|| ओएमआर शीट क्या है? | OMR sheet kya hota hai | ओएमआर शीट की फुल फॉर्म | OMR sheet full form in Hindi | ओएमआर शीट कैसे भरें? | ओएमआर शीट कैसे चेक होती है? | ओएमआर शीट के नुकसान | ओएमआर शीट के फायदे ||
OMR sheet kya hota hai :- आपने कभी सरकारी परीक्षा दी हो या फिर किसी सर्वे या फीडबैक फॉर्म को भरा हुआ हो या पहले के किसी चुनाव सर्वेक्षण में भाग लिया हो तो आपको यह ओएमआर शीट देखने को मिली (OMR sheet ke bare mein jankari) होगी। आपने इस पर ध्यान नहीं दिया होगा लेकिन यह आज के समय में ही नहीं बल्कि पहले से ही बहुत कॉमन है और इसका लगभग हर बड़े सर्वेक्षण, परीक्षा इत्यादि जैसी जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि इसकी सहायता से मानव कार्य कम हो जाता है और मशीन की सहायता से उस कार्य को आसान बना दिया जाता है।
ओएमआर शीट बहुत काम की चीज़ होती है और इसका भरपूर इस्तेमाल भी किया जा रहा (OMR sheet ke bare mein bataiye) है। तो यदि आप इस ओएमआर शीट के बारे में विस्तार से जानने को यहाँ आये हैं तो हम भी आपको निराश ना करते हुए इसके बारे में शुरू से लेकर अंत तक संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं ताकि आपको ओएमआर शीट के बारे में सब (OMR sheet in Hindi) जानकारी मिल सके। आज के इस लेख में आपको ओएमआर शीट के बारे में फायदे नुकसान व इसके इस्तेमाल सहित सब जानकारी मिलेगी।
ओएमआर शीट क्या है? (OMR sheet kya hota hai)
यह ओएमआर शीट होती क्या है और इसका क्या उपयोग हो सकता है? क्या यह केवल परीक्षा में ही इस्तेमाल होने वाली चीज़ है या फिर इसका कोई और इस्तेमाल भी होता है। क्या यह ओएमआर शीट कंप्यूटर पर होती है या फिर एक कागज का टुकड़ा होता है? इस तरह के कई प्रश्न आपके दिमाग में उठ रहे (OMR sheet kya hai) होंगे। तो ओएमआर शीट से संबंधित हर तरह के प्रश्नों पर पूर्ण विराम लगाते हुए आज हम आपके सामने इसके बारे में सभी तरह की जानकारी रखने जा रहे हैं।
आपने बहुत बार परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न देखे होंगे जिन्हें MCQ भी कहा जाता है। इसमें आपको किसी प्रश्न के उत्तर को लिखने की बजाए या उसे सोल्व करने की बजाए दिए गए विकल्पों में से किसी एक विकल्प का चुनाव करना होता (OMR sheet kya hoti hai) है। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपसे एक प्रश्न पूछा जाएगा और उस प्रश्न के संभावित 4 से 5 उत्तर उसके नीचे दिए हुए होंगे, अब आपको उसमे से किसी एक सही उत्तर का चुनाव करना होगा।
अब यदि इसे उसी पेपर शीट में टिक मार्क करके या कोई चिन्ह लगाकर किया जाता है तो यह सामान्य काम हो गया और इसे मानव को अलग से चेक करना होगा जिसमे समय व्यर्थ होगा। तो इसी दुविधा का तोड़ निकालने के लिए ओएमआर शीट चलन में आई जिसमे प्रश्न पत्र अलग से होता है और उसके उत्तर देने के लिए ओएमआर शीट होती है। तो एक तरह से हम इस ओएमआर शीट को उत्तर तालिका भी कह सकते हैं जिसमे उस प्रश्न के अनुसार ही क्रमानुसार सभी के उत्तर दिए जाते हैं।
