NSE और BSE क्या है? | NSE और BSE के बीच क्या अंतर है? | What is difference between BSE and NSE in Hindi

|| NSE or BSE ke bare mein jankari | NSE और BSE के बीच क्या अंतर है? | BSE क्या है? | What is BSE in stock market in Hindi | NSE में कितनी कंपनी है? | NSE kya hai ||

What is difference between NSE and BSE in Hindi :- अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते है या फिर इसके बारे में जानकारी रखते है तो आपको NSE और BSE के बारे में भी पता होगा। NSE और BSE दोनों ही शेयर बाजार को चलाते है। इनके बिना शेयर बाजार में किसी भी प्रकार का लेन देन होना (NSE or BSE kya hai) असंभव है। NSE और BSE के होने से शेयर बाजार में निष्पक्षता बनी रहती है जिससे की निवेशकों का इस बाजार पर से विश्वास ना उठे और वो निडर होकर शेयर्स खरीद और बेच सके। 

अगर आपको NSE और BSE के बारे में जानकारी है तो यह बहुत अच्छी बात है परन्तु आपको इन दोनों के बीच का अंतर भी पता होना अत्यंत आवश्यक है ताकि आपको शेयर बाजार की पूरी जानकारी हो (NSE or BSE ke bare mein jankari) सके। अगर आप इन दोनों एक्सचेंज के अंतर के बारे में जानना चाहते है तो हमारा आज का आर्टिकल अवश्य पढ़े। आज के आर्टिकल में हम आपको विस्तार से NSE और BSE के बारे में बताएंगे। इस आर्टिकल में हम आपको NSE और BSE का मतलब, इन दोनों एक्सचेंज के बीच के अंतर को बताएंगे।

NSE क्या है? (What is NSE in stock market in Hindi)

NSE और BSE के बीच के अंतर के बारे में जानने से पहले हम इन दोनों एक्सचेंज के मतलब क्या है यह जान लेते है। NSE का पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है जिसकी स्थापना साल 1992 में की गयी थी। NSE पूंजीकरण के मामले में भारत का सबसे बड़ा एक्सचेंज है और वैसे यह BSE के बाद दूसरा बड़ा (NSE kya hai) एक्सचेंज है। इसकी स्थापना BSE की स्थापना के बाद की गयी थी। आज के दिन निफ़्टी का भाव 18,608 चल रहा है।

NSE और BSE क्या है NSE और BSE के बीच क्या अंतर है

NSE एक स्टॉक मार्केट एक्सचेंज है जिस पर सारी कंपनियां लिस्ट होती है और इसका एक बेंचमार्क इंडेक्स भी है जिसका नाम निफ़्टी है। जब निफ़्टी का भाव बढ़ता है तब निफ़्टी पर लिस्टिड सारी कंपनियों के शेयर्स के भाव भी बढ़ते है और जब निफ़्टी का भाव गिरता है तब इसमें लिस्टिड बाकि कंपनियों के शेयर्स के भाव भी उसी हिसाब से कम हो जाते है। निफ़्टी का भाव बाजार की स्थिति के हिसाब से बढ़ता और चढ़ता है। उदाहरण के तौर पर जब कोरोना भारत में आया था तब निफ़्टी का भाव 10,000 रूपए तक पहुँच गया था जिसके कारण काफी सारे शेयर्स के भाव में गिरावट देखने को मिली थी।

जब मार्केट रिकवर हुई तब निफ़्टी का भाव भी धीरे धीरे बढ़ने लगा और फिर इसके साथ की बाकि कम्पनियों के शेयर्स के भाव भी बढ़ने लगे। निफ़्टी के अंदर भारत की 50 बड़ी कम्पनियाँ शामिल है जिनकी पर्फोर्मस बहुत अच्छी है और जिनकी मार्केट कैपिटलाइजेशन भी ज़्यादा (NSE full form in Hindi) है। अगर आप चाहे तो निफ़्टी में भी निवेश कर सकते है। इससे शेयर बाजार की भाषा में इंडेक्स ट्रेडिंग कहते है। जिस प्रकार से हम शेयर्स खरीदते है उसी प्रकार हम निफ़्टी में भी अपना पैसा लगा सकते है और खूब सारा पैसा इससे कमा सकते है। 

