नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है? | नेटवर्क टोपोलॉजी की परिभाषा, प्रकार व विशेषताएँ | Network topology kya hai

|| नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है? | Network topology kya hai | नेटवर्क टोपोलॉजी की परिभाषा | Network topology definition in Hindi | Bus topology kya hai | Mesh topology kya hai | Network topology kya hoti hai | टोपोलॉजी का हिंदी अर्थ क्या है? ||

Network topology kya hai :- अब हम एक जगह पर बैठे कंप्यूटर चला रहे होते हैं लेकिन उसी कंप्यूटर पर आपको दुनियाभर की सारी जानकारी और डाटा मिल जाता है। तो यह सब कैसे संभव हो पाता है तो आपका उत्तर होगा, इसक कारण है इंटरनेट। आपका उत्तर तो ठीक है क्योंकि इंटरनेट के जरिये आप उसी कंप्यूटर पर सभी प्रकार की जानकारी शेयर करते हैं लेकिन इसके अलावा भी कंप्यूटर को आपस में कनेक्ट करने का एक माध्यम होता है और उसे हम नेटवर्क टोपोलॉजी के नाम से जानते (Network topology in Hindi) हैं।

आपने शायद अभी तक नेटवर्क टोपोलॉजी का नाम इतना नहीं सुना हो लेकिन बड़ी बड़ी कंपनियों और सरकारी काम में इसका इस्तेमाल प्रमुखता के साथ किया जाता है। वह इसलिए क्योंकि इंटरनेट अपने साथ कई तरह की असुरक्षा लेकर आता है जिसे नेटवर्क टोपोलॉजी के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। इसमें एक ही जगह पर या अलग अलग जगह पर स्थापित कंप्यूटर या अन्य डिवाइस को एक दूसरे से कुछ इस तरह से जोड़ा जाता है कि यह एक दूसरे के साथ तेज गति के साथ डाटा सांझा कर सकते (Topology kya hai in Hindi) हैं।

ऐसे में यह नेटवर्क टोपोलॉजी क्या होती है और कैसे काम करती है। साथ ही नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकार कौन कौन से होते हैं और उनके माध्यम से किस तरह से काम किया जा सकता है, इत्यादि सभी के बारे में जानकारी आपको इस लेख में मिलने वाली है। इस लेख में हम आपके साथ नेटवर्क टोपोलॉजी के बारे में शुरू से लेकर अंत तक हरेक बारीक जानकारी सांझा करने वाले (Network topology kya hoti hai) हैं।

नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है? (Network topology kya hai)

यह विभिन्न कंप्यूटर व डिवाइस के बीच में नेटवर्क की एक लेयर या लेआउट होती है जो उन्हें आपस में जोड़ने का काम करती है। अब यह लेयर किस तरह की होती है या इन्हें किस तरह से आपस में जोड़ा जाता है, यह तो नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकारों पर निर्भर करता है जो भिन्न भिन्न होते हैं। फिर भी यदि हम नेटवर्क टोपोलॉजी की परिभाषा जानने चाहें तो इसमें तरह तरह के कंप्यूटर या सिस्टम को आपस में इस तरह से जोड़ा गया होता है कि वे एक दूसरे के साथ एक नेटवर्क का रूप बना लेते (What is network topology in Hindi) हैं।

Network topology kya hai

अब इसे हम एक उदाहरण से समझें तो हमारे घर में कितने कमरे होते हैं और एक घर में जाकर एक कमरे से दूसरे कमरे में जाया जा सकता है। तो इसका आधार होते हैं दरवाजे जिसके माध्यम से हम एक कमरे से दूसरे कमरे में जा सकते हैं। तो वैसा ही कुछ नेटवर्क टोपोलॉजी में होता है जिसमें तरह तरह के सिस्टम को एक दूसरे से कुछ इस तरह से जोड़ दिया जाता है कि वे एक दूसरे के साथ डाटा को सांझा कर सकते हैं या उनका आदान प्रदान करने में सक्षम होते (Network topology kya hai in Hindi) हैं।