अब उदाहरण सहित समझिये, आपके सामने एक प्रश्न पत्र है और उसमे कुल 100 प्रश्न है और सभी के 4-4 विकल्प दिए गए हैं। तो उसके समानार्थ ही एक ओएमआर शीट होगी जिसमे 100 की संख्या में क्रमानुसार नंबर दिए होंगे और उनके सामने 4 विकल्प के लिए 4 गोले दिए हुए होंगे। अब उस ओएमआर शीट में 5 नंबर प्रश्न पत्र के पांचवे प्रश्न से संबंधित होगा और 66 नंबर प्रश्न पत्र के 66 वें प्रश्न से संबंधित (OMR sheet kya h) होगा। इन सभी नंबर के साथ जो 4 गोले दिए गए हैं उसमे प्रथम गोला प्रश्न के दिए गए विकल्पों में पहले विकल्प, दूसरा गोला दूसरे विकल्प, तीसरा गोला तीसरे विकल्प और चौथा गोला चौथे विकल्प को प्रदर्शित करेगा।
अब मान लीजिए आपके प्रश्न पत्र में पहले 50 प्रश्न के 4 विकल्प दिए गए हैं जबकि बाद के 50 प्रश्नों के 5 विकल्प दिए गए हैं तो ओएमआर शीट को भी इस तरह से बनाया जाएगा कि उसमे प्रश्न 1 से लेकर प्रश्न 50 के नंबर के सामने 4 गोले होंगे जबकि प्रश्न 51 से प्रश्न 100 के सामने 5 गोले होंगे जिसमे अंतिम गोला प्रश्न पत्र के सभी अंतिम 50 प्रश्नों के अंतिम विकल्प को प्रदर्शित करेगा। तो बस यही ओएमआर शीट का कांसेप्ट होता है और यह इस तरह से डिजाईन की गयी होती है।
ओएमआर शीट की फुल फॉर्म (OMR sheet full form in Hindi)
ओएमआर शीट के बारे में इतना सब जान लिया लेकिन यदि उसकी फुल फॉर्म ही नहीं जानी तो क्या ही जाना। तो यहाँ हम आपको ओएमआर शीट की फुल फॉर्म बता ही देते हैं। ओएमआर शीट की फुल फॉर्म ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (Optical Mark Recognition) होती है। बहुत बार इसे ऑप्टिकल मार्क रीडर (Optical Mark Reader) भी कह देते हैं लेकिन यह रीडर ओएमआर शीट को चेक करने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
अब यदि हम ओएमआर शीट के हिंदी नाम की बात करें तो उसे ऑप्टिकल निशान पहचान कहा (OMR sheet ka full form) जाता है। वैसे इसका अंग्रेजी नाम ही प्रसिद्ध है और इसे शोर्ट फॉर्म में ही इस्तेमाल किया जाता है। तभी आपको हर जगह ओएमआर शीट का नाम ही सुनने को मिलेगा।
ओएमआर शीट का डिजाईन (OMR sheet design in Hindi)
जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि ओएमआर शीट में कुछ भी नहीं लिखा होता है, बल्कि यह इस तरह से डिजाईन की हुई होती है कि यह कंप्यूटर के द्वारा समझी जा सके। कहने का अर्थ यह हुआ कि ओएमआर शीट को मुख्य तौर पर कंप्यूटर की भाषा या उसकी कार्य प्रणाली को ध्यान में रखते हुए ही डिजाईन किया जाता है और मनुष्य को केवल उसमे क्रमानुसार प्रश्न के संभावित उत्तर वाले गोले को काले या नीले पेन से भरना होता है।
अब इसमें आपको अपनी जानकारी तो लिखनी ही होती है ताकि यह पता चल सके कि यह ओएमआर शीट किसकी है। तो इसमें सबसे पहले आपका नाम, रोल नंबर या अन्य जानकारी, इत्यादि भरनी होती है। यह जानकारी उसी पर निर्भर करेगी जिसके लिए वह ओएमआर शीट भरी जा रही है। उसके बाद प्रश्नों के अनुसार उनकी संख्या चालू हो जाएगी और हर प्रश्न के सामने उसके संभावित उत्तर के विकल्पों की संख्या के अनुसार गोले दिए हुए होंगे।
अब मान लीजिए प्रश्न पत्र में किसी प्रश्न के 3 विकल्प है तो ओएमआर शीट में उसी प्रश्न की संख्या के सामने 3 गोले दिए होंगे और यदि प्रश्न पत्र में 5 विकल्प है तो ओएमआर शीट में 5 गोले दिए हुए होंगे। यह गोले ना तो ज्यादा होंगे और ना ही कम। बस इसी तरह ओएमआर शीट को डिजाईन किया जाता है ताकि इसे कंप्यूटर के माध्यम से स्कैन किया जा सके।
