ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स कैसे करें? | योग्यता, फुल फॉर्म व करियर स्कोप | O level computer course in Hindi

|| ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स कैसे करें? | O level computer course in Hindi | O level computer course kya hai in Hindi | (O level computer course details in Hindi | ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स की फुल फॉर्म (O level computer course full form) | O level computer course eligibility | O level computer course syllabus in Hindi ||

O level computer course in Hindi :- आज के समय में कंप्यूटर पर काम करने वाले लोगों की मांग बहुत ज्यादा बढ़ने लगी है। अब यदि आप सोच रहे हैं कि कंप्यूटर में काम करने के लिए इंजीनियरिंग करनी होगी और उसमें केवल कोडिंग का ही काम होता है तो आप गलत हैं। दरअसल ऐसे हजारों काम होते हैं जो कंप्यूटर के माध्यम से किये जाते हैं। इसमें साधारण काम से लेकर उच्च श्रेणी के काम सब आते हैं। किंतु जरुरी है यह काम करने वाले लोगों में कौशल को विकसित करना और फिर उन्हें काम दिया जाना।

भारत की ऐसी बहुत सी जनता है जिन्हें कंप्यूटर पर काम तो करना होता है लेकिन इसके लिए उनके पास डिग्री लेने के पैसे नहीं होते हैं या वे यह करना नहीं चाहते (O level computer course kya hai in Hindi) हैं। अब कंप्यूटर पर साधारण काम करने या उसे सीखने के लिए कौन कॉलेज में जाकर उसके लिए डिग्री ले और अपने पैसे व समय खर्च करे। तो इसके लिए भारत सरकार के द्वारा एक ऐसा कंप्यूटर कोर्स करवाया जाता है जो बहुत ही कम समय का होता है और इसे करने में पैसा भी (O level computer course details in Hindi) बहुत ही कम लगता है।

इस कोर्स को ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स कहा जाता है और आज के समय में हजारों छात्र इसके जरिये लाभान्वित हो चुके हैं। यह कोर्स करके आप कंप्यूटर में तरह तरह की नौकरी कर सकते हैं और अपने कौशल का परिचय दे सकते हैं। ऐसे में यदि (O level computer course kya hota hai) आपको भी ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स करना है और इसके बारे में जानकारी लेनी है तो आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं। वह इसलिए क्योंकि आज के इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स करने के बारे में समूची जानकारी साँझा करने वाले हैं।

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ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स कैसे करें? (O level computer course in Hindi)

यह लेख मुख्य रूप से आपको ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स की जानकारी देने के उद्देश्य से ही लिखा गया है और यह कोर्स है क्या चीज़ और इसे किस तरह से किया जाए, इसके बारे में बताने के लिए लिखा गया है। अब यदि आपको ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स करना है तो उससे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि यह ओ लेवल होता क्या है और इसे किसके तहत शुरू किया गया है। इसी के साथ साथ इसे शुरू करने का क्या उद्देश्य है और इससे आपको क्या कुछ लाभ मिलेगा।

O level computer course in Hindi

इसके लिए आपको यह लेख पूरा पढ़ना होगा क्योंकि इस लेख में आपको ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स के बारे में हरेक जानकारी विस्तार से दी जाएगी। साथ ही यह बताने में भी सहायता की जाएगी कि किस तरह से आप भी ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स करके नौकरी लग सकते हैं और अपने आपको को आर्थिक रूप से सक्षम बना सकते हैं।

ओ लेवल क्या है? (O level computer course kya hai in Hindi)

सबसे पहले बात करते हैं कि यह ओ लेवल होता क्या है और इस कंप्यूटर कोर्स का नाम ओ लेवल ही क्यों रखा गया है। तो यहाँ ओ शब्द का तात्पर्य आर्डिनरी अर्थात साधारण से है। आर्डिनरी अंगेजी भाषा का शब्द है जिसका हिंदी अर्थ साधारण होता है। तो कंप्यूटर में ओ लेवल का कोर्स करने का मतलब होता है कंप्यूटर की बेसिक जानकारी लेना और उसका काम करना सीखना। अब यह साधारण या बेसिक जानकारी क्या है और इसमें आपको क्या कुछ सीखने को मिलेगा, यह सब आपको इस लेख के माध्यम से एक एक करके समझा दिया जाएगा।

ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स कौन करवाता है?

