भारत के पड़ोसी देश नेपाल से रिश्ते ज्यादातर सुखद रहे हैं। यद्यपि पिछले कुछ समय से छोटे देशों में शुमार नेपाल कई मौकों पर भारत को आंखें भी दिखा चुका है। इसी बीच नेपाल में नागरिकता कानून में एक बड़ा संशोधन हुआ है, जिससे भारत समेत दुनिया की महाशक्ति माने जाने वाले चीन पर भी असर देखने को मिलेगा। नेपाली नागरिकता कानून संशोधन क्या है? आज इस पोस्ट में हम आपको इस संबंध में जानकारी देंगे। आइए शुरू करते हैं-
नेपाली नागरिकता कानून क्या है?(what is Nepali citizenship law?)
मित्रों, इससे पूर्व कि हम नेपाली नागरिकता कानून संशोधन (Nepali citizenship law amendment) के बारे में जाने पहले समझ लेते हैं कि नेपाली नागरिकता कानून क्या है? (What is Nepali citizenship law?) दोस्तों, आपको बता दें कि आज से करीब आठ वर्ष पूर्व सन् 2015 में नेपाल में नया संविधान (new construction) जारी किया गया था। उस वक्त नेपाल की केपी ओली सरकार द्वारा भारतीय महिलाओं के नेपाल में शादी करने के बाद नागरिकता संबंधी पुराने प्रावधान को खत्म कर दिया गया और भारतीय महिलाओं को नेपाल में शादी करने के 7 साल के बाद नागरिकता देने के प्रावधान संबंधी नागरिकता बिल लाया गया।
उस समय मधेशी (madheshi) दलों के विरोध के चलते यह बिल संसदीय समिति (parliamentry committee) में पास होने के बावजूद संसद के किसी भी सदन में पेश तक नहीं किया जा सका। बाद में नेपाल की देउवा सरकार द्वारा पुराने बिल को वापस लेने का निर्णय लेते हुए नया बिल लाया गया और उसे संसद से पारित भी करवा दिया गया।
नेपाल के नए संविधान में नेपाल में शादी करके आने वाली महिलाओं को न सिर्फ नागरिकता से वंचित कर दिया गया था, बल्कि उनके राजनैतिक अधिकार (political rights) को भी खत्म कर दिया गया था। इस नागरिकता कानून का पिछली सरकार के कारण दोनों देशों के बीच चले आ रहे पारिवारिक रिश्तों पर भी असर पड़ा था। इसके पश्चात नेपाल एवं भारतीय के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के बीच बनने वाले वैवाहिक संबंधों पर भी करीब 80 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई थी।
नेपाली नागरिकता कानून संशोधन क्या है? (What is Nepali citizenship law amendment?)
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि एक जून, 2023 को नेपाल के राष्ट्रपति (Nepal’s president) रामचंद्र पौडेल (Ram Chandra paudel) द्वारा नेपाली नागरिकता कानून (Nepali citizenship law) में संशोधन (amendment) के विधेयक (bill) को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। उनके द्वारा नेपाल के संविधान (Nepal’s construction) के अनुच्छेद (article) 61 (2), (3), (4) एवं अनुच्छेद 66 के अनुसार यह मंजूरी दी गई। इसके साथ ही तथा सुप्रीम कोर्ट (supreme court) द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत के अनुसार बिल को प्रमाणित भी किया गया।
दोस्तों, नेपाली नागरिकता कानून में इस संशोधन के मुताबिक, अब कोई भी विदेशी महिला किसी नेपाली से शादी करने के साथ ही नेपाल की नागरिकता ले सकेगी। इसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं रह जाएगी। वहीं, संबंधित विदेशी महिला का नेपाली की संपत्ति पर भी अधिकार होगा। इसके अतिरिक्त उन्हें राजनैतिक हक भी होगा। यहां पर आपको यह भी साफ कर दे कि नेपाल में दोहरी नागरिकता (double citizenship) का प्रावधान (provision) नहीं है।
नेपाली नागरिकता कानून में संशोधन पर इसके पड़ोसी देशों का क्या रूख है? (What is the stand of Nepal’s neighbouring countries on this amendment?)
