स्थाई खाता संख्या किसे कहते हैं? | स्थाई खाता संख्या कैसे बनवाएं? | Permanent account number kise kahate hain

|| स्थाई खाता संख्या किसे कहते हैं? | Permanent account number kise kahate hain | स्थाई खाता संख्या कैसे बनवाएं? | Permanent account number format in Hindi | स्थायी खाता संख्या में कितने अंक होते हैं? ||

Permanent account number kise kahate hain :– हमारे कई तरह के पहचान पत्र होते हैं जिनमें आज के समय में सबसे मुख्य पहचान पत्र आधार कार्ड है। यदि किसी के पास उसका आधार कार्ड नहीं है तो वह लगभग सभी तरह की सरकारी सेवाओं का उपयोग नहीं कर सकता है और यहाँ तक की वित्तीय लेनदेन या अन्य चीज़ों का भी इस्तेमाल नहीं कर पाता है। ऐसे में आधार कार्ड का होना तो हम सभी के लिए अनिवार्य किया गया है।

अब आज के समय में एक और कार्ड का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ गया है जिसे हम सभी पैन कार्ड के नाम से जानते हैं। इस पैन को हिंदी में स्थाई खाता संख्या और अंग्रेजी में परमानेंट अकाउंट नंबर के नाम से बुलाया जाता है। पैन कार्ड तो इसकी एक शोर्ट फॉर्म है और ज्यादातर हर जगह यही इस्तेमाल में लायी जाती है। ऐसे में यह स्थाई खाता संख्या क्या होती है या यह किसे कहा जाता है, यह बहुत बड़ा प्रश्न (Permanent account number kya hai) है।

आज का यह लेख इसी विषय के ऊपर ही लिखा गया है जिसे पढ़ कर आपको यह जानने को मिलेगा कि आखिरकार यह स्थाई खाता संख्या होती क्या है और यह किस तरह से वित्तीय लेनदेन के समय एक अहम भूमिका निभाती है। तो आइये जाने स्थाई खाता संख्या के बारे में शुरू से लेकर अंत तक हरेक (Permanent account number details in Hindi) जानकारी।

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स्थाई खाता संख्या किसे कहते हैं? (Permanent account number kise kahate hain)

स्थाई खाता संख्या कुछ और नहीं बल्कि पैन कार्ड पर दर्ज किया गया नंबर ही होता है। अब आपको जो भी पहचान पत्र जारी किया जाता है, फिर चाहे वह आधार कार्ड हो या ड्राइविंग लाइसेंस, आपका स्कूल का पहचान पत्र हो या फिर किसी सोसाइटी का। उन सभी पर आपकी निजी जानकारी के साथ साथ एक नंबर भी लिखा होता है और वही उस पहचान पत्र पर आपकी मुख्य पहचान होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि जब भी उस पहचान पत्र के सिस्टम से आपके बारे में जानकारी निकालनी हुई तो वहां पर आपको मिली संख्या ही डाली (What is PAN card in Hindi) जाएगी।

Permanent account number kise kahate hain

इसी तरह से पैन कार्ड पर लिखा गया यह नंबर ही आपकी स्थाई खाता संख्या होती है जो 10 नंबर की होती है। अब इसमें जो 10 नंबर होते हैं उनमे से 6 अंग्रेजी भाषा के करैक्टर होते हैं जबकि बाकि के 4 गणित के अंक होते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि इनमें 10 नंबर में से 6 नंबर तो A से Z के बीच में लिखे गए होंगे तो वहीं बाकि के 4 नंबर 0 से 9 के बीच में लिखे गए (Permanent account number meaning in Hindi) होंगे।

तो अब यह नंबर किस तरह से लिखे होते हैं या इनका फॉर्मेट किस तरह से होता है और यह सभी नंबर किस तरह से बनाये जाते हैं और इनसे आपकी क्या पहचान पता चलती है, यह जानने के लिए आपको यह लेख बहुत ही ध्यान से और पूरा पढ़ना होगा। उक्त लेख को पढ़ कर आपको परमानेंट अकाउंट नंबर या स्थाई खाता संख्या के बारे में हरेक जानकारी मिल जाएगी और साथ ही आपका ज्ञानवर्धन होगा वो (Permanent account number kya hota hai) अलग।

