[फॉर्म] पीएम निक्षय पोषण योजना ऑनलाइन आवेदन, उद्देश्य, लाभ, पात्रता, दस्तावेज

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देश में तपेदिक यानी टीबी, जिसे अंग्रेजी में ट्यूबरकुलोसिस भी कहा जाता है, की दर बेहद कम रह गई थी। कभी यह माना जाता था टीबी का हमारे देश भारत से उन्मूलन हो चुका है, यानी वह खत्म हो चुकी है। लेकिन दोस्तों, ऐसा है नहीं। यह अभी भी किसी न किसी रूप में विद्यमान है। सरकार की संशोधित टीबी गाइडलाइंस इसकी परिचायक हैं। पिछले कुछ समय से बिगड़ी हुई टीबी यानी इसके गंभीर मरीज बढ़े हैं। इसे देखते हुए सरकार ने संशोधित टीबी गाइडलाइन जारी की है।

केंद्र सरकार ने टीबी मरीजों को दवा के साथ ही पोषक आहार को जरूरी मानते हुए इसके लिए एक आर्थिक सहायता देने को निक्षय पोषण योजना भी शुरू की है। आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसी योजना के संबंध में जानकारी देंगे। जैसे कि यह योजना क्या है? इसके लागू होने से देश के कितने मरीजों को लाभ पहुंचेगा? इस योजना का लाभार्थी बनने के लिए आवेदन कैसे करना होगा आदि। आइए शुरू करते हैं-

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पीएम निक्षय पोषण योजना क्या है?

निक्षय पोषण योजना को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीबी से ग्रसित लोगों के लिए शुरू किया है। इस योजना के तहत केंद्रसरकार देश के टीबी से ग्रसित मरीजों के इलाज के लिए हर महीने पांच सौ रुपये की वित्तीय सहायता देगी। इसका मकसद यह है कि जिन मरीजों के पास अपने इलाज के वक्त पौष्टिक आहार के लिए पैसे नहीं हैं, उनकी आर्थिक सहायता की जा सके। कई मरीजों की माली हालत ऐसी नहीं होती कि वह बीमारी का सारा खर्च उठा सकें। कई बार ऐसा होता है कि डॉक्टर की दवाओं के साथ रोगी को पौष्टिक आहार न मिले तो उसकी मौत होने की आशंका है। यह माना जाता है कि दवा जितना ही जरूरी मरीजों के लिए पोषक आहार भी है। ऐसे में उनकी मदद के लिए यह योजना प्रारंभ की गई है।

योजना का नाम पीएम निक्षय पोषण योजना
किसने शुरू की प्रधाममंत्री नरेन्द्र मोदी जी
लाभार्थी टीवी से ग्रसित नागरिक
उद्देश्यइलाज के लिए आर्थिक सहायता देना
आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन
वेबसाइट
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देश के कितने टीबी मरीजों को इस योजना के माध्यम से लाभ पहुंचेगा

योजना के दायरे में देश के करीब 13 लाख टीबी मरीज आएंगे। इस योजना के तहत टीबी मरीजों की मदद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत की जाती है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार की इस योजना से टीबी रोग से मरने वाले रोगियों की संख्या में निश्चित रूप से गिरावट आएगी। ऐसे बहुत से मरीज देश में हैं, जो अच्छी खुराक के अभाव में दम तोड़ देते हैं। दरअसल, उनका फोकस दवाओं की खरीद पर रहता है। वह पौष्टिक भोजन पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। परिजन भी इस बात का ज्यादा ख्याल नहीं रखते।

वहीं, कई मरीजों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं होती कि वह दवाओं के साथ ही पौष्टिक आहार पर भी खर्च कर सकें। जैसे कि आप जानते ही हैं कि यह बीमारी ज्यादातर अस्वास्थ्यवर्धक हालातों में रहने वाले लोगों को खास तौर पर शिकार बनाती है। आपको बता दें कि ऐसे मरीजों को जिलाए रखने का काम इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली वित्तीय सहायता के माध्यम से होगा।

योजना का लाभ लेने के लिए टीबी मरीजों को कहां पंजीकरण कराना होगा

दोस्तों, आपको बता दें कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए एक शर्त यह है कि टीबी मरीजों को वहीं पंजीकरण और नामांकन कराना होगा, जिस जगह उनका इलाज चल रहा है। यह भी बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली यह मदद उस रोगी के ठीक हो जाने तक जारी रहेगी। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार इन मरीजों का एक डाटाबेस भी तैयार करेगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि उन सभी रोगियों के लिए समय-समय पर आवश्यक रिकॉर्ड तैयार किया जा सके।

उनकी बीमारी की गंभीरता, मिलने वाले नए लक्षण, दवा का बीमारी पर असर का प्रतिशत आदि की जानकारी हो सके और इसे सूचीबद्व तरीके से रखा जा सके। दोस्तों, आपको यह भी जानना जरूरी है कि इस पीएम निक्षय पोषण योजना का लाभ उठाने के लिए टीबी के मरीज को ऑफिशियल निक्षय पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा।

