|| ऑक्सीजन सिलेंडर क्या है? | Oxygen cylinder in Hindi | ऑक्सीजन सिलेंडर कैसे बनता है? | Oxygen cylinder kaise banta hai | Oxygen cylinder kya hai | ऑक्सीजन टैंक क्या होता है? | Oxygen tank in Hindi | ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल कहां किया जाता है? | Oxygen cylinder uses in Hindi ||
Oxygen cylinder in Hindi, कोरोना काल में हमने कई बार ऑक्सीजन सिलेंडर का नाम सुन लिया है और इसके महत्व को भी समझा है। जिस ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल पहले केवल कुछ गतिविधियों को करने में या अस्पताल में गंभीर रोगियों को सांस लेने में हो रही दिक्कत को दूर करने में किया जाता था। उसके लिए इन ऑक्सीजन सिलेंडर को मुख्य तौर पर वेंटीलेटर मशीन के साथ जोड़ने का काम किया जाता था। किंतु जब से कोरोना नामक महामारी आई है तब से ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen cylinder kya hota hai) की किल्लत देखने को मिली क्योंकि इसकी मांग अचानक से बढ़ गयी है।
ऐसे में बहुत से लोग यह जानने की कोशिश कर रहे (What is Oxygen cylinder in Hindi) हैं कि यह ऑक्सीजन सिलेंडर होता क्या है और यह कैसे बनाया जाता है ताकि वे इसकी प्रक्रिया को अच्छे से समझ सके। साथ ही जब हर जगह ऑक्सीजन उपलब्ध है तो फिर उसके लिए इस ऑक्सीजन सिलेंडर की अलग से क्या जरुरत पड़ जाती है। ऐसे ही कुछ (Oxygen cylinder meaning in Hindi) अनसुलझे प्रश्नों का उत्तर देने के लिए हम आपके साथ ऑक्सीजन सिलेंडर क्या होता है और इसका क्या काम है, इत्यादि बातों के बारे में गहनता के साथ चर्चा करने वाले हैं।
ऑक्सीजन सिलेंडर क्या है? (Oxygen cylinder in Hindi)
अब इस कड़ी में सबसे पहले बात की जाए इस ऑक्सीजन सिलेंडर के बारे में और यह होता क्या है, इसके बारे में। ऐसे में आपने कई तरह के सिलेंडर देखे होंगे जिसमे आपके घर पर रसोई गैस का सिलेंडर प्रमुख होगा। तो यह एक ऐसा सिलेंडर होता है जिसमे रसोई गैस भरी हुई होती है और उसकी सहायता से हम आग ज़लाने या खाना पकाने का काम करते हैं। ठीक उसी तरह एक सिलेंडर कार्बन डाई ऑक्साइड का भी होता है जिसके माध्यम से हम आग को बुझाने का काम करते हैं।
तो उसी कड़ी में एक सिलेंडर ऐसा भरा जाता है जहाँ हवा में फैली ऑक्सीजन को अत्यधिक दबाव के सहारे लिक्विड फॉर्म में सिलेंडर में भरने का काम (Oxygen cylinder kya hota hai) किया जाता है। अब आप इस सिलेंडर को रसोई गैस वाले सिलेंडर से मत तुलना करने लग जाइएगा क्योंकि इसमें अलग तत्व होते हैं जबकि ऑक्सीजन सिलेंडर में केवल ऑक्सीजन को ही डाला जाता है जो सांस लेने में सहायक होती है।
तो एक ऑक्सीजन सिलेंडर वह सिलेंडर वह होता है जिसके माध्यम से ऑक्सीजन को मशीनो की सहायता से अत्यधिक दबाव के जरिये किसी सिलेंडर में भरने का काम किया जाता है। यह अत्यधिक दबाव के कारण द्रव्य या लिक्विड का रूप ले लेती है। फिर उस पर ऊपर एक ऐसी नली लगायी जाती है जिस कारण यह जब बाहर निकलती है तो यह हवा या गैस के रूप में बाहर निकलती है। इसे वोल्व के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है। इसकी प्रक्रिया को भी हम समझेंगे।
ऑक्सीजन सिलेंडर कैसे बनता है? (Oxygen cylinder kaise banta hai)
