बैंक विलय के बाद बैंकों के नाम और क्या क्या चेंज हुआ? ग्राहक को क्या करना होगा?

भारत सरकार देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। अभी हाल ही में वित्तमंत्री के द्वारा 10 सरकारी बैंक विलय की घोषणा की गयी है। सरकार चाहती है कि बैंक अधिक से अधिक प्रतिस्पर्धी माहौल में कार्य करें और ग्राहकों को बेहतर से बेहतर सेवाएं दे सके। इस विलय के बाद बैंकों के नॉन पर्फोर्मिंग एसेट( एन.पी.ए) की समस्या सुलझ सकती है। पिछले साल बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ हुए देना बैंक और विजया बैंक के सफलतापूर्वक विलय के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार (30 अगस्त) को 10 अन्य सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की।

बैंक विलय प्रक्रिया के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी, जबकि साल 2017 में ये संख्या 27 थी। इस प्रक्रिया का मकसद देश में वैश्विक स्तर के मजबूत बैंक बनाना है। सरकार का मानना है कि इस कदम से बैंकों की बैलेंस शीट मजबूत होगी और वे ज्यादा कर्ज देने की स्थिति में होंगे।

बैंक विलय क्या है? What is a bank merger?

भारत में कई छोटी और बड़ी बैंक है, जो अपने संसाधन के अनुसार कार्य करती है। बैंकिंग व्यवस्था को सुधारने के लिए भारत सरकार दो या दो से अधिक बैंकों को मिला कर एक बैंक बनाती है इस प्रक्रिया को बैंक विलय कहा जाता है।

विलय के बाद बैंकों के नाम और क्या क्या चेंज हुआ? ग्राहक को क्या करना होगा?

विलय के बाद देश में ये सरकारी बैंक होंगे-

  1. भारतीय स्टेट बैंक
  2. (पंजाब नेशनल बैंक+यूनाइटेड बैंक+ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स)
  3. बैंक ऑफ बड़ौदा
  4. (यूनियन बैंक ऑफ इंडिया+आंध्रा बैंक+कॉरपोरेशन बैंक)
  5. (केनरा बैंक+सिंडिकेट बैंक)
  6. (इंडियन बैंक+इलाहाबाद बैंक)
  7. बैंक ऑफ इंडिया
  8. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
  9. इंडियन ओवरसीज बैंक
  10. पंजाब एंड सिंध बैंक
  11. बैंक ऑफ महाराष्ट्र
  12. यूको बैंक

बैंकों के विलय के बाद नये नाम – New names after merger of banks

बैंक विलय से पहले नामबैंक विलय के बाद नाम
ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्सपंजाब नैशनल बैंक
युनाइटेड बैंक ऑफ इंडियापंजाब नैशनल बैंक
सिंडिकेट बैंककैनरा बैंक
आंध्रा बैंकयूनियन बैंक ऑफ इंडिया
कॉर्पोरेशन बैंकयूनियन बैंक ऑफ इंडिया
इलाहाबाद बैंकइंडियन बैंक

इन बैंकों में जिनके खाते हैं उन पर क्या असर पड़ेगा?

बैंकों के विलय के बाद कुछ ब्रांच बंद हो सकती हैं। यह फैसला बैंकों का बोर्ड लेगा। अगर कोई ब्रांच बंद होती है तो आपका खाता दूसरी ब्रांच में ट्रांसफर किया जाएगा। उदाहरण के लिए अगर आपके गांव, इलाके या सेक्टर में पीएनबी,ओबीसी और यूनाइटेड बैंक तीनों की शाखा है, तो हो सकता है कि ओबीसी और यूनाइटेड बैंक की शाखा बंद हो जाती है तो , ऐसे में आपका खाता पीएनबी में शिफ्ट हो जाएगा।

आपका अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी भी बदल दी जाएगी। अगर आपका खाता पीएनबी और ओबीसी दोनों बैंकों में है तो दोनों खाते बने रहेंगे, लेकिन इन दोनों की कस्टमर आईडी एक हो जाएगी, यानी एक कस्टमर आईडी हटा दी जाएगी, इसके लिए आपको बैंक जाना पड़ सकता है।साथ ही अभी से सुनिश्चित कर लें कि बैंक के पास आपका मोबाइल नंबर और ईमेल हो जरूर हो।

What will be the impact on those who have accounts in these banks?

रही बात अकाउंट नंबर की तो मर्ज होने वाले बैंकों में समानता बनाने के लिए अकाउंट नंंबर बदला जा सकता है।जैसे कि पीएनबी में 15 नंबर का अकाउंट नंबर है। ओबीसी में 10 नंंबर का,बैंक मर्जर के बाद अकाउंट नंबर 15 नंबर में हो सकते हैं.

