NIA क्या है? | NIA की फुल फॉर्म, स्थापना, मुख्यालय, शक्तियां व कार्य | NIA kya hai

NIA kya hai: हर देश की अपनी अपनी सुरक्षा एजेंसी होती है। इसमें देश की सेना से लेकर कई तरह की अन्य टुकडियां होती है तो वहीं जांच इत्यादि करने के लिए सीबीआई, पुलिस, CID इत्यादि जैसी संस्थाएं होती है। अब पुलिस और सेना तो राज्य व केंद्र सरकार की होती है जो देश के अंदर व सीमाओं पर हो रहे अपराध को नियंत्रण में करने और उद्दंड लोगों को पकड़ने का काम करती है। वहीं जिन एजेंसी के द्वारा गहन केस की जांच की जाती है, उसमें CBI व CID आती है जो क्रमशः केंद्र व राज्य सरकार की मुख्य एजेंसी होती (What is NIA in Hindi) है।

अब हमारा देश ऐसे देशों से घिरा हुआ है जहाँ आतंकवाद पनपता है। इसमें कुछ मुख्य देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश हैं तो वहीं कुटील देश चीन भी विस्तारवादी नीतियाँ अपनाता है। इसी के साथ ही देश के अंदर भी कई देशविरोधी तत्व होते हैं जैसे कि खालिस्तान, नक्सल, वामपंथी इत्यादि। ऐसे में केंद्र सरकार के लिए इन पर लगाम कसने के लिए केवल सीबीआई ही पर्याप्त नहीं थी बल्कि इसके लिए और ज्यादा मजबूत संस्था की आवश्यकता (National investigation agency kya hai) थी।

ऐसे में भारत सरकार के द्वारा NIA का गठन किया गया जिसको असाधारण शक्तियां दी गयी है। कहने को तो यह सीमित अधिकारियों वाली एक एजेंसी है लेकिन इसके एक एक अधिकारी के पास हजारों पुलिस की जितनी शक्ति है। यह देश की किसी भी अन्य संस्था व सेनाओं को आदेश जारी कर सकती है, इसे किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है और सीधे गृहमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट करती है। आइये जाने इस NIA के बारे में विस्तार (NIA ka kya matlab hai) से।

NIA क्या है? (NIA kya hai)

आज के इस लेख में हम आपके साथ NIA क्या होती है, इसका क्या औचित्य है, यह कब और क्यों बनाई गयी थी, इत्यादि विषयों के बारे में गहन चर्चा करने वाले हैं। इससे आपको NIA के बारे में विस्तार से जानने में मदद मिलेगी और आप इसकी कार्यप्रणाली को समझ पाएंगे। तो NIA कुछ और नहीं बल्कि केंद्र सरकार के द्वारा बनाई गयी आतंकवाद के उन्मूलन वाली एजेंसी या संस्था है। इसका मुख्य उद्देश्य देश के अंदर व बाहर पनप रहे आतंकवाद जो हमारे देश की संप्रभुता, अखंडता के लिए खतरा है, उनका नाश कर देना (What is national investigation agency in Hindi) है।

NIA क्या है

सीधे शब्दों में कहें तो देश में बढ़ते हुए आतंकवाद और ऐसी गतिविधियों में लिप्त लोगों, संस्थाओं, समूह, कंपनियों, उद्योगों, इत्यादि पर नियंत्रण करने, उन्हें प्रतिबंधित करने, उन पर लगाम लगाने, उनका खात्मा करने, उन्हें दण्डित करने का कार्य कर देश की आंतरिक व बाहरी रूप से सुरक्षा को मजबूत करना, देश को आतंकवाद से लड़ने में सक्षम बनाना, इत्यादि के लिए NIA की स्थापना केंद्र सरकार के द्वारा की गयी (NIA kya hai in Hindi) थी।

एक समय पहले भारत के महान प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमान अटल बिहारी वाजपेयी जी के द्वारा कहा गया था कि हम अपने दोस्त व दुश्मन तो बदल सकते हैं लेकिन अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते हैं। यह बात उन्होंने भारत देश की सीमाओं पर खड़े शत्रु व कुटील देशों के संदर्भ में कही थी। इसी में सबसे बड़ा उदाहरण तो आतंकवाद का जनक और भिखारी देश पाकिस्तान ही है जिसका भारत से अलग होकर एकमात्र उद्देश्य अपने लोगों को फिर से भारत में घुसाकर यहाँ पर अराजकता फैलाना (NIA kya hota hai) है।