ओएमआर शीट कैसे भरें? (OMR sheet kaise bhare)
जब आपके सामने ओएमआर शीट आती है तो आप कई बार यह सोचने लग जाते हैं कि आखिरकार इसे भरा कैसे जाता है। जिन लोगों ने पहले ओएमआर शीट पर काम किया हुआ है तो उन्हें तो कोई दिक्कत नही होती है लेकिन जिनके सामने यह पहली बार आती है, वे अक्सर इस ओएमआर शीट को देख कर चिंता में पड़ जाते हैं। उन्हें समझ ही नहीं आता कि इसमें क्या भरना है और कैसे भरना है। इस कारण कई बार यह देखने को मिलता है कि उन्हें परीक्षा का प्रश्न पत्र तो अच्छे से आता था लेकिन ओएमआर शीट के बारे में कम जानकारी होने के कारण वे उस परीक्षा को पास नहीं कर सके।
तो ओएमआर शीट का डिजाईन कैसे होता है, यह तो आपने जान लिया। तो उसी डिजाईन के आधार पर हम आपको इसकी आगे की जानकारी दे देते हैं। तो मान लीजिए आपके प्रश्न पत्र में तीसरा प्रश्न आपको आता है और आपको पता है कि उसका सही उत्तर नंबर 2 का विकल्प है जिसे “ब”, “ख”, “2”, “B” इत्यादि लिखा गया हो सकता है। तो अब जब आप ओएमआर शीट पर जाएंगे तो वहां आपको प्रश्न पत्र के क्रमानुसार ही प्रश्नों की संख्या का क्रम दिया हुआ होगा।
आपको वहां 3 नंबर लिखा हुआ दिखाई देगा जिसका अर्थ यह है कि यह प्रश्न पत्र के 3 नंबर वाले प्रश्न से संबंधित है। अब उसके सामने कई गोले बने होंगे। आप यह भी चेक कर सकते हैं कि आपके प्रश्न पत्र में तीसरे प्रश्न के जितने विकल्प है उतने ही गोले ओएमआर शीट में 3 नंबर वाली संख्या के सामने बने हुए होंगे। हालाँकि कुछ मामलो में यह ज्यादा भी हो सकते हैं लेकिन कम नहीं होंगे। तो यह ज्यादा भी है तो घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि दूसरे विकल्प के लिए आपको दूसरे गोले का ही चयन करना होगा।
तो अब आपको 3 नंबर की संख्या के सामने के दूसरे गोले को अपने पेन या पेंसिल की सहायता से पूरा भर देना होगा। कहने का अर्थ यह हुआ की उस गोले के अंदर जो खाली जगह है, उसे आपको पूरा भर देना होगा। इस बात का ध्यान रखें कि वह गोला पूरी तरह से भरा गया हो और बाहर कोई भी निशान ना लगा हो। ब बस इसी तरह आपको प्रश्न पत्र में दिए गए सभी प्रश्नों के सही उत्तर को ओएमआर शीट पर दिए गए नंबर के सामने के गोले को भर कर देना होगा।
ओएमआर शीट कैसे चेक होती है? (OMR sheet kaise check hoti hai)
अब यह ओएमआर शीट चेक कैसे की जाती है? क्या इसे मानव चेक करते हैं या इसे किसी मशीन की सहायता से चेक किया जाता है? आइए इसके बारे में भी जानकारी ले लेते हैं। तो जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि इस ओएमआर शीट को मुख्य तौर पर कंप्यूटर को समझ में आने वाली भाषा में ही बनाया जाता है अन्यथा आपको गोले भरने को क्यों कहा जाता। आप सीधे प्रश्न पत्र में भी तो सही विकल्प पर राईट टिक मार्क कर उसे चुन सकते थे तो फिर उसके लिए इतना परिश्रम ही क्यों किया जाए।
