केंद्र सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति की घोषणा की जा चुकी है। इस नीति को कैबिनेट द्वारा मंजूरी भी दी जा चुकी है। नई शिक्षा नीति लागू होने के पश्चात स्कूल से कॉलेज स्तर शिक्षा प्रणाली में कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। ये बदलाव न केवल छात्र-छात्राओं बल्कि शिक्षकों की कार्य प्रणाली पर भी बड़ा प्रभाव डालेंगे। आज हम आपको नई शिक्षा नीति एवं इसके जरिए शिक्षा प्रणाली में होने वाले नए बदलावों पर जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-
शिक्षा नीति क्या है? [What is education policy?]
दोस्तों, नई शिक्षा नीति पर बात करने से पहले यह जान लेते हैं कि शिक्षा नीति का क्या अर्थ है। साथियों, आपको बता दें कि शिक्षा प्रणाली को कंट्रोल यानी नियंत्रित करने वाले सभी सिद्धांतों एवं नियम-कानूनों के समुच्चय को शिक्षा नीति अथवा एजुकेशन पालिसी (Education policy) कहा जाता है।
नई शिक्षा नीति 2020 डिटेल्स –
जानकारी का नाम | नई शिक्षा नीति 2020 |
कब लागू हुई | जुलाई 2021 |
उद्देश्य क्या है | बच्चों को शिक्षा और प्रभावी ढंग से उपलब्ध कराना |
लाभ | बच्चों को सर्व सुलभ, बुनियादी शिक्षा और व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त होगी |
ऑफिशल वेबसाइट | https://ncte.gov.in/ |
नई शिक्षा नीति कब लागू हुई –
दोस्तों, जुलाई, 2020 में देश की नई शिक्षा नीति को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिली। इसके बाद इसे राज्यों की सहमति के आधार पर लागू किया गया। तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ रमेश पोखरियाल निशंक ने इसे बड़ा बदलाव लाने वाली नीति करार दिया ।
नई शिक्षा नीति के उद्देश्य क्या हैं?
1. शिक्षा को सर्वसुलभ बनाना, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। इसके लिए सौ फीसदी जीईआर पर फोकस।
2. बच्चों में बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान विकसित करना। इसके लिए निपुण यानी नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन पठन विथ अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरसी (national initiative for proficiency in reading with understanding and numeracy) योजना चलाई जाएगी।
3. शुरू से ही व्यवसायिक शिक्षा का समावेश – दोस्तों, यह किसी से छिपा नहीं है कि हमारे देश में व्यावसायिक शिक्षा लेने वाले छात्रों की संख्या बहुत कम है। आंकड़ों पर गौर करें तो 18-24 आयु वर्ग के 5% से भी कम छात्र औपचारिक व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण करते हैं। जबकि अन्य देशों में यह संख्या 50% से 75% के बीच है। केंद्र सरकार का फोकस यह प्रतिशत बढ़ाने पर है, ताकि बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
4. बच्चों के लिए शिक्षा को रुचिकर बनाना, सर्वांगीण विकास – बच्चों को उनके मनपसंद विषय पढ़ने की आजादी देकर उनके लिए शिक्षा को दिलचस्प एवं आनंदमय बनाने का उद्देश्य है। साथ ही उनके सर्वांगीण विकास पर फोकस है।
5. आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम – बच्चों को आरंभ ही व्यावसायिक स्किल का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश रहेगी। इससे आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना साकार हो सकेगी।
नई शिक्षा नीति के खास-खास बिंदु –
मित्रों, अब आपको एक नजर में नई शिक्षा नीति के खास खास बिंदुओं के बारे में जानकारी देते हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-
- 1. मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय को शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा।
- 2. सन् 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जीईआर (gross enrolment ratio) के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का समावेश किया जाएगा।
- 3. 12वीं तक 10+2 पैटर्न के स्थान पर 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा।
- 4. ड्रापआउट रेट को कम किया जाएगा।
- 5. पाठ्यचर्या को दिलचस्प एवं प्रासंगिक बनाया जाएगा।
- 6. शिक्षा व्यवस्था को लचीला बनाया जाएगा, ताकि छात्र मनपसंद विषय पढ़ सकें, मसलन कोई भी स्ट्रीम ले सकें।
नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा में क्या बदलाव हुए?