अब इसका लाभ यह मिलता है कि बिना इंटरनेट कनेक्शन के ही एक कंप्यूटर या सिस्टम को दूसरे सिस्टम से जोड़ दिया जाता है जिस कारण सूचनाओं का निर्बाध रूप से आदान प्रदान किया जा सके। अब इसमें कंप्यूटर की संख्या कितनी होगी या कितने सिस्टम को एक दूसरे के साथ जोड़ा जाएगा और उनमें सूचना का आदान प्रदान किस माध्यम से होगा, यह आपको नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकारों को पढ़ कर अच्छे से समझ में (What is topology in computer network in Hindi) आएगा।

नेटवर्क टोपोलॉजी की परिभाषा (Network topology definition in Hindi)

नेटवर्क टोपोलॉजी का अर्थ होता है नेटवर्क के डिवाइसों और केबलों के इंटरकनेक्शन की एक बनावट, जो बताता है कि कैसे डाटा और संदेश एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में पहुंचते हैं। यह नेटवर्क के डिज़ाइन को दिखाने का काम करता है और डाटा के प्रवाह को भी देखता है। नेटवर्क टोपोलॉजी नेटवर्क की तर्ज़ में केबलों, स्विचों, राउटरों, हब्स, कंप्यूटरों और अन्य डिवाइसों के साथ कैसे इंटरकनेक्ट होते हैं, उनके साथ डेटा का प्रवाह कैसे होता है और नेटवर्क के अलग-अलग घटकों के बीच संचालन कैसे होता है, इसका निर्धारण करती (Define network topology in Hindi) है।

इसमें कई तरह से सिस्टम को एक दूसरे से जोड़ा गया होता है जिसे हम कई तरह के प्रकारों के नाम से जानते हैं। जैसे कि स्टार, बस, हाइब्रिड इत्यादि। तो यह सभी नेटवर्क टोपोलॉजी के ही प्रकार होते हैं, जिनके बारे में हम नीचे बात करने वाले हैं। आइये एक एक करके नेटवर्क टोपोलॉजी के सभी तरह के प्रकारों के बारे में विस्तार से जानकारी ले लेते हैं।

नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकार (Types of network topology in Hindi)

अभी तक आप नेटवर्क टोपोलॉजी के बारे में यह तो समझ ही चुके होंगे कि इसमें राऊटर, केबल, हब इत्यादि के द्वारा एक कंप्यूटर को अन्य कंप्यूटर से कुछ इस तरह से जोड़ दिया जाता है कि वह सभी आपस में सूचनाओं का आदान प्रदान कर पाने में सक्षम हो जाते हैं किन्तु इनके जोड़ने के तरीके के आधार पर ही इसके प्रकार भिन्न भिन्न होते (Network topology types in Hindi) हैं।

ऐसे में मुख्य रूप से नेटवर्क टोपोलॉजी के 6 प्रकार होते हैं, जिन्हें अलग अलग नाम दिए गए हैं। उनके द्वारा कंप्यूटर को आपस में जोड़ने की सरंचना और उसके कार्य करने की प्रणाली भी भिन्न हो जाती (What is the most popular network topology in Hindi) है। तो अब हम आपके सामने एक एक करके नेटवर्क टोपोलॉजी के सभी प्रकारों को विस्तार पूर्वक समझाने जा रहे हैं।

स्टार टोपोलॉजी (Star topology kya hai)

स्टार टोपोलॉजी (Star Topology) एक नेटवर्क टोपोलॉजी का प्रकार है जिसमें सभी नेटवर्क डिवाइस जैसे कि कंप्यूटर, प्रिंटर, सर्वर, राउटर एक केंद्रीय हब या स्विच के साथ कनेक्ट होते हैं। इसमें प्रत्येक डिवाइस केंद्रीय हब या स्विच से सीधा कनेक्ट होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि इसमें सभी डिवाइस आपस में सीधे कनेक्ट नहीं होते (Star topology kya hoti hai) हैं।