दूसरे व्यक्ति के खाते से भी उठा सकेंगे योजना का लाभ

योजना के तहत एक बड़ी सुविधा यह भी दी गई है कि यदि किसी मरीज का खाता किसी भी बैंक में नहीं है तो ऐसी स्थिति में वह किसी दूसरे व्यक्ति की खाता संख्या का इस्तेमाल कर इस राशि को प्राप्त कर सकता है। इस तरह की सुविधा अन्य किसी योजना के अंतर्गत किसी मरीज को नहीं दी गई है। यहां मरीजों की माली हालत को आधार बनाकर योजना को लागू किया गया है, इसलिए ऐसी व्यवस्था की गई है।

लेकिन दोस्तों, इसके लिए एक और औपचारिकता निर्धारित की गई है। इसके लिए लाभार्थी को स्व प्रमाणित एक सहमति पत्र भी साथ देना होगा। यदि मरीज नया है या उसका औपचारिक रूप से इलाज हो रहा है तो उसे दो महीने के लिए अतिरिक्त उपचार एवं थेरेपी का खर्च मिलेगा। ऐसे में उसे पांच पांच सौ रुपये के हिसाब से एक हजार रुपये मिलेंगे।

योजना का लाभ लेने के लिए कौन कौन से दस्तावेज जरूरी

  • डॉक्टर की ओर से प्रमाणित किया गया मेडिकल सर्टिफिकेट
  • रोगी की ओर से लिखा गया आवेदन पत्र
  • बैंक अकाउंट पासबुक की प्रति और इसका ब्योरा

पीएम निक्षय पोषण योजना के लिए आवेदन किस तरह कर सकते हैं

इस योजना का लाभ आपको तभी मिल सकेगा, जब आप इसके लिए आवेदन करेंगे। दोस्तों, इसके लिए भी आपको एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा। अब हम आपको बताएंगे कि वह कौन से steps हैं, जिनको follow करके आप पीएम निक्षय पोषण योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया इस प्रकार से है-

  • आवेदक को सबसे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट https://nikshay.in/ पर जाना होगा।
  • इसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल जाएगा।
  • इस होम पेज पर एक login form दिया गया होगा।
  • यदि आप पहले से ही registered हैं तो आपको logim form के नीचे New Health Facility Registration के option पर click करना होगा।
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  • option पर click करने के बाद आपके सामने Next Page खुल जाएगा।
  • इस पेज पर आपके सामने एक Registration form खुल जाएगा।
  • इस form में आपको अपने से संबंधित सारी जानकारी भरनी होगी। मसलन राज्य का नाम, जिले का नाम, अपना नाम आदि।
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  • सारी जानकारी भरने के बाद continue के option पर click करना होगा।
  • इसके पश्चात आपको स्क्रीन पर एक यूनिक आईडी कोड दिखाई देगा।
  • इस कोड को आप अपने पास सुरक्षित कर लें।
  • Registration के बाद आपको login करना होगा।
  • login form में अपना user name और password भरना होगा।
  • इसके बाद login के option पर click करना होगा।
  • इस तरह से निक्षय योजना में आपके नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों में स्पेशल एमडीआर वार्ड भी बनाए जा रहे

पीएम निक्षय पोषण योजना के तहत मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में एमडीआर MDR वार्ड भी बनाए जा रहे हैं। यहां MDR का अर्थ है multi drug resistent वार्ड। इस वार्ड में उन रोगियों को रखे जाने की तैयारी है, जिन्हें गंभीर टीबी है। यानी जिनकी टीबी बिगड़ गई है। सामान्य भाषा में कहें तो यह ऐसे टीबी मरीज हैं, जिनके शरीर में टीबी का वायरल उन्हें दी जाने वाली कई दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता यानी कि resistent power विकसित कर चुका है। ऐसे लोगों को अलग रखकर और बेहतर उपचार दिए जाने की जरूरत होती है। दोस्तों, आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के पास ऐसे मरीजों की सूची भी मौजूद होती है।

इन मरीजों को वार्ड में भर्ती करते समय इस योजना के बारे में बताकर जानकारी उन तक पहुंचाई जाती है। कई योजनाएं तो ऐसा भी होता है कि प्रचार-प्रसार के अभाव में दम तोड़ जाती है। हेल्थ वाल्यंटियर भी इस दिशा में अहम काम कर सकते हैं। अन्य तमाम योजनाओं की तरह यदि वे इसकी भी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले लें तो योजनाओं के कामयाब होने का प्रतिशत बढ़ जाता है। कई एनजीओ भी स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हैं। आने वाले समय में इनकी भी सुविधा ली जा सकती है।

अभी बहुत से अस्पतालों में टीबी वार्ड भी नहीं

दोस्तों, देश के स्वास्थ्य सिस्टम की हालत इतनी खराब है कि अभी बहुत से अस्पतालों में टीबी वार्ड भी नहीं है। खास तौर पर यदि हम पहाड़ी राज्यों के अस्पतालों की बात करें तो यह इन अस्पतालों की कड़वी हकीकत है। यहां टीबी होने पर मरीज को जल्द इलाज नहीं मिल पाता। टीबी के गंभीर रोग बन जाने पर ही मरीज अस्पतालों का रुख करते हैं। उन्हें भी गांवों से निकलकर शहरों का रुख करना पड़ता है।

