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यूपी एक जनपद-एक उत्पाद योजना (one district-one product) यानी ओडीओपी (ODOP) योजना का शुभारंभ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 जनवरी, 2018 को उत्तर प्रदेश दिवस के शुभ अवसर पर किया था। इस योजना के माध्यम से सरकार राज्य के विभिन्न उत्पादों के लिए विशेष पहचान रखने वाले जनपदों की पहचान को संरक्षित रखने, इन उत्पादों को वैश्विक स्तर पर ले जाने, इन उत्पादों से जुड़े कामगारों को आगे बढ़ाने और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजित करने का प्रयास कर रही है। यूपी एक जनपद-एक उत्पाद योजना के अंतर्गत पांच साल में उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों के 25 लाख लोगो को रोजगार प्रदान किया जाएगा। इससे राज्य की जीडीपी (GDP) में भी वृद्धि होगी।
यूपी एक जनपद-एक उत्पाद योजना डिटेल्स –
योजना का नाम | One District One Product |
इसके द्वारा शुरू की गयी | मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी के द्वारा |
लॉन्च की तारीक | 24 जनवरी 2018 |
विभाग | सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग |
उद्देश्य | जिले के छोटे, मध्यम और परंपरागत उद्योगो का विकास |
ऑफिसियल वेबसाइट | https://odopup.in/hi |
एक जनपद-एक उत्पाद योजना का उद्देश्य क्या है?
उत्तर प्रदेश सरकार की एक जनपद – एक उत्पाद योजना का उद्देश्य राज्य की उन विशिष्ट शिल्प कलाओं एवं उत्पादों को प्रोत्साहित करना है, जो देश में कहीं और उपलब्ध नहीं हैं। जैसे-उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की प्रसिद्ध चिकनकारी, कपड़ों पर ज़री-जरदोज़ी का काम, पशुओं के सींगों से निर्मित शिल्प आदि। यूपी एक जनपद-एक उत्पाद योजना के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार से हैं-
- स्थानीय शिल्प का संरक्षण, संवर्धन एवं विकास।
- खोई हुई कला एवं कलाकारों को पहचान देना।
- युवाओं को रोज़गार प्रदान करना।
- स्थानीय कामगारों की आय में इजाफा करना।
- उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करना
- चयनित उत्पादों के निर्यात में वृद्धि करना।
- उत्पादों को विश्व स्तर पर पहुंचाना।
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एक जनपद-एक उत्पाद योजना के लिए आवश्यक पात्रता
- आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी हो।
- लाभार्थी की उम्र न्यूनतम 18 वर्ष साल हो।
- आवेदक ने पिछले दो साल में केंद्र अथवा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा टूल किट संबंधी कोई लाभ न प्राप्त किया हो।
- आवेदक अथवा उसके परिवार का कोई सदस्य योजना के तहत एक बार ही आवेदन कर सकेगा। यहां परिवार” पति व पत्नी द्वारा गठित परिवार से है।
- पात्रता पूरी होने संबंधी शपथ पत्र भी पेश करना होगा।
उत्तर प्रदेश के 75 जिले और उनके खास उत्पाद
साथियों, उत्तर प्रदेश में 75 जिले हैं व महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रत्येक जिला अपने किसी न किसी उत्पाद के लिए खास पहचान रखता है। इसका ब्योरा इस प्रकार से है-
