|| Overdraft Account in Hindi, ओवरड्राफ्ट क्या है, ओवरड्राफ्ट सीमा क्या है, भारतीय स्टेट बैंक ओवरड्राफ्ट, जन धन ओवरड्राफ्ट कैसे ले, बैंक लिमिट कैसे बनती है, एचडीएफसी ओवरड्राफ्ट सुविधा ||
आज के आपको बैंकिंग से संबंधित एक ऐसे सिद्धांत की चर्चा करने वाला हैं जिसके बारे में आमतौर पर कस्टमर नहीं जानता है। यह सिद्धांत बहुत ही ज्यादा प्रचलन में होने के कारण अब बैंकिंग सेक्टर में अपने पांव पसार रहा (Overdraft account kya hota hai) है। हम आज उससे सम्बंधित लगभग सभी जानकारी आप तक पहुंचाने जा रहे है। आशा की जाती है कि आप इस लेख को सावधानी से पढ़ेंगे तथा महत्वपूर्ण जानकारी को आप कहीं अलग नोट कर लेंगे जो आपको भविष्य में काम आएगी। आइये अब शुरू करते हैं इस पर विस्तृत चर्चा जो आप तक पहुंचा रहे हैं।
आमतौर पर हम सभी यह जानते हैं कि हम अपने बैंक अकाउंट से उतना ही (Overdraft account kya hai) पैसा निकाल सकते हैं, जितना उसमें जमा है। लेकिन, क्या हो अगर आपके अकाउंट में पैसे न हो और आपको जरूरत पड़ जाए? दरअसल, बैंक या नॉन-बैंकिंग (What is Overdraft account in Hindi) फाइनेंशियल कंपनी अपने कस्टमर्स को एक खास सुविधा देते हैं, जिसका फायदा वो अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर उठा सकते हैं. इसे ही ओवरड्राफ्ट सुविधा कहते हैं।
ओवरड्राफ्ट अकाउंट क्या है? (Overdraft Account in Hindi)
अब सबसे पहले यह समझते हैं कि ओवरड्राफ्ट सुविधा क्या है। दरअसल, यह एक तरह का लोन होता है। इसके चलते कस्टमर अपने बैंक अकाउंट से मौजूदा बैलेंस से ज्यादा पैसे विदड्रॉ यानी निकाल सकते हैं। इसमें जितना अमाउंट निकालते है, उसे एक निश्चित अवधि के अंदर चुकाना होता है। साथ ही इस पर ब्याज भी लगता है। ब्याज डेली बेसिस पर कैलकुलेट होता है। ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी कोई भी बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) दे सकती है।
आपको मिलने वाले ओवरड्राफ्ट की लिमिट क्या रहेगी, यह बैंक या NBFCs तय करते हैं। अर्थात अलग-अलग बैंकों और NBFCs में यह लिमिट अलग-अलग हो सकती है। ओवरड्राफ्ट सुविधा दो तरह की होती है. एक सिक्योर्ड, दूसरे अनसिक्योर्ड. सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट वह है, जिसके लिए सिक्योरिटी के तौर पर कुछ गिरवी रखा जाता है। आप FD, शेयर्स, घर, सैलरी, इंश्योरेंस पॉलिसी, बॉन्ड आदि जैसे चीजों पर ओवरड्राफ्ट हासिल कर सकते हैं। इसे आसान भाषा में एफडी या शेयर्स पर लोन लेना भी कहते हैं।
ऐसा करने पर ये चीजें एक तरह से बैंक या NBFCs के पास गिरवी रखते हैं। दूसरे, अगर आपके पास कुछ भी सिक्योरिटी के तौर पर देने के लिए नहीं है। तो भी आप ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी ले सकते हैं। इसे अनसिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट कहते हैं जैसे कि क्रेडिट कार्ड से विदड्रॉल इसका एक अंश है।
ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी लोन से कैसे अलग है? (Loan and Overdraft difference in Hindi)
पर्सनल लोन के मुकाबले ओवरड्राफ्ट सुविधा एक बेहतर ऑप्शन है। अगर आप लोन लेते हैं तो उसके रिपेमेंट के लिए एक अवधि तय होती है। अगर कोई लोन को अवधि से पहले चुका दे तो उसे प्रीपेमेंट चार्ज देना होता है। लेकिन, ओवरड्राफ्ट सुविधा के साथ ऐसा नहीं है। आप तय अवधि से पहले भी बिना कोई चार्ज दिए पैसे चुका सकते हैं।
दूसरा फायदा ब्याज को लेकर होता है। ओवरड्राफ्ट सुविधा में ब्याज भी केवल उतने ही समय का देना होता है, जितने वक्त तक ओवरड्राफ्ट राशि आपके पास रहता है। इसके अलावा आपको EMI में रिपेमेंट की भी बाध्यता नहीं है। आप तय अवधि के अंदर कभी भी पैसे चुका सकते हैं। इन चीजों के चलते यह लोन लेने से ज्यादा सस्ता और आसान है।
ओवरड्राफ्ट अकाउंट के प्रकार क्या क्या हैं? (Overdraft account types in Hindi)
