नो क्लेम बोनस क्या होता है? एनसीबी कितना मिलता है? No Claim Bonus In Hindi

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हमारे देश में कारों के शौकीन कम नहीं। लेकिन बहुत से लोगों के लिए कार शौक से अधिक जरूरत का नाम होती है। पूरे परिवार को साथ लेकर लंबे सफर में धूप, बारिश से बचाव के चलते लोग दुपहिया की जगह कार खरीदने को प्राथमिकता देते हैं।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस आवश्यक होता है। ऐसे में वे गाड़ी का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (third party insurance) अवश्य कराते हैं, लेकिन कांप्रेहेन्सिव पाॅलिसी (comprehensive policy) पर गौर नहीं करते। वे इस संबंध में जागरूक भी नहीं होते, जबकि इस पाॅलिसी के जरिए वे नो क्लेम बोनस हासिल कर सकते हैं।

नो क्लेम बोनस (no claim bonus) भविष्य में इंश्योरेंस प्रीमियम (insurance premium) का खर्च कम आपकी मदद कर सकता है। क्या कहा? आप इस बारे में अधिक नहीं जानते तो भी चिंता की बात नहीं। आज हम आपको नो क्लेम बोनस के विषय में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए शुरू करते हैं-

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नो क्लेम बोनस क्या है? (what is no claim bonus)

दोस्तों, नो क्लेम बोनस (no claim bonus) यानी एनसीबी (NCB) को आप एक ऐसा इनाम मान सकते हैं, जो बीमा कंपनी (insurance company) की ओर से पाॅलिसी होल्डर (policy holder) को पाॅलिसी पीरियड (policy period) के दौरान कोई क्लेम न करने के लिए मिलता है।

इसे एकत्र करके आने वाले सालों के इंश्योरेंस प्रीमियम पर डिस्काउंट (discount) हासिल किया जा सकता है। अमूमन इस डिस्काउंट की राशि 20 से लेकर 50 प्रतिशत तक होती है। खास बात यह है कि यदि पाॅलिसी होल्डर अपना वाहन बदल लेता है, नो क्लेम बोनस तब भी कायम रहता है।

यानी यह पाॅलिसी होल्डर द्वारा खरीदे गए नए वाहन पर ट्रांसफरेबल (transferable) होता है। बशर्ते पाॅलिसीधारक का नाम सेम हो। इसके साथ ही यदि वाहन स्वामी किसी नई कंपनी से इंश्योरेंस कराना चाहता है तो यह एनसीबी वहां भी ट्रांसफर किया जा सकता है।

कंपनियां नो क्लेम बोनस क्यों देती हैं? (why companies give no claim bonus)

दोस्तों, यह सवाल आपके दिल में जरूर आ रहा होगा कि आखिर ऐसी क्या वजह है, जिसके चलते बीमा कंपनियां वाहन स्वामी को नो क्लेम बोनस देती हैं? तो आपको बता दें कि ओन डेमेज इंश्योरेंस पाॅलिसी (own damage insurance policy) में कार को हुए किसी नुकसान की भरपाई शामिल होती है।

इस वजह से इसका प्रीमियम काफी महंगा होता है। ऐसे में गाड़ी के मालिकों को कुछ राहत देने के लिहाज से बीमा कंपनियां बीमा पाॅलिसी पर नो क्लेम बोनस देती हैं।

यह दरअसल व्यक्ति यानी गाड़ी के मालिक से जुड़ी होती है, न कि वाहन से। यदि आप किसी भी कार के मालिक हों, आप जब तक चाहें एक्सपायरी डेट (expiry date) से पहले पाॅलिसी रिन्यू (renew) करने पर एनसीबी प्राप्त कर सकते हैं।

नो क्लेम बोनस क्या होता है? एनसीबी कितना मिलता है? No Claim Bonus In Hindi

नो क्लेम बोनस कब मिलता है? (when one gets no claim bonus)

उम्मीद है कि नो क्लेम बोनस क्या है एवं कंपनियां इसे क्यों देती हैं, यह आपको स्पष्ट हो गया होगा। अब अगले चरण की ओर बढ़ते हैं। आपको बताते हैं कि नो क्लेम बोनस कब मिलता है। मित्रों, बता दे कि जब कोई पाॅलिसी होल्डर अपनी पाॅलिसी रिन्यू कराता है तो उसे नो क्लेम बोनस का लाभ मिलता है।

यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि इसके तहत डिस्काउंट 20 से 50 प्रतिशत तक हो सकता है। दोस्तों, आपकी कार जैसे जैसे पुरानी हो जाती है, इंश्योरेंस में नो क्लेम की दर भी बढ़ती जाती है।