अब आप यह जान लें कि इस ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स को कौन करवाता है। तो इसे करवाने का श्रेय राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Electronics & Information Technology) को जाता है जिसे शोर्ट फॉर्म में NIELIT के नाम से जाना जाता है। इसी के ऊपर ही देशभर के अलग अलग शहरों में ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स के तहत छात्रों का प्रवेश लेने और उन्हें प्रशिक्षित करवाने की जिम्मेदारी होती है।

अब यदि आपको यह जानना है कि यह संस्था किसके अंतर्गत काम करती है तो यह भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) के अंतर्गत आती है। तो एक तरह से भारत सरकार का सूचना मंत्रालय ही ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स का आयोजन करवाता है।

ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स की फुल फॉर्म (O level computer course full form)

अब आप ऊपर इतने बड़े बड़े नाम पढ़ कर आश्चर्य में पड़ गये हैं तो एक और नाम आपके खाते में जोड़ देते हैं और वह है ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स का फुल नाम। तो यहाँ (O level computer course full details) हम आपको बता दें कि इस ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स को DOEACC ‘O’ Level भी कहा जाता है। अब यहाँ पर DOEACC की फुल फॉर्म होती है Department of Electronics and Accreditation of Computer Courses। वैसे आपको इतने बड़े बड़े नाम याद रखने की कोई आवश्यकता नहीं है और आप केवल ओ लेवल या ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स का नाम ही याद कर सकते हैं।

ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स करने के लिए योग्यता (O level computer course eligibility)

अब यदि आप यह ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स करने के लिए तैयार हैं तो इसके लिए आपको कुछ योग्यता को परिपूर्ण करना होगा जो शिक्षा से जुड़ी हुई है। तो ऐसे सभी छात्र जिन्होंने भारत के ऐसे शिक्षण संस्थान जो भारत सरकार या राज्य सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त है और वहां से उन्होंने अपनी बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई किसी भी विषय में पूरी कर ली है वे इस ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स को करने के लिए स्वतंत्र होते हैं।

अब यदि आपने बारहवीं तक की पढ़ाई नहीं भी की हुई है तो कोई बात नहीं। यदि आपने अपनी दसवीं कक्षा को पास करने के बाद एक साल की आईटीआई की हुई है तो भी आप इस कोर्स को करने के लिए योग्य मान लिए जाते हैं। तो बारहवीं कक्षा तक पढ़े हुए या फिर दसवीं प्लस आईटीआई किये हुए छात्र ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स करने के लिए योग्य छात्र होते हैं।

ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स कितने साल का होता है? (O level computer course duration)

आपको यह जानकर सच में आश्चर्य होगा कि यह ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स केवल और केवल एक वर्ष का ही होता है। इसी कारण इसे ओ लेवल का नाम (O level computer course kitne saal ka hota hai) दिया गया है जिसका मतलब ही कंप्यूटर में साधारण कोर्स करना होता है। इस एक वर्ष की अवधि को दो सेमेस्टर में बांटा गया है जिनकी अवधि 6-6 महीने की होती है। तो एक सेमेस्टर 6 महीने का हो गया और इस तरह से दो सेमेस्टर 1 वर्ष के हो गए।

ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स करने के केंद्र (O level computer course centers)

अब यदि आप सोच रहे हैं कि भारत सरकार के द्वारा हर शहर में ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स का आयोजन करवाया जाता है और आप कहीं से भी इसे कर सकते हैं तो आप गलत हैं। दरअसल इसके लिए भारत सरकार ने भारत को पांच भागों या खण्डों में विभाजित किया है और हर खंड में कुछ सेंटर बनाए गए हैं जहाँ पर ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स का आयोजन करवाया जाता है। तो यह क्षेत्र कौन कौन से हैं जहाँ पर ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स करवाने के केंद्र बनाए गए हैं, आइए उनके नाम जान लेते हैं।