अभी तक आपने ऑक्सीजन सिलेंडर के बारे में जान लिया है लेकिन इस ऑक्सीजन सिलेंडर के क्या क्या भाग होते हैं या फिर यह कैसे बनाया जाता है, इसके बारे में भी पूरी जानकारी होना आपके लिए जरुरी है। वह इसलिए क्योंकि इसी के माध्यम से ही तो आप यह जान पाएंगे कि किसी ऑक्सीजन सिलेंडर का निर्माण किस तरह से किया जाता है जिस कारण यह लोगों को प्राण दायक वायु ऑक्सीजन उपलब्ध करवाता है। तो आइए जाने ऑक्सीजन सिलेंडर की निर्माण की प्रक्रिया के बारे में।
ऑक्सीजन सिलेंडर का खोल तैयार करना
सबसे पहले तो ऑक्सीजन सिलेंडर की बाहरी परत अर्थात खोल को तैयार किया जाता है जिसे हम शैल भी कह सकते हैं। इसके लिए एल्युमीनियम का इस्तेमाल किया जाता है। तो इसके लिए सबसे पहले एल्युमीनियम की शीट को आरी के माध्यम से निश्चित आकार में काटा जाता है। यह आकार ऑक्सीजन सिलेंडर के आकार पर निर्भर करता है। फिर उसे गोल घुमा कर एक बेलनाकार रूप दिया जाता है और फिर ऊपर गर्म प्रेस की सहायता से उसे गोल घुमा कर ऊपर बंद कर दिया जाता है। इस तरह से किसी भी ऑक्सीजन सिलेंडर की खोल को तैयार कर दिया जाता है।
ऑक्सीजन सिलेंडर की खोल को गरम करना
आपने यह तो जान लिया कि किसी भी ऑक्सीजन सिलेंडर में ऑक्सीजन को अत्यधिक दबाव के साथ भरा जाता है तो ऐसे में इसके अंदर से फट जाने का खतरा बना रहता है। इसके लिए इस तैयार खोल को बाहर से अत्यधिक मात्रा में गर्म कर उसे मजबूत करने का काम किया जाता है। तो इस ऑक्सीजन सिलेंडर की खोल को लगभग एक हज़ार फारेनहाइट पर गर्म करने का काम किया जाता है जो इसे बाहर व अंदर दोनों रूप में मजबूती देने का काम करता है।
ऑक्सीजन सिलेंडर की गर्दन तैयार करना
ऑक्सीजन सिलेंडर की खोल को तैयार करने के बाद उसके मुहं को ऊपर से बंद कर दिया जाता है किंतु अब उसमे से ऑक्सीजन निकलेगी कैसे? तो उसके लिए उसके ऊपरी मुहं पर एक छेद करके गर्दन को तैयार किया जाता है और इसके लिए दूसरी धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है। इसी पर ही यह वोल्व लगाया जाता है जो ऑक्सीजन के प्रवाह को नियंत्रित करने का काम करते हैं। तो यह गर्दन हर ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए अलग अलग तरीके से तैयार की जाती है लेकिन उसमे हवा का प्रवाह निर्धारित करने के लिए वोल्व अवश्य लगाया जाता है।
ऑक्सीजन सिलेंडर की जांच की जाना
अब जब यह ऑक्सीजन सिलेंडर लगभग तैयार हो चुका होता है तो इसकी कई मापदंडों के आधार पर जांच की जाती है और यह पक्का किया जाता है कि क्या वह ऑक्सीजन सिलेंडर इस्तेमाल में लिया जा सकता है या नहीं। यदि वह सभी मापदंडों पर खरा उतरता है तो ही उसे पास किया जाता है अन्यथा उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। रिजेक्ट किये जाने के बाद उसे फिर से ऊपर बताई गयी विधि के अनुसार तय किया जाना पक्का किया जाता है।
ऑक्सीजन सिलेंडर में ऑक्सीजन को भरना
तो अब जो ऑक्सीजन सिलेंडर तय मापदंड के अनुसार पास हो जाता है तो उसमे ऑक्सीजन को भरने का काम किया जाता है। इसके लिए इसी गर्दन के सहारे ही उसमे नली के सहारे ऑक्सीजन को भरा जाता है। इसके भरे जाने के बाद ही इन्हें बाजार में बेचने के लिए या अस्पताल में उपलब्ध करवाया जाता है।
ऑक्सीजन टैंक क्या होता है? (Oxygen tank in Hindi)
