साइबर सेफ्टी टिप्स फॉर आनलाइन गेमिंग (Cyber safety tips for online gaming), how to stay safe from online gaming in Hindi
इन दिनों पबजी (PubG), फ्री फायर (free fire) जैसे आनलाइन खेलों (online games) में बच्चे दिन रात लगे रहते हैं। वे किसी दूसरे स्थान पर बैठे अपने साथियों के साथ इस खेल का घंटों आनंद उठाते हैं। लेकिन इन गेम्स के जरिये आजकल फ्राड भी खूब रहे हैं। कोई खिलाड़ी आपको वर्चुअल गिफ्ट (virtual gift) भेजने के नाम पर ऐसे लिंक (link) पर क्लिक कर देते हैं, जो आपका अकाउंट खाली कर सकता है। अथवा अकाउंट अपग्रेडेशन (account upgradation) के नाम पर आप इनके शिकार हो सकते हैं।
यदि आप इस तरह के फ्राड (fraud) से बचना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप आनलाइन गेमिंग के दौरान कुछ साइबर सेफ्टी टिप्स (cyber safety tips) जरूर फाॅलो (follow) करें। आज हम आपको इन्हीं टिप्स के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देंगे। आइए, शुरू करते हैं-
आनलाइन गेमिंग क्या है? [What is online gaming?]
दोस्तों, इससे कि हम आपको आनलाइन गेमिंग के दौरान फ्राड से बचने के लिए आवश्यक साइबर सेफ्टी टिप्स के बारे में बताएं, आइए जान लेते हैं कि आनलाइन गेमिंग का क्या अर्थ है।
मित्रों, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यहां आनलाइन का अर्थ है इंटरनेट के जरिये एवं गेमिंग का अर्थ है खेलना। तो आनलाइन गेमिंग का अर्थ है कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटाॅप एवं मोबाइल पर इंटरनेट के जरिए खेले जाने वाले गेम। यह तो आपको स्पष्ट ही हो गया होगा कि आनलाइन गेमिंग के लिए स्मार्टफोन अथवा लैपटॉप/कंप्यूटर एवं इंटरनेट का होना बेहद आवश्यक है।
आनलाइन गेमिंग के खतरे क्या है?
मित्रों, आइए अब आपको आनलाइन गेमिंग के खतरों से आगाह करें, जो कि आजकल दिनों-दिन बढ़ते जा रहे हैं। ये इस प्रकार से हैं-
1. साइबर बुलिंग (cyber bullying)-
इसका अर्थ है किसी भी तरह की गलत, निगेटिव, हानिकारक सूचनाओं को पोस्ट करना अथवा किसी को भेजना।
2. प्राइवेसी की दिक्कत (problem of privacy)-
आपकी निजी जानकारी हासिल कर कोई भी साइबर क्रिमिनल आपके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।
3. कंप्यूटर एवं अन्य डिवाइसों पर पर्सनल जानकारी (personal details on computer and other devices)-
जिस डिवाइस से आप आनलाइन गेम खेल रहे हैं, वहां एकाउंट लाॅगिन (account login) के दौरान आपकी पर्सनल जानकारी साझा होने से साइबर क्रिमिनल (cyber criminal) इसका लाभ उठा सकते हैं।
आपका आनलाइन फ्रेंड आपसे वेबकैम पर आने की गुजारिश करके आपकी तस्वीरों, वीडियो आदि का दुरूपयोग कर सकता है।
5. मालवेयर malware()-
इसे आनलाइन गेमिंग के दौरान आपकी डिवाइस में इंस्टाल किया जा सकता है। ऐसा आपको किसी लिंक पर क्लिक करने के लिए कहकर अंजाम दिया जा सकता है।
आनलाइन गेमिंग साइबर सेफ्टी टिप्स [Online Gaming Cyber Safety Tips]
