|| ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर क्या है? | OBC non creamy layer kya hai | OBC non creamy layer in Hindi | ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में कौन आता है? | ओबीसी क्रीमी लेयर व नॉन क्रीमी लेयर के बीच में अंतर | (OBC non creamy layer meaning in Hindi ||
OBC non creamy layer kya hai :-यदि आप भारत देश में रहते हैं तो आपने यहाँ सरकार के द्वारा प्रबंधित किये जा रहे हर एक क्षेत्र फिर चाहे वह स्वास्थ्य से जुड़ा हो या शिक्षा से या नौकरी पाने से, हर किसी में आरक्षण की सुविधा को सुना होगा जिसे जातियों के आधार पर दिया जाता है। हालाँकि पूरे विश्व में आरक्षण की सुविधा कही नहीं है वहां पर पूरी तरह से व्यक्ति की योग्यता को ही चयन का पैमाना माना जाता है। किंतु भारत देश में स्वतंत्रता के कुछ वर्षों के बाद ही आरक्षण (OBC non creamy layer in Hindi) की नीति को अपना लिया गया था।
तो आरक्षण की इस प्रणाली में मुख्य तीन जातियों के समूह को रखा गया है जिन्हें हम अन्य पिछड़ा वर्ग अर्थात ओबीसी कहते हैं तथा दो अन्य समूह एससी व एसटी है। तो इन तीन जातियों (OBC non creamy layer meaning in Hindi) को विभिन पैमानों पर आरक्षण व अन्य तरह की सुविधाएँ प्रदान की गयी है। इसमें जो अन्य पिछड़ा वर्ग अर्थात ओबीसी है उसमे कई तरह की जातियां आती है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि यह पिछड़ी हुई जातियों का एक समूह होता है जिन्हें आरक्षण का लाभ उठाने को दिया जाता है।
तो इसी ओबीसी जाति में वर्ष 1993 में एक संशोधन कर प्रस्ताव पारित किया गया और इन्हें दो भागो में विभाजित कर दिया गया। जिन्हें हम क्रीमी लेयर तथा नॉन क्रीमी लेयर के नाम से जानते हैं। तो इसमें ओबीसी की क्रीमी लेयर को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है और इन्हें सामान्य वर्ग के तरह ही ट्रीट किया जाता है जबकि ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर को आरक्षण का लाभ मिलता है। तो ऐसे में ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर क्या होती है और इसके क्या प्रावधान है, आइए इसके बारे में जान लेते हैं।
ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर क्या है? (OBC non creamy layer kya hai)
हम बात कर रहे हैं आरक्षण की और उसमे आने वाले ओबीसी समुदाय के नॉन क्रीमी लेयर वाले लोगों की। तो जब से यह प्रणाली बनाई गयी है और ओबीसी समुदाय में से क्रीमी लेयर व नॉन क्रीमी लेयर को अलग अलग किया गया है तभी से ही लोगो के मन में इसे लेकर बहुत दुविधा है। वे यह जानना चाहते हैं कि आखिरकार ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में कौन आता है और ओबीसी की क्रीमी लेयर में कौन आता है।
तो इसका पैमाना पूर्ण रूप से परिवार की वार्षिक आय को रखा गया है। कहने का अर्थ यह हुआ कि ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर का मतलब जाति व आय का गठजोड़ (OBC non creamy layer caste meaning in Hindi) हो जाता है। ऐसे में हम आपको ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर की परिभाषा बताते हुए यह स्पष्ट कर दे कि भारत के संविधान के अनुसार ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसके माता पिता अन्य पिछड़ा वर्ग जाति से आते हो और उन्होंने अपना धर्म परिवर्तन ना किया हो तथा उनसे उत्पन्न उनकी संतान ने भी धर्म परिवर्तन ना किया हो और वह अभी भी हिंदू समुदाय के अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंध रखता हो।
इसी के साथ साथ उसके माता पिता की कुल वार्षिक आय 8 लाख भारतीय रुपए से कम हो, तो उस संतान को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में रखा जाएगा। इस तरह से वह व्यक्ति आरक्षण का लाभ उठाने को स्वतंत्र माना जाएगा। अब शायद आपको ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर का मतलब समझ में आ गया होगा। हालाँकि हम आपको इसे और विस्तार से समझाएंगे ताकि आप इसका संपूर्ण अर्थ जान सके और आपके मन में किसी तरह की दुविधा या शंका शेष ना रहने पाए।
इसी के साथ आपको ओबीसी की क्रीमी लेयर व नॉन क्रीमी लेयर के बीच के अंतर को भी समझाने का प्रयास करेंगे। तो आइए एक एक (OBC non creamy layer income limit in Hindi) करके ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर के बारे में समूची जानकारी ले ली जाए।
ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में कौन आता है?
