इन दिनों जीआई टैग (GI tag) को लेकर देश भर में चर्चा चल रही है। विभिन्न स्थानों के उत्पादों को उनकी भौगोलिक पहचान (geographical identification) से बढ़ावा देने की कवायद जारी है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कुछ ही समय पहले एक जिला-एक उत्पाद योजना आरंभ की थी। अब इसी की तर्ज पर उत्तराखंड एक जिला दो उत्पाद योजना (one district-two products scheme) को हरी झंडी दे दी गई है।
उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने इसे लागू करने के आदेश कर दिए हैं। इसमें राज्य के हर जिले से दो उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने की तैयारी है। आज इस पोस्ट में हम आपको उत्तराखंड एक जिला दो उत्पाद योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-
उत्तराखंड एक जिला दो उत्पाद योजना क्या है?
दोस्तों, आपको बता दें कि उत्तराखंड सरकार एक जिला दो उत्पाद योजना को लेकर आई है। इस हिमालयी राज्य के स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने की कोशिश के तहत हर जिले में 2 उत्पादों को चिन्हित कर उनके उत्पादन से लेकर बाजार तक पहुंचाने में उत्पादकों, कारीगरों की स्किल डेवलपमेंट, ट्रेनिंग, डिजाइन डेवलपमेंट, लाजिस्टिक्स (logistics) आदि में सहायता की जाएगी। इससे राज्य के पारंपरिक (traditional) उद्योगों का विकास होगा।
युवाओं के लिए स्वरोजगार (self employment) के अवसर सृजित होंगे। जिलों के उत्पाद ब्रांड बन सकेंगे एवं एक्सपोर्ट (export) को बढ़ावा मिलेगा। सबसे बड़ी बात लोकल मार्केट को बूस्ट मिलेगा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं वोकल फार लोकल (vocal for local) पर जोर दे चुके हैं। सरकार ने इसे सफल बनाने के लिए विस्तृत तैयारी की है।
One District Two Product Scheme 2024 In Hindi –
योजना का नाम | उत्तराखंड एक जिला दो उत्पाद योजना |
किसके द्वारा शुरू की गई | मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा |
उद्देश्य | उत्पादकों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य प्रदान करना |
कब शुरू की गई | अक्टूबर 2021 |
Official website | अभी उपलब्ध नही |
उत्तराखंड एक जिला-दो उत्पाद योजना से क्या क्या लाभ होंगे
दोस्तों, अब आपको बताते हैं कि One District Two Product Scheme से क्या क्या लाभ होंगे। ये इस प्रकार से हैं-
- 1. उत्तराखंड राज्य के परंपरागत उद्योगों का विकास।
- 2. स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के मौके मिलेंगे।
- 3. हर जिले के उत्पादों को दुनिया भर के बाजारों में पहचान मिलेगी।
- 4. रोजगार के अभाव में पलायन कर रहे युवाओं की संख्या में कमी आएगी।
- 5. उत्पादकों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिलेगा।
- 6. प्रदेश के आर्थिक विकास (economic development) को गति मिलेगी।