ऑनलाइन गेम खेलते हुए यदि आप नीचे बताए जा रहे कुछ टिप्स को फॉलो करेंगे तो आप ऑनलाइन से रह सकते हैं और किसी ठगी का शिकार नहीं होंगे-
1. सोशल मीडिया की जगह गेस्ट अकाउंट से लाॅगिन करें –
दोस्तों, यह तो आपको पता ही होगा कि आनलाइन गेम खेलने के लिए आपको अपने स्मार्टफोन में उक्त गेम डाउनलोड करना होगा। जब आप इसे ओपन करेंगे तो लाॅगिन करने को गेम डेवलप करने वालों (game developers) की ओर से आम तौर पर दो options दिए जाते हैं। पहला सोशल मीडिया लाॅगिन (social media login) एवं दूसरा गेस्ट लाॅगिन (guest login)।
यदि आप गेस्ट के रूप में लाॅगिन करते हैं तो आपसे नाम एवं उम्र के अलावा अन्य कोई जानकारी नहीं मांगी जाती।
वहीं यदि आप सोशल मीडिया अकाउंट से लाॅगिन करते हैं तो आपको अपने उस सोशल मीडिया अकाउंट से लाॅगिन करना होगा। जैसे फेसबुक अकाउंट से। इसका अर्थ है कि आपको अपने यूजर नेम एवं पासवर्ड से लाॅगिन करना होगा। इससे आपका सोशल मीडिया एकाउंट गेम से लिंक हो जाएगा।
यहां गेम डेवलपर आपकी सोशल मीडिया पर साझा की गई निजी जानकारी को भी देख सकेगा। क्योंकि लाॅगिन करने के लिए वह आपसे परमिशन मांगता है। इसके अलावा वह आपके फोन के कैमरा, फोटो गैलरी, रिकार्डिंग एवं स्टोरेज की एक्सेस परमिशन (access permission) मांगता है, जिसे आप गेम के चक्कर में ओके कर देते हैं।
2. गेम में चैट करते वक्त अपनी निजी जानकारी शेयर न करें –
मित्रों, यह तो आप जानते ही हैं कि आजकल अधिकतर आनलाइन गेम्स में चैट का option दिया रहता है। आप मैसेज (message) एवं बोलकर चैटिंग कर सकते हैं। लेकिन इस दौरान ध्यान रखें अपनी कोई भी निजी जानकारी किसी दूसरे साथी के साथ साझा न करें।
3. आनलाइन गेम के दौरान वर्चुअल गिफ्ट के लालच में अपना मोबाइल नंबर (mobile number) एवं अपनी जीमेल आईडी (gmail id) किसी को न दें।
4. यदि कोई प्लेयर (player) आपको किसी वेबसाइट का एड्रेस (website address) भेज उसे ओपन करके अथवा लिंक भेजकर उस पर क्लिक करने को कहता है तो ऐसा कतई न करें।
5. आनलाइन गेम के दौरान किसी से नजदीकी न बढ़ाएं। कुल मिलाकर किसी पर अति विश्वास अथवा अंध विश्वास न करें।
6. यदि कोई आपसे पैसे मांगे तो उसे कोई जवाब न दें, आपत्तिजनक मैसेज मिलने पर संबंधित व्यक्ति को तुरंत ब्लाॅक (block) करें।
7. अपने सोशल मीडिया अकाउंट से जुड़ी कोई यूजर आईडी (user id), पासवर्ड (password) आदि साझा न करें।
आनलाइन गेम में डूबे रहने के कई खतरे
आनलाइन गेम में डूबे रहने के अपने खतरे हैं। ज्यादातर बच्चे अधिक देर तक गेम खेलने के कारण एंग्जाइटी (anxiety) के शिकार हो जाते हैं। कुछ ऐसे भी हैं, जो यदि आनलाइन गेम में हारते हैं, तो डिप्रेशन (depression) का शिकार हो जाते हैं। इनमें से कई बच्चे ऐसे हैं, जो डिप्रेशन के शिकार होकर खुदकुशी तक कर लेते हैं।