स्थाई खाता संख्या का फॉर्मेट (Permanent account number format in Hindi)

सबसे पहले तो आप किसी भी स्थाई खाता संख्या का फॉर्मेट देख लें या जान लें। तो आपने ऊपर का लेख पढ़कर यह तो जान लिया है कि स्थाई खाता संख्या का फॉर्मेट 10 नंबर का मेल होता है लेकिन इसी के साथ ही आपने यह भी जाना कि इसमें केवल गणित के अंक ही नहीं होते हैं बल्कि अंग्रेजी के करैक्टर भी होते हैं और उनकी संख्या बहुतायत में होती (PAN card format in Hindi) है। ऐसे में अंग्रेजी के करैक्टर तो 6 होते हैं और गणित के अंक 4 होते हैं। तो किसी भी स्थाई खाता संख्या का फॉर्मेट कुछ इस तरह का होता है:

ABCAB1234A

यह भारत देश में बनाए जा रहे हर पैन कार्ड के ऊपर लिखी स्थाई खाता संख्या का फॉर्मेट होता है। इसके अनुसार जो पहले के 5 नंबर होते हैं, वह अंग्रेजी के करैक्टर होते हैं जो A से Z के बीच में कुछ भी हो सकते हैं तो वहीं उसके बाद के 4 नंबर अर्थात 6 से 9 के बीच के नंबर गणित के अंक होते हैं। वहीं आखिरी का नंबर अर्थात दसवां नंबर फिर से अंग्रेजी का करैक्टर होता है।

अब इनमें से कौन सा नंबर किस चीज़ को प्रदर्शित करता है या यह आपसे किस तरह से जुड़ा हुआ होता है, आइये उसके बारे में भी जान लेते हैं। वह इसलिए क्योंकि इसमें जो चौथा, पांचवां और दसवां नंबर होता है, वह सीधे तौर पर आपसे जुड़ा होता है और बाकि के सभी नंबर रैंडम रूप से generate किये जाते हैं। तो आइये जाने इसके बारे में।

स्थाई खाता संख्या के नंबर का महत्व (PAN card number details in Hindi)

अब हम स्थाई खाता संख्या को पांच भागों में तोड़कर इसे आपको समझा सकते हैं। वह इसलिए क्योंकि इसे पांच तरह के कॉम्बिनेशन से जोड़कर बनाया गया होता है और उसके बाद ही एक स्थाई खाता संख्या का निर्माण होता है। इसके लिए हम स्थाई खाता संख्या के फॉर्मेट ABCPS1234L का उदाहरण ले लेते हैं ताकि आपको बेहतर तरीके से समझ में आ सके। तो आइये जाने स्थाई खाता संख्या का प्रत्येक नंबर किस चीज़ का प्रतिनिधित्व कर रहा होता है।

स्थाई खाता संख्या के पहले तीन नंबर

अब ऊपर बताये गए स्थाई खाता संख्या में पहले के तीन नंबर को हमने ABC के रूप में लिखा है। तो इस संख्या का आपसे किसी भी तरह का संबंध नहीं होता है या फिर आपकी पहले की पहचान से कोई संबंध नहीं होता है। भारत के वित्त विभाग के द्वारा आपके लिए यह नंबर रैंडम रूप से generate किया जाता है ताकि स्थाई खाता संख्या को सभी के लिए यूनिक बनाया जा सके। हालाँकि इन्हें एक फॉर्मेट में ही रखा जाता है जो AAA से लेकर ZZZ के फॉर्मेट में ही होती है।

यदि आप इसे नहीं समझे तो आइये इसे सरल भाषा में समझ लेते हैं। अंग्रेजी वर्णमाला में कुल 26 अक्षर होते हैं और उसमें सबसे पहले A आता है और इसी तरह आगे बढ़ते हुए आखिरी अक्षर Z होता है। तो स्थाई खाता संख्या में जो पहला नंबर होता है, वह हमेशा ही दूसरे वाले नंबर से अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार पहले आता होगा और यही नियम दूसरे व तीसरे नंबर के बीच में लागू होगा। कहने का अर्थ यह हुआ कि इन्हें हमेशा अंग्रेजी के गिरते हुए क्रम में ही लिखा जाएगा।