अभी तक अपने ऑक्सीजन सिलेंडर के बारे में पूरी जानकारी ले ली है लेकिन यह ऑक्सीजन टैंक क्या बाला है और इसका क्या इस्तेमाल होता है, यह जानना भी तो आपके लिए जरुरी होता है। तो ऑक्सीजन टैंक एक तरह से ऑक्सीजन सिलेंडर का ही एक बड़ा रूप होता है। उदाहरण के तौर पर आप कही आग लग जाने पर एक एक बाल्टी को पानी से भर कर आग को बुझाने का प्रयास करते हैं जबकि फायर ब्रिगेड की गाडी पानी का एक बड़ा टैंकर लेकर आती है जिसमे वही पानी भरा (Oxygen tank kya hota hai) होता है लेकिन उसकी सहायता से आग को जल्दी काबू में ले लिया जाता है।
तो वही काम यह ऑक्सीजन टैंक करता है। इसमें एक सिलेंडर की बजाए एक बड़े आकार के हॉल या जगह को इस तरह से तैयार किया जाता है कि वह ऑक्सीजन सिलेंडर का ही काम करे। सीधे शब्दों में कहा जाए तो इसमें ऑक्सीजन सिलेंडर का आकार आवश्यकता से बहुत अधिक बड़ा कर (Oxygen tank kya hai) दिया जाता है और उसे बेलनाकार की जगह आयताकार बनाया जाता है। हालाँकि इसे बड़ा बेलनाकार रूप भी दिया जा सकता है लेकिन यह जरुरी नहीं होता है। दोनों ही स्थिति में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
तो अब इस ऑक्सीजन टैंक में ऑक्सीजन को उसी विधि के तहत भरा जाता है और वह अत्यधिक दबाव में ही होती है। अंतर बस इतना होता है कि इस ऑक्सीजन टैंक में ऑक्सीजन सिलेंडर की तुलना में एक से अधिक गर्दन या वोल्व हो सकते हैं या फिर एक बड़ा वोल्व हो सकता है जिससे कई पाइप जुड़ी होती है।
ऑक्सीजन सिलेंडर के प्रकार (Oxygen cylinder types in India in Hindi)
ऑक्सीजन सिलेंडर के बारे में इतना सब तो आपने जान लिया है लेकिन यदि उसके प्रकार के बारे में नहीं जानेंगे तो जानकारी अधूरी मानी जाएगी। हालाँकि हर प्रकार के ऑक्सीजन सिलेंडर एक जैसे ही होते हैं और उनका काम भी एक ही होता है लेकिन यह अपने साइज़ के कारण अलग अलग आकार के हो सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि ऑक्सीजन सिलेंडर के प्रकार पूर्ण रूप से उसके आकार पर ही निर्भर करते हैं।
अब कोई ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल में इस्तेमाल में लाया जाता है तो कोई इसे पर्वत या पहाड़ पर चढ़ने में इस्तेमाल करता है तो कोई इसे समुंद्र के अंदर जाने में इस्तेमाल करता है। तो उसी के अनुसार ही ऑक्सीजन सिलेंडर के प्रकार आते हैं जो साइज़ में छोटे या बड़े होते हैं।
ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल कहां किया जाता है? (Oxygen cylinder uses in Hindi)
अब जब आपने ऑक्सीजन सिलेंडर व ऑक्सीजन टैंक दोनों के बारे में ही जानकारी ले ली है तो अब बारी है ऑक्सीजन सिलेंडर के इस्तेमाल के बारे में जानने की। तो यदि आपको लग रहा है कि ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल केवल अस्पताल में ही किया जाता है तो आप गलत है। दरअसल एक ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल हर उस स्थिति में किया जाता है जब कोई व्यक्ति सांस लेने में दिक्कत महसूस करता है या जहाँ पर ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है या होती ही नही है।
अब यह स्थितियां कई कारण से बन सकती है और उनमे ही इस ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल करना पड़ता है। तो वह स्थितियां या कारण कौन कौन से हो सकते हैं जब ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है, उसकी जानकारी है।