जिला उत्पाद
- आगरा चमड़ा उत्पाद
- वाराणसी बनारसी सिल्क साड़ी
- मेरठ खेल सामग्री, कैंची, रेवड़ी
- सिद्धार्थनगर काला नमक चावल
- हापुड़ होम फर्निशिंग
- अमरोहा वाद्य यंत्र (ढोलक)
- हाथरस हैंडलूम
- अलीगढ़ ताले एवं हार्डवेयर
- हमीरपुर हींग
- औरेया दूध प्रसंस्करण (देसी घी)
- जालौन जूते
- आजमगढ़ काली मिट्टी की कलाकृतियां
- जौनपुर हस्तनिर्मित कागज कला
- अंबेडकर नगर वस्त्र उत्पाद
- झांसी ऊनी कालीन (दरी)
- अयोध्या गुड़
- कौशाम्बी सॉफ्ट ट्वॉयज
- अमेठी मूँज उत्पाद
- कन्नौज इत्र, खाद्य प्रसंस्करण (केला)
- बदायू ज़री जरदोज़ी
- कुशीनगर इत्र
- बागपत होम फर्निशिंग
- कानपुर देहात केला, फाइबर उत्पाद
- कानपुर नगर एल्युमिनियम बर्तन
- बहराइच गेहूं डंठल (हस्तकला)
- बरेली ज़री-ज़रदोज़ी
- कासगंज चमड़ा उत्पाद
- बलिया बिंदी उत्पाद
- लखीमपुरखीरी ज़री-जरदोज़ी
- बस्ती लकड़ी यानी काष्ठ कला
- ललितपुर जनजातीय शिल्प
- बलरामपुर खाद्य प्रसंस्करण (दाल)
- लखनऊ ज़री सिल्क साड़ी
- भदोही कालीन (दरी)
- महाराजगंज चिकनकारी एवं ज़री ज़रदोज़ी
- बांदा शज़र पत्थर शिल्प
- बिजनौर काष्ठ कला
- महोबा खेल की सामग्री
- बाराबंकी वस्त्र उत्पाद
- मिर्ज़ापुर गौरा पत्थर
- बुलंदशहर सिरेमिक उत्पाद
- मैनपुरी कालीन
- चंदौली ज़री-ज़रदोज़ी
- मुरादाबाद पीतल के बर्तन, पीतल उत्पाद
- चित्रकूट लकड़ी के खिलौने
- मथुरा धातु शिल्प
- देवरिया सजावट के सामान
- मुज़फ्फर नगर सैनिटरी फिटिंग
- इटावा वस्त्र उद्योग
- मऊ गुड़
- एटा घुंघरू, घंटी एवं पीतल उत्पाद
- पीलीभीत वस्त्र उत्पाद
- फरुखाबाद वस्त्र छपाई
- प्रतापगढ़ बांसुरी
- फतेहपुर बेडशीट एवं आयरन फैब्रीकेशन वर्क्स प्रयागराज खाद्य प्रसंस्करण (आंवला)
- फ़िरोज़ाबाद कांच की चूड़ियां व कांच के उत्पाद
- रायबरेली काष्ठ कला
- गौतमबुद्ध नगर रेडीमेड गार्मेंट
- रामपुर पैचवर्क के साथ एप्लिक वर्क, जरी पैचवर्क
- गाज़ीपुर जूट वॉल हैंगिंग
- संत कबीर नगर ब्रासवेयर
- गाज़ियाबाद इंजीनियरिंग मैटीरियल
- शाहजहांपुर ज़री-ज़रदोज़ी
- गोंडा खाद्य प्रसंस्करण (दाल)
- शामली लौहकला
- गोरखपुर टेराकोटा
- सहारनपुर लकड़ी पर नक्काशी
- श्रावस्ती जनजातीय शिल्प
- सोनभद्र कालीन
- संभल हस्तशिल्प (हॉर्न-बोन)
- सुल्तानपुर मूँज उत्पाद
- उन्नाव ज़री-जरदोज़ी
- सीतापुर दरी
उत्तर प्रदेश के कई उत्पादों को जीआई टैग
आपको जानकारी दे दें कि उत्तर प्रदेश के कई उत्पादों को जीआई (GI) टैग भी मिला है। इसका अर्थ है उत्पाद वहां की भौगोलिक पहचान यानी (Geographical identification) हैं। साधारण शब्दों में कहें तो ये वे उत्पाद हैं, जिनसे स्थान विशेष की पहचान होती है।
इनमें तमाम ऐसे उत्पाद हैं, जो क्षेत्र की विविधता एवं विलक्षणता को दर्शाते हैं, लेकिन अपनी पहचान खो रहे थे। सरकार यह पहचान संरक्षित करने का कार्य कर रही। उत्तर प्रदेश के कई जिले हींग, देसी घी, चादर, गुड़, चमड़े से बनी वस्तुओं और कांच से बनी वस्तुओं के लिए अलहदा पहचान रखते हैं।
