यूपी देवी अहिल्या बाई निशुल्क शिक्षा योजना 2024 आवेदन, एप्लीकेशन फॉर्म | Nishulk Shiksha Yojana UP

उत्तर प्रदेश सरकार ने बालिकाओं की शिक्षा और कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। इनमें से कुछ उनके बेहतर पोषण से संबंधित हैं तो कुछ शिक्षा से। उन्हें निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश देवी अहिल्या बाई निशुल्क शिक्षा योजना का शुभारंभ किया है। आज इस पोस्ट में हम आपको इसी योजना से जुड़ी जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-

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उत्तर प्रदेश देवी अहिल्याबाई निशुल्क शिक्षा योजना क्या है?

मित्रों, आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश देवी अहिल्या बाई निशुल्क शिक्षा योजना के तहत लड़कियों को स्नातक स्तर की शिक्षा मुफ्त पूरी कराई जाएगी। योजना के अंतर्गत उनकी शुल्क प्रतिपूर्ति सरकार की ओर से की जाएगी। यानी कि यदि वे फीस भर चुकी हैं तो उस शुल्क को उन्है वापस लौटाया जाएगा। अनुमान है कि सरकार की इस योजना से प्रदेश की लाखों छात्राएं लाभान्वित होंगी।

उत्तर प्रदेश देवी अहिल्या बाई निशुल्क शिक्षा योजना डिटेल्स –

योजना का नामउत्तर प्रदेश अहिल्याबाई निशुल्क शिक्षा योजना
विभागउत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग
लाभार्थीराज्य की बेटियां
योजना की घोषणामुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा
आवेदन का प्रकारऑफलाइन

सरकार ने मांगा स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाली छात्राओं का ब्योरा

साथियों, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाली छात्राओं का विवरण तलब किया है। यह सारा ब्योरा एकत्र होने के बाद उन्हें फीस वापस लौटाने की प्रक्रिया को आरंभ कर दिया जाएगा। अधिकारी त्वरित गति से इस संबंध में कार्रवाई को अंजाम देने में जुटे हुए हैं।

उत्तर प्रदेश देवी अहिल्याबाई निशुल्क शिक्षा योजना का उद्देश्य

दोस्तों, इस योजना का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को उच्च शिक्षा की ओर प्रवृत्त करना है। फीस माफी से गरीब घरों की लड़कियां भी अपनी स्नातक की पढ़ाई सरलता से पूरी कर सकेंगी। उन्हें पैसे के अभाव में अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने को विवश नहीं होना पड़ेगा। मां-बाप पर शिक्षा का बोझ कम होगा।

कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराधों में भी कमी संभावित है। पढ़ाई पूरी करने के बाद लड़कियां अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी। वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने में सहायक होंगी। इसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने में भी सहायक होंगी।

यूपी देवी अहिल्या बाई निशुल्क शिक्षा योजना 2021 आवेदन, एप्लीकेशन फॉर्म | Nishulk Shiksha Yojana UP

देवी अहिल्या बाई निशुल्क शिक्षा योजना के लिए सरकार ने 21 करोड़ रुपए का प्रावधान किया

साथियों, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार इस योजना को लेकर बहुत गंभीर है। उसने इस योजना के लिए 21 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है। खास बात यह है कि समाज कल्याण विभाग की ओर से प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति से जो लड़कियां छूट गई है, उन्हें भी इस योजना से शामिल किया जाएगा ।

देवी अहिल्या बाई निशुल्क शिक्षा योजना का लाभ उठाने के लिए यह दस्तावेज आवश्यक

इस योजना का लाभ उठाने के लिए छात्रा को उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं है तो वे इस योजना का लाभ लेने के लिए अर्ह नहीं होंगी। छात्रा को देवी अहिल्या बाई निशुल्क शिक्षा योजना के तहत आवेदन करते समय कुछ दस्तावेज आवश्यक रूप से प्रस्तुत करने होंगे, जो कि इस प्रकार से हैं-

  • छात्रा का स्थाई निवास प्रमाण पत्र
  • आधार कार्ड या अन्य कोई पहचान पत्र।
  • छात्रा का स्कूल या कॉलेज का प्रमाण पत्र।
  • लाभार्थी छात्रा का पासपोर्ट साइज फोटो।
  • छात्रा की बैंक पासबुक की फोटो कॉपी।
  • आवेदक छात्रा के हस्ताक्षर।

साथियों, इस बात का विशेष ध्यान रखें कि यदि आवेदक योजना के लिए आवेदन करने को निर्धारित किए गए दस्तावेजों में से किसी एक को भी उपलब्ध कराने में अक्षम रहता है तो उसका आवेदन नहीं माना जाएगा।