दोस्तों, यह तो आप भी जानते होंगे कि भारत और महाशक्ति माने जाने वाला चीन यह दोनों ही नेपाल के पड़ोसी देश हैं। नेपाली नागरिकता कानून में संशोधन से भारत की महिलाओं को लाभ होगा, क्योंकि यहां की कई महिलाओं ने नेपाल के लोगों से शादी की है। लेकिन नेपाली नागरिकता कानून में संशोधन के इस कदम से चीन (china) निश्चित रूप से भड़क सकता है क्योंकि नेपाली नागरिकता कानून में इस संशोधन का लाभ तिब्बती महिलाओं (tibbten women) को भी होगा।
लिहाजा, चीन इस संशोधन के समर्थन में नहीं। वह पहले भी इस कानून को लेकर नेपाल (Nepal) को चेताता रहा है। उसे इस बात का डर है कि नागरिकता कानून (citizenship law) में इस संशोधन (amendment) के द्वारा तिब्बती शरणार्थियों के वंशजों को भी नागरिकता (citizenship) एवं संपत्ति (property) का अधिकार (right) मिल जाएगा। आपको बता दें दोस्तों की नेपाल में तिब्बती शरणार्थियों की विधिवत कोई गणना (census) अभी तक नहीं की गई है, लेकिन एक अनुमान के अनुसार वहां इनकी संख्या 13 हजार के करीब है। आप इसी से समझ सकते हैं कि भारत के बाद नेपाल को ही सबसे अधिक तिब्बती शरणार्थियों ने अपनी शरणगाह बनाया है।
नेपाली नागरिकता कानून में संशोधन का नेपाल में क्यों विरोध हो रहा है? (Why there is protest in Nepal against this amendment in citizenship law?)
दोस्तों नेपाली नागरिकता कानून संशोधन का मामला उस समय उठा है जबकि नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड कमल दहल भारत के दौरे पर हैं। नागरिकता कानून में संशोधन का विरोध करने वालों में नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली भी शामिल हैं। दोस्तों आपको बता दें कि नेपाल की प्रमुख विपक्षी पार्टी सीपीएन-यूएमएल (cpn-uml) का युवा संघ (youth federation) भी नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में उतरा हुआ है। नेपाली नागरिकता कानून में संशोधन का विरोध करने वाले इसे नेपाली संप्रभुता पर हमला बता रहे हैं।
उनका मानना है कि नागरिकता कानून में संशोधन नेपालियों के लिए खतरा बनकर खड़ा होगा। नेपाल भर में यूथ फेडरेशन द्वारा प्रदर्शन किए जा रहे हैं। उनके द्वारा नेपाल के राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री (president and prime minister) का पुतला (effigy) भी फूंका गया है। इसके अतिरिक्त यूथ फेडरेशन नेपाल के सदस्यों द्वारा राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल एवं प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के विरोध में नेपाल की राजधानी काठमांडू (Kathmandu) में भी मार्च किया गया है।
नेपाली नागरिकता कानून में संशोधन का भारत-नेपाल रिश्तों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? (What effect this Nepali citizenship law amendment will make on Indo-Nepal relations?)