- 7. कारीगरों का स्किल डेवलपमेंट होगा।
- 8. लोकल उत्पाद अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बन सकेंगे।
उत्तराखंड के जिले एवं उनके दो उत्पाद, जिन्हें बढ़ावा दिया जाएगा-
साथियों, अब आपके मन में प्रश्न उठ रहा होगा कि उत्तराखंड एक जिला-दो उत्पाद योजना के अंतर्गत किस जिले के किन दो उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा। आपकी जानकारी के इन उत्पादों की सूची जिलावार इस प्रकार से है-
- 1. अल्मोड़ा-ट्वीड, बाल मिठाई। 2. बागेश्वर- तांबे के उत्पाद, मंडुआ बिस्कुट।
- 3. चमोली- हथकरघा एवं हस्तशिल्प, एरोमेटिक हर्बल।
- 4. चंपावत- लौह उत्पाद एवं हाथ से बुने उत्पाद।
- 5. देहरादून-बेकरी उत्पाद, मशरूम।
- 6. हरिद्वार-गुड़ और शहद।
- 7. नैनीताल- ऐपण क्राफ्ट, कैंडल क्राफ्ट।
- 8. पिथौरागढ़- ऊनी कारपेट,
- मुनस्यारी राजमा।
- 9. पौड़ी- हर्बल उत्पाद, वुडन फर्नीचर।
- 10. रुद्रप्रयाग- मंदिर अनुकृति हस्तशिल्प, प्रसाद उत्पाद।
- 11. टिहरी- नेचुरल फाइबर उत्पाद, टिहरी नथ।
- 12. उधम सिंह नगर- मेंथा आयल, मूंज ग्रास प्रोडक्ट।
- 13. उत्तरकाशी- ऊनी हस्तशिल्प, एपल फ्रूट उत्पाद।
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उद्यमियों को सरकार से किस तरह की सहायता मिलेगी
उद्यमियों को उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से यह सहायता मिलेगी-
- 1. टेस्टिंग लैब (testing lab) की सुविधा।
- 2. उद्यमियों का स्किल डेवलपमेंट (skill development) एवं ट्रेनिंग (training)।
- 3. उत्पादों के डिजाइन एवं डेवलपमेंट (design and development) में तकनीकी सहयोग।
- 4. रॉ मैटेरियल (raw material) बैंक से कच्चे माल की सुविधा।
- 5. कॉमन सर्विस सेंटर (common service center) की सुविधा।
- 6. स्थानीय उत्पादों की पैकेजिंग (packaging), लेबलिंग (labeling), बारकोडिंग (barcoding) में मदद।
- 7. लोकल उत्पादों (local products) को अंतरराष्ट्रीय बाजार (international market) उपलब्ध कराने में सहायता।
- 8. केंद्र के वोकल फार लोकल (vocal for local) अभियान में सहायता।
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उद्यमियों को एमएसएमई (MSME) पालिसी के लाभ भी प्राप्त होंगे-
साथियों, आपको यह जानकर अच्छा लगेगा कि उत्तराखंड सरकार की एक जिला-दो उत्पाद योजना के लाभार्थियों को एमएसएमई नीति के तहत भी लाभ प्राप्त होंगे, जो कि इस प्रकार से हैं-
- एमएसएमई में रजिस्टर्ड सभी व्यापारियों को बैंकों से लोन को प्राप्त करने में आसानी होती है। -इनसे सामान्य ब्याज दरों के मुताबिक ब्याज लिया जाता है।
- एमएसएमई में रजिस्टर्ड व्यापारियों को बिजली खपत में छूट प्रदान की जाती है।
- उन्हें औद्योगिक क्षेत्रों में सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली बिजली सब्सिडी प्रदान की जाती है।
- एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन कराए व्यापारी को राज्य सरकार उसकी बिक्री दर में भी छूट प्रदान करती है।
- एमएसएमई के अंतर्गत सभी पंजीकृत उद्यमियों को उनके व्यापार में लगने वाले टैक्स में भी छूट प्रदान की जाती है।
- नए उद्यमियों को उनके प्रारंभिक व्यवसाय के वर्ष में कुछ प्रत्यक्ष छूट प्रदान की जाती है।
- सरकार की सहायता से नए व्यापार को स्थापित करने वाले व्यापारियों को उनके व्यवसाय से संबंधित कई तरह की अन्य सब्सिडी दी जाती है।
- इसमें रजिस्टर व्यापारियों के व्यवसाय के संबंधित यदि कोई लाइसेंस या प्रमाणीकरण की आवश्यकता होती है, तो उन्हें यह आसानी से एवं शीघ्रता से प्राप्त हो होता है।
एमएसएमई में रजिस्टर्ड उद्यमों की श्रेणियां
मित्रों, हमने आपको बताया कि उत्तराखंड एक जिला-दो उत्पाद योजना के तहत उद्यमियों को एमएसएमई नीति के तहत कौन से लाभ प्राप्त होते हैं। अब आपको बताते हैं कि इसमें दर्ज उद्यमों की श्रेणी का वर्गीकरण कैसे होता है-
1. सूक्ष्म उद्योग (Micro industries)- इस श्रेणी के तहत एक करोड़ के निवेश एवं पांच करोड़ तक के टर्नओवर वाली यूनिट्स एवं कंपनियां आती हैं।
2. लघु एवं कुटीर उद्योग (Small industries) – इसके तहत 10 करोड़ रुपए के निवेश एवं 50 करोड़ रुपए तक टर्न ओवर वाली यूनिट्स एवं कंपनियां आती हैं।
3. मध्यम उद्योग (Medium industries)- इस श्रेणी के तहत 20 करोड़ रुपए के निवेश एवं सौ करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाली यूनिट्स एवं कंपनियां आती हैं।
मित्रों, यहां आपको यह भी जानकारी दे दें कि अपने देश भारत की कुल 45% अर्थव्यवस्था का हिस्सेदार एमएसएमई है।
मानिटरिंग के लिए जिला स्तर पर कमेटी, प्रदेश स्तर पर टास्क फोर्स गठित की जाएगी
मित्रों, आपको बता दें कि इस एक जिला-दो उत्पाद योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए प्रत्येक जिले में डीएम यानी जिलाधिकारी के स्तर पर एक कमेटी गठित की जाएगी, जो कि One District Two Product Scheme के तहत लाभार्थियों को मिलने वाली सुविधाओं को सुनिश्चित करेगी।
उद्यमियों को आने वाली मुश्किलों को दूर करेगी। इसके अतिरिक्त उद्यमियों की सहायता एवं योजना की मॉनिटरिंग के लिए जिला एवं प्रदेश स्तर पर टास्क फोर्स (task force) भी गठित की जाएगी।
राज्य कैबिनेट ने 12 अक्टूबर, 2021 को योजना को मंजूरी दी
साथियों, आपको बता दें कि 12 अक्टूबर, 2021 को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हुई कैबिनेट बैठक में इस उत्तराखंड एक जिला-दो उत्पाद योजना को मंजूरी दी गई थी। इस दौरान कुल 29 प्रस्ताव रखे गए थे, जिनमें से 26 पर मुहर लगाई गई थी। उत्तराखंड एक जिला दो उत्पाद योजना को मंजूरी के बाद अब इसके आदेश किए गए हैं। सचिव औद्योगिक विकास अमित सिंह नेगी योजना के हर पहलू पर नजर रख रहे हैं।
उत्तराखंड एक जिला दो उत्पाद योजना का लाभ लेने के लिए कैसे आवेदन करें?