- ऑक्सीजन सिलेंडर का मुख्य रूप से इस्तेमाल अस्पताल में उन रोगियों के लिए किया जाता है जो सांस की बीमारी से जूझ रहे हैं या जिन रोगियों को (Oxygen cylinder used in hospital in Hindi) सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तब उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से तुरंत ऑक्सीजन देने का काम किया जाता है।
- अब यदि कोई व्यक्ति वेंटीलेटर मशीन पर है तो उसे भी ऑक्सीजन सिलेंडर की जरुरत होती है। इसके लिए वेंटीलेटर मशीन को ऑक्सीजन सिलेंडर से जोड़ा जाता है ताकि रोगी को नियमित रूप से ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित की जा सके।
- यदि कोई व्यक्ति या पर्वतारोही ऊँचे पर्वत पर चढ़ रहा है तो वहां ऑक्सीजन की कमी हो जाती है या उसे सांस लेने में दिक्कत होती है। तो ऐसी स्थिति में वे पर्वतारोही अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर चलते हैं ताकि आसानी से सांस लिया जा सके।
- जो गोताखोर होते हैं और समुंद्र के अंदर जाते हैं, उन्हें तो निश्चित तौर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर की जरुरत होती है। तो समुंद्र या पानी के अंदर जाने की स्थिति में अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर को ले जाना अनिवार्य होता है।
- इसके अलावा भी कई ऐसी स्थितियां या घटनाएँ बन सकती है जब ऑक्सीजन सिलेंडर की जरुरत पड़ती है जैसे कि युद्ध होने, हानिकारक गैस का रिसाव होने इत्यादि।
ऑक्सीजन टैंक का इस्तेमाल कब किया जाता है?
ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल कहां कहां किया जा सकता है, यह तो आपने जान लिया लेकिन इसी कड़ी में ऑक्सीजन टैंक का इस्तेमाल क्यों और कहां किया जाता है, यह जानना भी तो जरुरी हो जाता है। तो इस ऑक्सीजन टैंक का इस्तेमाल कुछ कारणों की वजह से शुरू किया गया है जिसका एक प्रमुख कारण है अस्पताल को नियमित रूप से ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करवाना।
तो होता यह है कि जिन अस्पताल में वेंटीलेटर की सुविधा होती है और जहाँ पर रोगियों को हमेशा ही ऑक्सीजन की सप्लाई पर रखा जाता है वहां इन ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल करना मुश्किल भरा हो सकता है। वह इसलिए क्योंकि बार बार इन्हें चेक करते रहना मुश्किल हो जाता है। तो इस स्थिति में वहां ऑक्सीजन टैंक ही लगा दिया जाता है और फिर पाइप के माध्यम से हर वेंटीलेटर तक लगातार ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है।
तो ऑक्सीजन टैंक का मुख्य इस्तेमाल इसलिए ही किया जाता है। इसी के साथ इसका दूसरा इस्तेमाल ऑक्सीजन सिलेंडर को भरने में किया जाता है। यदि कोई ऑक्सीजन सिलेंडर खाली हो गया है तो उसे ऑक्सीजन टैंक की सहायता से पुनः भरने का काम किया जाता है। इन्हीं दो कामो में ही ऑक्सीजन टैंक का इस्तेमाल किया जाता है।
ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल करते समय सावधानी