ऐसे में देश को सुरक्षित करने के उद्देश्य से ही 21वीं सदी के उत्तरार्ध में देश में शीर्ष एजेंसी की स्थापना की गयी थी। यह देश की किसी भी अन्य जांच एजेंसी से बहुत ज्यादा शक्तिशाली व सक्षम थी जिसे सभी तरह की आधुनिक सुविधाएँ, पैसा, संसाधन, प्रशिक्षित अधिकारी व सहयोग दिया गया। इसी के साथ ही इसे सभी तरह के बंधनों से भी स्वतंत्र किया गया और राज्य सरकारों के इनके काम में हस्तक्षेप को शून्य कर दिया गया। इस तरह से यह NIA एजेंसी देश के किसी भी राज्य के किसी भी कोने में बिना किसी रोकटोक के काम कर सकती (National investigation agency in Hindi) है।

NIA की फुल फॉर्म क्या है? (NIA ka full form kya hai)

अब आप तब से NIA NIA ही पढ़ते जा रहे हैं लेकिन आपको इसकी फुल फॉर्म नहीं पता होगी। ऐसे में आज हम आपके सामने NIA का पूरा नाम क्या है, इसके बारे में भी बात करने वाले हैं। तो NIA की फुल फॉर्म नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (National Investigation Agency) होती है। चूँकि NIA अंगेजी भाषा की ही शोर्ट फॉर्म है तो इसका पूरा नाम यही है। हालाँकि सभी जगह या तो इसकी शोर्ट फॉर्म या इसका हिंदी नाम ही ज्यादा प्रचलन में है।

ऐसे में NIA को हिंदी में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण के नाम से बुलाया जाता है किन्तु सामान्य हिंदी भाषा में इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी के नाम से जाना जाता (NIA full form in Hindi) है। तो इस कारण देश के सभी लोग या तो इसे NIA या फिर राष्ट्रीय जांच एजेंसी कहकर ही बुलाते हैं।

NIA की स्थापना कब हुई थी? (NIA ki sthapna kab hui)

अब यदि आप NIA की स्थापना के बारे में जानना चाहें तो इसकी स्थापना वर्ष 2009 में हुई थी लेकिन इसका काम वर्ष 2008 में ही शुरू कर दिया गया था। 26 नवंबर 2008 का दिन वह दिन था जब आतंकवादी देश पाकिस्तान से आये मजहबी लोगों के द्वारा हमारे देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को गहरे घाव दिए गए थे। उस समय उन आतंकवादियों ने मुंबई के कई जगहों पर देशवासियों को मौत के घाट उतार दिया (NIA ka gathan kab hua) था।

इसके बाद भारत सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर एक एजेंसी को स्थापित करने की आवश्यकता महसूस हुई जो आतंकवादी गतिविधियों से सक्षम रूप से लड़ सके। इसी कारण ही देश में NIA की स्थापना का काम शुरू हो गया जो संसद से पारित भी करवा दी गयी। इसके बाद वर्ष 2009 में NIA अस्तित्व में आ गयी और देशभर में आतंकवाद के उन्मूलन के लिए कार्य करने लगी।

NIA का मुख्यालय कहां है? (NIA ka mukhyalay kahan hai)

अब यदि आप NIA के मुख्यालय या हेडऑफिस के बारे में जानना चाहते हैं तो वह भला देश की राजधानी के अलावा और कहां ही हो सकता है। ऐसे में NIA का हेडऑफिस भी देश की राजधानी नयी दिल्ली में ही बना हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि वहीं पर देश के सभी मंत्रालय, पुलिस मुख्यालय, सेना के मुख्यालय, सर्वोच्च न्यायालय इत्यादि बने हुए (NIA head office address in Hindi) हैं।

इसी के साथ ही NIA के कार्यालय देश के विभिन्न राज्यों की राजधानियों सहित प्रमुख शहरों में स्थापित किये गए है जहाँ से इनकी गतिविधि को संचालित करने का काम किया जाता है। कुछ प्रमुख शहरों के नाम मुंबई, चंडीगढ़, चेन्नई, हैदराबाद, इंफाल, कोच्ची, लखनऊ, गुवाहाटी, कलकत्ता, जम्मू व रांची है। इनके अलावा भी कई अन्य शहरों में NIA के ऑफिस खुले हुए (NIA headquarter in Hindi) हैं।

NIA में कितने लोग काम करते हैं?