दोस्तों, नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा में कुछ बदलाव किए गए हैं, जो कि इस प्रकार से हैं-
- रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स शामिल किए गए।
- बच्चों के लिए नए स्किल: कोडिंग कोर्स शुरू।
- कक्षा 6 से ही वोकेशनल कोर्स शुरू होगा।
- एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को मेन करिकुलम में शामिल किया जाएगा।
- 3 से 6 साल के बच्चों के लिए अर्ली चाइल्डहुड केयर एवं एजुकेशन।
- एनसीईआरटी की ओर से फाउंडेशनल लिट्रेसी एवं न्यूमेरेसी पर नेशनल मिशन।
- नई नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क तैयार : बोर्ड एग्जाम दो भाग में (सेमेस्टर प्रणाली) होंगे।
- स्कूल लेवल पर वोकेशनल स्टडी पर फोकस।
- कक्षा 6-8 के लिए राज्यों एवं स्थानीय समुदायों द्वारा तय किए गए महत्वपूर्ण व्यावसायिक शिल्पों जैसे- बढ़ईगीरी, बिजली का काम, धातु का काम, बागवानी, मिट्टी के बर्तन बनाने आदि से जुड़े व्यवसायों की जानकारी प्रदान की जाएगी। साथ ही,10 वीं की पढ़ाई के दौरान कुछ समय के लिए 10 दिन का बैगलेस पीरियड यानी इंटर्नशिप भी प्रदान जाएगी।
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नई शिक्षा नीति से उच्च शिक्षा में क्या बदलाव हुए?
मित्रों, अब आपको बताते हैं कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उच्च शिक्षा में क्या क्या बदलाव किए गए हैं। ये इस प्रकार से हैं-
- 1. मेंटरिंग के लिए राष्ट्रीय मिशन
- 2. 8 क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्सेस।
- 3. हायर एजुकेशन के लिए एक ही नियामक यानी रेग्यूलेटर (regulator)
- 4. सरकारी एवं प्राइवेट शिक्षा के समान मानक।
- 5. लीगल एवं मेडिकल एजुकेशन शामिल नहीं
- 6. पांच साल के कोर्स वालों को एमफिल में छूट।
- 7. कॉलेजों के एक्रेडिटेशन के आधार पर ऑटोनॉमी।
- 8. उच्च शिक्षा में मल्टीपल इंट्री (multiple entry) एवं एग्जिट (exit) का विकल्प रहेगा।
- 9. नेशनल रिसर्च फाउंडेशन यानी एनआरएफ (NRF) की स्थापना।
- 10. शिक्षा में तकनीकी को बढ़ावा।
नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा प्रणाली को कितने भागों में बांटा गया?
दोस्तों, यह एक अच्छी व्यवस्था की गई है। आपको बता दें कि स्कूली शिक्षा को जीवन का आधार मानते हुए नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा प्रणाली को चार भागों में बांटा गया है। ये इस प्रकार से हैं-
1. फाउंडेशन स्टेज [Foundation stage] –
दोस्तों, फाउंडेशन स्टेज 3 से 8 साल तक के बच्चों से संबंधित है। इसमें 3 साल की प्री स्कूल शिक्षा और 2 साल की स्कूली शिक्षा (कक्षा एक तथा दो) शामिल है। इस स्टेज में बच्चों के कौशल यानी skill एवं शिक्षण के विकास पर पूरा ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
2. प्रिप्रेटरी स्टेज [Preparatory stage] –
मित्रों, इस स्टेज के तहत 8 साल से लेकर 11 साल तक के बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाएगी। यानी इसमें कक्षा 3 से 5 तक के बच्चे शामिल किये गए हैं। बच्चों के संख्यात्मक कौशल (numeracy skills) एवं भाषा का विकास प्राथमिकता रहेगी। इस स्टेज में बच्चों को क्षेत्रीय भाषा (regional language) में भी पढ़ाया जाएगा।
3. मिडिल स्टेज [Middle stage] –
इस स्टेज में कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को शामिल किया जाएगा। कक्षा 6 से बच्चों को कोडिंग (coding) सिखाए जाने की व्यवस्था रहेगी। उन्हें व्यवसायिक प्रशिक्षण के साथ इंटर्नशिप भी प्रदान की जाएगी।
4. सेकेंडरी स्टेज [Secondary stage] –
इस स्टेज में कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को शामिल किया गया है। पहले छात्र छात्राएं साइंस, कॉमर्स तथा आर्ट्स स्ट्रीम लिया करते थे, अब इसे खत्म कर दिया गया है। वे अपनी पसंद का सब्जेक्ट ले सकते हैं। वे साइंस के साथ कॉमर्स अथवा कॉमर्स के साथ आर्ट्स के विषय भी ले सकते हैं।
नई शिक्षा नीति के माध्यम से 181 कार्यों को पूर्ण किया जाएगा –