आपने यह बात तो जान ली कि एक ऐसा व्यक्ति जिसके परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपए से कम है तो वह ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में आ जाएगा लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता है कि आपके पिता भी उसी श्रेणी में आएंगे। कहने का अर्थ यह हुआ कि एक ही परिवार में ओबीसी आरक्षण के तहत अलग अलग लेयर वाले व्यक्ति हो सकते हैं। ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में केवल माता पिता या पति की सैलरी को ही आधार माना जाता है। यदि आप इसे पढ़ कर शंका में पड़ गए हैं तो आइए इसे विस्तार से समझ लेते हैं ताकि आपके मन में किसी तरह की शंका बचने ना पाए।
यहाँ हम आपको ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में आने वाले व्यक्तियों के लिए पात्रता मापदंड बतायेंगे और एक महिला व पुरुष के अनुसार उसको विभाजित करेंगे। इसी के साथ साथ आपको थर्ड जेंडर के बारे में भी पता चलेगा।
- यदि आप एक पुरुष है और आपका विवाह नहीं हुआ है अर्थात आप अविवाहित है तो ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में आने के लिए आपके माता पिता का कुल वार्षिक वेतन देखा जाएगा। इसमें आपके माता और पिता दोनों एक वर्ष में कुल मिलाकर कितना कमा लेते हैं, इसी को ही आधार माना जाएगा। यदि उनकी कुल आय 8 लाख रुपए प्रति वर्ष से कम है तो आप ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में आ जाएंगे अन्यथा आपका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा। यदि आप भी पैसे कमाते हैं तो इसमें उसे नहीं जोड़ा जाएगा।
- अब यदि आप पुरुष है और आपका विवाह हो चुका है तो भी इसके नियम पूर्व के जैसे ही है। इसमें आपके माता पिता की कुल वार्षिक आय को ही आधार माना जाएगा। फिर चाहे आप पैसे कमाते हो या फिर आपकी पत्नी, इसको उसमे नहीं जोड़ा जाएगा। तो एक तरह से अविवाहित व विवाहित पुरुष को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में आने के लिए अपने माता पिता की वार्षिक आय को दिखाना होगा।
- यदि आप एक महिला है और आपका विवाह नहीं हुआ है तो इसमें अविवाहित पुरुष की ही भांति आपके माता पिता की कुल वार्षिक आय को आधार मान कर ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में आने या नहीं आने का निर्णय लिया जाएगा।
- यदि आप एक महिला है और आपका विवाह हो चुका है तो आपके लिए ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में आने के नियम तुरंत बदल जाएंगे। इसमें ना तो आपके माता पिता और ना ही आपके सास ससुर की आय को आधार माना जाएगा। इसमें यदि आपके पति की वार्षिक आय 8 लाख रुपए से कम है तभी आप ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में आ पायेगी।
- यदि आप थर्ड जेंडर है और ओबीसी समुदाय में आते हैं तो आपके लिए क्रीमी लेयर व नॉन क्रीमी लेयर का कोई आधार नहीं है। आपके लिए भारत सरकार के द्वारा अलग से आरक्षण की सुविधा दी गयी है और आप उसका लाभ उठा सकते हैं।
ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में कौन नहीं आता है?
