पासवर्ड क्या होता है? | पासवर्ड कितने प्रकार के होते हैं? | Password kitne prakar ke hote hain

|| पासवर्ड कितने प्रकार के होते हैं? | Password kitne prakar ke hote hain | Type of password in Hindi | पासवर्ड को मजबूत बनाने के उपाय | Strong password kaise banaye | पासवर्ड क्या होता है? | Password kya hota hai ||

Password kitne prakar ke hote hain :- अब यदि आपको कहीं भी लॉग इन करना होता है या किसी भी निजी चीज़ का इस्तेमाल करना होता है तो उसके लिए आपको उसमे पासवर्ड लगाना होता है। मान लीजिये कि आपको अपने बैंक एटीएम से पैसे निकलवाने हैं या बैंक में एटीएम से संबंधित कुछ अन्य काम है तो उसके लिए आपसे सभी तरह की जानकारी लेने के बाद तब तक उस पर काम नहीं किया जाएगा जब तक आप एटीएम मशीन में अपना पासवर्ड नहीं डाल देते हैं। इसी तरह से आपको अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर लॉग इन करने के लिए भी उस पर पासवर्ड डालना होता (Type of password in Hindi) है।

तो आज के समय में निजी जानकारी का एक्सेस करने के लिए या उसकी सुविधा का लाभ उठाने के लिए पासवर्ड को डाला जाना बहुत जरुरी हो जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार यह पासवर्ड कितने तरह के होते हैं या इसमें किस किस तरह के पासवर्ड बनाये जा सकते हैं। तो आज हम आपके साथ इसी विषय के ऊपर ही चर्चा करने वाले हैं। आज के इस लेख में आपको पासवर्ड के बारे में समूची जानकारी मिलने वाली (Password kitne prakar ke hote hai) है।

जैसे जैसे जमाना बढ़ता जा रहा है और हम उन्नति कर रहे हैं उतनी ही तेजी के साथ तरह तरह के पासवर्ड को रखे जाने का प्रचलन भी बढ़ता जा रहा है। पहले के समय में हमारे हस्ताक्षर ही हमारी पहचान हुआ करते थे लेकिन आज के समय में वह पहचान पासवर्ड से परिवर्तित हो चुकी है। ऐसे में यह पासवर्ड क्या होते हैं और किस तरह से हम इनका इस्तेमाल कर सकते हैं और यह कितने तरह के हो सकते हैं, इसके बारे में संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में जानने को (Password kitne prakar ke hote hain in Hindi) मिलेगी।

पासवर्ड क्या होता है? (Password kya hota hai)

तो सबसे पहले तो हम यह जान लेते हैं कि यह पासवर्ड होता क्या है। तो यह एक कुटनीतिक शब्द या ऐसा सिस्टम होता है जिसके माध्यम से हम उस खाते के बारे में या सिस्टम को पहले ही यह सूचित कर देते हैं कि उसे खोलने या उसका एक्सेस करने के लिए इस चीज़ की निर्धारित रूप से आवश्यकता होगी। कहने का अर्थ यह हुआ कि आपको अपने से जुड़ी किसी जानकारी जैसे कि आपका खाता, प्रोफाइल या अन्य कोई चीज़ जिस पर आपका एकाधिकार है, उसका एक्सेस पाने के लिए किसी निर्धारित चीज़ को दिखाया जाना या उसका अंकित किया जाना जरुरी होता (Password kya hai) है।

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बिना उस चीज़ को डाले या दिखाए, उसका एक्सेस नहीं किया जा सकता है और वह सिस्टम के द्वारा लॉक रहती है। ऐसे में उस चीज़ का एक्सेस पाने के लिए जिस भी चीज़ को दिखाया जा रहा है या अंकित किया जा रहा है, उसे ही पासवर्ड कहा जाता है। अब यह पासवर्ड कई तरह का हो सकता है, जिसके बारे में हम आपको अब (Password ko Hindi me kya kahte hai) बतायेंगे।

पासवर्ड कितने प्रकार के होते हैं? (Password kitne prakar ke hote hain)

यदि आपको लगता है कि पासवर्ड का मतलब केवल कुछ अक्षरों के मेल से बनाया गया शब्द ही होता है तो आप गलत हैं। हालाँकि इस तरह का पासवर्ड ही सबसे लोकप्रिय और चलन में है लेकिन आज के समय में जैसे जैसे तकनीक बढ़ती जा रही है, वैसे वैसे ही पासवर्ड के प्रकार भी बढ़ते चले जा रहे हैं। अपने खाते या निजी जानकारी को सुरक्षित बनाये रखने के उद्दश्य से तरह तरह के पासवर्ड चलन में आ गए हैं जिनमें से एक तो आप अपने मोबाइल पर फिंगर प्रिंट के रूप में लगा कर भी रखते (How many types of password in Hindi) हैं।