साथियों, आपको जानकारी दे दें कि केंद्र सरकार की ओर से 181 कार्यों की पहचान की गई है। ये ऐसे कार्य हैं, जिन्हें नई शिक्षा नीति के माध्यम से पूरा किया जाएगा। जैसे स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम, रीजनल लैंग्वेज एजुकेशन, यूनिवर्सिटी डिग्री, क्रेडिट बैंक सिस्टम आदि।
दोस्तों, आपको बता दें कि कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गोवा जैसे राज्यों में सरकारों ने इन कार्यों के लिए टास्क फोर्स (task force) का गठन किया है। कर्नाटक की टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है। जहां यह सुझाव दिया गया है कि यह नीति 2021 में लागू की जाएगी, लेकिन अभी तक राज्य और केंद्र सरकारों ने इन सिफारिशों पर अपनी सलाह नहीं दी है।
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत लाइव डैशबोर्ड –
देश की नई शिक्षा नीति यानी न्यू एजुकेशन पॉलिसी (new education policy) को इसरो के प्रमुख डॉक्टर कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में तैयार किया गया है। केंद्र सरकार की ओर से इस नई शिक्षा नीति के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए जून, 2021 से एक लाइव डैशबोर्ड लांच करने की घोषणा भी की गई है। इस लाइव डैशबोर्ड (live dashboard) की सहायता से क्रियान्वयन की प्रक्रिया की मानिटरिंग (monitoring) की जाएगी।
उच्च शिक्षा विभाग को क्रियान्वयन एवं समीक्षा का जिम्मा –
नई शिक्षा नीति के तहत मंत्रालय के माध्यम से एक क्रियान्वयन और समीक्षा समिति का गठन किया गया है। इसका जिम्मा उच्च शिक्षा विभाग को सौंपा गया है। यदि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में कोई लाहपरवाही या कमी पाई जाती है तो राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारियों को इस कमी के लिए जवाब देना होगा।
नई शिक्षा नीति में शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। ये इस प्रकार से हैं-
1. टीईटी के पैटर्न में बदलाव
शिक्षक गुणवत्ता के तहत सबसे पहले शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी (TET) के प्रारूप (format) में बदलाव किया गया है। टीईटी का पैटर्न भी स्कूली शिक्षा फार्मेट के आधार पर सेट किया जाएगा। विषय शिक्षकों की भर्ती के समय टीईटी या संबंधित विषयों में एनटीए टेस्ट स्कोर की जांच होगी। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) सभी विषयों की परीक्षा एवं कॉमन एप्टीट्यूड टेस्ट कराएगी।
2. चार साल की B.Ed
नई शिक्षा नीति के तहत B.Ed की अवधि को बढ़ाकर 4 साल कर दिया गया है। 2030 के अंत तक किसी भी शिक्षक के लिए न्यूनतम योग्यता 4 वर्षीय B. Ed प्रोग्राम होगी। आपको बता दें कि निर्धारित मानकों का पालन नहीं करने वाले सभी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
3. मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा
बच्चों को उनकी मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाता है, तो वे पाठ को ज्यादा अच्छी तरह समझते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए बच्चों को पांचवीं तक उनकी मातृभाषा अथवा क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाएगा। पाठ्य पुस्तकों को भी क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। बच्चों और शिक्षक के बीच बातचीत का माध्यम भी क्षेत्रीय भाषा ही होगी। पहली कक्षा से ही बच्चों को दो से तीन भाषाएं पढ़ाई जाएंगी।
4. शिक्षकों की भर्ती होगी
यदि स्थानीय अथवा क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले शिक्षकों की कमी है तो ऐसी स्थिति में इन भाषाओं के ने शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। रिटायर हो रहे शिक्षकों को भी दोबारा बुलाया जा सकता है।
5. विदेशी भाषा सिखाने पर जोर
स्कूलों में विदेशी भाषा के शिक्षकों को रखा जाएगा। बच्चे माध्यमिक विद्यालय में अपनी पसंद की विदेशी भाषा सीख सकेंगे। इसमें फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश, चीनी, जापानी आदि भाषाएं शामिल हैं।
देश में अब तक कितनी शिक्षा नीति बनाई जा चुकी हैं?