एक तरह से इसमें बीच में एक स्टार नाम का सिस्टम होता है जो मुख्य सिस्टम होता है और बाकि जितने भी कंप्यूटर होते हैं, वह उसी कंप्यूटर से ही कनेक्ट होते हैं। इस कारण उस मुख्य कंप्यूटर को हब का नाम दिया जाता है क्योंकि वही अपने से जुड़े सभी तरह के कंप्यूटर का हब होता (Star topology in Hindi) है।

स्टार टोपोलॉजी की विशेषताएँ:

  • केंद्रीय हब/स्विच: सभी कनेक्शन सेंट्रल हब या स्विच के माध्यम से पास होते हैं जिससे हब/स्विच डेटा को प्राप्त करता है और उसे उचित डिवाइस पर प्रेषित करता है।
  • आसान प्रबंधन: स्टार टोपोलॉजी आसानी से प्रबंधन की जा सकती है क्योंकि हर कनेक्टेड डिवाइस का अलग-अलग नेटवर्क कनेक्शन होता है और उन्हें सीधे हब/स्विच पर कन्फ़िगर किया जा सकता है।
  • सुरक्षा: स्टार टोपोलॉजी डेटा की सुरक्षा में मदद करती है क्योंकि प्रत्येक डिवाइस केंद्रीय हब/स्विच के माध्यम से ही डेटा बेजता है और डेटा के साथ डेटा कनेक्टेड डिवाइसों को प्राप्त करता है।
  • रिपेयरेबिलिटी: इसमें एक डिवाइस खराब होने पर बाकी डिवाइसों को प्रभावित नहीं करता है क्योंकि डेटा केंद्रीय हब/स्विच के माध्यम से जाता है और अन्य डिवाइसों को अन्य रूट पर पहुंचाया जा सकता है।
  • डेटा का प्रबंधन: स्टार टोपोलॉजी में डेटा का प्रबंधन केंद्रीय हब/स्विच द्वारा होता है, जिसमें डेटा के साथ डेटा कनेक्टेड डिवाइसों को प्राप्त करने और प्रेषित करने का नियंत्रण रहता है।

स्टार टोपोलॉजी का उपयोग छोटे से बड़े नेटवर्कों में किया जाता (Why use star topology in Hindi) है। यह एक बेहतर प्रदर्शन, प्रबंधन और सुरक्षा में बहुत सही रहता है।

बस टोपोलॉजी (Bus topology kya hai)

बस टोपोलॉजी (Bus Topology) में सभी नेटवर्क डिवाइस या कंप्यूटर एक ही केबल पर सीधे कनेक्ट होते हैं, जिसे बस कहा जाता है। इसमें एक ही केबल के दोनों ओर टर्मिनेटर्स (terminators) लगे होते हैं जो केबल को कंप्यूटर या सिस्टम से जोड़ने का काम करते हैं। इसे हम आपको एक उदाहरण देकर समझा देते हैं ताकि आप बस टोपोलॉजी के बारे में अच्छे से समझ (Bus topology kya hoti hai) सकें।

तो मान लीजिये कि एक बहुत ही बड़ी रस्सी है और उसे एक मैदान में लम्बा करके बिछाया गया है। अब इस रस्सी को दोनों और से कई तरह के लोगों ने पकड़ा हुआ है। तो बस कुछ ऐसा ही काम बस टोपोलॉजी में होता है जिसमें एक लंबी केबल को बिछाया जाता है और उसे दोनों ही छोर से कई तरह के कंप्यूटर ने पकड़ा होता है या उन्हें जोड़ा गया होता है। इसी केबल के माध्यम से ही सभी तरह के कंप्यूटर एक दूसरे के साथ सूचनाओं का आदान प्रदान करने में सक्षम होते (Bus topology in Hindi) हैं।

बस टोपोलॉजी की विशेषताएँ:

  • साधारण डिज़ाइन: इस टोपोलॉजी में केबल की आवश्यकता कम होती है और साधारण डिज़ाइन होता है।
  • सरल प्रबंधन: इस टोपोलॉजी का प्रबंधन करना सरल होता है क्योंकि सभी डिवाइस केबल पर सीधे कनेक्ट होते हैं।
  • समस्या के प्रकार: यदि केबल में किसी प्रकार की खराबी होती है तो पूरे नेटवर्क को प्रभावित कर सकती है क्योंकि खराब केबल से डेटा प्रवाह बंद हो जाता है।
  • कनेक्शन की संख्या: इस टोपोलॉजी में कनेक्शन की संख्या प्रत्येक नेटवर्क डिवाइस के लिए सीमित होती है क्योंकि हर कनेक्टेड डिवाइस को केबल पर केबल कनेक्टर के माध्यम से कनेक्ट किया जाता है।
  • सुरक्षित नहीं: बस टोपोलॉजी असुरक्षित हो सकती है क्योंकि किसी डिवाइस से दूसरे डिवाइस के डेटा को सुनना आसान होता है।
  • प्रदर्शन: पूरे नेटवर्क के लिए डेटा प्रदर्शन कम हो सकता है क्योंकि केबल पर जाने वाले डेटा को सभी डिवाइस प्राप्त करते हैं।

बस टोपोलॉजी का उपयोग आमतौर पर छोटे नेटवर्कों में किया जाता है, जब केबल की लंबाई और नेटवर्क की छोटी स्केल में जरूरत होती (Bus topology importance in Hindi) है। ऐसे में छोटे स्केल के काम के लिए इस तरह की नेटवर्क टोपोलॉजी का इस्तेमाल किया जाना सरल, प्रभावी व सस्त होता है जबकि बड़े स्तर पर इसका इस्तेमाल करना पेचीदा हो सकता है।

रिंग टोपोलॉजी (Ring topology kya hai)

रिंग टोपोलॉजी (Ring Topology) में सभी नेटवर्क डिवाइस एक ही लूप की तरह एक दूसरे से कनेक्ट होते हैं। इसमें सभी तरह की डिवाइस को एक दूसरे से दो छोर से जोड़ा गया होता है अर्थात रिंग टोपोलॉजी में सभी तरह के डिवाइस प्रत्यक्ष रूप से एक दूसरे से जुड़े तो होते हैं लेकिन वास्तविकता में वे दो अन्य डिवाइस से ही जुड़े होते हैं। यदि आप अभी भी नहीं समझ पाए हैं तो इसे भी हम उदाहरण देकर समझा देते (Ring topology kya hoti hai) हैं।

मान लीजिये कि आप अपने दोस्तों के साथ पार्क में गए हैं और वहां आप सभी ने एक विशाल घेरा या सर्किल बना लिया है। अब आप सभी ने एक दूसरे का हाथ पकड़ लिया है तो इस तरह से एक गोला बन जाएगा जिसमें सभी ने एक दूसरे का हाथ पकड़ा हुआ है। अब वास्तविकता में सभी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं लेकिन आपने तो दो जनों का ही हाथ पकड़ा हुआ है। तो कुछ ऐसा ही कनेक्शन इस रिंग टोपोलॉजी में किया जाता है जिसमें कंप्यूटर को रिंग का आकार देते हुए एक दूसरे से जोड़ दिया जाता (Ring topology kya hai in Hindi) है।

रिंग टोपोलॉजी की विशेषताएँ:

