संस्थान के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला एक अरबी शब्द (Arabian word) है। चाहे वह धार्मिक (religious) हो अथवा धर्म निरपेक्ष (non religious) संस्थान। दोस्तों, विशेष प्रशिक्षण केंद्रों special (training centers) की बात करें तो वे 65,104 हैं। इनमें प्रारंभिक शिक्षा (primary education) के 48,892, जबकि माध्यमिक शिक्षा (middle level) के 14,424 केंद्र हैं। संस्कृत (Sanskrit) एवं अन्य भाषा के 1789 प्रशिक्षण केंद्र हैं।

राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना क्या है? इसके क्या उद्देश्य हैं? राजस्थान के कितने बच्चे इस योजना से लाभान्वित होंगे?
योजना का नामMukhyamantri Bal Gopal Yojana
शुरू की गईमुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के द्वारा
शुभारंभ29 नवंबर 2022
उद्देश्यछात्र-छात्राओं को पोषण प्रदान करने के लिए दूध का वितरण करना
लाभार्थीकक्षा 1 से 8 तक के बच्चे
राज्यराजस्थान
साल2022

राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना क्या है? (What is Rajasthan CM Bal Gopal scheme?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना, जैसे कि नाम से ही स्पष्ट है, राजस्थान प्रदेश सरकार द्वारा प्रारंभ की गई है। इस योजना के केंद्र में प्रदेश में निवास कर रहे मिड डे मील योजना से जुड़े कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चे हैं। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा एक से आठवीं तक क्लास में अध्ययन कर रहे बच्चों को मिड डे मील (Mid day meal) में दूध उपलब्ध कराया जाएगा।

कक्षा एक से लेकर पांच साल तक के बच्चों को 150 मिलीलीटर, जबकि कक्षा छह से लेकर कक्षा आठ तक के बच्चों को कुल 200 मिलीलीटर दूध वितरित (distribute) किया जाएगा। यह दूध क्रमशः 15 ग्राम एवं 20 ग्राम मिल्क पाउडर (Milk Powder) से तैयार किया जाएगा। इसमें चीनी (sugar) की मात्रा भी क्रमशः 8.4 ग्राम एवं 10.2 ग्राम रहेगी।

राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का शुभारंभ कब और किसने किया है? (When and who launched the Rajasthan CM Bal Gopal scheme?)

आपको बता दें दोस्तों कि इस राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का शुभारंभ राजस्थान की कांग्रेस नीत राज्य सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) द्वारा 29 नवंबर, 2022 को राजस्थान की ही राजधानी जयपुर (Jaipur) में स्थित अपने निवास से ही किया गया है। जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत मिड डे मील योजना के तहत दूध उपलब्ध कराया जाएगा तो यह जानना समीचीन होगा कि मिड डे मील योजना क्या है?

मित्रों, आपको बता दें कि मिड डे मील योजना का शुभारंभ आज से करीब 27 वर्ष पूर्व 15 अगस्त, सन् 1995 में केंद्रासीन कांग्रेस सरकार द्वारा किया गया था। इसका लक्ष्य प्राथमिक स्कूल के छात्रों को दिन में कम से कम एक बार पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना था। अभी भी सरकारी एवं सह-सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से लेकर कक्षा पांच तक के बच्चों को दोपहर में गर्म भोजन मुहैया कराया जाता है। ढेरों ऐसे मां-बाप एवं अभिभावक हैं, जो बच्चों को पौष्टिक भोजन मिले, इस लालच में उन्हें स्कूल भेजते हैं। इससे बच्चों की सरकारी स्कूलों में नामांकन संख्या में भी काफी सुधार हुआ था।

राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना क्या है? इसके क्या उद्देश्य हैं? राजस्थान के कितने बच्चे इस योजना से लाभान्वित होंगे?

राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का क्या उद्देश्य है? (What is the objective of Rajasthan CM Bal Gopal scheme?)

मित्रों, अब आप यह अवश्य जानना चाहते होंगे कि सरकार मिड डे मील योजना होने के बावजूद राजस्थान सरकार विशेषकर यह योजना क्यों लेकर आई है? इस योजना के माध्यम से वह क्या करना चाहती है? उसका क्या उद्देश्य है तो हम आपको बता दें कि इस योजना के माध्यम से सरकार का यह लक्ष्य है-

  • बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना।
  • बच्चों में कैल्शियम एवं एनीमिया की दिक्कत को दूर करना।
  • सरकारी स्कूलों में नामांकन में बढ़ोत्तरी करना।
  • स्कूलों में हाजिरी का स्तर बढाना।
  • सरकारी विद्यालयों में बच्चों के ड्राप आउट रेट को रोकना।

बाल गोपाल योजना के तहत कौन कौन से दिनों में दूध वितरण होगा? (In Which days the children will get milk under Bal Gopal scheme?)

मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के अंतर्गत बच्चों को सप्ताह (week) में दो बार दूध वितरण (milk distribution) किया जाएगा। ये दो दिन मंगलवाल एवं शुक्रवार (Tuesday and Friday) निर्धारित किए गए हैं। यह दूध बच्चों को स्कूल में प्रार्थना सभा के पश्चात पिलवाया जाएगा। आपको यह भी बता दें दोस्तों कि यदि दूध वितरण के दिन विद्यालय में अवकाश (holiday) है तो ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों को अगले शैक्षणिक दिवस पर मिड डे मील में दूध वितरण किया जाएगा। सरकार इस कदम से बच्चों को पोषण प्रदान करना, उन्हें ताकतवर बनाना चाहती है।

राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना किन विद्यालयों में लागू की गई है? (In which schools this Rajasthan CM Bal Gopal scheme has been implemented?)