यूपी एक जनपद-एक उत्पाद योजना के तहत किस प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी
ओडीओपी के तहत सरकार जनपद स्तर पर चयनित शिल्पकारों, उत्पादन इकाइयों व संगठनों को लोन देकर, सामान्य सुविधा केंद्र स्थापित कर व विपणन सहायता प्रदान कर उन्हें बढ़ावा देती है, ताकि ये उत्पाद लोकप्रिय हो सकें व जनपदीय स्तर पर रोज़गार का सृजन किया जा सके।
आपको बता दें कि एक जनपद-एक उत्पाद योजना के तहत सरकार कई तरह की सुविधा एक ही प्लेटफार्म पर दें रही है। इसके तहत शिल्पकारों, बुनकरों, उद्यमियों व निर्यातकों को सामान्य सुविधा केंद्र की सुविधा, अच्छी मार्केटिंग के लिए विपणन विकास सहायता दी जाएगी। वित्तीय सहायता के साथ ही उनकी क्षमता विकास का प्रवंध किया जाएगा। अब बिंदुवार इन सुविधाओं पर नज़र डालते हैं-
सामान्य सुविधा केंद्र –
सबसे पहले बात सामान्य सुविधा केंद्र यानी कामन फैसिलिटी सेंटर (common facility center) की। इनकी स्थापना एनजीओ, स्वयं सहायता समूहों, निजी कंपनियों, सहकारी समितियों आदि के सहयोग से की जाएगी। इन केंद्रों में यह सुविधाएं एक ही छत के नीचे दी जाएंगी-
1. परीक्षण लैब (testing lab)
2. डिज़ाइन विकास व प्रशिक्षण (design development and training)
3. तकनीकी अनुसंधान व विकास (technical research and development)
4. उत्पाद प्रदर्शन-सह-विक्रय (product demo cum sale)
5. कच्चा माल बैंक (raw material bank)
6. सूचना, संचार एवं प्रसारण (information, communication and broadcasting)
7. पैकिंग, लेबलिंग तथा बारकोडिंग (packing, labeling and bar coding)
विपणन विकास सहायता –
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, विपणन विकास सहायता यानी Marketing development assistance (MDA) के माध्यम से सरकार शिल्पकारों, बुनकरों, उद्यमियों व निर्यातकों को ओडीओपी के माध्यम से उचित मूल्य प्राप्त कराना चाहती है | वह राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मेलों/प्रदर्शनियों में भागीदारी करने वालों को ODOP में चयनित अपने उत्पादों की बिक्री के लिए वित्तीय सहायता (Financial assistance) प्रदान करती है।
वित्तीय सहायता योजना –
मित्रों, आपको जानकारी दे दें कि वित्तीय सहायता योजना के तहत उत्तर प्रदेश के सभी बैंक योजना को वित्तीय सहायता देंगे। वे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग व निर्यात संवर्धन विभाग की इस योजना के तहत भेजे गए सभी आवेदकों को ओडीओपी. मार्जिन मनी जारी करेंगे। यह मार्जिन मनी (Margin money) इस प्रकार से देय होगी-
- 1- जिन उद्यमों की project cost 25 लाख तक है , उनकी कुल लागत का 25% अथवा रु॰ 6.25 लाख दोनों में जो कम हो।
- 2-ऐसे उद्यम जिनकी लागत 25 लाख से 50 लाख के बीच है, उन्हें 6.25 लाख अथवा परियोजना लागत का 20%, दोनों में जो अधिक हो।
- 3-जिन उद्यमों की project cost 50 लाख से डेढ़ करोड़ तक हो, उन्हें 10 लाख अथवा परियोजना लागत का 10%, दोनों में जो अधिक हो।