  • दिल्ली
  • चंडीगढ़
  • हरिद्वार
  • गोरखपुर
  • श्रीनगर
  • जम्मू
  • लेह
  • कुरुक्षेत्र
  • पटना
  • शिमला
  • अगरतला
  • ऐज़व्ल
  • गंगटोक
  • गुवाहाटी
  • कोहिमा
  • इम्फाल
  • इंतानगर
  • शिलौंग
  • कोलकाता
  • रांची
  • भुवनेश्वर
  • कालिकट
  • चेन्नई
  • अजमेर
  • औरंगाबाद
  • आमेर
  • पाली

तो कुल मिलाकर अभी तक इन्हीं शहरों में ही ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स के केंद्र बनाए गए हैं। ऐसे में यदि आपको ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स करना है तो आपको इनमें से किसी एक केंद्र में जाकर उसके लिए आवेदन करना होगा।

ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स में प्रवेश कैसे लें? (O level computer course apply online)

अब यदि आपको भारत सरकार के द्वारा आयोजित करवाए जाने वाले इस ओ लेवल कोर्स में प्रवेश लेना है तो उसके लिए आपको ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स की वेबसाइट पर जाना होगा जिसका लिंक https://nielit.gov.in/ है। यहाँ पर आपको इसके (How to apply O level computer course in Hindi) केंद्र के बारे में जानकारी मिलेगी और आपको उसके केंद्र के अनुसार ही किसी एक केंद्र पर क्लिक करना होगा। आप यह भी जान लें कि हर केंद्र में ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स के लिए वर्ष में दो बार प्रवेश लिया जाता है और उसके लिए महीने निर्धारित किये गए हैं।

यह दो महीने है जनवरी व जुलाई का महीना। तो यदि किसी छात्र ने जनवरी से ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स शुरू किया है तो उसका कोर्स उसी वर्ष के दिसंबर महीने में समाप्त हो जाएगा। वहीं यदि किसी छात्र ने जुलाई के माह में प्रवेश लिया है तो उसका ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स अगले वर्ष के जून महीने में समाप्त हो जाएगा। इस तरह वह एक वर्ष की अवधि में इस कोर्स को पूरा कर सकता है।

तो बताई गयी प्रक्रिया के अनुसार आपको ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक कर अपने केंद्र का चुनाव कर वहां जाना होगा और उसके लिए अपना आवेदन देना होगा। अब यह आवेदन आप कभी भी नहीं दे सकते हैं बल्कि इसके लिए भारत सरकार के द्वारा जानकारी दी जाती है। इसकी जानकारी आपको समाचार पत्र, इसी वेबसाइट इत्यादि माध्यम से मिल जाएगी और जब इसके लिए आवेदन मांगे जाएंगे तब आपको अपना आवेदन देना होगा। यह आवेदन मुख्य तौर पर कोर्स के शुरू होने से एक महीना पहले मांगे जाते हैं जो दिसंबर या जून के महीने होते हैं।

अब हर केंद्र में छात्रों के प्रवेश की भी एक संख्या रखी गयी है और उतने ही छात्रों को उस सत्र के लिए प्रवेश मिल पाता है। अब यदि किसी केंद्र में छात्रों की संख्या 50 रखी गयी है और आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या 50 या उसे कम होती है तो उन्हें सीधे ही ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स के लिए प्रवेश मिल जाता है। वहीं यदि यह संख्या 50 से अधिक पहुँच जाती है तो फिर संस्थान के द्वारा एक परीक्षा का आयोजन करवाया जाता है और फिर इस परीक्षा में मिले अंकों के अनुसार टॉप 50 छात्रों को चुन लिया जाता है।

ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स में क्या पढ़ाया जाता है? (O level computer course syllabus in Hindi)

आपको यह भी जानना होगा कि ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स के अंतर्गत आपको क्या कुछ पढ़ाया जाता है और इससे आपको क्या कुछ सीखने को मिलता है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि इसके तहत 4 तरह के विषयों को पढ़ाया जाता है और उनके थ्योरी व प्रैक्टिकल के घंटे भी निर्धारित होते हैं। तो अब यह विषय कौन कौन से हैं और उन्हें कितने घंटे में पढ़ना होता है, आइए इस पर भी एक नज़र डाल लेते हैं।

  • इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी टूल्स व नेटवर्क बेसिक्स (Information Technology Tools and Network Basics)
  • वेब डिजाइनिंग व पब्लिशिंग (Web Designing & Publishing)
  • प्रोग्रामिंग व प्रॉब्लम सोल्विंग पाइथन भाषा के द्वारा (Programming and Problem Solving through Python)
  • इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स व इसकी एप्लीकेशन (Internet of Things and its Applications)