बालिका शिक्षा की राह के रोड़े योजना के जरिए दूर करने का प्रयास

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बालिकाओं की उच्च शिक्षा पर कोई खास ध्यान केंद्रित नहीं किया जाता। खास तौर पर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में उनकी शिक्षा की राह में रोड़े कम नहीं। मसलन स्कूल या कॉलेज का दूर होना, वहां तक पहुंचने के लिए यातायात की अनुपलब्धता, परिवार में घरेलू काम की अधिकता, छोटे भाई-बहनों की देख-रेख का जिम्मा, आर्थिक और विभिन्न सामाजिक समस्याएं आदि कुछ ऐसी वजह हैं, जिनकी वजह से बालिकाएं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ जाती हैं।

कई छात्राओं का तो कॉलेज में नामांकन तक नहीं हो पाता। और कई ऐसी भी हैं, जिनका नामांकन हो जाता है, लेकिन वह बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो जाती हैं। ऐसी ज्यादातर छात्राओं के सामने आर्थिक दिक्कत आ खड़ी होती है। ऐसे में किसी छात्रा को पैसे की वजह से पढ़ाई ना छोड़नी पड़े, इसे ही उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सुनिश्चित करने का प्रयास किया है।

आशा की जा सकती है कि उत्तर प्रदेश देवी अहिल्याबाई निशुल्क शिक्षा योजना के जरिए बगैर रुकावट उच्च शिक्षा प्राप्त करने का उनका ख्वाब अवश्य पूरा होगा।

योजना के संचालन और देख देख का जिम्मा उच्च शिक्षा विभाग के पास

उत्तर प्रदेश देवी अहिल्या बाई निशुल्क शिक्षा योजना के संचालन और देख रेख का जिम्मा प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के पास है। कौन से स्कूल तथा कॉलेज इस योजना के अंतर्गत लड़कियों के नाम रजिस्टर कर रहे हैं? कौन इसमें कोताही बरत रहा है? आदि सारा प्रबंधन उत्तर प्रदेश का उच्च शिक्षा विभाग ही देख रहा है। यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि छात्राओं को इस योजना का लाभ स्नातक शिक्षा प्राप्त करने तक मिलता रहेगा।

उत्तर प्रदेश देवी अहिल्या बाई निशुल्क शिक्षा योजना के लाभ

मित्रों, आइए अब आपको उत्तर प्रदेश देवी अहिल्याबाई निशुल्क शिक्षा योजना के लाभ के बारे में जानकारी दें। इसके कुछ खास फायदे इस प्रकार से हैं-

  • निर्धन छात्राओं का भला होगा। वे मुफ्त शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी।
  • उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा में छात्राओं की भागीदारी बढ़ेगी।
  • छात्राएं पढ़ लिख कर अपने पैरों पर खड़ी होंगी।
  • आत्मनिर्भर होने के साथ ही वे परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में भी योगदान देंगी।
  • लोगों में बेटी को बोझ समझने की मानसिकता का ह्रास होगा।
  • लोग स्वत: स्फूर्त बेटियों को उच्च शिक्षा दिलवाने की दिशा में प्रवृत्त होंगे।
  • बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के प्रधानमंत्री के महत्त्वाकांक्षी अभियान को बल मिलेगा।

उत्तर प्रदेश देवी अहिल्याबाई निशुल्क शिक्षा योजना 2024 के लिए आवेदन कैसे करें?

दोस्तों, आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश देवी अहिल्याबाई निशुल्क शिक्षा योजना 2024 के लिए आवेदन को अभी कोई आधिकारिक वेबसाइट लांच नहीं की गई है। योजना के तहत आवेदन को फिलहाल छात्राओं को स्कूल/कॉलेज के प्रबंधकों से संपर्क करना होगा। वहीं छात्राओं का रजिस्ट्रेशन इस योजना के लिए करेंगे और बाकी प्रक्रिया को अंजाम देंगे। यह प्रक्रिया इस प्रकार से होगी –

  • स्कूल/कालेज प्रबंधक लाभार्थी छात्राओं का रजिस्ट्रेशन करेंगे।
  • रजिस्ट्रेशन के बाद लाभार्थी छात्राओं का सारा ब्योरा उच्च शिक्षा विभाग तक पहुंचाया जाएगा।
  • अब उच्च शिक्षा विभाग इस ब्योरे का वेरिफिकेशन यानी सत्यापन करने के बाद छात्राओं के नामों की एक सूची तैयार करेगा।
  • इस सूची को स्कूल/कॉलेज प्रबंधकों तक पहुंचाया जाता है।
  • इस सूची में जिन लड़कियों का नाम दर्ज होता है, वे निशुल्क शिक्षा प्राप्त करने की हकदार होती हैं।