  • संचालन: प्रत्येक डिवाइस केबल के दोनों ओर सीधे संचालनों के साथ कनेक्ट होता है जिससे डेटा एक ही दिशा में प्रवाहित होता है।
  • सुरक्षा: रिंग टोपोलॉजी सुरक्षित हो सकती है क्योंकि डेटा का प्रवाह एक ही दिशा में होता है और डेटा को सुनना कठिन होता है।
  • स्थिरता: यदि एक डिवाइस खराब हो जाता है तो बाकी डिवाइसों को प्रभावित नहीं करता है क्योंकि डेटा रिंग के दूसरी ओर से भी प्रवाहित हो सकता है।
  • प्रदर्शन: डेटा का प्रदर्शन पूरी रिंग के लिए हो सकता है क्योंकि डेटा रिंग के सभी डिवाइसों को प्राप्त करता है, लेकिन केवल उस डिवाइस द्वारा प्राप्त किया जाता है जिसके लिए वह डेटा होता है।
  • संचालन की संख्या: इस टोपोलॉजी में प्रत्येक डिवाइस केवल दो संचालनों के साथ कनेक्ट होता है, जिससे बड़े नेटवर्कों के लिए यह संचालन संख्या कम हो सकती है।
  • सुनने की कठिनाई: यदि डेटा केबल के किसी बिंदु पर गड़बड़ी हो जाती है तो पूरे रिंग का डेटा प्रवाह प्रभावित हो सकता है।

रिंग टोपोलॉजी का उपयोग छोटे नेटवर्कों में किया जाता है और यह सुरक्षा और स्थिरता की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करती (Ring topology importance in Hindi) है। इसका उपयोग डेटा सेंटर और केबल टेलीविजन नेटवर्कों में भी किया जा सकता है।

ट्री टोपोलॉजी (Tree topology kya hai)

ट्री टोपोलॉजी (Tree Topology) नेटवर्क टोपोलॉजी का ऐसा प्रकार है जो पेड़ या ट्री की तरह डिज़ाइन किया जाता है जिसमें एक केंद्रीय हब या स्विच से सिस्टम को जोड़ा जाता है। इस टोपोलॉजी में सभी उपकरण केंद्रीय हब/स्विच के साथ कनेक्ट होते हैं और उनके बाद विभिन्न शाखाएँ बनती हैं जिनमें विभिन्न समूहों के डिवाइस कनेक्ट होते (Tree topology kya hoti hai) हैं।

यह एक तरह से स्टार टोपोलॉजी के जैसा ही होता है लेकिन यह उससे कही अधिक उन्नत होता है। वह इसलिए क्योंकि स्टार टोपोलॉजी में तो केवल एक ही हब होता है लेकिन इसमें कई तरह के हब होते हैं। हालाँकि इसमें एक बड़ा हब अर्थात केंद्रीय हब भी बनाया जाता है लेकिन कई छोटे छोटे हब भी होते हैं। उदाहरण के तौर पर स्टार टोपोलॉजी को आप एक मोहल्ला कह सकते हैं तो वहीं ट्री टोपोलॉजी को आप एक शहर कह सकते हैं जिनमें कई मोहल्ले होते (Tree topology in Hindi) हैं।

ट्री टोपोलॉजी की विशेषताएँ: (Tree topology importance in Hindi)

  • केंद्रीय हब/स्विच: इस टोपोलॉजी का मुख्य फ़ीचर है कि सभी कनेक्शन केंद्रीय हब/स्विच के माध्यम से होते हैं जो नेटवर्क को निर्देशित करता है।
  • ट्री की तरह कनेक्शन: ट्री टोपोलॉजी में डिवाइस पेड़ की तरह कनेक्ट होते हैं जिससे नेटवर्क का डिज़ाइन ट्री की तरह फैलाव वाला हो जाता है।
  • स्केलेबिलिटी: इस टोपोलॉजी में स्केलेबिलिटी बढ़ाई जा सकती है क्योंकि नए कंप्यूटर या डिवाइस आसानी से केंद्रीय हब/स्विच के साथ कनेक्ट किए जा सकते हैं।
  • अलग-अलग समूहों के लिए: ट्री टोपोलॉजी अलग-अलग समूहों के लिए कनेक्शन प्रदान करती है जिससे विभिन्न विभागों या क्षेत्रों के बीच विभिन्न नेटवर्क सेगमेंट बनते हैं।
  • सुरक्षा: इस टोपोलॉजी में सुरक्षा में सुधार या बदलाव किया जा सकता है क्योंकि केंद्रीय हब/स्विच पर एक्सेस कंट्रोल लगाया जा सकता है और विभिन्न सेगमेंट्स को अलग-अलग सुरक्षा नियमों के साथ कन्फ़िगर किया जा सकता है।
  • डेटा का प्रदर्शन: डेटा का प्रदर्शन प्रत्येक सेगमेंट के लिए हो सकता है क्योंकि डेटा केंद्रीय हब/स्विच के माध्यम से प्राप्त होता है और उसे केंद्रीय हब/स्विच द्वारा विशिष्ट सेगमेंट पर प्रेषित किया जा सकता है।

