पासवर्ड मैनेजर क्या होता है? | पासवर्ड मैनेजर फायदे व नुकसान | Password manager kya hota hai

|| पासवर्ड मैनेजर क्या होता है? | Password manager kya hota hai | How secure is your password in Hindi | पासवर्ड मैनेजर के नुकसान | पासवर्ड मैनेजर के फायदे क्या हैं? | Password manager kaise kaam karta hai ||

Password manager kya hota hai :– हमें ऑनलाइन चाहे कहीं भी अपना खाता बनाना हो या एटीएम का पिन रखना हो या ऐसा ही कुछ तो उसमे सुरक्षा की दृष्टि से पासवर्ड को रखे जाने की जरुरत होती है। एक तरह से बिना पासवर्ड के कोई खाता बन ही नहीं सकता है क्योंकि यदि किसी खाते में पासवर्ड नहीं है तो इसका अर्थ यह हुआ कि वह सार्वजानिक इस्तेमाल के लिए है और उसका किसी व्यक्ति विशेष से संबंध नही (How secure is your password in Hindi) है।

तो जो चीज़ हमसे जुड़ी हुई है और उसमे हमारा खाता है तो उसमे यूजर नाम व पासवर्ड रखा जाना जरुरी होता है। अब इसी पासवर्ड को हैक या चोरी होने से बचाने के लिए मजबूत बनाना होता है जिसमे अक्षरों, अंकों, स्पेशल करैक्टर इत्यादि सहित अन्य मापदंडों का पालन किया जाना जरुरी होता (Password manager ke bare mein jankari) है। वहीं हमारा कोई एक जगह तो खाता होता नहीं है बल्कि हम कई प्लेटफार्म पर अलग अलग खाते बना लेते हैं और उन पर सुरक्षा की दृष्टि से अलग अलग पासवर्ड भी रखते हैं।

तो आप पासवर्ड भूले नहीं और उसमे आसानी से लॉग इन कर सकें, इसके लिए गूगल पासवर्ड मैनेजर नाम का एक विकल्प लेकर आया है। इसके तहत आप आसानी से केवल एक पासवर्ड को याद कर सकते हैं और आपको अन्य किसी खाते का पासवर्ड याद करने की जरुरत ही नहीं (Password manager kya hota hai in Hindi) पड़ेगी। आज के समय में लगभग हर व्यक्ति इस पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल कर रहा है और संतुष्ट है। आइये जाने आखिरकार यह पासवर्ड मैनेजर होता क्या है।

पासवर्ड मैनेजर क्या होता है? (Password manager kya hota hai)

सबसे पहले बात करते हैं इस पासवर्ड मैनेजर के बारे में और जानते हैं कि आखिरकार यह होता क्या है और यह कैसे काम करता है। तो आप में से अधिकतर लोग अपने मोबाइल या लैपटॉप पर ब्राउज़र के तौर पर गूगल क्रोम का इस्तेमाल करते होंगे और बहुत वर्षों से करते भी आ रहे होंगे। तो इस क्रोम ब्राउज़र में आपने क्या कभी नोटिस किया है कि आपको अपने फेसबुक या अन्य किसी खाते में लॉग इन करने के लिए बार बार पासवर्ड डालने की जरुरत ही नहीं होती (What is password manager in Hindi) है।

पासवर्ड मैनेजर क्या होता है पासवर्ड मैनेजर फायदे व नुकसान

यहाँ तक कि आपको यह भी याद नहीं होगा कि आपने आखिरी बार गूगल क्रोम में फेसबुक का पासवर्ड डाला कब था या फिर किसी ऐसे खाते में लॉग इन कब किया था। आपके लिए तो बस एक क्लिक पर ही आपकी फेसबुक प्रोफाइल ओपन हो जाती होगी और यह संभव होता है पासवर्ड मैनेजर की सहायता से। इसका एक उदाहरण हम आपको दे देते (Password manager meaning in Hindi) हैं।