अब यदि आप यह देखें कि NIA एजेंसी में कितने लोग काम करते हैं या अभी के समय में कितने ऑफिसर NIA के ऑफिसर के नाम से जाने जाते हैं तो उनकी संख्या लगभग 700 के आसपास है। कहने का अर्थ यह हुआ कि यह कोई अन्य सरकारी संस्था या बल के जैसी संस्था नहीं है बल्कि यह अधिकारियों की एक ऐसी संस्था है जो आतंकवादियों से निपटती है।

ऐसे में इसके लिए अलग से भी भर्ती होती है लेकिन इसी के साथ ही पुलिस के बड़े अधिकारी जैसे कि आईपीएस तथा अन्य जांच एजेंसियों के बड़े व प्रमुख अधिकारी इसके अधिकारी बनते हैं। ऐसे में NIA के अधिकारियों की संख्या तो 700 है लेकिन देश की सभी अन्य जांच एजेंसियां, पुलिस, सेना इत्यादि इसकी सहयता करते हैं।

NIA किसके अंतर्गत आती है? (NIA kiske under aata hai)

अब आपको यह भी जानना चाहिए कि आखिरकार NIA देश की किस संस्था या सरकार के अंतर्गत आती है और वह किस मंत्रालय को रिपोर्ट करती है। अब इसमें यह तो आप जान ही गए होंगे कि NIA पर किसी भी राज्य की राज्य सरकार का कोई योगदान नही होता है और यह सीधे केंद्र सरकार के अंतर्गत होकर ही काम करती है।

ऐसे में यह केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत रहकर काम करती है अर्थात इसको देश के गृह मंत्रालय के अधिकारियों और गृह मंत्री को रिपोर्ट करना होता है। अन्य किसी के भी प्रति NIA को उत्तरदायी नहीं माना जाता है और ना ही कोई इन्हें जांच करने से रोक सकता है।

NIA के महानिदेशक कौन हैं? (NIA ke mahanideshak kaun hai)

अब बात करते हैं NIA के अध्यक्ष जिसे हम महानिदेशक भी कहते हैं, उनके बारे में। आज के समय में NIA एजेंसी के महानिदेशक श्री दिनकर गुप्ता जी हैं जो आईपीएस हैं। उन्हें NIA का जनरल डायरेक्टर भी कहा जाता है। इसका पद भारत सरकार के द्वारा ही नियंत्रित किया जाता है। वही NIA के अध्यक्ष के पद पर आईपीएस या अन्य किसी व्यक्ति की नियुक्ति करती है और उन्हें पद मुक्त भी वही करती है।

NIA की शक्तियां (NIA ki shaktiyan)

अब यदि आप NIA की शक्तियों के बारे में जानना चाहें तो जब यह वर्ष 2009 में बनी थी, तब भी बहुत शक्तिशाली थी। वह इसलिए क्योंकि इसे किसी भी राज्य में बेरोकटोक जांच के लिए बनाया गया था अर्थात इसे किसी राज्य में जांच करने के लिए वहां की सरकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं थी। इसी के साथ ही इसे भारतीय न्यायिक प्रणाली की अनुमति की भी जरुरत नहीं होती थी। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि पुलिस को आपके घर की तलाशी लेनी है तो उसे न्यायालय से अनुमति लेनी होगी या आपको गिरफ्तार करना है तो कोर्ट में पेश करना (NIA power in Hindi) होगा।

वहीं NIA को ऐसी किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है। ना तो उसे राज्य सरकार की और ना ही न्यायालय से किसी तरह की अनुमति चाहिए होती है। हालाँकि वह देश में केवल उन्हीं मामलों की जांच करने के लिए स्वतंत्र थी जो आतंकवाद से जुड़े होते थे किन्तु वर्ष 2019 में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने NIA को और भी शक्तिशाली बना दिया और उसके जांच करने का दायरा बढ़ा दिया गया।

2019 में संसद के दोनों सदनों से बिल पारित करवाया गया जिसमें NIA को असीमित शक्तियां दी गयी थी। इसमें देश के खतरों को देखते हुए NIA को कई अन्य तरह की जांच भी बेरोकटोक करने के लिए शक्तियाँ दी गयी। इन केस में नकली नोटों की छपाई, मानव तस्करी, हथियारों की तस्करी व साइबर से जुड़े अपराध शामिल थे। इसके बाद से NIA बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली हो चुकी है जो देश में कई तरह की जांच कर सकती है।

NIA के कार्य (NIA ke karya)

अब हम जानेंगे कि देशभर में NIA का क्या कुछ काम होता है या यह किस तरह से काम करती है। तो NIA का मोटा मोटा काम तो आपको समझ आ ही गया होगा जिसमें देश में से आतंकवाद को खत्म करना इसका मुख्य लक्ष्य होता है। अब इसी के तहत ही NIA देशभर में क्या कुछ काम कर सकती है या क्या क्या इसके अंतर्गत आता है, आइये उनके बारे में भी जान लेते हैं।