तो ओएमआर शीट को ओएमआर रीडर की सहायता से चेक किया जाता है। यही कारण है कि बहुत जगह ओएमआर शीट की फुल फॉर्म के रूप में ऑप्टिकल मार्क रीडर का भी इस्तेमाल कर लिया जाता है लेकिन वास्तव में यह रीडर ओएमआर शीट को चेक करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। तो यह कंप्यूटर में एक स्कैनर होता है जिसमे सभी ओएमआर शीट को डाला जाता है।
अब यह ऑप्टिकल मार्क रीडर उस ओएमआर शीट पर एक रोशनी छोड़ता है। तो जहाँ गोले भरे नहीं गए हैं वहां से पुनरावर्तित रोशनी ज्यादा मात्रा में वापस आती है और जहाँ गोले भरे गए हैं वहां रोशनी का यह भाग कम मात्रा में वापस आता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भरे हुए गोले का हिस्सा काले या नीले रंग का होता है जो गहरा रंग है और वह रोशनी को सोख लेता है। इससे रोशनी की बहुत ही कम मात्रा पुनरावर्तित होती है जबकि सफेद भाग से पूरी रोशनी वापस चली जाती है।
इससे कंप्यूटर उस रीडर की सहायता से यह चेक कर लेता है कि परीक्षार्थी के द्वारा किस विकल्प का चयन किया गया है और वह एक झटके में ही उस ओएमआर शीट का परिणाम हमारे सामने रख देता है। तो इस तरह से सभी ओएमआर शीट को ऑप्टिकल मार्क रीडर की सहायता से जांचा जाता है और उसका सही परिणाम बताया जाता है।
ओएमआर शीट के फायदे (OMR sheet benefits in Hindi)
प्रश्न पत्र के साथ अलग से ओएमआर शीट को तैयार करना और उसको भरने में अलग से समय देना, आखिरकार इतनी मेहनत करने को क्यों ही कहा जाता है या फिर इसका क्या कुछ परिणाम या फायदा निकल कर सामने (OMR sheet ke fayde) आता है?
यदि आप यह नहीं जानेंगे तो फिर ओएमआर शीट के बारे में इतना सब कुछ जानने का क्या ही लाभ। तो ओएमआर शीट को डिजाइन करने के एक नहीं बल्कि बहुत सारे फायदे देखने को मिलते हैं और इसी कारण इसका इस्तेमाल बहुत जगह किया (OMR sheet ke kya fayde hai) जाने लगा है। आइए जाने ओएमआर शीट को इस्तेमाल करने से होने वाले फायदों के बारे में।
- इसका सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि इसके इस्तेमाल से उत्तर तालिका को जांचने में बहुत ही कम समय लगता है। वह इसलिए क्योंकि इसके माध्यम से हम मानव की नहीं बल्कि कंप्यूटर की सहायता लेते हैं। अब यह तो सभी जानते हैं कि एक कंप्यूटर मानव से कितना अधिक तेज काम कर सकता है।
- एक उत्तर तालिका को जांचने में जो मानव 10 मिनट का समय लेगा वही कंप्यूटर उसको चेक करने में केवल कुछ सेकंड का ही समय लेगा। इस तरह हम कंप्यूटर रीडर के माध्यम से एक मिनट में ही सैकड़ों ओएमआर शीट की जांच कर सकते हैं।
- बहुत बार यह देखने को मिलता है कि मानव के द्वारा चेक किये गए पेपर में कई तरह की गलतियाँ सामने आती है और यह मनुष्य का स्वभाव भी है। जबकि ओएमआर शीट में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिलता है। कंप्यूटर के द्वारा उसका एकदम सही आंकलन किया जाएगा और यदि उसमे कुछ खराबी है तो कंप्यूटर पहले ही एरर दिखा देगा।
- इस ओएमआर शीट के कारण परीक्षार्थियों को अपने परिणाम जानने में भी देरी का सामना नहीं करना पड़ता है और वह तेजी के साथ आ जाता है। इससे परीक्षा की प्रक्रिया में भी तेजी देखने को मिलती है।
- बहुत बार यह देखने को मिलता है कि जो परीक्षा चेक करने वाला अधिकारी होता है वह किसी लालच में आकर किसी परीक्षार्थी को ज्यादा नंबर दे सकता है जबकि किसी को कम। अब कंप्यूटर तो ऐसा कोई भेदभाव करेगा नहीं और इस वजह से निष्पक्षता की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।