BSE क्या है? (What is BSE in stock market in Hindi)

ऊपर हमने आपको बताया कि NSE क्या होता है अब हम आपको BSE के बारे में जानकारी देंगे। BSE का पूरा नाम बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज है। BSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है जिसकी स्थापना 1875 में की गयी (BSE kya hai) थी। BSE के अंदर 30 बड़ी कपनियां शामिल है जिनकी फाइनेंशीयल पोजीशन काफी स्ट्रांग है और मार्केट कैपिटलाइजेशन भी 20,000 करोड़ से ज़्यादा है।

जिस तरह से NSE का बेंचमार्क इंडेक्स निफ़्टी है उसी प्रकार BSE का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स है। आज के दिन सेंसेक्स का भाव 62,533 चल रहा (BSE full form in Hindi) है। पिछले 1 साल में यह 7% से बढ़ा है और पिछले 5 सालो में इसका भाव 86% से बढ़ा है जो बहुत अच्छी ग्रोथ है। अगर हम इसकी आज तक की ग्रोथ के बारे में बात करे तो आज तक सेंसेक्स 11,046% बढ़ा है। साल 1986 में इसका भाव 561 चल रहा था। तबसे अब तक सेंसेक्स में काफी ग्रोथ देखने को मिली है और निवेशकों को भी बहुत मुनाफा हुआ है। 

BSE के अंदर वो कपनियां शामिल है जिनका कारोबार बहुत अच्छा चल रहा है अगर कोई कंपनी अच्छा परफॉर्म नहीं करती है तो उसे सेंसेक्स की 30 कम्पनियों के लिस्ट से हटा दिया जाता है और उस कंपनी को शामिल कर लिया जाता है जिसकी पर्फोर्मस पुरानी कंपनी के हिसाब से काफी अच्छी होती है। 

BSE दुनियाभर में 10 बड़े एक्सचेंज की सूची में आता है। BSE में 5,000 से ज़्यादा कम्पनियाँ लिस्टिड है और NSE पर करीब 1,600 कम्पनियाँ लिस्टिड है। बहुत सारी कम्पनियाँ ऐसी भी है जो NSE और BSE दोनों पर लिस्टिड है। दोनों NSE और BSE का हेडक्वार्टर मुंबई में है।

NSE और BSE के बीच क्या अंतर है? (What is difference between BSE and NSE in Hindi)

अब तक आपको दोनों NSE और BSE के बारे में अच्छे से जानकारी मिल गयी होगी। अब हम आपको इन दोनों एक्सचेंज के बीच के अंतर के बारे में भी बतांएगे ताकि आप और अच्छे से इनके बारे में जान सके।

स्थापना 

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे कि BSE भारत का सबसे बड़ा एक्सचेंज है और इसकी स्थापना NSE से पहले साल 1875 में की गयी थी। NSE BSE के बाद सबसे बड़ा एक्सचेंज है जिसकी स्थापना 1992 में की गयी थी। इसके साथ ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ग्लोबल स्टॉक एक्सचेंज की रैंकिंग में 10वें स्थान पर आता है और NSE 11वें स्थान पर आता है। वैसे तो यह दोनों एक्सचेंज अलग अलग समय पर बने है परन्तु ये भारत के सबसे पुराने और सबसे बड़े एक्सचेंज है जिनसे पूरी मार्केट टिकी हुई है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग 

अगर हम इलेक्ट्रॉनिक व्यापर की बात करे तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से आगे है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हमेशा से ही पेपरलेस ट्रेडिंग सिस्टम को बढ़ावा देता रहा है जिसकी वजह से इसको पुरे तरीके से ऑनलाइन एक्सचेंज बना दिया गया है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में पहले पेपरलेस ट्रेडिंग सिस्टम नहीं था। उस टाइम में BSE पर सिर्फ पेपर द्वारा ही ट्रेडिंग की जाती थी जिसको कुछ समय के बाद इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम में बदल दिया गया। 