जब भी आप गूगल क्रोम पर किसी नए खाते में या नयी वेबसाइट पर लॉग इन करते हैं और अपना पासवर्ड डालते हैं तो वहां आपको उस ब्राउज़र पर उस पासवर्ड को याद रखने की एक सूचना मिलती है जिस पर यदि आपने हां पर टिक कर दिया तो फिर आपको उस खाते में लॉग इन करने के लिए फिर से पासवर्ड डालने की जरुरत ही नही पड़ेगी। तो बस यही काम तो पासवर्ड मैनेजर का काम होता है।

पासवर्ड मैनेजर गूगल क्रोम ब्राउज़र का एक ऐसा इनबिल्ट फीचर होता है जिसमें आपको अपने गूगल खाते में लॉग इन करना होता है और पासवर्ड डालना होता (Password manager kya hai) है। यह आपका गूगल क्रोम का खाता होता है जिसकी सहायता से आप अपने क्रोम ब्राउज़र को बेहतर तरीके से उपयोग कर पाने में सक्षम होते हैं। इसमें लॉग इन करने के बाद आप जिस भी खाते में लॉग इन करते हैं तो उन सभी खातों के पासवर्ड उस गूगल क्रोम के पासवर्ड मैनेजर में सेव हो जाते हैं। बस यही इसका मुख्य काम होता है।

पासवर्ड मैनेजर कैसे काम करता है? (Password manager kaise kaam karta hai)

अब आपने यह तो जान लिया है कि यह पासवर्ड मैनेजर क्या होता है लेकिन इसके साथ ही आपका यह जानना भी अति आवश्यक है कि यह पासवर्ड मैनेजर काम कैसे करता है या यह किस तरह से आपके विभिन्न खातों के पासवर्ड को याद रख पाने में सक्षम होता है। तो आप अपने गूगल क्रोम ब्राउज़र में जो भी वेबसाइट खोल रहे हैं और जहाँ भी लॉग इन कर रहे हैं, उससे पहले आपको अपने ब्राउज़र में अपना खाता बनाना होता है। यह आप बस अपनी ईमेल आईडी के जरिये बना सकते हैं और उसके बाद बस आपको ब्राउज़र का इस्तेमाल करना होगा।

इसमें आपको अलग से पासवर्ड मैनेजर को एक्टिव करने या शुरू करने की जरुरत नहीं होती है क्योंकि यह क्रोम ब्राउज़र का स्वचालित फीचर होता है जो हर समय काम करता है। हालाँकि यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस खाते के पासवर्ड को पासवर्ड मैनेजर में सेव करना चाहते हैं और किसे नहीं क्योंकि यह आपकी इच्छा के विरुद्ध किसी भी खाते के पासवर्ड को अपने आप सेव नहीं (What does a password manager do in Hindi) करेगा।

ऐसे में आप गूगल क्रोम में अपने खाते में लॉग इन करने के बाद उस ब्राउज़र का इस्तेमाल करते हैं तो आप जिस भी वेबसाइट को खोलते हैं या जो भी काम करते हैं वह सब उस ब्राउज़र की हिस्ट्री में सेव होता चला जाता है लेकिन इसमें आपकी निजी जानकारी जैसे की पासवर्ड इत्यादि सेव नहीं होते हैं। इसमें केवल खोली जा रही वेबसाइट या पेज का लिंक ही सेव होता है। आप उस वेबसाइट में क्या लिख रहे हैं या क्या टाइप कर रहे हैं, वह जानकारी उसमे सेव नहीं होगी।