उत्तराखंड सरकार ने अभी केवल इस योजना को लागू करने के लिए शासनादेश जारी किया है। जैसे ही One District Two Product Scheme के तहत ऑनलाइन आवेदन (online application) शुरू होंगे, इस संबंध में हम आपको तुरंत अपडेट करेंगे।आपको इस बीच हमारी वेबसाइट (website) को लगातार चेक करते रहना है। यदि इस योजना में भी कोई बदलाव अथवा अपडेट होता है तो उसके बारे में भी हम आपको वेबसाइट के जरिए तुरंत अपडेट करेंगे।
नई तकनीक व डिजाइन के अभाव में स्थानीय उत्पाद पिछड़ रहे थे –
दोस्तों, हम आपको बता चुके हैं कि उत्तराखंड प्रदेश के हर जिले में विशेष उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक जिले में दो उत्पादों का चयन किया है। आपको बता दें कि बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही थी एवं नई तकनीक एवं डिजाइन के अभाव के कारण देश में विभिन्न राज्यों के स्थानीय उत्पाद पिछड़ रहे थे।
इस देखते हुए केंद्र सरकार ने लोकल फॉर वोकल का नारा दिया एवं इन उत्पादों को बढ़ावा देेने के लिए एक जिला एक उत्पाद योजना शुरू की। लेकिन उत्तराखंड ने दो कदम और आगे जाते हुए विभिन्न जिलों में उत्पादों की विविधता को देखते हुए एक जिले में दो उत्पादों को योजना में शामिल किया है। राज्य के 13 जिलों में किन उत्पादों को योजना में शामिल किया गया है, इसकी जानकारी हम आपको ऊपर दे ही चुके हैं।
विषय भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए मुफीद योजना
मित्रों, इस तथ्य से आप भली-भांति परिचित होंगे कि उत्तराखंड में विषम भौगोलिक परिस्थितियां हैं। इसके अतिरिक्त यहां के कई क्षेत्रों को भूकंप संभावी (earthquake prone) जोन में रखा गया है। ऐसे में यहां मैदानी क्षेत्रों की तरह बड़ी बड़ी और भारी-भरकम इंडस्ट्रीज लगाया जाना खतरे से खाली नहीं है।
ऐसे में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर फोकस करने वाली उत्तराखंड एक जिला-दो उत्पाद जैसी योजना माकूल एवं मुफीद है। सबसे बड़ी बात कि One District Two Product Scheme यहां की सबसे बड़ी समस्या पलायन को भी सीधे एड्रेस करती है।
One District Two Product Scheme FAQ
उत्तराखंड एक जिला-दो उत्पाद योजना क्या है?
इस योजना को उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने शुरू किया है। इसका उद्देश्य उत्तराखंड राज्य के 13 जिलों के स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाना है।
इस योजना के तहत उत्तराखंड के किन उत्पादों को शामिल किया गया है?
One District Two Product Scheme के तहत उत्तराखंड के 13 जिलों के 2-2 उत्पादों की सूची हमने पोस्ट में दें दी है, आप वहां से देख सकते हैं।
इस योजना को कैबिनेट मंजूरी कब मिली?
One District Two Product Scheme को 12 अक्टूबर, 2021 को कैबिनेट मंजूरी मिली।
इस योजना के तहत उद्यमियों को किस प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी?
One District Two Product Scheme के अंतर्गत उद्यमियों को एमएसएमई नीति के तहत मिलने वाले लाभ के साथ ही स्किल डेवलपमेंट, ट्रेनिंग, डिजाइन डेवलपमेंट, कामन सर्विस सेंटर, लाजिस्टिक्स आदि की सहायता मिलेगी।
क्या योजना के लिए आनलाइन आवेदन शुरू हो गया है?
जी नहीं, अभी योजना के लिए आनलाइन आवेदन शुरू नहीं हुए हैं।
इस योजना की मानिटरिंग की क्या व्यवस्था रहेगी?
One District Two Product Scheme की मानिटरिंग के लिए जिला एवं प्रदेश स्तर पर एक टास्क फोर्स गठित की जाएगी।
इस योजना से क्या पलायन पर भी रोक लगेगी?
जी हां, उत्तराखंड एक जिला दो उत्पाद योजना के जरिए स्व रोजगार के अवसर मुहैया होंगे, जिससे रोजगार की तलाश में होने वाले पलायन पर रोक लगेगी।
दोस्तों, यह थी उत्तराखंड एक जिला-दो उत्पाद योजना (one district-two products) यानी ODTP योजना की जानकारी। आशा है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। यदि आप इसी प्रकार के किसी विषय पर हम से जानकारी चाहते हैं तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स (comment box) में कमेंट कर सकते हैं। आपके सुझावों और प्रतिक्रियाओं का हमें हमेशा की तरह इंतजार है। ।।धन्यवाद।।