आइये अब हम आपको ओवरड्राफ्ट अकाउंट के कितने प्रकार हैं यह जानने का प्रयास करते हैं। विभिन्न प्रकार के ओवरड्राफ्ट अकाउंट के लिए अलग-अलग योग्यता शर्तें होती हैं। आइये इनकी विस्तृत चर्चा करते हैं और आपको इससे सम्बंधित जानकारी आपके सामने रखते हैं।
#1. सैलरी अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट
कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए खोले गए सैलरी अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट सुविधा मिल सकती है। इसकी न्यूनतम योग्यता ये है कि हर महीने अकाउंट में सैलरी आती हो।आइये अब आपको सैलरी अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट की विशेषताएं बताते हैं।
सैलरी अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट की विशेषताएँ-
- बैंक ग्राहक की वर्तमान वेतन का 3 गुना तक का ओवरड्राफ्ट (Overdraft) प्रदान करता है।
- इस सुविधा के लिए बहुत कम कागज़ी-कार्यवाही करनी पड़ती है।
- ग्राहक को ब्याज केवल उपयोग की गई राशि पर अदा करना होता है।
- ओवरड्राफ्ट (Overdraft) के लिए न्यूनतम वेतन सीमा 15,000 रु. से 25,000 रु. है। इस तरह के ओवरड्राफ्ट में किसी भी सिक्योरिटी/ गारंटी की आवश्यकता नहीं होती हैं।
- कुछ बैंक 4 लाख रु. तक की की ओवरड्राफ्ट (Overdraft) राशि प्रदान करते हैं।
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#2. सेविंग अकाउंट के लिए ओवरड्राफ्ट
प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खोले गए सभी सेविंग अकाउंट 5,000 रु. या पिछले महीने में मौजूद बैलेंस (जो भी कम हो) की 4 गुना राशि ओवरड्राफ्ट (Overdraft) के रूप में ले सकते हैं। इसके लिए बैंक अकाउंट 6 महीने से एक्टिवेट होना चाहिए और परिवार का केवल एक सदस्य ही इसके लिए योग्य होता है। यह सुविधा परिवार में कमाने वाले सदस्य को ही दी जाती है, विशेषकर महिला। इसमें अकाउंट को आधार कार्ड के साथ जोड़ा गया हो।
RBI के निर्देशों के पालन के लिए अकांउट होल्डर के पास दूसरा सेविंग अकांउट भी हो। नाबालिग और KCC (किसान क्रेडिट कार्ड) वाले व्यक्ति इस स्कीम को लेने के लिए मान्य नहीं होते हैं। यहाँ इस सुविधा के लिए वार्षिक फीस देनी पड़ती है। हालांकि, ब्याज दर बेस रेट से 2% से अधिक नहीं हो सकती है। इस सुविधा में कोई प्रॉसेसिंग फीस नहीं लगती है।
बचत अकाउंट के लिए ओवरड्राफ्ट का दूसरा अच्छा उदाहरण है सिटी बैंक सुविधा बचत अकाउंट। इसमें आपको 5 लाख रु. ओवरड्राफ्ट के रूप में मिल सकते हैं। बैंक ब्याज दर के साथ न्यूनतम EMI राशि तय करता है। हालांकि, ग्राहक अपनी सुविधा अनुसार किसी भी समय EMI की राशि को बढ़ाने का चयन कर सकते हैं। इस स्कीम में प्री-पेमेंट फीस शामिल नहीं होती है।
#3. टाइम डिपॉज़िट के लिए ओवरड्राफ्ट
यहाँ आपको इस प्रकार के टाइम डिपॉजिट जैसे कि फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले भी ओवरड्राफ्ट लिया जा सकता है। हालांकि, सभी बैंक इस सुविधा को प्रदान नहीं करते हैं क्योंकि यह केवल बैंक की पॉलिसी के अधीन है। देश के पब्लिक सेक्टर बैंकों में से SBI, टाइम डिपॉजिट के लिए ओवरड्राफ्ट की सुविधा प्रदान करता है।
सभी ग्राहक जिनके पास SBI की किसी भी शाखा में सिंगल/ जॉइंट टाइम डिपॉजिट है जैसे कि TDR /STDR और RD जिसमें NRI/ NRO RFC शामिल है वे इस सुविधा को ले सकते हैं। कस्टमर इंटरनेट बैंकिंग के द्वारा भी TDR और STDR ओवरड्राफ्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
ओवरड्राफ्ट (Overdraft) की राशि को न्यूनतम 25,000 रु. और अधिकतम 5 करोड़ रु. होती है। ओवरड्राफ्ट की राशि टाइम डिपॉज़िट की राशि के 90% से अधिक नहीं हो सकती। भुगतान अवधि को उधारकर्ता की भुगतान क्षमता और ओवरड्राफ्ट की राशि के अनुसार निर्धारित किया जाता है। SBI कोई भी प्रोसेसिंग फीस और प्री-पेमेंट चार्ज नहीं वसूलता है। इस तरह के ओवरड्राफ्ट को सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट भी कहा जाता है।
एक सामान्य ओवरड्राफ्ट अकाउंट की विशेषताएं क्या होती हैं?