तो इन चार विषयों को ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स के एक वर्ष के अंतराल में पढ़ाया जाता है। इसमें प्रत्येक विषय की थ्योरी पर 48 घंटे दिए जाते हैं जबकि उस विषय का प्रैक्टिकल करवाने पर 72 घंटे का समय लिया जाता है। साथ ही 40 घंटे के प्रोजेक्ट का प्रैक्टिकल होता है। तो इस तरह थ्योरी के कुल घंटे 192 हो जाते हैं और प्रैक्टिकल के कुल घंटे 328 हो जाते हैं। अब यदि थ्योरी व प्रैक्टिकल के घंटो को मिलाया जाए तो आप एक वर्ष में ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स के द्वारा 520 घंटों की पढ़ाई को करते हैं।

ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स का लक्ष्य (O level computer course jobs in Hindi)

जो भी छात्र ओ लेवल या ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स को कर रहे हैं तो उनके द्वारा किस तरह की नौकरी की जा सकती है या फिर इस कोर्स को करवाने का क्या कुछ उद्देश्य भारत सरकार के द्वारा निर्धारित किया गया है, इसके बारे में भी साथ के साथ जानकारी ले ली जाए तो बेहतर रहता (O level computer course benefits in Hindi) है। तो यहाँ हम आपको बता दें कि यदि आप ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स कर लेते हैं तो भारत देश में किसी भी कंपनी में पांच तरह की नौकरी के विकल्प मिल सकते हैं।

अब यह आप पर निर्भर करता है कि आपने कितना गंभीर होकर यह ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स किया है और आपके उसमें कितने अंक आये हैं। इसमें मिले अंकों और आपके कौशल के अनुसार ही आपको कोई नौकरी मिल सकती है। ऐसे में आप यह पांच नौकरियां ले सकते हैं:

  • यूजर इंटरफ़ेस डिज़ाइनर (User Interface Designer और UI डिज़ाइनर)
  • वेब डिज़ाइनर (Web Designer)
  • वेब पब्लिकेशन असिस्टेंट (Web Publication Assistant)
  • ऑफिस ऑटोमेशन असिस्टेंट (Office Automation Assistant)
  • IoT एप्लीकेशन इंटीग्रेटर (IoT Application Integrator)

तो इस तरह से यदि आप ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स कर लेते हैं तो आपकी ऊपर दिए गए किसी भी क्षेत्र में नौकरी लग सकती है। हालाँकि आपकी इनके अलावा भी कई अन्य क्षेत्रों में नौकरी लग सकती है लेकिन यह पूर्ण रूप से आप पर निर्भर करेगा कि आप किस क्षेत्र में अपनी दक्षता को दिखा पाते हैं।

ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स क्या है – Related FAQs

प्रश्न: ओ लेवल में क्या क्या सिखाया जाता है?

उत्तर: ओ लेवल में कंप्यूटर के साधारण कामों के बारे में सिखाया जाता है जिन्हें चार विषयों में विभाजित किया गया है।

प्रश्न: ओ लेवल करने के क्या फायदे हैं?

उत्तर: ओ लेवल करने से आप भारत देश के अंदर पांच तरह की अलग अलग कंप्यूटर आधारित नौकरियां कर सकते हैं।

प्रश्न: ओ लेवल की फीस कितनी है?

उत्तर: ओ लेवल की फीस एक वर्ष की 5 हज़ार रुपए के आसपास है।

प्रश्न: ओ लेवल करने से कौन सी नौकरी मिलती है?

उत्तर: ओ लेवल करने से वेब डिज़ाइनर, ग्राफ़िक्स डिज़ाइनर, प्रोग्रामर इत्यादि की नौकरी मिलती है।

इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स करने के ऊपर संपूर्ण जानकारी ले ली है। आपने यह जान लिया है कि यदि आपको ओ लेवल करना है तो उसके लिए आपको अभी से ही क्या कुछ तैयारी करनी होगी और किस तरह से आपको ओ लेवल कोर्स में प्रवेश मिल पाएगा।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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