ओएमआर शीट के नुकसान (OMR sheet ke nuksan)
जब कोई चीज़ अपने साथ कई तरह के फायदे लेकर आती है तो उसके साथ कुछ नुकसान भी साथ में आते हैं। उसी तरह इस ओएमआर शीट को इस्तेमाल करने के भी (OMR sheet disadvantages in Hindi) कई नुकसान सामने आये हैं जिनका जानना आपके लिए आवश्यक है।
- ओएमआर शीट को बनाने के लिए अलग से खर्चा करना पड़ता है और परीक्षा पत्र के अलावा इसे प्रबंधित करना होता है। इससे सरकार या परीक्षा करवाने वाली एजेंसी का खर्चा बढ़ जाता है।
- अब इसमें अलग से ओएमआर शीट को तैयार किया जाता है जिसमे पेपर या कागज का इस्तेमाल बढ़ जाता है। ज्यादा कागज का इस्तेमाल करने का अर्थ हुआ पर्यावरण को अधिक नुकसान पहुँचाना।
- इस ओएमआर शीट को भरने के लिए परीक्षार्थियों को अपना अलग से समय निकालना पड़ता है। यदि परीक्षा 3 घंटे की है तो उसमे 15 से 20 मिनट तो इस ओएमआर शीट को भरने में ही लग जाते हैं।
- बहुत परीक्षार्थी इस ओएमआर शीट को भरने की हड़बड़ी में गलती कर बैठते हैं और प्रश्नों के क्रम के अनुसार उसके उत्तर को गलत भर देते हैं जिससे पूरी परीक्षा ख़राब हो सकती है।
- ज्यादातर सभी परीक्षार्थी पहले प्रश्न पत्र हल करते हैं और उस पर सही उत्तर पर टिक मार्क कर देते हैं और अंत में ओएमआर शीट भरते हैं। ऐसे में उनकी गति कम होने या कुछ अन्य कारणों से ओएमआर शीट पूरी नहीं भरी जाती है और परीक्षा का समय समाप्त हो जाता है जिस कारण दोहरी मार पड़ती है।
इस तरह ओएमआर शीट का इस्तेमाल करने के यह सब नुकसान भी सामने आये हैं जिसका सबसे ज्यादा नुकसान परीक्षार्थी को ही उठाना पड़ता है। हालाँकि इसकी काट के लिए ही आज के समय में ऑनलाइन परीक्षाएं होने लगी है जिसमे परीक्षार्थियों को साथ के साथ सही उत्तर पर क्लिक करना होता है और उसमे समय, खर्चा इत्यादि सब बच जाता है।
ओएमआर शीट क्या है – Related FAQs
प्रश्न: OMR sheet क्या होता है?
उत्तर: OMR sheet प्रश्न पत्र का उत्तर देने के लिए कंप्यूटर जनित एक कागज़ होता है जिसमे गोले को भर कर उस प्रश्न का उत्तर देना होता है।
प्रश्न: ओएमआर शीट पर पेपर कैसे होते हैं?
उत्तर: ओएमआर शीट पर पेपर देने के लिए आपको उस प्रश्न पत्र की संख्या को ओएमआर शीट पर देखना होता है और फिर सही विकल्प पर गोले को भर देना होगा।
प्रश्न: ओएमआर के नुकसान क्या हैं?
उत्तर: ओएमआर के नुकसान में मुख्य नुकसान यही है कि इसके इस्तेमाल से परीक्षार्थियों का ज्यादा समय व्यर्थ हो जाता है।
प्रश्न: ओएमआर मशीन का फुल फॉर्म क्या है?
उत्तर: ओएमआर मशीन का फुल फॉर्म ऑप्टिकल मार्क रीडर होता है।
तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने ओएमआर शीट के बारे में शुरू से लेकर अंत तक सब जानकारी ले ली है। हालाँकि इस ओएमआर शीट को केवल परीक्षा पत्र के उत्तर देने के लिए ही उपयोग में नहीं लाया जाता बल्कि इसे कई अन्य कामो के लिए भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। जैसे कि किसी फीडबैक या सर्वे को करवाने में भी इसका भरपूर इस्तेमाल किया जाता है।