  • देश के अंदर कहीं भी किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधियाँ हो रही है, फिर चाहे वह किसी भी तरह की क्यों न हो, लेकिन यदि उसका संबंध आतंकवाद से है और उससे देश की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो रहा है, तो NIA उस केस में कार्यवाही कर सकती है।
  • एक तरह से देश के नागरिकों या विदेश से आकर रह रहे लोगों, शरणार्थियों इत्यादि के द्वारा भारत देश की सुरक्षा को कमजोर करने के लिए काम किया जा रहा है या देश में अराजकता फैलाने का काम हो रहा है तो उसके लिए भी NIA काम कर सकती है।
  • देश में किसी जगह हमला हुआ है या विस्फोट हुआ है या कुछ ऐसा ही काम किया गया है, तो वहां पर जाकर पूरे घटनाक्रम की बारीक जांच करना भी NIA का ही काम होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि यह एक आतंकवादी घटना थी तो उसकी जांच के लिए NIA को लगाया जाता है।
  • भारत देश की जो आधिकारिक मुद्रा है, उसके जैसे ही नकली नोट छापे जा रहे हैं तो उन्हें पकड़ना और उन पर एक्शन लेना भी NIA का ही काम होता है।
  • आज के समय में मानव तस्करी बहुत ज्यादा बढ़ गयी है और इसके जरिये देश की सुरक्षा को खतरे में डालने का काम किया जाता है। तो इसके लिए भी NIA जाँच कर सकती है।
  • यदि अवैध हथियारों का काम किया जा रहा है, उनका आदान प्रदान हो रहा है, उन्हें बनाया जा रहा है या विदेशों से मंगवाया जा रहा है तो उस पर भी NIA ही कार्यवाही कर सकती है।
  • इसी के साथ ही देशभर में साइबर अपराध भी बहुत बढ़ते जा रहे हैं। अब जो साइबर अपराध देश की सुरक्षा से जुड़े हुए हैं तो उनकी जाँच करने का जिम्मा भी NIA को देकर बहुत ही सही काम किया गया है।

इस तरह से कुल मिलाकर जो भी देश विरोधी गतिविधियाँ हो रही है जिससे हमारे देश की सुरक्षा व अखंडता को खतरा उत्पन्न होता है या होने की संभावना रहती है तो उस पर कार्यवाही और जांच करने का अधिकार NIA के पास होता है। हालाँकि यह केंद्र सरकार के आदेश पर ही कार्य करती है और अपने आप से किसी भी केस पर नहीं जा सकती है।

NIA में कैसे जाएं? (NIA me kaise Jaye)

अब देश के बहुत से नागरिक NIA में अधिकारी बनकर देश की रक्षा करने का सपना देखते हैं। ऐसे में यदि आपको भी NIA में नौकरी चाहिए तो समय समय पर NIA में विभिन्न पदों के लिए नौकरियां निकलती रहती है जिसके लिए आप आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको NIA की अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा और वहां नौकरी वाले पेज पर जाकर देखना होगा।

NIA की भर्ती प्रक्रिया व उसकी सूचना पाने के लिए आपको इस लिंक https://www.nia.gov.in/recruitment-notice-hi.htm पर क्लिक करना होगा। इस पर क्लिक करके आपको यह पता चल जाएगा कि वर्तमान समय में NIA में किन किन पदों पर भर्ती निकली हुई है और उसके लिए क्या क्या योग्यता मांगी गयी है।

NIA क्या है – Related FAQs

प्रश्न: एनआईए का क्या काम है?

उत्तर: एनआईए हमारे देश की सुरक्षा व अखंडता सुनिश्चित करने के लिए बनायी गयी एक स्वतंत्र संस्था है जिसे केंद्र सरकार के द्वारा असीमित शक्तियां दी गई है।

प्रश्न: एनआईए की सैलरी कितनी होती है?

उत्तर: एनआईए की सैलरी 50 से 70 हजार के आस पास होती है।

प्रश्न: एनआईए का मतलब क्या होता है?

उत्तर: NIA की फुल फॉर्म नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी है। हिंदी में इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न: एनआईए की भर्ती कैसे होती है?

उत्तर: एनआईए में भर्ती संबंधित जानकारी चाहिए तो आप इस लिंक https://www.nia.gov.in/recruitment-notice-hi.htm पर क्लिक कर प्राप्त कर सकते हैं।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने जाना कि NIA क्या है। साथ ही हमने आपको बताया कि NIA के महानिदेशक कौन हैं इसके कार्य और शक्तियां क्या है और NIA में कैसे जा सकते हैं इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी एकत्रित करने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह आपको मिल गई होगी। फिर भी यदि कोई शंका मन में शेष है तो नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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