साथियों, आपको बता दें कि राजस्थान प्रदेश (Rajasthan state) के राजकीय विद्यालयों, मदरसों एवं विशेष प्रशिक्षण केंद्रों के लिए यह योजना लाई गई है। यानी कि योजना को विस्तृत फलक पर लागू किया गया है। बच्चों को पोषण देने के लिए यहां आवश्यक रूप से मिड डे मील में निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार दूध वितरित किया जाएगा।

दोस्तों, लगे हाथों आपको यह जानकारी भी दे दें कि इस योजना के लिए दूध की खरीद राजस्थान सरकार (Rajasthan government) द्वारा राजस्थान कोआपरेटिव डेयरी फाउंडेशन (Rajasthan co-operative dairy foundation) से की जाएगी। प्रार्थना सभा के पश्चात बच्चों को दूध वितरण की सारी जिम्मेदारी संबंधित विद्यालय प्रबंधन (school management,) की होगी। इसके साथ ही दूध की गुणवत्ता मापने (quality assessment) का जिम्मा भी विद्यालय प्रबंधन समिति एवं राजस्थान को-आपरेटिव डेयरी फाउंडेशन मिलकर उठाएंगे।

राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के दायरे में प्रदेश के कितने विद्यार्थी आएंगे? (How many students of Rajasthan will be covered under this Rajasthan CM Bal Gopal scheme?)

मित्रों, अपको जानकारी दे दें कि राजस्थान राज्य के कुल 69 लाख, 21 हजार विद्यार्थी इस राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के दायरे में आएंगे। यह तो हम आपको बता ही चुके होंगे कि सरकार ने बच्चों में कुपोषण की समस्या को देखते हुए इस योजना का शुभारंभ किया था। बच्चों के रूटीन चेकअप में एनीमिया (animia) रोग सहित प्रोटीन एवं कैल्शियम (Protein and calcium) आदि पोषक तत्वों की कमी देखने को मिली थी। ऐसे में कैल्शियम, प्रोटीन से भरपूर से दूध उनको ताकत देगा, ऐसा मानना स्वाभाविक है।

मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना कहां की सरकार लाई है?

यह योजना राजस्थान की अशोक गहलोत नीत कांग्रेस सरकार लाई है।

राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना की खासियत क्या है?

इस योजना के अंतर्गत मिड डे मील योजना से जुड़े बच्चों को सप्ताह में दो दिन दूध उपलब्ध कराया जाएगा।

किस कक्षा के बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा?

कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक में अध्ययनरत बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा।

इस योजना का उद्देश्य क्या है?

इस योजना का प्रमुख उद्देश्य बच्चों में कुपोषण को दूर करना है। योजना के अन्य उद्देश्य जानने के लिए ऊपर पोस्ट देखें।

इस योजना में किन विद्यालयों एवं संस्थानों को शामिल किया गया है?

इस योजना में राज्य के सरकारी यानी राजकीय विद्यालयों, मदरसों एवं विशेष प्रशिक्षण केंद्रों को शामिल किया गया है।

प्रदेश के कितने बच्चे इस योजना से लाभान्वित होंगे?

प्रदेश के कुल 69 लाख से अधिक बच्चे इस योजना से लाभान्वित होंगे।

बच्चों को सप्ताह में कितने दिन योजना के तहत दूध मिलेगा?

बच्चों को सप्ताह में दो दिन मंगलवार एवं शुक्रवार को इस योजना का लाभ मिलेगा।

यदि स्कूल में मंगलवार एवं शुक्रवार को अवकाश हो तो ऐसे में क्या होगा?

ऐसे में बच्चों को अवकाश के पश्चात अगले शैक्षणिक दिवस में दूध उपलब्ध कराया जाएगा।

बच्चों को बाल गोपाल योजना के अंतर्गत दूध की कितनी मात्रा मुहैया कराई जाएगी?

इस योजना के अंतर्गत कक्षा एक से लेकर पांच तक के बच्चों को 150 मिलीलीटर, जबकि कक्षा छह से लेकर कक्षा आठ तक के बच्चों को 200 मिलीलीटर दूध उपलब्ध कराया जाएगा।

बच्चों को दूध की खुराक कब दी जाएगी?

बच्चों को प्रार्थना सभा के तुरंत बाद मिड डे मील में दूध की खुराक दी जाएगी।

बच्चों को दूध पिलवाने की जिम्मेदारी किसके कंधों पर रहेगी?

बच्चों को दूध पिलवाने की जिम्मेदारी विद्यालय प्रबंधन समिति के कंधों पर रहेगी।

दूध की गुणवत्ता कौन मापेगा?

दूध की गुणवत्ता विद्यालय प्रबंधन समिति एवं राजस्थान को-आपरेटिव डेयरी फाउंडेशन संयुक्त रूप से मापेंगे।

दोस्तों, हमने आपको इस पोस्ट (post) में बताया कि राजस्थान मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना क्या है? यदि आपके बच्चे भी राजस्थान के स्कूलों में पढ़ रहे हैं और मिड डे मील के लाभार्थी हैं, तो निश्चित रूप से वे भी इस योजना के लाभार्थी होंगे। यदि इस योजना के संबंध में आपका कोई सवाल अथवा सुझाव है तो उसे बेखटके नीचे दिए गए कमेंट बाक्स (comment box) में कमेंट (comment) कर हम तक पहुंचा सकते हैं।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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