इसके अलावा बैठे-बैठे घंटों गेम खेलने से कुछ ओबेसिटी (obesity) के शिकार हो जाते हैं। साथ ही अन्य बीमारियों को भी आमंत्रित करते हैं। इनमें से कई स्लीपिंग डिसआर्डर (sleeping disorders) के भी शिकार हो जाते हैं। वे कई बार देरी से सोते हैं, तो कई बार उन्हें नींद ही नहीं आती। एक नजर में कहें तो आनलाइन गेमिंग की वजह से होने वाली बीमारियों के नाम कुछ इस प्रकार गिनाए जा सकते हैं।
- 1. एंग्जाइटी।
- 2. डिप्रेशन।
- 3. ओबेसिटी।
- 4. नींद न आना आदि।
आनलाइन गेमिंग एकाउंट अपग्रेड करने के चक्कर में बैंक खाता कराया खाली
मित्रों, आनलाइन गेमिंग क्राइम इन दिनों अपने शबाब पर हैं। आपको बता दें कि बहुत से ऐसे गेम हैं, जिनमें अकाउंट अपग्रेड के लिए भुगतान करना पड़ता है। ऐसे बहुत से केस हाल फिलहाल सामने आए हैं, जहां आनलाइन गेमिंग एकाउंट मसलन पबजी, फ्री फायर एकाउंट अपग्रेड करने के चक्कर में बच्चों ने मां-बाप के लाखों रुपये डुबा दिए।
कई केसों में इस तरह की बात सामने आई कि बच्चे लाॅकडाउन (lockdown) के दौरान अपने अभिभावकों से पढ़ाई के बहाने मोबाइल लेकर गेम खेलते रहे। पैसे अकाउंट से कटने की जानकारी न हो, इसके लिए वे ट्रांजेक्शन डिटेल (transaction details) के मैसेज भी डिलीट करते रहे। बाद में बात खुलने पर इस तरह के बच्चों में से कई ने खुदकुशी (suicide) का भी रास्ता अपनाया।
वहीं, इससे पहले ब्लू व्हेल स्कवैड्स (blue whale squdes) आनलाइन गेम से भी बच्चों का बड़ा नुकसान हुआ। साइबर ठगों के बहकावे में आकर बच्चों ने न केवल हाथों की नसें काटीं, वरन सुसाइड भी किया। पबजी के बाद अब फ्री फायर जैसी गेम मां-बाप के खाते खाली करार रही है।
धनास के एक 11 साल के बच्चे को आनलाइन गेम खेलने के दौरान स्टाकर ने चैटिंग कर पैसे मंगवाए। बच्चे ने इन्कार किया तो स्टाकर ने उसके परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी। इसके बाद बच्चा डर गया एवं स्टाकर को घर से छिपकर पैसे दे आया।
आनलाइन गेमिंग फ्रॉड [online gaming fraud] –
अब हम आपको इस बात की जानकारी देंगे कि आनलाइन गेमिंग के नाम पर मां बाप को चूना कैसे लगाया जा रहा है। दोस्तों, फ्री फायर गेम का ही उदाहरण लें। इस गेम को बच्चे स्कवाड बनाकर खेलते हैं। यह गेम का इंडोनेशियाई वर्जन (Indonesian version) है। भारत में इंडियन वर्जन का जो गेम खेला जा रहा है, उसकी कोडिंग (coding) भी इंडोनेशिया में की गई है।
लेकिन अंतर यह है कि इंडोनेशिया में स्कवाड में खेलने में चैट का विकल्प नहीं है, जबकि इंडियन वर्जन में है। साइबर ठग ऐसे में बच्चों को जमकर ठग रहे हैं। मसलन, इसमें हीरा खरीदने के लिए नार्वे (Norway) की करेंसी (currency) के अनुसार ट्रांजेक्शन होता है।
एक बार यदि आप इसका सब्सक्रिप्शन (subscription) ले लेते हैं तो न तो सब्सक्रिप्शन डिलीट (delete) होता है एवं न ही गेम। सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि केवल पहले ट्रांजेक्शन का ही मैसेज आता है, इसके बाद कोई मैसेज नहीं आता।