ट्री टोपोलॉजी का उपयोग बड़े नेटवर्कों और व्यापारिक नेटवर्कों में किया जाता है जो विभिन्न विभागों और क्षेत्रों के बीच अच्छी स्थिरता, प्रबंधन और सुरक्षा की आवश्यकता को सुनिश्चित करता है।

मेश टोपोलॉजी (Mesh topology kya hai)

मेश टोपोलॉजी (Mesh Topology) में प्रत्येक नेटवर्क डिवाइस को सभी अन्य डिवाइसों से सीधे कनेक्ट किया जाता है, जिससे हर डिवाइस का सीधा कनेक्शन प्रत्येक अन्य डिवाइस के साथ होता है। इस टोपोलॉजी के परिणामस्वरूप, प्रत्येक डिवाइस के लिए अनेक रास्ते (paths) उपलब्ध होते हैं, जो डेटा प्रेषण के लिए उपयोगी होते (Mesh topology kya hoti hai) हैं।

यह एक तरह से रिंग टोपोलॉजी का ही एक प्रकार है लेकिन इसमें आपका जुड़ाव गोल घेरे में खड़े हर व्यक्ति के साथ सीधे तौर पर होता है। तो एक तरह से इसमें कई तरह के केबल का इस्तेमाल कर प्रत्येक सिस्टम को दूसरे सिस्टम के साथ सीधे तौर पर जोड़ने का काम किया जाता है जो नेटवर्क टोपोलॉजी का उन्नत रूप (Mesh topology in Hindi) है।

मेश टोपोलॉजी की विशेषताएँ: (Mesh topology importance in Hindi)

  • सबसे सुरक्षित: यह टोपोलॉजी सबसे ज्यादा सुरक्षित होती है क्योंकि हर डिवाइस सभी अन्य डिवाइसों के साथ सीधा कनेक्ट होता है और डेटा का प्रवाह एक दिशा से दूसरी दिशा में नहीं होता है।
  • अधिक स्थिरता: मेश टोपोलॉजी अधिक स्थिरता प्रदान करती है क्योंकि यदि कोई डिवाइस खराब हो जाता है तो डेटा के लिए अन्य रास्ते उपलब्ध होते हैं।
  • स्केलेबिलिटी: इस टोपोलॉजी में स्केलेबिलिटी बढ़ाई जा सकती है क्योंकि नए डिवाइस को सीधे अन्य डिवाइसों से कनेक्ट किया जा सकता है और नए रास्ते बनाए जा सकते हैं।
  • डेटा का प्रदर्शन: मेश टोपोलॉजी में डेटा का प्रदर्शन हर डिवाइस के लिए अलग होता है क्योंकि हर डिवाइस सभी अन्य डिवाइसों से सीधा कनेक्ट होता है।
  • महंगा: मेश टोपोलॉजी में हर डिवाइस को हर अन्य डिवाइस के साथ कनेक्ट करने की आवश्यकता होती है जो इसे महंगा बनाता है और इसक प्रबंधन भी कठिन होता है।
  • बैंडविड्थ: हर डिवाइस को सभी अन्य डिवाइसों के साथ सीधा कनेक्ट होने के कारण, डेटा के लिए अधिक बैंडविड्थ की आवश्यकता होती है।

मेश टोपोलॉजी का उपयोग विशेषत: व्यापारिक नेटवर्कों, बैंकों, ऑपरेशनल नियंत्रण नेटवर्कों और सुरक्षित संचालनों में किया जाता है।