बैंकों का इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड यानी (आईएफएससी) बदल सकता है।(आईएफएससी) बदलने की जानकारी आपको बैंक देंगे। इसके बाद इनकम टैक्स विभाग, इंश्योरेंस और म्युचुअल फंड आदि में (आईएफएससी) आपको अपडेट करना होगा।

बैंक मर्ज होने के बाद चेकबुक को बदलना होगा।इसके लिए आपको अपनी बैंक की शाखा में जाना होगा।मान लीजिए आपका खाता पीएनबी, ओबीसी या यूनाइटेड बैंक में है। तो विलय के बाद नजदीकी शाखा में जाइए और नई चेकबुक ले लीजिए।नई चेकबुक के लिए करीब 6 महीने तक का समय मिलेगा।बैंकों के मर्जर के बाद कुछ समय तक पुरानी तारीख वाले चैक क्लियर होंगे।

अगर आपने कोई एफडी या आरडी करा रखी है तो उस पर बैंकों के विलय का असर नहीं पड़ेगा। इनकी ब्याज दरों में कोई कमी नहीं होगी. साथ ही होम लोन, पर्सनल लोन या गाड़ी के लोन की दरों में भी बदलाव नहीं होगा।लेकिन जिन लोगों का कोई लोन चल रहा होगा उन्हें बैंक जाकर नया फॉर्म भरना होगा।

एटीएम और क्रेडिट कार्ड पर बैंकों के विलय का असर नहीं पड़ेगा। लेकिन बैंक चाहें तो इनमें बदलाव कर सकते हैं। ऐसा होने पर बैंक आपको खुद जानकारी देंगे।

जिन लोगों के पास इन बैंकों के शेयर हैं उन पर असर पड़ेगा। लेकिन असर किस तरह का होगा यह बैंकों के विलय के बाद शेयरों की अदला-बदली का अनुपात तय होने के बाद पता चलेगा।

बैंक के कर्मचारियों पर क्या असर पड़ेगा? What will be the impact on bank employees?

सरकार का कहना है कि इससे बैंकों के कर्मचारियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। विलय वाले बैंक के कर्मचारी पहले की ही तरह अपने-अपने बैंक में अपनी-अपनी जगह पर काम करते रहेंगे हो सकता है कि कुछ बैंक शाखाएं बंद हो।कर्मचारियों के भविष्य के बारे में सरकार ने कहा था कि किसी कर्मचारी की छंटनी नहीं होगी।लेकिन बड़ी संख्या में अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर हो सकते हैं। एसबीआई मर्जर के वक्त ऐसा ही देखने को मिला था।

बैंक विलय से होने वाले लाभ – Benefits from bank merger

  • बैंक विलय से बैंकों की स्थिति मजबूत होगी बैंक और अधिक सस्ता तथा ज्यादा कर्ज बांट सकेंगे।
  • बैंकों के परिचालन में लगने वाली लागत को कम किया जा सकता है।
  • बैंकों की पहुंच नए राज्यों और क्षेत्रों में हो जाएगी।
  • बैंक नयी तकनीक और विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते है।
  • बैंक कर्मियों के वेतन में होने वाली असमानता दूर हो सकेगी।

Loss from bank merger – बैंक विलय से होने वाली हानि –

  • बैंक विलय से विकेंद्रीकरण होगा इससे क्षेत्रीय लाभ समाप्त हो जायेंगे।
  • आर्थिक संकट के समय बड़े बैंकों में अधिक जोखिम होता है।
  • बैंक कर्मचारियों को तकनीकी स्तर पर चुनौती बढ़ेगी।

तो दोस्तों विलय के बाद बैंकों के नाम और क्या क्या चेंज हुआ? ग्राहक को क्या करना होगा? के बारे में यह पोस्ट आपको कैसी लगी हमें जरूर बताएं। साथ ही यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें। और यदि आपको किसी भी प्रकार का सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करें। हम जल्द ही आपके सवालों का जवाब देंगे।। धन्यवाद।।

अनूप कुमार वैश्य
अनूप कुमार वैश्य
अनूप कुमार टेक यू हेल्प के संस्थापक हैं। वह मानव व्यवहार और समाज का अध्ययन करने के जुनून के साथ अत्यधिक प्रेरित व्यक्ति हैं। उन्होंने 2015 में कानपुर विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री प्राप्त की है। पढ़ाई के दौरान, अनूप कुमार ने सामाजिक संरचनाओं और व्यक्तिगत अनुभवों को आकार देने के तरीकों की गहरी समझ विकसित की।
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