डेरीवेटिव 

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के डेरीवेटिव ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में बहुत बड़ा हाथ है। इसके 2 प्रमुख सूचकांक है जिसमे निफ़्टी 50 और बैंक निफ़्टी शामिल है। डेरीवेटिव ट्रेडिंग में निवेशक बहुत पैसा कमाते है परन्तु यह रिस्की भी बहुत होते है क्योंकि इनके भाव बहुत जल्दी चढ़ते और गिरते है। जिन लोगो को डेरीवेटिव में ट्रेड करना होता है वो ज़्यादातर निफ़्टी 50 या फिर बैंक निफ़्टी में ही अपना पैसा लगाते है। BSE के निवेशक डेरीवेटिव ट्रेडिंग में बहुत कम लाभ उठा पाते है।

बेंचमार्क इंडेक्स 

जैसा की हमने आपको ऊपर बताया कि NSE और BSE दोनों के ही अपने अपने बेंचमार्क इंडेक्स है। NSE का बेंचमार्क इंडेक्स है निफ़्टी और BSE का बेंचमार्क इंडेक्स है सेंसेक्स। जब निफ़्टी या सेंसेक्स का भाव गिरता है तो इनमे लिस्टिड लगभग सारी कंपनियों के भाव में गिरावट देखने को मिलती है और जब निफ़्टी और सेंसेक्स का भाव चढ़ता है तब इनमे लिस्टिड शेयर्स के भाव में उछाल देखने को मिल सकता है। 

शेयर प्राइस में फर्क 

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे कि कुछ कम्पनियाँ ऐसी भी है जो दोनों बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिड है। इसका मतलब यह हुआ कि आप उनके शेयर्स NSE और BSE दोनों पर खरीद और बेच सकते है। कभी कभी किसी कंपनी के शेयर प्राइस में BSE और NSE पर फर्क देखने को मिलता है जिसका लोग फायदे उठाते है और जिस एक्सचेंज पर वो शेयर सस्ता मिल रहा होता है उसको वहां से खरीद कर दूसरे एक्सचेंज जिसपर शेयर प्राइस ज़्यादा होता है वहां बेच देते है।

NSE और BSE में क्या अंतर है – Related FAQs

प्रश्न: NSE से क्या होता है?

उत्तर: NSE एक स्टॉक मार्केट एक्सचेंज है जिसपर सारी कंपनियां लिस्ट होती है और इसका एक बेसंचमार्क इंडेक्स भी है जिसका नाम निफ़्टी है। 

प्रश्न: BSE क्या होता है?

उत्तर: BSE का पूरा नाम बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज है।

प्रश्न: कौन सा सबसे अच्छा एनएसई या बीएसई है?

उत्तर: इसके बारे में संपूर्ण जानकारी आपको हमारे द्वारा लिखे गए इस लेख को पढ़ कर मिलेगी।

प्रश्न: भारत में कुल कितने शेयर बाजार है?

उत्तर: भारत में 21 स्टॉक माक्रेट एक्सचेंज है।

प्रश्न: भारत में सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज क्या है?

उत्तर: भारत का सबसे पुराना स्टॉक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज है जिसको हम BSE भी कहते है। 

प्रश्न: NSE में कितनी कंपनी है?

उत्तर: NSE में कुल 50 कंपनियां शामिल है जिनकी परफॉरमेंस अच्छी है।

प्रश्न: BSE में कितनी कपनियां शामिल है?

उत्तर: BSE में टॉप 30 कंपनियां शामिल है जबकि NSE में कुल 50 कंपनियां शामिल है।

शेफाली बंसल
शेफाली बंसल
इनको लिखने में काफी रूचि है। इन्होने महिलाओं की सोशल मीडिया ऐप व वेबसाइट आधारित कंपनी शिरोस में कार्य किया। अभी वह स्वतंत्र रूप में लेखन कार्य कर रहीं हैं। इनके लेख कई दैनिक अख़बार और पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।
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