उदाहरण के रूप में बताएं तो यह कभी भी BAS नहीं होगा क्योंकि पहले नंबर पर जो B लिखा गया है, वह दूसरे नंबर पर लिखे गए A से पहले नहीं आ सकता है। इस तरह से यह ABS हो सकता है। अब यह जरुरी नहीं है कि उसके जस्ट बाद का ही अक्षर लिया जाए, बल्कि यह 26 में से कोई भी अक्षर हो सकता है। इसके लिए कुछ उदाहरण MPV, CLZ, ASU इत्यादि हो सकते हैं। आशा है कि आप स्थाई खाता संख्या के पहले तीन अंकों का गणित समझ गए होंगे।

स्थाई खाता संख्या का चौथा नंबर

अब स्थाई खाता संख्या में जो चौथा अंक होता है जिसे हमने ऊपर बताये गए फॉर्मेट में P के रूप में लिखा है, उसका आपके लिए बहुत ही ज्यादा महत्व होता है क्योंकि वह सीधे तौर पर आपकी पहचान बताता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप पैन कार्ड किस संदर्भ में बना रहे हैं या कौन वह पैन कार्ड बनवा रहा है, उसके बारे में बताने के लिए ही इस नंबर को लिखा जाता है।

अब पैन कार्ड तो किसी व्यक्ति का भी होता है तो वहीं कंपनी के द्वारा भी इसे बिज़नेस कार्ड के रूप में इस्तेमाल करने के लिए बनाया जा सकता है तो वहीं सरकारी अधिकारियों का भी पैन कार्ड होता है। ऐसे में इसके लिए कुछ अक्षर निर्धारित किये गए हैं जो पैन कार्ड को सभी के लिए अलग करते हैं। आइये इनके बारे में जान लेते हैं:

  • A: यहाँ पर जो A अक्षर का उपयोग किया गया है वह व्यक्तियों के संघ अर्थात Association of Persons का प्रतिनिधित्व करता है।
  • B: अब यह जो B अक्षर है वह व्यक्तियों के निकाय अर्थात Body of Individuals के बारे में बताने के लिए लिखा जाता है।
  • C: यदि कोई कंपनी स्थाई खाता संख्या के लिए आवेदन करती है तो उनके बिज़नेस पैन कार्ड पर C लिखा जाता है।
  • F: कंपनी के साथ साथ बहुत लोगों के द्वारा अपनी फर्म भी खोली जाती है तो फर्म के नाम पर बने रहे पैन कार्ड पर F लिखा जाता है।
  • G: जो भी व्यक्ति सरकारी कर्मचारी है, उन सभी के पैन कार्ड पर G लिखा गया होता है अर्थात गवर्नमेंट ऑफिसर।
  • H: भारत देश में संयुक्त परिवार का प्रचलन है और वह हिन्दू में ही देखने को मिलता है। ऐसे में उन्हें हम हिन्दू अविभाजित परिवार कहते हैं तो परिवार के नाम पर बनने वाले पैन कार्ड पर H लिखा जाता है।
  • J: जो भी व्यक्ति न्यायिक प्रणाली का हिस्सा है, उनके पैन कार्ड पर J लिखा जाता है अर्थात Judicial Person.
  • L: अब जो स्थानीय प्राधिकारी है या लोकल अथॉरिटी है, तो उसके नाम पर बनने वाले पैन कार्ड पर L लिखा जाएगा।
  • P: इस P का उपयोग अधिकतर पैन कार्ड में किया जाता है जो आपके और हमारे भी होगा। तो यह P अक्षर पर्सन या व्यक्ति या इंडिविजुअल को दिखाता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि आम व्यक्ति विशेष के नाम पर बन रहे पैन कार्ड पर P लिखा जाएगा।
  • T: यदि किसी ट्रस्ट के द्वारा पैन कार्ड बनवाया जा रहा है तो उस पर चौथे अक्षर के रूप में T लिखा होगा।