- 4-जिन उद्यमों की परियोजना लागत डेढ़ करोड़ से अधिक है, उन्हें उनकी परियोजना लागत का 10% अथवा अधिकतम 20 लाख रुपए, दोनों में से जो कम हो।
क्षमता विकास सहायता –
क्षमता विकास यानी skill development के साथ ही टूल किट वितरण योजना का मकसद वर्तमान व भविष्य की work force को प्रदेश भर में ओडीओपी उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से efficient बनाना है। इसके तहत शिल्पकारों व कामगारों को आधुनिक टूल किट से लैस करने पर भी फोकस है |
दोस्तों, आपको बता दें कि इस कार्यक्रम के तहत जो शिल्पकार पहले से ही क्षमतावान हैं, उन्हें recognition of prior learning यानी RPL की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद उन्हें सेक्टर स्किल काउंसिल (sector circle council) प्रमाणित भी करेगी। अक्षम शिल्पकारों को 10 दिन की ट्रेनिंग देकर उन्हें भी RPL से प्रमाणित किया जाएगा।
खास बात यह है कि सभी प्रशिक्षुओं को ट्रेनिंग के दौरान 200/- प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय प्रदान किया जाएगा | साथ ही सभी प्रशिक्षित शिल्पकारों को एक आधुनिक टूल किट मुफ्त प्रदान की जाएगी।
ओडीओपी के अंतर्गत ख़रीदार और विक्रेता के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
ईबे, अमेजन जैसे विभिन्न प्लेटफार्म ODOP के लिए ख़रीदार व विक्रेता को registration की सुविधा दे रहे हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी-
Total Time: 20 minutes
ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएँ –
आवेदक को सबसे पहले उत्तर प्रदेश एक जनपद-एक उत्पाद की आधिकारिक वेबसाइट https://odopup.in/ पर जाना होगा। अब आवेदक के सामने होम पेज खुल जाएगा।
buyer and seller platform के option पर क्लिक करें –
उसे buyer and seller platform के option पर क्लिक करना होगा। अब आपको Amazon के option पर क्लिक करना होगा। इसके बाद buyer के लिंक पर क्लिक कर दें।
एप्लीकेशन फॉर्म भरें –
इतना करते ही अब आपके सामने एक application फॉर्म खुल जाएगा। आवेदक को इस फॉर्म में पूछी गई सारी जानकारी जैसे अपना नाम, कांटेक्ट नंबर, बिजनेस नेम, बिजनेस एड्रेस, सिटी, स्टेट, पिन कोड आदि दर्ज करना होगा।
यूपी एक जनपद-एक उत्पाद योजना आवेदन फॉर्म भरें –
इतना करने के बाद उसे submit के option पर क्लिक करना होगा। इस प्रकार आपका आवेदन पूरा हो जाएगा।
ODOP मार्जिन मनी योजना के लिए कैसे आवेदन करें?
- मित्रों, आवेदक को सबसे पहले उत्तर प्रदेश एक जनपद-एक उत्पाद की आधिकारिक वेबसाइट https://odopup.in/ पर जाना होगा।
- अब आपके सामने होम पेज खुल जाएगा।
- यहां आपको apply online के option पर क्लिक करना होगा।
- अब आपको ओडीओपी मार्जिन मनी योजना के लिंक पर क्लि
- क करना होगा।
- यहां आवेदक के सामने New user registration का लिंक आएगा। उस पर क्लिक करें।
- इसके बाद आवेदक के सामने आवेदन फॉर्म खुल जाएगा।
- इसमें उसे पूछी गई सारी जानकारी सही सही भरकर submit के option पर क्लिक करना होगा।
ODOP ट्रेनिंग तथा टूलकिट योजना के लिए कैसे आवेदन करें?