अब समय के साथ साथ अन्य तरह के पासवर्ड का चलन भी आपको देखने को मिलेगा जिससे कि व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसके लिए तरह तरह के उपाय किये जा रहे हैं और बहुत जगह पर पासवर्ड के अन्य विकल्पों का इस्तेमाल होना भी शुरू हो चुका है। ऐसे में आज हम आपके साथ पासवर्ड के तरह तरह के प्रकारों के बारे में भी चर्चा करने वाले हैं।

अक्षर व नंबर वाला पासवर्ड

इसमें सबसे पहले और सबसे ज्यादा चलन में जो पासवर्ड है वह है अक्षर व नंबर वाला पासवर्ड। अब आप अपनी फेसबुक पर कैसे लॉग इन करते हैं? आपका उत्तर होगा कि आप सबसे पहले तो फेसबुक में अपनी प्रोफाइल का यूजर नाम डालते होंगे और फिर उस पर अक्षर व नंबर के मेल से बनाया गया पासवर्ड डालते होंगे। तो इसी तरह के पासवर्ड का इस्तेमाल लगभग हर तरह की कंपनी और व्यवसाय के द्वारा किया जाता है। एक तरह से जो सार्वजनिक क्षेत्र के उपकरण है और जिनका संबंध इंटरनेट से है, उनमें इस तरह के पासवर्ड का इस्तेमाल प्रमुखता के साथ किया जाता है।

इसमें आप किसी भी तरह का पासवर्ड बना सकते हैं क्योंकि इसमें कई तरह की केटेगरी होती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि इसमें आप सिंपल से लेकर मिक्स्ड वर्ड्स वाला पासवर्ड भी बना सकते हैं और यह पूर्णतया आप पर ही निर्भर करता है कि आप किस तरह का पासवर्ड बनाने वाले हैं। आइये इसके बारे में कुछ पासवर्ड के टाइप की जानकारी ले लेते हैं।

  • इसमें सबसे पहले नंबर पर आते हैं सिंपल पासवर्ड जिसे आप केवल अक्षर या केवल नंबर का उपयोग करके बनाते हैं। उदाहरण के तौर पर मान लीजिये कि आपका नाम लविश है और आपका जन्म काशी नगरी में हुआ है। ऐसे में आप दोनों नाम की स्पेलिंग को जोड़कर lovishkashi नाम का पासवर्ड बना सकते हैं जिसे हम सिंपल पासवर्ड कहेंगे।
  • अब इसी तरह से सिंपल पासवर्ड का एक अन्य उदाहरण नंबर भी है। उदाहरण के तौर पर आपका जन्म 12 सितंबर 1995 को हुआ था। ऐसे में सितंबर का महिना नौवा महिना होता है तो आप अपनी जन्म तिथि के अनुसार सिंपल पासवर्ड 12091995 रख सकते हैं। यह हमने आपको समझाने के लिए सिंपल पासवर्ड का केवल उदाहरण दिया है। हालाँकि आप सिंपल पासवर्ड में ही किसी ऐसे नाम या नंबर का पासवर्ड रख सकते हैं जो अन्य किसी को ना पता हो।
  • अब इसी में ही एक पासवर्ड होते हैं मिक्स्ड पासवर्ड जिसे आप अक्षर व नंबर का मेल करके बना सकते हैं। उदाहरण के तौर पर आप ऊपर बताये गए दोनों उदाहरणों को ही ले लीजिये जिसमें आपका नाम लविश, जन्म स्थान काशी और जन्म तिथि 12/09/1995 है। तो आप इसमें अपने नाम के पहले तीन अक्षर और शहर के पहले दो अक्षर और जन्म तिथि में केवल तिथि व महिना लेते हैं तो आपका मिक्स्ड पासवर्ड बनेगा, lovkas1209. तो इस तरह के पासवर्ड को मिक्स्ड पासवर्ड कहा जाएगा।
  • अब इसी में ही यदि आप अक्षर में अपर केस और लोअर केस वाले शब्दों को भी जोड़ देते हैं तो वह पासवर्ड और ज्यादा मजबूत बन जाता है। उदाहरण के लिए आप ऊपर वाले मिक्स्ड पासवर्ड में ही शहर के पहले तीन अक्षर में से प्रथम अक्षर को बड़ा करके लिख देंगे तो यह और ज्यादा मजबूत होगा। तो इस तरह से आपका यह पासवर्ड lovKas1209 करके बन जाएगा।
  • अंतिम चरण के रूप में अपने इस पासवर्ड में यदि किसी स्पेशल करैक्टर को भी जोड़ लिया जाता है तो उसे क्रैक करना अर्थात हैक करना किसी के लिए भी बहुत ही मुश्किल हो जाता है। अब स्पेशल करैक्टर वह होते हैं जो आपके लैपटॉप के नंबर वाले कीपैड पर साथ में बने होते हैं। जैसे कि !, @, #, $, %, ^, &, * इत्यादि। ऐसे में आप इनमें से किसी एक या एक से अधिक को ऊपर वाले पासवर्ड में जोड़कर उसे और भी मजबूत बना सकते हैं। उदाहरण के तौर पर lov&Kas@1209 या lov%Kas1209.