तो पासवर्ड मैनेजर की सहायता से आप अपने पासवर्ड को एक सुरक्षित हाथों में सौंप सकते हैं। इसके जरिये आप जिस भी वेबसाइट को ओपन करते हैं और उसमे पहली बार लॉग इन करते हैं तो उसके तुरंत बाद पासवर्ड मैनेजर आपसे यह पूछेगा कि क्या आप अपनी इस वेबसाइट के यूजर नाम व पासवर्ड को पासवर्ड मैनेजर में सेव करना चाहते हैं या नहीं। यदि आप उसको सेव करने की अनुमति दे देते हैं तो अगली बार उस खाते में लॉग इन करने के लिए आपको फिर से यूजर नाम व पासवर्ड डालने की जरुरत नहीं होगी। वहीं यदि आप मना कर देते हैं तो आपको दोनों चीज़ डालकर लॉग इन करना होगा।

पासवर्ड मैनेजर के फायदे क्या हैं? (Password manager benefits in Hindi)

आपने यह तो जान लिया कि आपको पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल कैसे करना है और किस प्रकार से इसकी सहायता से आपको बार बार लॉग इन किये जाने वाले खातों में अपना यूजर नाम और पासवर्ड बार बार डालने की आवश्यकता नहीं है लेकिन इसके अलावा भी कुछ अन्य फायदे हैं जो पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करने पर देखने को मिलते हैं। ऐसे में आज हम पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करने पर मिलने वाले फायदों के बारे में ही विस्तार से जानकारी आपके सामने रखने जा रहे हैं।

  • इसका सबसे पहला और मुख्य फायदा तो यही देखने में आता है कि आपको बार बार अपना यूजर नाम व पासवर्ड नहीं डालना होता है और आप इस झंझट से बच जाते हैं। अब जिस खाते को आपको प्रतिदिन या एक ही दिन में कई बार खोलना होता है तो आपको इस फालतू के झंझट से मुक्ति मिल जाती है।
  • पासवर्ड मैनेजर की सहायता से आपका बहुत समय भी बच जाता है क्योंकि बस एक क्लिक में ही आपका काम हो जाता है और आप सीधे अपने खाते की प्रोफाइल देख पाने में सक्षम होते हैं।
  • हमारे खाते एक जगह नहीं बल्कि कई जगह होते हैं और ऐसे में हर जगह एक ही पासवर्ड रखा जाना मुश्किल और असुरक्षित हो सकता है। ऐसे में आप पासवर्ड मैनेजर की सहायता से अलग अलग जगह अलग अलग पासवर्ड रखने में स्वतंत्र महसूस करते हैं।
  • पासवर्ड मैनेजर आपको यह भी बताता है कि किस खाते का पासवर्ड कमजोर है और उसको मजबूत किये जाने की जरुरत है। इससे आपके सभी जगह के खाते सुरक्षित बनते हैं।
  • अब यदि आप अपना लैपटॉप या मोबाइल किसी और को देते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह आपके पासवर्ड को देख सकता है फिर चाहे वह उस खाते में लॉग इन ही क्यों ना हो। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि वह गूगल पासवर्ड मैनेजर में जाकर आपका पासवर्ड देखना चाहे तो उससे पहले उसे आपके गूगल क्रोम के खाते में फिर से लॉग इन करना होगा क्योंकि यह पासवर्ड एन्क्रिप्टेड मोड में होगा।
  • यदि आपने अपने किसी खाते के लिए अन्य जगह भी एक्सेस दिया हुआ है तो वह भी आप पासवर्ड मैनेजर की सहायता से प्रबंधित करने का काम कर सकते हैं।
  • पासवर्ड मैनेजर की सहायता से आपको अपने खाते के लिए यूनिक व मजबूत पासवर्ड बनाने में भी सहायता मिलती है जो आपके खातों को सुरक्षित करने का काम करते हैं।

इस तरह से पासवर्ड मैनेजर आपकी बहुत तरह से सहायता करता है जिसके बारे में आपने शायद अभी तक सोचा ही ना हो। इसकी सहायता से आप अपनी गूगल क्रोम की प्रोफाइल को अपने हिसाब से कस्टमाइज कर सकते हैं और तेज गति से काम कर सकते हैं।