लेकिन जैसा कि हम आपको स्पष्ट कर चुके हैं कि इसका लाभ तभी प्राप्त होता है, जबकि आपने कोई क्लेम न किया हो। यह तो आप जानते ही हैं कि आपको आपकी पाॅलिसी के एक्सपायर (expire) होने से पहले उसे रिन्यू कराना होगा।

क्या थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पर नो क्लेम बोनस मिलता है? (Is no claim bonus given on third party insurance)

साथियों, बहुत सारे लोग यह प्रश्न करते हैं कि क्या थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पर नो क्लेम बोनस मिलता है? तो आपको बता दें कि नो क्लेम बोनस तभी मिलता है, जब आपने ओन डेमेज (own damage) अथवा कांप्रेहेन्सिव पाॅलिसी (comprehensive policy) ली हो।

यह थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पाॅलिसी पर नहीं मिलता। यह हम आपको बता चुके हैं कि एनसीबी को नए वाहन पर ट्रांसफर किया जा सकता है। लेकिन यह भी जान लीजिए कि आपका वाहन दोपहिया है अथवा चार पहिया, वह जिस श्रेणी का है, नए वाहन में भी एनसीबी उसी श्रेणी में मिलेगा।

किस सूरत में एनसीबी नहीं मिलता (in what condition NCB is not given)

मित्रों, अब हम आपको बताएंगे कि आपको एनसीबी किस सूरत में नहीं मिलेगा। यह स्थितियां इस प्रकार से हैं-

  • यदि किसी वर्ष आपने इंश्योरेंस क्लेम कर लिया है, तो अगले वर्ष आपको एनसीबी नहीं मिलेगा।
  • यदि आपने क्लेम नहीं लिया है, लेकिन पाॅलिसी को एक्सपायर होने के 90 दिन के भीतर रिन्यू नहीं कराया है तो भी आपको एनसीबी का लाभ नहीं मिलेगा।
  • आपको यह भी बता दें कि यदि गाड़ी का एक्सीडेंट ड्राइवर की गलती से होता है तो बीमा कंपनी के पास एनसीबी आंशिक (partly) अथवा पूरा (full) देने से मना करने का अधिकार है।
  • गाड़ी चोरी होने की स्थिति में भी एनसीबी नहीं मिलता।

एनसीबी के तहत अधिकतम कितना डिस्काउंट मिलता है? (what is maximum discount under NCB is given)

साथियों, आपको बता दें कि एनसीबी के तहत पहले साल कोई क्लेम न करने पर आपको पाॅलिसी रिन्यूअल (policy renewal) पर 20 प्रतिशत डिस्काउंट मिलता है। इसके बाद हर वर्ष पांच प्रतिशत की छूट मिलती जाती है।

खास बात यह है कि अधिकतम डिस्काउंट 50 प्रतिशत ही मिलता है। स्पष्ट कर दें कि यदि आप 50 प्रतिशत के बाद भी कोई क्लेम नहीं करते तो भी इस अधिकतम 50 फीसदी की सीमा में बढ़ोत्तरी नहीं होगी।

नो क्लेम बोनस ट्रांसफर के लिए आवश्यक दस्तावेज (documents required for no claim bonus transfer)

मित्रों, यदि आपने अपनी पुरानी कार बेचकर नई कार खरीदी है तो ऐसी स्थिति में नो क्लेम बोनस ट्रांसफर करने के लिए आपको किन दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ेगी, अब हम आपको इसकी जानकारी देंगे। ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं-

  • एनसीबी ट्रांसफर किए जाने का आवेदन पत्र (application form for transfer of NCB)।
  • कार इंश्योरेंस की फोटो कापी (photo copy of car insurance)।
  • लेनदार-खरीदार समझौता फार्म फार्म-29 एवं फार्म 30।
  • पुरानी आरसी के ट्रांसफर की काॅपी अथवा मालिकाना हस्तांतरण प्रमाण पत्र (photo copy of old rc or owner transfer certificate)।
  • डिलीवरी नोट की फोटो काॅपी (photo copy of delivery note)
  • बुकिंग रसीद की फोटो काॅपी (photo copy of booking receipt)
  • एनसीबी सर्टिफिकेट (NCB certificate)

एनसीबी कैसे ट्रांसफर होता है? (how NCB is transferred)

दोस्तों, आपको बता दें कि एनसीबी ट्रांसफर करने की प्रक्रिया बेहद आसान सी है। यदि आपको पाॅलिसी ट्रांसफर करानी है तो उसकी प्रक्रिया यह होगी-

  • आवेदक को पुरानी बीमा कंपनी से संपर्क करना होगा।
  • यहां उसे एनसीबी ट्रांसफर करने के लिए आवेदन देना होगा।
  • इसके साथ ही सभी कागजात जमा करने होंगे।
  • बीमा कंपनी एनसीबी सर्टिफिकेट दे देगी।
  • इसे आपको नई बीमा कंपनी को देना होगा, जो एनसीबी हस्तांतरित कर देगी।