दोस्तों, आपको बता दें कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी यानी NEP को वर्ष 2020 में पेश किया गया है। 1968 और 1986 के बाद यह देश की तीसरी शिक्षा नीति है। यह शिक्षा नीति आने वाले दो दशकों के लिए डिज़ाइन की गई है। इस शिक्षा नीति को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। मंत्रालय ने हितधारकों के सुझाव प्राप्त करने के लिए शिक्षा उत्सव का भी आयोजन किया था।
MyNEP2020 प्लेटफार्म पर कैसे रजिस्ट्रेशन करें? [How to register on MyNEP2020 platform?]
न्यू अपडेट – पोर्टल पर नए रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए गए हैं अब नए यूज़र अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते हैं। यदि आपको कोई परेशानी या कोई सवाल हो तो विभाग से acad@ncte-india.org पर कांटेक्ट कर सकते हैं।
दोस्तों, यदि आप MYNEP2020 प्लेटफार्म पर रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि इसके लिए आपको नीचे दिए गए कुछ आसान से steps follow करने होंगे-
Total Time: 20 minutes
MYNEP2020 की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं –
सबसे पहले आपको MYNEP2020 प्लेटफार्म की official website https://ncte.gov.in/nep/ पर जाना होगा। आप यहां क्लिक करके डायरेक्ट भी वेबसाइट पर जा सकते हैं।
रजिस्ट्रेशन ऑप्शन पर क्लिक करें –
इसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल जाएगा। यहां आपको रजिस्ट्रेशन के option पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा।
रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरे –
यहां आपको पूछी गई सारी जानकारी जैसे नाम, जन्म तिथि लिंग, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि सही सही भरनी होगी।
फॉर्म सबमिट करें –
इसके बाद आपको register के option पर क्लिक कर देना है। इस तरह आपकी MyNEP प्लेटफार्म पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। अब आप अपने अकाउंट में लॉगिन कर सकते हैं।
MYNEP2020 प्लेटफॉर्म में कैसे लॉगइन करें?
- सबसे पहले आपको MYNEP प्लेटफार्म की official website https://ncte.gov.in/Website/Hindi/Index.aspx पर जाना होगा। आप यहां क्लिक करके डायरेक्ट भी ऑफिशियल वेबसाइट पर जा सकते हैं।
- अब आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल जाएगा। यहां आपको login के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा। इस पेज में आपको अपना यूजरनेम, पासवर्ड और कैप्चा कोड भरना होगा।
- इतना करने के बाद login के option पर click कर दें। आपकी login process पूरी हो जाएगी।
MYNEP2020 हेल्पलाइन नंबर / कांटेक्ट डिटेल्स
दोस्तों, यदि आपके नई शिक्षा नीति को लेकर कोई सवाल है अथवा किसी किस्म का असमंजस है तो आप नीचे दी गई ईमेल आईडी एवं टेलीफोन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं –
Email Id- dkchaturvedi@ncte-india.org
Telephone Number- 011- 20893267, 011-20892155
नई शिक्षा नीति से जुड़े सवाल-जवाब
नई शिक्षा नीति को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी कब मिली?
केंद्रीय कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति पर जुलाई, 2020 में मुहर लगाई।
यह कौन सी राष्ट्रीय शिक्षा नीति है?
यह देश की तीसरी राष्ट्रीय शिक्षा नीति है।
इससे पूर्व देश में शिक्षा नीति कब कब लाई गई?
इससे पूर्व देश में 1968 में पहली एवं 1986 में दूसरी शिक्षा नीति लाई गई।
नई शिक्षा नीति के तहत जीईआर कब तक सौ फीसदी करने का लक्ष्य है?
नई शिक्षा नीति के तहत जीईआर 2030 तक सौ फीसदी करने का लक्ष्य है।
क्या अब कोई एक स्ट्रीम चुनने की बाध्यता समाप्त हो जाएगी?
जी हां, नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को मनपसंद विषय पढ़ने का अवसर प्राप्त होगा।
नई शिक्षा नीति में शिक्षकों से जुड़े खास बदलाव क्या हैं?
शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी के पैटर्न में बदलाव एवं बीएड को चार साल का किया जाना शिक्षकों के नजरिए से बड़े बदलाव हैं।
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