उत्तर प्रदेश देश में उच्च शिक्षा का सबसे बड़ा हब

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश देश में उच्च शिक्षा का सबसे बड़ा हब बनकर उभरा है। विश्वविद्यालयों की संख्या के लिहाज से भी योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश ने देश में जबरदस्त मौजूदगी दर्ज कराई है। सर्वे सूची में 79 विश्वविद्यालयों के साथ उत्तर प्रदेश का देश में दूसरा स्थान है। इस सूची में 83 विश्वविद्यालय के साथ राजस्थान पहले स्थान पर मौजूद है। राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बीच केवल 4 विश्वविद्यालयों का ही अंतर है।

आपको बता दें कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की रिपोर्ट ने उत्तर प्रदेश में शिक्षा की बेहतरी की तस्वीर को सामने रखा है। देश भर में कराए गए इस सर्वे के अनुसार देश में उच्च शिक्षा के सबसे ज्यादा 7,078 कॉलेज उत्तर प्रदेश में हैं। इसके अलावा देश में उच्च शिक्षा के कालेजों का 18.54 फीसदी हिस्सा इकलौते उत्तर प्रदेश का है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या के मामले में भी यह आगे है।

सर्वे पर भरोसा करें तो राज्य के कालेजों में देश के 47.92 लाख छात्र रजिस्टर्ड हैं। उत्तर प्रदेश में करीब 17 सरकारी विश्वविद्यालय हैं। 27 से भी ज्यादा निजी विश्वविद्यालय हैं। सैकड़ों की संख्या में डिग्री कॉलेज हैं। इसके अलावा कई तकनीक, आयुर्वेद और अन्य विश्वविद्यालय हैं।

नई शिक्षा नीति से उच्च शिक्षा में और बेहतरी की उम्मीद

साथियों, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नई शिक्षा नीति लेकर हाजिर हुई है। इससे भी उच्च शिक्षा में बेहतरी की उम्मीद है। इसके तहत उच्च शिक्षा में जीईआर को 2035 तक 50% तक बढ़ाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा उच्च शिक्षा में 3.5 करोड़ नई सीटें जोड़े जाना भी प्रस्तावित है। इसके अलावा और भी कई नई पहल हुई है। मसलन इंजीनियर बनने के लिए मैथ्स होने की बाध्यता समाप्त हो गई है। उम्मीद की जा रही है कि नई शिक्षा नीति छात्र छात्राओं के बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगी।

देवी अहिल्या बाई निशुल्क शिक्षा योजना से जुड़े सवाल –

उत्तर प्रदेश देवी अहिल्या बाई निशुल्क शिक्षा योजना क्या है?

यह योजना उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शुरू की है। इसके तहत छात्राओं को स्नातक तक की शिक्षा मुफ्त प्रदान की जाएगी।

इस योजना के लिए सरकार ने कि कितने बजट का प्रावधान किया है?

इस योजना के लिए सरकार ने 21 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है।

इस योजना के संचालन का जिम्मा किस विभाग पर है?

उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग को इस योजना के संचालन और देख रेख का जिम्मा सौंपा गया है।

उत्तर प्रदेश देवी अहिल्याबाई निशुल्क शिक्षा योजना के लिए क्या अन्य राज्यों की छात्राएं भी आवेदन कर सकती हैं?

जी नहीं, इस योजना के तहत केवल यूपी यानी उत्तर प्रदेश में रहने वाली छात्राएं ही आवेदन कर सकती हैं। अन्य राज्यों में रहने वाली लड़कियां इस योजना का लाभ प्राप्त नहीं कर सकतीं ।

क्या योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी छात्रा का बैंक खाता होना आवश्यक है?

जी हां, योजना के तहत आवेदन करने वाली छात्रा का स्वयं का बैंक खाता होना आवश्यक है। बैंक में अपना खाता खुलवाने के बाद ही वह आवेदन कर सकेंगी।

क्या बीच में शिक्षा छोड़ने वाली छात्राएं भी इस योजना की लाभार्थी होंगी?

जी नहीं, शिक्षा को बीच में ही छोड़ देने वाली कन्याओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

मित्रों, यह थी उत्तर प्रदेश देवी अहिल्याबाई निशुल्क शिक्षा योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी। उम्मीद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि आप ऐसी ही अन्य उपयोगी पोस्ट हम से चाहते हैं तो हमें विषय का नाम लिखकर कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि हम आपको संबंधित विषय पर समूची जानकारी उपलब्ध कराएं। इस पोस्ट पर आपकी प्रतिक्रियाओं और सुझावों का हमेशा की तरह स्वागत है। ।।धन्यवाद।।

प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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