पिन पासवर्ड

अब पासवर्ड के प्रकारों में दूसरे स्थान पर आते हैं पिन वाले पासवर्ड। इस तरह के पासवर्ड का इस्तेमाल उन जगहों पर प्रमुखता के साथ किया जाता है जो आपकी निजी तो होती है लेकिन वह आपके पास भी होती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि वह चीज़ें सामान्य तौर पर सार्वजानिक क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं होती है। उदाहरण के तौर पर आपके बैंक का एटीएम कार्ड या फिर आपका मोबाइल या आपका लैपटॉप या अन्य कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इत्यादि।

ऐसे में आप उस डिवाइस या कार्ड में पिन पासवर्ड लगा सकते हैं और उसे सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। अब जो पिन पासवर्ड होता है उसमें आप केवल नंबर अर्थात गणित की संख्या का ही इस्तेमाल कर सकते हैं और वो भी चार बार। कहने का अर्थ यह हुआ कि यह पिन पासवर्ड गणित के चार नंबर से मिलकर बना होता है। अब आप उन नंबर का कॉम्बिनेशन किस तरह से बनाते हैं, यह आप पर निर्भर करता है।

आप उसे 1234, 3423, 6486 इत्यादि कुछ भी रख सकते हैं। हालाँकि हम आपको यही परामर्श देंगे कि यह आप अपनी जन्म तिथि, बाइक, कार के नंबर इत्यादि से मिलता झूलता ना ही रखें तो ही बेहतर है। वह इसलिए क्योंकि यदि आप सामान्य तरह का पासवर्ड रख लेते हैं तो किसी के लिए उसे हैक करना बहुत ही आसान हो जाता है।

पैटर्न पासवर्ड

इस तरह के पासवर्ड का इस्तेमाल मुख्य तौर पर मोबाइल जैसी डिवाइस में प्रमुखता के साथ किया जाता है। आपने भी इसका इस्तेमाल किया होगा और पहले के समय में जब मोबाइल में फिंगर लॉक नहीं हुआ करता था, तब अधिकतर लोग उस पर यही पैटर्न पासवर्ड का ही उपयोग किया करते थे। आज के समय में भी बहुत से लोगों ने अपने मोबाइल में पैटर्न पासवर्ड का लॉक लगाया हुआ है।

ऐसे में इस पैटर्न पासवर्ड में आपके मोबाइल में डायलर की तरह नौ अंक तीन तीन की संख्या में ऊपर से नीचे होते हैं। अब उसमें आपको अंगुली की सहायता से एक आकृति बनानी होती है जो पासवर्ड का रूप ले ले। अब इसमें आप अपनी ऊँगली की सहायता से एक डॉट से दूसरे डॉट पर जाते हुए एक आकृति ड्रॉ करते हैं जिसे हम पैटर्न कह सकते हैं। ऐसे में आप एक पैटर्न को ड्रॉ करके उसे पासवर्ड का रूप दे सकते हैं।

फिंगरप्रिंट पासवर्ड

आज के समय में लोगों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फिंगरप्रिंट पासवर्ड भी बहुत चलन में है। आप भी अपने डिवाइस में फिर चाहे मोबाइल हो या लैपटॉप, उसमें फिंगरप्रिंट पासवर्ड लगा सकते हैं। हालाँकि इसके लिए उसमें फिंगरप्रिंट पासवर्ड की सुविधा होनी चाहिए। आज के समय में तो लगभग हर स्मार्ट फोन में फिंगरप्रिंट की सुविधा उपलब्ध है और आप उसमें अपना फिंगरप्रिंट लॉक लगा सकते हैं।