ओवरड्राफ्ट महत्वपूर्ण रूप से बैकों द्वारा प्रदान कि जाने वाली एक उपयोगी सुविधा है, क्योंकि यह पैसे की ज़रूरत के समय व्यवसाय की सहायता करती है। व्यवसायियों को आमतौर पर अपने ग्राहकों से भुगतान की रकम प्राप्त करने के लिए इंतजार करना पड़ता है और कई बार इसमें देरी हो जाती है। इस बीच पैसे की ज़रूरत पड़ने पर अपने करंट ओवरड्राफ्ट की सुविधा से व्यवसायी पैसे निकाल सकते हैं।
कोई भी व्यवसायी किसी तरह के भुगतान के लिए अपने ओवरड्राफ्ट अकाउंट का चेक भी दे सकता है। आइये अब यहाँ आपको हम एक सामान्य ओवरड्राफ्ट अकाउंट की विशेषताओं की बात करते हैं यह आपको स्टेप्स के माध्यम से समझने की कोशिश की जा रही है।
- ओवरड्राफ्ट अकाउंट एक ऐसी सुविधा है, जिसका लाभ कोई भी बैंक अकाउंट रख कर उठाया जा सकता है।
- अब बहुत से प्राइवेट बैंक ये सुविधा सैलरी अकाउंट और सेविंग अकाउंट होल्डरों को प्रदान कर रहे हैं।
- आपको कितनी ओवरड्राफ्ट सीमा मिलेगी, ये अकाउंट हिस्ट्री, भुगतान रिकॉर्ड या क्रेडिट स्कोर के आधार पर की जाती है।
- इसे बैंक द्वारा प्रदान किए गए शार्ट-टर्म लोनके रूप में भी माना जा सकता है जिसका भुगतान एक निर्धारित समय के भीतर करने की ज़रूरत होती है।
- आपको यह जान लेना चाहिए कि लोन या ओवरड्राफ्ट पर ब्याज लगता है।
- इस पुनर्भुगतान अवधि को बैंक के द्वारा निर्धारित किया जाता है और इसके अकांउट को इस्तेमाल करने का पूरा अधिकार होता है।
- RBI के नियमों के अनुसार, करंट अकाउंट और कैश क्रेडिट अकाउंट अधिक से अधिक 50,000 रु. प्रति हफ्ते ओवरड्राफ्ट के लिए योग्य हैं। हालांकि, ये सीमा पर्सनल ओवरड्राफ्ट अकाउंट पर लागू नहीं होती है।
आजकल की बैंकिंग प्रणाली में, बहुत से बैंक बेसिक सेविंग और सैलरी अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा प्रदान करते हैं। हालांकि, यह सुविधा सभी लोगों को प्रदान नहीं की जाती है। केवल वही ग्राहक जो कि लगातार समय पर भुगतान करते हैं और जिनका CIBIL SCORE अच्छा है। वह इस सुविधा को ले सकते हैं। इससे भी अधिक इस ओवरड्राफ्ट सुविधा में एक वार्षिक शुल्क लगता है। साथ ही ग्राहक जब भी चाहे इस सेवा को बंद भी करा सकते हैं।
टर्म लोन और ओवरड्राफ्ट के बीच अंतर क्या है? (Difference between term loan and Overdraft in Hindi)
यहाँ अब आपको टर्म लोन या पर्सनल लोन तथा ओवरड्राफ्ट के बीच अंतर बताया जा रहा है। इसे आप ध्यान से देखकर समझ सकते हैं।
उपलब्धता: बैंक एक बार जब किसी व्यक्ति को ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान करते हैं। तो यह राशि आपको आसानी से उपलब्ध हो जाती है और आप आसानी से राशि निकाल सकते हैं जबकि पर्सनल लोन लेने के लिए बहुत सारी कागजी कार्रवाई और प्रारंभिक सत्यापन की आवश्यकता होती है। एक पर्सनल लोन लेने के लिए आपको फिर से उसी प्रक्रिया से गुजरना होगा। ओवरड्राफ्ट सुविधा उपलब्ध कराना एक बार की प्रक्रिया है। जिसे आवश्यकताओं के अनुसार बदला जा सकता है।