मित्रों यदि आप आनलाइन इंश्योरेंस लेना चाहते हैं तो आपको एनसीबी सर्टिफिकेट, पुरानी बीमा पाॅलिसी कंपनी, आपका पाॅलिसी नंबर आदि की जानकारी नई कंपनी को देनी होगी।

इस बात का सुबूत भी देना होगा कि आपने पूर्व में कोई क्लेम नहीं लिया है। इसके बाद संबंधित कंपनी स्वयं आपका एनसीबी ट्रांसफर करा देगी।

छोटे नुकसान का क्लेम न लें तो बेहतर

दोस्तों, यदि आप अपनी कार में किसी छोटे मोटे नुकसान के लिए क्लेम लेते हैं तो यह ठीक नहीं। इसकी वजह यह है कि एक बार क्लेम लेने पर आपका एनसीबी स्कोर (NCB score) जीरो हो जाता है। इसका अर्थ है कि आपको अगले वर्ष कोई छूट नहीं मिलेगी। आपको आरंभ से ही एनसीबी स्कोर बनाना होगा। इसे आप एक उदाहरण से समझ सकते हैं।

मान लीजिए कि शकुंतला ने 2012 में एक कार खरीदी। उन्होंने चार साल में कोई क्लेम नहीं लिया। 2016 के प्रीमियम में वे 45 प्रतिशत एनसीबी संग छह हजार रूपये की सेविंग कर सकती थीं, मगर उन्होंने कार का शीशा टूट जाने पर पांच हजार रुपए का क्लेम ले लिया। ऐसे में वे छह हजार रुपये के डिस्काउंट से वंचित हो गईं।

अगले साल क्लेम न लेने पर उन्हें 50 प्रतिशत के स्थान पर 20 प्रतिशत की ही छूट मिली। इससे साफ है कि छोटी रकम के क्लेम से बचना ही उचित है। अलबत्ता, कुछ कंपनियां अब नई सुविधा दे रही हैं।

इसके तहत आप अपने एनसीबी सुरक्षित रख सकते हैं। आपके क्लेम के बाद की शेष राशि पर डिस्काउंट का प्रावधान किया गया है। लेकिन अगले वर्ष एनसीबी स्कोर आरंभ से ही बनाना होगा।

कांप्रेहेन्सिव एवं थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में क्या अंतर है? (what is the difference between comprehensive policy and third party insurance)

मित्रों, हमने आपको बताया कि नो क्लेम बोनस कांप्रेहेन्सिव इंश्योरेंस पर मिलता है, लेकिन थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पर नहीं। अब हम आपको इन दोनों में अंतर समझाते हैं। साथियों, कांप्रेहेन्सिव पालिसी आपको व्यापक इंश्योरेंस कवरेज देता है। जैसे-आपकी कार के साथ साथ अन्य लोगों की गाड़ियों एवं संपत्ति को होने वाले नुकसान से भी सुरक्षा प्रदान करता है।

चोरी, आग, दुर्भावनापूर्ण गतिविधि अथवा प्राकृतिक आपदा के कारण होने वाले नुकसान के लिए भी मुआवजा दिया जाता है। अब आते हैं थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पर।

यदि टक्कर के मामले में आपकी गलती है तो आप थर्ड पार्टी, यानी जिसका वाहन डेमेज हुआ है, को नुकसान का भुगतान करने के लिए बाध्य होते हैं। इसलिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस किया जाता है। आपको बता दें कि भारत में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य है।

कांप्रेहेन्सिव पाॅलिसी में कौन कौन से नुकसान कवर किए जाते हैं (what losses are covered in comprehensive policy)

दोस्तों, अब हम आपको बताएंगे कि कांप्रेहेन्सिव पालिसी के अंतर्गत कौन कौन से नुकसान कवर होते हैं। ये इस प्रकार से हैं-

  • किसी दुर्घटना की वजह से होने वाला नुकसान।
  • बाढ़, चक्रवात, बिजली गिरने, भूकंप, भूस्खलन, ओलावृष्टि, बर्फबारी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली हानि।
  • सड़क, रेल, वायु अथवा जलमार्ग, लिफ्ट, एलीवेटर आदि से होने वाली क्षति।
  • अग्नि के कारण होने वाली क्षति।
  • चोरी, दंगा अथवा कोई दुर्भावनापूर्ण अथवा आतंकी गतिविधियों की वजह से होने वाली हानि।
  • इंश्योर्ड कार के मालिक, ड्राइवर आदि को लगी चोटों के लिए दुर्घटना कवर।
  • मृत्यु अथवा स्थाई विकलांगता के लिए मुआवजा।