ऐसे में माता-पिता को पता भी नहीं चलता एवं उनके खाते से पैसे निकलते रहते हैं। गेम एवं सब्सक्रिप्शन तभी डिलीट होते हैं, जब यूपीआई (UPI) ब्रेक किया जाए। यानी जिस डेबिट कार्ड (debit card) से पेमेंट निकल रही है, उसे नष्ट कर नया इश्यू (new issue) कराया जाए। चंडीगढ़ (chandigarh) में इसी तरह का एक मामला आया, जिसमें एक 15 साल के किशोर ने गेम में गाड़ियों (vehicles) एवं हथियारों (weapons) की सब्सक्रिप्शन ली।
पहली बार भुगतान (payment) में मैसेज आया। फोन बच्चे के पास था, उसने संबंधित मैसेज एवं ओटीपी डिलीट मार दिया। इसके बाद मां-बाप के खाते से पैसे कटते गए। न कोई अन्य मैसेज आया, न कोई ओटीपी। पासबुक अपडेट कराने के लिए जाने पर आठ लाख रूपये निकल जाने का पता चला तो मां-बाप ने सिर पीट लिया।
बच्चों को आनलाइन गेमिंग के दौरान इंटरनेट के खतरों से आगाह करें
मित्रों, यदि आप अथवा आपके किसी परिचित के बच्चे भी आनलाइन गेमिंग के शौकीन हैं तो इस दौरान उन्हें इंटरनेट के खतरों से अवश्य आगाह करें। उन्हें बताएं कि आनलाइन गेमिंग के दौरान किसी पर भी अंधा भरोसा न करें। कोई यदि किसी तरह का पैसा मांगे तो उन्हें बताएं। किसी से भी नजदीकी न बढ़ाएं।
अपना ईमेल, फेसबुक आईडी, पासवर्ड वगैरह के साथ ही अपनी निजी जानकारी भी किसी के साथ साझा न करें। यदि कोई आनलाइन फ्रेंड पर्सनली मिलने बुलाए तो उससे कभी मिलने न जाएं। उन्हें बताएं कि इस तरह के खतरों से सतर्कता ही बचाव है।
बच्चों को आनलाइन गेमिंग से कैसे दूर रखें?
दोस्तों, आनलाइन गेमिंग से दूर रहना ही इसके खतरों से दूर रहने का सबसे अच्छा तरीका है। लेकिन बच्चों को यदि आनलाइन गेमिंग की लत पड़ जाए तो फिर इस लत को छुड़ाना मुश्किल होता है। कुछ तरीके ऐसे हैं, जिनसे आनलाइन गेमिंग से बच्चों को दूर रखने की कोशिश की जा सकती है। यह तरीके इस प्रकार से हैं-
- -बच्चों से बात करें, उन्हें घुमाने के लिए बाहर ले जाएं।
- -बच्चों की आउटडोर गेम्स में दिलचस्पी पैदा करें।
- -यदि वे आनलाइन गेम खेल रहे हैं तो निगाह रखें।
- -जितनी देर आनलाइन क्लास चल रही हो, केवल तभी फोन दें।
- -अपने फोन पर लाॅक एवं पासवर्ड लगाकर रखें।
- -बच्चों को आनलाइन गेमिंग के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले साइबर सेफ्टी टिप्स की जानकारी दें।
कई स्कूलों में बच्चों को जागरूक करने के लिए कार्यशाला
सासाइबर सेफ्टी टिप्स इन दिनों एक बड़ा मसला है। यही वजह है कि वर्तमान में कई स्कूलों में बच्चों को जागरूक करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। उन्हें सुरक्षित रहने के टिप्स दिए जा रहे हैं, ताकि वे इंटरनेट का भी सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल कर सकें।
दोस्तों, हमने आपको साइबर सेफ्टी टिप्स फॉर आनलाइन गेमिंग | How To Stay Safe From Online Gaming In Hindi के बारे में जानकारी दी। यदि आप ऐसे ही जानकारीपरक विषय पर हमसे पोस्ट चाहते हैं तो हमें नीचे दिए गए कमेंट बाक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। आपकी प्रतिक्रियाओं एवं सुझावों का हमें इंतजार है। ।।धन्यवाद।।