अब इसके लिए ज्यादातर लोग अपने दाहिने हाथ की मुख्य ऊँगली का फिंगरप्रिंट पासवर्ड के रूप में इस्तेमाल करते हैं और कुछ लोग इसमें दूसरी ऊँगली के रूप में बाहिने हाथ की भी पहली ऊँगली जोड़ लेते हैं। लेकिन आप चाहें तो इसकी बजाये अपने हाथ की किसी अन्य ऊँगली का इस्तेमाल भी फिंगरप्रिंट पासवर्ड के तौर पर कर सकते हैं। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप उस सिस्टम या डिवाइस में अपने किस हाथ की ऊँगली को फिंगरप्रिंट पासवर्ड के तौर पर इस्तेमाल में लेना चाहते हैं।

फेस लॉक पासवर्ड

अब इसी में ही एक नया पासवर्ड भी चलन में आ चुका है और वह है फेस लॉक वाला। अब इसमें होता क्या है कि जब भी आपके डिवाइस को या अन्य किसी चीज़ को खोलना होता है तो उससे पहले वह अपना वीडियो कैमरा खोल लेता है और उसके सामने आपको अपना चेहरा लेकर जाना होता है। जैसे ही आप अपना चेहरा उसके सामने लेकर जाते हैं तो यह आपके चेहरे की आकृति और उस पर आ रहे हाव भाव को डिटेक्ट करता है।

इसी के अनुसार ही वह डिवाइस यह निर्णय लेता है कि वह चेहरा आपका ही है और किसी और का नहीं है। हालाँकि जिस तेजी के साथ सुरक्षा के उपकरण बढ़ रहे हैं उतनी ही तेजी के साथ धोखाधड़ी भी बढ़ रही है। ऐसे में हैकर आपकी तस्वीर या अन्य किसी माध्यम से इस सिस्टम को हैक कर सकता है और उसमे निहित जानकारी को जुटा सकता है। ऐसे में आप फेस लॉक पासवर्ड का इस्तेमाल तभी करें जब फेस को उन्नत तरीके से स्कैन किया जाता हो।

आँखों का रेटिना वाला पासवर्ड

फेस के साथ ही जिस अन्य चीज़ का इस्तेमाल पासवर्ड के तौर पर किया जा सकता है वह है आँखों के रेटिना। आपको ध्यान होगा जब आपने अपना आधार कार्ड बनवाया होगा तब भारत सरकार ने आपकी फिंगर प्रिंट तो लिए ही थे लेकिन इसी के साथ ही उन्होंने आपकी आँखों को भी स्कैन किया था। इसके माध्यम से भारत सरकार ने आपकी आँखों के रेटिना भी ले लिए थे।

तो इन आँखों की रेटिना का इस्तेमाल आप पासवर्ड में भी कर सकते हैं। हालाँकि इस तरह के पासवर्ड का इस्तेमाल बहुत ही उन्नत तरह के डिवाइस में किया जा सकता है और सामान्य उपकरणों में यह उपलब्ध नहीं होता है। होता भी है तो यह ज्यादा प्रभावदायक नहीं होता है। ऐसे में सरकार या अन्य बड़ी कंपनियां अपनी निजी जानकारी को रखने और उसमें केवल लिमिटेड लोगों को ही प्रवेश देने के लिए इस तरह के पासवर्ड का इस्तेमाल करती है।

वॉइस पासवर्ड

इस तरह के पासवर्ड का इस्तेमाल आप अपने मोबाइल या अन्य किसी डिवाइस को लॉक या अनलॉक करने में कर सकते हैं और इसका इस्तेमाल अब बहुत तेजी के साथ बढ़ता भी जा रहा है। आगे के समय में आपके घर में जो भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है या जो नहीं भी है, वह सभी आपकी आवाज से ही काम किया करेंगे। एक तरह से आपकी आवाज का उपयोग ना केवल पासवर्ड के तौर पर बल्कि आपके आसपास मौजूद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को दिशा निर्देश देने के लिए भी किया जाएगा।

आज यदि हम देखें तो घर के पंखे, टीवी, मोबाइल, एसी, लैपटॉप, इत्यादि सभी इसी पर ही आधारित हो चले हैं। ऐसे में इसका उपयोग बढ़ता ही जा रहा है जो आगे चलकर हर क्षेत्र में उपयोग में लाया जाएगा। इसलिए आपको भी इस तरह के पासवर्ड की अब आदत डाल लेनी चाहिए और यह आपके लिए सुविधाजनक भी रहेगा।