दोस्तों, यह तो आप जानते ही होंगे कि भारत व नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध रहा है। भारत के मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश (uttar pradesh), उत्तराखंड (uttarakhand) एवं बिहार (Bihar) राज्यों से बड़ी संख्या में लड़कियों द्वारा नेपाल के युवाओं को हमसफ़र बनाया गया है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच बहुत लंबे समय से धार्मिक-सामाजिक (religious-social) संबंध भी रहे हैं।
लेकिन नेपाल में चीन समर्थक सत्ता के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास देखने को मिली। अब जबकि विद्या देवी भंडारी एवं केपी ओली क्रमशः राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री पद से हट चुके हैं तो भारत-नेपाल के बीच रिश्तों में फिर से गर्माहट आ रही है। नेपाली नागरिकता कानून में संशोधन को इसी रूप में देखा जा रहा है।
दोस्तों, आपको बता दें कि इससे पूर्व नागरिकता कानून में संशोधन का मसौदा नेपाल के दोनों सदनों में पास होने के बावजूद विद्या देवी भंडारी द्वारा पुनर्विचार के लिए लौटा दिया गया था। लेकिन सत्ता में परिवर्तन होने के साथ ही इस विधेयक को प्राथमिकता के आधार पर मंजूरी दी गई।
नेपाल के उच्चतम न्यायालय द्वारा इस बिल के संबंध में क्या कदम उठाया गया है? (What step has been taken by the supreme court of Nepal regarding this bill?)
साथियों, आपको बता दें कि नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के हस्ताक्षर के बाद नेपाली नागरिकता कानून में संशोधन इस विधेयक को बेशक मंजूरी मिल गई है, लेकिन इस बिल के विरोध में कई याचिकाएं वहां पर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गईं। जिसके बाद उच्चतम न्यायालय (supreme court) द्वारा इस कानून के क्रियान्वयन पर अंतरिम (interim) रोक लगा दी गई है। दोनों ही पक्षों को अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार है।
नेपाली नागरिकता कानून में क्या संशोधन किया गया है?
इस कानून के अंतर्गत किसी नेपाली से विवाह करने वाली विदेशी महिला को तुरंत वहां की नागरिकता मिल जाएगी साथियों को संपत्ति पर अधिकार होगा।
क्या नेपाल दोहरी नागरिकता को मान्यता देता है?
जी नहीं, नेपाल में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नहीं है।
नेपाली नागरिकता कानून में संशोधन का भारत पर क्या असर होगा?
नेपाली नागरिकता कानून में संशोधन भारत के हित में होगा। क्योंकि बड़ी संख्या में भारत की महिलाओं द्वारा नेपाली नागरिकों से शादी की गई है। ऐसे में उन्हें वहां की नागरिकता आसानी से हासिल हो सकेगी। अभी तक इस पहलू को लेकर उनके मस्तिष्क में असमंजस बना रहता था।
नेपाली नागरिकता कानून में संशोधन का चीन द्वारा समर्थन क्यों नहीं किया जा रहा है?
इस कानून के द्वारा तिब्बती महिलाओं को भी नेपाली नागरिक से शादी करने पर वहां की नागरिकता मिलेगी और संपत्ति का अधिकार होगा। यह चीन को बर्दाश्त नहीं है।
नेपाली नागरिकता कानून में संशोधन को लेकर वहां विपक्ष का क्या रूख है?
नेपाली नागरिकता कानून में संशोधन को लेकर विपक्ष का रूप से विरोध वाला है वह लगातार प्रदर्शन का क्रम जारी है।
विपक्ष द्वारा नेपाली नागरिकता कानून में संशोधन का विरोध क्यों किया जा रहा है?
उन्हें यह संशोधन नेपालियों की संप्रभुता पर हमला लग रहा है। और उनका विचार है कि इससे नेपाली लोग संकट में आ जाएंगे।
दोस्तों, उम्मीद करते हैं कि नेपाली नागरिकता कानून में संशोधन से संबंधित यह पोस्ट (post) आपको पसंद आई होगी। इस पोस्ट से जुड़ा अपना कोई भी सवाल, सुझाव या नसीहत आप हम तक नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट (comment) करके भेज सकते हैं। ।।धन्यवाद।।
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Hi
I m indian citizen and struggling with my citizenship from nepal, my husband passed away 3 years back in a road accident and now my brother in low dod not co-operate in my citizenehip formality. I have a daughter of 8 years old. I m struggling in cort and wada office for formalities of my citizenship.
What r the rights I have plz suggest of can i get some support from ngo i this.