इस तरह से आप समझ गए होंगे कि पैन कार्ड में दर्ज स्थाई खाता संख्या की चौथी संख्या किसी व्यक्ति या बिज़नेस की पहचान करने के लिए कितनी जरूरी होती है। ऐसे में आगे से जब भी आपको किसी का पैन कार्ड दिखेगा तो आप उसकी स्थाई खाता संख्या को पढ़कर ही उसकी पहचान को बता देंगे।

स्थाई खाता संख्या का पांचवां नंबर

अब स्थाई खाता संख्या में जो यह पांचवां अक्षर होता है वह आपके नाम को प्रदर्शित करता है। हर किसी का अपनी अपनी जाति के अनुसार एक सरनाम या उपनाम होता है। उदाहरण के तौर पर लविश बंसल या मोहित कुमार या ऐसा ही कुछ। तो इन दोनों नामो में उपनाम या सरनेम बंसल व कुमार हो गए। तो स्थाई खाता संख्या में पांचवां अक्षर उपनाम के प्रथम अक्षर से लिया जाता है।

चूँकि लविश बंसल में उपनाम बंसल है जो B से शुरू होता है तो लविश के पैन कार्ड में पांचवां अक्षर B लिखा हुआ होगा। इसी तरह ऊपर बताये गए पैन कार्ड के फॉर्मेट में पांचवां अक्षर S लिखा गया है तो वहां आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि उस व्यक्ति का उपनाम S अक्षर से शुरू होता होगा।

स्थाई खाता संख्या के 6 से 9 तक के नंबर

अब बात करते हैं स्थाई खाता संख्या में लिखे गए गणित के अंकों के बारे में। तो स्थाई खाता संख्या के पहले तीन नंबर की भांति ही इन अंकों का भी आपकी पहचान से कोई सम्बन्ध नहीं होता है। यह भी अधिकारियों के द्वारा रैंडम रूप से genrate किया गया होता है क्योंकि केवल पहले के तीन अक्षर से ही एक यूनिक स्थाई खाता संख्या बनाया जाना संभव नहीं है। ऐसे में इन 4 गणित के अंकों के साथ इसे पूरे भारत वर्ष में यूनिक रूप दिया जाता है।

हालाँकि यह चार अंक चुने जाने के बाद यह आपके लिए एक विशिष्ट पहचान बन जाते हैं क्योंकि यह आपके स्थाई खाता संख्या में डाले गए होते हैं। इनमें किसी तरह के क्रम का कोई नियम नहीं है और यह पूर्ण रूप से रैंडम तरीके से ही generate किये गए होते हैं।

स्थाई खाता संख्या का आखिरी नंबर

अब करते हैं बात स्थाई खाता संख्या में दर्ज आखिरी अक्षर के बारे में। तो इसका संबंध भी आपके नाम से ही होता है जिस तरह का संबंध आपके स्थाई खाता संख्या में पांचवें अक्षर का था। तो स्थाई खाता संख्या का पांचवां अक्षर आपके उपनाम का पहला अक्षर होता है तो वहीं दसवां अंक आपके मुख्य नाम या पहले नाम का प्रथम अक्षर होता है। इसे उदाहरण से समझें तो यदि आपका नाम लविश बंसल है तो लविश आपका मुख्य नाम या पहला नाम हुआ।

अब लविश नाम की शुरुआत अंग्रेजी के L अक्षर से होती है तो लविश के स्थाई खाता संख्या में आखिरी नंबर L लिखा हुआ होगा। इसी तरह से जिसको भी वह पैन कार्ड मिला है और जिस नाम से उसे बनवाया गया है, उसके नाम के प्रथम अक्षर पर ही वह अक्षर लिखा हुआ होगा।

स्थाई खाता संख्या क्यों जरुरी है?