मोबाइल नंबर कोड पासवर्ड

जैसा कि आप यह पहले से ही जानते हैं आज के समय में जिस तरह से सुरक्षा के उपकरण बढ़ते जा रहे हैं और पासवर्ड रखने के लिए तरह तरह के प्रकार आ चुके हैं तो ठीक उसी तेजी से या उससे भी ज्यादा तेजी के साथ असुरक्षा के उपकरण भी बढ़ते जा रहे हैं। यही कारण है कि बहुत से हैकर आपके पासवर्ड को क्रैक कर लेते हैं और आपका निजी डाटा चुरा लेते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए बहुत सी कंपनियों ने आपके मोबाइल नंबर पर पासवर्ड रूप में एक कोड भेजकर आपकी सुरक्षा को मजबूत करने की शुरुआत की है।

अब यदि आप देखेंगे तो पाएंगे कि बहुत सी वेबसाइट के द्वारा अपने यहाँ पासवर्ड की बजाये मोबाइल नंबर पर सीधे OTP भेजकर लॉग इन करने का विकल्प दिया जाता है। यहाँ पर आपको अपना पासवर्ड डालना ही नहीं होता है और आपको बस अपना यूजर नाम या फिर मोबाइल नंबर डालकर कोड प्राप्त करें बटन पर क्लिक करना होता है। इसके बाद आपके मोबाइल पर एक कोड आता है जिसे आपको सामने दिख रही स्क्रीन पर डालना होता है। उसके बाद आप उस जगह में लॉग इन हो जाते हैं और उस खाते का इस्तेमाल कर पाते हैं।

पासवर्ड को मजबूत बनाने के उपाय (Strong password kaise banaye)

आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आप अपने किसी भी डिवाइस या खाते में कोई ऐसा पासवर्ड ना डालें जिसे आसानी से क्रैक किया जा सके। कहने का अर्थ यह हुआ कि बहुत से भारतीय आज भी अपने खातों में ऐसे पासवर्ड डालकर रखते हैं जो उनके नाम, जन्म तिथि, जन्म स्थान, वाहन नंबर, घर के सदस्यों के नाम या उनसे जुड़ी हुई जानकारी से जुड़े होते हैं। ऐसे में हैकर के लिए आपका पासवर्ड क्रैक करना बहुत ही सरल हो जाता (strong password example in Hindi) है।

तो आपको किसी ऐसे अक्षर या नंबर का इस्तेमाल अपना पासवर्ड बनाने में करना चाहिए जिसका संबंध आपसे हो ही ना। इसके लिए आप उस अक्षर या नंबर को बार बार बोलकर या पढ़कर याद कर लें लेकिन उसका संबंध आपसे किसी भी तरह से नहीं होगा तो यह आपकी सुरक्षा को बहुत ज्यादा मजबूत कर देगा। इसी के साथ ही पासवर्ड के प्रकार में बताये गए पहले विकल्प में आखिरी चरण के अनुसार अपने पासवर्ड में अक्षर, नंबर, स्पेशल करैक्टर इत्यादि सभी का उपयोग करेंगे तो बेहतर रहेगा।

पासवर्ड कितने प्रकार के होते हैं – Related FAQs 

प्रश्न: एक अच्छा पासवर्ड क्या होता है?

उत्तर: एक अच्छा पासवर्ड वह है जो आपकी जानकारी से जुड़ा हुआ ना हो और वह इस लेख के पासवर्ड के प्रकारों में पहले प्रकार के आखिरी चरण के अनुसार हो।

प्रश्न: सबसे मजबूत पासवर्ड कौन सा है?

उत्तर: सबसे मजबूत पासवर्ड वह है जिसमें लोवरकेस, अपरकेस, स्पेशल कैरेक्टर और नंबर भी शामिल हो।

प्रश्न: पासवर्ड में कितने अंक होते हैं?

उत्तर: पासवर्ड में अंक की कोई निर्धारित संख्या तो नहीं है यह किसी में 4, किसी में 8 किसी में 10 भी ही सकती है।

प्रश्न: पासवर्ड का दूसरा नाम क्या है?

उत्तर: पासवर्ड का दूसरा नाम पासकोड है।

प्रश्न: पासवर्ड को हिंदी में क्या कहा जाता है?

उत्तर: पासवर्ड को हिंदी में गुप्त शब्द या कूट शब्द कहा जाता है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने पासवर्ड कितने प्रकार के होते हैं इसके बारे में जान लिया है। साथ ही आपने जाना कि पासवर्ड क्या होता है और पासवर्ड को मजबूत कैसे बनाया जाता है। आशा है कि जो जानने के लिए आप इस लेख पर आए थे वह जानकारी आपको मिल गई होगी। यदि आपके मन में कोई शंका या सवाल है तो आप हम से नीचे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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