अब आपने यह तो जान लिया कि ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में कौन व्यक्ति आ सकता है और किसे इससे भर कर दिया जा सकता है लेकिन इसके अलावा भी कई पैमाने है जिनके आधार पर आपको ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर का लाभ नहीं मिलेगा। हालाँकि यह ऊपर बताये गए नियम को ही आगे बढ़ाया गया है जिस कारण कुछ अपात्र लाभार्थियों को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर से स्वतः ही बाहर कर दिया जाता है।
कहने का अर्थ यह हुआ कि जिस प्रकार भारतीय कानून में धाराओं की उप धाराएँ होती है और उनकी भी उप उप धाराएँ होती है तो ठीक वही चीज़ इस ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर सुविधा में भी है। तो इसके तहत कौन कौन से ऐसे व्यक्ति है जो ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर सुविधा का लाभ नहीं उठा सकते हैं, उनकी सूची है।
- अविवाहित महिला या अविवाहित पुरुष या विवाहित पुरुष के माता पिता या विवाहित महिला के पति की कुल वार्षिक आय 8 लाख से ज्यादा पाए जाने पर वह ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर का लाभ नहीं उठा सकता/ सकती है।
- ऐसे लोग जिनके माता या पिता में से कोई एक या दोनों सरकार के किसी उच्च संवैधानिक पद पर है तो उसे ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में नहीं माना जाएगा।
- यदि किसी व्यक्ति के माता पिता में से कोई एक या दोनों को केंद्र सरकार के अंतर्गत श्रेणी प्रथम या द्वितीय की नौकरी मिली हुई है या थी तो भी उसे ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में नहीं माना जाएगा।
- यदि किसी व्यक्ति के माता पिता में से कोई एक या दोनों को अपने यहाँ की राज्य सरकार के अंतर्गत प्रथम या द्वितीय श्रेणी की नौकरी मिली हुई है या पहले थी तो भी उसे ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में नहीं लिया जाएगा।
- अब यदि उसके माता पिता केंद्र या राज्य सरकार के अंतर्गत प्रथम या द्वितीय श्रेणी की नौकरी करके रिटायर हो चुके हैं या रिटायर होने के बाद उनकी मृत्यु भी हो चुकी है लेकिन उनमे से एक जीवित है और पेंशन की सुविधा का लाभ उठा रहा है तो भी उसे ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में नही लिया जाएगा।
तो इस तरह से संबंधित व्यक्ति को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में आने के लिए ऊपर बताये गए सभी तरह के मापदंड मानने जरुरी होते हैं। यदि कोई इसमें से किसी एक में भी चूक जाता है तो उसका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।
ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर को कितना आरक्षण मिलता है?
भारतीय संविधान के अनुसार भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों में ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर को 27 प्रतिशत तक का आरक्षण देय है। हालाँकि 27 प्रतिशत से अधिक आरक्षण ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर को देना संविधान का उल्लंघन माना जाता है किंतु फिर भी कई राज्य सरकारे व भारत सरकार उन्हें 27 प्रतिशत से अधिक आरक्षण देने को आमादा है। इसके लिए उनके द्वारा कई बार संविधान संशोधन का प्रस्ताव भी रखा गया है।
ओबीसी क्रीमी लेयर व नॉन क्रीमी लेयर के बीच में अंतर (OBC non creamy layer and OBC creamy layer difference in Hindi)
ओबीसी की क्रीमी लेयर व नॉन क्रीमी लेयर के बीच के अंतर को अभी तक के लेख में आपने समझ ही लिया होगा। तो ऐसे लोग जो ऊपर बताये गए नियमों व मापदंडों का पालन करते हैं और उनके परिवार की वार्षिक आय 8 लाख से कम है तो वे ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में (OBC non creamy layer and creamy layer difference in Hindi) आते हैं और बाकि बचे ओबीसी समुदाय के लोगों को क्रीमी लेयर में माना जाता है।
तो ओबीसी के इन क्रीमी लेयर के लोगों को सामान्य वर्ग अर्थात जनरल केटेगरी का ही माना जाता है। इन्हें आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिलता है और जैसा सामान्य वर्ग को अपनी योग्यता के दम पर सब कुछ हासिल करना होता है, उसी तरह का परिश्रम इन्हें भी करना पड़ता है।
ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर क्या है – Related FAQs
प्रश्न: OBC Non Creamy Layer में कौन से परिवारों को शामिल किया गया है ?
उत्तर: OBC Non Creamy Layer में ऐसे परिवारों को शामिल किया गया है जिनकी सालाना आय 8 लाख रुपए से कम होती है।
प्रश्न: ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर के क्या फायदे हैं?
उत्तर: ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर का यही फायदा होता है कि आपको ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है।
प्रश्न: क्रीमी लेयर में कौन कौन आते हैं?
उत्तर: क्रीमी लेयर वे लोग आते हैं जिनके परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपये से अधिक होती है।
प्रश्न: ओबीसी में कुल कितनी जातियां आती हैं?
उत्तर: ओबीसी में कुल 234 जातियां आती हैं।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर के बारे में पूरी जानकारी ले ली है। आशा है कि अब आपको ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर के बारे में सब कुछ पता चल गया होगा और आपके मन से इसे लेकर सभी तरह की शंकाएं मिट गयी होगी। तो अब यदि आगे से कोई आपसे ओबीसी की क्रीमी लेयर व नॉन क्रीमी लेयर के बीच के अंतर को पूछे तो आप उसे बेबाकी से इसके बारे में बता सकते हैं।