अब यदि आप ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसका इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियों को बरता जाना बहुत ही जरुरी हो जाता है अन्यथा इसके कारण बहुत बड़ा संकट उत्पन्न हो जाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि जिस ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद से हमारे प्राणों की रक्षा हो रही है, यदि उसका ही सावधानी से इस्तेमाल ना किया जाए तो यह हमारी जान तक ले सकता है। तो ऐसे में ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल करते समय क्या क्या सावधानी बरती जानी चाहिए, उसकी जानकारी है:
- ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल करते समय सबसे पहले तो यह ध्यान रखे कि इसे धूप में या सूरज की रोशनी में ना आने दे और ना ही इसे अत्यधिक गर्मी वाले क्षेत्र में लेकर जाए। उस स्थिति में ऑक्सीजन सिलेंडर में ब्लास्ट भी हो सकता है या फिर इससे गैस का रिसाव भी हो सकता है।
- ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसमें गैस कितनी बची है, इसको जंचने के लिए एक डिवाइस लगी होती है जिस पर आपकी नज़र बनी रहनी चाहिए। साथ ही इस गैस के ख़त्म होने से पहले ही इसको बदला जाना जरुरी हो जाता है। यदि गैस को ख़त्म होने के बाद आप उस पर ध्यान देंगे तो जीवन पर संकट आ जाएगा।
- ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल करने से पहले अपनी ओर से यह पक्का कर ले कि इसमें कही से कोई लीकेज ना हो या उसमे से गैस का रिसाव ना हो रहा हो। यदि वह डिफेक्ट पीस है तो उसे बदल ले।
- ऑक्सीजन सिलेंडर के आसपास आग ना जलाए और ना ही आग वाली चीज़ का इस्तेमाल करे क्योंकि इससे उस आग के फैलने की संभावना बढ़ जाती है जो आपको भी चपेट में ले लेगी।
- ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल उसके प्रवाह के अनुसार ही करे। इसके लिए इसमें वोल्व लगा हुआ होता है जो निकलने वाली ऑक्सीजन के प्रवाह को नियंत्रित करता है। यदि यह ज्यादा या कम हुआ तो फेफड़े ख़राब हो सकते हैं।
- ऑक्सीजन सिलेंडर को नीचे रखते समय ध्यान रखे क्योंकि इसे एक झटके में रखने से या पटकने से भी हवा के अत्यधिक दबाव से यह ब्लास्ट हो सकता है।
- इसके साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर को इस्तेमाल करते समय जो सावधानी मुख्य तौर पर रखे जाने की जरुरत होती है वह होती है इसके लिए डॉक्टर से परामर्श लेना। आपको बिना डॉक्टर की सलाह के ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
ऑक्सीजन सिलेंडर क्या होता है – Related FAQs
प्रश्न: ऑक्सीजन के सिलेंडर में कौन सी गैस भरी जाती है?
उत्तर: ऑक्सीजन के सिलेंडर में ऑक्सीजन गैस भरी जाती है।
प्रश्न: ऑक्सीजन सिलेंडर कैसे बनाया जाता है?
उत्तर: ऑक्सीजन सिलेंडर को बनाने की पूरी प्रक्रिया को हमने इस लेख के माध्यम से बताया है जिसे आपको पढ़ना चाहिए।
प्रश्न: ऑक्सीजन सिलेंडर में कितना लीटर गैस होता है?
उत्तर: ऑक्सीजन सिलेंडर में सामान्य तौर पर 4 लीटर गैस होता है लेकिन यह उसके आकार के आधार पर कम या ज्यादा हो सकती है।
प्रश्न: क्या ऑक्सीजन सिलेंडर फट सकता है?
उत्तर: यदि ऑक्सीजन सिलेंडर का सही से ध्यान ना रखा जाए तो यह फट सकता है।
इस तरह से आपने आज के लेख के माध्यम से जाना कि ऑक्सीजन सिलेंडर क्या होता है और ऑक्सीजन टैंक क्या होता है। साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन टैंक के क्या क्या उपयोग है या उन्हें कहां कहां काम में लिया जा सकता है, इसके बारे में आपने जानकारी ले ली है।