पासवर्ड मैनेजर के नुकसान

अब जब आपने पासवर्ड मैनेजर से मिलने वाले फायदों के बारे में जान लिया है तो इससे कुछ छोटे मोटे नुकसान भी होते हैं जिसके बारे में भी आपको पता होना चाहिए। यदि आप इसके नुकसान को जान लेते हैं तो आप सावधानी बरत कर उससे बचे रह सकते हैं। तो आइये जाने पासवर्ड मैनेजर की सहायता से क्या कुछ नुकसान देखने में आते हैं।

  • इसका सबसे बड़ा और मुख्य नुकसान तो यही है कि लोग अपने खातों के असली वाले पासवर्ड भूल ही जाते हैं। अब जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया कि आपको याद ही नहीं होगा कि आपने आखिरी बार कब अपनी फेसबुक की प्रोफाइल में पासवर्ड डाला था।
  • इसका प्रभाव यह पड़ता है कि लम्बे समय तक पासवर्ड नहीं डाल पाने के कारण आप अपने उस खाते के पासवर्ड को भूल ही जाते हैं। फिर आपको किसी नए सिस्टम या डिवाइस पर अपने खाते में लॉग इन करना होता है तो आपको पासवर्ड याद ही नहीं आता है और आपको नया पासवर्ड बनाना पड़ता है।
  • पासवर्ड मैनेजर का दूसरा नुकसान यह देखने को मिलता है कि यदि आप अपना मोबाइल या लैपटॉप किसी को इस्तेमाल करने के लिए देते हैं तो वह बिना लॉग इन किये आपके खाते में जा सकता है और उसका गलत इस्तेमाल कर सकता है।
  • हालाँकि उसे आपके पासवर्ड के बारे में तो नहीं पता चलेगा लेकिन पासवर्ड मैनेजर में पासवर्ड व यूजर नाम सेव होने के कारण वह आपके खाते में जा सकता है और गतिविधियाँ कर सकता है। इसका समाधान यह है कि आप गूगलर क्रोम के खाते से लॉग आउट कर दें ताकि वह आपसे जुड़े किसी भी खाते में एक्सेस ना कर पाए।

पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करने के यही कुछ मुख्य नुकसान होते हैं। बाकि इसका कोई नुकसान नहीं है और यह आपके लिए हर तरह से लाभदायक ही रहता है। यही कारण है कि आज के समय में गूगल क्रोम इस्तेमाल करने वाला लगभग हर व्यक्ति इस पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल कर रहा है और इसके तहत मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठा रहा है।

पासवर्ड मैनेजर क्या होता है – Related FAQs 

प्रश्न: पासवर्ड मैनेजर का मतलब क्या होता है?

उत्तर: पासवर्ड मैनेजर के बारे में संपूर्ण जानकारी आपको ऊपर के लेख के माध्यम से मिल जायेगी जिसे आपको पढ़ना चाहिए।

प्रश्न: पासवर्ड मैनेज कैसे करें?

उत्तर: इसके लिए आप ऊपर का लेख पढ़ कर जान सकते हो कि पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल कैसे करना है।

प्रश्न: पासवर्ड को हिंदी में क्या कहा जाता है?

उत्तर: पासवर्ड को हिंदी में कूट शब्द कहा जाता है।

प्रश्न: हमें पासवर्ड की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर: क्योंकि हम बहुत सारे पासवर्ड याद नही रख पाते हैं और ऐसे में पासवर्ड मैनेजर हमारे पासवर्ड को याद भी रखता है और यह सुरक्षित भी है।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से हमने आपको पासवर्ड मैनेजर के बारे में जानकारी दे दी है। आपने इस लेख में जाना कि पासवर्ड मैनेजर क्या होता है और पासवर्ड मैनेजर कैसे काम करता है। साथ ही हमने आपको पासवर्ड मैनेजर के फायदे और नुकसान भी इस लेख के माध्यम से बता दिए हैं। आशा है कि आपको पासवर्ड मैनेजर के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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