क्रेडिट सीमा: ओवरड्राफ्ट सुविधा के तहत, अलग-अलग क्रेडिट सीमाएं अलग-अलग उधारकर्ता को सौंपी जाती हैं, इसलिए एक ग्राहक निर्धारित सीमा के भीतर किसी भी आवश्यक राशि को निकाल सकता है, जबकि पर्सनल लोन में जो राशि मंजूर की जानी है। उसमें बैंक और उधारकर्ता के बीच पारस्परिक रूप से सहमति जरूरी है। बैंक द्वारा प्रतिबंध लगाने के बाद एक व्यक्ति पर्सनल लोन की राशि में बदलाव नहीं कर सकता है।
ब्याज दर: ओवरड्राफ्ट पर लगाए गए ब्याज दर पर्सनल लोन की तुलना में अधिक है। पर्सनल लोन की राशि मंजूर होने के बाद इस लोन पर पूर्व निर्धारित ब्याज दरों को लागू किया जाता है, जबकि ओवरड्राफ्ट के मामले में एक क्रेडिट सीमा दी जाती है और यदि कोई व्यक्ति ओवरड्राफ्ट सीमा से निकासी नहीं करता है तो तो कोई ब्याज नहीं लिया जाता है।
क्रेडिट का कालखंड : ओवरड्राफ्ट क्रेडिट सुविधा से निकाली गई राशि पर्सनल लोन की तुलना में कम अवधि के लिए होती है। पर्सनल लोन का कार्यकाल 20-25 साल तक जा सकता है, यह लोन की मात्रा पर निर्भर करता है जबकि ओवरड्राफ्ट का कार्यकाल काफी कम होता है क्योंकि इसमें ब्याज की दर अधिक होती है।
रीपेमेंट: पर्सनल लोन के मामले में एक उधारकर्ता निर्धारित ईएमआई प्रारूप के तहत या बैंक की ओर से निर्देश के अनुसार ऋण राशि चुकाने के लिए बाध्य है, जबकि ओवरड्राफ्ट सुविधा के तहत वापस ली गई राशि को उधार लेने वाले के रूप में और जब चाहे चुकाया जा सकता है। ओवरड्राफ्ट राशि के प्रीपेमेंट के मामले में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है, जबकि यदि कोई ग्राहक रीपेमेंट से पहले पर्सनल लोन राशि को चुकाना चाहता है तो बैंक इसके लिए शुल्क लेता है।
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ओवरड्राफ्ट से Related FAQs
प्रश्न: बैंकिंग में ओवरड्राफ्ट क्या होता है?
उत्तर: एक बैंक ओवरड्राफ्ट एक क्रेडिट लाइन है जिसमें बैंक एक लिमिट प्रदान करता है जिसे आपके बैंक खाते की शेष राशि शून्य से नीचे होने पर भी लिया जा सकता है।
प्रश्न: क्या आप ओवरड्राफ्ट से पैसे निकाल सकता हूं?
उत्तर: हां, ओवरड्राफ्ट एक क्रेडिट सुविधा है जो ग्राहकों को कुल लिमिट से भागों में पैसे का उपयोग करने की अनुमति देता है।
प्रश्न: आप कौन-सा बैंक से ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठा सकते हैं?
उत्तर: भारत में लगभग हर सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंक अपने ग्राहकों को ओवरड्राफ्ट की सुविधा प्रदान करते हैं। हालांकि, बैंकों द्वारा निर्धारित न्यूनतम और अधिकतम लोन राशि, ब्याज दर और अवधि भिन्न हो सकती है।
प्रश्न: क्या सेविंग अकाउंट के लिए ओवरड्राफ्ट की सुविधा उपलब्ध है?
उत्तर: हाँ, सेविंग अकाउंट के लिए ओवरड्राफ्ट की सुविधा उपलब्ध है।