यहां वार्ड तो मिल जाते हैं, लेकिन एमडीआर वार्ड का सर्वथा अभाव होता है। ऐसे में ज्यादातर मरीज तो समय पर इलाज न मिलने के चलते ही रोग के गंभीर हो जाने की वजह से बचाए जाने मुश्किल हो जाते हैं। उस पर गांव के लोगों के पास बहुत पैसे न होने की स्थिति में वह दवा का खर्च ही बहुत मुश्किल से निकाल पाते हैं, ऐसे में पौष्टिक भोजन की तो कौन कहे। यहां उनके लिए पूरी तरह से दिल्ली दूर वाली कहावत लागू होती है।

कई बार तो यह भी होता है कि टीबी के लक्षण सामने आते ही परिजन भी रोगी से दूरी बना लेने में ही भलाई समझ लेते हैं। उनके लिए अलग से कमरे की व्यवस्था करने के बाद उन्हें ठीक से पूछते ही नहीं। इसकी वजह यह है कि टीबी को संक्रामक रोग माना जाता है।

ऐसे में मरीज के पास जाने से उन्हें वायरस के संक्रमण का डर खाए जाता है। अच्छे भोजन और पोषण का ख्याल रखना तो बेहद दूर की बात है। वह डॉक्टर को भी ठीक से चेकअप नहीं कराते। उनका सारा ध्यान इसी पर रहता है कि परिवार के अन्य सदस्यों तक इस संक्रामक रोग का वायरस न पहुंच सके। जन प्रतिनिधि ऐसे लोगों की मदद कर उन्हें अस्पतालों तक पहुंचाते हैं और उनकी दवा-दारू का खर्च उठाते हैं। पौष्टिक आहार पर उनका भी फोकस नहीं होता। ऐसे में पीएम निक्षय पोषण योजना एक बहुत महत्वपूर्ण कदम साबित होने जा रही है। ऐसा माना जा सकता है।

पीएम निक्षय पोषण योजना से जुड़े प्रश्न उत्तर

पीएम निक्षय पोषण योजना क्या हैं?

पीएम निक्षय पोषण योजना केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गई एक महत्वकांक्षी योजना है इस योजना के अंतर्गत देश के टीवी से ग्रसित मरीजों के लिए सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

पीएम निक्षय पोषण योजना का लाभ किसे मिलेगा?

पीएम निक्षय पोषण योजना का लाभ आप देश के टीवी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों के लिए दिया जाएगा। लेकिन टीवी ग्रसित मरीज के पास किसी डॉक्टर द्वारा प्रमाणित होना चाहिए कि उसे टीवी जैसी गंभीर बीमारी है।

पीएम निक्षय पोषण योजना की अंतर्गत कितनी आर्थिक सहायता दी जाएगी?

पीएम निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत टीवी से ग्रसित पीड़ित मरीज व्यक्ति के लिए केंद्र सरकार की तरफ से प्रतिमा ₹500 की आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी।

पीएम निक्षय पोषण योजना का क्या उद्देश्य हैं?

टीवी एक गंभीर बीमारी है जो मुख्य रूप से इलाज के साथ-साथ अच्छे खान-पान का ध्यान रखने पर सही होती है। लेकिन अक्सर गरीब नाथ के पास इतना पैसा नहीं होता है, जिससे वह अच्छे खान-पान के साथ अच्छा इलाज करा पाए। इसलिए केंद्र सरकार ने इन नागरिकों के लिए ₹500 प्रतिमाह देने का निश्चय किया है ताकि पीड़ित व्यक्ति इस राशि का उपयोग करके अच्छे इलाज के साथ-साथ अपना अच्छा खानपान कर सकें। यही इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य हैं।

पीएम निक्षय पोषण योजना में आवेदन कैसे करें?

ऊपर बताई गई पात्रता और जरूरी दस्तावेज के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट https://nikshay.in/ की की वेबसाइट जाकर आप पीएम निक्षय पोषण योजना मेंऑनलाइन अपना आवेदन कर सकते हैं।

पीएम निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि कहां मिलेगी?

इस योजना में आवेदन करने के बाद आपको इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि आपके बैंक अकाउंट में प्रतिमाह सरकार के द्वारा भेजी जाएंगी।

तो दोस्तों, यह थी पीएम निक्षय पोषण योजना के बारे में जानकारी। यदि आप इस योजना से जुड़ी कोई अन्य जानकारी चाहते है तो उसके लिए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स पर कमेंट करके अपना सवाल हमें सीधे भेज सकते हैं। यदि आप किसी अन्य योजना के बारे में जानना चाहते हैं तो भी कमेंट बाक्स में कमेंट करके हमें अवगत करा सकते हैं। हमें आपके सवालों और आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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