इंश्योरेंस के मामले में अधिक जागरूकता की आवश्यकता (more awareness needed in the matter of insurance)

साथियों, हमारे देश में लोग गाड़ी लेने में अवश्य दिलचस्पी दिखाते हैं। लेकिन इस बात पर कोई ध्यान नहीं देते कि उनके लिए उनकी जरूरत के हिसाब से कौन सी इंश्योरेंस पाॅलिसी ठीक रहेगी। जबकि अब वे इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न बीमा कंपनियों की ओर से दी जा रही पाॅलिसीगत सुविधाओं की भी तुलना कर अपने लिए एक बेहतर प्लान चुन सकते हैं।

लोगों को इंश्योरेंस चुनते समय थोड़ी समझदारी अवश्य दिखानी होगी। साथ ही इस संबंध में जागरूक भी होना होगा। तभी वे अपनी गाड़ी के लिए एक बेहतर इंश्योरेंस प्लान भी चुन सकेंगे।

एजेंट अक्सर अपने कंपनियों की ही बीमा पाॅलिसी को बेहतर ठहराते हैं, इसलिए बेहतर यही है कि आप विभिन्न कंपनियों की ओर से दी जा रही पाॅलिसी के लाभ आनलाइन जांचकर एवं सबकी तुलना करके ही इस दिशा में कदम आगे कदम बढ़ाएं।

नो क्लेम बोनस क्या होता है?

यदि आप इंश्योरेंस पाॅलिसी पीरियड के दौरान कोई क्लेम नहीं लेते तो आपको नो क्लेम बोनस मिलता है। इसके जरिए आप पाॅलिसी रिन्यू कराते समय प्रीमियम में डिस्काउंट के हकदार होते हैं।

नो क्लेम बोनस कितने प्रतिशत मिलता है?

किसी भी गाड़ी मालिक को 20 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक नो क्लेम बोनस मिलता है। 50 प्रतिशत इसकी अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है।

क्या थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पाॅलिसी पर नो क्लेम बोनस मिलता है?

जी नहीं, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पाॅलिसी पर नो क्लेम बोनस नहीं मिलता।

नो क्लेम बोनस किस पाॅलिसी पर मिलता है?

नो क्लेम बोनस ओन डेमेज पर मिलता है अथवा आपने कांप्रेहेन्सिव पाॅलिसी ली हुई हो।

क्या नो क्लेम बोनस को नई गाड़ी पर ट्रांसफर कराया जा सकता है?

जी हां, नो क्लेम बोनस व्यक्ति से जुड़ा मामला है। वाहन से नहीं। ऐसे में उसे नई गाड़ी पर ट्रांसफर कराना संभव है।

किन स्थितियों में नो क्लेम बोनस नहीं मिलता?

यदि पाॅलिसी एक्सपायर होने के 90 दिन के भीतर उसे रिन्यू नहीं कराया जाता तो नो क्लेम बोनस का लाभ नहीं मिलता।

यदि पाॅलिसी होल्डर किसी नई कंपनी से इंश्योरेंस कराना चाहता है तो क्या उसे एनसीबी मिलेगा?

जी हां, यदि पाॅलिसी होल्डर किसी नई कंपनी से इंश्योरेंस कराना चाहता है तो भी उसे एनसीबी मिलेगा।

एनसीबी ट्रांसफर कराने के लिए किन किन चीजों की आवश्यकता होगी?

एनसीबी ट्रांसफर कराने के लिए कार इंश्योरेंस की फोटो कापी, फार्म-29 एवं फार्म-30, पुरानी आरसी के ट्रांसफर की काॅपी, डिलीवरी नोट की फोटो काॅपी, बुकिंग रसीद की फोटो काॅपी एवं एनसीबी सर्टिफिकेट की आवश्यकता होगी।

दोस्तों, हमने आपको नो क्लेम बोनस के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उम्मीद है कि इस पोस्ट से आपको नो क्लेम बोनस के बारे में जानने में सहायता मिली होगी। यदि आप इसी प्रकार के किसी ज्ञानवर्धक विषय पर हमसे जानकारी चाहते हैं तो उसके लिए हमें नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट कर सकते हैं। ।।धन्यवाद।।

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प्रवेश
प्रवेश
मास मीडिया क्षेत्र में अपनी 15+ लंबी यात्रा में प्रवेश कुमारी कई प्रकाशनों से जुड़ी हैं। उनके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है। वह गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से वाणिज्य में मास्टर भी हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से व्यक्तिगत प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें यात्रा और ट्रेकिंग में बहुत रुचि है। वह वाणिज्य, व्यापार, कर, वित्त और शैक्षिक मुद्दों और अपडेट पर लिखना पसंद करती हैं। अब तक उनके नाम से 6 हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
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