- आवेदक को सबसे पहले उत्तर प्रदेश एक जनपद-एक उत्पाद की आधिकारिक वेबसाइट https://odopup.in/ पर जाना होगा।
- अब आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल जाएगा।
- यहां आपको apply online के option पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद आवेदक ODOP ट्रेनिंग एंड टूलकिट स्कीम के लिंक पर क्लिक करना होगा।
- अब आवेदक के सामने एक नया पेज खुल जाएगा। यहां उसे एक जनपद एक उत्पाद परीक्षण एवं टूलकिट योजना के लिंक पर क्लिक करना होगा।
- यदि आवेदक पहले से रजिस्टर्ड है तो उसे अपना user name तथा password डालकर login करना होगा।
- आवेदक यदि पहले से रजिस्टर्ड नहीं है तो उसे new user registration के लिंक पर क्लिक करके आवेदन फॉर्म भरना होगा।
- इतना करने के बाद आवेदक के सामने ODOP ट्रेनिंग तथा टूलकिट योजना का आवेदन फॉर्म खुल जाएगा।
- आवेदक को इस आवेदन फॉर्म में पूछी गई सारी जानकारी सही सही भरनी होगी।
- इतना करने के बाद submit के option पर क्लिक कर दें।
- इस तरह आपका आवेदन पूरा हो जाएगा।
ब्रांड यूपी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी
यह माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश एक जिला-एक उत्पाद योजना के बेहतर क्रियान्वयन से प्रदेश के विभिन्न जिलों के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी। ये उत्पाद ब्रांड यूपी (Brand UP) की पहचान बनेंगे। आपको बता दें कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग के माध्यम से इस योजना के तहत लोन, सब्सिडी, सीएफसी, मार्केटिंग, रिसर्च, तकनीक, स्किल डेवलपमेंट जैसी सुविधाएं लाभार्थियों को मिलेंगी।
इससे प्रदेश में रोजगार बढ़ेगा और राज्य आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर होगा। इसके साथ ही विभिन्न जिलों में यहां के खास उत्पाद बनाने में जो गांव के छोटे-छोटे कलाकार, शिल्पकार लगे हैं, उन्हें भी बड़ा बाजार मिलेगा व उनकी पहचान बनेगी।
उत्तर प्रदेश एक जनपद-एक उत्पाद योजना की शुरुआत कब हुई?
इस योजना का शुभारंभ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 जनवरी, 2018 को उत्तर प्रदेश दिवस के मौके पर किया।
क्या यूपी एक जनपद-एक उत्पाद योजना के तहत आवेदन के लिए कोई आयु सीमा निर्धारित की गई है?
जी हां, आवेदन के समय आवेदक की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष अथवा उससे अधिक होनी चाहिए।
क्या योजना के संबंध में सहायता के लिए कोई हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है?
जी हां, योजना के तहत सहायता के लिए toll free नंबर 1800-1800-888 जारी किया गया है। आवेदक यदि चाहे तो अपने नजदीकी जिला उद्योग केंद्र से भी संपर्क कर सकता है।
जिस जिले में उत्पाद सूचीबद्ध है, उसके अतिरिक्त किसी अन्य जिले में योजना का लाभ मिल सकता है?
जी नहीं, योजना का लाभ संबंधित जिले में ही लिया जा सकता है।
इस योजना के अंतर्गत एक परिवार से कितने सदस्य लाभार्थी हो सकते हैं?
एक परिवार से केवल एक सदस्य ही एक जनपद-एक उत्पाद योजना के तहत लाभार्थी हो सकता है।
दोस्तों, यह थी उत्तर प्रदेश एक जनपद-एक उत्पाद योजना से संबंधित सारी जानकारी। यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी है तो इसे अधिकाधिक शेयर कर लोगों तक यह उपयोगी जानकारी पहुंचाएं। पोस्ट को लेकर आपकी कोई प्रतिक्रिया अथवा सुझाव हो तो उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हम तक पहुंचा सकते हैं। ।। धन्यवाद।।