हाइब्रिड टोपोलॉजी (hybrid topology kya hai)

हाइब्रिड टोपोलॉजी (Hybrid Topology) नेटवर्क टोपोलॉजी का ऐसा प्रकार होता है जो ऊपर बताई गयी पांच तरह की नेटवर्क टोपोलॉजी का मिलाजुला संगम होता है। इस टोपोलॉजी में, एक बड़े नेटवर्क को छोटे उप-नेटवर्कों में विभाजित किया जाता है और फिर विभिन्न उप-नेटवर्कों के बीच विभिन्न टोपोलॉजी का उपयोग किया जाता (Hybrid topology kya hoti hai) है।

एक तरह से इसमें रिंग, बस, स्टार, इत्यादि सभी तरह की नेटवर्क टोपोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकता है जो इसे एक बड़ा रूप देता है। इसे स्थिति व उपयोगिता के अनुसार डिजाईन किया गया होता है और समय समय पर इसे कस्टमाइज भी किया जा सकता (Hybrid topology in Hindi) है।

हाइब्रिड टोपोलॉजी की विशेषताएँ:

  • कस्टमाइजेशन: हाइब्रिड टोपोलॉजी नेटवर्क की आवश्यकताओं और विशेषताओं के हिसाब से कस्टमाइज की जा सकती है।
  • स्थिरता और सुरक्षा: इस टोपोलॉजी में स्थिरता और सुरक्षा अच्छी होती है क्योंकि विभिन्न टोपोलॉजी के साथ डाटा प्रवाह करने के लिए कस्टम सुरक्षा नियमों का उपयोग किया जा सकता है।
  • स्केलेबिलिटी: हाइब्रिड टोपोलॉजी में स्केलेबिलिटी भी अच्छी होती है। इसमें नेटवर्क को बढ़ावा दिया जा सकता है या नए उप-नेटवर्क जोड़े जा सकते हैं।

हाइब्रिड टोपोलॉजी एक मिश्रित टोपोलॉजी की तरह होती है जिसमें स्टार, बस, रिंग और अन्य टोपोलॉजी का संयोजन किया जाता है। इस तरह की टोपोलॉजी का उपयोग उन नेटवर्कों में किया जाता (Hybrid topology importance in Hindi) है जिनकी आवश्यकताएँ और विशेषताएँ बहुत ज्यादा होती हैं और जिन्हें विभिन्न टोपोलॉजी के साथ संयोजन करने की आवश्यकता होती है।

नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है – Related FAQs 

प्रश्न: नेटवर्क टोपोलॉजी क्या होता है?

उत्तर: यह विभिन्न कंप्यूटर व डिवाइस के बीच में नेटवर्क की एक लेयर या लेआउट होती है जो उन्हें आपस में जोड़ने का काम करती है।

प्रश्न: नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है यह कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: यह विभिन्न कंप्यूटर व डिवाइस के बीच में नेटवर्क की एक लेयर या लेआउट होती है जो उन्हें आपस में जोड़ने का काम करती है। नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकारों के बारे में जानकारी आप ऊपर का लेख पढ़ कर प्राप्त कर सकते हो।

प्रश्न: टोपोलॉजी का हिंदी अर्थ क्या है?

उत्तर: टोपोलॉजी का हिंदी अर्थ संस्थितिविज्ञान है।

प्रश्न: सबसे अच्छा नेटवर्क टोपोलॉजी कौन सा है?

उत्तर: स्टार टोपोलॉजी का नेटवर्क सबसे अच्छा माना जाता है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने नेटवर्क टॉपोलॉजी के बारे में जानकारी हासिल कर ली है। आपने जाना कि नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकार क्या हैं और उनकी विशेषताएं क्या हैं। आशा है कि नेटवर्क टोपोलॉजी के बारे में जो जानकारी आप इस लेख के माध्यम से लेने आए थे वह आपको मिल गई होगी। यदि कोई शंका आपके मन में शेष है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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