आज के समय में पैन कार्ड बनवाना या हर व्यक्ति का अपनी स्थाई खाता संख्या होना बहुत ही जरुरी है क्योंकि यह वित्तीय लेनदेन के लिए आवश्यक होती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि यदि आपको बैंक का कुछ काम है या पैसों का ऑनलाइन लेनदेन करना है या फिर ऑफलाइन भी इसका हस्तांतरण करना है या बिज़नेस करना है या ITR फाइल करनी है या ऐसा ही कुछ, तो उन सभी में स्थाई खाता संख्या ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इसी के साथ ही यदि आपको बैंक से या अन्य किसी संस्था से लोन चाहिए, या पैसों का कुछ अन्य काम है तो आपको इसके लिए स्थाई खाता संख्या चाहिए ही होगी। एक तरह से आज के समय में वित्त से जुड़े हर काम के लिए स्थाई खाता संख्या का होना बहुत ही जरुरी हो गया है और बिना इसके आप कुछ भी काम बड़े स्तर पर नहीं कर पाएंगे। इसलिए यदि आपका पैन कार्ड नहीं बना हुआ है तो आप इसे जितना जल्दी बनवा लेंगे उतना ही आपके लिए सही रहेगा।

स्थाई खाता संख्या कैसे बनवाएं?

अब यदि आपका पैन कार्ड नहीं बना हुआ है और आपको यह बनवाना है तो उसके लिए आपको आयकर विभाग की वेबसाइट या ऐप पर जाना होगा और वहां जाकर इसके लिए आवेदन करना होगा। आयकर विभाग या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट का लिंक https://incometaxindia.gov.in/hindi/Pages/pan.aspx है।

यहां पर आपको स्थाई खाता संख्या प्राप्त करने या उसके लिए आवेदन करने से संबंधित हरेक महत्वपूर्ण जानकारी विस्तृत रूप में मिल जाएगी। इसी के साथ ही जो भी जरुरी लिंक है, उनकी जानकारी भी यहाँ दी गयी होगी। आप चाहे तो आयकर विभाग के कार्यालय में जाकर या किसी एजेंट की सहायता से भी स्थाई खाता संख्या प्राप्त कर सकते हैं और उसके लिए आवेदन दे सकते हैं किन्तु जब सब कुछ ऑनलाइन ही उपलब्ध है तो आप क्यों ना इसे अपने घर बैठे ही कर लें।

स्थाई खाता संख्या किसे कहते हैं – Related FAQs 

प्रश्न: स्थायी खाता संख्या से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: स्थाई खाता संख्या कुछ और नहीं बल्कि पैन कार्ड पर दर्ज किया गया नंबर ही होता है।

प्रश्न: स्थायी खाता संख्या कैसे प्राप्त की जाती है?

उत्तर: स्थाई खाता संख्या प्राप्त करने के लिए आप https://incometaxindia.gov.in/hindi/Pages/pan.aspx इस लिंक पर क्लिक कर अपने लिए पैन कार्ड बनवा सकते हो।

प्रश्न: स्थायी खाता संख्या में कितने अल्फ़ान्यूमेरिक नंबर मौजूद हैं?

उत्तर: स्थाई खाता संख्या में 10 अल्फानुमेरिक नंबर मौजूद होते हैं।

प्रश्न: स्थायी खाता संख्या में कितने अंक होते हैं?

उत्तर: स्थाई खाता संख्या में 10 अंक होते हैं।

तो इस तरह से इस लेख के माध्यम से आपने स्थाई खाता संख्या क्या है इसके बारे में जानकारी हासिल कर ली है। साथ ही आपने जाना कि स्थाई खाता संख्या का फॉर्मेट क्या है स्थाई खाता संख्या के नंबरों का क्या महत्व होता है इत्यादि। आशा है कि जो जानकारी हमने इस लेख में आपको दी है वह आपको अच्छी लगी होगी। यदि ऐसा है तो आप हमें नीचे कॉमेंट करके अवश्य बताइएगा।

लविश बंसल
लविश बंसल
लविश बंसल वर्ष 2010 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की डिग्री ली। शुरुआत से ही इन्हें वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना या इससे संबंधित क्षेत्रों में भाग लेना अच्छा लगता था। इसलिए ये काफी समय से लेखन कार्य कर रहें हैं। इनके लेख की विशेषता में लेख की योजना बनाना, ग्राफ़िक्स का कंटेंट देखना, विडियो की स्क्रिप्ट लिखना, तरह तरह के विषयों पर लेख लिखना, सोशल मीडिया कंटेंट लिखना इत्यादि शामिल है।
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